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सुमित चौहान ने भरी सभा में जातिवादियों को किया शर्मसार, ब्राह्मणवादियों की ऐसी धुलाई नहीं देखी होगी

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  • čas přidán 26. 03. 2023
  • सुमित चौहान ने भरी सभा में जातिवादियों को किया शर्मसार, ब्राह्मणवादियों की ऐसी भयंकर धुलाई नहीं देखी होगी। जाति और मीडिया के सवाल पर बहुत बुरी तरह धोया।
    वीडियो देखें - • सुमित चौहान ने भरी सभा...
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Komentáře • 7K

  • @user-gy3oi2pt5b
    @user-gy3oi2pt5b Před 5 dny +23

    इस देश को ब्रह्मण ने बर्बाद कर दिया नहीं तो चीन से आगे होते। जय भीम जय मूलनिवासी जय संविधान।

    • @SeemaKumari-ft8np
      @SeemaKumari-ft8np Před dnem

      5% Brahman ne barbaad kardiya aur bakki ke 95% kya kar rahe the. And I am not a Brahman. Asal me desh tumjaise logo ne barbaad kar rakha hai jo bas dusre logo love neecha dikhane me lage rahte Ho.Jai mulnivasi jaise kuch hota hi nhi hai ambedkar ne bhi apne kitab me iska derivation kiya hai

    • @abhinavaggarwal1338
      @abhinavaggarwal1338 Před dnem

      60 saal se lower caste walo ki govt thi. Kya kiya batna.
      Bas quota aur kuch nhi. Itna saalo se kis ke MP Jeet reha the lower caste ke.
      Saawal aapne mp se pucho.
      Ki kya kiya 60 saalo may desh ke liya.
      China 1980 may humera barabar tha aaja aage chal gaya iske liya jimader lower caste hai. Kuki lower caste mp nah bas desh luta aur kuch nhi.
      Haa braman nah galat kam kiya hai.
      But 1947 ke baad aapki sharkar thi. Kya kiya.

  • @sciencemindandsense
    @sciencemindandsense Před rokem +3268

    किस किस को आज सुमित जी का जज्बा अच्छा लगा ? मुझे तो बहुत ही जबरजस्त लगा !

    • @sagarbhoj3280
      @sagarbhoj3280 Před rokem +38

      Very nice answers by sumeet sir

    • @aourablue8326
      @aourablue8326 Před rokem +40

      सच्ची बाते झूठे दौर में सुनना हमेशा ही अच्छा लगता है😊 । We need more people like him🙏

    • @ramsaharedoctor3507
      @ramsaharedoctor3507 Před rokem +7

      😮

    • @noname38548
      @noname38548 Před rokem +16

      Awesome

    • @noname38548
      @noname38548 Před rokem +19

      Jai bhim namo budhay 🕯️

  • @Path2selfmade
    @Path2selfmade Před 19 dny +95

    सुमित चौहान जी khatik samaj से है बहुत जरूरी मुद्दो पर हिम्मत से बात करते हैं आपको सैल्यूट , जय भीम 🙏

    • @priyankadevi493
      @priyankadevi493 Před 7 dny

      Khtik or chamar same hote h kya

    • @Path2selfmade
      @Path2selfmade Před 6 dny

      @@priyankadevi493 nhi

    • @suryasingh-im8zh
      @suryasingh-im8zh Před 6 dny

      ये आदमी आप लोगो को गुमराह कर रहा है

    • @Yogeshvarman333
      @Yogeshvarman333 Před 5 dny

      Han same hote hai. Sc st obc ke. Sabhi log same hote hai manavta ke premi bas kuch gaddaro ko chhod ke.

  • @kamtaram4915
    @kamtaram4915 Před 5 dny +2

    वाह सुमित चौहान जी वाह, इसे कहते हैं ज्ञान। हर्ष वर्धन जैसा नहीं।

  • @AmitYadav-fy8ks
    @AmitYadav-fy8ks Před rokem +515

    अब मुझे पूरा यकीन हो गया है कि आप लोग देश को डूबने नहीं देंगे सुमित सर को दिल से सलाम

    • @Kajal-ip8lp
      @Kajal-ip8lp Před 10 měsíci

      Sumit Chauhan ki baat ho bhi hota wo sahi hota wo jatiwadi dekh ke nahi bolte sb really hi bolte

    • @Taarunnn
      @Taarunnn Před 8 měsíci

      ​@@Kajal-ip8lpKeep it faith.

    • @shivendrakumar7739
      @shivendrakumar7739 Před 8 měsíci

      Sc st obc ke purvaj ek hai aur hame mil kar apne adhikar ki ladai milkar ladni chahiye kyonki sadiyo se humara adhikar chheena gaya hai

    • @prakashlohiya1161
      @prakashlohiya1161 Před 4 měsíci

      Absolutely right sir

    • @SANJAYTIWARI-kl8fl
      @SANJAYTIWARI-kl8fl Před 4 měsíci

      यह घिनौनी घटना केरल राज्य की थी अंग्रेज और इसी राजाओं की मिली भगत से यह कुकर तक किया गया पूरे देश में स्त्रियों का बहुत ज्यादा सम्मान था है और रहेगा सुमित भाई आप गलत जानकारी दे रहे हैं पूरे देश से जोड़कर इसे नहीं देखा जा सकता

  • @Gopalbarupal5315
    @Gopalbarupal5315 Před rokem +309

    सुमित जैसे बुद्धिस्ट लोगों की समाज को आवश्यकता है जय भीम

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem

      आदरणीय Gopalbarupalji नमो बुद्धाय 🙏
      मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
      मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
      जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
      अवधूत जोशी

    • @ramlalkumar9540
      @ramlalkumar9540 Před rokem +6

      Sumit sir ke chanel ka subscriber badhane me aap log apna apna sahyog de

    • @pankajkumarpandey6658
      @pankajkumarpandey6658 Před 24 dny +1

      @@Gopalbarupal5315 जिस दें मुसलमानों कि सत्ता होगी तब सारी पत्रकारिता निकल जाएगी। तुम्हारे दलित नेता जिन्ना का भी साथ दिये थे उनकी पाकिस्तान में क्या दशा हुईं वो सब जानते हैं। साप किसी को छोड़ता नहीं है।

  • @user-mb9fx7qj5j
    @user-mb9fx7qj5j Před 3 dny +5

    बैखौफ होकर सवाल के लिए सैल्यूट सर।
    आप द्वारा दमदार व सत्यता पूर्वक बात रखने के लिए धन्यवाद सर।

  • @roshanlalbirla4864
    @roshanlalbirla4864 Před 2 dny +5

    सुमित जी आप दलित पत्रकारिता के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम कर रहे है। हमे सिर्फ आपके चैनल पर भरोसा है। बड़े न्यूजचैनल तो बिक चुके है। आप दलित पत्रकारिता के क्षेत्र में एक बड़ा नाम बनोगे। ऐसे ही मेहनत करते रहे । हम आपका हर तरह से सपोर्ट करेंगे। आपका चैनल इंडिया का बेस्ट चैनल है जो सच्चाई दिखाता है।

  • @laljirao4605
    @laljirao4605 Před rokem +84

    सुमित चौहान जी! आप द्वारा निर्भीक-बेबाक तथा सम्यक विवेचना और सम्यक दृष्टि के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद!
    नमो बुद्धाय !
    जय भीम!!
    जय भारत!!!
    जय संविधान!!!!

