DNA: भारत के असली पूर्वज कौन थे? | Who were the real ancestors of India? | Aryans | History Decoded

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  • čas přidán 10. 05. 2022
  • DNA: Rakhigarhi Project -- Who were the real ancestors of India?
    From past hundreds years in India, a question has been raised many times about the identity of our real ancestors. This news will probably change the contours of the history of India.
    DNA: Rakhigarhi Project -- भारत के असली पूर्वज कौन थे?
    भारत में सैकड़ों वर्षों से एक सवाल कई बार पूछा जाता है कि हमारे असली पूर्वज कौन थे. ये खबर भारत के इतिहास की रूपरेखा को शायद हमेशा के लिए बदल देगी.
    #DNA #AncestorsOfIndia #SudhirChaudhary
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Komentáře • 1,7K

  • @sandeepchinchane8413
    @sandeepchinchane8413 Před 2 lety +204

    ऐसा कितने रहस्य छुपे है 🚩 इस देश में

  • @PrakashG470
    @PrakashG470 Před 2 lety +12

    भारत ही इस दुनिया का उगम है.... सनातन ही सबसे प्राचीन ऑर प्रगत जीवनशैली है....

  • @deepusahani7493
    @deepusahani7493 Před 2 lety +5

    हमे जरूरत ही क्या है अंग्रेजो की सुनने की जबकि हमारे पास अपनी इतनी गौरवशाली,संपन्न,संस्कृति और सभ्यता है अंग्रेजो ने तो साजिश के तहत हम भारतीयों को नीचे गिराने की कोशिश की क्योंकि वो खुद हमारी सभ्यता और संस्कृति से प्रभावित थे और वो जानते थे हमारी कला,मंदिर,किले,महल शिक्षा,भाषा ,आयुर्वेद, चिकित्सा,सब कुछ उनसे बेहतर है एक भारत श्रेष्ठ भारत 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🙏🙏🙏

  • @user-gs8or6cf2j
    @user-gs8or6cf2j Před 2 lety +229

    *पोकिस्तान के टीचर ने कहा, तुम्हें पता है! हमारे पूर्वज बन्दर थे।*
    *तो ☝️ लड़का बोला! आपके होंगे, हमारे तो आतंकवादी थे।* 🤣

    • @dnpande7741
      @dnpande7741 Před 2 lety +7

      और अंधभक्त भी 😀😀

    • @direnbhatsavesoil9628
      @direnbhatsavesoil9628 Před 2 lety +1

      @D N Pande log bol sakte hai ki aapka ye comment Pak ke defence main hai.
      Dekhiye Modi virodh main aap bhul gaye ki ap Bharatiya hai.
      Commenter ye bol raha hai ki Pakistan main terrorism ki smasya hai.
      Aur Mujhe lag raha hai ki aap Andhbhakt bula rahe hai unko. Pakistan ko defend kar rahe hai.
      Ek aur jagah aap Aryan Invasion Theory ka samarthak karte pareet hue mujhe.
      Joki Desh ko baant dega. Aur North-South India ko alag kar sakta hai.
      Caste ke beech Civil war start karwa sakta hai.
      Caste System ko khatam karne ki bajaye.. Civil war.? 😂
      Ye accha nahi rahega.
      🙏 🌸 ♥ 🚩 🙏

    • @haunterboy3005
      @haunterboy3005 Před 2 lety +3

      🙏🙏😜😜🤗❤️

    • @bindhassbol6902
      @bindhassbol6902 Před rokem

      और वो आतंकवादी आर्यन थे जिन्होंने हडप्पा संस्कृती को नष्ट-भ्रष्ट कर दिया
      और अपना सनासन टनाटन धर्म स्थापित कर दिया

    • @mukeshsunam596
      @mukeshsunam596 Před rokem +1

      @@dnpande7741 🤣🤣🤣👍

  • @balvirspal9726
    @balvirspal9726 Před 2 lety +587

    हमारा दुर्भाग्य रहा है कि हमने विदेशियों तथा देश के दुश्मनों का इतिहास पढ़ा जिसने हमें कई तरह से तोड़ा फूट डाली..

    • @armyfeeling
      @armyfeeling Před 2 lety +17

      Hmm Bhai

    • @technicaltalaash5867
      @technicaltalaash5867 Před 2 lety +15

      बिल्कुल सही ,अब भी हम सब संभल सकते हैं I

    • @rishabhiitdelhi8856
      @rishabhiitdelhi8856 Před 2 lety +43

      चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।
      *सम्राट शांतनु* ने विवाह किया एक *मछवारे की पुत्री सत्यवती* से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।
      सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए *भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?*
      महाभारत लिखने वाले *वेद व्यास भी मछवारे थे*, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।
      *विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे*, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।
      *भीम ने वनवासी हिडिम्बा* से विवाह किया।
      *श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय* करने वालों के परिवार से थे,
      उनके भाई *बलराम खेती करते थे*, हमेशा हल साथ रखते थे।
      *यादव क्षत्रिय* रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।
      *राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे*।
      उनके पुत्र *लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल* में पढ़े जो *वन के वासी थे।
      तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।
      *वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे*, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।*
      प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस *नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे* ।
      नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, *बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये*।
      उसके बाद *मौर्य वंश* का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत *चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे* और एक *ब्राह्मण चाणक्य ने* उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।
      फिर *गुप्त वंश* का राज हुआ, जो कि *घोड़े का अस्तबल चलाते थे* और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।
      केवल *पुष्यमित्र शुंग* के 36 साल के राज को छोड़ कर *92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया*? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।
      फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा।
      अंत में *मराठों* का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने *गाय चराने वाले गायकवाड़* को गुजरात का राजा बनाया, *चरवाहा जाति के होलकर* को मालवा का राजा बनाया।
      *अहिल्या बाई होलकर* खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये।
      *मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे* और *रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद* थे|।
      यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।
      *मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई* और यहां से *पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह* जैसी चीजें शुरू होती हैं।
      *1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन* रहा और यहीं से *जातिवाद* शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया।
      अंग्रेज अधिकारी *निकोलस डार्क की किताब "कास्ट ऑफ़ माइंड"* में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।
      इन हजारों सालों के इतिहास में *देश में कई विदेशी आये* जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि *मेगास्थनीज* ने इंडिका लिखी, *फाहियान*, *ह्यू सांग* और *अलबरूनी* जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।
      *योगी आदित्यनाथ* जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की *उमा भारती* महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।
      इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं ।
      *यह पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें ... उन हिन्दू भाईयों को जोड़िये जो मुगलिया, अंग्रेजी और कांग्रेसी षडयंत्र के कारण अपने आपको अलग मानते हैं और हिन्दू एकता में बाधा उत्पन्न करते हैं। लक्ष्य उनको भी जोड़ने का है ।*
      🚩Jai Sri Ram🚩

    • @sandeepkr946
      @sandeepkr946 Před 2 lety

      कर्ण, साबरी और शंबूक को रामायण महाभारत में अंग्रेज ही घुसा दिए ।😭😭😭 आर्य अनार्य को शुरू से ही नीचा दिखाया है ।

    • @manmount9334
      @manmount9334 Před 2 lety +17

      Muslim or Christian na bharat or Sanatan Dharma ke knowledge se jalte the

  • @nayak3461
    @nayak3461 Před 2 lety +239

    जिस देश को आर्यवर्त बोला जाता हो उस देश मे आर्य भला बहार से क्यों आएंगे 😂😂 सभी पांडव आर्य थे, और हम सभी पांडवो के वंशज है

    • @nikhil00077
      @nikhil00077 Před 2 lety +9

      Mahabharat wala pandaw

    • @krishna3082
      @krishna3082 Před 2 lety

      यहां तक कि रामायण मे भी आर्य लोगो का जीकर हैं भगवत गीता मे भी आर्य लोगो का जीकर हैं, उस समय भारत बहुत बड़ा था और सनातन धर्म के लोग अपनी शरीर को जलाते हैं तो इस हिसाब से उनकी हडिया भी नहीं बचे गी,, तो इस हिसाब से आर्यो का हड़िया नरकंकाल कहा से मिले गा, एक हरियाणा मे इसका जांच हुआ मात्र कुछ 4500 सौ नरकंकालो की क्या उस समय बस 4500 ही लोग थे? जो लोग कहते हैं कि आर्य विदेशी हैं उन लोगो को इस बात का जवाब देना चाइए।

    • @lalitmarkam7279
      @lalitmarkam7279 Před 2 lety +2

      😂😂😂

    • @s.k7621
      @s.k7621 Před 2 lety +8

      100/ true 👍👍👍👍👍🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽

    • @rohankumbharkar5591
      @rohankumbharkar5591 Před 2 lety +4

      😂😂😂

  • @dhirendrasingh1382
    @dhirendrasingh1382 Před 2 lety +166

    Aryan was not a racial group it was a linguistic group who speaks Sanskrit language . Proud 😎 to be the descendant of Indian great Aryans . From the country of original Aryans the great Aryavart.🚩

    • @prasantabhattacharjee2227
      @prasantabhattacharjee2227 Před 2 lety +2

      W

    • @crazyperson6154
      @crazyperson6154 Před 2 lety

      💯

    • @rishabhiitdelhi8856
      @rishabhiitdelhi8856 Před 2 lety +13

      चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।
      *सम्राट शांतनु* ने विवाह किया एक *मछवारे की पुत्री सत्यवती* से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।
      सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए *भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?*
      महाभारत लिखने वाले *वेद व्यास भी मछवारे थे*, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।
      *विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे*, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।
      *भीम ने वनवासी हिडिम्बा* से विवाह किया।
      *श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय* करने वालों के परिवार से थे,
      उनके भाई *बलराम खेती करते थे*, हमेशा हल साथ रखते थे।
      *यादव क्षत्रिय* रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।
      *राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे*।
      उनके पुत्र *लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल* में पढ़े जो *वन के वासी थे।
      तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।
      *वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे*, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।*
      प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस *नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे* ।
      नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, *बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये*।
      उसके बाद *मौर्य वंश* का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत *चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे* और एक *ब्राह्मण चाणक्य ने* उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।
      फिर *गुप्त वंश* का राज हुआ, जो कि *घोड़े का अस्तबल चलाते थे* और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।
      केवल *पुष्यमित्र शुंग* के 36 साल के राज को छोड़ कर *92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया*? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।
      फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा।
      अंत में *मराठों* का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने *गाय चराने वाले गायकवाड़* को गुजरात का राजा बनाया, *चरवाहा जाति के होलकर* को मालवा का राजा बनाया।
      *अहिल्या बाई होलकर* खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये।
      *मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे* और *रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद* थे|।
      यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।
      *मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई* और यहां से *पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह* जैसी चीजें शुरू होती हैं।
      *1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन* रहा और यहीं से *जातिवाद* शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया।
      अंग्रेज अधिकारी *निकोलस डार्क की किताब "कास्ट ऑफ़ माइंड"* में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।
      इन हजारों सालों के इतिहास में *देश में कई विदेशी आये* जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि *मेगास्थनीज* ने इंडिका लिखी, *फाहियान*, *ह्यू सांग* और *अलबरूनी* जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।
      *योगी आदित्यनाथ* जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की *उमा भारती* महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।
      इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं ।
      *यह पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें ... उन हिन्दू भाईयों को जोड़िये जो मुगलिया, अंग्रेजी और कांग्रेसी षडयंत्र के कारण अपने आपको अलग मानते हैं और हिन्दू एकता में बाधा उत्पन्न करते हैं। लक्ष्य उनको भी जोड़ने का है ।*
      🚩Jai Sri Ram🚩

    • @mindrewind140
      @mindrewind140 Před 2 lety +1

      @@rishabhiitdelhi8856 bhai telegram id do vha send kr doge ye?

    • @achalpratap338
      @achalpratap338 Před 2 lety +1

      @@rishabhiitdelhi8856 श्री कृष्ण के वंशज यदुवंशी क्षत्रिय थे। जो कि गांधारी के श्राप से कुल सहित समाप्त हो गए थे। श्रीं कृष्ण के पिता राजा थे हालांकि उन्हें ग्वालों ने पाला था ।आज के यादवों के बारे में किसी भी वेद पुराण में वर्ण नहीं मिलता कि वे क्षत्रिय हैं। ब्लकि उनका कर्म पशुओं को चाराना था । हालांकि सच्चाई स्वीकार कर आगे एक साथ बढ़ना हमारा लक्ष्य होना चाहिये वजहे कि उन बातों को याद करना जो हर जाति के लोग भुला चुके हैं।

  • @paromitamondal6645
    @paromitamondal6645 Před 2 lety +31

    we proud to our great great great culture and civilization. Mera Bharat Mahan. Jai Hind 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳

    • @ayushmishra9839
      @ayushmishra9839 Před 2 lety +1

      चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।
      सम्राट शांतनु ने विवाह किया एक मछवारे की पुत्री सत्यवती से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।
      सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?
      महाभारत लिखने वाले *वेद व्यास भी मछवारे थे*, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।
      *विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे*, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।
      भीम ने वनवासी हिडिम्बा से विवाह किया।
      श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय करने वालों के परिवार से थे,
      उनके भाई *बलराम खेती करते थे*, हमेशा हल साथ रखते थे।
      यादव क्षत्रिय रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।
      *राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे*।
      उनके पुत्र लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल में पढ़े जो *वन के वासी थे।
      तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।
      वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे*, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।
      प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे ।
      नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, *बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये*।
      उसके बाद मौर्य वंश का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे और एक ब्राह्मण चाणक्य ने उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।
      फिर गुप्त वंश का राज हुआ, जो कि घोड़े का अस्तबल चलाते थे और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।
      केवल पुष्यमित्र शुंग के 36 साल के राज को छोड़ कर *92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया*? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।
      फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा।
      अंत में मराठों का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने गाय चराने वाले गायकवाड़ को गुजरात का राजा बनाया, चरवाहा जाति के होलकर को मालवा का राजा बनाया।
      अहिल्या बाई होलकर खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये।
      मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे और रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद थे|।
      यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।
      मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई और यहां से पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह जैसी चीजें शुरू होती हैं।
      1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन रहा और यहीं से जातिवाद शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया।
      अंग्रेज अधिकारी निकोलस डार्क की किताब "कास्ट ऑफ़ माइंड" में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।
      इन हजारों सालों के इतिहास में देश में कई विदेशी आये जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि मेगास्थनीज ने इंडिका लिखी, फाहियान*, *ह्यू सांग और अलबरूनी जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।
      योगी आदित्यनाथ जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की उमा भारती महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।
      इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं ।
      यह पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें ... उन हिन्दू भाईयों को जोड़िये जो मुगलिया, अंग्रेजी और कांग्रेसी षडयंत्र के कारण अपने आपको अलग मानते हैं और हिन्दू एकता में बाधा उत्पन्न करते हैं। लक्ष्य उनको भी जोड़ने का है ।

  • @silentindian9897
    @silentindian9897 Před 2 lety +134

    Nalanda main 10 lacs books agar nahi jalaya hota .. lots of historical evidence waha mil jaate.. desh ka problem yeh hai.. desh ke bhitar hi desh ki dushmano ki kabhi kami nahi thi..

