चूड़ाकर्म संस्कार/ मुंडन Part -2

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  • čas přidán 12. 03. 2024
  • Part -2 चूड़ाकर्म संस्कार / मुंडन #dhoundiyalsisters #viralvideo #youtuber #viral #pahadi #devotional #fun
    जब बच्चे के सिर के बाल पहली बार उतारे जाते हैं तो उसे चूड़ाकर्म यानी मुण्डन संस्कार कहते हैं। जब शिशु की आयु एक वर्ष, तीन वर्ष, पांच वर्ष या सात वर्ष हो जाती है तब बच्चे के बाल उतारे जाते हैं। मान्यता है कि इससे सिर मजबूत होता है। साथ ही बुद्धि भी तेज होती है। सिर्फ यही नहीं, इससे बच्चे के बालों में जो किटाणु चिपके रह जाते हैं वो भी नष्ट हो जाते हैं। इससे शिशु को स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति होती है। मान्यता है जब शिशु गर्भ से बाहर आता है तो उसके सिर के बाल उसके माता-पिता के दिए होते हैं। ये बाल अशुद्ध होते हैं। इन्हें काटने से शिशु की शुद्धि होती है। दरअसल, हमारे सिर में ही मस्तिष्क भी होता है। अत: इस संस्कार को करने से मस्तिष्क की पूजा करने का संस्कार भी माना जाता है। चूड़ाकर्म संस्कार का उद्देश्य जातक का स्वस्थ मानसिक और सकारात्मकता के साथ सार्थक रुप से उसका सदुपयोग करना होता है। इस संस्कार से शिशु की तेज वृद्धि होती है।
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