सावन बृहस्पतिवार में 108 गुना फल देने वाला - गजेंद्र मोक्ष - Gajendra Moksh - Vishnu Bhajan - Mantra

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  • čas přidán 22. 08. 2023
  • Spiritual Bhakti presents सावन बृहस्पतिवार में 108 गुना फल देने वाला - गजेंद्र मोक्ष - Gajendra Moksh - Vishnu Bhajan - Mantra - Sawan Mantra
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    Song - Gajendra Moksh
    Channel - Spiritual Bhakti
    Label - Ganga Cassette
    मन से है ऊँ नमन प्रभु को जिनसे यह जड चेतन बनता ।
    जो परमपुरुष जो आदि बीज, सर्वोपरि जिसकी ईश्वरता ॥२॥
    जिसमें, जिससे, जिसके द्वारा जग की सत्ता, जो स्वयं यही ।
    जो कारण-कार्य परे सबके, जो निजभू आज शरण्य वही ॥३॥
    अपने में ही अपनी माया से ही रचे हुए संसार ।
    को हो कभी प्रकट, अन्तर्हित, कभी देखता उभय प्रकार ॥
    जो अविद्धदृक साक्षी बन कर, जो परसे भी सदा परे ।
    है जो स्वयं प्रकाशक अपना, मेरी रक्षा आज करे ॥४॥
    लोक, लोकपालों का, इन सबके कारण का भी संहार ।
    कर देता संपूर्ण रूप से महाकाल का कठिन कुठार ॥
    अंधकार तब छा जाता है, एक गहन गंभीर अपार ।
    उसके पार चमकते जो विभु, वे में मुझको आज संभार ॥५॥
    देवता तथा ऋषि लोग नही जिनके स्वरूप को जान सके ।
    फिर कौन दूसरा जीव भला, जो उनको कभी बखान सके ॥
    जो करते नाना रूप धरे , लीला अनेक नटतुल्य रचा ।
    है दुर्गम जिनका चरितसिंधु , वे महापुरुष लें मुझे बचा ॥६॥
    जो साधु स्वाभवी , सर्व सुहृद वे मुनिगण भी सब सग छोड ।
    बस केवल मात्र आत्मा का सब भूतों से संबंध जोड ॥
    जिनके मंगलमय पद दर्शन की इच्छा से वन मे पालन ।
    करते अलोक व्रत का अखंड , वे ही हैं मेरे अवलम्बन ॥७॥
    जिसका होता है जन्म नही, केवल होता भ्रम से प्रतीत ।
    जो कर्म और गुण दोष तथा जो नाम रूप से है अतीत ॥
    रचनी होती जब सृष्टि किंतु, जब करना होता उसका लय ।
    तब अंगीकृत कर लेता है इन धर्मों को वह यथा समय ॥८॥
    उस परमेश्वर, उस परमब्रह्म, उस अमित शक्ति को नमस्कार ।
    जो अद्भुतकर्मा जो अरूप फिर भी लेता बहुरूप धार ॥९॥
    परमात्मा जो सबका साक्षी, उस आत्मदीप को नमस्कार ।
    जिसतक जाने में पथ में ही जाते वाणी मन चित्त हार ॥१०॥
    बन सतोगुणी सुनिवृत्तिमार्ग से पाते जिसको विद्वज्जन ।
    जो सुखस्वरूप निर्वाण जनित, जो मोक्षधामपति, उसे नमन ॥११॥
    जो शान्त, घोर, जडरूप प्रकट होते तीनों गुण धर्म धार ।
    उन सौम्य ज्ञान घन निर्विशेष को नमस्कार है, नमस्कार ॥१२॥
    सबके स्वामी, सबके साक्षी, क्षेत्रज्ञ ! तुझे है नमस्कार ।
    हे आत्ममूल हे मूल प्रकृति, हे पुरुष नमस्ते बार बार ॥१३॥
    इन्द्रिय विषयों का जो दृष्टा, इन्द्रियानुभव का जो कारन ।
    जो व्यक्त असत की छाया में, हे सदाभास ! है तुझे नमन ॥१४॥
    सबके कारण निष्कारण भी, हे विकृतिरहित सबके कारण ।
    तेरे चरणों में बारबार है नमस्कार मेरा अर्पण ॥
    सब श्रुतियों, शास्त्रों का सारे, जो केवल एक अगाध निलय ।
    उस मोक्षरूप को नमस्कार, जिसमें पाते सज्जन आश्रय ॥१५॥
    जो ज्ञानरूप से छिपा गुणों के बीच, काष्ठ में यथा अनल ।
    अभिव्यक्ति चाहता मन जिसका, जिस समय गुणों में हो हलचल ॥
