BOL DIYAAN UNMA - (बोल दियाँ ऊंमा) Garhwali Short Film by Kavilas Negi.
Vložit
- čas přidán 21. 08. 2024
- Bol Diyan Unma, roughly translates to 'Do Tell Him', is a poignant tale that touches upon the perils of migration in a very subliminal way through two characters - Badri and Kamla.
Badri is rushing to catch the last bus to the city, when Kamla Bhabhi decides to accompany him till the bus stop. Now Badri must send her back or he will miss this bus.
This story will take you on a long saunter accompanied with conversations.
Director- Kavilas Negi
Screenplay & Dialogues- Meenakshi Negi
Produced by - Atulan Dasgupta (Tribal Boy Films)
Executive Producer- Piyali Roy
Cinematographer- Vijay Tomar
Asst. DP- Pratik Pamecha
Editing - Shubham Kaintura
Art - Kailash bhatt
Drone Camera - Govind Negi
Background Music- Shiv Moorti Singh Rana 'Johnny' (Kinaash Studio)
Song Credit - Folk song sung by Shri Narendra Singh Negi
• Bol Diyan Uma
Recording Studio - A plus Studio (Ranjeet Singh)
Directorial Team:
1st AD - Sohan Chauhan
2nd AD - A. Raphael Jose
Lead Actors:
Anjali Negi
Rajesh Naugain
Other Cast:
Child Artist - Baduli Negi
Neelam Tomar Thapa
Sohan Chauhan
Line Production- Abbu Rawat
Costume - Usha Negi
Hair & Make-up - Rohit Chauhan (Make-Up Dada)
Transport - Ajit Khatri
Walky - Harish Rawat
Sound - Mohit
Spot - Suraj Kandpal & Deepak
Original Story by Shri Vallabh Dobhal
A film made under the guidance of Shri Narendra Singh Negi
Never expected such a touching art . Moreover , actors are at best that has reminded me the classic of MLGUDI DAYS . This gives us new hope in garhwali film industry . Brilliant job kavilash !!!
Q
Brillent kavilash
शाबाश अंजलि बहुत ही खूबसूरत अभिनय एक पहाड़ की नारी की पीड़ा इथगा सूक्षम समय मा पूरी खैरी बयान कनु सौंगू नी होंन्दू पर तुमुन यो संभव करी, कविलाश को निर्देशन सराहनीय छ, पूरी टीम थैं भौत भौत बधै
Brilliant performance
धन्यवाद चाचाजी🙏
😢😢😢 🥺🥺🥺
केवल 10मिनट में पहाड़ की महिलाओं का पूरा दर्द बयाँ कर दिया....नमन है नेगीजी आपको🙏🙏
🙏🙏🙏
😥😥😥
🙏 गढ़ रत्न गढ़वाल के सर ताज श्री नेगी जी को प्रणाम 🙏
बहुत ही अच्छी तरह से दरसाय है पहाड़ की नारी का दुःख 🙏
पहाड़ों का दर्द और सच्चाई बयां की है आपने ❤️
Or apne inke gano ki achhi trh se li h chamoli ji😂
और आपने नेगी जी के पिसे हुए आटे को दुबारा तिबारा पीस पीस कर मैदा बना दिया 🤣🤣
@@soulofhimalaya12 gurudev pehle dekh to lo meri videos mai vlogging krne wala ladka naa ki gaane wala😕
@@AshishChamoli are sorry guru mene singer vala Ashish chamoli glt think kr lia , mine bad bro 😐
@@soulofhimalaya12 koi baat nahi bro ❤️💝
लास्ट की एक लाइन "तुम थे सोँ छी उन्मा कुछ नि बुल्यां " पूरी वीडियो का मतलव समझाता है , सारे कष्ट खुद पर लेकर हमेशा अपनो का ख्याल करना सीखाते है पहाड़ , बस यही बदलाव आया है गाँव छोड़ कर पहले अपनो की खुसी के लिए दुख सह लेते है
आज अपने दुखो को रोना लेकर मुड़कर जाते तक नही है
Right
Sahi kaha bheji
Aakhri ki line aansu le aayi kasam se, Jhass ..
बोल दियाँ उमा , अब तुम्हारी खुद ज्यादा लगनी च
बोल दियाँ उमा अब तुमारी आणे की उम्मीद कम लगणि च
बोल दियाँ उन्मा अपणी ही गांव मा मेहमान ना बंण जाया
बोल दियाँ उमा तिबारी खंदवार हूँनी च
बोल दिया उमा पाल उजड़णु च
बोल दिया उन्मा तुमारी आण की आस मा सुपनियो मा भी कंडाली जामणी च
।
बोल दियाँ उ सब मा
Bahut khoob
🥺👏👏
Mast
😥🙌🙏
🥺🥺🙏🙏
''तुम थे सों छन मेरी , वू म कुछ न बोल्या '' पहाड़ की नारी का पहाड़ सा धैर्य धन्य है पहाड़ की नारी !!
