धर्म नगरी काशी में स्तिथ माँ संकटा देवी मंदिर का इतिहास तथा इससे जुड़ी जनश्रुतियाँ | 4K | दर्शन 🙏
Vložit
- čas přidán 21. 12. 2022
- Credits:
संगीत एवम रिकॉर्डिंग - सूर्य राजकमल
लेखक - रमन द्विवेदी
भक्तों नमस्कार! प्रणाम! सादर नमन और अभिनन्दन. भक्तों धर्मनगरी काशी- जहां पतित पावनी गंगा की अनवरत बहती हुई अविरल जल धारा जन मानस के पापों, तपों और संतापों का प्रक्षालन युगों युगों से करती आ रही है। गंगा के 84 घाट तो मानों जीवात्मा को 84 लाख योनियों से मुक्त करने के लिए ही बने हैं। बाबा विश्वनाथ की नगरी के नाम से विख्यात वाराणसी में देवी देवताओं के अनगिनत मंदिर हैं। जिनका धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व जगजाहिर है ऐसा ही एक मंदिर है संकटा देवी मंदिर.
मंदिर के बारे में:
भक्तों संकटा देवी को समर्पित यह संकटा मंदिर गंगा जी के तट पर मणिकर्णिका घाट से कुछ ही दूर सिंधिया घाट के पास स्थित वाराणसी के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक हैं। घाट के किनारे - किनारे संकीर्ण गलियों से होते हुए संकटा देवी मंदिर तक पहोंचा जा सकता है। माना जाता है इस मंदिर में दर्शन करने से जीवन में आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं।
मंदिर का इतिहास:
भक्तों संकटा देवी मंदिर के इतिहास के बारे में कहा जाता है कि 18 वीं शताब्दी के अंत में, बड़ौदा के राजा ने संकटा घाट का निर्माण करवाया था। उसी समय संकटा देवी मंदिर का भी निर्माण किया गया था। वर्ष 1825 में ब्राह्मण पंडित की विधवा द्वारा घाट को पक्का बनाया गया था।
जनश्रुति:
भक्तों एक जनश्रुति के अनुसार 12वीं शताब्दी में भार शिव शासकों के पराभव व वैश क्षत्रियों के उद्भव का समय था। उस समय बैसवारा के क्षत्रिय राजा त्रिलोक चंद्र नि:संतान थे। उन्होंने काशी के विद्वान महर्षि पुंजराज बाबा से पुत्र प्राप्ति की याचना की थी। जिस पर पुंजराज बाबा ने चिलौला गांव में पु़त्रयेष्टि यज्ञ कराया। जिसके बाद उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। इस तपो भूमि पर रुककर पुंजराज बाबा ने इसे अपनी तपोस्थली बनाया था।
धार्मिक महत्व:
भक्तों वाराणसी संकटा देवी का नाम ""संकटा"" संस्कृत शब्द ""संकट"" से लिया गया है जिसका अर्थ है विपत्ति..। और जीवन में आने वाली हर विपत्ति को हरने वाली देवी हैं संकटा देवी.. जो मूल रूप से एक मातृका थीं। पुराणों में, संकटा देवी को ""विकट मातृका"" के नाम से संबोधित किया गया है। माना जाता है कि संकटा देवी के दस हाथ हैं ये सुहागनो के पति जो घर से दूर रहते हैं उनकी रक्षा कर्ता है और उनकी सही सलामत घर वापसी को सुनिश्चित करती हैं..इतना ही नहीं, लोगों की ये भी मान्यता है की माता की सवारी उनका शेर रात को मंदिर में चारो ओर विचरण करता है और सबकी रक्षा करता है.. गर्भगृह में माता की मूर्ति के दाहिने ओर भगवान विष्णु, बायीं ओर हनुमान जी एवम नीचे की तरफ भगवान भोलेनाथ शिवलिंग रूप में विराजमान है.
भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन ! 🙏
इस कार्यक्रम के प्रत्येक एपिसोड में हम भक्तों को भारत के प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिर, धाम या देवी-देवता के दर्शन तो करायेंगे ही, साथ ही उस मंदिर की महिमा उसके इतिहास और उसकी मान्यताओं से भी सन्मुख करायेंगे। तो देखना ना भूलें ज्ञान और भक्ति का अनोखा दिव्य दर्शन। 🙏
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि तिलक किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
#devotional #mandir #sankatamatamandir #kashi #hinduism #travel #vlog #varanasi - Krátké a kreslené filmy
ॐ देव देवो महादेवो भूतेश्वरो जगदीश्वरो गौरीनाथो जगन्नाथो प्रसन्नो भव शंकरः।।✍️🕉️🌲🌺🌼🍎🌹🌻📚🌸🥀🖊️🌙🪴🪴🪐💐✍🏽🎻🌷🌷🍊🥭🎸🥥🎁🪔🚩🔱🔔🙏
jai mata di
ॐ विश्वेशं माधवं ढुण्डि दण्डपाणिं च भैरवं।वन्दे काशी गुहां गंगा भवानी मणिकर्णिकाम्।।✍️🕉️🌺🌼🍎🌹🌻📚🌸🥀🖊️🌙🪴🌍🪐💐✍🏽🎻🎻🌷🌷🍊🥭🎸🥥🎁🪔🚩🔱🔔🙏
Jay ma sankta
ॐ सर्व मंगल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।🕉️🌺🍎🌹🌻📚🌸🥀✍️🖊️🌙🪴🌍🪐🪐💐💐✍🏽🎻🌲🌷🍊🥭🎸🥥🎁🪔🚩🔱🔔🙏
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।🕉️🌺🌼🍎🌹🌻📚🌸🥀✍️🖊️🌙🪴🌍🪐💐✍🏽🎻🌲🌷🍊🥭🎸🥥🎁🪔🚩🔱🔔🙏
Jai mata klyani nmskar
ॐ रत्नैः कल्पित मासनं हिमजलैः स्नानं च दिव्याम्बरं नानारत्नविभूषितं मृगमदामोदांकितं चन्दनं जातीचम्पक विल्वपत्र रचितं पुष्पं च धूपं तथा दीपं देव दयानिधे पशुपते हृत्कल्पितं गृह्यताम।।सौवर्णै नवरत्नखण्डरचिते पात्रे घृतं पायसं भक्ष्यं पञ्चविधं पयोदधियुतं रम्भाफलं पानकम् शाकानामयुतं जलं रुचिकरं कर्पूरखण्डोज्वलं ताम्बूलं मनसा मया विरचितं भक्त्या प्रभो स्वीकुरु।।छत्रं चामरयोर्यूगं व्यञ्जनकं चादर्शकं निर्मलं वीणाभेरीमृदङ्गकाहलकला गीतं च नृत्यं तथा साष्टाङ्गं प्रणतिः स्तुतिर्बहुविधा ह्येतत्समस्तं मया संकल्पेन समर्पितं तव विभो पूजां गृहाण प्रभो।। आत्मा त्वं गिरिजा मतिः सहचराः प्राणाः शरीरं गृहं पूजा ते विषयोपभोगरचना निद्रा समाधिस्थितिः संचारः पदयोः प्रदक्षिणविधिः स्तोत्राणि सर्वा गिरो यद्यत्कर्म करोमि तद्दखिलं शम्भो तवाराधनम्।। करचरणकृतं वाक्कायजं कर्मजं वा क्षवणनयनजं वा मानसं वापराधम् विहितमविहितं वा सर्वमेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो।।🕉️🌺🌼🍎🌹🌻📚🌸🥀🖊️🌙🌙🪴🌍🪐💐✍🏽🎻🌲🌷🍊🥭🎸🥥🎁🪔🚩🔱🔔🙏
Jai Shree Ganga Mata Ji Ki Jai
Jai mata sankata Mata Devi
Jai mata di🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Har har Mahadev 🙏🙏
Mata sankata devi ki jay ho🙏🙏
jai mata di 🚩🙏
Jai Ho Maiya ki 🙏
Jai Mata Di🙏❤️
Jai Mata di
🙏 Jay Maa Sankata
શ્રી રામ રામ
Jai Ho Mata di 🌹🌹
જય માતાજી જય શ્રી કૃષ્ણ
Jai maa sankatha
Jay shri mata sankata
Jay maa shakata dhve
Sendhawa MP. Bhilat Baba temple 🙏
Jay mataji 🙏🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Jai Maa Sankata 🙏🙏🤗
Mata mujhe sankato se door karen
ॐ गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलेः अस्मिन सन्निधिम् कुरू।।🕉️🌺🌼🍎🌹🌻📚🌸🥀✍️🖊️🌙🪴🌍🪐💐✍🏽🎻🌲🌷🍊🥭🎸🥥🎁🪔🚩🔱🔔🙏