25×40 Home Digain North Facing Home Design ! Vastu Shastra के अनुसार उत्तरमुखी घर का नक्शा !

Sdílet
Vložit
  • čas přidán 22. 08. 2024
  • 25×40 Home Digain North Facing Home Design ! Vastu Shastra के अनुसार उत्तरमुखी घर का नक्शा !
    Your Queries -
    Video Link- vaastu shaastr kya hai? इसे माने या ना माने ? Episode 1 प्रकृति के साथ तालमेल बनाने आर्किटेक्चर है !
    • vaastu shaastr kya hai...
    Vastu Shastra! घर की दिशा निर्धारित कैसे करें? पूर्वमुखी पश्चिममुखी उत्तरमुखी या दक्षिणमुखी क्या है?
    • Vastu Shastra! घर की द...
    Vastu Shastra mein positive aur negative energy kya hoti hai episode 3! देव और दानव का युद्ध है ये?
    • Vastu Shastra mein pos...
    Vastushastra में ईशान कोण सबसे महत्वपूर्ण कोना है यहाँ पॉजिटिव एनर्जी होतीं हैं जाने episode 4
    • Vastushastra में ईशान ...
    Vastushastra के अनुसार रसोई बनाने की सबसे अच्छी व्यवस्था अग्निकोण मैं क्यों है ? episode 5
    • Vastushastra के अनुसार...
    Vastushastra के अनुसार बैडरूम बनाने की सबसे अच्छी व्यवस्था नैरूत्यकोण मैं क्यों है ? episode 6
    • Vastushastra के अनुसार...
    गेस्ट रूम वायव्य कोण में क्यों बनाना चाहिए ? Episode no 7 guest room kitchen banana bhi allowed hai
    • गेस्ट रूम वायव्य कोण म...
    vastu Shastra के अनुसार ब्रह्मस्थान में क्या व्यवस्था होनी चाहिए और क्या नहीं ! Episode 8
    • vastu Shastra के अनुसा...
    Main Door कहां पर होना चाहिए ! वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में मैन डोर कहां पर लगाना चाहिए !
    • Main Door कहां पर होना...
    23×39 Home Design East Facing Vastushastra Ke Anusar! 25×40 Home Design Bhi Kar Sakte hai
    • 23×39 Home Design East...
    वास्तु शास्त्र के अनुसार पॉजिटिव और नेगेटिव एनर्जी क्या है पॉजिटिव एनर्जी है देवता यानी की देव यदि आपके घर में देवताओं का वास है देवी देवताओं का स्मरण होता है आपने व्यवस्था देवी-देवताओं के अनुसार की गई है आपके घर में हमेशा पॉजिटिव एनर्जी बनी रहेगी जिस घर में देवताओं का वास होता है वहां पर पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है
    नेगेटिव एनर्जी जहां पर आसुरी शक्ति यानी की दानवो का वास होता है , वहां पर यानी कि उस घर में हमेशा पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है यदि आपके घर में पॉजिटिव एनर्जी बनी रहेगी तो आपके घर में हमेशा तरक्की होगी घर में किसी भी तरह की प्रेशिया निया नहीं आएंगे और रोगों से मुक्त रहेंगे कोई भी अचानक विडंबना आने से आपके घर में बचा होगा किसी भी कार्य को करने के लिए आपको जिस चीज की जरूरत होती है वह जरूरत है आपका मोटिवेशन आपको पॉजिटिव एनर्जी मैं उस कार्य में लगे रहना और यदि आप पॉजिटिव एनर्जी के साथ किसी भी कार्य को करते हैं तो वह कार्य आपका हमेशा सफल होता है इसलिए घर के अंदर पॉजिटिव एनर्जी बनी रहनी चाहिए पॉजिटिव एनर्जी आपकी हमेशा मदद करती है यदि आपके घर को वास्तु अनुसार पॉजिटिव एनर्जी के हिसाब से बनाया गया है आपके घर में देवताओं को ध्यान में रखकर दिशाओं ध्यान में रखकर आपके घर को बनाया गया है तो पॉजिटिव एनर्जी हमेशाा बनी और आप अपने जीवन में खुशहाली समृद्धि और हमेशा मोटिवेट रह कर अपने जीवन को और अपने बच्चोंंं के लिए अपनेेे घर को पॉजिटिव एनर्जी के साथ अपने घर को छोड़कर जाएंगे और बच्चे भी आपके जीीवन में तरक्की करेंगे
    गृहस्थस्य क्रियास्सर्वा न सिद्धयन्ति गृहं विना। [1]वास्तु शास्त्र घर, प्रासाद, भवन अथवा मन्दिर निर्मान करने का प्राचीन भारतीय विज्ञान है जिसे आधुनिक समय के विज्ञान आर्किटेक्चर का प्राचीन स्वरुप माना जा सकता है। जीवन में जिन वस्तुओं का हमारे दैनिक जीवन में उपयोग होता है उन वस्तुओं को किस प्रकार से रखा जाए वह भी वास्तु है वस्तु शब्द से वास्तु का निर्माण हुआ है
    डिजाइन दिशात्मक संरेखण के आधार पर कर रहे हैं। यह हिंदू वास्तुकला में लागू किया जाता है, हिंदू मंदिरों के लिये और वाहनों सहित, बर्तन, फर्नीचर, मूर्तिकला, चित्रों, आदि।
    दक्षिण भारत में वास्तु का नींव परंपरागत महान साधु मायन को जिम्मेदार माना जाता है और उत्तर भारत में विश्वकर्मा को जिम्मेदार माना जाता है।उत्तर, दक्षिण, पूरब और पश्चिम ये चार मूल दिशाएं हैं। वास्तु विज्ञान में इन चार दिशाओं के अलावा 4 विदिशाएं हैं। आकाश और पाताल को भी इसमें दिशा स्वरूप शामिल किया गया है। इस प्रकार चार दिशा, चार विदिशा और आकाश पाताल को जोड़कर इस विज्ञान में दिशाओं की संख्या कुल दस माना गया है। मूल दिशाओं के मध्य की दिशा ईशान, आग्नेय, नैऋत्य और वायव्य को विदिशा कहा गया है।
    वास्तुशास्त्र में पूर्व दिशा संपादित करें
    वास्तुशास्त्र में यह दिशा बहुत ही महत्वपूर्ण मानी गई है क्योंकि यह सूर्य के उदय होने की दिशा है। इस दिशा के स्वामी देवता इन्द्र हैं। भवन बनाते समय इस दिशा को सबसे अधिक खुला रखना चाहिए। यह सुख और समृद्धि कारक होता है। इस दिशा में वास्तुदोष होने पर घर भवन में रहने वाले लोग बीमार रहते हैं। परेशानी और चिन्ता बनी रहती हैं। उन्नति के मार्ग में भी बाधा आति है।
    Subscribe link ,
    / excusemeindianemi
    #vastushastra
    #excusemeIndian
    #motivationalvide

