डॉक्टर सिन्हा साहब बहुत ज्ञानी महापुरुष हैं। इनकी बातें सुनकर बहुत अच्छा लगता है। इनका ज्ञान आध्यात्म, धर्म, दर्शन शास्त्र जिसमे दुनिया भर के विचारकों का समावेश है जो मानव कल्याण और ज्ञान अर्जित करने के लिए किसी को भी सुनना पसंद आएगा।
@@mantarang9702 भाई जी ऐसा नहीं है की ओशो की ही प्रशंसा की हो मैने तो उनके काफी वीडियो देखे हैं मगर मुझे तो ऐसा लगा की उन्होंने जो बातें सराहने वाली थी और जनकल्याण की विचारधारा वाली रही हैं सभी की प्रशंसा की है।
भाई, नमस्कार, प्रश्न चाहे बहुत हों या कम हों, लेकिन जीवन में प्रश्न होने ही चाहिएं। अब देखिए, यह बात अलग है कि, कोई व्यक्ति किसी प्रकार का सवाल करे और उत्तर देने वाला बिल्कुल ठीक ठीक उसका जवाब दे, और वह जवाब सौ प्रतिशत बिल्कुल सही हो, तो फिर यह उस सवाल करने वाले पर निर्भर करता है कि, वह ठीक ठीक दिये गए जवाब पर विश्वास करेगा या नहीं। देखिए, यदि कोई सवाल है तो, उसका उत्तर भी अवश्य ही है और यदि कोई सवाल ही नहीं है तो उसका कोई उत्तर भी नहीं है। सवाल भी दो प्रकार के होते हैं एक वह जो वास्तव में सवाल है और सवाल करने वाला वास्तव में उसका उत्तर पाना चाहता है। वह सवाल नहीं होना चाहिए कि, व्यक्ति यह सोचे कि, चलो सवाल करके देखते हैं कि यह क्या जवाब देगा। आजमाईश करने वाला सवाल कभी भी अपना उत्तर प्राप्त नहीं कर सकता है। दूसरा यह कि किए गए सवाल का जवाब वास्तविक ही होना चाहिए, क्योंकि किसी भी सवाल के बहुत से जवाब होते हैं परन्तु वास्तविक जवाब एक ही होता है जो कि वास्तविक ही होता है। खैर, एक व्यक्ति के अंदर एक सच्चा सवाल होना ही चाहिए इस अपेक्षा से कि काश मुझे इसका वास्तविक जवाब मिल सके।
सर्वप्रथम आपका तात्पर्य क्या है ? और अध्यात्म क्या है मैं जहां तक समझता हूं नैतिकता का संबंध तो केवल और केवल भौतिक जगत से है क्योंकि भौतिक जगत में ही सही और ग़लत अच्छी और बुरी जैसे विचार होते है और वह भी समय के साथ बदलते भी रहते हैं। और जहां तक मेरी समझ है नैतिकता का उद्देश्य है एक अच्छे और सभ्य समाज का निर्माण करना। जिससे समाज अच्छे ढंग से आगे बढ़ सकें। नैतिकता का व्यक्तिगत कोई लाभ है नहीं परन्तु अगर नैतिकता स्वयं अपनी समझ से निर्मित हो जिसमें न कोई स्वार्थ न कोई डर और न कोई अंहकार हो तब ही वह नैतिकता सही मायने में सार्थक और कल्याणकारी होगी। और यह सब जो लक्षण है अंहकार का न होना, डर का न होना, और निस्वार्थ होना यह सब तो अध्यात्मिक सिध्दांत है तो क्या यह नैतिकता से अध्यात्म में आया है या अध्यात्म से नैतिकता में गया है। और जो आपने कथा सुनाई रामायण की उसका जो आपने अर्थ समझाया यह कितना विरोधाभासी है। अगर कोई ऐसी परिस्थिति उत्पन्न होती जिसमें आम जन जो भौतिक और वर्तमान रुप में जो सही है उसके अनुरूप प्रतिक्रिया करें और कोई अध्यात्मिक पुरुष अध्यात्मिक ज्ञान के अनुरूप प्रतिक्रिया करें तो वह गलत और पाखंडी कैसे हो सकता है अगर अध्यात्मिकता का अर्थ भौतिक स्तर पर क्या सही और क्या ग़लत है इसी के अनुरूप जीना है तो अध्यात्म कि क्या जरूरत है और क्यों फिर इसमें भौतिकता से पड़े की चर्चा की गई है। अगर अध्यात्मिक होकर भी मुझे समाज और अभिभावक द्वारा दिए गए नैतिक शिक्षा का पालन करना है तो इसमें अध्यात्म की क्या भूमिका है। तो फिर तो यह सभी काम भौतिकवादी कहीं अच्छे ढंग से कर सकते हैं।
मैं आप से सहमत हूं। अध्यात्म ध्यान से मिल सकता हैं भौतकी के पिछे चलना व्यापर हैं। गांधी समझ नहीं आता । बह्रमचारी है ये दिखाने के लिए जो किया वो भौतकी है अध्यात्म है। गांधी उधारण गलत लगता हैं। ध्यान करते भौतकी वस्तू की सोचते हो कैसे लगा। समझाऐ
तात्पर्य तो मुझे भी समझ नहीं आया.. किंतु, अध्यात्म, एक व्यक्तिगत विषय है। जैसे कबीर कहते हैं, राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट...। पर फिर कोई पात्रता की कटोरी लाया है कोई चम्मच कोई घड़ा, और कुछ मेरे जैसों ने तो चम्मच भी उल्टा रखा हुआ है। अंग्रेजी की वह कहावत याद आ रही है, some go to drink from the the fountain of knowledge, and some go there just to gargle.. Something like what I am trying to do right now, by being nosy..
