''समाधि का सार'' डॉ. हुकमचंदजी भारिल्ल स्वर - डॉ. गौरव जैन सौगानी एवं श्रीमती दीपशिखा जैन सौगानी
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- čas přidán 10. 09. 2024
- अखिल भारतीय जैन युवा फेडरेशन प्रस्तुत करते है -
''समाधि का सार''
लेखक - डॉ. हुकमचंद भारिल्ल जयपुर
स्वर - डॉ. गौरव जैन सौगानी एवं श्रीमती दीपशिखा जैन सौगानी जयपुर
संगीत निर्देशन - डॉ. दीपक जी माथुर
निर्देशक - श्री परमात्मप्रकाश भारिल्ल
श्री शुद्धात्मप्रकाश भारिल्ल
विशेष सहयोग - पण्डित पीयूष शास्त्री
पण्डित जिनेंद्र शास्त्री
#ptst #smarak #jain
दादा का उपकार हम सभी पर हे 🙏🏾
स्वाध्याय chintan hi गुरु दक्षिणा he
❤ समाधि मरण सुर वीरों का कार्य है, और समाधि का सार सुनना समझना, जचाना पचाना और विश्वास करना, जिससे क्रमबद्ध पर्याय का दृढ़ निर्णय हो, यह अनंत शुरवीरता का मूल मंत्र है.
Is samadhi Shahar se Mera jivan Ho Santa
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🌸 मार्मिक ,भावपूर्ण रचना 👌👌👌👍👍🌸
❄️ आ.श्री . छोटे दादाजी को शतशत नमन🙏🙏🙏❄️
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Om shanti
आज बहुत याद आ रही है दादाजी. 🙏🏼😔
आप जीवनभर सहजतासे समाधिमे हि रहे और अंतमे सहज हि मृत्युको भी सहे. कुछ भी गडबड गोंधळ नाही . ज्ञानी को कभी डर नही रहता. सहज कैसे रहना आपने प्रॅक्टीकल मे दिखाया. धन्य धन्य हो आप दादाजी. दशलक्षण और समाधिशतक आपने हमतक पहुचाया. आपके अनुपम साहित्य है.आपके अनंत ऊपकार है . जानसे भी संभालकर जीवनमे ऊतारेंगे. 🙏🏼
सहज तत्त्वज्ञान बरसाया धन्य ऐसेज्ञानी ध्यानी महापुरुष को कोटी कोटी प्रणाम 🙏🙏🏳️🌈☀️
आदरनीय दादा जी के जीवन भर के तत्वचिंतन का सार "समाधि का सार" अद्भुत रचना कोटि कोटि प्रणाम🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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जय जिनेंद्र जी आदरणीय छोटे दादाजी. 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
🙏🏻आदरणीय छोटे दादा युग पुरुष को कोटि कोटि प्रणाम
आदरणीय छोटे दादा युग पुरुष को शत शत वंदन
बहुत बहुत बहुत ही सुंदर दिव्य अलौकिक वानी आत्मा को कुंदकुंद कर देने वाली जय जिनेंद्र बहुत मीठी वाणी
Pandit Shri Ravi Ji ke pravachan
आदरणीय छोटे दादा युग पुरुष को कोटि कोटि प्रणाम
तन्मयता से ही सुन और समझ रहा हूं। ध्यान करने लायक है।
इसे सुनकर मेरे तीव्र आकुलता के भाव मंद पड़ जाते हैं। इसलिए इसे मैं हर दो से तीन दिन में एक बार सुनता हूं।
इस अद्भुत रचना के लिए डा भारिल जी का और कर्ण प्रिय गायन के लिए दोनों गायकों का बहुत बहुत आभार।
डा विपिन कुमार जैन भोपाल
❤🙏very nice n cute Samay ka sar.