Komentáře • 8

  • @premfflover1198
    @premfflover1198 Před rokem +1

    Nice 👍 sir ji must laga

  • @cyphergaming3038
    @cyphergaming3038 Před 3 lety +2

    Nice

  • @rameshrawani7723
    @rameshrawani7723 Před 5 měsíci

    Sir North facing 30/50 ka house plan upload kijiye

  • @iamxyz6420
    @iamxyz6420 Před rokem

    25*42 ka simple map banao. 2 bed room, 1 living room, 2 bathroom, 1 kitchen, aur 2-3 bike khadi krne ki jagah

  • @rinkupatel317
    @rinkupatel317 Před rokem

    11 P. 50 L.Vastu

  • @shyamjoshi7171
    @shyamjoshi7171 Před rokem

    उत्तर व दक्षिण दिशा खुली है नक्शा बताए

  • @ganeshnimdeo9792
    @ganeshnimdeo9792 Před rokem

    Plz sir 🙏🙏🙏

  • @ganeshnimdeo9792
    @ganeshnimdeo9792 Před rokem

    Sir muze सर मुझे उत्तर मुखी मकान बनाना है ऑलरेडी मेरा मकान उत्तर मुखी बना चुका है मेरा प्लॉटची साईज 45 बाय 40 हैं उन्मे से तेरा बाय 40 का पूर्व की तरफ से बनाया है पश्चिम का भाग ओपन है मकान में कुछ मोडिफिकेशन करना चाहता हु वास्तु केनुसार सर प्लीज मुझे बताईये