    • @kumars2024
      @kumars2024 Před 2 lety +23

      हाँ भाई अन्ग्रेज की theory हमेशा भारत को गुलाम बनाती आई है।

    • @shaunakanuraag6740
      @shaunakanuraag6740 Před 2 lety +21

      @@kumars2024 akle angrej nhi muslim bhi wo bhi bahr se aye or yha akr atank mchaya

    • @kartikeypandey1837
      @kartikeypandey1837 Před 2 lety +8

      yes first Ambhiraj did with Puru second jaichand did with Prithviraj and third Gandhi Nehru did with whole Bharat.

    • @rehanphalswal
      @rehanphalswal Před 2 lety +3

      @@kartikeypandey1837 sad reality

    • @rishabhiitdelhi8856
      @rishabhiitdelhi8856 Před 2 lety +15

      चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।
      *सम्राट शांतनु* ने विवाह किया एक *मछवारे की पुत्री सत्यवती* से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।
      सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए *भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?*
      महाभारत लिखने वाले *वेद व्यास भी मछवारे थे*, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।
      *विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे*, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।
      *भीम ने वनवासी हिडिम्बा* से विवाह किया।
      *श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय* करने वालों के परिवार से थे,
      उनके भाई *बलराम खेती करते थे*, हमेशा हल साथ रखते थे।
      *यादव क्षत्रिय* रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।
      *राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे*।
      उनके पुत्र *लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल* में पढ़े जो *वन के वासी थे।
      तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।
      *वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे*, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।*
      प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस *नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे* ।
      नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, *बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये*।
      उसके बाद *मौर्य वंश* का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत *चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे* और एक *ब्राह्मण चाणक्य ने* उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।
      फिर *गुप्त वंश* का राज हुआ, जो कि *घोड़े का अस्तबल चलाते थे* और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।
      केवल *पुष्यमित्र शुंग* के 36 साल के राज को छोड़ कर *92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया*? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।
      फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा।
      अंत में *मराठों* का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने *गाय चराने वाले गायकवाड़* को गुजरात का राजा बनाया, *चरवाहा जाति के होलकर* को मालवा का राजा बनाया।
      *अहिल्या बाई होलकर* खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये।
      *मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे* और *रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद* थे|।
      यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।
      *मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई* और यहां से *पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह* जैसी चीजें शुरू होती हैं।
      *1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन* रहा और यहीं से *जातिवाद* शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया।
      अंग्रेज अधिकारी *निकोलस डार्क की किताब "कास्ट ऑफ़ माइंड"* में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।
      इन हजारों सालों के इतिहास में *देश में कई विदेशी आये* जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि *मेगास्थनीज* ने इंडिका लिखी, *फाहियान*, *ह्यू सांग* और *अलबरूनी* जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।
      *योगी आदित्यनाथ* जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की *उमा भारती* महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।
      इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं ।
      *यह पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें ... उन हिन्दू भाईयों को जोड़िये जो मुगलिया, अंग्रेजी और कांग्रेसी षडयंत्र के कारण अपने आपको अलग मानते हैं और हिन्दू एकता में बाधा उत्पन्न करते हैं। लक्ष्य उनको भी जोड़ने का है ।*
      🚩Jai Sri Ram🚩

  • @targeti.a.s1609
    @targeti.a.s1609 Před 2 lety +320

    मुझे गर्व है कि मेरे देश की सभ्यता ओर संस्कृति विश्व में सबसे प्राचीन है जय हिन्द वन्दे मातरम्

    • @genuinebharat4695
      @genuinebharat4695 Před 2 lety

      Bura past Ko yaad karka dukhi nhi hona chahiye
      Wasa hi acha past Ko dekh ke aaj shaaki nhi Marni cahiya
      Jai hind

    • @shivbahadur80
      @shivbahadur80 Před 2 lety

      @@genuinebharat4695 5

    • @sameersingh9951
      @sameersingh9951 Před rokem +2

      Yar fek news mat do D. N. A se pata chal gaya hy arrya bidesi the awr bharat ke mul niwasi sc. St. Obc adibasi hy tum pandit arrya kabhi bhi bharatiya nahi ho sakte ho awr manu badi niyam aab nahi chale ga jaye bhim

    • @pankajkumar-gc5sm
      @pankajkumar-gc5sm Před 10 měsíci

      Jay mulniwasi😊
      आर्य विदेशी akramankari थे जो central Asia🌏 से आए थे

    • @sameersingh9951
      @sameersingh9951 Před 10 měsíci

      @@pankajkumar-gc5sm awr arrya bahut kamine the apne ko उंची jati ke bol kar yaha ke logo pe attya char kiye aab iski badla lene ka samai hy in arrya se jay bhim jay bharat

  • @sureshmandloi526
    @sureshmandloi526 Před 2 lety +10

    पत्रकार चौधरी जी क्यों नहीं बता रहे हो कि वर्ष 2015-16 में राखीगढ़ी की खुदाई में आज से 4500 वर्ष पूर्व के जो जो कंकाल मिले थे उनमें देश के मूलमालिक आदिवासी का डीएनए पाया गया है जिसे वैज्ञानिकों ने साबित किया है।

    • @user-it4re8nw3h
      @user-it4re8nw3h Před 2 měsíci +1

      Ha keval tum hi mool nivasi ho,kaha se ake rakigari me the,20000 years pahale ka kankal kaha hai

    • @ashish2694
      @ashish2694 Před měsícem

      There is no trace of aryan dna

    • @user-it4re8nw3h
      @user-it4re8nw3h Před měsícem

      Suno kankali,bap nalayak beta madari,rakigarhi me tumar kankal kyo Mila?hamne tumhe lakar basaya tab Mila,tumhare dna ko chitra koot ke dna se milya jayega,ganga ma ayr Gau ke dna se milaya jayega,tab pata lagega ki kaun bidesi hai,prakritik apdao ke karan agar kuch samay koi bahar chala Jaye to darti tumare bap ki nahi ho sakti

    • @user-it4re8nw3h
      @user-it4re8nw3h Před měsícem

      Hara

  • @Neerajpatelofficial-be2ig
    @Neerajpatelofficial-be2ig Před 2 lety +20

    भारतीय आर्य इसी भारतीय उप-महाद्वीप के थे, अंग्रेजों ने भारतीय को नौकरिया देने के लिए लिए syllabus मे जो लिखा वही इतिहास मे पढ़ाने लगे और इतिहास बन गया, अब इसे बदलकर सही लिखने की जरूरत है।

  • @stats6982
    @stats6982 Před 2 lety +136

    हमारा इतिहास बहुत गौरवशाली है बस जरुरत है तो सिर्फ इसे अपनाने की

    • @laba3423
      @laba3423 Před rokem

      itihaas apnane ki nhi ,naya itihas rachne kee zroorat hai

  • @SurajGupta-gr4lb
    @SurajGupta-gr4lb Před 2 lety +112

    हमें तो बताया गया की पिरामिड
    दुनिया का पहली आधुनिक संभता थी
    तो ये क्या है 👌
    गुर्व से कहो हम सनातनी है 🇮🇳

    • @user-vn7vr1oy2j
      @user-vn7vr1oy2j Před 2 lety +5

      Aapko pata hai pyramid todkar usse masjeede banayi gayi thi.egypt mai bhi india jaisa khel hua tha.

    • @SurajGupta-gr4lb
      @SurajGupta-gr4lb Před 2 lety +11

      @@user-vn7vr1oy2j उस टाइम इस्लाम था ही नहीं😂
      पंचर पुत्र नहीं रामायण मे दिखे
      नहीं महाभारत मे 🤔तो हिंदुस्तान
      मे आये कहा से 🤔😂

    • @user-vn7vr1oy2j
      @user-vn7vr1oy2j Před 2 lety +3

      @@SurajGupta-gr4lb ramayan mai inke purvaj the jinko lootero ka ilaka kaha gaya hai.

    • @rishabhiitdelhi8856
      @rishabhiitdelhi8856 Před 2 lety +11

      चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।
      *सम्राट शांतनु* ने विवाह किया एक *मछवारे की पुत्री सत्यवती* से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।
      सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए *भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?*
      महाभारत लिखने वाले *वेद व्यास भी मछवारे थे*, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।
      *विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे*, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।
      *भीम ने वनवासी हिडिम्बा* से विवाह किया।
      *श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय* करने वालों के परिवार से थे,
      उनके भाई *बलराम खेती करते थे*, हमेशा हल साथ रखते थे।
      *यादव क्षत्रिय* रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।
      *राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे*।
      उनके पुत्र *लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल* में पढ़े जो *वन के वासी थे।
      तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।
      *वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे*, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।*
      प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस *नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे* ।
      नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, *बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये*।
      उसके बाद *मौर्य वंश* का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत *चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे* और एक *ब्राह्मण चाणक्य ने* उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।
      फिर *गुप्त वंश* का राज हुआ, जो कि *घोड़े का अस्तबल चलाते थे* और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।
      केवल *पुष्यमित्र शुंग* के 36 साल के राज को छोड़ कर *92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया*? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।
      फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा।
      अंत में *मराठों* का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने *गाय चराने वाले गायकवाड़* को गुजरात का राजा बनाया, *चरवाहा जाति के होलकर* को मालवा का राजा बनाया।
      *अहिल्या बाई होलकर* खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये।
      *मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे* और *रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद* थे|।
      यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।
      *मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई* और यहां से *पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह* जैसी चीजें शुरू होती हैं।
      *1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन* रहा और यहीं से *जातिवाद* शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया।
      अंग्रेज अधिकारी *निकोलस डार्क की किताब "कास्ट ऑफ़ माइंड"* में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।
      इन हजारों सालों के इतिहास में *देश में कई विदेशी आये* जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि *मेगास्थनीज* ने इंडिका लिखी, *फाहियान*, *ह्यू सांग* और *अलबरूनी* जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।
      *योगी आदित्यनाथ* जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की *उमा भारती* महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।
      इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं ।
      *यह पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें ... उन हिन्दू भाईयों को जोड़िये जो मुगलिया, अंग्रेजी और कांग्रेसी षडयंत्र के कारण अपने आपको अलग मानते हैं और हिन्दू एकता में बाधा उत्पन्न करते हैं। लक्ष्य उनको भी जोड़ने का है ।*
      🚩Jai Sri Ram🚩

    • @SANJEEVKUMAR-bu3yk
      @SANJEEVKUMAR-bu3yk Před 2 lety

      Ye tum hinduo ka plan hai, taki ham dalito ko hindu bataakar apna shasan chalaa sako

  • @Neerajpatelofficial-be2ig
    @Neerajpatelofficial-be2ig Před 2 lety +19

    अब इतिहास बदलने की नहीं दुबारा सही लिखने की जरूरत है।

    • @SANJEEVKUMAR-bu3yk
      @SANJEEVKUMAR-bu3yk Před 2 lety

      Kuchh bhi likh do...

    • @ayushmishra9839
      @ayushmishra9839 Před 2 lety +1

      @@SANJEEVKUMAR-bu3yk चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।
      सम्राट शांतनु ने विवाह किया एक मछवारे की पुत्री सत्यवती से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।
      सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?
      महाभारत लिखने वाले *वेद व्यास भी मछवारे थे*, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।
      *विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे*, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।
      भीम ने वनवासी हिडिम्बा से विवाह किया।
      श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय करने वालों के परिवार से थे,
      उनके भाई *बलराम खेती करते थे*, हमेशा हल साथ रखते थे।
      यादव क्षत्रिय रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।
      *राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे*।
      उनके पुत्र लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल में पढ़े जो *वन के वासी थे।
      तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।
      वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे*, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।
      प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे ।
      नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, *बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये*।
      उसके बाद मौर्य वंश का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे और एक ब्राह्मण चाणक्य ने उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।
      फिर गुप्त वंश का राज हुआ, जो कि घोड़े का अस्तबल चलाते थे और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।
      केवल पुष्यमित्र शुंग के 36 साल के राज को छोड़ कर *92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया*? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।
      फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा।
      अंत में मराठों का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने गाय चराने वाले गायकवाड़ को गुजरात का राजा बनाया, चरवाहा जाति के होलकर को मालवा का राजा बनाया।
      अहिल्या बाई होलकर खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये।
      मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे और रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद थे|।
      यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।
      मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई और यहां से पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह जैसी चीजें शुरू होती हैं।
      1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन रहा और यहीं से जातिवाद शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया।
      अंग्रेज अधिकारी निकोलस डार्क की किताब "कास्ट ऑफ़ माइंड" में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।
      इन हजारों सालों के इतिहास में देश में कई विदेशी आये जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि मेगास्थनीज ने इंडिका लिखी, फाहियान*, *ह्यू सांग और अलबरूनी जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।
      योगी आदित्यनाथ जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की उमा भारती महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।
      इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं ।
      यह पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें ... उन हिन्दू भाईयों को जोड़िये जो मुगलिया, अंग्रेजी और कांग्रेसी षडयंत्र के कारण अपने आपको अलग मानते हैं और हिन्दू एकता में बाधा उत्पन्न करते हैं। लक्ष्य उनको भी जोड़ने का है ।

    • @SANJEEVKUMAR-bu3yk
      @SANJEEVKUMAR-bu3yk Před 2 lety

      @@ayushmishra9839 tum hinduo ka chutiyapa kab jayega abe paagal saale jab koi mudda, koi paresani ya koi taklif nahi thi to log kuchh bole bhi to nahi.
      Aaz ki taklif hai to aaz ka andolan bhi hai.
      Samasya aaz ki hai to samadhan bhi aaz ka hi hai.
      Samasya aaz aayi to dalito ne virodh bhi aaz hi kiye...

