SC/ ST आरक्षण को बदला तो देखिए सड़को में उतरी सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की फौज तो क्या हुआ

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  • čas přidán 9. 09. 2024
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    #scstreservation #supremecourt #mayawati #chandrashekharazad #bhimarmy #bsp

Komentáře • 9K

  • @rekhagautamfaridabad5651
    @rekhagautamfaridabad5651 Před měsícem +2723

    वकील साहब आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपने दलितों के लिए आवाज उठाई आपको सादर जय भीम 🙏

    • @A_K_0001
      @A_K_0001 Před 28 dny +39

      Are bhai hm khud apne aap ko dalit smnj te tbhi to log hme dalit kahte h 😢

    • @priyaghosh1830
      @priyaghosh1830 Před 28 dny +25

      Sara jibon faida hi dhunte raho dalit dalit kahe,app khud hi khud ko nicha dikhate ho ,ek saman ho toh ek saman hi raho aarokshan kyu chahiye,aur dusre caste k logo ka kasur ,dusre caste k har bekti kya amir hi hoti hai,
      Aur aap logo k pass kya dimag nahi hai, kabiliyat nahi hai jo aarakshan mein naukri chahiye

    • @shalu_857
      @shalu_857 Před 27 dny +12

      In India, neither the Supreme Court nor the President has the power to remove reservation👍🇮🇳

    • @Sara_nim
      @Sara_nim Před 27 dny +2

      ​@@priyaghosh1830resources nahi hai ye baat hai

    • @shalu_857
      @shalu_857 Před 27 dny +6

      ​@@priyaghosh1830agar baat samanta ki hai to samne aayo desh ko aazadi mile 78 varsh ho gye tab se desh bina constitution chal rha hai ekbaar apne bachon ko sarkari school mein education dilana phir govt job dilana vo bacche kitna struggle krke ek 4th class ya 3rd class ki naukri pate hai .bharat 16th census karayo ham bta denge kitne backwards mein h sc/st ye bharat hai to esko bharat hi rhne dijiye mat america China banayo nahi results negative hi aayenge .
      Gujarat mein hi devloped kyu ho rha hai kya desh ki Janta vahi nivas krti hai aur jagah nhi kyu .aur logon se kyu rojgar Cheena ja rha hai kya vo saksham nhi hai .desh ki govt. Ne halat kharab kr rakhe hai .sarkar par ungli uthane ka kaam khud sarkar kr rhi hai
      Desh ke netao ne politics itni gandi kr rkhi hai ki usse acha to sc/st behaviour mil Jayega. International index/award/ceremony/etc kisi mein bhi india ki ranking dekh lo very critical condition kr rkhi hai .
      Olympics result utha ke dekho .manzil hasil karne ke baad to en netao ki aankhe khul jati hai lekin vo bandha vha kitna struggle krke pahucha ye tab tak kisi ko nhi dikhta . population average nd other country population average medal nikal ke dekhna maloom chal jayega 71st ranks hai india ye desh mein developed education etc

  • @i53858
    @i53858 Před 24 dny +1156

    ये है दलित और गरीबों की मसीहा इन वकील साहब को मेरा दिल से बहुत बहुत धन्यवाद जय संविधान❤❤🙏

  • @NileshKumar-fn3sd
    @NileshKumar-fn3sd Před měsícem +1583

    Sc st आरक्षण को बांटना यह बहुत गलत है।मैं इसका विरोध करता हूं।

    • @chogenlepcha3042
      @chogenlepcha3042 Před měsícem +55

      General is always at the top. Still they want to snatch the reservation of sc and St.

    • @vishrammeena438
      @vishrammeena438 Před měsícem +5

      ❤❤❤❤

    • @aytri
      @aytri Před měsícem +13

      Mai .....bhi ....virodh karta hun....❤

    • @My_school-My_pride-82
      @My_school-My_pride-82 Před měsícem +72

      क्यों कलेक्टर का बेटा है क्या???
      एक दलित कलेक्टर का बेटा और नाली साफ करने वाली दलित का बेटा... दोनों यूपीएससी में इंटरव्यू देते हैं बताओ किसका सिलेक्शन होगा?? ... अगर कलेक्टर इंटरव्यू में सिफारिश करेगा तो अपने बेटे के लिए सिफारिश करेगा या नाली साफ करने वाले दलित के लिए सिफारिश करेगा? ?
      सुप्रीम कोर्ट ने बस इतना कहा है की प्राथमिकता गरीब दलित को मिलनी चाहिए

    • @banamalinayak9917
      @banamalinayak9917 Před měsícem +10

      ​@@My_school-My_pride-82dalit ki bap dm ho to o kuchh nehi karega. Only general lok hai jo suparish karke apna betaa beti ko dm job diladegaa

  • @tankookannojiyagudee
    @tankookannojiyagudee Před 17 dny +50

    वकील साहब आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपने आवाज उठाई जय भीम जय भारत बीजेपी भगाओ देश बचाओ

  • @techy.satya.5058
    @techy.satya.5058 Před 19 dny +231

    आरक्षण केवल उन्हीं को मिलना चाहिए जो इसका हकदार है

    • @manojparida7682
      @manojparida7682 Před 17 dny +2

      Right bro

    • @g.l.kumawat4665
      @g.l.kumawat4665 Před 16 dny

      @@manojparida7682 y bat koi nhi bolega sb eske hak dar nhi hai other cast me bhi aarkhsn ke hkdar log hai unko bhi milna chaye grib vese hi grib bna rhe or job na mile y kha ka nyay hai

    • @DipakKumar-uh4pt
      @DipakKumar-uh4pt Před 16 dny +11

      और वो हकदार तमाम sc st वर्ग है🌠 ✊❤
      जय भीम

    • @aryanshukla2328
      @aryanshukla2328 Před 15 dny +2

      @@DipakKumar-uh4pt nhi garib sc, st ko reservation milna chahiye sab ko nhi ... jai bhim jai savidhan walo ko yeah baat samjh thodhi aaye gi ..... revervation ke karan hi desh ka bantadhaar hoa hai

    • @ShanuJi-yu6ed
      @ShanuJi-yu6ed Před 14 dny

      L h​@@DipakKumar-uh4pt

  • @KundanKumar-cv9gt
    @KundanKumar-cv9gt Před 24 dny +588

    एडवोकेट साहब आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जो sc/st के लिए आवाज़ उठाए जय भीम जय संविधान 💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙

    • @sonu.6735
      @sonu.6735 Před 20 dny

      🎉🎉❤❤❤❤

    • @RajuKumar-uo6xq
      @RajuKumar-uo6xq Před 20 dny

      Jai bhim jai savidhan

    • @BollywoodRelative
      @BollywoodRelative Před 19 dny

      अगर ये सब तुम लोगो की बहनों के साथ हो गया तो कभी😢.....खुदा ना करे ..... isliye abhi uske न्याय के लिए आवाज उठाओ😢🙏🙏😭😭😭😭😭

    • @smritimandana89
      @smritimandana89 Před 17 dny +1

      Jai bhim 🙏👏

    • @Kamleshkushwah182
      @Kamleshkushwah182 Před 16 dny

      यहां सविधान कहां है वकील साहब तो यह कह रहे हैं की आरक्षण पहले आया है संविधान बाद में आया है

  • @neelimamadame91
    @neelimamadame91 Před měsícem +1018

    एडवोकेट साहब आपका बहुत - बहुत आभार ! जयभीम, जय संविधान, जयभारत !!!

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 Před měsícem +1

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @Upasnaclasses2318
      @Upasnaclasses2318 Před měsícem +3

      समझ नहीं आ रहा हमें इतने समय से 21% आरक्षण मिल रहा है और फिर भी आज भी अगर IBPS PO ,CGL ,POLICE, and UPSC Exam में आज भी जब भर्तियां अगर 500 निकलती है तो आरक्षण का नाम देकर भी हमें 500 में से 50,60 सीट देखने को मिलती है ऐसा क्यों और जिनको कोई आरक्षण नही है UR category वालो को 400 सीटे यह कहां की बराबरी हुई बताए जरूर

    • @MusiclessRJ
      @MusiclessRJ Před měsícem +1

      re bewkuf sc/st ke gareeb logo ka hee ghaata hai isme ye lawyer bat ko ghuma rha hai samvidhan ke nam par

    • @DayramKumar-uh2wo
      @DayramKumar-uh2wo Před měsícem

      ❤❤❤😂

    • @mahavirbadesara8468
      @mahavirbadesara8468 Před měsícem

      Jai bhim jai savidhan 🎉

  • @vikramtanti2024
    @vikramtanti2024 Před 6 dny +4

    वकील साहब आपका बहुत बहुत धन्यवाद

  • @SukhdevSingh-ok3sn
    @SukhdevSingh-ok3sn Před měsícem +298

    मैं OBC वर्ग से आता हूं और मैं चाहता हूं आरक्षण जाति के नाम पर नहीं बल्कि आर्थिक स्थिति के आधार पर मिलना चाहिए