What I understand is If someone is silent against bad karma performed in front of him then God does not give him mukti immediately but if someone lay down his life for fighting for good cause then god give him mukti immediately.............Speaker sir is trying to give what is call morality (for anyone whether he is saint or not if someone doing wrong to women , children or old age persons then all should raise voice against this )
अध्यात्म ज्ञानी,आत्म ज्ञान जिसको प्राप्त हो गया उसकी दृष्टि में हर जीव एक जैसा है।अध्यात्म ज्ञान वो है हर एक जीव का सम्बन्ध ईश्वर से है यही सत्य है। जय श्री कृष्ण
U r very right sir . Patanjali's yam , niyam have to be followed first and that is enough to start with . For society's safety and growth people have to to be moral . Rest is all about them who want to get deep into spiritual knowledge.
आचार्य जी प्रणाम अध्यात्म का एक सीधा अर्थ है ।वह पथ,मार्ग जो आत्मा के स्वरूप का , ईश्वर का बोध या अनुभव कराए । और जो इस दिशा में प्रयत्न करे तथा स्वरूप को अनुभव कर ले वह आध्यात्मिक कहलाया जाता है । रही बात स्लेबस की तो हमारे पास तो वेद ,उपनिषद ही है उन्ही से लिया जा सकता है । इसमें ही यम नियम आसन प्राणायाम आदि सब आते ही हैं । 🙏
महोदय आपके श्री चरणों में मेरा सादर प्रणाम आप जैसा महा पुरुष इस धरती पर इस कलयुग में भी अवतरित हुए हैं मुझे विश्वास नहीं हो रहा है। आप अवतारी पुरुष होने के वावजूद भी एक गलती कर बैठे हैं आप आचार्य प्रशान्त कि बात करते हैं आप उनकी एक विडियो है नैतिकता पर आप उसे देख सकते हैं और जो भी देखे कम से कम उसे समझो तो यहां यह कुछ बोल रहे हैं और वहां आचार्य प्रशान्त कुछ और बोल रहे हैं और आपने दोनों को ही सही कह दिया यह क्या बात हुई। czcams.com/video/CWAwWWs1KeM/video.html
@@rajeshojha5139 नमस्कार, कृपया पूरा पढ़ें। इससे पता चलता है आप दोनों को कितना सुनते है और समझते है। गुरूजी ने जो आध्यात्मिक होने के लक्षण बताये है उसमें सत्याग्रही(गाँधीजी), यथार्थवादी(जो हवाई बातें न करे), अपना आत्मबल जगाकर अधर्म के विरुद्ध उठ खड़ा होना(मार्क्स, बाबासाहेब, गरुड़ के उदाहरण) असली अध्यात्म वही है जो तुम्हें कमज़ोर नहीं ताकतवर बनाए। इस व्याख्या की मैं बात कर रहा हूँ। आचार्य प्रशांत भी अध्यात्म का ताकतवर रूप सामने रख रहे है, जिसमें मजबूरी, कमज़ोरी जैसे शब्द नहीं है। वे अंध्विश्वास, पाखंड, भोगवाद, सामाजिक कुरीतियां, पशु शोषण, नारी सशक्तिकरण आदि सबकी मूल जड़ पर चोट कर रहे है। लेकिन आपकी सुई moral, immoral पर आकर अटक गई। अब गुरूजी कह रहे है जो immoral है वो spiritual नहीं हो सकता। यहाँ immoral मतलब जिसकी कथनी-करनी में फ़र्क़ हो, जो चोरी करें, धोखा दे, भ्रष्ट आचरण रखे, मुँह में राम बगल में छुरी वाला। तो वो तो वैसे भी spiritual नहीं हो सकता, क्योंकि अध्यात्म में आप अपने मन पर काम करते है। अपने आप से झूठ नहीं बोल सकते, आध्यात्म कड़ी इमानदारी है खुद से ही। आध्यात्मिक पथ पर स्वयं से कड़ी ईमानदारी को ही महर्षि पतंजलि ने यम- नियम के रूप में बताया है, जो मन के शुद्धिकरण के साधन है।