Komentáře •

  • @hsvishawakarma2242
    @hsvishawakarma2242 Před rokem +2

    स्वामी कल्याण देव महाराज . ने शिक्षा . रोजगार . धर्म स्थलो . धर्मशालाओ का निमार्ण कर जनता की सेवा की . ऐसे महान संत सन्यासी को शत् शत् नमन करते हैं

  • @sureshvishwakarma7051

    एष एव परो देवो विश्वकर्मा महेश्वरः।
    हृदये संनिविष्टं तं ज्ञात्वैवामृतमश्नुते ॥
    - (शिवपुराण/संहिता ७ (वायवीयसंहिता)/पूर्व भाग/अध्याय - ०६ , श्लोक - ३८)
    अर्थात - ऐसे विश्वकर्मा सर्वोच्च देवता हैं महेश्वर अर्थात महान ईश्वर हैं। उन्हें अपने हृदय में निवास करने वाला जानकर वो व्यक्ति अमृत तत्व को प्राप्त करता है।

  • @DhanrajSharma-ij9pt
    @DhanrajSharma-ij9pt Před 4 měsíci +1

    कृपया ऐसे विश्वकर्मा बंशी साधू,महत्मा का प्रचार करके आप पुन्य का काम कर रहे हो
    ऐसे विश्वकर्मा महत्मा कि जय

  • @sureshvishwakarma7051

    विचित्रम्मण्डपं गेहेऽकार्षीत्तस्य तदाज्ञया।
    विश्वकर्मा महामायी नानाश्चर्यमयं विभो॥
    - (शिवपुराण/संहिता २ (रुद्रसंहिता)/खण्डः ३ (पार्वतीखण्ड)/अध्यायः ४१ श्लोक - ४५)
    अर्थात - उनके आग्रह पर उन्होंने अपने घर में एक अद्भुत मंडप बनवाया , हे पराक्रमी देवाचार्य भगवान विश्वकर्मा आप महान माया को फैलाने वाले और विभिन्न आश्चर्यों अर्थात चमत्कारों से भरे हुए हैं।

  • @dharmendraojha8305
    @dharmendraojha8305 Před 2 měsíci

    Jay vishwakarma ji

  • @dineshvishwakarma4618
    @dineshvishwakarma4618 Před 3 měsíci

    जय श्री विश्वकर्मा भगवान की

  • @premnathsharma8022
    @premnathsharma8022 Před rokem

    Jai Vishwakarma ji

  • @yogendramistry7217
    @yogendramistry7217 Před 2 lety +3

    🙏👉श्री विश्वकर्मा वंशी स्वर्गीय स्वामी कल्याण देव जी की जय हो |
    👉श्री विश्वकर्मा भगवान जी की जय हो |

  • @prateeknarayan7810
    @prateeknarayan7810 Před 3 lety +1

    जय सनातन संस्कृति

  • @hsvishawakarma2242
    @hsvishawakarma2242 Před rokem +1

    गुरुदेव को शत् शत् नमन करते हैं
    विश्वकर्मा वंश को गौरान्वित करने बाले . पद्म श्री भूषण राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त स्वामी जी सच्ची समाज सेवा की परिभाषा लिखी . है .

  • @vinodjangid3028
    @vinodjangid3028 Před 2 lety

    We are are proud on our saint sat sat naman

  • @shivamvishwakarma650
    @shivamvishwakarma650 Před rokem

    Jay Vishwakarma Prabhu ki

  • @shivamvishwakarma650
    @shivamvishwakarma650 Před rokem

    Nice

  • @nishihar009
    @nishihar009 Před rokem

    जय स्वामी कल्याण देव महाराज की/सादर प्रणाम --आचार्य सूर्य प्रसाद शर्मा "निशिहर", रायबरेली, उत्तर प्रदेश

  • @sureshvishwakarma7051

    वर्तमानः स्वयं धीमान् ब्राह्मणो वेदवित्तमः।
    गुरोस्तु पाञ्चरात्रज्ञात् पञ्चकालपरायणात्।।
    - (प्रश्नसंहिता/अध्याय - ५१, श्लोक - २५)
    अर्थात - वर्तमान स्वयं एक धीमान(बुद्धिमान) ब्राह्मण (विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मण) और वेदों का ज्ञाता है। गुरु से जो पाँच रातों को जानता है और पाँचों समय के लिए समर्पित है।

  • @shivamvishwakarma650
    @shivamvishwakarma650 Před rokem

    Supar

  • @nexion5144
    @nexion5144 Před 2 lety

    जै श्री विश्वाकरमा जी महाराज समाज अपने बच्चो को पडाये जज वकील पुलिस के पदो पर पहुचाये ताके हमारे समुदाय के लोगों पर अत्याचार बंद हो जाए मन लगाकर पढाई करे पत्रकार बने चांसलर बने Dआगे बडे

  • @sureshvishwakarma7051

    वास्तुदैवतकर्माणि विधिना कारयन्ति च ।
    स्थपतीनथ गोविन्दस्तत्रोवाच महामतिः ।।
    (हरिवंशपुराण/पर्व २ (विष्णुपर्व)/अध्यायः ०५८,श्लोक - १३)
    अर्थात - वे (विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मण) निर्धारित कर्मकांडों के अनुसार वास्तु और देवता के पूजा अनुष्ठान भी करते हैं। तब महान बुद्धिजीवी गोविन्द ने स्थपति (ब्रह्मशिल्पी ब्राह्मण) को सम्बोधित किया।

  • @sureshvishwakarma7051

    *विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों के प्रसिद्ध विद्वानों के ग्रंथों से प्रमाण*
    १)' ब्राह्मणोत्पत्तीमार्तण्ड ' पंडित हरिकृष्ण शास्त्री रचित ग्रंथ के पृष्ठ ५६२ - ५६८ के बीच विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मणों का उल्लेख ' अथ पांचालब्राह्मणोंत्पत्ती प्रकरण ' बताकर दिया गया है।
    २) ' ब्राह्मणोंत्पत्ति दर्पण ' पंडित मक्खनलाल मिश्र 'मैथिल ' द्वारा रचित पुस्तक में पृष्ठ क्रमांक ३५८ से ३६१ तक विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मणों की उत्पत्ति बताकर उन्हें ब्राह्मण स्वीकार किया गया हैं।
    ३) भट्टोजि दीक्षित रचित व्याकरण के प्रसिद्ध ग्रँथ ' सिद्धांत कौमुदी ' के स्वरप्रकरण ६१ से ७१ के बीच ३८११ में तथा दूसरे प्रसिद्ध व्याकरण ग्रंथ काशिकावृत्ति के लेखक जयादित्य और वामन हैं जिसके षष्ठोऽध्याय/द्वितीयपाद में रथकार शिल्पी (विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों) को ' ब्राह्मण ' कहा गया हैं। "रथकारो नाम ब्राह्मण:" अर्थात रथकार ब्राह्मणों का एक नाम हैं।
    ४) काशी से प्रकाशित 'आदित्य पंचांग' में विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों को अथर्ववेदीय ब्राह्मण बताकर जांगिड़ ब्राह्मण एवं पांचाल ब्राह्मण से संबोधित किया गया है। इसके पुराने संस्करण के पृष्ठ ४६ और नवीन संस्करण (२०२२-२३)के पृष्ठ ४४ पर प्रमाण देखा जा सकता हैं।

  • @gyanendrakumar9731
    @gyanendrakumar9731 Před rokem

    Vishwakarma Brahman maraj ki jai ho