Her misery was definitely painful but something even more heartbreaking was the last line💔
तुमते मेरी सौं छन। उमां कुछ ना बोल्यां।
She would bear it all but would not let her loved ones know of her suffering.
अंतिम पंक्ति में वो शब्द ‘तुम थें सों छन मेरी, वुं म कुछ न बोल्या’ , सच में पहाड़न कितनी दुःख सहन करती है और फिर भी अपनों को उसका एहसास भी नहीं होने देती । धन्य हैं 🙏
सही कहा आप ने वो होती है इसी है अपना दुःख कभी बताती नहीं है🙏
@@poojasati6750 जी
ये शब्द मुझे भावूक कर गया !!!!
अच्छयेई आपल शॉर्ट फिल्म इन् बणै कि आप सब्यूँ कि लेखनि न अर अभिनय न रुले दैनी आंखयूं बटि अंशधरी बि चुणा खूणि डेबलों म अट्गिं छिंन बेहतरीन शब्द निच्छन वु थैला वु ख़िरबोज व अकाळ व नांग व ग़रीबी वा कुदशा व धोती वु चप्पल वो उधारी कु लाला । वो ओंका प्रति प्रेम अर भौ आख़िर म गीत का बोलूं न मन म जन अधितु भावुक कु उमाळ बोगण बटि गए ।
शशक्त नारयूं थैं प्रणाम जु बुना कि मिन अपडु उमाल व ख़ैरि त लगेएलि पर तुम कुछ न बोल्यां😢
लाजवाब अभिनय नीलम थापा राजेश नौगाईं भैजी व अंजली जी सुन्दर 👌👌👌
आप सब्यूँ सैल्युट प्रणाम कोटि कोटि नमन नेगी जी व पूरी टीम थैं 💐💐😢💐💐
Negi ji aap hamesha hamera dil me rahte hai. Aapke jaisa mahaan gaayak koi nahi hoga
Aap uttarakhand ki shaan hai.
“बोल दिया ऊमां" बहुत ही मार्मिक फिल्म लगी। गढ़वाल से जाने के चालीस बाद पहली बार सुबह 8 बजे यह फिल्म देखकर आंसुओं का घड़ा फूट गया। उस खौरि का वर्णन नहीं कर सकता, जो हमारी माताओं बहनों ने भोगी। गांव से सड़क तक की उकाल और गाड़ी छूटने तक की यात्रा ही इतनी बड़ी व्यथा लगती है कि आंसू नहीं थाम सका। चप्पल टूटने की बात और उकाल में थोड़ा सुस्ताने का दृश्य मन को झकझोर गया। भाभी का रोल करने वाली लड़की और द्यूरजी का अभिनय बहुत अच्छा लगा। खासकर नारी के संवाद और उसकी मुखड़ी का खुदेड़ भोलापन। अंत में सर्वप्रिय गायक नरि भैजी का गीत ऐसा लगा कि मानो करुणा का सागर छलक उठा। यही असली गढ़वलि सिनेमा है, जिसने मुझ जैसे दर्शक श्रोता को जिकुड़ी को भिगो दिया । निर्माता, निर्देशक, कहानीकार को कोटि-कोटि नमस्ते। दोनों कलाकार चिरंजीव रहें।
मेरी मां और हमारे परिवार की कहानी कुछ इस तरह ही थी 🙏🙏 आज 29 साल की उम्र हो गई है बाबा जी आज तक घर नहीं लोटे, आपके पुराने गीत आप की कविताएं हर जनमानस से जुड़ी हुई है जुग जुग जिए नेगी जी 🙏🙏
""को दिन नि देखिनी, कु खैरी नि खाई""
पहाड़ का दर्द बयां कर दिया है आपने
So sad😭
🥺🥺🥺🥺🥺
Yll ham to story dekh ke ro gye or aap
@@harshitapatwal9253 kya kre bhen zindagi to jini hai , sangharsh aur mehnat karke gujar basr kar lete hain😭😭
@pradeep rawat thik hu bhaiji
सवाल ही सवाल छन, जबाब कैमा नि छन
मिन खैतियाल मन को उमाळ
पर तु वूमा कुछ नि बोलि
भौत मार्मिक, बधै कविलासै पूरि टीम तैं💐
खुदेड़ गीत त अंसधरि देगे आंख्यूं मा।
पहले खुद देखी पर कहानी का सार समझने के लिए मम्मी पापा के साथ दोबारा देखी और अब जब समझ आया है तो बार बार इस कहानी को झलक ओर प्रतिदिन किया जाने वाला संघर्ष नजर आता है मुझे हर उन चीज़ों में जो मेरे गांव वाले मेरे लिए भेजते है।।।
बहुत बहुत धन्यवाद इस फिल्म के माध्यम से ये संदेश पहूचाने की❤️❤️
निशब्द कर दिया नेगी जी ने ❤️❤️❤️😭😭😭 पहाड़ की महिला जितना सब्र किसी के पास नहीं हो सकता🙏🙏😭
Sir,