(बाहर वो morality ही लगती है परंतु भीतर शुद्धिकरण की प्रक्रिया) रही बात आचार्य प्रशांत के वीडियो की तो उसमें वे नकली morality के खिलाफ़ बोल रहे है, जो लोग ओढ़ लेते है अपनी भीतरी immorality को छिपाने के लिए। ऐसे लोग ख़ुदको और दूसरों को दोनों को धोखा देते है। जो immoral होने से भी खतरनाक है। भीतर कुछ, बाहर कुछ और। वे इन दोनों से ऊपर उठने की बात कर रहे है। आध्यात्मिक होने की बात कर रहे है, जो आध्यात्मिक हो गया वो वैसे ही विवेकवान है, वो सही ही करेगा। लेकिन समाज की बनाई morality की परिभाषा के हिसाब से वो immoral भी लग सकता है। जैसे श्रीकृष्ण और श्रीराम को भी लोग बोल देते है। जिसे गुरूजी morality कह रहे है उसे आचार्य प्रशांत होशपूर्ण 'सही चुनाव' कहते है। आशा करता हूँ आप समझे होंगे। धन्यवाद🙏
Guru g ko parnam. Adhyatam ko apne atma soil se joda. Only true Guru meet us and help us to meet our atama or soil. And bring us three quality in one first is shatri or brave to fight for true dharam. Second is Braham or knowledge and third is shodar or sewa or karma or kirat for humanity and love for all.
🙏🙏🙏🙏🙏 In recent days I found you and started listening to you babaji. All i can say मैं धन्य हुई बहुत ख़ुश हूँ आप मिले ओर आपके बहुत सारे video मैंने देखे ओर देखती रहूँगी ओर बहुत सारे सवालों के जवाब मिल रहे हैं ख़ास कर के शिव जी के बारे में बाबाजी आपके चरणो में मेरा हृदय से नमस्कार 🙏
Bahut vinamra Hain guru ji yahi sachhe sant ki pehchan hai itne gyani hone ke bawjood bhi guru ji me ahankar ka lesh matra bhi nahi aapko sunkar lagta hai jaise bhole baba maa bhagwati ko samjha rahe koti koti Naman🙏🌹real gem of india
मैं आपको मैं आपको असाधारण शिष्य मानता हूं इसने ऐसी गुरुजी का सानिध्य प्राप्त किया भविष्य में आशा करता हूं आप ऐसे ही महा अनुभव और ज्ञानियों से हमारा परिचय करते रहेंगे
आज मुझे यह पता चला कि सत्य की प्राप्ति के लिए जब कोई व्यक्ति चलता है तो बहुत दूर चला जाता है और वह एक पतले संकरे रास्ते पर पहुंच जाता है जहां पर उसको दूसरे लोग देखते हैं तो कोई दूसरा ही नाम दे देते हैं जबकि उसने स्वयं उस रास्ते का वो नाम नहीं दिया है मार्क्स के बारे में बात कर रहा हूं या अंबेडकर साहब वाला जो आपने बताया उसके बारे में बात कर रहा हूं तो एक सकरी रास्ते को एक लोग नाम दे देते हैं रुझान नहीं पाते हैं लास्ट में आपने जो बताया वह बिल्कुल सही बात है
आध्यात्मिकता( Spiritualism) के अनुसार पुरुष केवल ईश्वर हैं, हम प्रकृति हैं। हर जीवों में आत्मा के रूप में ईश्वर विराजमान हैं। उनके बिना जीव मृतप्राय है। किसी भी जीव को हिंसा ईश्वर के प्रति हिंसा है। इसीलिए परोपकार के लिए कार्य करते हुए ईश्वर भक्ति करके जीवन सफल बनाना चाहिए।🙏
HS Sinha is living in self created illusion... Sinha sir you have immense information now it is time to go beyond what has been known to you .. Pra ko pehchaniye 🙏🙏
🙏 Guruji, app itne gyan ke khajana rakhe hue hein ki bade bade ki pasina chhut jayega.... Phir bhi un ke andar itna namrata hey jo dekh ke nat mastak app ke samne
Thanks to The Quest and Sh. HS Sinha for providing us all the videos on philosophy and other subjects in the brief.