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem

      आदरणीय Laljiraoji नमो बुद्धाय 🙏
      मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
      मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
      जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
      अवधूत जोशी

    • @Rkpostclip24
      @Rkpostclip24 Před rokem

      Good job

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 Před měsícem

      विश्व विद्वान मित्रो!
      जन्म से सब जन दस इन्द्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं और संस्कार से द्विजन ( स्त्री-पुरुष ) होते हैं । जन्म से सबजन दस इंद्रिय के साथ-साथ शरीर के चार अंग मुख, बांह, पेट और चरण समान लेकर जन्म लेते हैं। समाज के चार वर्ण कर्म विभाग ब्रह्म,क्षत्रम, शूद्रम और वैशम वर्ण विभाग को। शरीर के चार अंग को समान माना गया है ।
      जब एक जन है तो वह मुख समान ब्रह्म वर्ण कर्मी है, बांह समान क्षत्रम वर्ण कर्मी है, पेटऊरू समान शूद्रम वर्ण कर्मी और चरण समान वैशम वर्ण कर्मी है। चरण पांव चलाकर ही व्यापार वाणिज्य क्रय विक्रय वितरण वैशम वर्ण कर्म होता है।
      लेकिन जब पांचजन सामाजिक कर्मी हैं तो एक अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक विप्रजन (ब्राह्मण) है , दूसरा सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश (क्षत्रिय) है, तीसरा उत्पादक निर्माता उद्योगण (शूद्राण) है और चौथा वितरक वाणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर आढती (वैश्य) है तथा पांचवा जन चारो वर्ण कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत ऋषिजन दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन है।
      यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त करने का सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। कोई भी जन वर्ण कर्म किए बिना भी किसी वर्ण को मानकर बताकर मात्र नामधारी वर्ण वाला बन कर रह सकते हैं यह भी समान अवसर सबजन को उपलब्ध है अर्थात हरएक मानव जन खुद स्वयं को ब्रह्मण, क्षत्रिय, शूद्राण और वैश्य कोई भी वर्ण वाला मानकर बताकर जीवन निर्वाह कर सकते हैं।
      दो विषय वर्ण जाति और वंश ज्ञाति को भी समझना चाहिए ।
      स्मरण रखना चाहिए कि वर्ण जाति शब्दावली का निर्माण कार्य करने वालो को पुकारने के लिए किया गया है इनको विभाग पदवि शब्दावली भी कहा जा सकता है ।
      जबकि
      वंश ज्ञाति गोत्र शब्दावली का निर्माण विवाह सम्बंध संस्कार करने के लिए किया गया है , ताकि श्रेष्ठ संतान उत्पन्न करने के लिए सपिण्ड गोत्र वंश कुल बचाव कर विवाह सम्बंध संस्कार किये जाते रहें । यह पौराणिक वैदिक सतयुग राजर्षि ऋषि मुनियो की संसद ने शब्द निर्माण किया है।
      चार कर्म ( शिक्षण+ सुरक्षण+ उत्पादन+ वितरण ) = चार वर्ण ( ब्रह्म + क्षत्रम+ शूद्रम+ वैशम ) ।
      चार आश्रम ( ब्रह्मचर्य + ग्रहस्थ+ वानप्रस्थ+ यति आश्रम ) ।
      सतयुग सनातन वर्णाश्रम प्रबन्धन । श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय विश्व राष्ट्र वैदिक सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म। जय अखण्ड भारत । जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ।।
      यह अकाट्य सत्य सनातन दक्ष धर्म संस्कार शाश्वत ज्ञान की पोस्ट पढ़कर समझकर बन जाएं सबजन ब्राह्मण।
      बुद्ध प्रकाश प्रजापत की इस पोस्ट को कापी कर सबजन को भेजकर सबजन को ब्रह्मण बनाएं ।

  • @ameishkant6899
    @ameishkant6899 Před rokem +406

    🔥🔥🔥 सवर्णों की लंका में आग लगा दिए सुमित भाई जी आपने.... दिल से जय भीम✊

    • @snram5251
      @snram5251 Před rokem +11

      बहुत सुन्दर jabab दिया
      दिल से सलाम सुमित भाई।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem

      आदरणीय नमो बुद्धाय 🙏
      मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
      मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
      जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
      अवधूत जोशी

    • @ramlalkumar9540
      @ramlalkumar9540 Před rokem +3

      Sumit sir ke chanel ka subscriber badhane me aap log apna apna sahyog de

    • @sumanratnakar18
      @sumanratnakar18 Před rokem +2

      आपकी बात से सहमत हूं मजा आ गया जय भीम

    • @BhanuPratap-nx8ty
      @BhanuPratap-nx8ty Před rokem +3

      इस तरह से बोलना गलत है ऐसा उनोहने नही बोला सुमित जी ak achche patrakar hai कृपया अपनी नफरत का शिखर उन्हे न बनाया जाए 🙏🏻🙏🏻

  • @NkRaj-bq7ln
    @NkRaj-bq7ln Před 10 dny +13

    सुमित सर आपने बहुत अच्छी तरह से समझाया और बखूबी अपनी बात को कहा।
    जय भीम सर

  • @mansikumari7436
    @mansikumari7436 Před rokem +137

    सुमित चौधरी हम आपके शुक्र गुजार है कि आप सच्चे देशभक्त है सच्चे इंसान हैं आपकी जितनी भी प्रशंसा हम करें उतनी ही कम है जय भीम जय भारत

  • @user-qi2sm1zg8x
    @user-qi2sm1zg8x Před rokem +42

    सुमित चौहान के विचार सत्य एवं क्रान्तिकारी हैं,आप बहुत अच्छे पत्रकार एवं विचारक हैं।

  • @duniyapatsingh7320
    @duniyapatsingh7320 Před 3 měsíci +85

    सुमित चौहान का पत्रकार का नंबर एक

  • @indu301
    @indu301 Před 2 dny +1

    इस देश में गोदी मीडिया ना हो तो देश से हिन्दू मुस्लिम और हिंदुस्तान पाकिस्तान जैसे मुद्दे खत्म हो जाएगे

  • @anilkumarsagar1464
    @anilkumarsagar1464 Před rokem +35

    आदरणीय सुमित चौहान जी आपको बहुत-बहुत साधुवाद आप समाज को जागरूक कर रहे हैं ।
    जय भीम नमोबुद्धाय जय मान्यवर कांशीराम साहब जय संविधान

  • @rashidmujawar4725
    @rashidmujawar4725 Před rokem +840

    सुमित जी आपकी बेबाक और सच्ची पत्रकारिता को शत-शत प्रणाम।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem

      आदरणीय RashidMujawarji नमो बुद्धाय 🙏
      मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
      जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
      अवधूत जोशी

    • @ramlalkumar9540
      @ramlalkumar9540 Před rokem +2

      Sumit sir ke chanel ka subscriber badhane me aap log apna apna sahyog de

    • @ramkhilawanmalaotiya1543
      @ramkhilawanmalaotiya1543 Před rokem +2

      सुमित भाई जय भीम हम आपके साथ हैं

    • @milindzalte8181
      @milindzalte8181 Před rokem

      ​@@ramlalkumar9540 😅

    • @ramlalkumar9540
      @ramlalkumar9540 Před rokem

      @@milindzalte8181 main unko nahi janta...
      Phir bhi... Kyu ki main unke bare me padha hai.... Tumko kuchh patah hai to batao

  • @SHAMIMANSARI-vx2ts
    @SHAMIMANSARI-vx2ts Před 21 dnem +17

    सुमित जी बहुत सही और सच्चाई ब्यान की है ये ही भारत की असली तस्वीर दर्शानें की कोशिशें और हिम्मत की है। जय भारत जय पसमांदा

  • @kewalramdhadse7468
    @kewalramdhadse7468 Před 23 dny +13

    सुमित सर जी आपने आपने ऐसा जवाब दिया की मनुवादी मुंह ताकते रह गए आपका जज्बे को सैल्यूट करता हूं जय भारत जय संविधान जय भीम जोहार

  • @narayansinghbauddh9850
    @narayansinghbauddh9850 Před rokem +75

    सुमित भाई को हमारा बार बार सलाम है आपने भाई बहुत अच्छा वाख्यान किया है मनुवाद के खिलाफ, आपसे बहुजनो को बहुत आस है आप ही उम्मीद हो मे देखता हूँ मुझे आप जैसा जनलिस्ट मुझे पूरे बहुजन समाज मे नही दिखता 👍jai bhim namo buddhay