    • @ajitrawvlogs2.0
      @ajitrawvlogs2.0 Před měsícem +12

      Tumhre chahne se nhe hoga

    • @abhimishra7808
      @abhimishra7808 Před měsícem +12

      ​@@ajitrawvlogs2.0to ky tere chahne se hoga

    • @ajitrawvlogs2.0
      @ajitrawvlogs2.0 Před 29 dny +1

      @@abhimishra7808 mere ya tere chahne se nhe janta ho chahegi wo hoga

    • @SanjeevKumar-fg8hh
      @SanjeevKumar-fg8hh Před 29 dny

      Right bro ✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️​@@ajitrawvlogs2.0

    • @dipuchoudhary4908
      @dipuchoudhary4908 Před 29 dny +5

      Yahi chez soch ke bolte to apne ko obc nhi kahte

  • @neelimamadame91
    @neelimamadame91 Před měsícem +809

    सुप्रीम कोर्ट भी बिकाऊ हो चुका है ।

    • @ManojKumarmeena-t6o
      @ManojKumarmeena-t6o Před měsícem +10

      Cji bhi bhand ban gya h ab

    • @kailashthakur537
      @kailashthakur537 Před měsícem

      सुप्रीम कोर्ट में सब मनुवादी मानसिकता के लोग बैठे है।कोलिजियम सिस्टम की मेहरबानी है, नहीं तो तहसील में बैठ कर नोटरी कर रहे होते ।

    • @pratikatal3957
      @pratikatal3957 Před měsícem

      Ha ye chamar hi h jo unke faisele ka virodh kar rhe h

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 Před měsícem +5

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @Riteshkumar-qd8zg
      @Riteshkumar-qd8zg Před měsícem +1

      Cji v rupee ye k leye kaam karte hai

  • @mariyamnaik3922
    @mariyamnaik3922 Před 27 dny +463

    वकील हो तो ऐसा. सॅल्यूड आपको,वकील साहेब. जय संविधान.

  • @VINODKUMAR-yv9jg
    @VINODKUMAR-yv9jg Před 17 dny +15

    एडवोकेट साहब आपका बहुत बहुत धन्यवाद आप महान हैं 🙏❣️

  • @RabindraKumar-wg3vk
    @RabindraKumar-wg3vk Před měsícem +672

    दलित विरोधी भाजपा सरकार होश में आओ

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 Před měsícem +9

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @saumeshbhaikarmuhara
      @saumeshbhaikarmuhara Před měsícem

      ​@@govindvaid3924😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊
      **

    • @KaliBhai-pr9ii
      @KaliBhai-pr9ii Před měsícem

      Gawar khi ke bhim bhim krta hai knowledge jhat bhar ni h

    • @awadhpaswanawadhpaswan1690
      @awadhpaswanawadhpaswan1690 Před měsícem

      🎉​@@govindvaid3924

    • @nikhil-pz3xx
      @nikhil-pz3xx Před měsícem +4

      @@govindvaid3924 COPY OR PASTE KRNA AATA H BSS ? GOOGLE SE? KHUD KUCH KNOWLEDGE HAI YA NI ? nvm PADHAI LIKHAI HOTI NI SOCIAL MEDIA PR RESERVATION HATAO KE NARE LAGANE HAI INKO / ITNA TIME PADHAI M LAGTA TO AAJ YE NA KR RHA HOTA BHAI / PEACE OUT

  • @AbhishekKumar-sd7wl
    @AbhishekKumar-sd7wl Před měsícem +33

    यह सब को 100 में 100% आरक्षण चाहिए और बिना पढ़े हुए यह सब को जज बना दे और वकील बना दे और जो पढ़े उसे से घास कटवा वे बस यह सब यही चाहता है और फॉरवर्ड विरोधी है

  • @DharamveerKumar-zp9xi
    @DharamveerKumar-zp9xi Před měsícem +746

    छेरोगे तो छोड़ेंगे नहीं! जय गुरु रविदास जय भीम

    • @user-tp9tk8jw4v
      @user-tp9tk8jw4v Před měsícem +6

      Right sir

    • @user-gq6gp3qv4t
      @user-gq6gp3qv4t Před měsícem +4

      Right 🙏

    • @abcd12184
      @abcd12184 Před měsícem +8

      kya krloge 😅😅

    • @DharamveerKumar-zp9xi
      @DharamveerKumar-zp9xi Před měsícem +8

      @@abcd12184 बाबा साहब के ससुराल वाले के चेहरे पर ऐसे ही मैं मुस्कान देखना चाहता हूं!
      ऐसे ही हंसते रहो ! और
      ऐसे ही मजाक करते रहो ये तो तुम्हारा अधिकार है!

    • @TheAgroFilm
      @TheAgroFilm Před měsícem +12

      ​​@@DharamveerKumar-zp9xiआरक्षण सिर्फ 10 साल के लिए था। extend करते करते इतने साल हो गई। अब और नही। पढ़ाई करो और नोकरी लो। its simple

  • @JaswinaMarurkar
    @JaswinaMarurkar Před 7 dny +3

    Real super hero "Jai bheem Jai sanvidhan" 🙏🏻🙏🇭🇺🇭🇺🇭🇺🇭🇺🇭🇺

  • @ramakkant1835
    @ramakkant1835 Před měsícem +385

    इस आदोंलन को बहुत बहुत समर्थन करते हैं जय भीम जय भारत छ ग

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 Před měsícem

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

  • @AnujParmar-hd6cb
    @AnujParmar-hd6cb Před 28 dny +376

    बहुजन शिक्षित बनो संगठित रहो संघर्ष करो // शिक्षा हमारा हथियार है !🌄

    • @nikitafromuttarakhand6800
      @nikitafromuttarakhand6800 Před 26 dny +6

      Ye hi ambedkar ji bole thy
      Andolan ko support kare
      Jai bheem jai ambedkar jai savidhan

    • @RupamHatwar
      @RupamHatwar Před 22 dny +4

      Shiksha le na reservation kyu hona

    • @reetadevi9614
      @reetadevi9614 Před 22 dny +1

      Bahujan Samaj jindabad

    • @ManishYadav-yd6of
      @ManishYadav-yd6of Před 20 dny

      To jake pdh l bhai 😂😂😂😂

    • @sushilavats4468
      @sushilavats4468 Před 20 dny +1

      यही तो बात है पढ़ लिख कर आगे बढ़ो आरक्षण की उम्मीद क्योंलगा रखी है आरक्षण मतलब 30 अंक लेकर नौकरी

  • @dreamseducation-mmsr
    @dreamseducation-mmsr Před 20 dny +103

    Aap to ऐसा बोल रहे है जैसे सारे सारे राजपूत ब्राह्मण के पास rolls Royce है आरक्षण rolls Royce kardne ke liye nhi garibi rekha se aage jane ke liye diya jata hai

  • @Techlifehacks0
    @Techlifehacks0 Před 18 dny +60

    अरे कब तक जातियों के नाम पर रोना रोना है भारत में, हम सब चाहते है की आरक्षण केवल गरीब या सारिरिक तोर पर अपंग लोगो को मिले | भारत के लोगो की मांसिकता बड़ी दयनीय है 😢

    • @motivationalstory4820
      @motivationalstory4820 Před 17 dny

      Tujhe Aarakshan dikh raha hai lekin sale tujhe jaate ke naam per bhedbhav karte hain vah nahin dikh raha

    • @NSCLASH24
      @NSCLASH24 Před 17 dny +1

      Right ❤

    • @bhagendrajuwanthavlogs2257
      @bhagendrajuwanthavlogs2257 Před 16 dny

      मंदिर मस्चिद का आरक्षण भी
      समाप्त होना चाहिए

    • @bhagendrajuwanthavlogs2257
      @bhagendrajuwanthavlogs2257 Před 16 dny +4

      भाई साहब आप का कहना ठीक है लेकिन मन्दिर में भी 100%आरक्षण लेने वालों के लिऐ भी आरक्षण समाप्त होना चाहिए मंदिरों में भी सबको मौका मिलना चाहिए और प्रत्येक विभाग में जनसंख्या के आदर पर कर्मचारी रखना चाहिए आरक्षण स्वथः ही बंद हो जाएगा जाति व्यवस्था भी संपाप्त होनी चाहिए।।। सबको एक समान अधिकार मिलना चाहिए जनरल वाले मजे लेंगे एससी एसटी ओबीसी वाले कंहा जायेंगे भाई पांच अंगुलियों का दर्द बराबर समझना चाहिए।।

    • @bhagendrajuwanthavlogs2257
      @bhagendrajuwanthavlogs2257 Před 16 dny +1

      ​@@NSCLASH24लेकीन मंदिरों का आरक्षण भी समाप्त होने की बात भी तो करो सर जाति व्यवस्था बंद करो उज्ज्वल भारत के बारे में सोचो