🤗
डॉक्टर सिन्हा साहब बहुत ज्ञानी महापुरुष हैं। इनकी बातें सुनकर बहुत अच्छा लगता है। इनका ज्ञान आध्यात्म, धर्म, दर्शन शास्त्र जिसमे दुनिया भर के विचारकों का समावेश है जो मानव कल्याण और ज्ञान अर्जित करने के लिए किसी को भी सुनना पसंद आएगा।
Gyan me mamle me inhone ek ko hi
Appreciate Kiya h
Wo osho ko
@@mantarang9702 भाई जी ऐसा नहीं है की ओशो की ही प्रशंसा की हो मैने तो उनके काफी वीडियो देखे हैं मगर मुझे तो ऐसा लगा की उन्होंने जो बातें सराहने वाली थी और जनकल्याण की विचारधारा वाली रही हैं सभी की प्रशंसा की है।
Okay sir ❤️🫂
@@mantarang9702 Love you too
@@subhashchand8185 love you 3000 times 🫂❤️🙏🏻
जय हो गुरुदेव जी, नैतिकता के बिना आध्यत्मिकता वैसा ही है जैसे पानी बिना भोजन😊
First step is unconditional love for all living beings.
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सही बात
हमारे उतने प्रश्न नहीं होंगे जितना गुरु जी आप का ज्ञान है 🙏🙏
Jeevan mai ek samay aata hai jab asankhya prashan utpann hotey hai,
Shi bat h
भाई, नमस्कार, प्रश्न चाहे बहुत हों या कम हों, लेकिन जीवन में प्रश्न होने ही चाहिएं। अब देखिए, यह बात अलग है कि, कोई व्यक्ति किसी प्रकार का सवाल करे और उत्तर देने वाला बिल्कुल ठीक ठीक उसका जवाब दे, और वह जवाब सौ प्रतिशत बिल्कुल सही हो, तो फिर यह उस सवाल करने वाले पर निर्भर करता है कि, वह ठीक ठीक दिये गए जवाब पर विश्वास करेगा या नहीं। देखिए, यदि कोई सवाल है तो, उसका उत्तर भी अवश्य ही है और यदि कोई सवाल ही नहीं है तो उसका कोई उत्तर भी नहीं है। सवाल भी दो प्रकार के होते हैं एक वह जो वास्तव में सवाल है और सवाल करने वाला वास्तव में उसका उत्तर पाना चाहता है। वह सवाल नहीं होना चाहिए कि, व्यक्ति यह सोचे कि, चलो सवाल करके देखते हैं कि यह क्या जवाब देगा। आजमाईश करने वाला सवाल कभी भी अपना उत्तर प्राप्त नहीं कर सकता है। दूसरा यह कि किए गए सवाल का जवाब वास्तविक ही होना चाहिए, क्योंकि किसी भी सवाल के बहुत से जवाब होते हैं परन्तु वास्तविक जवाब एक ही होता है जो कि वास्तविक ही होता है। खैर, एक व्यक्ति के अंदर एक सच्चा सवाल होना ही चाहिए इस अपेक्षा से कि काश मुझे इसका वास्तविक जवाब मिल सके।
सर्वप्रथम आपका तात्पर्य क्या है ? और अध्यात्म क्या है मैं जहां तक समझता हूं नैतिकता का संबंध तो केवल और केवल भौतिक जगत से है क्योंकि भौतिक जगत में ही सही और ग़लत अच्छी और बुरी जैसे विचार होते है और वह भी समय के साथ बदलते भी रहते हैं। और जहां तक मेरी समझ है नैतिकता का उद्देश्य है एक अच्छे और सभ्य समाज का निर्माण करना। जिससे समाज अच्छे ढंग से आगे बढ़ सकें। नैतिकता का व्यक्तिगत कोई लाभ है नहीं परन्तु अगर नैतिकता स्वयं अपनी समझ से निर्मित हो जिसमें न कोई स्वार्थ न कोई डर और न कोई अंहकार हो तब ही वह नैतिकता सही मायने में सार्थक और कल्याणकारी होगी।
और यह सब जो लक्षण है अंहकार का न होना, डर का न होना, और निस्वार्थ होना यह सब तो अध्यात्मिक सिध्दांत है तो क्या यह नैतिकता से अध्यात्म में आया है या अध्यात्म से नैतिकता में गया है।
और जो आपने कथा सुनाई रामायण की उसका जो आपने अर्थ समझाया यह कितना विरोधाभासी है। अगर कोई ऐसी परिस्थिति उत्पन्न होती जिसमें आम जन जो भौतिक और वर्तमान रुप में जो सही है उसके अनुरूप प्रतिक्रिया करें और कोई अध्यात्मिक पुरुष अध्यात्मिक ज्ञान के अनुरूप प्रतिक्रिया करें तो वह गलत और पाखंडी कैसे हो सकता है अगर अध्यात्मिकता का अर्थ भौतिक स्तर पर क्या सही और क्या ग़लत है इसी के अनुरूप जीना है तो अध्यात्म कि क्या जरूरत है और क्यों फिर इसमें भौतिकता से पड़े की चर्चा की गई है। अगर अध्यात्मिक होकर भी मुझे समाज और अभिभावक द्वारा दिए गए नैतिक शिक्षा का पालन करना है तो इसमें अध्यात्म की क्या भूमिका है। तो फिर तो यह सभी काम भौतिकवादी कहीं अच्छे ढंग से कर सकते हैं।
मैं आप से सहमत हूं। अध्यात्म ध्यान से मिल सकता हैं भौतकी के पिछे चलना व्यापर हैं। गांधी समझ नहीं आता । बह्रमचारी है ये दिखाने के लिए जो किया वो भौतकी है अध्यात्म है। गांधी उधारण गलत लगता हैं। ध्यान करते भौतकी वस्तू की सोचते हो कैसे लगा। समझाऐ
तात्पर्य तो मुझे भी समझ नहीं आया..