इस 10 मिनट 29 सेकंड की शॉर्ट फ़िल्म ने उत्तराखंड के गाँव मे रहने वाले महिलाओं ओर उनके परिवार के उन लोगो जो कि रोजगार के लिए शहरो में गये है की कई सालों की पीड़ा और प्रेम को याद दिला दिया है।
दिल को छू जाने वाली फ़िल्म बनाने के लिए कलाकारों और सम्पूर्ण टीम को बहुत बहुत धन्यवाद।
जिस प्रकार आप ,अपने गीतों के द्वारा गढ़वाली भाषा को जीवंत रखे हुए हैं, उसी प्रकार इस पटकथा के द्वारा आपने पहाड़ की पीड़ा को दर्शाया है, आपके गीतों के बोल गढ़वाली संगीत में कई वर्षों तक याद किए जाएंगे इसके लिए में आपको सादर प्रणाम करता हुं नेगी जी🙏🙏
बहुत अच्छी तरह से इस लघु कथा को फिल्माया गया है |अंजलि जी और राजेश जी का अभिनय तो दिल को छू गया| वाकई में एक पहाड़ी नारी का होंसला पहाड़ के समान विशाल होता है इसलिए तो वह खुद की परवाह न करते हुए ऐसी विषम परिस्थितियों का डट कर सामना करती हैं| बोल दियां ऊंमा के सभी टीम मेंबर्स को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं| ❤
गढरत्न नेगी जी को मेरा कोटि कोटि प्रणाम 🙏
जय देवभूमि उत्तराखंड 🙏
इस बार फिर नेगी जी ने पहाड़ के दुख को छुआ है और साथ ही पहाड़ी लोगों के शुद्ध हृदय, मेहनत को दिखाया है।
कविलाश का निर्देशन कमाल का है और अंजलि नेगी का अभिनय बेहतरीन है, उम्मीद है कि उन्हें और गानों और फिल्मों में देखा जा सकेगा।
कमाल की एक्टिंग, कमाल की कहानी, और अंत में कमाल की आवाज, मन पसंदीदा पार्ट "" तुमते मेरी सौ, उमा कुछ न बोलिया""🙂😞
Sahi baat
Ha bhai sahi mai mine 10 bar dekhi ye vedio
My husband is a Garhwali. Although I don’t understand the language much but subtitles were really helpful. I like the way it is filmed. Both actors have nailed the performance. Very touching story line. Thanks for making this film and showing glimpse of the culture and beauty. Congratulations! Sir @narendrasinghnegi + team
नरेंद सिंह नेगी जी को मेरा सादर प्रणाम आप एक ऐसी शख्सियत आपका शायद ही किसी परिचय की आवश्यकता नहीं हैं। नरेंद्र सिंह नेगी जी गायक, कवि , परफ़ॉर्मर, संगीतकार और महान लेखक भी हैं। उत्तराखंड के “गढ़ रत्न” कहे जाने वाले नरेंद्र सिंह नेगी जी आपने अपने गीतों से उत्तराखंड का नाम भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में गौरान्वित किया हैं।
उत्तराखंड की संस्कृति आपके रोम रोम में बस्ती हैं , आपने उत्तराखंड की संस्कृति, परंपरा, ऐतिहासिकता, पौराणिकता, पर्यावरण संरक्षण, उत्तराखण्ड के लोगो की आजीविका, राजनीती, समाज तथा जीवनशैली को अपने गीतों में बहुत ही सुन्दर तरीके से पिरोया हैं उत्तराखंड की सम्पूर्ण झलक आपके गीतों में पायी जाती हैं,
कि उत्तराखंड के विष्य में अगर कुछ भी जानना हैं तो आपके द्वारा गाये हुए गीत सुने। आपका कहना हैं कि बोली-भाषा रहेगी तो संस्कृति भी बचेगी, संस्कृति को बचाना समाज का भी कर्त्तव्य हैं। श्री केदारनाथ जी हमेशा आपके स्वास्थ्य को कुशल रखे।अपने 1000 से अधिक गीत गाए हैं। अपने अपना पहला गीत पहाड़ो की महिलाओं के कष्टों से भरे जीवन पर आधारित गाया। इस गीत को लोगो ने बहुत पसन्द किया सब को लगा जैसे कि यह गीत उन्ही के लिए गाया गया होगा, इस गीत के बोल “सैरा बसग्याल बोण मा, रुड़ी कुटण मा, ह्युंद पिसी बितैना, म्यारा सदनी इनी दिन रैना ” (अर्थात बरसात जंगलो में, गर्मियां कूटने में, सर्दियाँ पीसने में बितायी, मेरे हमेशा ऐसे ही दिन रहे ) लोगो के जीवन को छु गए थे। इस गीत की सक्सेस के बाद अपने उत्तराखंड के गायन की हर एक शैली जैसे कि जागर, मांगल, बसंती झुमेला, औज्यो की वार्ता, चौंफला, थड्या आदि में भी गाया हैं। आपने अपने गीतों से हर विष्य को छूने की कोशिश की हैं जैसे कि जन सन्देश, सुख दुःख, प्यार प्रेम, देवी देवताओं के भजन, गाथाएँ, बच्चो के लिए लोरियाँ आदि।