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 Před měsícem

      विश्व विद्वान मित्रो!
      जन्म से सब जन दस इन्द्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं और संस्कार से द्विजन ( स्त्री-पुरुष ) होते हैं । जन्म से सबजन दस इंद्रिय के साथ-साथ शरीर के चार अंग मुख, बांह, पेट और चरण समान लेकर जन्म लेते हैं। समाज के चार वर्ण कर्म विभाग ब्रह्म,क्षत्रम, शूद्रम और वैशम वर्ण विभाग को। शरीर के चार अंग को समान माना गया है ।
      जब एक जन है तो वह मुख समान ब्रह्म वर्ण कर्मी है, बांह समान क्षत्रम वर्ण कर्मी है, पेटऊरू समान शूद्रम वर्ण कर्मी और चरण समान वैशम वर्ण कर्मी है। चरण पांव चलाकर ही व्यापार वाणिज्य क्रय विक्रय वितरण वैशम वर्ण कर्म होता है।
      लेकिन जब पांचजन सामाजिक कर्मी हैं तो एक अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक विप्रजन (ब्राह्मण) है , दूसरा सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश (क्षत्रिय) है, तीसरा उत्पादक निर्माता उद्योगण (शूद्राण) है और चौथा वितरक वाणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर आढती (वैश्य) है तथा पांचवा जन चारो वर्ण कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत ऋषिजन दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन है।
      यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त करने का सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। कोई भी जन वर्ण कर्म किए बिना भी किसी वर्ण को मानकर बताकर मात्र नामधारी वर्ण वाला बन कर रह सकते हैं यह भी समान अवसर सबजन को उपलब्ध है अर्थात हरएक मानव जन खुद स्वयं को ब्रह्मण, क्षत्रिय, शूद्राण और वैश्य कोई भी वर्ण वाला मानकर बताकर जीवन निर्वाह कर सकते हैं।
      दो विषय वर्ण जाति और वंश ज्ञाति को भी समझना चाहिए ।
      स्मरण रखना चाहिए कि वर्ण जाति शब्दावली का निर्माण कार्य करने वालो को पुकारने के लिए किया गया है इनको विभाग पदवि शब्दावली भी कहा जा सकता है ।
      जबकि
      वंश ज्ञाति गोत्र शब्दावली का निर्माण विवाह सम्बंध संस्कार करने के लिए किया गया है , ताकि श्रेष्ठ संतान उत्पन्न करने के लिए सपिण्ड गोत्र वंश कुल बचाव कर विवाह सम्बंध संस्कार किये जाते रहें । यह पौराणिक वैदिक सतयुग राजर्षि ऋषि मुनियो की संसद ने शब्द निर्माण किया है।
      चार कर्म ( शिक्षण+ सुरक्षण+ उत्पादन+ वितरण ) = चार वर्ण ( ब्रह्म + क्षत्रम+ शूद्रम+ वैशम ) ।
      चार आश्रम ( ब्रह्मचर्य + ग्रहस्थ+ वानप्रस्थ+ यति आश्रम ) ।
      सतयुग सनातन वर्णाश्रम प्रबन्धन । श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय विश्व राष्ट्र वैदिक सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म। जय अखण्ड भारत । जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ।।
      यह अकाट्य सत्य सनातन दक्ष धर्म संस्कार शाश्वत ज्ञान की पोस्ट पढ़कर समझकर बन जाएं सबजन ब्राह्मण।
      बुद्ध प्रकाश प्रजापत की इस पोस्ट को कापी कर सबजन को भेजकर सबजन को ब्रह्मण बनाएं ।

    • @SANJAYTIWARI-kl8fl
      @SANJAYTIWARI-kl8fl Před měsícem

      ब्राह्मणों में जन्म लेने के लिए इतनी दरखास्त लगाई थी इसकी दरखास्त इसके पूर्व जन्म के कुकर्म के आधार पर खारिज हो गई

  • @jitendrajunior2654
    @jitendrajunior2654 Před rokem +66

    ऐसे ही जांबाजों भीम सिपाहियों की आज मुल्क को जरूरत है मुझे आप पर बहुत गर्व है साहब दिल से जय भीम ।

  • @theindiansinger3654
    @theindiansinger3654 Před měsícem +7

    सच कहा ब्राह्मण ने जो दलित पर अत्याचार किया वो छुपाया ताकि लोग उनको गलत न बोले

  • @karanchand7117
    @karanchand7117 Před rokem +268

    दिल❤ से सैल्यूट खुश कर दिया जय भीम जय श्री कांशीराम जी🙏

    • @jagpritkumar9930
      @jagpritkumar9930 Před rokem +3

      Right

    • @karanchand7117
      @karanchand7117 Před rokem +4

      सुमित चौहान जी की आवाज में अंदर से फीलिंग रूह को छूने का काम करती है इसलिए दिल से जय भीम जय श्री कांशीराम जी🙏ओर जसप्रीत कुमार जी आप जी अच्छा लगा धन्यवाद जय भीम नमो बुद्धाय

    • @factohardik7152
      @factohardik7152 Před rokem +2

      Sumit sir 🙏 ji लय भारी संभाषण करून सांगितलं jay bhim jay savidhan

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem

      आदरणीय Karanchandji नमो बुद्धाय 🙏
      मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
      जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
      अवधूत जोशी

    • @ramlalkumar9540
      @ramlalkumar9540 Před rokem

      Sumit sir ke chanel ka subscriber badhane me aap log apna apna sahyog de

  • @PremKumar-ox8pd
    @PremKumar-ox8pd Před 3 měsíci +58

    राम कृष्ण को छोड़कर अब दिल बुद्ध कि ओर बढ़ चला है जय भीम जय संविधान

    • @AKHILKUMAR-fp4bw
      @AKHILKUMAR-fp4bw Před měsícem +2

      Jai shree Ram ❤

    • @shivam00668
      @shivam00668 Před 17 dny +2

      त्रिपिटक सुततिनिकाय में बुध्द कहते है "बोधिसत्व के अधिकारी केवल ब्राह्मण या क्षत्रिय कुल में जन्मे पुरुष को है"

    • @anuraagpande1076
      @anuraagpande1076 Před 15 dny +1

      Dil to bachha hai, idhar udhar jata rahega.

    • @RareSweety
      @RareSweety Před 7 dny

      Bhot logo ne casteism ke khilaaf awaz uthai thi unki bhi jai kyu nahi bolte... Jese ki veer savark ji, jyotirao phule ji, or bad ke samay me Mahatma gandhi ji bhi.... Akele ambedkar ne kuch nahi kiya sabke sehyok se hta hai jatiwad... 😂

    • @RareSweety
      @RareSweety Před 7 dny

      Bhot logo ne casteism ke khilaaf awaz uthai thi unki bhi jai kyu nahi bolte... Jese ki veer savark ji, jyotirao phule ji, or bad ke samay me Mahatma gandhi ji bhi.... Akele ambedkar ne kuch nahi kiya sabke sehyok se hta hai jatiwad... 😂

  • @ajkumar-gp7xn
    @ajkumar-gp7xn Před rokem +53

    बहुत-बहुत सुन्दर स्पीच सुमित सर बहुजन समाज के लोगों को समझने की जरूरत है जय भीम जय भारत

  • @AshokThakur-dg7ze
    @AshokThakur-dg7ze Před měsícem +12

    इस पृथ्वी पर जो भी प्राणी कमजोर होगा वो जुल्म का शिकार होगा।इसलिए ताकतवर बनिए।

  • @ramanand3367
    @ramanand3367 Před rokem +214

    सुमित जी आप दलित वर्ग के सही तथ्य को सबके सामने रखे तथा विश्लेषण सहित समझाया ।जय भीम, जय संविधान, जय भारत।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem

      आदरणीय Ramanandji नमो बुद्धाय 🙏
      मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
      मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
      जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
      अवधूत जोशी

    • @monumeshram8578
      @monumeshram8578 Před rokem +2

      जयभीम सुमीतजी👍

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 Před měsícem

      विश्व विद्वान मित्रो!
      जन्म से सब जन दस इन्द्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं और संस्कार से द्विजन ( स्त्री-पुरुष ) होते हैं । जन्म से सबजन दस इंद्रिय के साथ-साथ शरीर के चार अंग मुख, बांह, पेट और चरण समान लेकर जन्म लेते हैं। समाज के चार वर्ण कर्म विभाग ब्रह्म,क्षत्रम, शूद्रम और वैशम वर्ण विभाग को। शरीर के चार अंग को समान माना गया है ।
      जब एक जन है तो वह मुख समान ब्रह्म वर्ण कर्मी है, बांह समान क्षत्रम वर्ण कर्मी है, पेटऊरू समान शूद्रम वर्ण कर्मी और चरण समान वैशम वर्ण कर्मी है। चरण पांव चलाकर ही व्यापार वाणिज्य क्रय विक्रय वितरण वैशम वर्ण कर्म होता है।
      लेकिन जब पांचजन सामाजिक कर्मी हैं तो एक अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक विप्रजन (ब्राह्मण) है , दूसरा सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश (क्षत्रिय) है, तीसरा उत्पादक निर्माता उद्योगण (शूद्राण) है और चौथा वितरक वाणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर आढती (वैश्य) है तथा पांचवा जन चारो वर्ण कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत ऋषिजन दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन है।
      यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त करने का सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। कोई भी जन वर्ण कर्म किए बिना भी किसी वर्ण को मानकर बताकर मात्र नामधारी वर्ण वाला बन कर रह सकते हैं यह भी समान अवसर सबजन को उपलब्ध है अर्थात हरएक मानव जन खुद स्वयं को ब्रह्मण, क्षत्रिय, शूद्राण और वैश्य कोई भी वर्ण वाला मानकर बताकर जीवन निर्वाह कर सकते हैं।
      दो विषय वर्ण जाति और वंश ज्ञाति को भी समझना चाहिए ।
      स्मरण रखना चाहिए कि वर्ण जाति शब्दावली का निर्माण कार्य करने वालो को पुकारने के लिए किया गया है इनको विभाग पदवि शब्दावली भी कहा जा सकता है ।
      जबकि
      वंश ज्ञाति गोत्र शब्दावली का निर्माण विवाह सम्बंध संस्कार करने के लिए किया गया है , ताकि श्रेष्ठ संतान उत्पन्न करने के लिए सपिण्ड गोत्र वंश कुल बचाव कर विवाह सम्बंध संस्कार किये जाते रहें । यह पौराणिक वैदिक सतयुग राजर्षि ऋषि मुनियो की संसद ने शब्द निर्माण किया है।
      चार कर्म ( शिक्षण+ सुरक्षण+ उत्पादन+ वितरण ) = चार वर्ण ( ब्रह्म + क्षत्रम+ शूद्रम+ वैशम ) ।
      चार आश्रम ( ब्रह्मचर्य + ग्रहस्थ+ वानप्रस्थ+ यति आश्रम ) ।
      सतयुग सनातन वर्णाश्रम प्रबन्धन । श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय विश्व राष्ट्र वैदिक सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म। जय अखण्ड भारत । जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ।।
      यह अकाट्य सत्य सनातन दक्ष धर्म संस्कार शाश्वत ज्ञान की पोस्ट पढ़कर समझकर बन जाएं सबजन ब्राह्मण।
      बुद्ध प्रकाश प्रजापत की इस पोस्ट को कापी कर सबजन को भेजकर सबजन को ब्रह्मण बनाएं ।