  • @ashoksaroj6653
    @ashoksaroj6653 Před měsícem +439

    सुप्रीम कोर्ट।के। सभी।जज। मनुवादी।है।कोलोजीयम। बन्द।हो।जय। भीम 🌹🌹🌹🌹

    • @sapna4993
      @sapna4993 Před měsícem

      *COURT KE COLLEGIUM SYSTEM KE AGAINST 21 AUGUST KO BHARAT BAND HONA HI CHAHIYE.....COLLEGIUM SYSTEM BAND KARO...TAKI BHAVISHY MEIN KOI BHI SC/ST/OBC KE LOGO KE ADHIKARO KO CHINNE KI KOSHISH NA KARE JAISE SUPREME COURT AUR SARKAR LAGATAR SC/ST/OBC KE LAWS KE SATH LAGATAR KHILWAD KAR RAHI HAI...COLLEGIUM SYSTEM KE KHILAF ANDOLAN HONA HI CHAHIYE*🙏🙏

    • @MukundK-ci8dl
      @MukundK-ci8dl Před měsícem +3

      एक जूट का विजय होता है

    • @RahulSingh-jz3vh
      @RahulSingh-jz3vh Před měsícem +2

      और खैरात पर जज बन जाएं 😂😂

    • @karansingh....
      @karansingh.... Před měsícem +1

      Tu mere bete ko bna me tere bete ko banata hu, aisa band hona chaiye

    • @abhishekchaudhary884
      @abhishekchaudhary884 Před měsícem

      Aur tum kya ho...

  • @prempalsingh8031
    @prempalsingh8031 Před měsícem +321

    आरक्षण विरोधी सरकार होस मे आओ

    • @thepravinfact
      @thepravinfact Před měsícem +4

      @@prempalsingh8031 lagta h is sarkar ko v hasina banana padega

    • @sanjayabhiraj
      @sanjayabhiraj Před měsícem

      कोई सवर्ण पत्रकार हे याह आया आप को बाइट लेने अगर 10 % सवर्ण आरक्षण खतम होता तो अभी तक मनुवादी पत्रकार आया हुआ होता बाइट लेने

    • @KaliBhai-pr9ii
      @KaliBhai-pr9ii Před měsícem +4

      ​@@thepravinfact tere me dm h to protest to kr Ghar na tuta to khiyo

    • @thepravinfact
      @thepravinfact Před měsícem

      @@KaliBhai-pr9ii thik hai काली भाई Mai v shant tu v shant ,jisko jo karna h ,karne do 😀😀😀😂

    • @Ranjeet32274
      @Ranjeet32274 Před měsícem

      10 % bhi nahi hai tumhari aabadi, agar jung hui to kitne bachoge tum log ​@@KaliBhai-pr9ii

  • @balwantbahraichi6902
    @balwantbahraichi6902 Před 23 dny +175

    इस वकील को 100 तोफो की सलामी हमारे देश के sc. St के उत्साह बढ़ाने के लिए धन्यवाद जय भीम जय भारत

    • @Swn540
      @Swn540 Před 21 dnem +2

      Aur sare top ke muh iski taraf😂

    • @vijetasain3131
      @vijetasain3131 Před 21 dnem +1

      @@Swn540 😀

    • @indianarmy5494
      @indianarmy5494 Před 21 dnem

      Aapko kya fayada mele raha h bhai

    • @RahulRana-zn9ux
      @RahulRana-zn9ux Před 19 dny

      😂😂😂😂

    • @BollywoodRelative
      @BollywoodRelative Před 19 dny

      😢😢😢 सबको क्या हो गया h ..... आरक्षण का क्या करेंगे जब हम work place pr सेफ ही भी h..... इज्जत से ज्यादा प्यारा आरक्षण h logo ko isiliye sab aage aaye😢🥺🥺😭😭

  • @Abhishek_rajpoot_01
    @Abhishek_rajpoot_01 Před 19 dny +76

    अगर आरक्षण जारी रहेगा तो जातिवाद, छुआछूत भी जारी रहेगी 🇮🇳 जय श्री राम ⚔️ जय राजपूताना ⚔️

    • @amitsagar8818
      @amitsagar8818 Před 19 dny +7

      😂😂😂 Tu aajana Our samne bolna kuch

    • @Lordkrishnaproperty111
      @Lordkrishnaproperty111 Před 19 dny +2

      Absolutely 💯

    • @Worlddangerousarmy
      @Worlddangerousarmy Před 19 dny +7

      @@amitsagar8818 tu bhi bol na samne tere khandhan ko kharid lunga

    • @DavidUnscripted
      @DavidUnscripted Před 18 dny +4

      बिल्कुल tum chalu rakho tumhari jalti rahegi tum bhed bhav karte rah jawge aur ham apne life me bahut age badh jayenge is chij ke liye bhim ji ne bna ke gye hai kuyki tum ayesa karoge hi 😂rajputna nam se to ayesa lag rha koi raja h raja jamna ab gya

    • @mohitrj0513
      @mohitrj0513 Před 18 dny

      Bhai aap yeh batao pehle jatibaad aaya ya aarakshan.....

  • @tushar89817
    @tushar89817 Před měsícem +279

    💙💙बार बार बोलूंगा जय Bhim जय भीम 💙💙
    बहुत बहुत धन्यवाद सर इतने अच्छे बाते कहने के लिए

  • @kpsingh1344
    @kpsingh1344 Před měsícem +256

    बिल्कुल नहीं छोडेगें ।उसके लिए चाहे कितनी बड़ी कुर्बानी देनी पड़े जय भीम

  • @anyone7496
    @anyone7496 Před 28 dny +105

    कॉलेजियम सिस्टम तुरंत खत्म होनी चाहिए सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति परीक्षा के माध्यम से होना चाहिए

    • @Villnam1
      @Villnam1 Před 27 dny +14

      Bss Us Pariksha Me Reservation Nahi Hona Chahiye 😂

    • @techno_24
      @techno_24 Před 26 dny +7

      Jo bhi exam ho usme reservation nhi hona chahiye
      Education ke dam par clear karo or judge ban jaao
      Reservation hatao desh ko sasakt banao

    • @mangalam5330
      @mangalam5330 Před 23 dny +1

      Collegium system galat h

  • @BachelorBoy53
    @BachelorBoy53 Před 12 dny +2

    इनमे से कोन कोन Sc or ST है मिलकर सामना करेंगे और मुहतोड़ जवाब देगे Support

  • @lokeshkumar007
    @lokeshkumar007 Před 23 dny +290

    वाह जियो मेरे शेर, समाज को ऐसे ही लोगो की जरूरत हे जो खुल के बोल सके, जय भीम

    • @rajrantsawant132
      @rajrantsawant132 Před 21 dnem +2

      Jay bhim

    • @kedarnathdindore4236
      @kedarnathdindore4236 Před 21 dnem +3

      Yes ❤

    • @navinji0
      @navinji0 Před 21 dnem

      Reservation ko hta hi do na taki desh ka vikas ho km no. Lakar intelligent st/sc category ka ladka 50000 me job kr rha hai jayada no. Lakr general ladka 5000 me job kr rha hai

    • @VikasKumar-lb5np
      @VikasKumar-lb5np Před 20 dny +2

      ​@@navinji0थोड़ी अपनी बुद्धि तेज करो 50% जॉब जनरल वाले ले लेते है जो बेवकूफ है
      Sc/st को सिर्फ 18% जॉब मिलती है

    • @bhanupratapsingh4924
      @bhanupratapsingh4924 Před 20 dny

      ​@@VikasKumar-lb5np I think you need to sharpen your wit. Who told you that general category enjoying 50% reservation that's open quota not reserved for anyone

  • @abhayRaja47
    @abhayRaja47 Před 25 dny +47

    आरक्षण आर्थिक आधार पर हो 🙏 जय हिन्द जय भारत 🇮🇳

    • @jitendrajitu3721
      @jitendrajitu3721 Před 22 dny +1

      आपकी बात उचित है लेकिन धार्मिक पदों पर भी योग्यता के अनुसार हो जाती के आधार पर नहीं

    • @ajeetkushwaha9722
      @ajeetkushwaha9722 Před 22 dny +1

      Jo bhedbhav kiya h tm logo ne arthik adhar pe ya jati k adhar pe

    • @prakashshelke3381
      @prakashshelke3381 Před 21 dnem +1

      Chup be😂

    • @Rawagent_0
      @Rawagent_0 Před 17 dny +1

      ​@@ajeetkushwaha9722kyu Tera dada kisi ka murder karde or tereko fasi ho chalega ?

