me chamar ho bachpan me 9 varsh ki ayu me advaito aur vaishnvo ke gurukul gya tha ved ki shiksha sikhne unhone jaati dekh kar mana kia ab me 25 varsh ka ho arya samaj se ved shiksha leta hoo
@@saurabhchauhan8910 bhai advaiti(shankrachrya wale) dwaiti (vaishnav) yeh sb aj b jaati mante he yeh bolte shudr ved nahi pd skta janeyo nahi pehn skta aur na hi stri
@@harsh312harshh shi kha bhai Mai bhi Rajput hu pahle mai bhi jatiwad manta Tha but jb se aryasamaj ko follow karna chalu Kiya h. ab mujhe apna Pura name batane me Sharm ati h.only Hindu
@@harsh312harshhBhai ye sharankaracharya , Advaiti or jitne Brahman hai ye sbhi apna alag hi system bnake rakhe hi veda padne ka adhikar kewal Jatiwadi Brahmanon ko h or kisi ko nhi Isliye mujhe sbse Best Arya samaj hi lgta h jhn sbhi ko veda padne ka or jnau dharan karne ka adhikar hai .
ये बात सत्य हैं गाँव में अभी भी बहुत भेदभाव है, शास्त्र का कोई लेना देना नही है गाँव में, अपने यहाँ तो पण्डे खूब शराब माँस खाते हैं, खूब पाखण्ड करते है, और शेहरों में सविधान की दुहाई देने वाले झूठे कैसे में gen को फंसाते है, धर्म शास्त्र कोई नही पढ़ता,
शास्त्र जितने भी ऊंचे हों किंतु समाज बहुत ही नीचता पर जी रहा है।जहां मानव मानव को मानव न समझे उससे बुरा क्या होगा। हम सुधर नहीं रहे हैं। मेरा व्यक्तिगत मानना है कि सभी को धर्म में कुछ ऐसा मिले जिससे जन जन धर्म, परमात्मा आदि से जुड़ा रहे। किंतु ऐसा कुछ देखने को नहीं मिलता है। वहां जो भी है वहां कर्म या गुण से संस्थागत रूप से मौलवी, इमाम आदि बनने कि कोई व्यवस्था है। जिसे समाज स्वीकार भी करता है। यहां तो जाति देखकर कार्य होता है। समाज ही जाति को मानता है। उसमें भी कई धर्मगुरु मिल जायेंगे। उन लोगों को ऊंगली मत उठाओ जिन्हें मंदिर कभी प्रवेश नहीं मिलता था पहले के समय में, न ही कोई पुजारी/ब्राह्मण उनके यहां शादी विवाह के लिए भी मंत्र पढ़ने आते थे। सोंचों कैसी स्थिति थी। उन्हें जो पता था किसी तरह परंपरा के नाम पर सिंदूर लगा कर शादी कर लेते थे। बहुतों की दूसरी, तीसरी या पहली पीढ़ी की शादी विवाह वैदिक मंत्रों से हुई है। किसी भी जाति का ईसाई है उसे prayer बताया जाता है पादरी के द्वारा एक दैनिक दिनचर्या है इसे कोई पालन करे न करे यह व्यक्ति विशेष पर निर्भर है। मेरे गांव जितने भी ईसाई हैं उनमें बहुत से कि intercaste marriage होती रहती है।मुस्लिम जितने हैं उन्हें कलमा आता है याद है,नमाज 5 वक्त की कैसी पढ़नी है यह ज्ञात है सब मौलवी सिखाते हैं।इन सबकी साप्ताहिक/दैनिक class चलती है। बड़े बुजुर्ग जो गैर ब्राह्मण हिंदू थे उसमें से जिनको शुद्र जाति समझा जाता है उनको एक भी मंत्र नहीं आता था। अधिकतर हिंदुओं ने आज के दौर टीवी, कथा, प्रवचन से सीखा है। जिन्हें अछूत घोषित किया गया था उनके यहां तो पूजा नहीं करवाते थे। न ही उनका होता था। और आज भी उन्हें लोग नीच बोलते हैं। अपमान की व्यथा बहुत ही कष्ट दाई होती है। लोग अपने घर में मिल रहे भाइयों से अपमान ही नहीं सह पाते और घर छोड़ देते हैं। तो यहां तो समाज उसे मनुष्य ही नहीं समझ रहा। एक प्रकार से समाज का वंचित शोषित जातियां भी हमारे भाई हैं, अपने भाइयों से कलह और क्लेश किए हैं तो महाभारत तो होगा ही। अभी भी समय है , भाई भाई में प्रेम हो जाए तो रामायण हो जायेगा।