  • @mohindersingh9742
    @mohindersingh9742 Před rokem +106

    वास्तव में दिल खुश कर दिया सुमित जी, जय भीम नमो बुद्धाय

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem

      आदरणीय Mohindersinghji नमो बुद्धाय 🙏
      मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
      मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
      जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
      अवधूत जोशी

  • @SanjayKumar-yq8yw
    @SanjayKumar-yq8yw Před měsícem +12

    सुमित चौहान जी आपको दलित बहुजन समाज को उठाने के लिए आपका चैनल किसके लिए बहुत-बहुत जय भीम नमो बुद्धाय आप जैसे समाज सुधारक भारत में बहुत ज्यादा जरूरत है

  • @devimiri7148
    @devimiri7148 Před rokem +929

    सुमित सर हमारे समाज को आप जैसे और भी सभी लोगों को प्रेरणा लेकर काम करते रहने की जरूरत है।जय भीम नमो बुद्धाय

    • @satishchandrayadav9165
      @satishchandrayadav9165 Před rokem +11

      very very nice .godi medea ki sachai ujagar karane ke kiye.

    • @jagpritkumar9930
      @jagpritkumar9930 Před rokem +10

      Jai bhim ❤❤

    • @naturallifejoy
      @naturallifejoy Před rokem +8

      सुमित जी आप पत्रकारों में सबसे बेहतर और असली पत्रकार हैं। आप देश के वास्तविक मुद्दे पर सवाल खड़ा करते हैं। और आप देश को बेहतर बनाने की पत्रकारिता करते हैं। आपको दिल ❤की गहराईयों से धन्यवाद ✨✨🌟🌟⭐⭐🙏

    • @jyotsnameshram4712
      @jyotsnameshram4712 Před rokem +5

      very nice Sumit Sir

    • @sonuchaudhary5139
      @sonuchaudhary5139 Před rokem

      Ye journalist bhi thakur hai savarn jati se ata hai pr tum jaise log savarn logo pr ungali uthate hai .

  • @jagdishbharti9460
    @jagdishbharti9460 Před měsícem +18

    सुमित कुमार चौहान जी जमीनी हकीकत की बात करते हैं और बहुत ही सुन्दर बात की है सुमित कुमार चौहान जी आपको बहुत बहुत आभार और धन्यवाद साधु वाद जय भीम नमो बुद्धाय

  • @sohanmehra3064
    @sohanmehra3064 Před 6 dny +4

    सुमित जी आप समाज को इसी तरह से जगाते रहें और लोगों को सच्चाई से अवगत कराते रहें

  • @deveshkumarchaudhary7960
    @deveshkumarchaudhary7960 Před rokem +28

    सुमित बिल्कुल सही कह रहे हैं ।बहुजन मूलनिवासी असली व सच्चा ।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem

      आदरणीय नमो बुद्धाय 🙏
      मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
      मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
      जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
      अवधूत जोशी

  • @dhurpat
    @dhurpat Před rokem +424

    समाज मे 15% लोगो के पास देश का 85% संपत्ति है, बाकी इसके उलट है।

    • @freethinker6504
      @freethinker6504 Před rokem +16

      5% logo ke pas 95% sampati hai

    • @sawanverma413
      @sawanverma413 Před rokem

      ​@Quota matlab Chinese quality Tu chutiya hai

    • @mackarth2778
      @mackarth2778 Před rokem

      @Quota matlab Chinese quality to aapko lagta hai ki muh se paida hona Quota hi kahlata hai? Aur usi Quote se ho kya ?

    • @ShahidRaza1823
      @ShahidRaza1823 Před rokem +12

      @Quota matlab Chinese quality kon sa talent...apni gang banakr khud aur apni (ast ke logo ko aage badaana aur $c$t ke logo ko kamyaab hone se rokna unke re$e₹vation ko gali dena....in sabko talent bolte ho....khud mandir me 100% re$ervation le rakha hai..47 se pahle education dusri (ast ko lene nahi dete the...ye aapka talent hai

    • @MarendraNodi5.6-inch
      @MarendraNodi5.6-inch Před rokem

      ​@@Hinduswarrior Abe moorkh AndBhakt, is desh mein mandir tax free hain. Ek phooti kaudi nahi dete mandir wale tax mein sarkar ko. Chahe Vaishno Devi ho ya Tirupati, koi tax nahi deta. Sab ke sab neech Bamano ke kabze mein hai. Itihas gavah hai, Brahmanvaadiyo ne keval aur keval is desh ko barbaad karne mein apna yogdaan diya hai.
      Apna WhatsAppiya gyaan apne Baman b@@p ko jaake de. Idhar nahi.
      Aaya bada, mandir ke paiso se desh ka vikas karne wala.😂😂😂

  • @vijaysinghjatav7825
    @vijaysinghjatav7825 Před 14 dny +6

    सर आप पर मुझे बहुत गर्व है आपको नमन करते हैं जय भीम जय भारत जय संविधान नमो बुद्धाय।

  • @shashikantyadav5767

    सुमित जी को सैल्यूट करता हूं।
    जिस अंदाज और बेवाकी से अपनी बात रखी यही जज्बा कमेंट करने वाले अपने बहुजन भाईयों से कहना है वह भी निर्भीकता से अपनी बात रखा करें।
    जागो और जगाओ

  • @user-vv1qb4ci2k
    @user-vv1qb4ci2k Před rokem +133

    मुझे गर्व है #सुमित सर आप पर, जय भीम नमो बुढ़ाए

  • @PankajKumar-bf8gc
    @PankajKumar-bf8gc Před rokem +81

    बहुत ही शानदार स्पीच सुमित सर आपको दिल से सैल्यूट जय भीम 🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘

  • @MohanSingh-p6g
    @MohanSingh-p6g Před 23 dny +22

    नमो बुद्धाय जय भीम

  • @PankajKumar-zg1gr
    @PankajKumar-zg1gr Před 16 dny +6

    सुमित चौहान जी आपने अपनी बातों को बहुत बेबाक तरीके से रखा है और आपकी बात बिल्कुल ही दिल को छूने वाली बात है। और कहीं ना कहीं सच्चाई बयां करती है।
    नमो बुद्धाय जय भीम जय संविधान जय भारत। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @motilalakarnia5090
    @motilalakarnia5090 Před rokem +14

    बहुत बढ़िया ऐसे खुलकर आना ही होगा सुमित जी you are great हमें आप पर गर्व है। आवाज़ तो बुलन्द करनी ही होगी ।जय भीम जय भारत जय संविधान।

  • @kishanlal7290
    @kishanlal7290 Před rokem +54

    जय भीम जय भीम जय मूलनिवासी जय संविधान। भाई सुमित जी को बारम्बार नमस्कार

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem

      आदरणीय Kishanlalji नमो बुद्धाय 🙏
      मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
      जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
      अवधूत जोशी