  • @ghanshyamsingh4170
    @ghanshyamsingh4170 Před měsícem +32

    अब समय आ गया है ब्राह्मणों, क्षत्रियों, बनिययो और दलितों को परसेन्टेज के आधार पर नौकरियों एवम अन्य जगहों में आरक्षण होना चाहिए अधिकांश लाभ ये ही उठा रहे हैं जिन्हें उच्च वर्ग कहते हैं

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 Před měsícem +3

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @shivshukla9264
      @shivshukla9264 Před měsícem +2

      Correct 💯 ​@@govindvaid3924

    • @tejsinghrathod5840
      @tejsinghrathod5840 Před 28 dny +3

      Ab samay ki mang ha Reservation sirf economic base par hona chaiya pure desh me

  • @Prempari9576
    @Prempari9576 Před 18 dny +4

    तुम 45% मार्क्स लाकर अधिकारी बन जाते हो और हम 98% लाने के बाद भी छठ जाते हैं क्या इसी संविधान की बात हो रही है
    जब आपको जाति सूचक शब्द इस्तेमाल किया जाता है तो आप लोग बोलते हैं कि सभी का खून एक जैसा लाल है तो मुझे जाति सूचक शब्द से क्यों बोला जाता है तो आज जान लीजिए कि इसी आरक्षण के तहत आपको इस नजरिया सेदेखा जाता है

  • @rameshkumar-ev2it
    @rameshkumar-ev2it Před měsícem +240

    देश हमारा राज तुम्हारा नहीं चलेगा, नहीं चलेगा। भाजपा हटाओ, देश बचाओ। जय भीम जय मूलनिवासी जय संविधान।

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 Před měsícem +2

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @rahulhansda5022
      @rahulhansda5022 Před měsícem +2

      ​@@govindvaid3924saf saf.. bolo kya kehna . .. chhate ho

    • @shailendersingh5321
      @shailendersingh5321 Před měsícem +1

      Bharat unka h jo bhart ke lia khun bhahate h

    • @shripadkodare339
      @shripadkodare339 Před měsícem

      आज भाजप हटाव का नारा, क्यू देते है,भाय,आठवलेजी तो पहिले से भाजप के दोस्त है.

    • @user-el1di8hq6r
      @user-el1di8hq6r Před měsícem

      Le saaf saaf sun bahut saal mil liya tumhe aarakshan ab valmiki samaj ki baari hai dalit sirf tum nahi ​@@rahulhansda5022

  • @VishalNayak-lr9cc
    @VishalNayak-lr9cc Před 25 dny +191

    एडवोकेट शाहब बहुत बहुत आपका स्वागत है आपने इतना बड़ा कदम उठाया बहुजनो के लिए

    • @Tekrajsuryabanshi
      @Tekrajsuryabanshi Před 24 dny +2

      ❤❤❤❤❤❤

    • @BollywoodRelative
      @BollywoodRelative Před 19 dny

      😢😢😢😢😢 .....Rape cese ke liye tere ye vakil kyu nahi aage aaye .....kyu saja nhi milti kisi ko😢😢😢

    • @Tekrajsuryabanshi
      @Tekrajsuryabanshi Před 19 dny +1

      @@BollywoodRelative we are living according to law and order.....the ultimate power is in the hand of CJI chandrachud....he is a nyay murti of our nation why is not taking any action and make law and amendments against such rapist...that's why everybody is working on educating and bringing awareness to your kind of hypocrite....apko agar such ma chinta hoti to is vishay ma aapko Kam sa Kam basic jaankari to hoti.... don't spread hatred and misinformation just to defame others....😠

  • @RabindraKumar-wg3vk
    @RabindraKumar-wg3vk Před měsícem +193

    आरक्षण विरोधी होश में आओ

    • @rajkumarmishra5072
      @rajkumarmishra5072 Před měsícem +7

      तुम सभी होश में रहो भारत को बंटवारा मत करो पहले अपने आपको उस लायक बनो तब ख्वाब देखो।

    • @motivationchanal2935
      @motivationchanal2935 Před měsícem

      Yes absolutely right

    • @SureshKumar-vb1ms
      @SureshKumar-vb1ms Před měsícem

      Hos me aanevale nahi h ye log lana pdega enko hos me

    • @DineshaajadAajad
      @DineshaajadAajad Před 26 dny

      ​@@rajkumarmishra5072haa ham hos my hi he jab camda utarna tha to piche se pani chidkaaw karte the jis gay or bess ka dud khaya hoga usu ham tikane lgate the or ab aap khud leke jaate ho

    • @DineshaajadAajad
      @DineshaajadAajad Před 26 dny

      ​@@SureshKumar-vb1msto le lo naa kisne mnaa bola he

  • @SauravRaj-s4d
    @SauravRaj-s4d Před 18 dny +6

    बिल्कुल सही कहा आपने,अब के प्रधानमंत्री कुछ ज्यादा ही तेज हो गया है.........

  • @user-rx6gs6fd9x
    @user-rx6gs6fd9x Před měsícem +106

    Adv.sahab ji apko sat sat naman or jindabad छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं जय भीम जय संविधान

  • @shivlalsaket6544
    @shivlalsaket6544 Před měsícem +35

    बहुजन समाज की लड़ाई आरक्षण को नौवीं अनुसूची में डाला जाय

  • @SachinNimsarkar-yk4cn
    @SachinNimsarkar-yk4cn Před 25 dny +68

    संविधान और आरक्षण को कोई बदल नहीं सकता....जो बदलने की कोशिश करेगा हम उनको बदल देंगे!

    • @ajitvlogs077
      @ajitvlogs077 Před 21 dnem +3

      आरक्षण आर्थिक स्थिति के आधार पर होना चाहिए जाति के आधार पर नहीं

  • @PraveenMuzalda
    @PraveenMuzalda Před 18 dny +13

    St sc में जिनकी वार्षिक आय 10 लाख से अधिक हैं उनको आरक्षण से बाहर कर देना चाहिए

  • @user-ty9du2vn2e
    @user-ty9du2vn2e Před měsícem +54

    वोकिल साहेब आपका बहुत बहुत साधुवाद बहुजन समाज के लिए आवाज उठाने के लिए 🙏🙏 बाबा साहेब जिंदाबाद , जय भीम जय सविधान 🙏🙏💙💙💙🇪🇺🇪🇺🇪🇺✍️✍️✍️💯💯💯💯

  • @user-qb5sd1qu1z
    @user-qb5sd1qu1z Před měsícem +166

    संविधान बदलने वालों को ही हम बदलदेंगे अच्छी तरहसमझ लेना संविधान के साथ छेड़छाड़ ही करना बर्दाश्त नहीं होगा जय भीम जयसंविधान

    • @aadiwashi_life
      @aadiwashi_life Před 29 dny +7

      Jis sarkar ne samvidhan sabse jyada sansodhan kara usi sarkar ke sath de rahe ho or bol rahe ho ki samvidhan bachaoge wahhh

    • @sikhogyan4487
      @sikhogyan4487 Před 26 dny +3

      Samvidhan janta ke liye bana hai janta chahe to samvidhan badlega
      Aur yahan per baat hai ki Amir dalito ko reservation nhi milega to ye bilkul sahi hai
      We Support it

    • @ArunTradeCenter1998
      @ArunTradeCenter1998 Před 25 dny +2

      Kitne saal arakshan lega khud k dum p aage badh

    • @ayushmodi4565
      @ayushmodi4565 Před 21 dnem

      Ha Bhai unhe mana kr do har 10 saal baad amendments lane ke liye 🙂🙂
      Ham tumhare sath h 🙂🙂

    • @Rohankumararya123
      @Rohankumararya123 Před 18 dny

      Arakshan kisi ko nahi dena chahiye sabhi ko samantar kar dena chahiye

  • @aryanrajwar6648
    @aryanrajwar6648 Před měsícem +132

    फैसला देने वाले सभी ब्राह्मण है ‌ 50०/० एसटी/एसी लोग जज होना चाहिए

    • @goldybharatfirst9079
      @goldybharatfirst9079 Před 29 dny +18

      Pdai kro or bno. Tum swarno ka khun nhi kr skte

    • @YOLO-nc3sz
      @YOLO-nc3sz Před 29 dny +10

      Padhai krke aye wo waha

    • @yashvardhansharma999
      @yashvardhansharma999 Před 29 dny +10

      Haan reservations Mila to jroor lg jaaoge 50% mai😂😂😂😂😂

    • @girishchandra360
      @girishchandra360 Před 29 dny

      @@aryanrajwar6648 बिना पढ़े जज बनने के ख्वाब देख रहे हो, फिर तो इस देश को गर्त में डालोगे,

    • @VikasKumar-yq4ui
      @VikasKumar-yq4ui Před 28 dny

      Bhaii aajaa usi level se kaha se mai aata hu padhne fir dekhte h​@@goldybharatfirst9079

  • @Techmohityt-h4r
    @Techmohityt-h4r Před 16 dny +1

    आरक्षण छोड़ेंगे नहींमोदी जी आरक्षणआपको देना होगा भील समाज का इतिहास देखो

  • @AdityaRaj-pr9zw
    @AdityaRaj-pr9zw Před měsícem +96

    SC St unity जिंदाबाद 💪💪⚔️⚔️
    इसी यूनिटी का डर से सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला बदल दिया

