श्लोक 4_अध्याय - 7 परम ज्ञान
Vložit
- čas přidán 8. 09. 2024
- गोलोक एक्सप्रेस (आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए एक ऑनलाइन मंच)
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Hari Hari bol ❤❤
Jai shree Radhe Krishna ji Hari Hari bol 🙏🙏
Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare hare Hare Ram Hare Ram Ram Ram Hare Hare 🙏
Hari hari bol..
Bhut bhut aabhar guru ji.... Hari Hari bol ji
Hari Hari bol ji 🙏🙏
Hari hari bol ji 🙏💐
Hare Krishna hare Krishna Krishna Krishna hare hare hare Ram hare Ram Ram Ram hare hare.....
हरि हरि बोल ❤
Beautiful divine satsang, Thanku so much Nikhil for wonderful guidance, Hari Hari bol ji 🙏🙏
Hariiiiiiiiiii Hariiiiiiiiiii bol 🙏🏼
Hari hari bol guru ji...🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐
Aap ki shree charan main koti koti naman 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Hari Hari bol ji beautiful video great learnings thank you so much for sharing
बहुत बहुत आभार निखिल जी हमें बहुमल्य ज्ञान देने के लिए ❤हमारा शरीर सूक्ष्म और स्थूल है. पृथ्वी जल वायु आकाश अग्नि से स्थूल शरीर है. मन बुद्धि अंहकार सूक्ष्म शरीर है. किस तरह हमने मन बुद्धि में भगवान को धारण करना है और अंहकार को शून्य करना है तभी हम मुक्ति की ओर जा सकते है.
हरि हरि बोल जी 🙏🙏
अति सुन्दर श्लोक गोलोक एक्सप्रेस से ही हमने समझा कि हर एक में प्रभु है हम अपने स्थूल शरीर को ही सब कुछ मानते हैं पर हमारे सूक्ष्म शरीर जो की मन बुद्धि और अहंकार है यह हमें अपने गुरुओं के माध्यम से पता लगा और हमने यह भी समझा कि हमें अपने मन और बुद्धि में भगवान की बातें भगवान की लीलाएं भरनी है ना हमने पुण्य करने हैं ना पाप प्रभु की खुशी के लिए अपने हर एक काम को प्रभु की सेवा मानकर करना है जय श्री कृष्णा ❣️🙏🥰
Radhe radhe Krishna ji Hari Hari bol 🙏🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙏❤️🌹❤️🌹🇮🇳🌹👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌🙌🤲🙌🤲🙌👏👏👏🤗🕉️📿🕉️📿🙏🙇♀️🙏hare Krishna hare Krishna Krishna Krishna hare hare hare Ram hare Ram Ram Ram hare hare 🙏🙇♀️🙇♀️🙏 mera ap ke charno me mera koti koti namaskar sath sath namaskar guruji 🙇♀️🙏🙇♀️ beautiful satsang thanks guruji 🙏🙇♀️🙏👍💯👌👌👏👏 radhe radhe Krishna ji Radhe Radhe ❤❤na chinta Ho Na bhay Ho Shri Shri Radha Rani ki Jay Ho Na chinta Ho Na bhay Ho Shri Shri Radha Rani ki Jay Ho Hari Hari bol ji 🙏🙏🙇♀️🙇♀️ radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe Krishna ji Hari Hari bol ji 🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙇♀️🤗🤗
हरि हरि बोल🙏🙏श्रीमद् भगवद् गीता की जय🙏🙏 अधयाय 7 श्लोक 4 में भगवान् अपनी शक्ति के बारे में बता रहे हैं🌷पृथ्वी,आग, जल, वायु , आकाश और मन बुद्धि अहंकार यह 8 तरह की वभुतियां है🌷हमें मन, बुद्धि में भगवान् की बातें बिठानी हैं और अहंकार से बचना है, हर काम को प्रभु की सेवा समझ कर करना है, हमारा स्थूल शरीर पांच तत्व से बना है, मन बुद्धि अहंकार सुक्ष्म हैं जो दिखता नहीं, तो हर पल प्रभु का चिंतन करना है👍 हरे कृष्णा🙏🙏 धन्यवाद निखिल जी🙏🙏
श्लोक 7.4
इस श्लोक में निखिल जी हमें समझा रहे हैं कि प्रभु की शक्तियां अनेक प्रकार की होती हैं लेकिन हमें समझाने के लिए अपरा शक्ति जो आठ प्रकार की शक्तियों से बनी है , का वर्णन कर रहे हैं जिसमें पांच तत्व से बना हुआ स्थूल शरीर और सूक्ष्म शरीर में मन बुद्धि अहंकार।
प्रभु की कलाकारी में हर कोई अलग है लेकिन सभी का शरीर पांच तत्वों से ही बना है और सब के अंदर मन बुद्धि अहंकार रूपी पेन ड्राइव लगा हुआ है सूक्ष्म शरीर के रूप में। नास्तिकवाद सोच भगवान को नहीं मानते क्योंकि भगवान नहीं दिखते लेकिन उन्हें यह सोचना चाहिए मन की बात फिर वह क्यों सुनते हैं मन भी नहीं दिखता। शरीर का अंत हो जाता है लेकिन आत्मा के साथ सूक्ष्म शरीर अगले शरीर में जाने के लिए तैयार रहता है और कर्म बंधन को भुगतता है।
मुक्ति किस प्रकार मिलेगी जब कोई जीवात्मा शरीर में रहकर भगवान के चिंतन में खो जाती है और शरीर के अंत समय में भगवान की ही लीलाओं में स्मरण करते हुए शरीर त्याग देती है तब उसके मन बुद्धि में अहंकार खत्म हो जाता है मन में प्रभु ही समा जाते हैं तब वह पुनर्जन्म में नहीं आती।
भगवान की कृपा से हमें यह दुर्लभ ज्ञान मिल रहा है इसलिए सूक्ष्म शरीर में प्रभु की लीलाएं नाम चिंतन को भरने का प्रयास कीजिए ताकि हमें भी इस संसार से मुक्ति मिल पाए।
निरंतर जप हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम राम हरे हरे।
Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare Hare Ram Hare Ram Ram Ram Hare Hare 🙏🙏