  • @ghanshyamsinghuike
    @ghanshyamsinghuike Před 2 lety +57

    सुधीरजी हमारे आदिवासी इतिहास भारत में अनगिनत गढ़ किले इतिहास की साक्षी लिए खड़े हुए हैं उन्हें भी ग्राउंड रिपोर्ट 🌃 हर जगह जाकर दिखाएं

    • @ShivaReddy-yj2qn
      @ShivaReddy-yj2qn Před rokem +2

      कौन से गृह में है किले

    • @ajumeena2186
      @ajumeena2186 Před rokem

      ​@@ShivaReddy-yj2qn tum to videse kutte ho

    • @AnuragYadav-dg7pb
      @AnuragYadav-dg7pb Před 2 měsíci

      jaha asi khudai karega wohi to dikhaya jayega

  • @CurrentNewsAnalysis24
    @CurrentNewsAnalysis24 Před 2 lety +196

    I don't believe in caste system. We are hindu. And we proud of it.

    • @ramanandanayak814
      @ramanandanayak814 Před 2 lety

      CAST SYSTEM EK VYAVASTA HAI .
      SOCIAL SCINCE .
      NAUKARI AUR NAUKAR
      VARG ,KALA AUR KAUSHALA SE SANGHATSH KA JINDAGI KELIYE BANA HAI .

    • @rehanphalswal
      @rehanphalswal Před 2 lety +10

      Cast system is colonial imposition

    • @sudipmallick7083
      @sudipmallick7083 Před 2 lety

      @@rehanphalswal please one question can ask you if you don't mind

    • @rishabhiitdelhi8856
      @rishabhiitdelhi8856 Před 2 lety +18

      चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।
      *सम्राट शांतनु* ने विवाह किया एक *मछवारे की पुत्री सत्यवती* से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।
      सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए *भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?*
      महाभारत लिखने वाले *वेद व्यास भी मछवारे थे*, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।
      *विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे*, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।
      *भीम ने वनवासी हिडिम्बा* से विवाह किया।
      *श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय* करने वालों के परिवार से थे,
      उनके भाई *बलराम खेती करते थे*, हमेशा हल साथ रखते थे।
      *यादव क्षत्रिय* रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।
      *राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे*।
      उनके पुत्र *लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल* में पढ़े जो *वन के वासी थे।
      तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।
      *वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे*, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।*
      प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस *नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे* ।
      नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, *बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये*।
      उसके बाद *मौर्य वंश* का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत *चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे* और एक *ब्राह्मण चाणक्य ने* उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।
      फिर *गुप्त वंश* का राज हुआ, जो कि *घोड़े का अस्तबल चलाते थे* और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।
      केवल *पुष्यमित्र शुंग* के 36 साल के राज को छोड़ कर *92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया*? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।
      फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा।
      अंत में *मराठों* का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने *गाय चराने वाले गायकवाड़* को गुजरात का राजा बनाया, *चरवाहा जाति के होलकर* को मालवा का राजा बनाया।
      *अहिल्या बाई होलकर* खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये।
      *मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे* और *रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद* थे|।
      यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।
      *मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई* और यहां से *पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह* जैसी चीजें शुरू होती हैं।
      *1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन* रहा और यहीं से *जातिवाद* शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया।
      अंग्रेज अधिकारी *निकोलस डार्क की किताब "कास्ट ऑफ़ माइंड"* में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।
      इन हजारों सालों के इतिहास में *देश में कई विदेशी आये* जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि *मेगास्थनीज* ने इंडिका लिखी, *फाहियान*, *ह्यू सांग* और *अलबरूनी* जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।
      *योगी आदित्यनाथ* जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की *उमा भारती* महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।
      इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं ।
      *यह पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें ... उन हिन्दू भाईयों को जोड़िये जो मुगलिया, अंग्रेजी और कांग्रेसी षडयंत्र के कारण अपने आपको अलग मानते हैं और हिन्दू एकता में बाधा उत्पन्न करते हैं। लक्ष्य उनको भी जोड़ने का है ।*
      🚩Jai Sri Ram🚩

    • @rehanphalswal
      @rehanphalswal Před 2 lety +3

      @@sudipmallick7083 ask but question shouldn't be stupid or shouldn't be favouring colonial ideas.

  • @meenabhardwaj244
    @meenabhardwaj244 Před 2 lety +106

    Angreji Itihaskaron ne myth faila rakha tha 💪💪🚩🚩Duniya KO sabse pracheen sabhyta hai 💪👍🏻👋🚩🇮🇳

    • @rishabhiitdelhi8856
      @rishabhiitdelhi8856 Před 2 lety +3

      चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।
      *सम्राट शांतनु* ने विवाह किया एक *मछवारे की पुत्री सत्यवती* से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।
      सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए *भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?*
      महाभारत लिखने वाले *वेद व्यास भी मछवारे थे*, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।
      *विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे*, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।
      *भीम ने वनवासी हिडिम्बा* से विवाह किया।
      *श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय* करने वालों के परिवार से थे,
      उनके भाई *बलराम खेती करते थे*, हमेशा हल साथ रखते थे।
      *यादव क्षत्रिय* रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।
      *राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे*।
      उनके पुत्र *लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल* में पढ़े जो *वन के वासी थे।
      तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।
      *वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे*, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।*
      प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस *नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे* ।
      नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, *बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये*।
      उसके बाद *मौर्य वंश* का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत *चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे* और एक *ब्राह्मण चाणक्य ने* उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।
      फिर *गुप्त वंश* का राज हुआ, जो कि *घोड़े का अस्तबल चलाते थे* और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।
      केवल *पुष्यमित्र शुंग* के 36 साल के राज को छोड़ कर *92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया*? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।
      फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा।
      अंत में *मराठों* का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने *गाय चराने वाले गायकवाड़* को गुजरात का राजा बनाया, *चरवाहा जाति के होलकर* को मालवा का राजा बनाया।
      *अहिल्या बाई होलकर* खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये।
      *मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे* और *रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद* थे|।
      यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।
      *मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई* और यहां से *पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह* जैसी चीजें शुरू होती हैं।
      *1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन* रहा और यहीं से *जातिवाद* शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया।
      अंग्रेज अधिकारी *निकोलस डार्क की किताब "कास्ट ऑफ़ माइंड"* में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।
      इन हजारों सालों के इतिहास में *देश में कई विदेशी आये* जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि *मेगास्थनीज* ने इंडिका लिखी, *फाहियान*, *ह्यू सांग* और *अलबरूनी* जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।
      *योगी आदित्यनाथ* जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की *उमा भारती* महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।
      इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं ।
      *यह पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें ... उन हिन्दू भाईयों को जोड़िये जो मुगलिया, अंग्रेजी और कांग्रेसी षडयंत्र के कारण अपने आपको अलग मानते हैं और हिन्दू एकता में बाधा उत्पन्न करते हैं। लक्ष्य उनको भी जोड़ने का है ।*
      🚩Jai Sri Ram🚩

    • @swarupdas2552
      @swarupdas2552 Před rokem +1

      Ek baat batao hindu log dead body ko jalate hai ya dafanate hai . Yaha ek burial site hai jahan logo ko dafnaya gaya hai . Aur yeh site jitna purana hai us time pe naa toh Christianity exist karta tha naa hi islam toh fir dead bodies ko bury kyon kiya gaya .

    • @Aman-cc5ff
      @Aman-cc5ff Před rokem +2

      @@swarupdas2552 Sanatan mein dafnate bhi thee aur jalate bhi thee

    • @kattarhindu144
      @kattarhindu144 Před 11 měsíci +2

      ​@@swarupdas2552 are bhai jab is cheez ka gyan nhi tha ki humara sharir 5 tatvo se bana he uske pehle hum yhi mante the ki hum is dharti se nikle he or isiliye hum dafnaya krte the

    • @nilanjanachatterjee9023
      @nilanjanachatterjee9023 Před 11 měsíci

      Excellent video 😊

  • @balbirarya9583
    @balbirarya9583 Před 2 lety +19

    देश हमारा और हमारा इतिहास लिखते हैं विदेशी और किसी देश में होता है ऐसा अब हम अपना इतिहास खुद लिखेंगे जय हिंद जय भारत वंदे मातरम 🙏

  • @smahadevsaini
    @smahadevsaini Před 2 lety +26

    हम आर्य है अंग्रेजो ने जानबूझकर हमे इंडो यूरोपीय ,भूमध्य,प्रोटो ऑस्ट्रेइड आदि में नाम रखा। प्राकृतिक कारणों से बनावट अलग भारत के अलग अलग राज्य के निवासियों की । लेकिन सत्य यही है हम आर्य है

    • @kiranuikey181
      @kiranuikey181 Před 2 lety +4

      अंग्रेजों ने सही कहा था क्योंकि वो पढ़े लिखे थे और उस समय भारत में काल्पनिक इतिहास पनप रहा था कागज पर

    • @ayushmishra9839
      @ayushmishra9839 Před 2 lety +2

      @@kiranuikey181 Angrejon ne to bahut kuch kiya tha. Hamare baap-dada ke saath atyachaar kiya tha kya wo bhi sahi tha. Angrej padhe likhe the iska degree unhe kisne de diya. Bharat me kalpnik itihas panap rha tha kaagjon pe to angrejon ne jo kaagjon pe itihas likha, wo kya tha, wo kalpnik nhi tha kya? Ham par jinhone julm kiya unke kaagaj pe likhe gaye itihas ko ham sach maan lein aur apne sacche itihaas ko jhooth?
      Angrej chale gye lekin tumhare roop me paidayish aulaad chhor gaye.

    • @ayushmishra9839
      @ayushmishra9839 Před 2 lety +2

      चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।
      सम्राट शांतनु ने विवाह किया एक मछवारे की पुत्री सत्यवती से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।
      सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?
      महाभारत लिखने वाले *वेद व्यास भी मछवारे थे*, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।
      *विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे*, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।
      भीम ने वनवासी हिडिम्बा से विवाह किया।
      श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय करने वालों के परिवार से थे,
      उनके भाई *बलराम खेती करते थे*, हमेशा हल साथ रखते थे।
      यादव क्षत्रिय रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।
      *राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे*।
      उनके पुत्र लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल में पढ़े जो *वन के वासी थे।
      तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।
      वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे*, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।
      प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे ।
      नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, *बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये*।
      उसके बाद मौर्य वंश का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे और एक ब्राह्मण चाणक्य ने उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।
      फिर गुप्त वंश का राज हुआ, जो कि घोड़े का अस्तबल चलाते थे और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।
      केवल पुष्यमित्र शुंग के 36 साल के राज को छोड़ कर *92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया*? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।
      फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा।
      अंत में मराठों का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने गाय चराने वाले गायकवाड़ को गुजरात का राजा बनाया, चरवाहा जाति के होलकर को मालवा का राजा बनाया।
      अहिल्या बाई होलकर खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये।
      मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे और रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद थे|।
      यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।
      मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई और यहां से पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह जैसी चीजें शुरू होती हैं।
      1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन रहा और यहीं से जातिवाद शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया।
      अंग्रेज अधिकारी निकोलस डार्क की किताब "कास्ट ऑफ़ माइंड" में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।
      इन हजारों सालों के इतिहास में देश में कई विदेशी आये जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि मेगास्थनीज ने इंडिका लिखी, फाहियान*, *ह्यू सांग और अलबरूनी जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।
      योगी आदित्यनाथ जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की उमा भारती महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।
      इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं ।
      यह पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें ... उन हिन्दू भाईयों को जोड़िये जो मुगलिया, अंग्रेजी और कांग्रेसी षडयंत्र के कारण अपने आपको अलग मानते हैं और हिन्दू एकता में बाधा उत्पन्न करते हैं। लक्ष्य उनको भी जोड़ने का है ।

    • @kiranuikey181
      @kiranuikey181 Před 2 lety +1

      @@ayushmishra9839 तुम्हारा इतिहास बड़ा अजीब टाइप का है तुम्हारे राम और कृष्ण का जन्म कौन से इश्वि सदी या ईशा पूर्व में हुआ था और कौन से जगह और किस प्रकार हुआ था

