केशवराय पाटन/राजस्थान का प्रमुख जैन तीर्थ/मुनिसुव्रतनाथ जिनालय /keshavrai patan, Rajstan jain trith
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- čas přidán 13. 09. 2024
- केशवराय पाटन/राजस्थान का प्रमुख जैन तीर्थ/मुनिसुव्रतनाथ जिनालय /keshavrai patan, Rajstan jain trith, राजस्थान जैन मन्दिर
भोहरे में विराजमान
श्री मुनिसुव्रतनाथ स्वामी की चतुर्थकालीन प्रतिमा
तीर्थ क्षेत्र की प्राचीनता
चतुर्थ कालीन श्री मुनिसुव्रतनाथ स्वामी की इस मनोज्ञ प्रतिमा का कार्तिक सुदी 13 सम्वत् 336 में वैदीप्रतिष्ठा करवाकर यहां भूगर्भ गृह में विराजमान करवाई गई । मूर्ति अतिराय वाली एवं प्रभाविक होने के कारण उसकी प्रतिष्ठापन के अवसर पर देवों ने आकाश से जय जयकारे के साथ पुष्प वृष्टि एवं केसर वृष्टि की निर्वाण काण्ड में तीर्थ क्षेत्रों की वन्दना में आचार्य कुन्द कुन्द देव द्वारा ।
"आसार में पट्टणि मुनिसुव्वओं तहेव वन्दामि’अर्थात् आशारम्य पट्टन (वर्तमान केशवराय पाटन) में मुनिसुव्रतनाथ को मैं नमस्कार करता हूँ, का उल्लेख किया है।
उपरोक्त उल्लेख से स्पष्ट होता है कि ईसा की प्रथमा शताब्दी काल में इस क्षेत्र के भगवान मुनिसुव्रतनाथ की मूर्ति के चमत्कारों की ख्याति दूर-दूर तक थी।
इसके पश्चात् तेहरवीं शताब्दी के विद्वान यतिवर मदनकीर्ति ने अपने ग्रन्थ शासन चतुर्विंशतिका में मुनिसुव्रतनाथ की इस मूर्ति की स्थापना का एक सांकेतिक इतिहास भी दिया है। यतिवर ने बताया है कि एक बार नदी से एक शिला आश्रम (नगर) में लायी गई। इस शिला को लेकर अन्य धर्मियों और जैनियों में विवाद हो गया । अन्य इस शिला पर अपने देवों की स्थापना करना चाहते थे और जैन भगवान मुनिसुव्रतनाथ की मूर्ति स्थापित करना चाहते थे। तब देवों ने अन्य धर्मियों को ऐसा करने से रोका, उन्होनें शिला स्थल पर भगवान मुनिसुव्रतनाथ की मूर्ति विराजमान की । पुजा प्रतिष्ठा की गई । मूर्ति अतिशय वाली एवं प्रभाविक होने के कारण उसकी स्थापना के अवसर पर देवों ने आकाश से जय जयकार किया और फूल बरसाये। इसके पश्चात् मूर्ति को यहां से हटाने के प्रयास किए गए किन्तु वह हट नहीं सकी। अधोभाग में भगवान के सेवक वरूण, यज्ञ और बहुरूपिणी व याक्षिणी है। इस मूर्ति के ऊपर ओपदार पॉलिश है जो इसे मोर्य और कुषाणकाल के मध्यवर्ती काल को सिद्ध करती है । मूर्ति की नाक, हाथ का अंगूठा और पैर का अंगूठा कुछ क्षतिग्रस्त है। मूर्ति पर जगह-जगह छोटे गड्डे पढ़े हुए हैं यह सब मुस्लिम आततायियों के हथोड़े एवं छैनी से मूर्ति तोड़ने के प्रयास के निशान है। इसके अलावा भी 13वीं शताब्दी की और भी 6 प्रतिमाएं तथा इनसे भी प्राचीन अरिहन्तों की व 1 मनोज्ञ देवी की मूर्ति भी भोहरे में विराजमान है। एक श्वेत शिला फलक में पदम् प्रभू की खडगासन मूर्ति है जो मूर्तिकला की दृष्टि से बहुत ही आकर्षक एवं मनोज्ञ है
अतिशय