    • @H2oDk
      @H2oDk Před měsícem +1

      Dekh ke liye bhi kuch kar lo ya bas jindabaad hi karna hai bangladesh ko pakistan ko dekh lo bahut muslim premi ho na sab samjh aa jayega 😂😂😂😂

    • @AdityaRaj-pr9zw
      @AdityaRaj-pr9zw Před měsícem +2

      @@H2oDk muslim Premi nhi insan Premi hai SC, ST,
      Tum btao jab Brahman ko muslim kuch krte hai to dalit hindu ban jate hai
      wahi SC st se kam nikl jata hai to phir Hindu dalit bn jate hai
      Kisi bhi desh ko viksit hone ke liye sabhi dharm ke logo ki jrurat hai
      jo ki bharat me balance hai abhi tk
      Jis din kisi desh me kisi ak dharm ke barchaswav hoga
      us din se us desh ko dubna ,danga hona Tay hai
      isliye kha jata hai jayda Hindu desh Muslim desh bnane ki kosis Mt Karo
      Bangldesh me ak dharm ke adhikta ka ntija aaj dekh hi liya
      waha bhi yadi 40% bhi hindu rhta to Aisa nahi hota
      Hindu muslim krne se phle kuch socho kya bol rahe hai
      Jinko Hindu muslim krke hi pet palna hai mandir masjid ke nam par wo to kabhi nhi sudhar skte hai

    • @VikashRajput-123
      @VikashRajput-123 Před 20 dny

      ​@@AdityaRaj-pr9zwye new rule phda h kya tune ???

    • @Nirmalyasir
      @Nirmalyasir Před 20 dny

      Tum par dayaa AAA geyaa supreme court kaa 😂

  • @madhavraogaikwad1129
    @madhavraogaikwad1129 Před měsícem +65

    मा SC ने ये क्रेमिलीयरका बिल वापस देना चाहियें ।नहीं तो बडा आंदोलन होगा ।जय संविधान ।

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 Před měsícem

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @RahulSingh-jz3vh
      @RahulSingh-jz3vh Před měsícem +2

      लुटेरों sc st के जरुरतमंद को रिजर्वेशन मिलने दो उसका हक मत छीनो

    • @shripadkodare339
      @shripadkodare339 Před měsícem

      आप तो सब बीजेपी के समर्थक है,आठवले, प्रकाश आंबेडकर सब बीजेपी के दोस्त है.सरकार को बोलो,कोर्ट को गाली को देते हो.sc,st के गरीब लागो को फायदा हो रहा है, तुम्हारे बच्चोका नुकसान दिसतात है तुम्हे ,इस लिए तुम्हे गुस्सा आहे है

    • @narendersharma5344
      @narendersharma5344 Před měsícem +1

      गुस्साा मत करो कोर्ट का सम्मान करो जी

    • @kansinghrathore7578
      @kansinghrathore7578 Před 29 dny

      सही फैसला है

  • @MohanLal-wd8qc
    @MohanLal-wd8qc Před měsícem +86

    सुप्रीम कोर्ट मनुवाद व्यवस्था के विरोध में कयो नहीं बोलता है
    EWS आरक्षण में भी बदलाव करे
    EWS आरक्षण वाले अरबो खरबो वाले थे
    तो यह आरक्षण कयो लागू हुआ

    • @tazinderkalra7230
      @tazinderkalra7230 Před měsícem +3

      Sc st vich bhut de lok Sara family job krde m grib h eh bhut rich ne ehna india ne development nhi hundi 40 no nu job 60 no job nhi eh india di development nhi hundi 40 no foreign country vich 60 no do value 40 nhi Sade india vich 40 no value h

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 Před měsícem +2

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @IqbalSingh-zg6jt
      @IqbalSingh-zg6jt Před měsícem

      ​@@tazinderkalra7230good

    • @shahupaikrao5682
      @shahupaikrao5682 Před měsícem +1

      JayBhim JaySavidhan JayShivray

    • @deepakgayali3252
      @deepakgayali3252 Před měsícem +1

      इन लोगों की मानसिकता देखिए, येलोग आपने समाज के गरीबलोगों को अपने बराबर आने नहीं देना चाहते और बात करते हैं। ब्राह्मण की ब्राह्मणों का नाम लेकर पूरे देश की आंखों में धूल झोंकना इनकी आदत बन चुकी है

  • @mayaraidas5784
    @mayaraidas5784 Před 17 dny +2

    आप लोग बड़े बोल रहे की सबको बराबर आरक्षण मिलना चाइए अरे ,,जब प्राचीन काल से ही ब्राह्मण छतरी वेश्य शुद्ध ,, जिसमे सबसे नीचे जाति अहिरवार जाति को ही माना जाता है क्या पाप कर दिया ऐसा ,, जितना भेदभाव इस जाति के लोगो ने झेले है ना वो ब्राह्मणों के ,, आज की दुनिया में सब पड़े लिखे तो है लेकिन अपनी सोच ही नहीं बदल पा रहे की जाती कुछ नही होती ,, अरे सब इंसान ही है खून तो एक ही निकलेगा सबके अंदर लेकिन फिर भी यह जाति वाद खत्म नहीं हो पा रहा और ना कभी हो सकता हैं,, भाइयों मेरा संदेश किसी को चोट पहुंचाना नही है लेकिन pls aap समझो कितना जरूरी है यह आरक्षण हमारे लिए ,,,

  • @vimalkumar-fw1dv
    @vimalkumar-fw1dv Před měsícem +22

    Jay Bhim 🙏 Jay Samvidhan 🖊️📖 BSP जिन्दाबाद 💙💙💙🐘🐘🐘🐘🐘

  • @ArvindKumar-du3dv
    @ArvindKumar-du3dv Před měsícem +164

    थैंक्यू वकील साहब जय भीम

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 Před měsícem +2

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @Rawagent_0
      @Rawagent_0 Před 17 dny +1

      Gay bhem tum choti caste wale itne gande or kale kyu hote hoo

  • @siddharthdeshbhratar4730
    @siddharthdeshbhratar4730 Před měsícem +79

    10 डाक्टर 20 इंजिनियर 30 वकिल जब समाज में पैदा होगें तब इस समाज की तरफ आँख उठाकर देखने की किसी की हिम्मत नहीं होगी .
    डॉ. बाबासाहब अम्बेड़कर
    सेलूट माय ब्रदर बाबासाहब के सिपाई
    जय भीम
    जय भारत
    जय संविधान
    जय मुलनिवासी
    🎉🎉🎉🎉

    • @venture-aarav
      @venture-aarav Před měsícem

      Bhai isse khi jyada ho chuke hai or beda garg hi hai..
      Reservation ke chalte aise log piche ho jate hai jo hmare Bharat ko ajj ke comparison me bht hadd tak age lkr Jaa skte hai..
      Bhti ganga me hath dhona band kardi

    • @My_school-My_pride-82
      @My_school-My_pride-82 Před měsícem +2

      @@siddharthdeshbhratar4730 यह सभी एक ही परिवार में नहीं बल्कि गरीब दलित के घर में भी पैदा होने चाहिए

    • @ramlalsaini959
      @ramlalsaini959 Před měsícem

      ऐसे सोचने से ओर मरने से डॉक्टर वकील जज नहीं बनेंगे, उसके लिए समाज को एकजुट होकर एक फंड की व्यवस्था करनी पड़ेगी क्योंकि ऐसे पदों पर पहुंचने के लिए पैसों की ज्यादा जरूरत पड़ती है गरीब का बच्चा वहां तक नहीं पहुंच पाता गरीबी के कारण गरीब का टैलेंट छुप जाता है गरीबी के कारण टेलेंट को आगे बढ़ाने के लिए पूरी समाज की जिम्मेदारी होती है वह जिम्मेदारी हम नहीं निभा रहे हैं सबसे ज्यादा हम सब को इसी पर फोकस करना होगा

    • @PreetamPratima
      @PreetamPratima Před 29 dny

      ​@@Bharatbhumi12beta aa jao smne dekhate h kitna educated ho tum pt h study sb krte h Bina study kiye sc st bhi job nhi pate h smjhe beta or mai to job li hu or general cutoff ko smjhe suar

    • @sadhanasingh9118
      @sadhanasingh9118 Před 29 dny

      Jai bheem

  • @Anshisheoran-jv9in
    @Anshisheoran-jv9in Před 18 dny +36

    आरक्षण किसी को नहीं देना चाहिए सभी को बराबर रखनाचाहिए

    • @user-kz8jm4gt4k
      @user-kz8jm4gt4k Před 17 dny +5

      Sahi kaha bhai par sayad dalit logo ko such main problem Hoti hai abhi v log chua-chut Hota hai maine dekha hai abhi v gao main dalit logo nicha giraya jata hai main khud general Hu mare papa ki kirana ki dukan hai meri family main kisi v choti jaati ke logo Ko Ghar par bed mein bethne v nahi dete jameen par bitha kar baat karna, Pani v mang le Toh meri mummy usko palstic ki bottle hi de dedeti glass main nahi baad mein bottle dustbin mein daal deti hai 😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢

    • @Sonikavegan832
      @Sonikavegan832 Před 17 dny

      तो तुम इतने दिनों से आरक्षण le kr क्या kr रहे हो😂😂 ये सिर्फ बहना है फ्री की जो aadat ho गयी है

    • @Sonikavegan832
      @Sonikavegan832 Před 17 dny +2

      ​@@user-kz8jm4gt4kM tumhari baat से सहमत हु की आरक्षण खत्म नही होना चाइये पर आरक्षण मे सुधार होना चाइये आजकल आरक्षण वो भी ले रहे है जो आईएस। Patvari और भी पदों पर है और वही दूसरी तरफ general और obc m कुछ ऐसे भी जिनकी finicial conditions अच्छी नही है और उन्हे कोई regervation नही।
      और हम general wale hai हमे ना तो इस government ने कुछ दिया और ना ही किसी और government ne yrr
      Regervation आर्थिक स्थिति के आधार पर होना चाइये कोर्ट का फैसला सही है
      Job M fess का तो smjh aata hai पर cutoff M bhi regervation . Mind to sb M बराबर होता है
      50 ℅ wala job krega और 90% wala बेरोजगार।।

    • @रमनदीपकौर
      @रमनदीपकौर Před 14 dny

      जमीन के हिसाब से monthly मिलता है।

    • @रमनदीपकौर
      @रमनदीपकौर Před 14 dny

      Madam equity or equality में डिफरेंस देखो पहले सर्च करो pta lgao or फिर बोलो

  • @PramodKumar-qe9wp
    @PramodKumar-qe9wp Před měsícem +67

    वकील साहब आपका बहुत बहुत वंदन अभिनंदन करता हूं जय भीम नमो बुद्धाय जय भारत के संविधान

  • @user-ib2mj7tp3k
    @user-ib2mj7tp3k Před 20 dny +132

    आरक्षण सबूत है हमारे SC / ST का कि हम भारत के मूलनिवासी है हमारे पास आरक्षण के अलावा कुछ भी नहीं है ना जमीन ना घर हमें फिर से गुलाम बनाना चाहते हैं आरक्षण हमारा अधिकार है प्लीज इसे मत हटाओ 🙏🙏😭😭

    • @ManasRai-j7w
      @ManasRai-j7w Před 20 dny +6

      Hme to bhagwaan de gya h😅😅

    • @user-ib2mj7tp3k
      @user-ib2mj7tp3k Před 20 dny +1

      @@ManasRai-j7w हिस्ट्री जाके देखो भाई यह देश सिर्फ दलित द्रविड़ आदिवासी का है तुम लोगों के द्वारा कब्जा किया गया है हमारे देश में और हमारे जमीनो पर

    • @ManasRai-j7w
      @ManasRai-j7w Před 20 dny +2

      @@user-ib2mj7tp3k acha ye baaao phle ki general me jo gareeb h usko reservation milna chahiye ki nhi ??
      Bir tumse fact p baat krunga

    • @Renusingh-zu2xn
      @Renusingh-zu2xn Před 20 dny

      Kya soch hai gatiya......hindu nahi hai par moolniwasi hai, bhagban ko nahi manege or muslim dharm ka support krege

    • @Anniojas
      @Anniojas Před 20 dny +4

      General walo k pas kya hai... Tum log to general walo ko insan b nhi mante ho.... B r amedkr n 10 saal k liye aarakshan Diya tha... Baki mehnt se job lo to Desh ka vikas ho

  • @vinayakkamble8870
    @vinayakkamble8870 Před měsícem +239

    SC/ST आरक्षण गरीबी हटाओ कार्यक्रम नही है। ये सुप्रीम कोर्ट को पता होना चाहिए।

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 Před měsícem +6

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @dkmetcalf14598
      @dkmetcalf14598 Před měsícem +2

      Jai bheem. Full support.

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 Před měsícem

      @@harishankardhruw5280 सर लेटेस्ट करवा लीजिए, कोई दिक्कत नही लेकिन अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण बेहद जरूरी और बाबा साहेब के सपनो के अनुसार है अगर आप समतामूलक समाज निर्माण का सपना और समझ रखते है।

    • @varshabhautkar924
      @varshabhautkar924 Před měsícem

      ​@@govindvaid39241:08 1:12 1:18 1:19 1:37 1:46 1:51

    • @pawanbhagat9341
      @pawanbhagat9341 Před měsícem +1

      Jai bheem

  • @jkmehrajan719
    @jkmehrajan719 Před 9 dny

    आपके जज्बे को सलाम , बकील साहब , क्रांतिकारी जय भीम आपको

  • @mulchandnarware6102
    @mulchandnarware6102 Před měsícem +25

    माननीय सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण उपवर्गीकरण का फैसला साक्ष आधार दिया है इसलिए देश में आरक्षण उपवर्गीकरण का फैसला लागू होना चाहिए

    • @Joya-ns9bc
      @Joya-ns9bc Před měsícem +2

      बहुजन समाज को दो वक्त कि रोटी क्या मिल गई, स्वर्ण समाज के पेट मे दर्द सुरु हो गई, और Hindu people बनाने की बात करते हो

    • @kapilgupta5279
      @kapilgupta5279 Před měsícem

      Do waqt ki roti to bina reservation ke bhi mil jayegi.
      Waise reservation se koi fayda ho raha hai kya?
      Agar koi fayda ho raha hai to jise ek baar fayda ho gaya, ab uski jagah dusre ko fayda milna chahiye.
      Agar fayda nahi ho raha hai to, reservation ko band kar dena chahiye.

  • @Anand_Jatav_mp33
    @Anand_Jatav_mp33 Před měsícem +8

    जय भीम बहुत बहुत धन्यवाद आभार एडवोकेट बकील साहब

  • @mani92356
    @mani92356 Před 29 dny +88

    छेडोगे तो छोडेंगे नहीं,Jay Bhim,jay shivaray,jay hind

    • @sonusaini2781
      @sonusaini2781 Před 28 dny

      Accha ji

    • @imax98ff35
      @imax98ff35 Před 27 dny

      ​@@sonusaini2781bhag

    • @Rohankumararya123
      @Rohankumararya123 Před 18 dny +1

      खूद के दम पर कोई काम करो तुम लोग आरक्षण का लाभ उठा लिया

    • @Rawagent_0
      @Rawagent_0 Před 17 dny +1

      Aa gae free ka khane wale nange

  • @rajgabbarnetamathura7812
    @rajgabbarnetamathura7812 Před měsícem +81

    जय भीम संविधान

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 Před měsícem

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @sunilkushhwaha
      @sunilkushhwaha Před měsícem

      Good 👍👍👍👍👍👍

  • @abhishek_bharti_153
    @abhishek_bharti_153 Před měsícem +76

    गजब का स्पीच दिया मैंने आज तक इतना अच्छा स्पीच नहीं सुना गर्दा उड़ा दिया चाचा ने तो मनु वादियों का ❤❤❤❤👍👍🙏🙏🙏💪💪💪

  • @deshrajpanwar594
    @deshrajpanwar594 Před měsícem +60

    21 अगस्त को भारत बंद आरक्षण का फैसला सुप्रीम कोर्ट को वापस लेना चाहिए

    • @603896
      @603896 Před měsícem

      भाई अब जरूरत नही।क्रीमी लेयर नही लगेगा ।गरीब दलित को नाली मुबारक।करते रहो साफ😂

    • @vipgamer4976
      @vipgamer4976 Před měsícem

      Tu k hai sc ya st

    • @abhishekchaudhary884
      @abhishekchaudhary884 Před měsícem

      No....