गुरु देव आपके चरणों में सत सत नमन आप जैसे लोग ही सच्चे हिन्दू हो , हमे लगता है गुरुदेव जातिवाद वही कर सकता है जो शिर्फ मन लिया है की वह हिंदू है और उन मूर्खो के कारण हमारा हिन्दू धर्म बदनाम हो रहा है
@@oneatulin सच में, जाती प्रमाणपत्र नहीं सेपरेट दलित्स्थान बनाना चाहिए अब, और सब दलित मुस्लिम या इसाई बनना चाहिए...कश्यप गोत्र के देवरुखे कोकणस्थ चित्पावन बामन आंबेडकर का बुद्धिज़्म झूठ है, एक भुलावा है...ओके
@@ianwright2848 तुम लोग कुछ बना पाओ या खुद कुछ बन पाओ तो मुझे बड़ी खुशी होगी। किसने रोका है? लेकिन याद रखो कि चालाकी से बैक डोर से किसी सिस्टम पर कब्जा करने में और खुलेआम देश बनाने में बहुत अंतर होता है।
@@oneatulin आप के कमेंट के लिए धन्यवाद...आंबेडकर ने झूठ बोलकर दलित लोग को एक्सप्लॉइट किया है... दलित को बामन आंबेडकर और झूठे बुद्ध का भुलावा समझ गया है...... हम सब दलित भाई लोग को गन देंगे, फिर देखते है कैसा दलित पे अत्याचार होता है, दलित की संख्या इंडिया में २३ % है...तो इस २३ % जमीन पर हम अपना अलग से दलित स्थान बनायेंगे.....सब दलित इसाई बनेंगे और अपना अलग से दलित स्थान बनायेंगे...तुम लोग को जो करना है कर लो...खुल्ली चुनौती है, तूम राक्षश ब्रह्मा के पुजारी बामन लोग को, कर्मा/पुनर्जन्म का झूठ फैला कर उच्च नीच करते हो, असमानता को श्रेष्ठ बताते हो . क्या ब्लड बैंक में उची जात या नीच जात का खून का पैकेट देखा है? श्रेष्ठ कनिष्ठ ब्लड का पैकेट देखा है?एक ही जाती है, मनुष्य जाती ...जय दलित स्थान जय खुनी क्रान्ति...घर में घुस घुस के मारेंगे एक एक को
समय अमूल्य है इसे सोच समझ कर खर्च करना चाहिए। यदि कार्य प्राथमिकता से न किये जाए तो जीवन के परम लक्ष्य से दूर ही रह जायेंगे।आपको दिखाई देता है तो वह दिखेगा।
@user-iq2er2vl4f भाई में युवा हूं। मैने अपने जीवन में बड़े होते हुए और अपने परिवार में वर्ण के बारे में बात करते हुए कभी किसी को नहीं देखा। वर्ण की बात पहली बार १२ वी के इंजीनियरिंग की परिक्षा पत्र भरते हुए आयी। जब हमें पता चला कि हमारे कुछ मित्र या जानने वाले लड़के sc से ताल्लुक रखते है। फिर जब कॉलेज में पहुचे तब और। १८ वर्श की आयु तक हम इस बात से अबोध ही थे। यदि एक आचार्य स्वयं बोल रहे है तो आज भी होता होगा। शर्मनाक बात है।
ओउम् नमस्ते आचार्य जी, महाराष्ट्र बोईसर नवापूर, जाती का कागज दिखाकर जब नौकरी मांगते है,तो दुसरे जाती के प्रति क्या भाव रखते है, मतलब कुछ तो गडबड है, ईश्वर ने दोही जाती बनाई, स्त्री और पुरुष.
🙏🙏🙏🙏सन्यासधर्म संहिता🙏🙏🙏🙏 "जन्मना जायते शूद्रः संस्काराद्दिज उच्यते । वेदाभ्यासाद्भवेद्विप्रो ब्रह्मज्ञानाच्च ब्राह्मणः ।।" इति स्मृतेः ।। तस्यापि लक्षणमुक्त भारते । "न यस्य जन्मकर्मभ्यां न वर्णाश्रमजातिभिः । सज्जतेऽस्मिन्नहंभावस्तं देवा ब्राह्मणं विदुः ।।" 🙌🙌🙌🙌🙌🙌🙌 जन्म से शूद्र होता है संस्कार कर्म अनुष्ठान द्वारा दिज कहा जाता है। वेदों के अभ्यास से वह एक विप्र बन जाता है और परम सत्य के ज्ञान से वह एक ब्राह्मण बन जाता है। यही स्मृति है. उसकी भी विशेषताएँ भरत में वर्णित हैं। "जिसका अहंकार जन्म, कर्म, जाति या जाति से जुड़ा नहीं है, उसे देवता ब्राह्मण के रूप में जानते हैं।
jaati kiski jab vedo or upanishad mei sharir hi mithya hai toh phir shari ki jaat bhi mithya bahut hi saral tarike se samjhaya gya hai par mei kitna bhi padh lu mei samaj ke liye chamar hi hu.....
