वनारस का वह मंदिर जहाँ तुलसीदास को हुए हनुमान जी के दर्शन || संकट मोचन हनुमान ||

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  • čas přidán 12. 05. 2024
  • क्या आपको पता है की वनारस में एक ऐसा मंदिर भी है जहाँ पर तुलसीदास जी को हनुमानजी के दर्शन हुए थे? क्या आपको पता है की तुलसीदास जी को हनुमान जी के दर्शन एक भूत ने कराये थे?
    काशी 6जो आज कल वनारस नाम से जाना जाता है | दोस्तों, लोग इस शहर को शिव जी की नगरी कहते है और यहाँ पर शिव जी मान्यता भी है?
    लेकिन क्या आपको पता है कि इस शहर में एक ऐसा मंदिर भी है, जहाँ पर तुलसीदास जी को हनुमान जी दर्शन दिए थे | और आज उस मंदिर को हम संकट मोचन हनुमान मंदिर से जानते है |
    हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है, की तुलसी दास जी हर रोज शाम को संध्या वंदन से पहले गंगा जी में स्नान करने जाते थे और वहां से आते वक़्त कमंडल में जल भर के लाते थे |
    जिस रास्ते वे अपने आश्रम की तरफ आते थे उसी रस्ते में एक सूखा पेड़ पड़ता था, तुलसी दास जी उस पर अक्सर उस जल को चढ़ा दिया करते थे |
    एक दिन हर रोज की तरह तुलसीदास जी जब जल को चढ़ाते है, तो वहां पर एक प्रेत प्रकट हो जाता है | और वो तुलसी दास जी का नाम लेकर कहता है, की आप घबराइए नहीं मैं आपके साथ कुछ कुछ भी गलत नहीं करूँगा |
    मै एक ब्रह्म प्रेत हूँ और मै कई सालों से इस वृक्ष में रहता हूँ | मै कई वर्षो से प्यासा भी था | वैसे तो इस रास्ते से कई लोग निकलते है लेकिन कभी किसी ने इस वृक्ष पर जल चढ़ाने की जिज्ञासा तक नहीं दिखाई |
    लेकिन आपने मुझ अतृप्त प्रेत को तृप्त कर दिया है | इसलिए ये मुनिवर मैं आपकी एक इच्च्चा पूरी करना चाहता हूँ | आप मांगो आपको क्या चाहिए ?
    प्रेत की ये बात सुनकर तुलसीदास जी उस प्रेत को कहते है कि, मैं एक साधारण सा साधु हूँ, भला मैं कुछ मांग कर क्या ही करूँगा, अगर आप कुछ देना ही चाहते हो तो मुझे मेरे प्रभु श्री राम के दर्शन करवा दीजिये |
    यह बात सुनकर वह प्रेत तुलसीदास जी से कहता है की ये मुनिवर अगर मुझमे इतना ही सामर्थ्य होता तो मैं प्रेत योनि में क्यों रहता |
    यह सुनकर तुलसी दास जी थोड़ा सा मुस्कुराते है और कहते है चलिए कोई नहीं और फिर थोड़ा सा आगे बढ़ जाते है |
    फिर पीछे से वह प्रेत दोबारा से आवाज लगता है और कहता है कि रुकिए मुनिवर भले ही मैं आपको आपके प्रभु के दर्शन न करा सकूं लेकिन प्रभु के अनन्य भक्त तो आपको उनके दर्शन करवा सकते है | इस बात को सुन कर तुलसीदास जी पूछते है की कौन?
    तो वह प्रेत कहता है कि और कौन स्वयं हनुमान जी, जो हर रोज आपके यहाँ पर एक बृद्ध ब्राह्मण के रूप में राम कथा को सुनने आते है | कथा सुनाने के लिए, वह आपके यहाँ पर सबसे पहले आते है और सबसे लास्ट में जाते है |
    तुलसीदास जी यह सुनकर वहां से चले जाते है और जब वह राम कथा का आयोजन करते है तो वह उस बात का ध्यान रखते है |
    जब कथा समाप्त हो जाती है, तो वह हनुमान जी के पीछे पीछे चलने लगते है, यह देख कर हनुमान जी और भी तेज चलने लगते है | तभी तुलसीदास जी पीछे से एक आवाज देते है और कहते है हे! बजरंगबली इस अबोध राम भक्त के लिए रुकने की कृपा करें?
    यह सुनकर हनुमान जी रुक जाते है और फिर तुलसीदस जी को दर्शन देते है | दोस्तों ऐसा कहा जाता है की जब हनुमान जी तुलसीदास जी को दर्शन देके अंतर्ध्यान हो गए ,तो वह पर एक सिद्धपीठ मूर्ती स्यवंभू हुयी |जिसे हम संकट मोचन हनुमान के नाम से जानते है |
    #sankatmochanmahabalihanuman #hanumantemple #varanasi
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    Instagram page : / ajayrathaur0

Komentáře • 1

  • @vivekrehani2953
    @vivekrehani2953 Před měsícem

    There is no ghost in this world. Practically. Bhi
    Every thing is GOD.
    DEVI SARVBHOOTESHU HOTA.
    MAY BE NICHOLAS. AT LOTHIAN CEMETERY.
    THEY EXAMINE. OUR INTENTIONS THOUGHT IDEAS. KARMAS. PRACTICALLY BHI. THEN SHOW HIMSELF/HERSELF.REAL FACE.
    NAMOSAINATHAM💎💎💎
    OMSAIRAMA☀️☀️
    GUARANTEED🐝🐝