मलूक पीठाधीश्वर श्री राजेंद्रदासजी महाराज द्वारा श्री छोटे सरकार जी के बारे में दिव्य प्रसंग
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- čas přidán 5. 09. 2024
- जय श्री दादाजी की
मलूक पीठाधीश्वर श्री राजेंद्रदासजी महाराज, परमपूज्य श्री गुरुमहाराज श्री छोटे सरकार जी के बारे में दिव्य प्रसंग का वर्णन करते हुए।
शद्गुरु चरण कम्लेभ्यो नमः जय श्री दादाजी की
JAi Shree Dada Ji KI
Jay shree dada ji ki
Jay Gurudev. Dandvat parnam.
जय श्री राम
जय श्री दादाजी की..
दादाजी रूप श्री गुरूवर के चरणों में दंडवत नमन|
भज लो दादाजी का नाम .............भज लो हरिहर जी का नाम ........
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जेय गुरु महाराज आप की सदा ही जेय हो 🙏🌷
🙏🌹🌺 Jai shri dadaji ki 🌹🌺🙏
Jai Shri Dadaji ki🙏
Jai shree dada ji ki🚩 🙏🚩🕉🕉🕉🕉🕉🕉👏👏👏👏👏👏
Jay shree dadaji ki..
Jai shree dadaji
भजलो दादाजी का नाम भजलो हरिहरजी का नाम
भजलो दादाजी का नाम भजलो हरिहरजी का नाम
Jai Jai Shri Dadaji Maharajji Ki 🌹🙏🚩🌹🙏🚩🌹🙏🚩🌹🙏🚩🌹🙏🚩
जय श्री दादाजी
🙏🙏Jai ho chote sarkar ji ki 🙏🙏
जयश्री दादाजी की 🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹
🙏Jai Shri Dada Ji Ki 🙏
जय श्री दादा जी की❤️💕
🙏जय श्री दादाजी की🙏
गुरुदेव मेरा अपाइमेनट छीपानेर के पास गाव मे हुआ था|मे बरषा ॠतु मे शाला मे ही रहने लगा|गाव के लोगो ने कहा शाला के पास एक भूत रहता है|जो मंदिर का पुजारी था|गाव के लोग दादाजी के भक्त थे|और छीपानेर जाते रहते थे|खंडवा भी जाते थे|मे डरा नही पर रोज गीता गायत्री जाप पाठ करता|कभी कभी विष्णु शाहसत्र नाम भी करता था|कोई वयकति सपने मे बात करता शाशत्रो मंत्रो की|फिर उसने परिचय दिया मे पुजारी हू|मेरे दत्तक पुत्र के यहा2पुत्र होगे|तु कहदेना|पुजारी के यहा बहन जी को डिलेवरी थी|मैने कह दिया|उसके यहा2पुत्र हुए पहले एक बाद मे2वर्ष वाद|पटेल के यहा मोरत हुआ उसमे पानी बहुत निकलेगा वह बात भी सच निकली|पर वह मुझे रात रात भर सोने नही देता था|एक बार सफेद घोडे पर पीर दिखाया और उसे ललकारा मुझे कहा इसको मुह न लगा|शाला मे मत सो|दो दिन वाद वह पुजारी फिर आया|मे टेबल पर बैठ बात कर रहा धा|उसका माथा बडा और छत से लग गया|और25फीट के बरामदे मे पैर खिडकी से लग गये|गुठने|उसने कहा मेरे गुठने अड रहे है|मैने कहा बाहर खिडकी से निकालदे और मे तुझे समझ गया तु तो पेत भूत है|और अब मेरे पास नही आना तो गरदन दवाने लगा|तभी खंडवा वाले दादाजी आये हाथ मे दंणडा था|उसे दो चार दणडे मारे और गाली दी|अब इसके पास नही आना कहा पीली पोसाक झबला पहने थे|मैने चरणों मे नमन किया|मुझे जानता है|मै बोला हा दादाजी पर पिली पितमबरी ओडे मेरा सतान छीपानेर अबलीधाट पर भी है आना|रेवा जाया कर जल रख कर हवन सुनदरकाणड का पाठ कर मुझे याद कर लेना अब ये नही आयेगा|तब चेत के नोरते मे अष्टमी को मे छीपानेर गया गाव के50लोग गये थे|नोरते थे|वह8दिन मे पुरे हो जाते है|रोट भंडारा पर मैने9दिन न होने के कारण रोट भंडारा नही जीमा|सभी लोग कहने लगे सर यहा अष्टमी को ही यज्ञ के बाद समापन हो जाता है|मे नही माना|सब कहने लगे तो मे पैडी उतरकर निगह से बचने के लिए रेवा की पेडी पर बैठ गया|और बीडी निकाली और एक ही कश मे साफ करदी|दुसरी निकाली इतने मे एक कनया आई और बीडी छुडाकर फैक दी|भयंकर भुख लगने लगी|लडकी ने कहा भुख लग रही है|हा तो मेरे पीछे आ जाऔ|भंडारे मे ले गयी|मे आज्ञा पालन करने लगा|एक रोट चटनी दाल दी|फिर एक और फिर एक और फिर एक और4चार रोट डकार आ गयी|दोने पत्तल लेगये लोग|वही पंगत मे बैठा रहा|लोग कहते रहे गुरूजी पॗसादी रोट ले लेते|मे कहते रहा अभी तो लिया और पुरे चार रोट लिए है|अरे क्या4चार रोट अकेले ही खा सकते हो किया|तभी आवाज आई मेरा बचपन के नाम से पुकारा ले अठठननी ले छीपानेर वाले दादाजी जो गाव आते थे संदलपुर सामने घर कुण्डल साहब के यहा धुप के लिऐ हमारे आगन मे ही बैठते थे|मे बडा फोटो देखा आसुऔ की धारा बहने लगी|खुब रोया|सत्य है दादाजी भगवन है दादाजी|
Jai shree Dadaji ki
Jai Shri Dada Ji ki 🙏🙏🙏
Jay Shri dada ji ki
Jay shri dada ji ki 🙏🙏🌹🌹
Jai shree dadaji ki
Jai shree dadaji ki
Jai.Dadaji...🪔🪔🪔🪔🪔
Jai shree dadaji ki
Jai shree dada ji ki
Jai shree dadaji ki
Jai shri dada ji ki
Jai Shri Dadaji ki
Jai Shri dada ji ki 🙏
Jai Shri Dadaji ki 🙏
Jai shree dadaji ki 🙏
Jai shree dadaji ki 🇮🇳🇮🇳