वह उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक संगीतकार (Folk Singer) के रूप में उभर के सामने आये।अपने उत्तराखंड की तीनो भाषाए जैसे की गढ़वाली, कुमाऊनी तथा जौंसारी में भी कई गीत गाये। वैसे तो आपने हज़ारो गीत गाये हैं उनमे से कुछ चुनिंदा इस प्रकार हैं घुघूती घुरोण लगी, कैका मने की केन नि जाणी, कोई त बात होलि, छम घुंघरू बजिनी, सुना का मैना, तुम्हारी माया मा, ठंडो रे ठंडो, मेरी डांडी कांठ्युं का मुलुक, चली भाई मोटर चली, घर बटि चिट्ठी, आंसू होरि मा, जख मेरी माया रौंदी, मुलमुल के को हसनी छे, तेरी खुद किसे ते नि लगनी, ना उकाल ना उदार आदि।
आपने अपने संगीत की शुरुवात “गढ़वाली गीतमाला” से की थी जो की 10 हिस्सों में विभाजित थी जिसे अलग अलग कंपनियों द्वारा रिकॉर्ड किया जाता था जिसे संभालना थोड़ा कठिन हो गया था तब उन्होंने अपनी पहली एल्बम को रिलीज़ किया जिसका शीर्षक आपने उत्तराखंड के राज्य वृक्ष के नाम पर रखा जो कि हैं “बुरांस” जो कि उनकी सब से प्रसिद्ध एल्बम रही। बुरांस की कामयाबी के बाद आपको कई और एलबम्स भी रिलीज़ की जैसे कि छुंयाल, दग्ड़या, खुद, 100 कु नोट, नयु नयु ब्यो च, जै भोले भंडारी आदि। भगवान श्री केदारनाथ आपके स्वास्थ्य को हमेशा स्वस्थ रखें ताकि हमें नए-नए गाने सुनने को जय केदारनाथ
अंत में रुला दिया 😭। कितना दर्द है फिर भी मना कर रहीं हैं बताने से ।❣️ ये पहाड़ों में ही हो सकता है ।
yehi toh pyaar hai ek aaurat ka apne pati ke pratik
पहाड़ी संस्कृति पर नाट्य थै ई हद तक मूर्त रुप त सिर्फ नेगी जी दे सकदिन धन्य च आपकी लेखनी अर अनुभव , बहुत सुंदर अभिनय भी।🙏🙏 बहुत बहुत धन्यवाद। रूला दिया आज
वाह..... हमारी पहाड़ी महिलाएं जितना संघर्ष करती हैँ दुनिया मे कोई महिला नहीं कर सकती... सलाम है पहाड़ की माँ को... जो अपने परिवार के लिए इतना कठिन संघर्ष करती हैँ 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Kitni karuna bhari Jindgi h humare Pahado ki nariyo 😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭 or phir bhi yeh apne bare m sochne se pahle apne ghar baar ke bare m sochti h 😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔 Dhanye h mere pahadi ki naariya 🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺 Humare pahad aaj in Nariyo ki badolat hi aabad h , Jai ho humare pahado ki Mahan Nariyo ki 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 Bhoot hi sunder film bilkul dil ko chu gye 💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖 jai Uttrakhand or jai Uttrakhand ki shaktishali nariyo ki 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Ye katha adhuri hoke bhi puri h.!!! Puri h us ankahi katha ke sath jisme dukh ke sath pahadi jivan,pyar,bharosha himmat ka mel h!!aur adig himalaya ki tarah ek pahadi ki aas.....Wah!! 🥺🥺🥺
सच बताण त अंत मा आंशु एैगी म्यारा आंख्यूं बटे इन भी जमनु राई होलू कभी जन दिखयू च,"कैका बाबा ल मिडिल पड़ाई कैका बाबा ल राठ बिवाई"❤️ दयूरा जी और बौजी की acting कमाल की च❤️🙏🙏 धन्यवाद नेगी जी