    • @kiranuikey181
      @kiranuikey181 Před 2 lety

      @@ayushmishra9839 अंग्रेजों के आने से ही तो भारत में शिक्षा व्यवस्था चालू हुआ तुमको पता नही है उनके आने के बाद हर कास्ट के लोगों ने थोड़ा बहुत पढ़ना सिखा तुम्हारे caste को छोड़कर अंग्रेजों के आने से ही तो महिलाओं पर हो रहे अत्याचार सती प्रथा खत्म हुआ अंग्रेजो द्वारा ही भारत में कानून व्यवस्था आया एवं उनके जाते ही हमारे बाबा साहेब ने संविधान लिखा और वह भारत का सर्वोच्च दस्तावेज बन गया जय भीम

  • @sanjaymeena8223
    @sanjaymeena8223 Před 2 lety +32

    भारतीय संस्कृति पुरातन संस्कृति ही विश्व की हमे गर्व है सनातन संस्कृति पर

  • @kumars2024
    @kumars2024 Před 2 lety +61

    हमारा धर्म कर्म पर आधारित है न कि जन्म पर।
    मैं हीं ज्ञान(ब्रहमण) हूँ, मैं हीं व्यवस्थापक (वैश्य) हूँ, मैं हीं रक्षक(क्षत्रिय)हूँ, और मैं हीं सेवक(शूद्र)हूँ।
    लेकिन पता नहीं ये कब जन्म पर आधारित हो गया😭 ये घोर अधर्म है हमें साथ मिलकर लड़ना ही होगा। काश हमारे निठल्ले पूर्वज ये बात समझ पाते। यही धर्म-स्थापना और समाज-कल्याण का ऊद्देश्य है।
    मनुष्य अपने नर्क का द्वार खुद खोल रहा है ।।ईश्वर रास्ता दिखाते हैं संघर्ष हमें करना है।। अपने मूलधर्म का पहचान करना हीं होगा🚩🚩

    • @Akhileshchaudharyvlogs
      @Akhileshchaudharyvlogs Před 2 lety +9

      Na koi sevek hai na koi gyani sab ek keval insaan hai okk sabhi ke do hath aur do pair hai raksha karne ke liye

    • @djtoy9929
      @djtoy9929 Před 2 lety +2

      Ye mugelo ke karena aaya jada tare to

    • @naunehalsinghgour4183
      @naunehalsinghgour4183 Před 2 lety +1

      बिल्कुल सही है

    • @jayaprakash6427
      @jayaprakash6427 Před 2 lety

      कुछ स्वार्थी तत्वों ने मध्य काल में " जाति" शब्द पैदा किया, मुख्य शब्द है "वर्ण". उदाहरण के लिए " चातुर्वर्ण्य मया सृष्टम् गुण कर्म स्वभावजा " " गीता ". जाति तो मनुष्य, पशु और पक्षियों की होती है. जन्म से तो सब शूद्र होते हैं. माता पिता और गरूओं की शिक्षा और संस्कार के द्वारा वह मानव बनता है.और अपनी अभिरुचि के द्वारा वह ब्राह्मण, क्षत्रिय वैश्य और शूद्र कहलाता है.

    • @kumars2024
      @kumars2024 Před 2 lety +1

      @@Akhileshchaudharyvlogs अब सिर्फ जन्म से हीं ब्रहमण मान लिया जाता है चाहे वो हमेशा जींस-शर्ट हीं क्यों न पहने रहे। लेकिन पहले ब्राहमणों के लिए खास ज्ञान और भेष-भुषा होती थी।उस समय कोई जाति certificate नहीं बनता था।
      अर्जुना क्षत्रिय थे लेकिन ब्रहमण भेष के कारण वो शवेम्बर(द्रौपदी विवाह) में भाग ले पाये थे। उस जातिये कर्म के लिए ज्ञान जरुरी था जन्म नही!!

  • @vishalrajput3873
    @vishalrajput3873 Před rokem +1

    इस धरती से मेरा लगाव ही काफी है की मेरा सब कुछ मातृभूमि ही रही होंगी 🙏🏻

  • @kanchandevi8686
    @kanchandevi8686 Před rokem +1

    मुझे गर्व है कि मेरे देश की सभ्यता दुनिया में सबसे प्राचीन

  • @jllukhikelin9269
    @jllukhikelin9269 Před 2 lety +44

    पूरी दुनिया जिस से..??
    परेशान है.. उसीको.. 😢
    गलाकाट मोजहब कहते है

  • @ultralitevideo1021
    @ultralitevideo1021 Před 2 lety +22

    Wow 😲 superb sir
    आपने तो कमाल की बात बता दी
    अब तो अंगरेजो को अभूत बेचनी हो रही होगी
    Really Arya Samaj was the descendant of India itself.
    World guru INDIA 🇮🇳🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
    Say Proudly We Are Indian
    💜❤️❤️❤️❤️❤️❤️

    • @ayushmishra9839
      @ayushmishra9839 Před 2 lety

      चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।
      सम्राट शांतनु ने विवाह किया एक मछवारे की पुत्री सत्यवती से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।
      सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?
      महाभारत लिखने वाले *वेद व्यास भी मछवारे थे*, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।
      *विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे*, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।
      भीम ने वनवासी हिडिम्बा से विवाह किया।
      श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय करने वालों के परिवार से थे,
      उनके भाई *बलराम खेती करते थे*, हमेशा हल साथ रखते थे।
      यादव क्षत्रिय रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।
      *राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे*।
      उनके पुत्र लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल में पढ़े जो *वन के वासी थे।
      तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।
      वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे*, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।
      प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे ।
      नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, *बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये*।
      उसके बाद मौर्य वंश का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे और एक ब्राह्मण चाणक्य ने उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।
      फिर गुप्त वंश का राज हुआ, जो कि घोड़े का अस्तबल चलाते थे और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।
      केवल पुष्यमित्र शुंग के 36 साल के राज को छोड़ कर *92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया*? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।
      फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा।
      अंत में मराठों का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने गाय चराने वाले गायकवाड़ को गुजरात का राजा बनाया, चरवाहा जाति के होलकर को मालवा का राजा बनाया।
      अहिल्या बाई होलकर खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये।
      मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे और रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद थे|।
      यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।
      मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई और यहां से पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह जैसी चीजें शुरू होती हैं।
      1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन रहा और यहीं से जातिवाद शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया।
      अंग्रेज अधिकारी निकोलस डार्क की किताब "कास्ट ऑफ़ माइंड" में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।
      इन हजारों सालों के इतिहास में देश में कई विदेशी आये जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि मेगास्थनीज ने इंडिका लिखी, फाहियान*, *ह्यू सांग और अलबरूनी जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।
      योगी आदित्यनाथ जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की उमा भारती महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।
      इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं ।
      यह पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें ... उन हिन्दू भाईयों को जोड़िये जो मुगलिया, अंग्रेजी और कांग्रेसी षडयंत्र के कारण अपने आपको अलग मानते हैं और हिन्दू एकता में बाधा उत्पन्न करते हैं। लक्ष्य उनको भी जोड़ने का है ।

  • @godlyversionsmurli4586
    @godlyversionsmurli4586 Před rokem +3

    आर्य उन्हें कहते है जो ज्ञानी, समझदार थे। यानि आदि सनातन लोग देव देवियो को कहते है। आर्यन कोई और नही प्राचीन भारतीय के लोगो को कहते है। उस समय भारत सब से ऊंच रहे और सभी सनतान धर्म के लोग थे।

  • @hero2.021
    @hero2.021 Před 2 lety +31

    भारत में रहने वाले भील, गोंड व अन्य आदिवासी जनजाति ही इस देश के मूल निवासी है

    • @sangitabarela519
      @sangitabarela519 Před rokem +3

      Sahi bat hi aadivasi hi desh ke mulnivasi he

    • @kamalbharadwaj7842
      @kamalbharadwaj7842 Před rokem

      Tum gadhe the or gadhe hi rahoge 🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣👇👇👇👇👇👇👇👇

    • @hero2.021
      @hero2.021 Před rokem

      @@kamalbharadwaj7842 gdhapan tum hara soch hai

    • @lalsinghbuttehave53
      @lalsinghbuttehave53 Před rokem

      ये सभी चोर लुटेरों के सहयोगी और देश के गद्दार है, इनकी वजह से ही अक्रांताओ ने इन से मिलकर देश को लुटा और समाज के प्रभावशाली महापुरुषों की हत्याएं कराई, इन्हें आदिवासी नहीं गद्दार कहिए इंसानियत का दुश्मन मानिए।,....

    • @hero2.021
      @hero2.021 Před rokem +1

      @@lalsinghbuttehave53 आपका दिमागी हालत को समझता हूं लेकिन कभी मौका मिले तो राणा पूंजा भील जी, टंट्या मामा भील, रानी दुर्गावती गोंड, कुमारामभीम , भगवान बिरसा मुंडा जी आदि आदिवासी जनजातियों के बारे में पढ़ फिर अपना विचार रख, Jai Hind🙏🙏

  • @bhaijaan9319
    @bhaijaan9319 Před 2 lety +271

    Amazing ,we always heard we our civilization is 100000s and 100000s years old 🚩🚩🚩 Jai Hind Jai Bharat

    • @riddunyra4373
      @riddunyra4373 Před 2 lety +3

      not yours..they were muslims worshipping adam prophet who was born in india

    • @greatwarriorsfan
      @greatwarriorsfan Před 2 lety

      @@riddunyra4373 bhag chutiye 1000 saal pehle bharat mein Islam hi nahi tha aur 600 AD se pehle Islam duniya mein nahi tha tum logon ke andar koi sharm hai bhi ya nahi kuch bhi bol dete ho seedhe seedhe proof milte hai hinduo ke ancestors ke aaj tak 7000 saal purani masjid kab mili be

    • @durgeshpatil3148
      @durgeshpatil3148 Před 2 lety +22

      @@riddunyra4373Oh in islam shivling which is 6000 years old, 28000 years old kalp vigra idol of Sri lord Vishnu was also worshiped , panch mahabhute was also worshiped, yagya was also performed, swastik was acceptable , sun ,moon, earth and nine vasu was worshiped
      Because all this proofs has come from Sindhu culture
      means in islam Allahs quran is useless

    • @Aman-jl6sm
      @Aman-jl6sm Před 2 lety +4

      4320000 years of this mahayug 🚩

    • @rishabhiitdelhi8856
      @rishabhiitdelhi8856 Před 2 lety +17

      चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।
      *सम्राट शांतनु* ने विवाह किया एक *मछवारे की पुत्री सत्यवती* से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।
      सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए *भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?*
      महाभारत लिखने वाले *वेद व्यास भी मछवारे थे*, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।
      *विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे*, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।
      *भीम ने वनवासी हिडिम्बा* से विवाह किया।
      *श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय* करने वालों के परिवार से थे,
      उनके भाई *बलराम खेती करते थे*, हमेशा हल साथ रखते थे।
      *यादव क्षत्रिय* रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।
      *राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे*।
      उनके पुत्र *लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल* में पढ़े जो *वन के वासी थे।
      तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।
      *वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे*, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।*
      प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस *नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे* ।
      नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, *बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये*।
      उसके बाद *मौर्य वंश* का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत *चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे* और एक *ब्राह्मण चाणक्य ने* उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।
      फिर *गुप्त वंश* का राज हुआ, जो कि *घोड़े का अस्तबल चलाते थे* और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।
      केवल *पुष्यमित्र शुंग* के 36 साल के राज को छोड़ कर *92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया*? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।
      फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा।
      अंत में *मराठों* का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने *गाय चराने वाले गायकवाड़* को गुजरात का राजा बनाया, *चरवाहा जाति के होलकर* को मालवा का राजा बनाया।
      *अहिल्या बाई होलकर* खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये।
      *मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे* और *रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद* थे|।
      यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।
      *मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई* और यहां से *पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह* जैसी चीजें शुरू होती हैं।
      *1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन* रहा और यहीं से *जातिवाद* शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया।
      अंग्रेज अधिकारी *निकोलस डार्क की किताब "कास्ट ऑफ़ माइंड"* में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।
      इन हजारों सालों के इतिहास में *देश में कई विदेशी आये* जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि *मेगास्थनीज* ने इंडिका लिखी, *फाहियान*, *ह्यू सांग* और *अलबरूनी* जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।
      *योगी आदित्यनाथ* जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की *उमा भारती* महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।
      इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं ।
      *यह पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें ... उन हिन्दू भाईयों को जोड़िये जो मुगलिया, अंग्रेजी और कांग्रेसी षडयंत्र के कारण अपने आपको अलग मानते हैं और हिन्दू एकता में बाधा उत्पन्न करते हैं। लक्ष्य उनको भी जोड़ने का है ।*
      🚩Jai Sri Ram🚩