😊
Bhari ji ke charno mai naman
गागर में सागर सी यह रचना अद्भुत , आश्चर्य कारी, अनुपम इत्यादि भावों से भरी है
आदरणीय दादा जी ने गजब का चिंतन भरा अद्भुत रचनाएं 🙏🙏🙏🙏
❤
दादा ने अमृत बरसाया है तत्वज्ञान व समाधि का जीव का सच्चा स्वरूप बताया है जीवन की दिशा व दशा का ज्ञान कराया है।
बहुत बहुत अनुमोदना
ATI hi sunder Rachna Thanks Bhag Chand Jain tijaria Delhi
जय सनातन हिन्दू धर्म
Anil Doshi Jai Jitendra Mumbai 🙏🙏🙏
सनातन शब्द का अर्थ किसी समाज संस्कृती एवं परंपरा नही होता। सनातन शब्द का अर्थ जड वस्तु एवं सजीव वस्तु यह दो पदार्थ सनातन है। विचार संस्कृती परंपरा एवं एक नस्ल का समाज यह सनातन नही होता। सनातन जिव अजी द्रव्य सनातन है।हिंदु शब्द कि उत्पत्ति सदी 9 वी शताब्दी से प्रारंभ हुयी और भारत के संविधान ने हिंदु नाम का कोही धर्म स्वीकार किया नही क्यो की वैदिक साहित्य मे हिंदु नाम का कोही उल्लेख नही है। इसलिए सनातन एवं हिंदु यह दोनो शब्द धर्म का बोध नही करते है। आप को वैदीक धर्म कहना होगा। @@niruthapa8115
जैन धर्म साहित्य के भीष्म पितामह मान्यवर हुकुमचंदजी भारील्ल को नमन।
आदरणीय छोटे दादा और उनके सुयोग्य शिष्य डॉ संजीवकुमार जी गोधा ने मुमुक्षु समाज पर अनन्त उपकार किया है 👏🏻👏🏻
आदरणीय दादा ने सारा जीवन समाधिमय जिया और यही सीख हम सभी को दी। सहजतापूर्ण जीवन जीते हुए हम सभी को सहजता का पाठ पढ़ा गए दादा। आदरणीय दादा को कोटि कोटि बंदन🙏
Very nice sahajta hi sachha Jivan hei dadaji ko Sadar jai jinendra
प्रवचन का सार समाया हुआ है भजन 👌👌
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ऐसी रचना जीवन धन्य हो जावे यदि इस पर आचरण हो धन्य हैं आप
इस रचना को सम्पूर्ण जैन दर्शन की सुंदरतम रचना कहे तो भी अतिशयोक्ति नही होगी,जिसमे कहा है कि केवल मरण ही नही अपितु पूरा जीवन समाधिमय यानी आकुलता रहित और सहज होना चाहिए🙏🙏🙏
जब जीवन समाधीमय होता है तो मरण भी समाधीमय होता है.बिलकुल सच और सही है.आपको देखकर अनुभवमे आ रहा है.🙏🏼🙏🏼🙏🏼😌
1:35 😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢yog
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अमृत वचनों के साथ ही बहुत ही मीठी आवाज आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जय जिनेंद्र
बहुत सुन्दर परम आदरणीय व पूज्यनीय पं साहब रचित जीवन - मरण के वास्तविक सार समता भाव को आप दोनों प्रिय गौरव व दीप शिखा की बहुत ही अच्छी प्रस्तुति (exceptionally wonderful - heart touching ) के लिये बहुत बहुत साधुवाद 🙏👍👏👏 सबको मेरी व परिवार की और से वीर निर्माण महोत्सव व दीपावली की शुभकामनाएँ - 🙏जय जिनेन्द्र 🙏
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बहुत बहुत अनुमोदना।शांति दायी पाठ
बहुत ही मीठी आवाज में समाधि सार थैंक यू जय जिनेंद्र
Jitni baar suno ek naya Anand he Anand aati sunder👌👌🙏🙏🥰🥰
व्वाह व्वाह !! बहुत ही सुंदर भाव
आ.दादा जी ,आपके चरणों मे बन्दन 🙏🙏🙏
बहुत ही सुंदर रचना
जैसी रचना वैसा जीवन। अद्भुत सुंदर चिंतन, गागर मैं सागर।
अन्तः करण को सपरस्करने वाली भावमयि रचना का लिये दादा आपको भावमयि वन्दन।
बहुत सुंदर, अमर रचना
अपने में अपना सब कुछ है, हम स्वयं स्वयं ही सब कुछ हैं।
अद्भुत रचना
Bhout Bhout sunder 👌👌
बहुत सुंदर रचना, मार्मिक चिंतन, गहन चिंतन, अद्भुत भाव भरे हैं आ. दादा ने
समाधि ही तन्त्र अन्य न तंत्र न मंत्र
डा. दादा की यह भी महान रचना होगई👌🙏🏻
समाधि मरण केसे हो सकता है क्युकी मरण तो 1 समय की बात समाधिमय तो जीवन होना चाहिए 🙏🏻
समाधी सार का इतना सुंदर अनुबोधन अनुमोदना अनुमोदना 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼👏🏻 जय हो जय जिनेंद्र 🙏🏼👏🏻🙏🏼 रतीचद जैन सिंगोड़ी
वाह! दादा ने अद्भुत रचना की है
😊❤l
😊😊😊😊😊
Jinvani Mata ki Jai ho
🙏🙏
Thank you very much Very nice Chintan Chhote Dada ki. Sunder Rachana 🛕💐🥁
अती सुंदर🙏🙏🙏🙏🙏
धन्य धन्य
Vitraag Dharm hai sahaj hai
बहुत ही अद्भुत रचना के लिये आदरणीय दादा जी कोटि कोटि आभार,,👌👌
🙏👍
ये रचना जीवन भर के सार का सार है।
Vopilm
.mpjalm
See❤ बहुत बढ़िया बहुत बढ़िया
सादर जय जिनेन्द्र
Sab sidhant bata diya.available bhuta achhi hei.
