शनि राहु केतु - तीनों को करें एक साथ शांत - रत्न लाजवर्त से Power of Lapis Lazuli Gemstone in Hindi

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  • čas přidán 7. 09. 2024
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    ।। जय चक्रधारी ।।
    लीजिये आज फिर से प्रस्तुत है आपके समक्ष एक और खनीज रत्न - लाजवर्त ।
    फिर से जानिये के - क्यों आपके अखंडित भारत पर हरदम आक्रमण होता रहा है - क्युकी आपकी सभ्यता के समान धनवान देश कोई था ही नहीं - जहाँ पर प्रकर्ति पूरी प्रसन्नचित्त योग मुद्रा में बैठी हों - उससे ईर्ष्या कौन नहीं करेगा ??
    संसार का श्रेष्ठ लाजवर्त पत्थर भी - अखंडित भारत में - हिन्दू कुश पर्वत के समीप निकलता था, जो आज भी वही हैं - वर्तमान के वह अफ़ग़ानिस्तान में पड़ता है ।
    रत्न लाजवर्त के उपयोग के साक्ष्य वैज्ञानिक खोज अनुसार - १२००० वर्ष पहले तक प्राप्त होते हैं ।
    राजा बलि के केशो से उत्पन्न यह रत्न वास्तव में - कई रत्नो का मिश्रण है ।
    यहाँ तक की इस रत्न में - स्वर्ण भी मिश्रित है ।
    केवल ग्रहदशाओ का ही नहीं वरन यह स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी अत्यंत लाभदायक साबित होता है ।
    शनि, राहु, केतु के दुष्प्रभाव तो समाप्त करता ही है - यह आपके किडनी के रोग भी शांत करता है, मस्से नहीं होने देता, हृदय पुष्ट करता है, रक्त बढ़ाता है, बवासीर पर भी कारगर है ।
    दूसरी बात - इस प्रकार के रत्न काम भी उसी अवस्था में करते हैं - जब आयुर्वेदिक पद्यति अनुसार शोधित हों ।
    एवं कहना ही क्या यदि आप - नारायण मन्त्रों से इसमें और ऊर्जा भर देवें - क्युकी इसमें गुरुत्व - स्वर्ण विराजित हैं ।
    बस शर्त यही है - के पत्थर बिना कोई ट्रीटमेंट के हो, बिना रंग रोगन किया हो, और असली भी हो ।
    आनन्द लीजिये ऐसी सभ्यता में जन्म लेने का - जिसको अध्यन्न कर करके - रेडियो अविष्कारक - निकोला टेस्ला वैज्ञानिक बने, कार्ल सगण - खगोलीय वैज्ञानिक बने, नेल्स हेनरिक - क्वांटम थ्योरी के अविष्कारक बने, रोबर्ट ओप्पेन्हेइमेर - ने तो महाभारत पढ़ कर atom bomb की खोज कर डाली ।
    और आज के भारतीय - इस सभ्यता का अध्यन्न ना करके - स्वयं बैठी हुई डाली को काट रहे हैं ।
    जब तक यह मूर्खता बंद नहीं होगी - आपका देश आगे नहीं बढ़ सकता ।
    ।। ॐ का झंडा ऊँचा रहे ।।

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