  • @pankajwagh7190
    @pankajwagh7190 Před 2 lety +106

    भारत और भारतीय सभ्यता का उथ्थान हो रहा है।🚩🚩🚩🚩

    • @gurugantaal5782
      @gurugantaal5782 Před 2 lety +10

      Bilkul sahi

    • @ayushmishra9839
      @ayushmishra9839 Před 2 lety +3

      चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।
      सम्राट शांतनु ने विवाह किया एक मछवारे की पुत्री सत्यवती से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।
      सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?
      महाभारत लिखने वाले *वेद व्यास भी मछवारे थे*, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।
      *विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे*, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।
      भीम ने वनवासी हिडिम्बा से विवाह किया।
      श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय करने वालों के परिवार से थे,
      उनके भाई *बलराम खेती करते थे*, हमेशा हल साथ रखते थे।
      यादव क्षत्रिय रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।
      *राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे*।
      उनके पुत्र लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल में पढ़े जो *वन के वासी थे।
      तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।
      वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे*, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।
      प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे ।
      नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, *बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये*।
      उसके बाद मौर्य वंश का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे और एक ब्राह्मण चाणक्य ने उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।
      फिर गुप्त वंश का राज हुआ, जो कि घोड़े का अस्तबल चलाते थे और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।
      केवल पुष्यमित्र शुंग के 36 साल के राज को छोड़ कर *92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया*? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।
      फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा।
      अंत में मराठों का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने गाय चराने वाले गायकवाड़ को गुजरात का राजा बनाया, चरवाहा जाति के होलकर को मालवा का राजा बनाया।
      अहिल्या बाई होलकर खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये।
      मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे और रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद थे|।
      यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।
      मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई और यहां से पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह जैसी चीजें शुरू होती हैं।
      1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन रहा और यहीं से जातिवाद शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया।
      अंग्रेज अधिकारी निकोलस डार्क की किताब "कास्ट ऑफ़ माइंड" में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।
      इन हजारों सालों के इतिहास में देश में कई विदेशी आये जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि मेगास्थनीज ने इंडिका लिखी, फाहियान*, *ह्यू सांग और अलबरूनी जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।
      योगी आदित्यनाथ जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की उमा भारती महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।
      इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं ।
      यह पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें ... उन हिन्दू भाईयों को जोड़िये जो मुगलिया, अंग्रेजी और कांग्रेसी षडयंत्र के कारण अपने आपको अलग मानते हैं और हिन्दू एकता में बाधा उत्पन्न करते हैं। लक्ष्य उनको भी जोड़ने का है ।

  • @neerajdixit1418
    @neerajdixit1418 Před 2 lety +17

    श्रीमान सुधीर चौधरी जी आपने बिल्कुल सटीक बात बोली है हमारे पूर्व हमारे पूर्वज इसी भारतवर्ष के ही हैं मूलनिवासी ही थे जिनको हम ब्रह्माजी या इक्ष्वाकु वंश की राजा जो कहते हैं ही के मूल निवासी थे जिन्होंने अयोध्या की नींव रखी ओम सनातन धर्म की जय हो भारत माता की जय हो जय श्री राम हर हर महादेव शंभू काशी विश्वनाथ गंगे ओम नमः शिवाय

  • @ShamsherBSingh
    @ShamsherBSingh Před 2 lety +9

    7000 साल पहले ही हिन्दू सभ्यता समृद्धशाली था।

  • @ArvindKumar-sy2tl
    @ArvindKumar-sy2tl Před 2 lety +19

    फूट डालो और राज करो की नीति अपनाया अंग्रेजो ने indian को indian से ही लड़वा दिया! दुःखद हैं यार

  • @ZHKE87
    @ZHKE87 Před 2 lety +18

    अम्बेडकर कोई bhagvan नहीं था जो उसकी हर बात mani जाए आर्य भारतीय है

  • @ex-muslimraj8652
    @ex-muslimraj8652 Před 2 lety +59

    We are the Aaryans! India was called Aryavarta! Which became Bhaarat after the name of Samrat Bharat, great-grandfather of Pandavas

    • @CuriosityforTruth
      @CuriosityforTruth Před rokem +2

      Aryavarta doesn't have any connection with Aryans as in Veda even animals were referred Arya

    • @aaksbhargava3061
      @aaksbhargava3061 Před 3 měsíci

      ​​@@CuriosityforTruth lol u read vedas written by Britishers 🤣

  • @PUJASHARMA-zv6fp
    @PUJASHARMA-zv6fp Před 2 lety +42

    My heart and face bloom out whenever I listen this type news..

    • @AnjaliKumari-vy3pu
      @AnjaliKumari-vy3pu Před 2 lety +4

      Be a Nationalist women.
      Not a bullywood puppet fellow .
      I can see so many people live n spends their whole their lives in the spicy World of bollywood/ Islamwood .
      They don't even want to listen a word related to the nation n the culture.

    • @PUJASHARMA-zv6fp
      @PUJASHARMA-zv6fp Před 2 lety +2

      @@AnjaliKumari-vy3pu hello, without knowing anyone, you shouldn't comment on any one. Ok ......And mock my word, I am bigoted Nationalist understand. And I am also grimly dogmatic Sanatani.
      And listen I am interested in neither bollywood nor hollywood. Mind your language. ....... ...... You can't imagine how much I am possessive for my Bharat and My sanatan. एक हिंदी मे सुझाव देती हूं, कम से कम देश के लिए समय से समाचारों को सुना किजिए दो दिन बाद सुनना शोभा नहीं देता।
      महादेव की सौगंध सामने रहती तो यह विचार मेरे लिए व्यक्त नहीं करती। bloom out means प्रसन्नता से खिल उठना।

    • @AnjaliKumari-vy3pu
      @AnjaliKumari-vy3pu Před 2 lety +2

      @@PUJASHARMA-zv6fp
      Dear.
      I didn't mean to say that for you.
      I used those words for them who live the bollywood/copywood not the life.
      N I appreciate you.🙏

    • @PUJASHARMA-zv6fp
      @PUJASHARMA-zv6fp Před 2 lety +3

      @@AnjaliKumari-vy3pu ईसलिए अपनो से अपनी ही भाषा में बात करनी चाहिए क्योंकि भावनाएं खुलकर प्रकट होतीं हैं।🥰🥰 क्षमा किजिएगा मैं अपने बारे मे बताने लगीं। 🙏 और कृपा करके मुझे क्षमा कर दिजीएगा यदि आप आहत हुई हो।🙏🙏🙏🙏🙏

    • @AnjaliKumari-vy3pu
      @AnjaliKumari-vy3pu Před 2 lety +2

      @@PUJASHARMA-zv6fp you're most welcome to world of Nationalism.
      As examined some how cases, I found that a popular peacefull socity hasn't probs with Hinduism n the sanatan/ varnashram dharma civilization but they have hatred n so many problems with Nationalism 🙂.
      Well they also know that where the Nationalism comes from.
      So let them know we're here the first obstacles for them.

  • @Amitkumar-tc4qq
    @Amitkumar-tc4qq Před 2 lety +18

    Jo dharm abhi 1000,2000 saal pahle aye h vo kahte h ki hamara majhab purana h jabki sanatan dharm ki paidaish ki koi tarik nahi ye anadi h anant h

  • @BijayKumar-og1pn
    @BijayKumar-og1pn Před 2 lety +15

    देश की संस्कृति और सभ्यता इतिहास को ही हम लोग नही जानते
    जान बूझकर गलत इतिहास पढ़ाया

  • @indarpawar7800
    @indarpawar7800 Před 2 lety +14

    इन कुछ वर्षों में हमारे धर्म , मंदिर, सनातन संस्कृति, और हमारे पुरवज इन का इतिहास सामने आ रहा है! वक़्त कुछ हमें बता रहा है़…………

  • @narayanchandramondal4953
    @narayanchandramondal4953 Před 2 lety +28

    Hope real history of Indian origin must be written afresh with present days' scientific research, documents and evidences.

    • @lorddsschool8421
      @lorddsschool8421 Před 2 lety

      How can it be written Narayan??
      How??! Already, everything written so far, whether be it dictionary or google, encyclopedia, all books, NASA, all are based on assumptions??! One has to be a visionary Narayan. Meaning one who can see, the past, present and future "as it is". Then there is only one in this world, Ginni. She will come out with 15,550 pages of handwritten REVELATION, only this is the truth. Wait and watch...time has come!

    • @narayanchandramondal4953
      @narayanchandramondal4953 Před 2 lety

      @@lorddsschool8421in case of history there are three corners from which it would have to be judged and assessed .(1) Political corner, history is being written at the wish and instructions of the rulers to safeguard it's vested interest. Here non favourable events are being suppressed.(2) Hypothetical corner, here history is being written based on narration of independent writers concurrently ( travelers' writings, concealment writings, etc etc).(3) Evidential corner,here history is being written based on scientific research as is being done (excavation, carbon dating etc etc) and also based on points no.1,2. Therefore in this sophisticated era of science nothing is impossible.

  • @beingperfect9856
    @beingperfect9856 Před 2 lety +13

    दुनिया का कोई भी सच्चा ज्ञानी भारतीयों को भगवान राम और भगवान श्रीकृष्ण से अलग नहीं कर सकता जो आर्य थे।

  • @kumar-arya
    @kumar-arya Před 2 lety +65

    To agar converted hindu yani aaj ke muslim apna DNA check karwaye to kya hoga 😁😁

    • @bjhonusa
      @bjhonusa Před 2 lety +15

      पता चल जायेगा की उनके पुरखो के साथ क्या किया गया था। मगर वो लोग उसे अपने ऊपर किया गया उपकार मानते है। 😭😭😭😭😭

    • @Thetekkenpro075
      @Thetekkenpro075 Před 2 lety +12

      Wo kamzor hindu ke vanshaj hai sabit ho jayega

    • @dhiranprajapati647
      @dhiranprajapati647 Před 2 lety +4

      Wonderful suggestion.

    • @human8454
      @human8454 Před 2 lety

      Busdil or kayar hindus are converted to islam

    • @ramanandanayak814
      @ramanandanayak814 Před 2 lety

      ISLAM KA DNA SE
      SUVAR NIKLEGA
      AB TALIBAN NAAM SE
      ID HAI .

  • @vedichorizon7327
    @vedichorizon7327 Před 3 měsíci +2

    बाबा साहेब ने भी आर्य द्रविड़ सिद्धांत को सिरे से खारिज किया था। उन्होंने बताया था कि हम सभी आर्य हैं। हमारा मूल स्थान भी यही हैं। आज का विज्ञान भी यही कह रहा है।

  • @j.p.singhi3449
    @j.p.singhi3449 Před 2 lety +3

    A nice presentation. What I read in my school in forties. Was quient digferent

  • @smart.gimeing...aka..o
    @smart.gimeing...aka..o Před 2 lety +125

    This also proves that it was the British who created the castes and there was no discrimination across Bharat

    • @narangadhavi9517
      @narangadhavi9517 Před 2 lety +6

      Where did that knowledge comes from ? Are You insane or what ?
      How can you go to that conclusion bro ? 🤣 Is there any connection of castes and Discrimination with the Skeleton found in Rakhigadhi ? Come onnn

    • @rehanphalswal
      @rehanphalswal Před 2 lety +5

      @@narangadhavi9517 no connection with skeletons but its indeed true that cast system was not indigenous but imposed by invaders.

    • @bhadwamodi8294
      @bhadwamodi8294 Před 2 lety +4

      LOL That's why majority of Hindus who converted to other religions before and after the British raj were lower caste Hindus. They become Muslims, Buddhists or adopt any other religion in order to break the shackles of Hinduism and its caste system.
      *I was born Hindu but will not die as a Hindu* -Dr. B. R. Ambedkar

    • @rishabhiitdelhi8856
      @rishabhiitdelhi8856 Před 2 lety +5

      चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।
      *सम्राट शांतनु* ने विवाह किया एक *मछवारे की पुत्री सत्यवती* से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।
      सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए *भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?*
      महाभारत लिखने वाले *वेद व्यास भी मछवारे थे*, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।
      *विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे*, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।
      *भीम ने वनवासी हिडिम्बा* से विवाह किया।
      *श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय* करने वालों के परिवार से थे,
      उनके भाई *बलराम खेती करते थे*, हमेशा हल साथ रखते थे।
      *यादव क्षत्रिय* रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।
      *राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे*।
      उनके पुत्र *लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल* में पढ़े जो *वन के वासी थे।
      तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।
      *वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे*, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।*
      प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस *नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे* ।
      नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, *बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये*।
      उसके बाद *मौर्य वंश* का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत *चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे* और एक *ब्राह्मण चाणक्य ने* उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।
      फिर *गुप्त वंश* का राज हुआ, जो कि *घोड़े का अस्तबल चलाते थे* और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।
      केवल *पुष्यमित्र शुंग* के 36 साल के राज को छोड़ कर *92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया*? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।
      फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा।
      अंत में *मराठों* का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने *गाय चराने वाले गायकवाड़* को गुजरात का राजा बनाया, *चरवाहा जाति के होलकर* को मालवा का राजा बनाया।
      *अहिल्या बाई होलकर* खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये।
      *मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे* और *रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद* थे|।
      यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।
      *मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई* और यहां से *पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह* जैसी चीजें शुरू होती हैं।
      *1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन* रहा और यहीं से *जातिवाद* शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया।
      अंग्रेज अधिकारी *निकोलस डार्क की किताब "कास्ट ऑफ़ माइंड"* में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।
      इन हजारों सालों के इतिहास में *देश में कई विदेशी आये* जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि *मेगास्थनीज* ने इंडिका लिखी, *फाहियान*, *ह्यू सांग* और *अलबरूनी* जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।
      *योगी आदित्यनाथ* जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की *उमा भारती* महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।
      इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं ।
      *यह पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें ... उन हिन्दू भाईयों को जोड़िये जो मुगलिया, अंग्रेजी और कांग्रेसी षडयंत्र के कारण अपने आपको अलग मानते हैं और हिन्दू एकता में बाधा उत्पन्न करते हैं। लक्ष्य उनको भी जोड़ने का है ।*
      🚩Jai Sri Ram🚩

    • @prakashgarg7712
      @prakashgarg7712 Před 2 lety

      @@rehanphalswal true

  • @saurabhtiwari295
    @saurabhtiwari295 Před 2 lety +12

    Esi bahut saari cheezen hain itihaash mein jinhe humlog aaj bhi sach mante h kyonki uski sacchai kisi ko nahi pata

  • @saradeshwaribanerjee9371
    @saradeshwaribanerjee9371 Před 2 lety +5

    आर्यन मूल रूप से भारत के ही निवासी थे । भारत से ही पुरे बिश्व मे अपनी संस्कृति को फैलाए

  • @ranvijayranjan8876
    @ranvijayranjan8876 Před rokem +1

    यदि ये बाते सच है तो क्यों ना भारत में रहने वाले सभी लोगों का डीएनए चेक करवा लिया जाए।

  • @girdhariram7718
    @girdhariram7718 Před 2 lety +2

    भारतीय नस्ल एक ही है क्योंकि अलग अलग जातियों और धर्मों के गौत्र आपस में मिलते हैं। इसलिए समाज शास्त्र का अध्ययन जरूरी है।

  • @sanjaychauhan1116
    @sanjaychauhan1116 Před 2 lety +43

    Americans are still talking about 5000-7000yr old history and we have knowledge and history of entire Yuga (Dwapar, Treta & kalyug )

  • @sandeepbharti7004
    @sandeepbharti7004 Před 2 lety +4

    सत्य तो सत्य होता है कितने ही बदलाव कर लो 🔥🔥🔥🔥

  • @aakashgour3436
    @aakashgour3436 Před 2 lety +4

    भारत का सबसे पूराना इतिहास है जिसके साक्ष्य आज भी सम्पूर्ण भारत मे विद्यमान है और हर भारतीय अपने दिल मे अनुभव करता है कोई कीसी भी रुप मे इसे कह दे परन्तु हर हिन्दू और भारतीय गर्व करता है

  • @parveenkumar6559
    @parveenkumar6559 Před 2 lety +135

    Thanks a lot Sudhir ji for bringing this information to fore.

