सतनाम साहिब बंदगी साहब जी को खूब खूब धन्यवाद सब लोगों में ज्ञान का प्रचार कर रहे हैं सभी आत्माओं को जग रहे हैं इसलिए आपको खूब को कोटि कोटि बंदगी साहिब बंदगी
निज नाम क्या है क्या आत्मा हिंदी के नाम है आत्मा तो सब में रमन कर रहा है ब्रह्मा विष्णु महेश दुर्गा निरंजन हेतु शरीर का नाम है इनमें भी एक आत्मा है क्या सभी आत्मा कवीरदेव है क्या सब को कबीर ही बोलना चाहिए। आत्मा और परमात्मा मे बहुतअंतर है । क्यों कि परमात्मा/ परम आत्मा कभी मां के गर्भ में नहींआते लेकिन जितने भी देवता मानव दानव जितने भी शरीर धारण किए हुए आत्मा है सभी मां के गर्भ से ही उत्पन्न होते हैं लेकिन संसार में आकर विषय बंधन में बनते हैं इसलिए जीव कहलाते हैं लेकिन पीछे बंधन का त्याग करता पुनः आत्मा हो जाता है जैसे किसी बालक का सर्टिफिकेट में नाम राम है लेकिन लेकिन सभी लोग प्यार से रामू कहते हैं राम और रामू में कोई अंतर नहीं है केवल राम शुद्ध नाम है और रामू अशुद्ध है काम शुद्ध नाम अर्थात राम से हीबनेगा जब तक दे धारण किया वह है तब तक जीव है लेकिन जब उसे जड़ चेतन का भेद हो जाता है आत्मज्ञान गुरुदेव के द्वारा मिल जाता है वह परमात्मा को पहचान जाते हैं जिसने इस शब्द की आत्मा को प्रकट किया जीवात्मा किसे कहते हैं यह बार बार कर्म बंधनों में बनता है लेकिन वह परम आत्मा किसी बंधुओ से नहीं बनते वह समरथपुरा सत्पुरुष भगवान सतलोक में परमहंस रूप में है । जिसको आप जीव और आत्मा कह रहे हैं वह सतलोक में हंस बन जाता है सत्पुरुष के एक रोमकूप में कोटी चांद सूरज का प्रकाश कहा जाता है लेकिन जो जीवात्मा सतलोक में हंस बनते हैं उसका 16 सुर्य के प्रकाश का शरीर होता है। यहविशेष अंतर है हे साधु भगवान आत्मा कभी भी परमात्मा नहीं बन सकता
Kabir kabir kya kre tu khoj apna sharir....sharir mai jo ram rha yani k apna sharir mai khojo...kya ram rha hai...swaans....swas surat k madhya mai kabhi na nyara hoy
🌹🙏🌹sat saheb ji bandagi ji satnam ji jay satnam ji sat Guru ji Nitin das baba saheb ji app ki sada hi jay ji 🌹🙏🌹
भेदी सतगुरू नितिनदासजी साहेबजी प्रणाम जी सत् कबीरजी साहेबजी बंदीछोड मालिक जी का सदा सदा जय जय कार हो साहेबजी बंदगी सतनाम गुरूजी
Satnam Saheb bandgi Nitin das guru ji aap ki kripa Jo sabad ved khole hi
❤ saheb bandagi satnam 🙏🏻🌷🌹🌹🌹🌹🌹
Sahib Bandagi satnam
Saheb Bandagi satyam guru ji
साहेब बंदगी सतनाम जी
सतनाम 🙏🙏🙏
सतनाम साहिब बंदगी साहब जी को खूब खूब धन्यवाद सब लोगों में ज्ञान का प्रचार कर रहे हैं सभी आत्माओं को जग रहे हैं इसलिए आपको खूब को कोटि कोटि बंदगी साहिब बंदगी
Saheb bandagi
जय सतनाम जी 🙏🌷🌹
जय हो बंदी छोड़ सब्द गुरू की जय हो
साहेब बंदगी सतनाम जी 🙏🌷🙏
गुरु भाई जी 🙏🌷🙏❤❤
Satnam guruji saheb bandgisatnam🌴🙏🌴
साहिब बंदगी ❤❤❤❤❤❤❤❤😮
🙏साहेब बंदगी सतनाम जी 🙏
Harjiv garb se hai par sharir dharan karti hai aatma our ek sarise ya ghat se bolti hai ji sat shaheb ji
जय बन्दी छोड
👍👍👍👍
Saheb bandagi satnam ap Bareilly k ab a rahaa ho
वेसे जितने भगत आपके साथ जुडे हे साईद वो ऐक बार कबीर सागर खुद पड ले तो ठीक होगा ढोंगी बाबो की जरूरत ही नहीं हे😊
Swas aur surt k madhya kya hota ...adhar....thikana..surat or nirat se khojo....
🍀सतनाम🍀😂
Ek aadmi ne puchha atma sharir me kab aati hai vo aapne golmol kar diya jwab aaya hi nahin.
निज नाम क्या है क्या आत्मा हिंदी के नाम है आत्मा तो सब में रमन कर रहा है ब्रह्मा विष्णु महेश दुर्गा निरंजन हेतु शरीर का नाम है इनमें भी एक आत्मा है क्या सभी आत्मा कवीरदेव है क्या सब को कबीर ही बोलना चाहिए। आत्मा और परमात्मा मे बहुतअंतर है । क्यों कि परमात्मा/ परम आत्मा कभी मां के गर्भ में नहींआते लेकिन जितने भी देवता मानव दानव जितने भी शरीर धारण किए हुए आत्मा है सभी मां के गर्भ से ही उत्पन्न होते हैं लेकिन संसार में आकर विषय बंधन में बनते हैं इसलिए जीव कहलाते हैं लेकिन पीछे बंधन का त्याग करता पुनः आत्मा हो जाता है जैसे किसी बालक का सर्टिफिकेट में नाम राम है लेकिन लेकिन सभी लोग प्यार से रामू कहते हैं राम और रामू में कोई अंतर नहीं है केवल राम शुद्ध नाम है और रामू अशुद्ध है काम शुद्ध नाम अर्थात राम से हीबनेगा जब तक दे धारण किया वह है तब तक जीव है लेकिन जब उसे जड़ चेतन का भेद हो जाता है आत्मज्ञान गुरुदेव के द्वारा मिल जाता है वह परमात्मा को पहचान जाते हैं जिसने इस शब्द की आत्मा को प्रकट किया जीवात्मा किसे कहते हैं यह बार बार कर्म बंधनों में बनता है लेकिन वह परम आत्मा किसी बंधुओ से नहीं बनते वह समरथपुरा सत्पुरुष भगवान सतलोक में परमहंस रूप में है । जिसको आप जीव और आत्मा कह रहे हैं वह सतलोक में हंस बन जाता है सत्पुरुष के एक रोमकूप में कोटी चांद सूरज का प्रकाश कहा जाता है लेकिन जो जीवात्मा सतलोक में हंस बनते हैं उसका 16 सुर्य के प्रकाश का शरीर होता है। यहविशेष अंतर है
हे साधु भगवान आत्मा कभी भी परमात्मा नहीं बन सकता
Kabir kabir kya kre tu khoj apna sharir....sharir mai jo ram rha yani k apna sharir mai khojo...kya ram rha hai...swaans....swas surat k madhya mai kabhi na nyara hoy
Kabhi aap kahte ho ye sab baithe hain ye aatma hain or aaj kaha rahe ho ye sab jeev hain. Aisa kyun kar rahe ho.
बंदा ता सही हे पर गल तेरी समज नही आई 😂