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 Před měsícem

      विश्व विद्वान मित्रो!
      जन्म से सब जन दस इन्द्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं और संस्कार से द्विजन ( स्त्री-पुरुष ) होते हैं । जन्म से सबजन दस इंद्रिय के साथ-साथ शरीर के चार अंग मुख, बांह, पेट और चरण समान लेकर जन्म लेते हैं। समाज के चार वर्ण कर्म विभाग ब्रह्म,क्षत्रम, शूद्रम और वैशम वर्ण विभाग को। शरीर के चार अंग को समान माना गया है ।
      जब एक जन है तो वह मुख समान ब्रह्म वर्ण कर्मी है, बांह समान क्षत्रम वर्ण कर्मी है, पेटऊरू समान शूद्रम वर्ण कर्मी और चरण समान वैशम वर्ण कर्मी है। चरण पांव चलाकर ही व्यापार वाणिज्य क्रय विक्रय वितरण वैशम वर्ण कर्म होता है।
      लेकिन जब पांचजन सामाजिक कर्मी हैं तो एक अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक विप्रजन (ब्राह्मण) है , दूसरा सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश (क्षत्रिय) है, तीसरा उत्पादक निर्माता उद्योगण (शूद्राण) है और चौथा वितरक वाणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर आढती (वैश्य) है तथा पांचवा जन चारो वर्ण कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत ऋषिजन दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन है।
      यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त करने का सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। कोई भी जन वर्ण कर्म किए बिना भी किसी वर्ण को मानकर बताकर मात्र नामधारी वर्ण वाला बन कर रह सकते हैं यह भी समान अवसर सबजन को उपलब्ध है अर्थात हरएक मानव जन खुद स्वयं को ब्रह्मण, क्षत्रिय, शूद्राण और वैश्य कोई भी वर्ण वाला मानकर बताकर जीवन निर्वाह कर सकते हैं।
      दो विषय वर्ण जाति और वंश ज्ञाति को भी समझना चाहिए ।
      स्मरण रखना चाहिए कि वर्ण जाति शब्दावली का निर्माण कार्य करने वालो को पुकारने के लिए किया गया है इनको विभाग पदवि शब्दावली भी कहा जा सकता है ।
      जबकि
      वंश ज्ञाति गोत्र शब्दावली का निर्माण विवाह सम्बंध संस्कार करने के लिए किया गया है , ताकि श्रेष्ठ संतान उत्पन्न करने के लिए सपिण्ड गोत्र वंश कुल बचाव कर विवाह सम्बंध संस्कार किये जाते रहें । यह पौराणिक वैदिक सतयुग राजर्षि ऋषि मुनियो की संसद ने शब्द निर्माण किया है।
      चार कर्म ( शिक्षण+ सुरक्षण+ उत्पादन+ वितरण ) = चार वर्ण ( ब्रह्म + क्षत्रम+ शूद्रम+ वैशम ) ।
      चार आश्रम ( ब्रह्मचर्य + ग्रहस्थ+ वानप्रस्थ+ यति आश्रम ) ।
      सतयुग सनातन वर्णाश्रम प्रबन्धन । श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय विश्व राष्ट्र वैदिक सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म। जय अखण्ड भारत । जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ।।
      यह अकाट्य सत्य सनातन दक्ष धर्म संस्कार शाश्वत ज्ञान की पोस्ट पढ़कर समझकर बन जाएं सबजन ब्राह्मण।
      बुद्ध प्रकाश प्रजापत की इस पोस्ट को कापी कर सबजन को भेजकर सबजन को ब्रह्मण बनाएं ।

  • @Udmiram123
    @Udmiram123 Před 4 měsíci +29

    सुमित जी आईना लेके बैठे हैं।चैहरा इनको दिखा रहे हैं।

  • @jawaharlal6597
    @jawaharlal6597 Před 18 dny +11

    नमों बुधाय जय भीम

  • @bdbharti4375
    @bdbharti4375 Před měsícem +8

    सुमित चौहान जी आपका यह व्यक्तव्य सुनकर भी sc St OBC माइनोरिटी बहुजन समाज समझने को त्यार नही बहुत दुखद।
    अपनी गुलामी का स्वयं गुनहगार है बहुजन।
    गुलामी को ही अपना अधिकार समझ बैठा है।

  • @Bharti12216
    @Bharti12216 Před rokem +35

    सुमित सर सैल्यूट है आपको हमे गर्व करना चाहिए की हमारे बीच में ऐसे भी एक्टिव लोग भी है जय भीम जय संविधान नमो बुद्धाए

  • @ramaballabh2183
    @ramaballabh2183 Před rokem +445

    Sumit ji दिल से जय भीम नमो बुद्धाय आप ने शत प्रतिशत सही है हमारे पूर्वजों ने देश को जोड़ने वाले थे

    • @jagpritkumar9930
      @jagpritkumar9930 Před rokem +5

      Right

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem +1

      आदरणीय Ramaballabhji नमो बुद्धाय 🙏
      मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
      जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
      अवधूत जोशी

    • @devindrakuushwaha1910
      @devindrakuushwaha1910 Před rokem

      👍👍👍👍👍

    • @devindrakuushwaha1910
      @devindrakuushwaha1910 Před rokem

      🙏🙏🙏🙏

    • @ramlalkumar9540
      @ramlalkumar9540 Před rokem

      Sumit sir ke chanel ka subscriber badhane me aap log apna apna sahyog de

  • @user-bi9ch9yb2q
    @user-bi9ch9yb2q Před měsícem +9

    सच्चा हिन्दुस्तानी आप जैसे ही एक प्यारे भारत का निर्माण करते हैं ❤❤❤

  • @PankajBarshagade
    @PankajBarshagade Před 3 měsíci +67

    मै एक दलित हू, और एक दलित का जातीगत दर्द मै स्वयम समज सकता हू, नाकी कोई और, सुमित सर ने बाहुत अच्छी तरीकेसे प्रोसेस किया है.

    • @BaljitKaur-mc2dg
      @BaljitKaur-mc2dg Před měsícem +1

      Dalit kuj nhi hota sirf ameer gareeb hote he

    • @PSquare0602
      @PSquare0602 Před měsícem +1

      Bhai aapko reservation milta hai aap apni quality aur knowledge badhao jo ki jyadatar dalit nhi chahte phir apna Dard batana

  • @mahendrashahu4594
    @mahendrashahu4594 Před rokem +97

    नमो बुद्धाय जय भीम जय संविधान जय मूलनिवासी बहुजन समाज नायकों।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem +1

      आदरणीय Mahendrashahuji नमो बुद्धाय 🙏
      मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
      जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
      अवधूत जोशी

  • @mansulalpaswan3784
    @mansulalpaswan3784 Před rokem +202

    ❤❤❤ सुमित जी आप ऐसे ही ईमानदारी साथ काम करते रहे हम आपके साथ पत्रकारिता के साथ साथ फुले शाहू अम्बेडकर विचारधारा को भी साथ साथ बढ़ा रहे हैं thanks 👍 ❤❤❤

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem

      आदरणीय Mansulalpaswanji नमो बुद्धाय 🙏
      मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
      जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
      अवधूत जोशी

    • @sunilchouhan119
      @sunilchouhan119 Před rokem +1

      👍🏻👍🏻

  • @satyapalkatariya6233
    @satyapalkatariya6233 Před měsícem +8

    सुमित जी ने पत्रकारिता के माध्यम से दलितों को आगे बढ़ाने का रास्ता बताया, में देखता हूं,दलित पत्रकार होना भी अभी शाप है में करीब 28 वर्षो से पत्रकारिता कर रहा हूं, में किसी पेपर के ओनर की चमचा गिरी नही करता। जिस समाचार पत्रों में मेने काम किया वह हमेशा शोषण करने का प्रयास किया, में हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलता रहा और सही खबरों को रोका जाता रहा।में उन खबरों को सोशल मीडिया के माध्यम से उठता रहा, तो सुमित जी ने जो कहा वह सही कहा कि दलित की आवाज को उठाने ही नही दिया जाता बहुत सही कहा ,में आशा करता हूं सुमित जी दलितों की आवाज बनेंगे।

  • @prabhulalshakyawar64
    @prabhulalshakyawar64 Před měsícem +5

    आज की भ्रष्ट पत्रकारिता को आपका जवाब लाजवाब है। सर आपको दिल से सैल्यूट

  • @rajendrakumardayal4959
    @rajendrakumardayal4959 Před rokem +22

    बहुत खूब सुमित जी, आपने साहस और बुद्धिमानी से अपनी बात को रखा , जय भीम

  • @palwindersingh2210
    @palwindersingh2210 Před rokem +309

    100% Truth Excellent Speech Sir ji 👌👌👍👍❤️

    • @jagpritkumar9930
      @jagpritkumar9930 Před rokem +3

      Right

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem

      आदरणीय Palwindersinghji नमो बुद्धाय 🙏
      मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
      जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
      अवधूत जोशी