किंतु, अध्यात्म, एक व्यक्तिगत विषय है।
जैसे कबीर कहते हैं, राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट...।
पर फिर कोई पात्रता की कटोरी लाया है कोई चम्मच कोई घड़ा, और कुछ मेरे जैसों ने तो चम्मच भी उल्टा रखा हुआ है।
अंग्रेजी की वह कहावत याद आ रही है, some go to drink from the the fountain of knowledge, and some go there just to gargle..
Something like what I am trying to do right now, by being nosy..
What I understand is If someone is silent against bad karma performed in front of him then God does not give him mukti immediately but if someone lay down his life for fighting for good cause then god give him mukti immediately.............Speaker sir is trying to give what is call morality (for anyone whether he is saint or not if someone doing wrong to women , children or old age persons then all should raise voice against this )
read Buddhist philosophy, or attend Vipassana shivir in Igatpuri
Aadhyatmik hone ka arth, kayar hona n h....
इतने ज्ञानी महान व्यक्तित्व को सुनकर ऐसा लगता है कि इनको और सुने।।
ये हमारे inspiration है।
अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना ही सही अध्यात्म है मानव समाज की ब्यवसथा का आधार अध्यात्म है अध्यात्म हमेशा न्याय की ही बात करता है
अध्यात्म में क्या सिर्फ मानव समाज की बात की जाती है या फिर समस्त जीव.
अध्यात्म ज्ञानी,आत्म ज्ञान जिसको प्राप्त हो गया उसकी दृष्टि में हर जीव एक जैसा है।अध्यात्म ज्ञान वो है हर एक जीव का सम्बन्ध ईश्वर से है यही सत्य है।
जय श्री कृष्ण
U r very right sir .
Patanjali's yam , niyam have to be followed first and that is enough to start with . For society's safety and growth people have to to be moral . Rest is all about them who want to get deep into spiritual knowledge.
आचार्य जी
प्रणाम
अध्यात्म का एक सीधा अर्थ है ।वह पथ,मार्ग जो आत्मा के स्वरूप का , ईश्वर का बोध या अनुभव कराए ।
और जो इस दिशा में प्रयत्न करे तथा स्वरूप को अनुभव कर ले वह आध्यात्मिक कहलाया जाता है ।
रही बात स्लेबस की तो हमारे पास तो वेद ,उपनिषद ही है उन्ही से लिया जा सकता है ।
इसमें ही यम नियम आसन प्राणायाम आदि सब आते ही हैं ।
🙏
Guru ji ....you are a true spiritual teacher 🙏.Dil se abhaar 🙏
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गुरु जी को दिल से धन्यवाद, मैं उनको बहुत देखता हूं।
गुरु जी को मेंरा शत् शत् नमन् एवं प्रणाम🙏🙏🙏🙏 ......
