ना केवल बेटा बल्कि बेटी भी रोती है
जहां सारे जग झूठा निकाला
वहां बेटी अपनी मां के संग सुकून से सोती है।मां तेरी बेटी हर दिन तेरे साथ ही रहती है
अद्भुत सृजन भावों का✍️✍️👌👌
चंद अंश मेरी तरफ से-
मातृ प्रेम-
दुनियाँ जिसे निकम्मा निठल्ला गुहराती है
माँ उसको आज भी अपना लल्ला बुलाती है
शिवांग द्विवेदी✍️
अति सुन्दर प्रस्तुति सर ...मां का सुख मां का प्यार सबको नसीब नहीं होते ..hm जैसे कुछ दुर्भाग्य हीन होए है जो अपनी मां को दूसरे में दूढते है ।।। अदभुत सर ।।।
I don't have enough words to express how wonderful is this poem sir 😊
क्या बात है भैया बहुत सुंदर 💐
अमित उपाध्याय 😍
Hello Sandeep ji, I heard Rashmirathi in your voice. It was the best experience for me, and it's a really great effort of yours that we connect emotionally to it every time I listen to it. Keep it up sir.
I request you to please post a video of the great book "Mrutyunjay" written by Shivaji Sawant Sir. It will be very exciting to listen to this book in your voice. Please sir, make this happen... ✨
क्या लिखूं मैं मां के बारे में .......कि क्या लिखूं मैं मां के बारे में ।
जब मेरी मां ने ही लिखना सिखाया मुझे मेरे बारे में ।।
जन्नत तो नहीं देखी मैंने ,पर जन्नत का टुकड़ा मेरी मां देखी है मैंने ,
सारी दुनिया की दौलत में मेरी मां के चरणों में छोटी है।।🥰🥰🙏
Love you maa💖
अति सुंदर कविता है सर🙏
जितनी तारीफ करू उतना कम है 🙇♂️
I love this poem❤❤❤
बहुत उम्दा ❤
अति सुन्दर 🙏
Best poem ❤
चलती फिरती आंखों से अज़ां देखी है
मैंने जन्नत तो नहीं देखी पर मां देखी है ❤❤❤❤
आपकी यह सुन्दर कृति हमसे साझा करने के लिए बहुत बहुत आभार ||
Very beautiful.
Thank you so much sir
Tere hath ke ghere me mera bachpan rhta h.........man ko chu gyi hukum 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
माँ ❤ एक शब्द में संपूर्ण संसार 🌷🙏🏻
हम भी ऐसे ही कविता प्रकाशित करते हैं।
❤
मां 😊
Great ❤
😍😍😍😍
वाह कवि संदीप दुवेदी जी मदर्स डे की पूर्व संध्या पर माताओं को समर्पित बहुत ही सुंदर कविता ❤️😊👌👏🙏
Kya baat hai sir bahut hi sunder line....dil ko chu liya
Vaah sir vaah!!
Bahot hi Sundar Kavita 🙏🙏
Gou Mata ko rastra mata ka samman milana chahiye
💗🥰 माँ के बिना तो हम 0/ सन्नाटा है I
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤👏🙏
बहुत सुंदर कविता, हार्दिक आभार
बहुत खूब.. हृदयस्पर्शी
मां❤❤🙇♀️🙇♀️
Bhut sundar poem sir
शानदार👌 संदीप भैया 👏
अति-उत्तम ❤ प्रस्तुति 👍🏻
🙏🙏🙏
❤❤❤❤
🙏
❤❤❤❤❤❤❤
💓
माँ
माँ अभी तुम जाना नहीं
मैं बड़ा हुआ अब तक नही
दुनिया बहुत बड़ी है
देखा नहीं कुछ अब तक अभी
माँ तुमने दिखाया था कुछ कभी
पर बाकी बहुत है कुछ अभी
ज़रुरत है हम सबको तुम्हारी अभी
बाकी बहुत है देखना है माँ अभी
गर न हो तुम हमारे ज़िंदगी में कभी
यादें तुम्हारे कभी छोर हम पाएंगे कभी
ठेस पहुचायां अगर हमने कहीं कभी
माफ़ कर देना लायक था मैं भी कभी
आज भी जरूरत है मुझे अपने माँ की
पता नहीं कौन है जिसको ज़रुरत नहीं माँ की
क्या ज़रुरत है इस आडम्बर मदर's डे की
एक दिन बता दो ज़िंदगी में जब माँ न थी
हम तो बेशरम थे , हमारी रोजी रोटी थी
अमेरिका था , लंदन था , अफ्रीका भी थी
भूल गए हम जब हमारी माँ हे हमारी दुनिया थी
एक दिन बता दो ज़िन्दगी में जब माँ न थी
हैप्पी मदर डे
मनोज कुमार
मई २०२४
सर इस कविता की जितनी प्रसंशा करें उतना कम है लेकिन सर मै चाहता हूं कि जिस प्रकार आपने माँ पर कविता लिखा उसी प्रकार पिता पर भी एक कविता इतना ही सुंदर या इससे भी सुंदर लिखें क्योंकि मुझे लगता है हमें पिता के संघर्षो को भी नही भूलना चाहिए इसलिए सर आपसे निवेदन है कि कृपया एक कविता पिता के लिए जरूर लिखे | मै आशा करता हूं कि आप इस पोस्ट/ कॉमेंट पर जरूर ध्यान देंगे
{ आपका समर्थक }
धन्यवाद🙏
Nice
Ap ka chota bhai hu kya ap jante ho bhaiya hme
Sir mai bhi thoda bhut kavita likhti hu agar aap ki permission ho toh kya mai bheju aapko?
Didi main bhi kavita likhta hu aur main bhi sir se contact karke bhejn chahta hu
मातृ प्रेम से बढ़कर कुछ भी नहीं ❤❤ हमेशा की तरह अद्भुत प्रस्तुति !!!!❤