    • @ramlalkumar9540
      @ramlalkumar9540 Před rokem +1

      Sumit sir ke chanel ka subscriber badhane me aap log apna apna sahyog de

    • @rajendrachoudhary1015
      @rajendrachoudhary1015 Před rokem +1

      Sumit ji 100 present sahi

  • @balwantsachan4781
    @balwantsachan4781 Před 21 dnem +5

    सुमित जी
    जानदार जबरदस्त यलगार हो आवाज बुलंद रखनी होगी

  • @nemsingh3210
    @nemsingh3210 Před 3 měsíci +10

    बहुत अच्छा आपने बोला है आप एक प्रखर वक्ता है निर्भीक पत्रकार हैं आपको दिल से सलूट

  • @raviprakash044
    @raviprakash044 Před rokem +79

    सुमित जी ने बहुत अच्छा विश्लेषण कर हमारे बीच आसान भाषाओं में रखा इस लिए बहुत बहुत धन्यवाद जय भीम!

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem

      आदरणीय Raviprakashनमो बुद्धाय 🙏
      मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
      मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
      जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
      अवधूत जोशी

    • @vasdevarya2534
      @vasdevarya2534 Před rokem +1

      Great sir

  • @jatavsolanki9808
    @jatavsolanki9808 Před rokem +155

    सुमित जी! आपको दिल से सलाम। आप बुद्धिमान तो हैं ही, प्रज्ञावान भी है। आप जैसे बाबा साहब के सच्चे सपूत पर बहुजन समाज को गर्व है। और देश में घोटाले बाले , लूटने वाले विदेश को भागने बाले हमारे समाज का एक भी उनमें नहीं हैं।हम अपने देश एवं देशवासियों से प्रेम करते हैं।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem

      आदरणीय Jatavsolanki नमो बुद्धाय 🙏
      मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
      मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
      जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
      अवधूत जोशी

  • @gorkhpuriyajawan4427
    @gorkhpuriyajawan4427 Před měsícem +6

    ये तो सबसे बड़े जातिवादी मीडिया है जिन्हे सवर्ण के दर्द देखते तो हैं लेकिन इन्हें सवारनो के दर्दों को पीड़ा को देख कर खुशी होती हैं

  • @RamKumar-xf6vs
    @RamKumar-xf6vs Před 3 měsíci +56

    सुमित चौहान आप को कोटि कोटि नमन आपको बार बार सलाम जयभीम जय संविधान जय भारत नमो बुद्धाय धन्यवाद साथीयों

    • @vividlearner7427
      @vividlearner7427 Před 3 měsíci

      Pehle baat to yeh Chauhan naam lagake kyu ghum raha h?

    • @IIT987
      @IIT987 Před 3 měsíci

      ​@@vividlearner7427nikal

  • @user-ql1ew1ch6z
    @user-ql1ew1ch6z Před 22 dny +4

    सुमित दा, सच बहुत ही करवा होता हैं, लेकिन अब हमारे लोग भी बोलना शुरू कर दिया है, ये आदिवासी, बहुजन समाज के लिए बहुत खुशी की बात है। लेकिन सच तो उन लोगों को सुनना परेगा।
    हुल जोहार, जय भीम 🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳

  • @shauryaazadofficialchannel6466

    जय भीम सुमित सर आप ने एकदम दिल छू लेने वाली बात बताई

    • @dayaldas2362
      @dayaldas2362 Před rokem +1

      जय भीम सुमित सर

  • @YogendraKumar-mr8ye
    @YogendraKumar-mr8ye Před rokem +76

    सुमित चौहान जी शाबाश। जय भीम, जय संविधान

  • @navritanetam-gr3jb
    @navritanetam-gr3jb Před 3 měsíci +10

    दिल से नमन सर आपका🙏🙏🙏🙏

  • @user-zv5kc4du8w
    @user-zv5kc4du8w Před měsícem +9

    सुमीत भाई बहुत ही सही विश्लेषक ,एस सी एस टी , ओबीसी, बहुजनो प्रती हमेशा सोशल मिडिया व्दारा आवाज बुलंद कर न्याय दिलाने की बात रखते है .इसलिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद और साधुवाद.जयभीम नमो बुध्दाय जय संविधान.

  • @rajcivil707
    @rajcivil707 Před rokem +28

    जय भीम नमो बुद्धाय 🙏♥️🙏
    सुमित भाई आपने सच कहा कि देश कि हालात बिगाड़ने, बर्बाद करने में कम से कम हमारे लोग तो शामिल नहीं है न पहले शामिल थे ना अब है

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem

      आदरणीय Rajcivilनमो बुद्धाय 🙏
      मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
      मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
      जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
      अवधूत जोशी

  • @bishamberdass3622
    @bishamberdass3622 Před rokem +1388

    भाई सुमित चौहान जी हमें आपकी पत्रकारिता और सभी हौनहार पत्रकारों पर बडा गर्व मैहसूस कर रहे हैं।बढीया से जैसे को वैसा उत्तर दिया।साबास

  • @rjking6865
    @rjking6865 Před rokem +100

    आज के समय में अगर कोई सच्चा और अम्बेडकर जी के राह पे रिपोर्टिंग कर रहे हैं वो हैं सुमित सर इनकी पत्रकारिता सबसे धाकड़ है बहुत अच्छा सुमित सर दिल से जय भीम सर

  • @kaushalyadiwakar-lx8lz
    @kaushalyadiwakar-lx8lz Před měsícem +7

    सुमित जी आप ने बिल्कुल इस तरह से बताया है जैसा हम एससी वालों के साथ हो रहा, दिल से सैल्यूट सुमित भाई

  • @omprakashsingh3218
    @omprakashsingh3218 Před 5 hodinami +1

    Many many thanks Shri Chauhan ji

  • @prabhudayal9425
    @prabhudayal9425 Před rokem +109

    पत्रकार सुमित चौहान जी आपने बहुत ही अच्छा जवाब दिया हमें गर्व है आप जैसे पत्रकार होने पर जो बहुजन हित में अपने ब्याखान दे रहे हैं बहुत ही अच्छा लग रहा है हमारे देश के बहुजन समाज आप लोगो के बात को सुनकर आत्मसात कर रहे हैं। आप पत्रकारों ने अपने समाज को जागृत कर हजारों बोलने वाले पत्रकार को जन्म दिया आप पत्रकारों को दिल से सादर शाधुवाद जय भीम

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem +2

      आदरणीय नमो बुद्धाय 🙏
      मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
      मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
      जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
      अवधूत जोशी

  • @krishnaram6740
    @krishnaram6740 Před rokem +73

    सुमित जी इस वीडियो मे जो आपने बातो को उजागर
    किया है ,अब तक दलित होने पर जो सरमिनदगी
    महसूस करते थे, वह अब गर्व होगा,हम्मे गर्व है की
    हमारे समाज मे आप लोग जैसे बुद्धिजीवी आज भी है। जय भीम जय भारत

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem

      आदरणीय Krishnaramjiनमो बुद्धाय 🙏
      मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
      मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
      जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
      अवधूत जोशी

  • @user-ky7eb4vh7c
    @user-ky7eb4vh7c Před 4 měsíci +6

    सब बहुजन समाज का मीडिया वाला बड़े बड़े पद पर बैठना संजय जरूरी है जागरूक होकर बैठता है नौकरी मिलना चाहिए जनता को जागरुक हो जाओ

  • @user-ri3hd2su5v
    @user-ri3hd2su5v Před 14 dny +2

    Jay bhim jay savidhan sumit sar

  • @shriram2887
    @shriram2887 Před rokem +407

    हमें गर्व है कि चारों तरफ बिकाऊ मीडिया के बाद भी, सुमित जी जैसे भारत मां के सच्चे सपूत, सच्चे पत्रकार ताल ठोंककर देश के गद्दारों को चुनौती दे रहे हैं।🙏 आपको सेल्यूट 🙏