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गुरूजी की व्याख्या अनुसार आध्यात्मिक शक्ति के वाहक असली आध्यात्मिक पुरुष आज के समय में है 'आचार्य प्रशांत' जो लोगों में आत्मबल का संचार कर रहे है।
महोदय आपके श्री चरणों में मेरा सादर प्रणाम आप जैसा महा पुरुष इस धरती पर इस कलयुग में भी अवतरित हुए हैं मुझे विश्वास नहीं हो रहा है। आप अवतारी पुरुष होने के वावजूद भी एक गलती कर बैठे हैं आप आचार्य प्रशान्त कि बात करते हैं आप उनकी एक विडियो है नैतिकता पर आप उसे देख सकते हैं और जो भी देखे कम से कम उसे समझो तो यहां यह कुछ बोल रहे हैं और वहां आचार्य प्रशान्त कुछ और बोल रहे हैं और आपने दोनों को ही सही कह दिया यह क्या बात हुई।
czcams.com/video/CWAwWWs1KeM/video.html
@@rajeshojha5139 नमस्कार, कृपया पूरा पढ़ें।
इससे पता चलता है आप दोनों को कितना सुनते है और समझते है। गुरूजी ने जो आध्यात्मिक होने के लक्षण बताये है उसमें सत्याग्रही(गाँधीजी), यथार्थवादी(जो हवाई बातें न करे), अपना आत्मबल जगाकर अधर्म के विरुद्ध उठ खड़ा होना(मार्क्स, बाबासाहेब, गरुड़ के उदाहरण) असली अध्यात्म वही है जो तुम्हें कमज़ोर नहीं ताकतवर बनाए। इस व्याख्या की मैं बात कर रहा हूँ।
आचार्य प्रशांत भी अध्यात्म का ताकतवर रूप सामने रख रहे है, जिसमें मजबूरी, कमज़ोरी जैसे शब्द नहीं है। वे अंध्विश्वास, पाखंड, भोगवाद, सामाजिक कुरीतियां, पशु शोषण, नारी सशक्तिकरण आदि सबकी मूल जड़ पर चोट कर रहे है।
लेकिन आपकी सुई moral, immoral पर आकर अटक गई।
अब गुरूजी कह रहे है जो immoral है वो spiritual नहीं हो सकता। यहाँ immoral मतलब जिसकी कथनी-करनी में फ़र्क़ हो, जो चोरी करें, धोखा दे, भ्रष्ट आचरण रखे, मुँह में राम बगल में छुरी वाला। तो वो तो वैसे भी spiritual नहीं हो सकता, क्योंकि अध्यात्म में आप अपने मन पर काम करते है। अपने आप से झूठ नहीं बोल सकते, आध्यात्म कड़ी इमानदारी है खुद से ही।
आध्यात्मिक पथ पर स्वयं से कड़ी ईमानदारी को ही महर्षि पतंजलि ने यम- नियम के रूप में बताया है, जो मन के शुद्धिकरण के साधन है।(बाहर वो morality ही लगती है परंतु भीतर शुद्धिकरण की प्रक्रिया)
रही बात आचार्य प्रशांत के वीडियो की तो उसमें वे नकली morality के खिलाफ़ बोल रहे है, जो लोग ओढ़ लेते है अपनी भीतरी immorality को छिपाने के लिए। ऐसे लोग ख़ुदको और दूसरों को दोनों को धोखा देते है। जो immoral होने से भी खतरनाक है। भीतर कुछ, बाहर कुछ और।
वे इन दोनों से ऊपर उठने की बात कर रहे है। आध्यात्मिक होने की बात कर रहे है, जो आध्यात्मिक हो गया वो वैसे ही विवेकवान है, वो सही ही करेगा। लेकिन समाज की बनाई morality की परिभाषा के हिसाब से वो immoral भी लग सकता है। जैसे श्रीकृष्ण और श्रीराम को भी लोग बोल देते है।
जिसे गुरूजी morality कह रहे है उसे आचार्य प्रशांत होशपूर्ण 'सही चुनाव' कहते है।
आशा करता हूँ आप समझे होंगे।
धन्यवाद🙏
@@lsr7523acharya parshant ke khud ke action to nhu the aise😅
@lakshmisharma2243 😂
केवल एक शब्द -- अद्भुत !!
❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉करोना काल में बच गए शायद जीवन में आपको सुनना बाकी था।🎉🎉🎉🎉🎉 आभार अभिनंदन आपका विकास बेटा
Guru g ko parnam. Adhyatam ko apne atma soil se joda. Only true Guru meet us and help us to meet our atama or soil. And bring us three quality in one first is shatri or brave to fight for true dharam. Second is Braham or knowledge and third is shodar or sewa or karma or kirat for humanity and love for all.
Gru g ap is dunia is dunya k ley light hn .long live .panam from pakistan 🙏🏼
🙏🙏🙏🙏🙏 In recent days I found you and started listening to you babaji. All i can say मैं धन्य हुई बहुत ख़ुश हूँ आप मिले ओर आपके बहुत सारे video मैंने देखे ओर देखती रहूँगी ओर बहुत सारे सवालों के जवाब मिल रहे हैं ख़ास कर के शिव जी के बारे में
बाबाजी आपके चरणो में मेरा हृदय से नमस्कार 🙏
Wonderful and real explanation of Adhyatma
One who is Adhyatmic no one can shake them
They have great boldness to face any challenges 🕉🙏🙏🙏
गुरु जी को सादर नमन उनके समाधान पूर्वक जवाब और वर्णन से बहुत सुंदर जानकारी प्राप्त हुई
I'm muslim and i like your videos ❤️
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Atlast you belongs to ancient हिंदुस्थान,there is no limit to knowledge, we expect similar knowladge regarding islam from knowladgeble gurus
Sanatan Ati sundar
Bahut vinamra Hain guru ji yahi sachhe sant ki pehchan hai itne gyani hone ke bawjood bhi guru ji me ahankar ka lesh matra bhi nahi aapko sunkar lagta hai jaise bhole baba maa bhagwati ko samjha rahe koti koti Naman🙏🌹real gem of india
You are true spiritual teacher/Guru. Thank you so much!
