कैसे बनें करिश्माई व्यक्तित्व के मालिक | रायपुर चातुर्मास प्रवचन 2022 | श्री ललितप्रभ जी
Vložit
- čas přidán 11. 09. 2022
- #Raipurchaturmas2022 #ShriLalitprabhji
#कैसेबनेंकरिश्माईव्यक्तित्वकेमालिक
#KaiseBaneKarishmaiVyaktitvakeMaalik
#Howtobecometheownerofacharismaticpersonality #Raipurpravachan #Raipurchaturmaspravachan
Raipur Pravachan Mala 2022 video list-
• रायपुर चातुर्मास प्रवच...
please share your friends.
कृपया इस चैनल को सब्सक्राइब करें और बैल आइकन प्रेस करें ताकि हम राष्ट्रसंत श्री ललितप्रभ जी के सुनहरे अंदाज में दिल को छूने वाले लेक्चर आप तक पहुंचा सकें। धन्यवाद।
प्रस्तुति : अंतर्राष्ट्रीय साधना तीर्थ, संबोधि धाम, जोधपुर (राजस्थान)
‘सफल सुखी जीवन का पहला मंत्र है- सबके सामने बहुत विनम्रता से पेश आएं। विनम्रता ही दूसरों के दिलों में जगह बनाती है। विनम्रता हमारे जीवन का महान सद्गुण है, वह जीवनभर हमारे साथ रहे। खटर-पटर हो रही जीवन की गाड़ी के पहियों में विनम्रता रूपी ग्रीस लगा लो, हमेशा के लिए विनम्रता को अपनी आदत बना लो, जीवन की गाड़ी सहज-सरल चल पड़ेगी। अगर आप प्रभावी व्यक्तित्व के मालिक बनाना चाहते हैं तो इसके लिए दूसरा मंत्र है- जब भी बोलें, मधुर-मिठास भरी भाषा बोलें। रावण को बोलना नहीं आता था, इसीलिए उसने अपने सगे भाई को भी खो दिया और श्रीराम को बोलना आता था, इसीलिए उन्होंने दुश्मन के भाई को भी अपना बना लिया। शरीर पर लगा घाव दवा से भर जाता है लेकिन जुबान से लगाया घाव जीवनभर नहीं भर पाता। इसीलिए जब भी बोलें-प्रेम से बोलें।’
मनुष्य के व्यक्तित्व विकास के लिए जो भी निर्माण होता है वह उसके स्वयं के द्वारा होता है। यदि आपको अपने जीवन में ऊंचाइयों को छूना है तो आपको लगना होगा। पूरी दुनिया में एक ही है जो आपको ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है, वह आप खुद हैं। इसके लिए शुरुआत आपको जमीन से करनी होगी। जब तक कोई हवाई जहाज जमीन पर नहीं दौड़ेगा, तब तक वह आसमान की ऊंचाइयों पर चढ़ नहीं पाएगा। माँ-बाप के नाम को वही रोशन कर सकता है जो खुद रोशनी में जीता है। अंधेरे में जीने वाले लोग, गलत राह पर चलने वाले लोग कभी अपने माँ-बाप के नाम को रोशन नहीं कर सकते।
संतप्रवर ने आगे कहा कि ऊंचे कुल में जन्म लेना भाग्य की बात है। ऊंचे कुल में जन्म ले लेने से आदमी महान नहीं हो जाता, आदमी अपने अच्छे कर्म से महान होता है। लोगों के दिलों में वही जिंदा रहता है जो ऊंचे कर्म किया करता है। श्रृंगार करने से आदमी का चेहरा सुंदर होता है पर सद्गुणों से आदमी का पूरा जीवन सुंदर हो जाता है। याद रखें वैभववान व्यक्ति केवल जीते-जी पूजा जा सकता है, पर त्यागी की पूजा उसके जाने के बाद बरसों-बरस होती है। जिन्होंने अपना जीवन त्याग-वैराग्य के साथ जिया, उन्हें लोग आज भी याद कर रहे हैं, वे आज भी पूजे जा रहे हैं। यदि आप चाहते हैं कि आप जहां जाएं, वहां लोग आपको पसंद करें, आपका सम्मान करें तो जीवन में विनम्रता और मधुरता-मिठास के मंत्र को सदा के लिए अपना लें।
यदि अपने द्वारा आप किसी को सबसे बड़ा उपहार दे सकते हैं तो वह है प्रेम। इसके लिए चाहिए केवल आपका बड़ा व्यवहार, आपका बड़प्पन। जीवन में हमेशा उदार बने रहें, अपने हाथों से हमेशा दूसरों को कुछ न कुछ समर्पित किया करें। अगर आपको कोई भूखा-प्यासा मिल जाए तो उसे भोजन जरूर कराएं। किसी दीन-दुखी के काम आकर उसके कल्याण का सत्कर्म जरूर करें। क्योंकि आदमी अपने रंग से नहीं, ढंग से महान होता है। अपनी सूरत को हम नहीं बदल सकते, पर अपनी सीरत को जरूर बदल सकते हैं। लोगों के दिलों में वही जिंदा रहता है जो अच्छे कर्म करता है। अच्छा मुकाम पाने के लिए मेहनत करनी पड़ती है, नैतिक जीवन पड़ता है, तभी उसका जीवन एक आदर्श बनता है।