आदरणीय छोटे दादा को कोटि कोटि प्रणाम
🙏🙏🙏🙏🙏
अद्भुत जीवन होय समाधि मय ,है जीवन का सार 🙏🙏🙏👌👌👌
🙏👍👍🙏🙏👍👍🙏
बहोत बहोत धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏🙏 thank you very very much 🙏🙏🙏🙏🙏😶
समाधि और सहजता का पाठ पढ़ाया,🙏 और अपने जीवन में भी उसे अपनाया ,समाधि मय जीवन जीते हुए गुरुदेव की तत्व प्रभावना को देश विदेश में फैलाया😢और हम सबके बीच से चले गए 🙏😞उनका वियोग और उपकार कभी नहीं भूलेंगे😢
इस रचना से ही मेरा जीवन बहुत ही सहज हुआ 🙏🙏🙏
मेरा भी ! दादा की अदभुत रचना है
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❤❤❤❤p000000000⁰000000000000000000000000000000😊
Jai jinendra
EXCELLENT. WHAT LIFE SHOULDN'T MEAN TO US, YOU EXPLAINED , THE BEST POSSIBLE EASY WAY.
बहुत सुंदर रचना. समाधिका सार. आपके अविरत चलती ज्ञान धाराकी बहुत अनुमोदना और विनय. 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Adbhut krati
व्वाह व्वाह व्वाह !!!! अद्भुत अद्भुत अद्भुत 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
👏👏👏
🙏🙏🙏परम आदरणीय छोटे दादा युग पुरुष को कोटि कोटि नमन
आदरणीय श्री छोटे दादा की जीवन को निरभार करने की शक्ति प्रदान करती है।🙏🏻🙏🏻🙏🏻
अदभुत रचना....दादा की कलम से ही निकल सकती है
Bahut Sundar prastuti
छोटे दादा एक इतिहास पुरूष है । 85 वर्ष की उम्र में भी कलम नहीं रुकी है । अद्भुत !
ii8iiii8iiii8
बहुत ही सुंदर रचना है जिसे समझ मैं आ जाए उसका जीवन नेहाल हो जाए दादा को सादर प्रणाम
@@pritijain4655 1,
❤
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अपने में अपनापन करके समाधिमय जीवन जीना हीं हमें यह समझाता है!👌🏻
अनुपम रचना ,बहुत मधुर स्वर
सुनकर आकुलता शांत होती है ।
आकुल ह्र्दय को शांति मिलती है ।🙏🙏🙏
Ati ati ati sunder rachna h vah an and aa gaya thanks chote dada sadaa jivant raho
Ati ati sunder rachna hi .
Om Arham om shanti
Dada ko Sadar pranam.....bhut Sundar
सहज भाव से ही रहना है ,बहुत सुंदर रचना 👍👍🙏🙏
बहुत ही सुंदर 🙏❤
Bahot sunder 🙏🙏🥰🥰
🙏🏼🙏🏼🙏🏼
मेरा भी सौभाग्य है कि दादा ने अशोकनगर में पाठशाला में णमोकार मंत्र सिखाया है
મંગલ સમાધીમરણ
Sahaj swabhabhi bhagwan aatma ki jai ho jai ho 🙏😇
Jaijinendra Prabhu
बहुतसुंदर
Dadaji ko sadar pranam. We all are very very thankful to you.
प्रणाम प्रभु
जय जिनेंद्र गौरव जी बहुत ही अच्छी प्रस्तुति दी
रचना में समाधि का वास्तविक स्वरूप समझाया हैं ।इसे समझ कर अपनी पुरानी मान्यताओं को बदलने में आसानी होगी ।
🙏🏼🙏🏼🙏🏼👌👍
Sundar rachana hai aa.. Dada ko sadar pranam...
Soal feels peaceful life after listening this rachna😊
Jay jinendra👏👏👏👏👏
❤❤❤❤❤❤
Jaijinedr meramaname dhanmanekayheya aksr atadhapar dadajine sahajtabatalakarsahajjivanme smayktav batalaya sahj samadhi marn sikhaya sahajtase apni aor parki pehachan batae apneatamame rahaneki kala cikhaye apakahampr bhut upakar heyapakejanese. Hamara anmol rtan chalagaya ap hamareliye gandhrdhe apkisahajtaschi smadi marn sikhaya apko shat shat naman
Gwalior jai jinendra chote dada adbhut rachna
🙏🏻🙏🏻👌अद्भुत 👌🙏🏻🙏🏻 बहुत खूब 👌
Sabhi ko sadar Jai jindra
Bhut sunder 🙏
Paryay svabhav, dravya svabhav,akartapana,krambadhata etc.sab agaya hei.very nice.beauty axaras hei vo hei.jj.
By by
🙌🙌🙌👏👏👏
बहोत सुंदर रचना आदरणीय दादाजी इनको भावपुर्ण नमन 🙏
जय.हो.जय.हो.१०२.साल.बाद.मेरे.गुरु.देव. कुंथल.गिरी.पर. समाधिस्त.हो.गये.९००.दीन.साथ.थे.गुरु.११.विद्या.दिये.आज.भी.हम.साथ.होते.हैं. अथम.आत्मा.से.आत्मा.चिंतन.साधना.से.बात.होती.हैं.जाणो.या.न. मां नो.पर.ये.सत्य.हैं.जय.हो.