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Adhyatmik
गुरुजी शतश: प्रणाम, आपको सुनकर बहोत खूब ग्यान मिलता है l
आध्यात्मिक बनाया नहीं जा सकता हे इसे कुदरत ही बना सकता हे ये प्रभु कृपा से ही बन कर आते हैं
सर्वोच्च ज्ञान जय हो गुरुदेव
Whenever I feel low I always listen to guruji. His words gives me soo much peace....
इतने महान व्यक्तित्व के आसपास हमेशा शोरगुल सुनाई देता है। ऐसी विभूतियों को शांतिपूर्ण वातावरण देने की कोशिश होना चाहिए।
गुरुजी की विनम्रता उनका व्यक्तित्व को अत्यन्त सुन्दर बनाता है 🙏
शत शत नमन गुरुजी 🙏🌹
आप जी को सुनकर, सोचने का दृष्टिकोण ही बदल गया... ।🙏
मैं आपको मैं आपको असाधारण शिष्य मानता हूं इसने ऐसी गुरुजी का सानिध्य प्राप्त किया भविष्य में आशा करता हूं आप ऐसे ही महा अनुभव और ज्ञानियों से हमारा परिचय करते रहेंगे
Bahut samay baad maine itne gyani purush ka darshan kiya 🙏
Best guruji I like your opinion...great knowledge you have... without being moral you can never be spiritual.
आज मुझे यह पता चला कि सत्य की प्राप्ति के लिए जब कोई व्यक्ति चलता है तो बहुत दूर चला जाता है और वह एक पतले संकरे रास्ते पर पहुंच जाता है जहां पर उसको दूसरे लोग देखते हैं तो कोई दूसरा ही नाम दे देते हैं जबकि उसने स्वयं उस रास्ते का वो नाम नहीं दिया है मार्क्स के बारे में बात कर रहा हूं या अंबेडकर साहब वाला जो आपने बताया उसके बारे में बात कर रहा हूं तो एक सकरी रास्ते को एक लोग नाम दे देते हैं रुझान नहीं पाते हैं लास्ट में आपने जो बताया वह बिल्कुल सही बात है
आदर्श व्याख्या । गुरू जी से साक्षात नहीं होने का अफसोस मुझे हमेशा रहेगा।
धन्यवाद।
Atulniya gyan hai...Sadar Pranam !!
Guruji ko sadar pranam 🙏🙏 aise hi hamara margdarshan karte rhe....
Dil ko dekh kar dil khush ho jata hai guru ji
Wonderful explanation..Pranam guru ji
विद्यार्थी को नैतिक शिक्षा देनी चाहिए, आध्यात्मिक बाद में वह स्वयं बनना चाहे, उसकी इच्छा है. मेडिटेशन (ध्यान) , योग अलग अलग है. बेहद की परम🙏💕 शान्ति.
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जेसे किसी भी फल फूल में कुदरत उसमे खुशबू डालती हे ऐसे ही मानुष को आध्यात्मिक बना कर भेजती हे
Guruji ne kitni aachi baat batai. Jai ho.... mahapurush hai Guruji..
Aapke charno me natmastak naman hai guruji 🙏apko sunkar man shant ho jata h
Koti koti naman gurdev ji aapko speach less 🙏 🌹 ❤️
आध्यात्मिकता( Spiritualism) के अनुसार पुरुष केवल ईश्वर हैं, हम प्रकृति हैं। हर जीवों में आत्मा के रूप में ईश्वर विराजमान हैं। उनके बिना जीव मृतप्राय है। किसी भी जीव को हिंसा ईश्वर के प्रति हिंसा है। इसीलिए परोपकार के लिए कार्य करते हुए ईश्वर भक्ति करके जीवन सफल बनाना चाहिए।🙏
आप बेहद महत्पूर्ण कार्य कर रहे है इन ज्ञानी गुणी से ज्ञान प्राप्त करके हमे भी इनसे ज्ञान प्राप्त हो रही है thank you so much 🙏
What a wonderful explanation.❣️❣️❣️❣️
Khup khup aabhar aabhar dhanyawad Gyan aatma ko anant anant vandan naman mathyen vandami
Guru ji Guru purnima ka pavan avser per aap ka charno ma koti koti parnam🙏🙏🌷🌷
पूज्यपाद गुरूवै प्रणाम। आप बहुत अच्छे से समझाते हैं।कृत कृत।
Sat sat guru ji namen
Om Shri Gurusataya Namah 🙏💓🌍☀️💐💐💐Adyatam ke etne sunder or sapast shavdon me vyakhaya ke liye bhut -bhut Dhanyavad Guruji 🙏💐💐💐
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गुरु जी नमस्कार , आज का विषय बहुत ही अच्छा लगा है । बहुत बहुत धन्यवाद
Gurudev aap k vichaar mere jeevan ko badal rhe, is channel ko banane k lie aapka sadaiv abhaar pujyaguruji
Guru ji ko shat shat naman🙏🙏
Morality is a social construct while spirituality transcends the boundaries of society
Guru ji ap se sikhsha leke hme bahot acha lgta hai,apke shree charno me pranam
Gurugyan gurujiko akhanda. Sashtang dandawat....'.....