  • @chiragtahelramani764
    @chiragtahelramani764 Před 2 lety +42

    Sabke purvaj sanatan vedic
    arya hindu he
    Jo bhi stya puravk jivan jita vo sab Bhartiya arya he 🙏

    • @ayushmishra9839
      @ayushmishra9839 Před 2 lety

      चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।
      सम्राट शांतनु ने विवाह किया एक मछवारे की पुत्री सत्यवती से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।
      सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?
      महाभारत लिखने वाले *वेद व्यास भी मछवारे थे*, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।
      *विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे*, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।
      भीम ने वनवासी हिडिम्बा से विवाह किया।
      श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय करने वालों के परिवार से थे,
      उनके भाई *बलराम खेती करते थे*, हमेशा हल साथ रखते थे।
      यादव क्षत्रिय रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।
      *राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे*।
      उनके पुत्र लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल में पढ़े जो *वन के वासी थे।
      तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।
      वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे*, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।
      प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे ।
      नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, *बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये*।
      उसके बाद मौर्य वंश का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे और एक ब्राह्मण चाणक्य ने उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।
      फिर गुप्त वंश का राज हुआ, जो कि घोड़े का अस्तबल चलाते थे और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।
      केवल पुष्यमित्र शुंग के 36 साल के राज को छोड़ कर *92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया*? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।
      फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा।
      अंत में मराठों का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने गाय चराने वाले गायकवाड़ को गुजरात का राजा बनाया, चरवाहा जाति के होलकर को मालवा का राजा बनाया।
      अहिल्या बाई होलकर खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये।
      मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे और रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद थे|।
      यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।
      मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई और यहां से पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह जैसी चीजें शुरू होती हैं।
      1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन रहा और यहीं से जातिवाद शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया।
      अंग्रेज अधिकारी निकोलस डार्क की किताब "कास्ट ऑफ़ माइंड" में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।
      इन हजारों सालों के इतिहास में देश में कई विदेशी आये जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि मेगास्थनीज ने इंडिका लिखी, फाहियान*, *ह्यू सांग और अलबरूनी जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।
      योगी आदित्यनाथ जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की उमा भारती महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।
      इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं ।
      यह पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें ... उन हिन्दू भाईयों को जोड़िये जो मुगलिया, अंग्रेजी और कांग्रेसी षडयंत्र के कारण अपने आपको अलग मानते हैं और हिन्दू एकता में बाधा उत्पन्न करते हैं। लक्ष्य उनको भी जोड़ने का है ।

  • @vanathigiriraj8779
    @vanathigiriraj8779 Před 2 lety +7

    All Success Zee teamS 💐 All the best 👍 Best of luck Zee teamS 💐

  • @madhubhatt3066
    @madhubhatt3066 Před 2 lety

    Very nice information as well clean and correct msg to world.

  • @chhandarani3547
    @chhandarani3547 Před 2 lety +62

    OMG...just amazing....we are the only original civilization of Bharat....

    • @riddunyra4373
      @riddunyra4373 Před 2 lety +1

      yes all muslims of india lived in india since 12000bc ..

    • @chhandarani3547
      @chhandarani3547 Před 2 lety +5

      @@riddunyra4373 perhaps who all are living in Bharat, maximum peoples.... whatever their culture or religions, as per servey, are Arya civilization belongings....

    • @akankshasahu6864
      @akankshasahu6864 Před 2 lety +2

      Abhi tk koi doubt tha kya .......

    • @chhandarani3547
      @chhandarani3547 Před 2 lety +3

      @@akankshasahu6864 I don't have any doubt....am just putting an opinion....

    • @rehanphalswal
      @rehanphalswal Před 2 lety +2

      @@chhandarani3547 yes, aryan invation theory is bogus. Out of india theory is perhaps correct

  • @Ash-nn3or
    @Ash-nn3or Před 2 lety +189

    Our Upanishads and Vedas has always mentioned Arya putra and or Arya putri. Means Bharatwasi were and are the Aryans. Example king Aryavrat.
    Interesting point is that we Aryans were superior by culture and highly rich by knowledge and wealth that the west always claim they were Aryans. Greece was one of them who was fascinated by we Aryans best example was Alexander - whose dream was to conquer ancient Bharat.
    Just like in modern days Indians try to copy the West whether food, dress-style, language and most importantly culture. Similarly in those days it was vice versa.

    • @jaishreepandey7389
      @jaishreepandey7389 Před 2 lety +13

      Neheru ne bataya ,Aryan bahar se aaye thy

    • @kingtradebattle475
      @kingtradebattle475 Před 2 lety

      @@jaishreepandey7389 or neharu ye batane wala maddar--choood hota kon ha 😡

    • @krishna3082
      @krishna3082 Před 2 lety

      पहली बात यहां बस हरियाणा में इसकी जांच हुई है उस समय भारत बहुत बड़ा था अखंड भारत था इसकी जांच बस हरियाणा में हुई है इससे यह साबित नहीं होता कि आर्यन विदेशी थे हमारे सनातन धर्म में शरीरों को जलाया जाता है ना कि दफनाया जाता है हो सकता है आर्यन अपने शरीर को मरने के बाद जला दिए होंगे इसलिए उनका शरीर हड्डी नहीं बचा होगा अगर जांच करना है तो पूरे भारत की हर एक जमीन पर जांच होनी चाहिए आर्यन विदेशी हैं कि देशी यह सब सच्चाई का पर्दाफाश हो जाए गा

    • @juttamarungasale1805
      @juttamarungasale1805 Před 2 lety +16

      @@jaishreepandey7389 nehru koi historian jo us ❤️de ki baat manege hum log

    • @amnonisk8
      @amnonisk8 Před 2 lety +2

      Neruda was right

  • @user-zk6pz7dt1e
    @user-zk6pz7dt1e Před 2 lety +4

    हम चाहे आर्य हो या द्रविड़ हो पर भगवान् श्रीराम् कृष्णा बुद्ध महावीर से हमारा संपर्क नहीं टुटना चाहिए

  • @vivekrajput5732
    @vivekrajput5732 Před 2 lety +20

    Our civilization is oldest civilization in world 🌍

    • @ayushmishra9839
      @ayushmishra9839 Před 2 lety +3

      चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।
      सम्राट शांतनु ने विवाह किया एक मछवारे की पुत्री सत्यवती से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।
      सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?
      महाभारत लिखने वाले *वेद व्यास भी मछवारे थे*, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।
      *विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे*, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।
      भीम ने वनवासी हिडिम्बा से विवाह किया।
      श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय करने वालों के परिवार से थे,
      उनके भाई *बलराम खेती करते थे*, हमेशा हल साथ रखते थे।
      यादव क्षत्रिय रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।
      *राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे*।
      उनके पुत्र लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल में पढ़े जो *वन के वासी थे।
      तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।
      वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे*, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।
      प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे ।
      नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, *बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये*।
      उसके बाद मौर्य वंश का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे और एक ब्राह्मण चाणक्य ने उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।
      फिर गुप्त वंश का राज हुआ, जो कि घोड़े का अस्तबल चलाते थे और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।
      केवल पुष्यमित्र शुंग के 36 साल के राज को छोड़ कर *92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया*? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।
      फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा।
      अंत में मराठों का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने गाय चराने वाले गायकवाड़ को गुजरात का राजा बनाया, चरवाहा जाति के होलकर को मालवा का राजा बनाया।
      अहिल्या बाई होलकर खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये।
      मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे और रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद थे|।
      यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।
      मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई और यहां से पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह जैसी चीजें शुरू होती हैं।
      1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन रहा और यहीं से जातिवाद शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया।
      अंग्रेज अधिकारी निकोलस डार्क की किताब "कास्ट ऑफ़ माइंड" में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।
      इन हजारों सालों के इतिहास में देश में कई विदेशी आये जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि मेगास्थनीज ने इंडिका लिखी, फाहियान*, *ह्यू सांग और अलबरूनी जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।
      योगी आदित्यनाथ जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की उमा भारती महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।
      इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं ।
      यह पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें ... उन हिन्दू भाईयों को जोड़िये जो मुगलिया, अंग्रेजी और कांग्रेसी षडयंत्र के कारण अपने आपको अलग मानते हैं और हिन्दू एकता में बाधा उत्पन्न करते हैं। लक्ष्य उनको भी जोड़ने का है ।

  • @powerprivilege6790
    @powerprivilege6790 Před 2 lety +43

    Further proof of AKHAND BHARAT.

  • @RAJPUT__BOY
    @RAJPUT__BOY Před 2 lety +13

    🕉️ H A R 🕉️ H A R 🕉️ M A H A D E V 🕉️

  • @suranjandey8781
    @suranjandey8781 Před 2 lety +12

    This is important to know "who we are?" But this is more important to know "who we will be?" We shouldn't forget, Islamic aggressors has been converted almost 40% of total population of today's Indian subcontinent since last 1000 years, if Hindus won't learn from History then remaining 60% (predominantly India) will be converted to Islam in next 400-500 years, for sure.

  • @shivam00668
    @shivam00668 Před 2 lety +3

    अकेला जी न्यूज है जो सत्य आधारित राष्ट्रभक्ति से परिपूर्ण पत्रकारिता करता है।

  • @gajanandmeharia5001
    @gajanandmeharia5001 Před 2 lety +15

    भगवान राम से लेकर कृष्णा तक सब सच है।अंग्रेजों ने इसे दबाया इसके दो कारण संभव है एक तो वो हमें अपने गौरवशाली इतिहास से वंचित रखना चाहते थे
    दूसरा कि वो सोचते थे कि हम तो कल के जन्मे हुए है इतनी पुरानी सभ्यता और ज्ञान उस समय में संभव नहीं है,वो दुनिया को बताना चाहते थे कि सबसे पहले वही सभ्य हुए और कोई नहीं।

  • @meenabhardwaj244
    @meenabhardwaj244 Před 2 lety +23

    Ye bat bilkul sahi hai Aryan Bharat ke hi mool nivasi they hum log Sarswat Brahman hain Saryu nadi ke nivasi Saarswat kahlate hain isliye koi shak hi nahi hai Him Aaryan Bharat ke hi moll nivasi hain 👍🏻👋🚩🇮🇳🙏

  • @MukeshSharma-wb5eu
    @MukeshSharma-wb5eu Před 7 měsíci +1

    हमारे पुरान भी यही कहते , ऋषि कश्यप के दो पत्नियां थी दिति और अदिति अदिति से देवता और दिति से दानव पैदा हुए थे , दोनो एक ही पिता की संताने थी , लड़ना नहीं चाहिए सभी भारतीय भाई भाई है ।

  • @AnitaSharma-oj3zq
    @AnitaSharma-oj3zq Před 2 lety +18

    Thanks for this report. More channels should cover this topic. Excellent as the truth should/will now be made part of the education curriculum.