  • @AmitKumar-zs6yo
    @AmitKumar-zs6yo Před 3 dny

    भीम भाई अंबेडकर जी ने हमें उठाया था और यह लोग हमें नीचे गिराना चाहते हैं इन लोगों की यही थिंकिंग है

  • @user-oq5tr8vq5s
    @user-oq5tr8vq5s Před měsícem +31

    मनुवाद को बढ़ावा देना सरकार का पहला एजेंटा है ये सरकार नही चलेगी

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 Před měsícem

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

  • @vidhata.
    @vidhata. Před měsícem +8

    OBC SC ST Minority किसान एकता जिंदाबाद ❤

  • @VikashSinghPaswanPaswan
    @VikashSinghPaswanPaswan Před měsícem +100

    हमारे समाज की तरफ से 21 अगस्त को संपूर्ण भारत बंद करने का ऐलान हम लोग ने कर दिया है बाबासाहेब अंबेडकर जिंदाबाद यह बाबा साहब द्वारा संविधान बना हुआ हैं

  • @ShanuJi-yu6ed
    @ShanuJi-yu6ed Před 14 dny

    जो अमीर है उसे आरक्षण मत दो जो गरीब है चाहे किसी भी वर्ग का हो सबको आरक्षण दो

  • @satwinderlal2987
    @satwinderlal2987 Před měsícem +130

    जय भीम जय भारत जय सविधान

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 Před měsícem

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @Rawagent_0
      @Rawagent_0 Před 17 dny +1

      Gay bhem uncle tmkc

  • @user-pi7us2he8u
    @user-pi7us2he8u Před měsícem +59

    Dhanyawad साहब हम आपके साथ
    जय भीम जय संविधान जय भारत

  • @nehabharti5111
    @nehabharti5111 Před měsícem +103

    सुप्रीम कोर्ट को आरक्षण लागू करना पड़ेगा

    • @603896
      @603896 Před měsícem

      गरीब दलित को फिर से झाड़ू पकड़ा दिया मोदी ने ।लगाते रहो😂

  • @gopalkajla5603
    @gopalkajla5603 Před 18 dny +17

    इन वकील साहब का कहने ‌का मतलब है कि ‌sc st वर्ग‌‌ में सभी के पास राल्स रोयल और 1000 ,2000 करोड़ रूपए होने चाहिएं😂😂😂😂😂

    • @siddhukv123
      @siddhukv123 Před 18 dny +1

      Yes bhai

    • @truthtalker9375
      @truthtalker9375 Před 18 dny +1

      Itna reservation pe tum jo ro rhe ho par hakikat yeh hai ki har bade pad pe tumhare hi log bethe huye hai

    • @Singhj25
      @Singhj25 Před 18 dny +2

      ​@@truthtalker9375Kuki vo us position k layak hai mehnat krke phochta h tumhri trha reservation lekr nahi.... himmat h to ek general vala ki trha brabar marks ki criteria m betho na.

    • @truthtalker9375
      @truthtalker9375 Před 18 dny

      @@Singhj25 himmat ki baat karte ho par ye bhul gaye ki himmat barabari walo me dikhayi jaati hai...jab tum kisi ko upar aane hi nahi doge to woh barabari kar bhi nahi paayenge 🤷‍♂️...aur reservation se log upar aa bhi rhe hai,bas 100-200 saal reservation aur rehne do fir dekho barabari jab sab log equal ho jaayenge tab karna barabari...tab pata chalega ki kon kya chiz hai,aur bhulo mat saari creative chize shudra hi karta aa rha hai centuries se chahe matke banana,loha kaatna,kapde banana aur Seena,sone ko aakar dena ya aa- bhushan banana etc....ye sab koi gen wala nahi karta tha pehle,apna ye superiority complex apne paas hi rakho

    • @truthtalker9375
      @truthtalker9375 Před 18 dny

      @@Singhj25 himmat ki baat karte ho par ye bhul gaye ki himmat barabari walo me dikhayi jaati hai...jab tum kisi ko upar aane hi nahi doge to woh barabari kar bhi nahi paayenge 🤷‍♂️...aur reservation se log upar aa bhi rhe hai,bas 100-200 saal reservation aur rehne do fir dekho barabari jab sab log equal ho jaayenge tab karna barabari...tab pata chalega ki kon kya chiz hai,aur bhulo mat saari creative chize shudra hi karta aa rha hai centuries se chahe matke banana,loha kaatna,kapde banana aur Seena,sone ko aakar dena ya aa- bhushan banana etc....ye sab koi gen wala nahi karta tha pehle,apna ye superiority complex apne paas hi rakho

  • @geetarani3664
    @geetarani3664 Před měsícem +119

    Great sir ji, संविधान की रक्षा करने की जो कोशिश आप कर रहे हैं, बाबा साहब से ऊपर कोई नहीं है संविधान से ऊपर कोई नहीं है सुप्रीम कोर्ट भी नहीं

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 Před měsícem

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @namansharma7886
      @namansharma7886 Před 28 dny +1

      ​@@govindvaid3924bhot hi achhe se btaya apne

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 Před 28 dny

      @@namansharma7886 जी, धन्यवाद आपने समझा और कमेंट किया, लेकिन चमार समाज क्यों नही समझ रहा?? असल में अब हम मान रहे है बाबा साहेब आंबेडकर के विरोधी ब्राह्मण कम चमार ज्यादा थे, क्योंकि उन्होंने अपनी लेखनी में ये बोला है मेरा सबसे अधिक विरोध चमार समाज ने किया।

    • @namansharma7886
      @namansharma7886 Před 28 dny +1

      @@govindvaid3924 smjhna jruri h unko smjhna chahiye

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 Před 28 dny

      @@namansharma7886 जी बिल्कुल

  • @VikashKumar-sn6mc
    @VikashKumar-sn6mc Před měsícem +92

    21 अगस्त को कोन कोन हमारे साथ है भारत बंद करने के लिए

    • @rajanbagde373
      @rajanbagde373 Před měsícem +1

      Namo Buddha Jay bhim Kamp tee is a rajan s bagade

    • @desiboy3894
      @desiboy3894 Před měsícem +1

      👍👍👍👍

    • @kansinghrathore7578
      @kansinghrathore7578 Před 29 dny +2

      फिर क्या उखाड़ लोगे ,कोर्ट ने बहुत अच्छा किया,राजस्थान में मीना जाती के। लोग एसडीएम बनकर बैठे ,,फिर भी St category m है ये कब तक चलेगा बंद होना चाहिए

    • @SachchidanandSingh-gj3ev
      @SachchidanandSingh-gj3ev Před 28 dny

      NOBODY IS GIVING FACTUAL POSITION EXCEPT MANJHI ABOUT SUPREME COURT JUDGEMENT DEBARRING CREAMY LAYERS FROM GETTING SC/ST RESERVATIONS SINCE ALL POLITICIANS OF THAT CASTES ARE RICH & WEALTHY. MANJHI IS ABSOLUTELY RIGHT WHO IS SAFEGUARDING INTEREST OF POOR OF SC/ST WHO ARE NOT GETTING ANY BENEFIT OF RESERVATION SINCE INDEPENDENCE AS THE RICH & AFFLUENTS OF SC/ST IS GRABBING ALL POSTS OF POOR. SUPREME COURT JUDGEMENT IS ABSOLUTELY IN INTEREST OF POOR SC/ST WHO WILL NEVER GET RESERVATIONS IF CREAMY LAYER IS NOT DEBARRED FROM ANY FURTHER RESERVATION. ONLY POLITICIANS WHO ARE RICH & WEALTHY WANTS CONTINUATION OF RESERVATIONS FOR CREAMY LAYERS ALSO TO GET BENEFIT FOR THEIR FAMILY WHICH WILL DEPRIVE POOR OF SC/ST IN FUTURE ALSO LIKE PAST 77 YEARS SINCE INDEPENDENCE.

    • @Kattarhindu-c5t
      @Kattarhindu-c5t Před 21 dnem

      Koi nhi jai shree ram 🙏

  • @rahulhembramofficial431
    @rahulhembramofficial431 Před 27 dny +123

    ST/SC भाइयों जिंदाबाद 💪

  • @user-rw9il9dn5o
    @user-rw9il9dn5o Před 9 dny

    आज मुझे बहुत अच्छा लगा कि आप लोग अपने शिक्षा का भरपूर उपयोग कर रहे बस ऐसे ही करते रहे ❤

  • @nehabharti5111
    @nehabharti5111 Před měsícem +143

    अगर आरक्षण नहीं मिला तो बहुत बड़ा आन्दोलन होगा

    • @KaliBhai-pr9ii
      @KaliBhai-pr9ii Před měsícem +14

      Bhikh ni milegi

    • @AnkitKumar-ec8wq
      @AnkitKumar-ec8wq Před měsícem +3

      Jish din jatiwad khatam hoga us din arachan khatam ho jayega😮😮😮

    • @armanalam5320
      @armanalam5320 Před měsícem +2

      बांग्लादेश की तरह

    • @AdmiringCupcakes-zk5rc
      @AdmiringCupcakes-zk5rc Před měsícem

      Free m khane ki adat pad gyi h
      Teri maa ko bhej de 😂😂

    • @RJ-zs3yk
      @RJ-zs3yk Před měsícem

      ​@@KaliBhai-pr9iitu or Tera baap dada de raha hai kya tere ghar se hak se liya tha or bhikh to mandiro vaale le rahe hai unko jaake bol

  • @KaranKumar-fj9id
    @KaranKumar-fj9id Před 22 dny +71

    मैं गर्व करता हूँ अपने देश के संविधान पे

  • @Aakash-Singh001
    @Aakash-Singh001 Před 19 dny +21

    तो अंबानी जैसा दिमाग होना चाहिए बे🤟🚩❤

    • @truthtalker9375
      @truthtalker9375 Před 18 dny

      Dimaag nahi lootna aana chahiye isliye to Ambani ko dekho aur Tata ko dekho,fark dikh rha hai na....jara Ambani ke papa ke baare me search kar lena pata chal jaayega ki kya kya ghaple kiye hai

