Raag Ki Tasveer - Sarang Ki Dhoop - Afternoon Raag | Batiyan Daurawat | Dr. Ashwini Bhide Deshpande
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- čas přidán 20. 10. 2023
- 'बतियां दौरावत' के आज के आख्यान में हम दोपहर के सारंग के प्रकारों की तस्वीर खींचने की कोशिश करेंगे।वृंदावनी सारंग, शुद्ध सारंग, मधमाद सारंग, गौड सारंग.
वृन्दावनी सारंग दोपहर का, मध्याहन का राग है.. परंतु दिन के मध्यकाल की प्रखर धूप का अनुभव इस राग में नहीं मिलता। शायद यह मध्याह्न जाडे की रितु की है, जब दोपहर की धूप कुछ वांछनीय महसूस होती है। यह धूप नर्म, गुनगुनी है, प्रखर, दाहक नहीं है। दोपहर के भरपेट भोजन के बाद पान चबाता हुआ मानो यह राग गांव की बीचवाली गली के बरगद या पीपल के वृक्ष की छाँव में पाँव पसारकर बैठ गया है। आते-जाते पथिक, जाने पहचाने पास पडोसियों की खबर लेने वाला, उनके सुखदुख में शामिल होनेवाला, खुशमिजाज, अबोध, मासूम इन्सान।
जहां वृंदावनी सारंग की धूप नर्म, गुनगुनी और वांछनीय प्रतीत होती है, वहींपर राग शुद्ध सारंग में दोपहर की कड़ी धूप का अनुभव मिलता है। शायद यह राग गर्मी के महीनों की, बैसाख की झुलसाने वाली धूप का एहसास दिलाता है। शुष्क, रेगिस्तान वाली दोपहर में गर्म, धूलभरी हवा की लू चलने से बार बार प्यास बुझाने के लिए पानी पी पी कर जब भूख मर जाय, खाना अच्छा न लगे, ऐसी शरीर और मन की तलब, छटपटाहट और कभी न बुझनेवाली प्यास।
मधमाद सारंग मध्य दोपहर का अनुभव दिलानेवाला राग है। परंतु यह दोपहर ना तो जाड़े की है, और न हि ग्रीष्मकालीन .... गर्मी के मौसम के आखिर में जब आनेवाली बारिश की वजह से हवा में उमस भर जाय, तब की दोपहर। हवा बिलकुल नहीं चल रही, पेड के पत्ते तक नहीं हिल रहे है, पसीने की वजह से जैसे साँस तक थम रही हो, ऐसी बेबसी ! इस राग के स्वर हैं 'मेघ' राग के स्वरों से बिलकुल मेलजोल रखनेवाले... इसीलिए इस राग की भावस्थिती भी मेघ राग की भावस्थिती के निकटवर्ती
गौड सार राग है छोटे बच्चोंकी गर्मियों की छुट्टियोंवाली दोपहर का एहसास दिलानेवाला । बच्चोंकों जब सख़्त सूचना दी जा चुकी है, कि बाहरवाली कड़ी धूप में खेलने नहीं जाना है, छाँव में, बल्कि घर ही के अंदर खेलना है। परंतु घर में सब बड़े-बूढे दोपहर को सो रहे होते हैं, इसलिए बहुत शोर भी नहीं करना है। बच्चों को तो क्या धूप, क्या छाँव... आँगन में वे या तो पेडोंपर चढ़ेंगे, कच्चे आम, अमरूद या इमली खाएंगे, या फिर घरके बरामदे में बड़े से झूले पर मिल बैठ कर अंताक्षरी खेलेंगे, गाएंगे... ऐसा ही है गौड़- सारंग -- छोटी छोटी बातों का आनंद लूटनेवाला, लुत्फ़ उठानेवाला ... बच्चों का पसंदीदा - आइस्क्रीम नहीं बरफ का गोला !
Credits:
Written and Presented by : Dr. Ashwini Bhide Deshpande
Creative Ideation: Amol Mategaonkar
Sound Recording & Mixing: Amol Mategaonkar
video Recording, Color Grading: Kannan Reddy
Video Editing: Amol Mategaonkar
Special thanks: Raja Deshpande, Akanksha Mategaonkar
Location Courtesy: Meenal Mategaonkar, Amol Mategaonkar
Opening Title Photo Credit: Varsha Panwar - Hudba
क्या बात है! ये है भारतीय संगीत! प्रणाम!
प्रणाम
What an incredible imagination... We although miss those days now... ताश के पत्ते, Caram बोर्ड... घर के बडे, बजुर्ग so रहें है...जो दोपहर आपने कल्पना की है..... क्या बात... ताई... प्रणाम...