    मैं नमस्कार करता उनको, जो स्वयं प्रकाशित हैं उनमें ।
    आत्मालोचन करके न रहे जो विधि निषेध के बंधन में ॥१६॥
    जो मेरे जैसे शरणागत जीवों का हरता है बंधन ।
    उस मुक्त अमित करुणा वाले, आलस्य रहित के लिये नमन ॥
    सब जीवों के मन के भीतर, जो हैं प्रतीत प्रत्यक्चेतन ।
    बन अन्तर्यामी, हे भगवन! हे अपरिछिन्न ! है तुझे नमन ॥१७॥
    जिसका मिलना है सहज नही, उन लोगों को जो सदा रमें ।
    लोगों में, धन में, मित्रों में, अपने में, पुत्रों में, घर में ॥
    जो निर्गुण, जिसका हृदय बीच जन अनासक्त करते चिन्तन ।
    हे ज्ञानरूप ! हे परमेश्वर ! हे भगवन ! मेरा तुझे नमन ॥१८॥
    जिनको विमोक्ष-धर्मार्थ काम की इच्छा वाले जन भज कर ।
    वांछित फल को पा लेते हैं; जो देते तथा अयाचित वर ॥
    भी अपने भजने वालों को, कर देते उनकी देह अमर ।
    लें वे ही आज उबार मुझे, इस संकट से करुणासागर ॥१९॥
    जिनके अनन्य जन धर्म, अर्थ या काम मोक्ष पुरुषार्थ-सकल ।
    की चाह नही रखते मन में, जिनकी बस, इतनी रुचि केवल ॥
    अत्यन्त विलक्षण श्री हरि के जो चरित परम मंगल सुन्दर ।
    आनन्द-सिंधु में मग्न रहें , गा गा कर उनको निसि-वासर ॥२०॥
    जो अविनाशी, जो सर्व व्याप्त. सबका स्वामी, सबके ऊपर ।
    अव्यक्त किन्तु अध्यात्म मार्ग के पथिकों को जो है गोचर ॥
    इन्द्रियातीत अति दूर सदृश जो सूक्ष्म तथा जो हैं अपार ।
    कर कर बखान मैं आज रहा, उस आदि पुरुष को ही पुकार ॥२१॥
    उत्पन्न वेद, ब्रह्मादि देव, ये लोक सकल , चर और अचर ।
    होते जिसकी बस, स्वल्प कला से नाना नाम रूप धरकर ॥२२॥
    ज्यों ज्वलित अग्नि से चिंगारी, ज्यों रवि से किरणें निकल निकल ।
    फिर लौट उन्ही में जाती हैं, गुण कृत प्रपंच उस भाँति सकल ॥
    मन बुद्दि सभी इन्द्रियों तथा सब विविध योनियों वाले तन ।
    का जिससे प्रकटन हो जिसमें, हो जाता है पुनरावर्त्तन ॥२३॥
    वह नही देव, वह असुर नही, वह नही मर्त्य वह क्लीब नही ।
    वह कारण अथवा कार्य नही, गुण, कर्म, पुरुष या जीव नही ॥
    सबका कर देने पर निषेध, जो कुछ रह जाता शेष, वही ।
    जो है अशेष हो प्रकट आज, हर ले मेरा सब क्लेश वही ॥२४॥
    कुछ चाह न जीवित रहने की जो तमसावृत बाहर-भीतर -
    ऐसे इस हाथी के तन को क्या भला करूंगा मैं रखकर ?
    इच्छा इतनी-बन्धन जिसका सुदृढ न काल से भी टूटे ।
    आत्मा की जिससे ज्योति ढँकी, अज्ञान वही मेरा छूटे ॥२५॥
    उस विश्व सृजक , अज, विश्व रूप, जग से बाहर जग-सूत्रधार ।
    विश्वात्मा, ब्रह्म, परमपद को, इस मोक्षार्थी का नमस्कार ॥२६॥
    निज कर्मजाल को, भक्ति योग से जला, योग परिशुद्ध हृदय ।
    में जिसे देखते योगीजन , योगेश्वर प्रति मैं नत सविनय ॥२७॥
    हो सकता सहन नही जिसकी त्रिगुणात्मक शक्ति का वेग प्रबल ।
    जो होता तथा प्रतीत धरे इन्द्रिय विषयों का रूप सकल ॥
    जो दुर्गम उन्हें मलिन विषयों में जो कि इन्द्रियों के उलझे ।
    शरणागत-पालक अमित शक्ति हे! बारंबार प्रणाम तुझे ॥२८॥
    अनभिज्ञ जीव जिसकी माय, कृत अहंकार द्वारा उपहत ।
    निज आत्मा से मैं उस दुरन्त महिमामय प्रभु के शरणागत ॥२९॥
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Komentáře • 183

  • @vjeetinfo-kv3pw.