Chahe koi jitna bhi mana kre jaatiwaad aaj bhi bahut hai... log insaan ko insaan nhi samjhte..........hame ek hone k liye ye caste system miana hoga.....
Kaise jab Tak log caste certificate banate rahenge ise caste khatam hoga is desh me sabse jada pidit obc hai me sc st act ko bhoga hu me janta hu sc st pidit tha hi nahi
@@exneobudhist agr politics partiya vote k liye caste card khelna ban kr de or log jaatibaad chhod de.... jo vedo ka gyata ho wahi pandit ho. Chahe wo kisi bhi jaat ka ho. Shiksha se jaati baad mitao. Apne baccho k andar jattibaad ka keeda na dalo.
ये सब एक नकारात्मक सोच का विषय है जो अपने आप को ऊंचा और दूसरे को नीचा दिखाने मे लगे है जिनकी यह सोच है वह ना तो ज्ञानी है और नाही सनातनी है अगर घर में एकता नही तो उस घर की नीव कच्ची होती हैं और जीस देस में एकता नही होती उस देस की नीम कच्ची होती हैं हमे बनाने वाला एक है तो हम अलग कसे होसकते हैं हम एक है और एक रहे गऐ जय श्री कृष्णा
जब जातिवाद स्वयं के साथ तभी इसकी पीड़ा समझ आती है, मैं ब्राह्मण समाज से नहीं आता परंतु एक ब्राह्मण लड़की के साथ पिछले 6 वर्ष से संबंध में था, ब्राह्मण ना होने के कारण मेरे विवाह प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया... और इसमें केवल उसके माता-पिता ही नहीं उनका पूरा समाज साथ था...एक और तो समानता की बात करते हैं और सभी को हिंदू मानते हैं और पीछे इतना ज्यादा भेदभाव... इस घटना के बाद मुझे लगता है समाज के सबसे बड़े दुश्मन मनुवादी और ब्राह्मणवादी है, मैं जल्दी ही इस पाखंड धर्म को छोड़ने का विचार कर रहा हूं
सही है भाई में ब्राह्मण हूं मुझे तो पहले ही बोल दिया है की अगर प्रेम विवाह करना है तो लड़की ब्राह्मण ही होनी चाइए, दूसरी जात के लड़की नही चलेगी इसलिए में तो प्रेम विवाह करूंगा ही नही ।😢😢
guru ji shudro ka nahi.... gareebo ka, dabe kuchle logo ks shoshan hota hai.... jo aage badne ki kosis nahi karte ....jinka iswar par tanik bhi bharosa nahi unka shishan hota hai.... Chahe weh koi bhi ho
Sudr sc st act laga kar obc ka farzi soshan karte hai aaj hi ki news hai ek jatav ne ek parjapati samaj ka rape karke mar Diya aur uske parivar per sc st act laga diya 😢😢😢😢😢
Mahoday Aaj Aapki Jeebh Bhi Constitution ki Badolat Control main hai🙏Kyoki Baba Sahab ka Statue k Samne Bethke Koi Unke Naam se Ghanta Bajake,Tilak Lagake bheek nahi Mangte hai
मैं जन्म जाति से पंडित हूं लेकिन हमारे पिताजी ने हमे हमेशा बताया है कि सब भगवान के जीव है जो साफ सुथरा रहे उसके साथ खाना खाओ बैठो सविधान हमेशा जन्म के आधार पर जाति का ठप्पा जिंदगी भर उसके माथे पर लगाकर रखता है मगर सनातन संस्कृति के हिसाब से Bharaman परशुराम जी अन्याय के खिलाफ़ लड़े तो वो क्षत्रिय कहलाए
Samvidhan jaatiwaad ka thappa lagata hai lekin positive discrimination ke liye na ki brahmano ke dwara negative discrimination ke kiye sawal hai ki jaati samaj mei maujud hi kyu hai