    • @healthandbeauty2891
      @healthandbeauty2891 Před 2 lety +1

      We are Indians and we are one irrespective of caste , culture,location (south, north,east west) and we were the best till 1100 AD till invaded by terrorist community and destruction of Nalanda

    • @rishabhiitdelhi8856
      @rishabhiitdelhi8856 Před 2 lety +2

      चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।
      *सम्राट शांतनु* ने विवाह किया एक *मछवारे की पुत्री सत्यवती* से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।
      सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए *भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?*
      महाभारत लिखने वाले *वेद व्यास भी मछवारे थे*, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।
      *विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे*, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।
      *भीम ने वनवासी हिडिम्बा* से विवाह किया।
      *श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय* करने वालों के परिवार से थे,
      उनके भाई *बलराम खेती करते थे*, हमेशा हल साथ रखते थे।
      *यादव क्षत्रिय* रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।
      *राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे*।
      उनके पुत्र *लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल* में पढ़े जो *वन के वासी थे।
      तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।
      *वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे*, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।*
      प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस *नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे* ।
      नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, *बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये*।
      उसके बाद *मौर्य वंश* का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत *चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे* और एक *ब्राह्मण चाणक्य ने* उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।
      फिर *गुप्त वंश* का राज हुआ, जो कि *घोड़े का अस्तबल चलाते थे* और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।
      केवल *पुष्यमित्र शुंग* के 36 साल के राज को छोड़ कर *92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया*? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।
      फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा।
      अंत में *मराठों* का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने *गाय चराने वाले गायकवाड़* को गुजरात का राजा बनाया, *चरवाहा जाति के होलकर* को मालवा का राजा बनाया।
      *अहिल्या बाई होलकर* खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये।
      *मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे* और *रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद* थे|।
      यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।
      *मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई* और यहां से *पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह* जैसी चीजें शुरू होती हैं।
      *1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन* रहा और यहीं से *जातिवाद* शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया।
      अंग्रेज अधिकारी *निकोलस डार्क की किताब "कास्ट ऑफ़ माइंड"* में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।
      इन हजारों सालों के इतिहास में *देश में कई विदेशी आये* जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि *मेगास्थनीज* ने इंडिका लिखी, *फाहियान*, *ह्यू सांग* और *अलबरूनी* जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।
      *योगी आदित्यनाथ* जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की *उमा भारती* महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।
      इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं ।
      *यह पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें ... उन हिन्दू भाईयों को जोड़िये जो मुगलिया, अंग्रेजी और कांग्रेसी षडयंत्र के कारण अपने आपको अलग मानते हैं और हिन्दू एकता में बाधा उत्पन्न करते हैं। लक्ष्य उनको भी जोड़ने का है ।*
      🚩Jai Sri Ram🚩

    • @dnpande7741
      @dnpande7741 Před 2 lety

      Also read the book Early Indians by Tony Josef

    • @dnpande7741
      @dnpande7741 Před 2 lety

      @@healthandbeauty2891 Then why we deploy our own brothers to get clean the sewer holes

    • @direnbhatsavesoil9628
      @direnbhatsavesoil9628 Před 2 lety

      @D N Pande Sir someone has to clean them.
      But we have to make sure that they are not form one community.
      Also India should find solution like America. Their waste disposition system is fantastic. It doesn't need human intervention.
      This problematic sewage treatment system was brought in by Mughals where women were not allowed to Defecate outside the House. Its related to Islam.
      So there was a need for Manual labourers to carry the poop outside to the jungles.
      You can see complete info on this see Sahana Singh's video on this topic of Sanitation system. 🙏
      ________
      Dr. Satish K Sharma has,, in his book = Caste, Conversion A Colonial Conspiracy,, has given irrefutable arguments on how caste system was imposed by the European colonists.
      And then they sent missionaries to fix this. To off course convert people.
      Dr. Satish has also given open challenge to anyone to debate on the arguments in the book and prove otherwise.

  • @trshuk
    @trshuk Před 2 lety +31

    How could our ancestors accept this European version of our own past?European who are the looters of the world -How demoncratic they should have been?

    • @prabhatsingh5234
      @prabhatsingh5234 Před 2 lety +4

      Ambedkar opposed it but jnu scholar has written ncert what you can expect

    • @kartikeypandey1837
      @kartikeypandey1837 Před 2 lety +3

      Because those people who Indian have made leader have studied in foreign thats why like tharki Nehru, Gandhi, many leaders of that time who were either flatter of foreigners or were leftist. These people promoted western culture in India inspite of India's own very rich culture in the world.

  • @amanbrya
    @amanbrya Před 2 lety +39

    These reports were known to us in 2019, by Bharat adhayan department of BHU, and they had even told that this news will come in news after some time,🙄

    • @ayushmishra9839
      @ayushmishra9839 Před 2 lety +1

      चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।
      सम्राट शांतनु ने विवाह किया एक मछवारे की पुत्री सत्यवती से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।
      सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?
      महाभारत लिखने वाले *वेद व्यास भी मछवारे थे*, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।
      *विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे*, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।
      भीम ने वनवासी हिडिम्बा से विवाह किया।
      श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय करने वालों के परिवार से थे,
      उनके भाई *बलराम खेती करते थे*, हमेशा हल साथ रखते थे।
      यादव क्षत्रिय रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।
      *राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे*।
      उनके पुत्र लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल में पढ़े जो *वन के वासी थे।
      तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।
      वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे*, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।
      प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे ।
      नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, *बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये*।
      उसके बाद मौर्य वंश का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे और एक ब्राह्मण चाणक्य ने उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।
      फिर गुप्त वंश का राज हुआ, जो कि घोड़े का अस्तबल चलाते थे और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।
      केवल पुष्यमित्र शुंग के 36 साल के राज को छोड़ कर *92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया*? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।
      फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा।
      अंत में मराठों का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने गाय चराने वाले गायकवाड़ को गुजरात का राजा बनाया, चरवाहा जाति के होलकर को मालवा का राजा बनाया।
      अहिल्या बाई होलकर खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये।
      मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे और रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद थे|।
      यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।
      मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई और यहां से पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह जैसी चीजें शुरू होती हैं।
      1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन रहा और यहीं से जातिवाद शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया।
      अंग्रेज अधिकारी निकोलस डार्क की किताब "कास्ट ऑफ़ माइंड" में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।
      इन हजारों सालों के इतिहास में देश में कई विदेशी आये जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि मेगास्थनीज ने इंडिका लिखी, फाहियान*, *ह्यू सांग और अलबरूनी जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।
      योगी आदित्यनाथ जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की उमा भारती महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।
      इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं ।
      यह पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें ... उन हिन्दू भाईयों को जोड़िये जो मुगलिया, अंग्रेजी और कांग्रेसी षडयंत्र के कारण अपने आपको अलग मानते हैं और हिन्दू एकता में बाधा उत्पन्न करते हैं। लक्ष्य उनको भी जोड़ने का है ।

  • @narpat007
    @narpat007 Před 2 lety +3

    Is it possible to get the English version of this particular DNA Clip, I want to share lot of my English friends.

  • @shubhrakanchan60
    @shubhrakanchan60 Před 2 lety +11

    Sabse pehle history ke chapters ko update karne ki bahut aavashyakta hai kyunki ek taraf hum apne bachchon ko Ramayan aur Mahabharat kaal ki kahaniyaan batate hain aur dusri taraf yeh history ke chapters jab bachche padhte hain to woh sawaal karte hain ki kya sahi hai aur hum unhein yahi jawab dete hain ki jo book mein likha hai woh hi yaad karo kyunki marks to issi se milenge 😔😔

    • @catleen8769
      @catleen8769 Před 2 lety +1

      Bilkul sahi .....mai bhi apni beti ko same yahi bolti hun

  • @sumandubey6525
    @sumandubey6525 Před 2 lety +8

    तब तो शिखा सूत्र गायत्री पढ़ाने कासबको अधिकार मिलना चाहिए

  • @kundansinghdhami1305
    @kundansinghdhami1305 Před 2 lety +143

    We believe in our archeologist new theory because they are based on advance technology nowadays used by we human. The world and we should know that we Aryans are of Indian origin.

    • @krishna3082
      @krishna3082 Před 2 lety +12

      Bhart us samy Kafi bada thaa Bhart Us samy ek Akhand bhart thaa Bas ek Haryana m iska checking huii hain isse sabit nahi hota ki Arayn Videshi thaee

    • @dr.anirudhkumarsingh5020
      @dr.anirudhkumarsingh5020 Před 2 lety +7

      Sanatan basiyo ko har sasan me galat jankari di gae

    • @kundansinghdhami1305
      @kundansinghdhami1305 Před 2 lety +2

      Arya wo ha jo Sanskrit bhasa ma baat karte thay aur jo lambe aur goray thay.

    • @rishabhiitdelhi8856
      @rishabhiitdelhi8856 Před 2 lety +11

      चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।
      *सम्राट शांतनु* ने विवाह किया एक *मछवारे की पुत्री सत्यवती* से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।
      सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए *भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?*
      महाभारत लिखने वाले *वेद व्यास भी मछवारे थे*, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।
      *विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे*, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।
      *भीम ने वनवासी हिडिम्बा* से विवाह किया।
      *श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय* करने वालों के परिवार से थे,
      उनके भाई *बलराम खेती करते थे*, हमेशा हल साथ रखते थे।
      *यादव क्षत्रिय* रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।
      *राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे*।
      उनके पुत्र *लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल* में पढ़े जो *वन के वासी थे।
      तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।
      *वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे*, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।*
      प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस *नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे* ।
      नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, *बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये*।
      उसके बाद *मौर्य वंश* का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत *चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे* और एक *ब्राह्मण चाणक्य ने* उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।
      फिर *गुप्त वंश* का राज हुआ, जो कि *घोड़े का अस्तबल चलाते थे* और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।
      केवल *पुष्यमित्र शुंग* के 36 साल के राज को छोड़ कर *92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया*? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।
      फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा।
      अंत में *मराठों* का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने *गाय चराने वाले गायकवाड़* को गुजरात का राजा बनाया, *चरवाहा जाति के होलकर* को मालवा का राजा बनाया।
      *अहिल्या बाई होलकर* खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये।
      *मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे* और *रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद* थे|।
      यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।
      *मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई* और यहां से *पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह* जैसी चीजें शुरू होती हैं।
      *1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन* रहा और यहीं से *जातिवाद* शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया।
      अंग्रेज अधिकारी *निकोलस डार्क की किताब "कास्ट ऑफ़ माइंड"* में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।
      इन हजारों सालों के इतिहास में *देश में कई विदेशी आये* जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि *मेगास्थनीज* ने इंडिका लिखी, *फाहियान*, *ह्यू सांग* और *अलबरूनी* जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।
      *योगी आदित्यनाथ* जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की *उमा भारती* महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।
      इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं ।
      *यह पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें ... उन हिन्दू भाईयों को जोड़िये जो मुगलिया, अंग्रेजी और कांग्रेसी षडयंत्र के कारण अपने आपको अलग मानते हैं और हिन्दू एकता में बाधा उत्पन्न करते हैं। लक्ष्य उनको भी जोड़ने का है ।*
      🚩Jai Sri Ram🚩

    • @ex-muslimworldwide824
      @ex-muslimworldwide824 Před 2 lety +1

      Nahi dost, aap galat soch rahe ho.🙏

  • @dimple894
    @dimple894 Před 2 lety

    Valuable information

  • @DkGupta-hp4zu
    @DkGupta-hp4zu Před 2 lety +18

    सत्य है सनातन धर्म
    🙏जय सियाराम🙏

    • @user-ym9ki2ui6h
      @user-ym9ki2ui6h Před 7 měsíci

      😡😡😡। नमो बुद्धाय , जय भीम , , जय संविधान , जय। मूलनिवासी

  • @jaybageshvrdham245
    @jaybageshvrdham245 Před 2 lety +13

    भारत में सभी लोग आर्य ह
    अंग्रेजो ने तो लड़वाने का काम किया सदा से ही
    आदिवासी समुदाय भी आर्य सभ्यता में आपने आपको ऊंचा बना सकता हैं

    • @hero2.021
      @hero2.021 Před 2 lety

      आदिवासियों का आर्यों से कोई संबंध नहीं है

  • @Tanima417
    @Tanima417 Před 2 lety +31

    Very good information ZEE...
    Jai hind 🇮🇳

    • @panditdayal522
      @panditdayal522 Před 2 lety +1

      Ex-muslim ho ???
      Konsa religion adopt Kiya ???

    • @human8454
      @human8454 Před 2 lety +4

      @@panditdayal522 chodo bhai atleast islam tho choda haa 😂

    • @Tanima417
      @Tanima417 Před 2 lety +3

      @@panditdayal522
      Mera Pehla kaam logo ko sach Islam dikhana..or Islam se larna..

    • @panditdayal522
      @panditdayal522 Před 2 lety +2

      @@Tanima417 all the best ji
      What your family think about it ,???

    • @rishabhiitdelhi8856
      @rishabhiitdelhi8856 Před 2 lety +1

      @@Tanima417 phir aagaye islam ka sach batane sabko pata hai islam teach how to become Terrorist.

  • @ajitkapadia8950
    @ajitkapadia8950 Před 2 lety +1

    Excellent information.

  • @balupawar2209
    @balupawar2209 Před 2 lety +3

    Ramayan is approximately 1.2 million year old..

  • @sikhabag2015
    @sikhabag2015 Před 2 lety +7

    Hamare Bhartiya sabhyata hajaron Sal Purani Hai .aur isase hi Sare Dharm bane.😎😎😎😎😎😎😎😎😎

  • @jayashrideo2958
    @jayashrideo2958 Před 2 lety +6

    जय हो, भारत माता, भारतीय संस्कृती,

  • @dinoputram9815
    @dinoputram9815 Před rokem +4

    From kashmir to kanyakumari we share same culture and belive in bramha vishnu maheswar. We are all one all human kind evolved from one.

  • @s.chandrahas.shankarao.2097

    Sudhirji always gives descriptives on every issues in his discussion. Depth knowledge is indeed necessary. Nice to hear him.