भगवान मुनिसुव्रतनाथ की प्रतिमा के चमत्कार को लेकर कई किंदवन्तियां जनता में प्रचलित है। कहा जाता है कि मोहम्मद गौरी ने इस क्षेत्र पर आक्रमण किया और मूर्ति तोड़ने की आज्ञा दे दी । फलतः सैनिकों ने मूर्ति तोड़ने हेतु प्रहार किया । किन्तु उनका यह प्रयास विफल रहा तब उसे टांकियों से काटने का प्रयास किया गया तब उसमें से दूध की धारा इतने प्रबल वेग से बह निकली की आक्रमणकारी वहां ठहर नहीं सके और भाग गए। हथोड़ों एवं छैनी की चोट के निशान मूति पर अब तक बने हुए है। इस मूर्ति का एक और चमत्कार सुनने में आता है कि लगभग 100 वर्ष पूर्व इस नगर में भयंकर रूप से प्लेग फैला इससे नगर के कई लोग मर गए और तब भयभीत होकर सब नगरवासी नगर छोड़कर जंगलों में भाग गए । कुछ श्रृद्धालु लोग भी जब यहां से भागे तो वे भागने से पूर्व भगवान मुनिसुव्रतनाथ के दर्शनों के लिए गए और भगवान के सामने जोत जला गए। 3-4 माह बाद जब महामारी शान्त हुई तब लोग जंगलों से अपने घरों को लौटने लगे और भगवान के दर्शनों के लिए गए तो उन्हें यह देखकर सुखद आश्चर्य हुआ कि जोत उस समय तक जल रही थी ।
इसी भोंहरे में मूलनायक 1008 श्री मुनिसुव्रतनाथ भगवान की लगभग 2500 वर्ष प्राचीन अतिशययुक्त चमत्कारिक महा मनोज्ञ मोंगिया रंग के पाषाण की करीब साढ़े 4 फुट अवगाहना की पदमासन प्रतिमा विराजमान है। यह एक शिला फलक में है। सिर के पीछे भामण्डल बना हुआ है सिर के ऊपर छत्रत्रयी है। उससे भी ऊपरी भाग में दुन्दुभि उसके दोनों और माला लिए हुए देव है। अधोभाग में भगवान के सेवक वरूण, यज्ञ और बहुरूपिणी व याक्षिणी है। इस मूर्ति के ऊपर ओपदार पॉलिश है जो इसे मोर्य और कुषाणकाल के मध्यवर्ती काल को सिद्ध करती है । मूर्ति की नाक, हाथ का अंगूठा और पैर का अंगूठा कुछ क्षतिग्रस्त है। मूर्ति पर जगह-जगह छोटे गड्डे पढ़े हुए हैं यह सब मुस्लिम आततायियों के हथोड़े एवं छेनी से मूर्ति तोड़ने के प्रयास के निशान है। इसके अलावा भी 13वीं शताब्दी की और भी 6 प्रतिमाएं तथा इनसे भी प्राचीन अरिहन्तों की व 1 मनोज्ञ देवी की मूर्ति भी भोंहरे में विराजमान है। एक श्वेत शिला फलक में पदम् प्रभू की खडगासन मूर्ति है जो मूर्तिकला की दृष्टि से बहुत ही आकर्षक एवं मनोज्ञ है।
पता -सम्पर्क सू़त्र
श्री मुनिसुव्रतनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र केशवरायपाटन, जिला बून्दी - 323601 (राज.) ऑफिस फोन नं. 07438-264323 Mob. 9351996323
केशवराय पाटन से हाड़ौती के प्रमुख जैन तीर्थों की दूरी
स्थान दूरी
1. दादाबाड़ी (कोटा)-30 कि.मी.
2. खानपुर (चांदखेड़ी) वाया कोटा- सांगोद 105 कि.मी.
3. सवाईमाधोपुर (चमत्कार जी) वाया लाखेरी इन्द्रगढ़ 110 कि.मी.
4. श्री महावीर जी वाया सवाई माधोपुर
225 कि.मी
5. श्री बिजौलिया (पार्श्वनाथ) वाया कोटा-85 km
6. श्री चम्बलेश्वर (पार्श्वनाथ) वाया बून्दी देवली
85 कि.मी.