वाह क्या बेहतरीन गढ़वाली फिल्म बनाई है कविलाश ने। ऐसी गढ़वाली फिल्म जिसमे realistic touch है, बेहतरीन एक्टिंग विशेषकर अंजली नेगी को देखकर मैं हैरान रह गया। ऐसी अदभुत गढ़वाली फिल्म मैंने कभी नहीं देखी। मेरा आभार। आशा करता हु की आप लोगों से ऐसे ही उत्कृष्ट कृतियां देखने को मिलेंगी।
डोभाल जी ने जीवन के यथार्थ को सलीके से कागज पर उतारा है उनकी कहानियां मेरे भीतर रची बसी है मैं जब उनसे मिलने जाता हूं तो उस व्यक्ति की बूढ़ी चमकती आंखें मुझे भीतर तक उत्साह और उमंग में भर देती है इन आंखों ने जीवन को कितने करीब से देखा है उनकी हर कहानी में एक अलग प्रेरणा है कई सारी कहानियां ऐसी हैं जिन पर पूरी पिक्चरें बन सकती तिब्बत की बेटी बहुत ही बेहतरीन उपन्यास कृपया आप उनकी कहानियों को और भी पढ़ें हर कहानी का अपना एक अलग सरोकार है 🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾
दोनों भाभी देवर की नेचुरल एक्टिंग है
और सोच को सलाम जिसने ये सब पिरोया
बहुत अच्छा लगा
विरासत सुरक्षित हाथों म छ,,भौत सुंदर प्रस्तुति,,अंत मां नेगी जी की आवाज़💞 ,,काश !!! बाटा की चार य फ़िल्म भी और लंबी चल्दी😄,,, हैंका भाग कु इंतेज़ार रेलु,,प्रणाम🙏🙏🙏
This gave tears in my eyes , I can understand and relate with the situation of the woman. Most of the new brides in Garhwal region are spent half of their life without husbands. thank you the whole team. I'll definitely recommend this video with my family and friends. thankyou for showing the reality.
@Yogendra Singh Rawat Awwww. Certainly:)
नेगी जी आपके बारे में क्या लिखें आपने तो पूरे पहाड़ को लिखा है अपने गीतों के माध्यम से। आपकी सदा ही जय हो। कोटि कोटि प्रणाम।🙏
दर्द पहाड का जीवित कर दिया यूँ हीं गढ़ रत्न नहीं कहलाता कोई 🙏🙏🙏🙏🙏
प्रणाम नेगी जी 🙏🙏
सबसे पहले सभी को दिल से बधाई और शुभकामनाएं, यह छोटी सी फिल्म दिल को छूती हुई सीधे गहराइयों में उतर गई, नेगी जी के सानिध्य में कबिलाश नेगी जी ने शानदार काम किया है दोनों किरदारों का अभिनय दिल को नम कर देता है, इस फिल्म ने ये साबित कर दिया कि छोटे से संदेश में भी बहुत कुछ कहा जा सकता है बस संदेश लिखने वाला कोई नेगी जी जैसा ही हो👍 बोलि दियां ऊंमा👌🙏
इस शार्ट फिल्म मैं सब कुछ था पहाडो का भोलापन , अपनों की चिंता , और वही कष्ट पर अपनों के सामने कम , थैंक यू टीम कविलाष
तेरी पीड़ा कैन नी जांणी हे पहाड़े की नारी आज आंखें तलबल सी है घनघोर यादें है हू ब हू मेरे गांव की उन घसेरियों की ये सच्ची कहानी है सोचा न था कभी की कोई बीते जमाने की इस कभी न भुला देने वाली फिल्म के माध्यम से उन यादों को याद दिला जायेगा जो आज भी मेरे हृदय पटल पर अंकित है। निशब्द सा हूं की क्या लिखूं। आप सभी को ढेरों शुभकामनाएं। 🙏🙏
बोल दियाँ ऊंमा से लेकर कुछ न बुल्यां ऊंमा तक कि कहानी भावुक कर देने वाली है.....बहुत सुंदर प्रस्तुति नेगी जी, आप तक प्रणाम पहुंचे🙏🙏
The finest short garhwali/pahadi film ever made in Uttarakhand history. Akhri me pura emotional ker diya.
A great thanks and congratulations to the creator and actors.
Thanks sir.
Yes purana Garhwali cinema wapas sai start karna hoga
Is tarah ki short film banegi to Uttarakhand Cinema bhi popular hone lagega. Filhal to Garhwali songs ki wajah se abhi Garhwali dekhne ko mil rahi hai.
czcams.com/video/Dm1Fo7sXI7c/video.html
Loved it. Made me emotional. Love you Negi Da and Team.