इंसान का जन्म या जीवन निर्माण तीन चरणों में
दुनिया में किसी भी इंसान का जन्म तीन चरण में होता है। यूं तो सब यही कहते हैं कि मैं अपने माँ-बाप का जाया हूं। पर आज मैं बता दूं, आदमी का पहला जन्म उसके माता-पिता के द्वारा होता है, जिससे शरीर मिलता है। दूसरा जन्म उसके गुरु द्वारा प्राप्त होता है, जिससे व्यक्ति के ज्ञान की ज्योति जाज्वल्यमान होती है। और आदमी का तीसरा अंतिम जन्म होता है, वह व्यक्ति के स्वयं के द्वारा होता है। जिसे व्यक्तित्व निर्माण कहते हैं। यदि ऊंचाइयों को पाना है तो खुद को लगना पड़ता है। अगर भगवान महावीर को परम ज्ञान प्राप्त करना है तो उनको लगना पड़ा, अगर बुद्ध को बोधि सत्व प्राप्त करना है तो उनको लगना पड़ा, अगर आपको अगर जीवन की ऊंचाइयों को छूना है तो आपको लगना होगा। एक बात तय है कि बैठे-ठाले किसी भी इंसान को जीवन में कभी मुकाम नहीं मिलता है। अपनी मंजिल पानी है तो कदम आगे बढ़ाने होंगे। याद रखें दुनिया में आदमी कितनी ही ऊंचाइयों पर पहुंच जाए पर उसे शुरुआत तो जमीन से करनी पड़ती है। जीवन की सफलता को, ऊंचाइयों को पाने के लिए शुरुआत अपने-आप से करनी होगी।
जिंदगी के निर्माण के लिए आज मैं आपको कुछ मंत्र दे रहा हूं। अगर आप चाहते हैं कि मैं लोगों के दिलों में जगह बनाऊं, सब लोग मुझे पसंद करें तो मैं एक बात बता दूं कि ऊंचे कुल में जन्म लेने से आदमी महान नहीं होता। भगवान महावीर ने 2600 साल पहले यह कहा था कि न आदमी जन्म से महान होता है, न जाति से न कुल से महान होता है, न पद से महान होता है और न सम्पत्ति से महान होता है, आदमी जब भी महान होता है अपने अच्छे कर्म करने से महान होता है। एक बात जीवन में हमेशा याद रखना- तीन लोगों को ईश्वर कभी माफ नहीं करता, नंबर एक- उस न्यायाधीश को जो न्याय की कुर्सी पर बैठकर भी प्रलोभनवश अन्याय करता है, नंबर दो- उस अमीर को जो अमीर होकर भी कंजूस रहता है और नंबर तीन- उस संत को जो संत होकर भी दुराचार करता है। दुनिया में तीन शब्द हैं- शैतान, इंसान और भगवान। जो भला करने वाले का भी बुरा करता है, वह शैतान है। जो भला करने वाले का भला करे और बुरा करने वाले का बुरा करे वह इंसान है, और जो बुरा करने वाले का भी भला करे, वही तो है भगवान।
राधे राधे श्याम परम पिता परमेंशवर की जय हो जय हो जय हो जय हो जय हो जय हो बजरंगबली महावीर महाराज की जय हो जय हो सभी साधू संतों की जय हो जय हो जय हो जय हो जय हो जय हो जय हो भगवान की जय हो जय हो जय हो जय हो
JAI GURU DEV JI🙏🙏
परमपूज्य गुरुदेव के चरनो मे कोटी कोटी प्रणाम
जय गुरुदेव चरण स्पर्श है
Namostu Namostu Namostu jai guru dev
Sat sat naman
dhanya pravchan
आपके वचन मुझे बहुत मदद करते है
बहुत मोटिवेशन मिलता है ,,, बहुत सारे वीडियो आपके सुने है , आप बहुत महान कार्य कर रहे है 🙏 🙏 जय हो प्रभु आपकी
🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
Namaste guru ji apka pravachan se meri zindagi badal gayi
Jai ho guru ji Narayan Narayan
Sat sat naman Prm pujya RASTRIYA SANT SHRI Lalit Prabhu Ji Maharaj mahan
🙏🏻😊🌹पूज्य राष्ट्र संत, देश विदेशों में ख्याति प्राप्त😇Respected Gurudev ji..Naman ji,Narayan Narayan ji आपके श्री कमल चरणों में कोटी कोटी नमन वंदन प्रणाम हम सभी का you are very great.. God bless you always.. thank you so much सेन परिवार आपका ❤से आभारी है 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻😇
L
U r the best guruji.aapko Charan sparsh.
²
🙏🙏🤲🤲