गुरूजी सादर प्रणाम ,आप ने बहुत ही अच्छा समझाया है, केवल आप ने मेरी जिज्ञासा को शांत किया है, हम आप के आभारी हैं, लेकिन एक और प्रश्न खड़ा हो गया है कि चन्द्रमा की गति 900और 600 कब कब ,कैसे और क्यों होती है?यदि आप को उचित लगे तो इस पर भी वीडियो बनाने की कृपा करें, प्रणाम!
मनुष्य के चार पुरुषार्थ होते हैं ,धर्म ,अर्थ, काम और मोक्ष।सृष्टि त्रिगुणात्मक है,सत,रज तम।इस तरह से 3×4=12 भाव वने।गणितीय रूप से भी प्रत्येक राशि को एक भाव देने पर 360° का एक चक्र पूर्ण होता है।इसी का एक तिहाई विंशोत्तरी दशा का अधिकतम मान है।
बहुत उपयोगी
Super information
BAHUT SUNDAR VIDEO AACHARYVAR
🙏🙏🙏✌✌👌✌👌
Bahut sundar. Apki kripa ka ghyan roopi prasaad humko prapt ho raha hai.
जय श्री राम जय बागेश्वर धाम आप का बहुत बहुत धन्यवाद इस ज्ञान को प्रदान करने के लिए
जय श्री कृष्ण
बहुत अच्छे से समझाया आपने
Guru dev ko mera prnaam
Prnam guruji
गुरूजी सादर प्रणाम ,आप ने बहुत ही अच्छा समझाया है, केवल आप ने मेरी जिज्ञासा को शांत किया है, हम आप के आभारी हैं, लेकिन एक और प्रश्न खड़ा हो गया है कि चन्द्रमा की गति 900और 600 कब कब ,कैसे और क्यों होती है?यदि आप को उचित लगे तो इस पर भी वीडियो बनाने की कृपा करें, प्रणाम!
आप सागर का पंचांग बना रहे हैं क्या
हा
चंद्रमा तो सूर्य के प्रकाश से चमकती है फिर सूर्य से दूर जाने पर पूर्णिमा औऱ नजदीक आने पर अमावस्या कैसे।
सही है
pradam sir ji- 12 rashiya to hoti h,lekin12 bhav hi kyon hote h
मनुष्य के चार पुरुषार्थ होते हैं ,धर्म ,अर्थ, काम और मोक्ष।सृष्टि त्रिगुणात्मक है,सत,रज तम।इस तरह से 3×4=12 भाव वने।गणितीय रूप से भी प्रत्येक राशि को एक भाव देने पर 360° का एक चक्र पूर्ण होता है।इसी का एक तिहाई विंशोत्तरी दशा का अधिकतम मान है।
udharan behatar hoga naki aapka samjhana ki isme usko guna karke isme bhag de ye prakriya samjhane ka uchit nahi hai
कुछ गणित गुरु से सीखेंगे लोग तो ठीक रहेगा सर
@@bhagirathjoshi wahi udharan ki zariye ho to behtar samajhme aayega sirji
जय श्री कृष्ण