शब्द नहीं हैं मेरे पास इस काबिलेतारीफ़ रचना के लिये
चंद मिनटों में पहाड़ की नारियों की खैरी बयां कर दी
धन्य छां तुम नेगी जी 🙏
I felt that when she say
द्य़ूर जी तुम थैं मेरि सौं कुछ ना बोल्या ऊंमा 😢❤❤
निशब्द
बहुत-बहुत आभार
जो आपने पहाड़ की महिलाओं का दर्द बहुत ही कम समय में बड़ी मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया Thanku Negida
Wah sir bahut saalo baad koi garwhali film dekhi ek aap he hn jo sahi maine m garwhal ko aage pahuchana chahte hn
Don't know why tears started rolling down my eyes.. just in Few seconds of start.. such a hardship is tolerated by every person of our villages.. meri dadi meri maa.. mere dada.. mera ghr all things comes to my mind..😢😢😢
Same for me. I teared up and felt 😢
Aha! Apni matrbhumi ko naman! Parkrti MA ko Charan bandna. Sath hi Negi ji jaise vaktitwa ko koti-koti parnam jinhone hamari saskiri-savyata ko zinda rakhe hue hai.....Har ladki kisi ke dil ka tukda hoti haii....Inka drd barbas hi ankhe nam kr gai...Inke sasakt n jivant abhinay ki liye sadhubad...
Tears down, that's why Negi ji is the legend. Kudos to the team...
True
right
क्या बोली दीदी आपन
हमेशा की तरह सजीव चित्रण।एक ही दिल है कितनी बार जीतोगे 🙏
दोनो की कलाकारी बहुत ही सुंदर.. जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है..
बहुत सुंदर 10 मिनट में हमारे पहाड़ का प्यार अपनापन सब कुछ समझा दिया स्वर्ग जैसा अपना गॉव और गाँव जैसा आनन्द कही नही है ये हमारा दुभाग्य है की आज हम हर कोई सुख सुबिदा के लिए आपने आपने गांव छोड रहे है
मै अभी तक कई बार देख चुकी हूं ये फिल्म जितने बार देखू उतनी बार आंखो से आंसू निकलते है कहीं ना कहीं ये हमारी परिवार के हाल भी रहे है..❤️🙏🙏 नेगी जी आप जुग जुग जियो आपसे एक बार मिलने कि इच्छा है बहुत 🙏🙏
अंतिम क्षण भावविभोर कर गए!
पूरी टीम का धन्यवाद जिनकी वजह से हमारी संस्कृति जिंदा है ।
बहुत ही हृदय स्पर्शी वीडियो पहाड़ का जीवन दर्शाता यह वीडियो पहाड़ की कठिनाइयों को दर्शाता है ki Pahad Jitna bahar se Sundar Dikhta Hai उतना ही कठिनाइयों से भरा हुआ है लेकिन पहाड़ के लोग इन कठिनाइयों को मुस्कुराते हुए इनका सामना करते हैं जय उत्तराखंड जय भारत👌👌👌👌
अद्भुत, बेमिसाल कहानी मात्र कुछ ही आपने पहाड़ी नारी का दर्द बयान बहुत ही सुंदर कार्य किया है आपने।
नेगी जी आप धरोहर हैं पहाड़ की। नमन आपको
दिल से सभी का धन्यवाद करना चाहता हूँ!
निर्देशन, लेखक, केमरा मेन, कलाकार, उन सभी लोगों का जिसने इस वीडियो में कार्य किया, ओर आपने नेगी दा जी की जितनी भी तारीफ करु "व बिल्कुल भी शुन्य( 0 ) च इन सोच था मेरू बार बार प्रणाम 🙏चा आप हम सब उत्तराखण्डी़ का मार्ग र्दशक छा,
💞👌👌👏👏👍👍👋👋💞
नेगी जी आप ने पहले से ही गीत और फिल्मों के माध्यम से हमे काफी बार रुला चुके हो और इस फिल्म से बहुत ही ज्यादा रो गया आप महान हो ऐसी फिल्मों से मेरे खयाल से कोई ना कोई प्रदेश से जरूर लौटा होगा
पहाड़ की मातृ शक्ति को मेरा शत शत नमन 🙏
हमारे राठ का दर्द बयां करती ये फिल्म
धन्य हो राठ की नारी तिन सदानी खैर खाई ।।
Waah shabd Nahin hai jitni tarif ki jaaye utni kam acting picturisation aur direction sab kuchh perfect dil khush kar diya 🙏
बहुत लाजवाब अभिनय,, एक संजीदा मार्मिक चित्रण,,और रास्ते मे चलते चलते बात करने की कहानी बहुत कुछ कह जाती है,,,और अन्य में नेगी जी का गायन क्या कहने,,,सब कुछ perfect,,direction,, वेशभूषा,,और खासकर विशुद्ध गढ़वाली भाषा,,जो और भी आकर्षित करती है,,,
इससे प्यारा संदेश कुछ भी नही ❤️
पलायन ,बेरोजगारी ने पहाड़ की माँ को सबसे ज्यादा पीड़ा दी है आज आपकी इस शार्ट फ़िल्म से यह व्यथा फिर से जीवंत हो गई।नेगी जी का सदा ही हृदय से आभार करूँगा उनके प्रयास हमेशा पहाड़ और उसकी संस्कृति को जोड़ने का रहा है। कविलाश नेगी बहुत सुंदर फिल्माकंन किया है और जबर्दस्त अभिनय दोनों कलाकारों द्वारा👏👏👏👏👏👏❤️
last lines very emotional is heart touching 😭
वाह! नमन ऐसी मातृ शक्ति को। 🙏 नमन निर्देशक को।
बेहद सुन्दर.