    • @sumitsingyadav8558
      @sumitsingyadav8558 Před rokem +3

      Ye bhi bika ho sakta hai ky pata ,

    • @Stutatsvideo
      @Stutatsvideo Před rokem +2

      Your sprout Samit Chohan god bless you

    • @raviamin3643
      @raviamin3643 Před 7 měsíci

      ​@@sumitsingyadav8558nhi bik sakta manuvadi thodi hai

    • @sumitsingyadav8558
      @sumitsingyadav8558 Před 7 měsíci +1

      @@raviamin3643 manuvadi to kabhi nhi bike per tum tumhare neta dharm desh ke sath gaddari ki convert huye tum per koi bharosa nhi karega ,😜🤪😂😅

    • @raviamin3643
      @raviamin3643 Před 7 měsíci

      @@sumitsingyadav8558 ham nhi bike 🚲 vale bik gye

  • @aparshah5971
    @aparshah5971 Před rokem +63

    सुमित सर जी ऐसी बातों पर फोकस डालने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद❤

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem

      आदरणीय Aparshahji नमो बुद्धाय 🙏
      मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
      मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
      जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह उसके सामाजिक कानूनों, सामाजिक न्याय पर निर्भर करता है। और इस मोर्चे पर हिंदू धर्म में कई मुद्दे/विवाद हैं।आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं।
      इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने (उस काल की हिन्दू पार्टी) एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।
      ज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
      अवधूत जोशी

  • @ramawadhverma1740
    @ramawadhverma1740 Před 3 dny

    जन जन की तार्किकता वैज्ञानिकता प्रामाणिकता व व्यवहारिकता युक्त शिक्षा तथा जागरूकता बहुत जरूरी है।
    काल्पनिक चरित्रों ढोंग,पाखंड व अंधविश्वास से दूर
    राष्ट्रीयता हो भरपूर।❤
    सुंदर तरीके से आमजन की बात रखने के लिए सुमित चौहान जी को बहुत बहुत साधुवाद व धन्यवाद।🙏
    राष्ट्रीयता

  • @kishanzaveri9970
    @kishanzaveri9970 Před 4 měsíci +7

    सुमीतजी आपकों शतशत नमन। निर्भय हो, हमेशा रहना। धन्यवाद 🌹🙏🌹

  • @vksjaiswal1685
    @vksjaiswal1685 Před rokem +262

    सुमित भाई की पत्रकारिता बहुत बेहतरीन है देश के ऐसे पत्रकारों की जरूरत है

    • @panchsheelsolarcompany
      @panchsheelsolarcompany Před rokem +4

      अमित जी जय भीम नमो बुद्धाय आपने तो अपने शब्दों को इतने अच्छे तरह से समझाया।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem +1

      आदरणीय VKSJaiswalji नमो बुद्धाय 🙏
      मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
      जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
      अवधूत जोशी

    • @ramlalkumar9540
      @ramlalkumar9540 Před rokem +1

      Sumit sir ke chanel ka subscriber badhane me aap log apna apna sahyog de

  • @amreshyadav2758
    @amreshyadav2758 Před měsícem +2

    सुमित चौहान जी ने तो एकदम धुलाई कर दी वह भी बिना साबुनके हैं।
    Well done 👍

  • @AnilKumar-yt6hr
    @AnilKumar-yt6hr Před 4 měsíci +9

    सुमित सर जी आपको दिल से प्राणाम💙💙🙏🙏🙏🙏🙏

  • @Mr_rahul0143
    @Mr_rahul0143 Před rokem +25

    सुमित सर जी को दिल से क्रांतिकारी जय भीम नमो बुद्धाय जय मूलनिवासी जय संविधान ❤❤

  • @mohanlal-painter
    @mohanlal-painter Před rokem +18

    जय भीम सुमित सर आपका नाम तो पूरे विश्व में होगा 1 दिन आपके अच्छे कार्यों की वजह से

  • @Shishram-ny5ol
    @Shishram-ny5ol Před měsícem +6

    बहुत ही अच्छी जानकारी धन्यवाद।

  • @kingofbhilr.b.6409
    @kingofbhilr.b.6409 Před rokem +80

    लाख लाख 🙏जोहार साहब बहुत अच्छा लगा। सर ऐसे समाज सुधर में सुधार होगा ❤️❤️❤️ जय आदिवासी 🙏🙏

    • @narayankosare775
      @narayankosare775 Před rokem

      मुझे गर्व है सुमित सर आप की पत्रकारों पर जय संविधान जय छत्तीसगढ़

  • @phoolsingh9851
    @phoolsingh9851 Před rokem +10

    बिलकुल सही कहा सुमित जी
    जय भीम जय भारत नमो बुद्धाय जय संविधान 🙏🙏

  • @maniram2252
    @maniram2252 Před 14 dny +4

    सुमित चौहान जी जमीनी हकीकत बताने पर बहुत बहुत बधाई।

  • @jaswantdas8510
    @jaswantdas8510 Před měsícem +2

    अंग्रेजों को क्यों भुल जाते हैं जिनकी वजह से ही शिक्षा का विस्तार शुरू हुआ बाबा साहब अम्बेडकर की ड्रेस ???

    • @SANJAYTIWARI-kl8fl
      @SANJAYTIWARI-kl8fl Před měsícem

      बिल्कुल सही कहा भाई साहब

  • @ravidas.bauddh8294
    @ravidas.bauddh8294 Před rokem +81

    सुमित जी को मेरा प्रणाम, सर जहा तक मेने ये समझा है जिस जिस इंसान हमारे महापुरषों को पड़ा एवं समझा है और उसका आचरण किया है उसेसे इंडिया ही नहीं पूरी दुनिया में कोई भी मुकाबला नहीं कर सकता। मुझे गर्व है की आप की निष्पक्ष पत्रकारीता पर - जय भीम नीला सलाम

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem +1

      आदरणीय Ravidas.bauddh नमो बुद्धाय 🙏
      मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
      मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
      जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
      अवधूत जोशी

    • @ravidas.bauddh8294
      @ravidas.bauddh8294 Před rokem

      🙏 jay bhim namo buddhye 🙏

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem

      @@ravidas.bauddh8294 रविदासजी गुड मॉर्निंग. आपने जवाब तो दिया सीर्फ जय भीम और नमो बुद्धाय से. वह बात तो है ही. पर देशव्यापी चर्चा के बारेमें भी बताये. ईसके पहले मैंने आपको ऊसके बारेमें बताया है ऐसा मुझे याद है. 🙏. अवधूत जोशी

    • @ravidas.bauddh8294
      @ravidas.bauddh8294 Před rokem +1

      आदरणीय जोशी जी राष्ट्र व्यापी चर्चा पर में कुछ बताए क्या एजेंडा , रणनीति, महत्वपूर्ण लक्ष्य क्या है 🙏

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem

      @@ravidas.bauddh8294 आदरणीय रविदासजी
      मैं एक राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से हमारी व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाना चाहता हूं। यह हमारे देश में सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करेगा।
      🙏
      अवधूत जोशी

  • @khilehwarmahilane8488
    @khilehwarmahilane8488 Před měsícem +30

    सुमित जी जयभीम आप बिल्कुल सही रास्ता दलित सोशित समाज को दिखा रहे है

  • @yakshmahawar357
    @yakshmahawar357 Před 19 dny +3

    Superb yar sumit bhai... Aapki har baat me shudh suchai h aapka kaam bahut shaarniy h....aaj desh ke har dalit yuva ko aapse prerna lena chaiye... 🤞❤

  • @VIRENDRASINGH-ru8qu
    @VIRENDRASINGH-ru8qu Před rokem +22

    गोदी मीडिया पत्रकारों को भाई सुमित चौहान जी का मुंहतोड़ जवाब 🙏🙏🙏

    • @user-yo5go5vx2l
      @user-yo5go5vx2l Před měsícem

      😊😊😊😊😊

    • @user-yo5go5vx2l
      @user-yo5go5vx2l Před měsícem

      तलवे चाटने वाले पत्रकार तो बहुत देख आप जैसा निडर नही देखा

  • @parshuramboddha2833
    @parshuramboddha2833 Před rokem +9

    बहुत बहुत बधाई और धन्यवाद सुमित भाई आप के जज्बे को सलाम आप ने जो मनुवादीयौं को जो उत्तर दिया सुन कर मन प्रसन्न हो गया वास्तव में समाज को आप, शंभू सिंह, नीरज पटेल और भी हमारे बहुजन पत्रकार है जो समाज में जागृति पैदा कर रहे उन सब को बहुत बहुत नमन प्रणाम जय भीम नमो बुद्धाय जय संबिधान जय भारत