    • @rohitpandey4702
      @rohitpandey4702 Před 2 lety +2

      Hnn bhai tu yaad kr le tujhe issi se job milega WhatsApp University me

    • @Salmanhatedworld
      @Salmanhatedworld Před 2 lety +2

      Kyu ki is maamle me dono sampadak jail bhi jaa chuke hai 😂

    • @rohitpandey4702
      @rohitpandey4702 Před 2 lety

      @salmanhatedworld bhai mai ye line bhool gya tha 😂😂

    • @KuldeepSingh-eh2mi
      @KuldeepSingh-eh2mi Před 2 lety

      @@rohitpandey4702 o
      L

    • @ayushmishra9839
      @ayushmishra9839 Před 2 lety +2

      चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।
      सम्राट शांतनु ने विवाह किया एक मछवारे की पुत्री सत्यवती से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।
      सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?
      महाभारत लिखने वाले *वेद व्यास भी मछवारे थे*, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।
      *विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे*, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।
      भीम ने वनवासी हिडिम्बा से विवाह किया।
      श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय करने वालों के परिवार से थे,
      उनके भाई *बलराम खेती करते थे*, हमेशा हल साथ रखते थे।
      यादव क्षत्रिय रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।
      *राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे*।
      उनके पुत्र लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल में पढ़े जो *वन के वासी थे।
      तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।
      वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे*, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।
      प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे ।
      नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, *बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये*।
      उसके बाद मौर्य वंश का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे और एक ब्राह्मण चाणक्य ने उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।
      फिर गुप्त वंश का राज हुआ, जो कि घोड़े का अस्तबल चलाते थे और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।
      केवल पुष्यमित्र शुंग के 36 साल के राज को छोड़ कर *92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया*? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।
      फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा।
      अंत में मराठों का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने गाय चराने वाले गायकवाड़ को गुजरात का राजा बनाया, चरवाहा जाति के होलकर को मालवा का राजा बनाया।
      अहिल्या बाई होलकर खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये।
      मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे और रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद थे|।
      यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।
      मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई और यहां से पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह जैसी चीजें शुरू होती हैं।
      1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन रहा और यहीं से जातिवाद शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया।
      अंग्रेज अधिकारी निकोलस डार्क की किताब "कास्ट ऑफ़ माइंड" में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।
      इन हजारों सालों के इतिहास में देश में कई विदेशी आये जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि मेगास्थनीज ने इंडिका लिखी, फाहियान*, *ह्यू सांग और अलबरूनी जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।
      योगी आदित्यनाथ जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की उमा भारती महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।
      इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं ।
      यह पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें ... उन हिन्दू भाईयों को जोड़िये जो मुगलिया, अंग्रेजी और कांग्रेसी षडयंत्र के कारण अपने आपको अलग मानते हैं और हिन्दू एकता में बाधा उत्पन्न करते हैं। लक्ष्य उनको भी जोड़ने का है ।

  • @indrakantpatel9690
    @indrakantpatel9690 Před 2 lety +10

    हमारे जाने माने राष्ट्रिय पत्रकार श्री सुधीर चौधरी जी ने बहुत अच्छा और सच्चा ऐतिहासिक विश्लेषण प्रस्तुत किया है और यह बहुत ही आनंद दायक समाचार है जन शिक्षण और जन जागृति के लिए! परन्तु, इस विश्लेषण हमें थोड़ा क्षति पूर्ण लगता है! भारतीय संस्कृति का मूल सिंधु नदी से नहीं, परन्तु, सरस्वती संस्कृति आधारित है! सिंधु संस्कृति अर्थात मोहन-जो-देड़ो अथवा हड्डपा (सिंधु, गंगा, यमुना, वि. वि.) सरस्वती के बाल समान है. सरस्वती संस्कृति का उदगम समय काल आज भी निश्चित नहीं हुआ है! जिस का उदगम काल आज तक निश्चित नहीं हुआ है उस ऋग्वेद में भी सरस्वती की उपासना "अम्बितमे नंदीतमे देवी तमे सरस्वती" अर्थात हे सरस्वती माता, नदियों में तू , माताओ में तू और देवियों में तू श्रेष्ठ है!' दस हजार वर्ष तो न्यूनतम है, सरस्वती संस्कृति दस हजार वर्ष से भी कहीं अधिक पुराणी है.परन्तु, कुटिल अंग्रेज राजकर्ताओं की कुटिल नीति के कारण साशय और संकल्पपूर्वक की रणनीति से हमारे सच्चे इतिहास को कुरूपित किया था और हम भारतीयों पर लदा गया और हमारे पूर्वजों ने वही करूपित ईतिहास शीखा और हमने भी शिखा और हमारे बच्चों को भी शिखाया! संस्कृत को इंडो -यूरोपियन भाषा बना दिया और आर्य नाम की जाती का निर्माण किया इस करूपता ने!वास्तव में आर्य नाम की कोई जाती ही नहीं थी - अंग्रेजो के आगमन पूर्व एक भी ऐतिहासिक, पौराणिक अथवा मुग़ल विद्वानों के लेखन में भी नहीं मिलेगा आर्य जाति का उल्लेख।आर्य का सीधा सादा अर्थ था सज्जन पुरुष. न थी आर्य जाति,न थी अनार्य जाति। मंदोदरी, रावण की पत्नी भी रावण को आर्य पुत्र से संबोधित करती थी. परन्तु, अंग्रेजो को तो यह दिखाना था की सब भारतीय परदेश से आये हैं इस लिए उन का अधिकार बन जाता है हम पर राज करने का! इस के साथ में जुड़ गई भारत की वामपंथी टोली जो भारतीय संस्कृति को तिरष्कार से देखती थी और आज भी यही करुणता है इन सुपर अंग्रेजो की! उन के साथ जुड़ गए है भारतीयता को येन केन प्रकार से ध्वंस करने वाला ऐंटोनिया मार्गदर्शित कोंग्रेस दुष्मती हक्श -थाप बल! दूसरा एक शब्द है आदिवासी. आदिवासी शब्द प्रयोग भारतीय समाज में था ही नहीं, परन्तु, यह भी अंगेजो के षड्यंत्र का ही सर्जन है! भारत के मूल निवासी सब आदिवासी है, थोड़े मुग़ल या अन्य थोड़ो के सिवा सब का मूल भारत ही है!पारसी भी भारत के ही मूल लोग है जो महा भारत काल पश्चात ईरान में जा के बसे थे और जो अग्निपूजा करते हैं. हम सब आदिवासी अर्थात मूल लोग ही है! नगर में रहने वाला नगरवासी और वन में रहने वाला वनवासी! और , खूबी की बात तो यह है की जर्मन, फ्रांस के लोगो ने इंग्लैंड में जा के उस को अपना देश बना दिया और वहां के थोड़े से मूल निवासियों के लिए आदिवासी शब्द का प्रयोग नहीं किया! परन्तु, हम भारतीयों को आड़े मार्ग पर चढ़ा दिया और चाहे कितना भी शीक्षित या पदाधिकारी हो आदिवासी के चक्कर में आज भी घूमता रहता है! भारत सरकार सच्चे इतिहास का पुनर्स्थापित करना मांगती है तो इस पर भी जरा ध्यान दे तो आनंद की बात होगी!

  • @vitaminprotein8495
    @vitaminprotein8495 Před 2 lety +12

    I'm black and I'm Indian ☺ not dravidan

    • @meenatiwari3777
      @meenatiwari3777 Před 2 lety +11

      U r indian not white not black not Dravidian nor aryan not south indian not north Indian

    • @vitaminprotein8495
      @vitaminprotein8495 Před 2 lety +4

      @@meenatiwari3777 ❤🙏

    • @titaniumffclub9122
      @titaniumffclub9122 Před 2 lety

      @@meenatiwari3777 just be indian otherwise Zombies can convert us?

    • @SANJEEVKUMAR-bu3yk
      @SANJEEVKUMAR-bu3yk Před 2 lety

      Mai black to nahi par hindu nahi Dalit hu...
      Black to Krishan aur Lakshaman bhi the par vo Hindu the.
      K
      Color se kuchh nahi hota....
      Har samudaay me kaale gore hote hai... Hindu, Dalit, Muslim..

    • @SANJEEVKUMAR-bu3yk
      @SANJEEVKUMAR-bu3yk Před 2 lety

      @@sachinkhair6221 ha

  • @biraanjoshi2091
    @biraanjoshi2091 Před 2 lety +6

    जो मानते हैं कि उनके पूर्वज बन्दर थे ओ माने लेकिन हमारे पूर्वज तो आर्य(श्रेष्ठ) थे ,🙏😘

    • @ayushmishra9839
      @ayushmishra9839 Před 2 lety +1

      चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।
      सम्राट शांतनु ने विवाह किया एक मछवारे की पुत्री सत्यवती से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।
      सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?
      महाभारत लिखने वाले *वेद व्यास भी मछवारे थे*, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।
      *विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे*, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।
      भीम ने वनवासी हिडिम्बा से विवाह किया।
      श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय करने वालों के परिवार से थे,
      उनके भाई *बलराम खेती करते थे*, हमेशा हल साथ रखते थे।
      यादव क्षत्रिय रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।
      *राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे*।
      उनके पुत्र लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल में पढ़े जो *वन के वासी थे।
      तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।
      वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे*, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।
      प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे ।
      नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, *बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये*।
      उसके बाद मौर्य वंश का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे और एक ब्राह्मण चाणक्य ने उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।
      फिर गुप्त वंश का राज हुआ, जो कि घोड़े का अस्तबल चलाते थे और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।
      केवल पुष्यमित्र शुंग के 36 साल के राज को छोड़ कर *92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया*? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।
      फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा।
      अंत में मराठों का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने गाय चराने वाले गायकवाड़ को गुजरात का राजा बनाया, चरवाहा जाति के होलकर को मालवा का राजा बनाया।
      अहिल्या बाई होलकर खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये।
      मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे और रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद थे|।
      यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।
      मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई और यहां से पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह जैसी चीजें शुरू होती हैं।
      1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन रहा और यहीं से जातिवाद शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया।
      अंग्रेज अधिकारी निकोलस डार्क की किताब "कास्ट ऑफ़ माइंड" में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।
      इन हजारों सालों के इतिहास में देश में कई विदेशी आये जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि मेगास्थनीज ने इंडिका लिखी, फाहियान*, *ह्यू सांग और अलबरूनी जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।
      योगी आदित्यनाथ जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की उमा भारती महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।
      इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं ।
      यह पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें ... उन हिन्दू भाईयों को जोड़िये जो मुगलिया, अंग्रेजी और कांग्रेसी षडयंत्र के कारण अपने आपको अलग मानते हैं और हिन्दू एकता में बाधा उत्पन्न करते हैं। लक्ष्य उनको भी जोड़ने का है ।

    • @kartikeypandey1837
      @kartikeypandey1837 Před 2 lety

      Bandar poorwaj sirf darwin ke chamche angrej aur muslin ke the

    • @laba3423
      @laba3423 Před rokem

      @@kartikeypandey1837 science naam ki bhi cheez hoti hai jisme evolution hoti hai , siddha religion ke naam par science ko defunct mat keh do

  • @rajanikant4683
    @rajanikant4683 Před 2 lety +2

    जानकारी के लिए आपका धन्यवाद

  • @niteshbarua6911
    @niteshbarua6911 Před 2 lety +11

    Dr. Ambedkar khud Aryans ko Bharat ke niwasi maante the

  • @montykumar5715
    @montykumar5715 Před 2 lety +12

    Sudhir Chodhary Ji Ko mera Jai Hind 🇮🇳 🙏🙏

  • @aks4361
    @aks4361 Před rokem +2

    भारत की सभ्यता हडप्पा सभ्यता से बहुत पहले की है हमे हडप्पा तक का ही इतिहास
    पता है अब राखीगढी के नरकंकाल की कार्बन डेटिंग से पता चला कि भारतीय सभ्यता 7000 ईसापूर्व की है

  • @satendramishra2917
    @satendramishra2917 Před 2 měsíci +1

    भारतीय सभ्यता इतनी पुरानी होगी अंग्रेजो ने सोचा भी नही था तो सोचा क्यों न बांटो और राज करो

  • @sharvanswami6529
    @sharvanswami6529 Před 2 lety +12

    Puri duniya sar jukayegi Arywarat par

  • @mahavirsingh9854
    @mahavirsingh9854 Před 2 lety +8

    🌹🛕🌹🌹भारत का इतिहास और जानकारी तो काफी हद तक अगर आप अपने ग्रन्थो में मिल जाएगा आप श्रीमद्भागवत गीता का अध्ययन करेगें तो हिन्दुओ का इतिहास बहुत ही सटीक रूप से समझ जायेगें गीता जी में सबसे महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कि भगवान श्रीकृष्ण जी ने अर्जुन को हर अध्याय में अपने आपको भगवान कह कर सम्बोधित किया है आर्य समाज भारत के ही बंशज रहे होगें हो सकता हे कि भारत में ही किसी तरह पानी ज्यादा होना जैसे बर्षा कही ज्यादा कही कम जैसे कहते हैं कि सूखा प्रभावित या अधिक वर्षा से गरकी होना इस तरह की हालात पहले खूब होती रही हैं धन्यवाद जय हिन्द जय जवान जय द्वारकाधीश जय भारत 🌹🛕🌹

  • @rishisharmasharma5437
    @rishisharmasharma5437 Před 2 lety +3

    आज साबित हो गया की इतिहास भी बहते हुए नदी के पानी की तरह होता जिसमे समय समय पर अलग अलग मोड़ आते है नई नई रिसर्च सामने आती है रहस्य सामने आते है

  • @kbc3872
    @kbc3872 Před 2 lety +1

    जब सिन्धु घाटी सभ्यता को बाढ़, सूखा जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था तो वो वहां से भारत के अंदरूनी हिस्से में चले आते।जैसे हम उत्तर प्रदेश से आकर राजस्थान में रहने चले जायें। सिन्धु घाटी सभ्यता के लोग अक्सर भारत के अंदरूनी हिस्सों में आते जाते रहते थे।

  • @bhediya2442
    @bhediya2442 Před 2 lety +5

    Jai Hind 🙏

  • @hariyalisrivastava8448
    @hariyalisrivastava8448 Před 2 lety +3

    Great...kitna gumraah kiya gya hame..thnx to your team

    • @abhisingh5901
      @abhisingh5901 Před 2 lety +1

      Oo rally miss kya pata ye kankal mull logo ka ho

    • @abhisingh5901
      @abhisingh5901 Před 2 lety

      App kase Mann sakte ho

    • @RamKumar-uc9kw
      @RamKumar-uc9kw Před 2 měsíci

      Aryan apne purwaj ke dead body ko jala diye. Anarya dead body ko Jamin me dafan Kiya.

  • @anirudhpandey3594
    @anirudhpandey3594 Před 2 lety

    Jay Hind Sar Ji nice work tell Jay Ho

  • @dilipsanatan1396
    @dilipsanatan1396 Před 2 lety

    ये बहुत अच्छा कार्य किया आपने... Zee news को बहुत बहुत धन्यवाद