मन प्रसन्नचित ह्वेगी,
केकी व्यथा केकु गम, गाैं का बाना छाेडयां छ हम..
नेगी जी का स्वर सुणी दिल खुश ह्वेगी..♥
बहुत सुंदर , हल्के फुल्के नाच गानों से एक गहरे और गंभीर सिनेमा की और बढ़ता हमारा उत्तराखंडी सिनेमा ,
आंसू छलक गए ,
बहुत ही अच्छी फिल्म बनाई है छोटे नेगी जी आपके अंदर नेगी जी के संस्कार भरपूर हैं आपको तहे दिल से नमन,🙏🙏🙏🙏 यह डोभाल जी की कहानियां हैं मैं उनका पाठक और प्रेमी हूं, अक्सर जब दिल करता है तो मैं उनको मिलने चला जाता हूं नोएडा में उम्र के आखिरी पड़ाव में अकेले पड़ गए हैं अगर परमात्मा ने इंसान को अपनी उम्र दूसरे को देने की शक्ति दी होती तो मैं अपना जीवन उनके चरणों में रख दिया होता 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹
रुला दिया, बेहतरीन अभिनय एवम लेखन निर्देशन ❤️❤️❤️❤️❤️❤️
सही कहा 🙏
❤️❤️
बेहतरीन विषय.. पहाड़ की नारी सब पे भारी...
आंखे नम हो गयी इस फिल्म को देखने के बाद मन में कुछ पुरानी यादें हैं मां की वे याद आ गयी मेरे साथ बैठकर मां भी देख रही है और पुराने दिनों को याद कर रही है बहुत सुन्दर फिल्म कल्पना नही करी इतनी जल्दी पूरी कहानी 👍👏👏👏👌👌👌
अति सुन्दर अभिनय दिल को छू लिया ऊपर से नेगी जी की मधुर आवाज।
बहुत सुन्दर!👌
आदरणीय नेगी जी, डोभाल जी, कविलाष जी और वीडियो से जुड़ी पूरी टीम को साधुवाद, बधाइयां।💐
हृदय स्पर्शी इस छोटे से वीडियो से पहाड़ की नारी के मर्म को जैसे आपने छुआ है, उसकी जितनी प्रसंशा की जाए कम है।🙏
ये हमारे अपनों के अतीत के संघर्षों का ही परिणाम है जो आज हमारा सुंदर वर्तमान है।💐🙏
Sir जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है सर
निशब्द हूं धन्य हैं आप धन्य है उत्तराखंड जो आप जैसे महान कलाकार उत्तराखण्ड की भूमि पर जन्मा है।।
और उत्तराखंड की जनता तथा उत्तराखंड को गौरवांगित कर रहा है।।❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏
इस फिल्म का महत्व सन् २००० से पहले जन्मे लोग बखूबी समझ रहे होंगे....♥️
मी बि ऊं मा छों🙋♂️
बहुत सुंदर प्रस्तुति नेगी जी द्वारा।my all time favorite The legend Negi ji
बेहतरीन
रुला दिया....
जिस ने इस प्रकार के दिन देखे हैं ये स्टोरी वही रिलाइज़ कर सकता हैं
अन्य सभी के लिए यह एक मनोरंजन स्टोरी हैं...
मेरे लिए कहने के लिए सब्द नहीँ हैं...
I have realise all about that....😢😢😢
सही बात कही भाई जी आपने
Bahut badiya Kavilas Bhai..Great work..