7. श्री पदमपुरा वाया बून्दी - देवली- टौंक-200.KM
8. श्री केथूली वाया रामगंजमण्डी-125.KM
9. श्री जहाजपुर वाया बून्दी देवली-105Km
Email:
chaitanyaautosagar@gmail.com
Blog:
/ abhishek jain Shastri
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ॐ नमः श्री मुनिसुव्रतस्वामि नमो नमः
बहुत ही सुन्दर केशवराय पाटन में मुनिसुब्रतनाथाय
नमः 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
नमोऽस्तु
Lucky to visit twice. 🙏 जय जिनेंद्र🙏
दर्शन करवाने वाले भाई को शत शत नमन
Namostu bhagwan bahut badiya darsh
Anant namostu bhagwan ji.....
अति उत्तम दर्शन
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Very nice . Jai jinendra
आपका दर्शन करने का अनुपम तरीका है जय जिनेन्द्र
Muni Subrat nath Bhagwan ke darshan karane ke liye aapko bahut bahut dhanyvad ham bhagyshali Subrat nath Bhagwan ka darshan
श्री मुनीसुव्रतनाथ भगवान जी की जय
Jai jinendra
आपके शुभ भावों को नमन, जो हमे घर बैठे दर्शन लाभ दे रहे हो🙏 aap आगे भी ऐसे ही करवाते रहो आगे भी, ऐसा करके आप भी असङ्ख्य पुण्य कमा रहे हो🙏🙏
Jai मेरे प्रभु
3:02 मुनिसुब्रतनाथ जीकाभव्यमदिर❤श्री वो
श्री मुनीसुव्रतनाथ भगवान जी की जय 👋🕉️🌈 जय जिनेन्द्र जी बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 🙏🕉️🌈
Gajendra Aaj aapane kis tarah Patan ke liye pura itihaas bataya sunkar bahut Khushi Hui nai nai baten sunane ko Mili Jay Jinendra aapka bahut bahut dhanyvad aabhar
Namostu Bhagvan
🙏🏻🙏🏻
👌👌🙏🙏
जय जिनेन्द्र भैय्या जी बहुत अच्छे दर्शन करवाये आप ने धन्यवाद
Jay ho bhawan
Jai jinendra Bahut sundar Abhishek ji
बहुत ही सुन्दर दर्शन जय हो मुनिसुब्रतनाथ भगवान की जय हो🙏🙏
Namon prabhu namon
Namoustu baghwan
शनि ग्रह अरिष्ट निवारक श्री मुनि suvrt नाथ bhagwan ki jai 🍎🙏
Namoustu bhgvan
Abhishek bahi app ko bahut bahut anumoadna
जय हो प्रभु
JAI Jinendra
Jj बहुत ही सुंदर
Bahut badiya darshan karvaye aapne munisuvart nath bhagwan ke Jay jinendra
Jai Jinendra 🙏
बहुत सुन्दर हम भाग्य शाली है कि आपने हमे दर्शन कराये व हम दर्शन लाभ ले सके🙏🙏
So sweet 💖💖
👌👌👌💯
Aaj humne Ghar baithe hi kaise karen Patan ki ek ek vidhi ke pure Mandir ke acche karya minister Bhagwan ke darshan ke liye
નસીબદાર ને જ આવા સરસ દર્શન થાય. દશૅન કરાવવા બદલ ખુબ ખુબ આભાર
आपके विडियो का मुझे बेसब्रीसे इंतजार रहता है भैया जी आपकी वीडियो का आवाज बहोत ही स्पष्ट अच्छा रहता है यह पुरा का पुरा मंदिर आपके विडियो में ही दिखाई दिया है बहोत आनंद आता है मंदिर के दर्शन करने से हमारे महाराष्ट्र में भी आना विडियो बनाने के और दर्शन करने के लिए
AP ne puri bat nhi bataye mo na bhonasala raheneki sagvd ekt
अति सुंदर मैने साक्षात दर्शन किये है इस वीडियो को देखने से फिर से स्मरण मैं आ गया यह क्षेत्र आपको बहुत बहुत धन्यवाद
बेजोड़ ,अनुपम दर्शन
TOTALLY FALSE NEWS. ZUMLEBAJ NO.400