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 Před měsícem

      विश्व विद्वान मित्रो!
      जन्म से सब जन दस इन्द्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं और संस्कार से द्विजन ( स्त्री-पुरुष ) होते हैं । जन्म से सबजन दस इंद्रिय के साथ-साथ शरीर के चार अंग मुख, बांह, पेट और चरण समान लेकर जन्म लेते हैं। समाज के चार वर्ण कर्म विभाग ब्रह्म,क्षत्रम, शूद्रम और वैशम वर्ण विभाग को। शरीर के चार अंग को समान माना गया है ।
      जब एक जन है तो वह मुख समान ब्रह्म वर्ण कर्मी है, बांह समान क्षत्रम वर्ण कर्मी है, पेटऊरू समान शूद्रम वर्ण कर्मी और चरण समान वैशम वर्ण कर्मी है। चरण पांव चलाकर ही व्यापार वाणिज्य क्रय विक्रय वितरण वैशम वर्ण कर्म होता है।
      लेकिन जब पांचजन सामाजिक कर्मी हैं तो एक अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक विप्रजन (ब्राह्मण) है , दूसरा सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश (क्षत्रिय) है, तीसरा उत्पादक निर्माता उद्योगण (शूद्राण) है और चौथा वितरक वाणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर आढती (वैश्य) है तथा पांचवा जन चारो वर्ण कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत ऋषिजन दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन है।
      यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त करने का सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। कोई भी जन वर्ण कर्म किए बिना भी किसी वर्ण को मानकर बताकर मात्र नामधारी वर्ण वाला बन कर रह सकते हैं यह भी समान अवसर सबजन को उपलब्ध है अर्थात हरएक मानव जन खुद स्वयं को ब्रह्मण, क्षत्रिय, शूद्राण और वैश्य कोई भी वर्ण वाला मानकर बताकर जीवन निर्वाह कर सकते हैं।
      दो विषय वर्ण जाति और वंश ज्ञाति को भी समझना चाहिए ।
      स्मरण रखना चाहिए कि वर्ण जाति शब्दावली का निर्माण कार्य करने वालो को पुकारने के लिए किया गया है इनको विभाग पदवि शब्दावली भी कहा जा सकता है ।
      जबकि
      वंश ज्ञाति गोत्र शब्दावली का निर्माण विवाह सम्बंध संस्कार करने के लिए किया गया है , ताकि श्रेष्ठ संतान उत्पन्न करने के लिए सपिण्ड गोत्र वंश कुल बचाव कर विवाह सम्बंध संस्कार किये जाते रहें । यह पौराणिक वैदिक सतयुग राजर्षि ऋषि मुनियो की संसद ने शब्द निर्माण किया है।
      चार कर्म ( शिक्षण+ सुरक्षण+ उत्पादन+ वितरण ) = चार वर्ण ( ब्रह्म + क्षत्रम+ शूद्रम+ वैशम ) ।
      चार आश्रम ( ब्रह्मचर्य + ग्रहस्थ+ वानप्रस्थ+ यति आश्रम ) ।
      सतयुग सनातन वर्णाश्रम प्रबन्धन । श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय विश्व राष्ट्र वैदिक सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म। जय अखण्ड भारत । जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ।।
      यह अकाट्य सत्य सनातन दक्ष धर्म संस्कार शाश्वत ज्ञान की पोस्ट पढ़कर समझकर बन जाएं सबजन ब्राह्मण।
      बुद्ध प्रकाश प्रजापत की इस पोस्ट को कापी कर सबजन को भेजकर सबजन को ब्रह्मण बनाएं ।

  • @sitaiprasad1072
    @sitaiprasad1072 Před měsícem +4

    सुमित जी को कोटि कोटि धन्यवाद,जिंदाबाद जय भीम जय संविधान।

  • @Vijayvlogs116
    @Vijayvlogs116 Před 2 dny +1

    Always subscriber ambedkarwadi fully supported🎉

  • @ajadrajatratanravan7511
    @ajadrajatratanravan7511 Před rokem +180

    भाई सुमित जी,,,,,, आप के शब्दों में बाबा साहेब और सभी बहुजन महापुरूषों की खुशबू आती है,,,,
    आपकी इस बेबाक और निडर पत्रकारिता के लिए बहुत बहुत धन्यवाद साधुवाद जी,,,,
    जय भीम

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Před rokem

      आदरणीय Ajadrajatratanravan नमो बुद्धाय 🙏
      मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
      मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
      जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
      अवधूत जोशी

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 Před měsícem

      विश्व विद्वान मित्रो!
      जन्म से सब जन दस इन्द्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं और संस्कार से द्विजन ( स्त्री-पुरुष ) होते हैं । जन्म से सबजन दस इंद्रिय के साथ-साथ शरीर के चार अंग मुख, बांह, पेट और चरण समान लेकर जन्म लेते हैं। समाज के चार वर्ण कर्म विभाग ब्रह्म,क्षत्रम, शूद्रम और वैशम वर्ण विभाग को। शरीर के चार अंग को समान माना गया है ।
      जब एक जन है तो वह मुख समान ब्रह्म वर्ण कर्मी है, बांह समान क्षत्रम वर्ण कर्मी है, पेटऊरू समान शूद्रम वर्ण कर्मी और चरण समान वैशम वर्ण कर्मी है। चरण पांव चलाकर ही व्यापार वाणिज्य क्रय विक्रय वितरण वैशम वर्ण कर्म होता है।
      लेकिन जब पांचजन सामाजिक कर्मी हैं तो एक अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक विप्रजन (ब्राह्मण) है , दूसरा सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश (क्षत्रिय) है, तीसरा उत्पादक निर्माता उद्योगण (शूद्राण) है और चौथा वितरक वाणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर आढती (वैश्य) है तथा पांचवा जन चारो वर्ण कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत ऋषिजन दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन है।
      यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त करने का सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। कोई भी जन वर्ण कर्म किए बिना भी किसी वर्ण को मानकर बताकर मात्र नामधारी वर्ण वाला बन कर रह सकते हैं यह भी समान अवसर सबजन को उपलब्ध है अर्थात हरएक मानव जन खुद स्वयं को ब्रह्मण, क्षत्रिय, शूद्राण और वैश्य कोई भी वर्ण वाला मानकर बताकर जीवन निर्वाह कर सकते हैं।
      दो विषय वर्ण जाति और वंश ज्ञाति को भी समझना चाहिए ।
      स्मरण रखना चाहिए कि वर्ण जाति शब्दावली का निर्माण कार्य करने वालो को पुकारने के लिए किया गया है इनको विभाग पदवि शब्दावली भी कहा जा सकता है ।
      जबकि
      वंश ज्ञाति गोत्र शब्दावली का निर्माण विवाह सम्बंध संस्कार करने के लिए किया गया है , ताकि श्रेष्ठ संतान उत्पन्न करने के लिए सपिण्ड गोत्र वंश कुल बचाव कर विवाह सम्बंध संस्कार किये जाते रहें । यह पौराणिक वैदिक सतयुग राजर्षि ऋषि मुनियो की संसद ने शब्द निर्माण किया है।
      चार कर्म ( शिक्षण+ सुरक्षण+ उत्पादन+ वितरण ) = चार वर्ण ( ब्रह्म + क्षत्रम+ शूद्रम+ वैशम ) ।
      चार आश्रम ( ब्रह्मचर्य + ग्रहस्थ+ वानप्रस्थ+ यति आश्रम ) ।
      सतयुग सनातन वर्णाश्रम प्रबन्धन । श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय विश्व राष्ट्र वैदिक सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म। जय अखण्ड भारत । जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ।।
      यह अकाट्य सत्य सनातन दक्ष धर्म संस्कार शाश्वत ज्ञान की पोस्ट पढ़कर समझकर बन जाएं सबजन ब्राह्मण।
      बुद्ध प्रकाश प्रजापत की इस पोस्ट को कापी कर सबजन को भेजकर सबजन को ब्रह्मण बनाएं ।

  • @MohanLal-wd8qc
    @MohanLal-wd8qc Před rokem +10

    मानव मानव की जो बात करे वही मानवता है
    वही मानव कह लाने लायक होता हैं दर्द होता हैं
    वह किसी धर्म का मानव कयो न हो
    चौहान जी आपको बहुत बहुत साधुवाद
    जय भीम जय मूल निवासी जय संविधान जय भारत

  • @NeeleshkumarNeeleshkumar-wh7qn
    @NeeleshkumarNeeleshkumar-wh7qn Před 3 měsíci +4

    Jay Bheem Sumit bhaiya ji 🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤l🎉l❤l🎉l❤

  • @babasahebkamble8496
    @babasahebkamble8496 Před 5 dny

    Wowh Sumit Ji, Sahi bola aapne, Jai Bhim Jai samvidhan 💪💙💙