    • @chanderkant5326
      @chanderkant5326 Před 15 dny

      tere ghar mei h bay

  • @mansukhmakvana1397
    @mansukhmakvana1397 Před 18 dny +10

    वकिल साहब को तहे दिल से शुक्रिया

  • @dhananjaynirala1583
    @dhananjaynirala1583 Před měsícem +73

    एक नंबर वकील साहब आपकी जज्बे और सच्चाई के लिए दिल से सैल्यूट जय भीम साहब 🙏💐

  • @RaviKumar-mu2oj
    @RaviKumar-mu2oj Před měsícem +76

    वकील साहब बहुत सही बाते किए है आप को कोटि कोटि धन्यवाद सर जी जय भीम आर्मी अब सही से जागो मेरे भाईयो बहनों जय जय भीम आर्मी जी जय संविधान जय हिन्द जय भारत जय वंदेमातरम जय हिन्द

    • @KhubRamChauhan
      @KhubRamChauhan Před měsícem

      Very great spikingwork ham,app,ka,sath,ha,sir,ji

  • @PawanCvs2
    @PawanCvs2 Před 27 dny +47

    अभी भी वक्त है बहुजनो जागो और एक जुट रहो शिक्षा ही हमारा सबसे बड़ा हथियार इस लिए पढ़ना बहुत जरूरी है और यह वकील साहब का दिल से शुक्रिया अदा करता हूं जय भीम जय संविधान जय मूलनिवासी 🙏🙏

  • @ShashikantDwivedi-yx5px

    सुप्रीम कोर्ट जो फैसला देती है सही फैसला देती है

  • @manishhela4936
    @manishhela4936 Před měsícem +62

    शिक्षा वो शेरनी का दूध है जो पियेगा वो दहाड़े 🇮🇳💪💪💙💙🦁🦁..आज देख भी लिया # जाय भीम साथियो 💙💙

    • @neetendrakumar4928
      @neetendrakumar4928 Před 29 dny

      Fr dood piyo n reservation ka roona kyu ro rhe

    • @ravirajaryan919
      @ravirajaryan919 Před 27 dny

      जय भीम🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

    • @kabaddi_zone77
      @kabaddi_zone77 Před 27 dny +3

      Phir thoda or pdh le n reservation ki jrurt e nh pde 🤣

    • @neetendrakumar4928
      @neetendrakumar4928 Před 27 dny +1

      @@kabaddi_zone77 ekdam shi 👍

    • @KiranDevi-gc7jn
      @KiranDevi-gc7jn Před 26 dny

      ​@@kabaddi_zone77क्यू बे लोरे जमीन रखने का रिजर्वेशन सालो से तुम्हारे पास है मंदिर जाने का 😂 और जलते रहो छोटी जातियों से

  • @vijaypalsingh7208
    @vijaypalsingh7208 Před měsícem +30

    Sc. St. Jindabad 👍

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 Před měsícem

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

  • @hansavaniya262
    @hansavaniya262 Před 21 dnem +74

    धन्यवाद, वकील साहब आप हमारी आवाज़ हो। जय भीम।

  • @SonamKumari-ko5ns
    @SonamKumari-ko5ns Před 14 dny +1

    We all with you 🇮🇳🇮🇳 Jay Hind

  • @dharmveersaheb7328
    @dharmveersaheb7328 Před měsícem +45

    वहां हमारे बाबासाहेब के संघर्षों पर चलकर अपने जीवन को एक वकील के रूप में आज विपक्षों के पसिने टपकाते,सलुट सर जय भीम नमो बुद्धाय साहेब बन्दगी

  • @user-po2pt9wq5i
    @user-po2pt9wq5i Před měsícem +90

    बिल्कुल सही कहा वकील साहब ने।🙏💯👍

    • @indosanct-rn9sr
      @indosanct-rn9sr Před měsícem +1

      30/100 se 0/100 karo passmark. teri mkb

    • @slentgamer5366
      @slentgamer5366 Před měsícem

      ​@@indosanct-rn9sr bhagwan teri maa ko bhi de🤡mukhputra👍🏻 aur 30 number me kha Naukri deri sarkar bta mujhe apply Krna h 😢

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 Před měsícem

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @indosanct-rn9sr
      @indosanct-rn9sr Před měsícem

      @@slentgamer5366 i dont need 30/100 I can pass with 50/100 why dont u buy some bangles and start clapping on road for money

    • @slentgamer5366
      @slentgamer5366 Před měsícem

      @@indosanct-rn9sr Abey 50 /100 wale bangles pehen ya ghaghra pehen ke naach chahe road pe nanga naach chumtiye 🤡pr ye bta 30 me sarkari Naukri kha milri munna🤡👍🏻

  • @gauravnanda8826
    @gauravnanda8826 Před 28 dny +25

    Sureme Court ne bilkul sahi kiya, creamy layer ka concept SC/ST mein zaroor hona chahiye

  • @user-ly8sr1qv1v
    @user-ly8sr1qv1v Před 13 dny +1

    वकिल साहब आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपने दलितों के लिए आवाज उठाई

    • @funtechmahto7484
      @funtechmahto7484 Před 12 dny

      Dalit Ambani v ban jay tab v aarakshan chahiye ,Kota me daal ,chawal gehu chahiye 😂😂😂😂 ajib ho yaar

  • @KaranSingh-mv1fm
    @KaranSingh-mv1fm Před měsícem +7

    I proud of you Sir 🙏🙏🙏
    Aapne bilkul thik kaha sir. Jay Bheem 🙏 Namo Buddhay

  • @AnilKumar-dl5ct
    @AnilKumar-dl5ct Před měsícem +46

    जय भीम, जय संविधान, जय मूलनिवासी 💙💙🩵💙💙

    • @bravokasvideostudynaturelo2548
      @bravokasvideostudynaturelo2548 Před měsícem +1

      Bhim ne ds sal k lie diya tha jiwan bhr k lie nhi

    • @AnilKumar-dl5ct
      @AnilKumar-dl5ct Před měsícem

      @@bravokasvideostudynaturelo2548 EWS me 10% क्यों ले रहे हो भिखारियों

  • @VinodKumar-cy9wt
    @VinodKumar-cy9wt Před měsícem +17

    आवाज दो हम एक है उठो जागो और अपने हक के लिए संघर्ष करो जयभीम🙏💕 नमोबुद्वाय

  • @user-hd6er3oz8l
    @user-hd6er3oz8l Před 17 dny +8

    आरक्षण खत्म करके, काबिलियत के दम पर नौकरी मिलनी चाहिए
    आंबेडकर ने जाति भेद बढ़ाया है
    किसी को कम आरक्षण
    तो किसी ज्यादा आरक्षण
    हिंदुओ जागो, अपने हक लड़ाई शुरू करो
    जय श्री राम 🚩

    • @lovliestdeep928
      @lovliestdeep928 Před 16 dny +1

      Jaativad khatam karo arakshan apne aap khatam ho jayega...apni Behen -Beti ki shadi Dalit se karo or Dalit ki beti apne Ghar laao🙏

    • @g.l.kumawat4665
      @g.l.kumawat4665 Před 16 dny +1

      kabiliat ke dam pe hi lete hai bina aarkshan vale sbhi bhut mhnt karke bhi rh jate hai or aarkshan vale aadhe nubner me bhi selection le lete hai bura to lgega hi aarkhan hta ke dekho ak bar jisme dam hoga job lega bs bat khtam

    • @jagguMurchulia.
      @jagguMurchulia. Před 16 dny

      Mai सहमत हू आपकी बातो से

  • @sapnashingh7230
    @sapnashingh7230 Před měsícem +14

    Aapke jajbe ko salam sabhi bahujan samaj me ye jajba hona bahut jaruri hai ❤❤❤❤❤❤ jai bhim

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 Před měsícem +1

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

  • @pushpendrelahare6418
    @pushpendrelahare6418 Před měsícem +41

    बहुत सही जवाब दिए हैं आदरणीय एडवोकेट साहब आप को बारम्बार जय भीम जय भीम 💐💐🙏🙏

  • @SSVlogs012
    @SSVlogs012 Před měsícem +37

    Ji,bilkul 100% correct, आप बोल रहे हैं गौतम साहब,जय भीम जय संविधान जय BSP

  • @GoutamSain-i9c
    @GoutamSain-i9c Před 18 dny

    आरक्षण केवल पहली पीढ़ी तक ही मिलना चाहिए। अगर कोई पहली पीढ़ी आरक्षण लेकर हाई लेवल तक पहुंच गई है तो दूसरी पीढ़ी को इसका हकदार नहीं होना चाहिए।

  • @rajlalpatel8994
    @rajlalpatel8994 Před měsícem +11

    Jay bhim