    मै नवीन पटेल, ,श्री विष्णु जी महाराज, ,से निवेदन,,है जो भी मेरे पूर्वज ,,,जो,परेत ,,योनी मे है,,,जिनको मुक्ति नही मिली,,उंहे मुक्त करे,,,अपने शरण मे ले आप,,,ताकी वो हमारे साथ, ,,लक्ष्मी विष्णु जी के रूप मे ही मेरे साथ रहे,,,सत सत नमन,,श्री राधेराधे

  • @omkardasyadav9329
    @omkardasyadav9329 Před 21 dnem +1

    Aj ke dherti per dershan nahin hain kistug yuganter manu manawanter mein kaun sa kerm doshi tha bar bar fulawariya men kadam RAKHAWAKER prano peton jaano ki fulawariya katati nahin chahiye tha teeno prani Suman chaman aur mujhe bhookhmari pet jari aur abhaw ki maut se bachawo Malik bitiya Suman ka panigrahan sanskaar kra do prabhu

  • @kamleshjoshi5109

    ऊं विष्णु देवाय नमः।है प्रभु जो भी मेरे से जाने अंजाने में भूल हूई हो वो माफ़ करना व मेरे पिऋओ को सद्गति प्रदान करना।🙏🏻🌹🙏🏻

  • @Bhanwarkunwar-ur4bv

    वह थोड़ी सी गलती हो गई है मैं बोलने में मैं बाबर कौर सोलंकी नगमा की कवि हो पिया रे नगमा मेरा पिया रे और ससुराल मेरी शादी कराई है और मेरे सासू जी मेरे घर वाले मेरे बेटे की बहू पर मैं आपके चरणों में आए हैं तो किसी भी योनि में हो श्री हरि भगवान विष्णु दोनों हाथ जोड़कर मैं बोल रही हूं कि उनके कोई भी हो उनको मुक्ति दिया जाए मुक्ति दे देना प्रभु से मेरा एन

  • @shubhamtinna8524

    Jay Lakshmi Narayan Ji Kripa Karo

  • @ramgopalyadav7419
    @ramgopalyadav7419 Před dnem +4

    Jay Ho Vishnu Jay Ho Gajendra Moksh

  • @RaiRanjit-yr5ty

    हमारे पित्र देव को कृपा करो

  • @Kavita_Ostwal

    जय श्री लक्ष्मी नारायण भगवान को कोटी कोटी प्रणाम 🙏♥️🙏🙏🌹🙏🚩🙏

  • @ramgopalyadav7419
    @ramgopalyadav7419 Před dnem +3

    Vishnu bhagwan ki Jay Ho Jay Ho Gajendra Moksh

  • @manjusrivastava5518

    मै मंजू श्रीवास्तव प्रभु विष्णु भगवान से पार्थना करती हू जब भी मृत्युकी गोद मे जाऊ मै मोक्ष प्राप्त करू

  • @modernspace997
    @modernspace997 Před dnem +4

    Jai shree Krishna

  • @user-ks1no8li3p
    @user-ks1no8li3p Před 21 dnem +3

    Jai shree Narayan shreeman Narayan Hari Hari ji ki jai ho

  • @RekhaPandey-qn8oq
    @RekhaPandey-qn8oq Před 14 dny +6

    नमो भगवते वासुदेवाय नमः नमो भगवते वासुदेवाय नमः नमो भगवते वासुदेवाय नमः नमो भगवते वासुदेवाय नमः नमो भगवते वासुदेवाय नमः नमो भगवते वासुदेवाय नमः नमो भगवते वासुदेवाय नमः नमो भगवते वासुदेवाय नमः नमो भगवते वासुदेवाय नमः नमो भगवते वासुदेवाय नमः नमो भगवते वासुदेवाय नमः नमो भगवते वासुदेवाय नमः 🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉

  • @ramgopalyadav7419
    @ramgopalyadav7419 Před 14 dny +3

    Jay Ho Vishnu bhagwan ki Jay Ho Gajendra

  • @ramgopalyadav7419
    @ramgopalyadav7419 Před 3 hodinami

    Jay Ho Vishnu bhagwan ki Jay Jay Ho Vishnu bhagwan ki Jay Om Namo Namo bhagwate vasudevay Namah

  • @MukeshKumar-en5xo
    @MukeshKumar-en5xo Před dnem +3

    ⚘️⚘️⚘️⚘️ भगवान विष्णु नारायण हरि हरि को प्रणाम

  • @harhsitsharma6814
    @harhsitsharma6814 Před 21 dnem +3

    jai shree ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram

  • @ramgopalyadav7419
    @ramgopalyadav7419 Před dnem +2

    Jay Ho Vishnu Bhagwan ki Jay

  • @anitawaingankar6785
    @anitawaingankar6785 Před 14 dny +3

    ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः

  • @ramgopalyadav7419
    @ramgopalyadav7419 Před 14 dny +2

    Jay Ho Vishnu