अश्विनी जी आपने जो रागोंके व्यक्तित्व का वर्णन किया है, लाजवाब है
So beautiful Tai 🙏🌷
Amazing 🙏🏻🙏🏻
🙏🙏🙏
❤❤❤❤ 🌹🌹🌹
🙏🙏💐💐
Aap jaise guru mil jaye zindagi safal Ho jaye 🙏🙏🙏
Kya kahe in raago ke baare me... sach me unki ek alag duniya hai... jiska anubhav har ek ko apni saadhna ya achhe se sunane se aata hai😊
Thank you for another beautiful episode with lovely compositions capturing the fragrant essence of three Saarang family ragas, and replete with stunning visual imagery to take the listener’s mind on an imaginary trip through the seasons! 🎉
Ajj sahi mayne me mujhe madyamadh sarang raag sikhne ko mila.bohat he sundar prastuti.ajj ke daur me ap jaise guru ki hum shishyoon ko bohat jada zaroorat hai.🙏🙏🙏
Respected Tai. You are a devi. Feels like we are learning with you in the temple. ❤
🙏🙏🙏🙏🙏
काय ओघवती भाषा आहे, सुरेख शब्दांकन आणि रागांचे सादरीकरण 🙏
आख्यान....ताई आपण हा शब्द निश्चित च जाणीव पूर्ण वापरला आहे... खरच खयाल गायकी चे किर्तन खूपच रसपूर्ण
❤❤❤❤❤
अहाहा....सारंग रागात पहुडलेली दुपार डोळयासमोर ऊभी राहिली आपल्या विवेचनातून आणी स्वरातून. सादर प्रणाम अश्विनीताई 🙏🙏🙏
खूप छान आमच्या सारख्या छोट्या गावातल्या लोकांना तुमच्या या vidio चा खुप फायदा होईल व नवीन पिढीत शास्त्रीय संगीताची आवड निर्माण होईल... धन्यवाद!!!
ताई प्रणाम ..आप की शिक्षा को ..बहुत ही खुबसूरत उज्वल तारिके से आप समझते हो या जैसे सारे राग dikhate हो ....बहुत पसंद आया ...राग से अंजlन ko भी समझ में आता है
Tai ko naman Sarang ka asli swad hame chakhane ke liye
Keval Apratim.bandish khupach sundar aahe
Superb Ma'am,you always satisfying our souls🙏🙏
We r indeed blessed to have Goddess Saraswati coming down to our level to impart these raags. Yet another wonderful session. 🙏
Thx just most pleasing and my favourate rag. God Bless you Pl continue giving us such splended perormance with your beautiful voice.
Thank you much ...🙏🎊 Aadaraniy Tai...💐😊
सदा के समान सुन्दर प्रस्तुति। मिज़ाज सही उच्चारण है, विवादी स्वर लगाने के लिए क्षमस्व 🙏
अमूर्त संगीताचे मूर्त रुप पहाण्यासाठी जे सांगितीक चक्षू आपल्याला देण्याचा प्रयत्न आदरणीय विदुषी अश्विनी ताईं करत आहेत त्यामुळे आनंद आणि समज दोन्हींमध्ये वाढ होते. खूपच छान विश्लेषण आणि प्रस्तुती!!
Channel चे नाव मात्र
दौरावत च्या ऐवजी दोहरावत असे लिहायला हवे होते असे वाटते!!
पण Shakespeare म्हणालात आहे , नावात काय आहे, ते मात्र खरे!!
हा channel दोहरा, तिहरा आणि multiple वेळा ऐकून आनंद देणारा आहे!!
Thank you Respected AshwiniTai!!
🙏
🙏🙏
Wah a different style of teaching 🎉🎉🎉gratitude Naman🎉🎉🎉
खुप खुप सुंदर👌👌🙏🙏
Very well explained, thank You very much!
We could continue listening and it will be bliss
बहोत खूब….बहोत खूब!!!🙏🏼🙏🏼
So beautiful
Loved your description and always love your voice
❤.....
wonderful indeed
अप्रतिम!🎉🎉
Bohot sundar tai❤
So good👍😊
सारंग रागाचं आणि त्याच्या उपप्रकारांचं अप्रतिम शब्दचित्र.....धन्यवाद!
मराठीत पण करा की प्लीज
Ashwini ji ki azeemu-sh-shaan gayaki ko to ek taraf rakhiye, dil chahta hai ke pehron kewal aapki baaten suni jaayen. Itni sundar bhasha ka upyog, aisi madhur tasveerkashi, aur phir ek ek swar ka antarik anubhav bataana, kitna suhaana hai ye sab kuchh.
Aap Sakshaat Bhagvati ka swaroop hain, ye hamaare dhan bhaag hain ke aapke ehed mein zinda hain aur apko dekh aur sun paa rahe hain.
Lots of love from Islamabad, Pakistan.
🙏
Thank you much ...🙏🎊 Aadaraniy Tai...💐😊
🙏