Sat sat pranam🙏🙏🤲
excellent....i am speechless.....thanks word is too less to express my feeling....superb
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अमूल्य ज्ञान 🙏🏼 जय गुरुदेव 🙏🏼 जय श्री राम 🚩
यह सुन ना मेरे लिए बहोत जरुरी था 😁
Guruji aur Vikas Bhaiji ko pranam. 🙏
Pranam🙏🙏🙏 guru ji ,,mai rational hu uske baad bhi Sinha ji ko sunna achha lagta hi
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Phle darshan padhne ki meri ichha thi guru ji ko sunkar darshan se prem ho gya
प्रणाम गुरू जी और उन्हें भी जो आपसे प्रश्न पूछते हैं उनकी काबिलियत शैली गजब की है। धन्यवाद हैं आपका
All Rishis were already got victimized by Ravan and Asurs. they helped Shri Ram immensely by providing moral, tactical, weaponry support.
अद्धभुत ज्ञान है गुरु जी, मैं इनके ज्ञान से कभी भी नहीं अघाता हूं 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
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Sat sat naman
Very nice person. Really glad to hear him
जय हो गुरूजी की ।
Aap jese log or gyni vyakti hi hmari sanskriti ko bachane k liye jaruri Hain🥰
SADAR NAMAN GURUDEV 🌹🌹🌻🌻😊😊🙏🙏
Main guru g aap ko or osho ko bhot sunti hu aap bhot good mathed se explain karte ho ,jo man ko bhot skoon deta hai ,thanks g
HS Sinha is living in self created illusion... Sinha sir you have immense information now it is time to go beyond what has been known to you .. Pra ko pehchaniye 🙏🙏
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अध्यात्म का अर्थ ही अपने आप में परिपूर्ण है इस पर व्याख्यान देने पर कुछ हाथ नहीं लगने वाला। शेष जो बचता है वो है स्वयं के अनुभव।
🙏 Guruji, app itne gyan ke khajana rakhe hue hein ki bade bade ki pasina chhut jayega.... Phir bhi un ke andar itna namrata hey jo dekh ke nat mastak app ke samne
प्रणाम
धर्म की जय हो
अधर्म का नाश हो
धर्म सम्राट स्वामी श्री करपात्री महाराज के दर्शन के बारे जानने के उत्सुक हैं
गुरूजी को सादर चरण स्पर्श🙏⚘🙏
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गुरु जी आप हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे आपका ज्ञान और विचार हमारा मार्ग दर्शन करते रहेंगे आपकी उम्र नॉलेज मेमोरी कमाल थी
Dhanya Hai Ham jo aapko dekh aur Sun Pa rahe hain Charan Sparsh aapko 🙏
सच्चे ह्रदय से प्रणाम.🙏🙏🙏
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प्रणाम आदरणीय गुरुवर्य
अति उत्तम बहुत-बहुत धन्यवाद
You are the greatest .thank you so much guru ji.
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🙏🏾 गुरु जी को कोटि कोटि नमन करते हैं।🙏🏾
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Excellent and very true speech
Guru ji ko sadar pranam
ऐसे गूरूको को सादर प्रणाम ऐसे गूरू मूझे 12 साल की उमर मे मिलते तो, आज बहुत अलग होता .
Jai gurudev🙂
Jai jai shri sitaram
Jai guru ji
तिलक धारी होने से हीं नहीं होता बिलकुल सही 🙏
जय हो गुरुदेव आपकी जय हो
Jay Jay guru ji🙏🙏
Pyare guruji ❤❤❤❤❤❤❤
जय श्री महाकाल, जय बप्पैया सरकार- जय गुरुदेव
This is good activity....Continue...Promote such real knowledgeable elder people...Promote vedic culture scientifically based on scripture. Good job.
हमें निरंतर समृद्ध करने के लिए आभार 🙏🙏🙏🙏🙏
Sadar Naman Pavitra Aatma