बिना टिकट क्यो बैठा | गायक - गोपाल दास वैष्णव || बाबुजी मेरा टिकिट क्यों लेता

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  • čas přidán 11. 09. 2024
  • गायक -गोपाल दास वैष्णव
    भजन - बाबू जी बिना टिकट क्यो बैठा
    राम राम सा S.K. music barla मे स्वागत है आपका
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    भजन लिखने में कोई त्रुटि हो तो क्षमा करे
    म्हारो खर्चा मालिक पूरे ,
    मैं वाका नाम पर रेता ,
    बाबूजी मेरा टिकिट क्यो लेता ,
    मेरा टिकिट क्यो लेता । ।
    (1) तीन गुणा का डिब्बा बणाया ,
    मन का इंजन जोता ,
    काम क्रोध रा फुकया कोयला ,
    अणि में चेतन सिटी देता ,
    बाबूजी मेरा टिकिट क्यों लेता ,
    मेरा टिकिट क्यो लेता । ।
    (2) तीर्थवासी आया रेल में , |
    आवागमन में रेता ,
    होय निरंजन फिरा जगत में ,
    कोड़ी पास नहीं रखता ,
    बाबूजी मेरा टिकिट क्यों लेता ,
    मेरा टिकिट क्यो लेता । ।
    (3) राता पिला सिग्नल बनाया ,
    सोहंग तार खिंचता ,
    अला अलद का लीना आसरा ,
    ऐसी लेंन जमता ,
    बाबूजी मेरा टिकिट क्यों लेता ,
    मेरा टिकिट क्यो लेता । ।
    (4) निर्भय होकर आया जगत में ,
    दाम पास नहीं रखता ,
    माया की नही बांधा गाँठड़ी ,
    मैं तो वह वनियारा में रेता ,
    बाबूजी मेरा टिकिट क्यों लेता ,
    मेरा टिकिट क्यो लेता । ।
    (5) अमरापुर से चिट्ठी उतरी ,
    हेला पाड कर देता , |
    गुर्जर गरीबी में कनीराम बोले ,
    अमर पास कर लेता ,
    बाबूजी मेरा टिकिट क्यों लेता ,
    मेरा टिकिट क्यो लेता । ।

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