कथा के मूल लेखक वल्लभ डोनाल्ड जी को (दिल्ली के लोधी कालोनी के अलीगंज क्षेत्र में निवास था) कई बार देखा था। इस लघु फ़िल्म को देखकर फिर से उनकी याद आ गई। लम्बी छरहरी देह में प्रविष्ट एक साहित्यकार वल्लभ डोभाल। 3 मई,1961को उनका लिखा हुआ हिंदी में कविता संग्रह 'कदम कदम पर' जो उन्होंने मेरे दादाजी के छोटे भाई जी को भेंट किया था। ये मेरे पास अभी भी रखा हुआ है। कबिलास नेगी के कुशल निर्देशन में यह फिल्म एक प्रशंसनीय कदम है। फ़िल्म से जुड़े सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं। 🙂🫲👍🙏
सच मा नेगी दा ,, पूरा शरीर मा झनझनाहट पोडी ,, लास्ट की लाइन सुनी त ,, उत्तराखण्ड की महिलाओं कु दर्द खेरी खाण का बाउजूद भी , अपुडु दर्द से के होरु त परेशान नी कन चान्दा ,, धन्य ची पहाड़ की नारी अर पहाड़ की नारी की सहन सक्ति
🙏🙏🙏🙏 हमारी उम्र भी आप त लग जौ नेगी जी भगवान बद्री विशाल से येही कामना करदू मै 😘😘🙏🙏
Wahh ji wah kya production kya story bhut nice and negiji ki awaz rone pe majbur kar rahi hai wah negiji baghwan lambi umar de
Acting,writing, cinematography, direction etc sb ek se bdkr ek...bahut behtareen rachana banai hai...❣😊 sb aj kl song bna rhe hai..movies pe koi dhyan nhi deta...pr ye dekh k lgta hai uttrakhand mei movies ka bahut Accha scope hai...lg rha ab chakrchaal, gharjawain, teri soun etc jese movies ka daur aane wala hai...🤘😁
हम गड़वालि औरतौ कु दर्द भोलेपन और बच्चों कु भविष्य की और बुड्या सास ससुर की चिंता सब दिखायूँ ये फिल्म मा बहुत सुन्दर धन्या हैं आप महान हैं आप जो कि हमारु गड़वाले कि बोली भाषा रहन सहन संजोए रख्यूँ च 🙏🙏
आखिर का जू शब्द छा दियूर जी तुमते मेरा सोऊं छ उमा कुछ ना बोलियां इस लाइन ने तो आखों में आंसू ही निकाल दिया। ऐसी रचना तो हमारे नेगी जी ही कर सकते है 🙏🙏
रुला दिया सर जी आपने ... Amazing..
Last part amazing... 🙏
And...केकु बाबा ल राठ बिवाई..... Ye rath wali story kafi purani hai... But is video ke माध्यम आज हमे ऐसा लगा जैसे हमने आज वो कहानी live देख ली... 🙏💕
मेरी मां ओर मेरी परिवार की स्टोरी भी इसे ही थी वो दिन याद आगये। Thanks for making this video sir.🙏🙏
Ankho me anshu aa gyi...... Lajbav short film or usse bhi umda abhinaya khaskar female character *bahin ko is pardashan ke liye sadar parnaam*
बहुत ही मार्मिक पहाड़ की नारीशक्ति की जय हो🙏🏻🙏🏻 ❤️❤️ जय उत्तराखंड जय देवभूमि
bohut hi heart touching short film negi da😍❤
बढ़िया काम । नेगीजी के काम का विस्तार इतना है कि पहाड़ की जिंदगियो का शायद ही कोई ऐसा पहलु हो जो उनके गानों में अनछुआ रह गया हो। ये लघु फ़िल्म "दिल्ली वाला दयुरा' और 'सुण रे दिदा तेकु अयुच भौजी को सावला" गानों की याद दिलाता है। keep doing good work Kavi.
में निशब्द हूं।। पहाड़ की वेदना ने दिल झकझोर दिया
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
इस तरह की रचना श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी के मार्गदर्शन में ही रची जा सकती है नमन
वाह वाह बहुत सुंदर कुछ हट के देखने को मिला वाह बहुत शानदार जितनी तारीफ करें उतनी कम।।
जी भेजी
नमस्कार..नेगी जी। ये कहानी मेरे पिताजी श्री बल्लभ डोभाल जी के द्वारा लिखी गई है जो मुझे बहुत पसंद हैं।। लेकिन जिन कलाकारों ने इस कहानी को अभिनय रुप में प्रस्तुत किया है।।वो भी काबिले-तारीफ है।।
I got tears in my eyes seing this beautiful story.😢😢.... Execellent job... Whole team👍👍👍👍
Mera mana hai ki pure uttrakhand ka etihaas or mahilao ke dhuk dard ko negi g se jyada koi nhi samjha sakta ❤❤❤❤❤❤
जय हो उत्तराखंड की नारी आपते सत सत प्रणाम🙏 पिता पुत्र दोनों ते बहुत शुभकामनायें आप धन्य छिन श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी 🙏 कहानी और गीत द्वीवकोँल आखों माँ पाणी लीयेली🙏अभिनय भौत सुन्दर, पिक्चरआईजेसन अति सुन्दर पूरी टीम ते बहुत बहुत ध्न्यावाद 🙏
Heart touching ❤️ last line 🖋️ कुछ ना बोल्यां
बहुत ही गजब नेगी जी के चैनल पर सभी परिस्थितियों बहुत ही गजब दी जाती है
Itni sundar tarike se prastut kiya gya hai...dil bhar aaya...🥰🥰🥺🥺🥺
अंतिम पंक्ति "ऊँमा कुछ ना बुल्याँ" ने दिल जीत लिया।