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गाडु गुलोबंदा, गुलबंद को नगीना कल्पना चौहान (Gadu Gulobanda Guloband Ku Nagina) Garhwali Song

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  • čas přidán 17. 01. 2023
  • गढ़वाली गीत (Garhwali Song)
    गाडु गुलोबंदा, गुलबंद को नगीना, तुम्थे मेरी सासु ब्वारियु की अगिना
    उत्तराखंडी लोक गायिका
    स्वर कोकिला (कल्पना चौहान जी)
    प्रसिद्ध संगीतकार श्री विनोद चौहान जी, श्री सुभाष पाण्डे जी, श्री विजय बिष्ट जी
    बहुत ही प्रसिद्ध और तमाम दुनिया में रहने वाले हर एक उत्तराखंडी के दिलो में बसने वाली सुप्रसिद्ध उत्तराखंडी लोक गायिका श्रीमती कल्पना चौहान जी को अगर मैं उत्तराखंडी लोक गीतों की लता मंगेशकर कहूंगा तो इसमें रत्ती भर भी शक की गुंजाइश नहीं होती हैं.
    जहाँ आज हमारी उत्तराखंडी युवा पीढ़ी उत्तराखंडी बोली बोलने में इतराती हैं वही किसी ज़माने में “मुंबई गढ़वाल मंडल” के अध्यक्ष पिता श्री उम्मेद सिंह बिष्ट जी के घर मुंबई में जन्मी स्वर कोकिला कल्पना चौहान जी ने मुंबई में ही अपना सारा बचपन, अपनी सारी शिक्षा लेने के बाबजूद उत्तराखंडी पहाड़ी बोली बहुत ही अच्छे से बोल लेती हैं.
    जबकि हमारे आज का युवा अक्सर कहते हैं.......
    "भाई साब हम गढ़वाली बींग जाते हैं, पर बच्या नहीं पाते"
    कल्पना चौहान जी ने पहली बार मात्र 15 साल की उम्र में बॉलीवुड के मशहूर सिंगर उदित नारायण जी के साथ में एक पहाड़ी गाने पर स्टेज परफॉर्म किया था.
    सर्वश्रेष्ठ गढ़रत्न डॉ. श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी के बाद अगर कोई हैं, जिसने उत्तराखंडी लोक गीत संगीत को एक नई पहचान, नया आयाम और नई बुलंदियों तक पहुंचाया हैं तो उनमें से एक स्वर कोकिला कल्पना चौहान जी हैं.
    कल्पना चौहान जी की के अनेको सुपरहिट गीतों और एल्बम जैसे स्वामी जी परदेश मां और बारमासा ने तो ऑडियो/वीडियो कैसेट/सीडी से जुड़े लोगो को भी जबरदस्त रोजगार भी दिया और हमारे लोक संगीत को देश और दुनिया में नई पहचान दिलाई.
    बहुत बड़ी सड़क दुर्घटना के बाद भी कल्पना चौहान जी का उच्च मनोबल हमारे पूरे समाज को एक बहुत बड़ा संदेश देता हैं, बहुत बड़ी सीख देता हैं, किसी भी प्रकार का संकट आने पर जीवन को हारने का नहीं बल्कि और भी अधिक नए जोश में जीने का एक नायाब तरीका सिखाता चाहिए. कल्पना जी के स्वयं के जीवन का जीता-जागता उदाहरण हम सबको प्रेरणा देता हैं कि अगर जीवन में आपका (शारीरिक, मानसिक, आर्थिक) सब कुछ भी लुट जाये, अगर आप किसी काम में बुरी तरह से असफल भी हो गए हो, तो भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। आपकी कड़ी मेहनत, आपकी दृढ़ इच्छाशक्ति, आपका निरंतर प्रयास, सफलता को मजबूर कर देगा और जीत को आपके कदमो में झुकने से कोई नहीं रोक सकता।
    अगर आप मेरी तरह संगीत का ज्ञान नहीं भी रखते हो फिर भी अगर आप कल्पना चौहान जी के इस मधुर गीत को एकाग्र होकर ध्यान से दिल लगाकर सुनोगे तो, सच में यह गाना आपके दिल को छूकर आपके दिल के सारे तार हिला देगा और आपको झूमने को मजबूर कर देगा.
    मेरी तरफ से स्वर कोकिला कल्पना चौहान जी, प्रसिद्ध संगीतकार श्री विनोद चौहान जी, श्री सुभाष पाण्डे जी, श्री विजय बिष्ट जी को बहुत बहुत धन्यवाद और उनके स्वस्थ, सुखी, समृद्ध और दीर्घायु जीवन के लिए मेरी अनंत सुभकामनाये
    धीरेन्द्र सिंह रावत
    ग्राम चांदपुर पैनो (रिखणीखाल)
    पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड)
    हाल निवास खाड़ी देश कुवैत

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