Main to yh kah rha hu Yh jati uheech neeche bakwas khatam kyu nhi ho rhi .... Log kahte h hamre sastro mai jaati janam se nhi h. Lekin log to apni jaati janam se leke chalte h....log upper caste k log dono side kaise rhe lete h... Aur apne aap ko neeche maana ucchaa manna yh kaha ka science h .... Insaan insaan kyu nhi Maan rha h ..... Yh soch galat chalti aa rhi. Bus
ये समझने की जरूरत है कि कोई भी धर्म, रिलिजन या कोई भी शास्त्र/ग्रंथ या कोई भी व्यवस्था किसी समाज में अच्छे के लिए बनाई जाती है लेकिन समय के साथ उसका दुरुपयोग होता ही होता है क्योंकि मनुष्य की प्रवृत्ति ही ऐसी है, की वो अपने से कमजोर को हमेशा दबाना चाहते हैं, चाहे वो जाति भेदभाव के नाम पर हो या लिंग भेदभाव के नाम पर हो, परिवार में ही देख सकते हैं कि एक भाई दूसरे कमजोर भाई का शोषण करता है, अब यहां कोनसा भेदभाव है आप लोग खुद ही अंदाजा लगा सकते हो
हमारे में भी बहुत गलत चीजें घुस गईं हैं। वहां जो भी है वहां कर्म या गुण से संस्थागत रूप से मौलवी, इमाम आदि बनने कि कोई व्यवस्था है। जिसे समाज स्वीकार भी करता है। यहां तो जाति देखकर कार्य होता है। समाज ही जाति को मानता है। उसमें भी कई धर्मगुरु मिल जायेंगे। उन लोगों को ऊंगली मत उठाओ जिन्हें मंदिर कभी प्रवेश नहीं मिलता था पहले के समय में, न ही कोई पुजारी/ब्राह्मण उनके यहां शादी विवाह के लिए भी मंत्र पढ़ने आते थे। सोंचों कैसी स्थिति थी। उन्हें जो पता था किसी तरह परंपरा के नाम पर सिंदूर लगा कर शादी कर लेते थे। बहुतों की दूसरी, तीसरी या पहली पीढ़ी की शादी विवाह वैदिक मंत्रों से हुई है। किसी भी जाति का ईसाई है उसे prayer बताया जाता है पादरी के द्वारा एक दैनिक दिनचर्या है इसे कोई पालन करे न करे यह व्यक्ति विशेष पर निर्भर है। मेरे गांव जितने भी ईसाई हैं उनमें बहुत से कि intercaste marriage होती रहती है।मुस्लिम जितने हैं उन्हें कलमा आता है याद है,नमाज 5 वक्त की कैसी पढ़नी है यह ज्ञात है सब मौलवी सिखाते हैं।इन सबकी साप्ताहिक/दैनिक class चलती है। बड़े बुजुर्ग जो गैर ब्राह्मण हिंदू थे उसमें से जिनको शुद्र जाति समझा जाता है उनको एक भी मंत्र नहीं आता था। अधिकतर हिंदुओं ने आज के दौर टीवी, कथा, प्रवचन से सीखा है। जिन्हें अछूत घोषित किया गया था उनके यहां तो पूजा नहीं करवाते थे। न ही उनका होता था। और आज भी उन्हें लोग नीच बोलते हैं। अपमान की व्यथा बहुत ही कष्ट दाई होती है। लोग अपने घर में मिल रहे भाइयों से अपमान ही नहीं सह पाते और घर छोड़ देते हैं। तो यहां तो समाज उसे मनुष्य ही नहीं समझ रहा। एक प्रकार से समाज का वंचित शोषित जातियां भी हमारे भाई हैं, अपने भाइयों से कलह और क्लेश किए हैं तो महाभारत तो होगा ही। अभी भी समय है , भाई भाई में प्रेम हो जाए तो रामायण हो जायेगा। @@RohanYadavHinduKafirमुशरिक
भाई जब भाजपा को कहते है विकास नही कर रही हे तो लोग कहते है राम मंदिर तो बना रही है। जब दलित कहते है मंदिर से नौकरी मिलेगी। सरकार का काम है देश का विकास करना ना कि मंदिर बनवान। रही बात अम्बेडकर की मूर्ति की वो भी गलत है लेकिन उसे सरकार विकास के नाम पर नही बन वारही है।
Bahut rare hai sc st ka drupyog. samajik rup se bhedbhaw nahi mita hai aaj bhi sc st ka hi daman kiya jata hai samaj hi aisa hai maine double graduation kiya bhagwad gita padha or bhi shashtra ki pushtak padhta hu par mei samaj ke liye dom chamar hi hu......
Aaj Samaaj main Jo kuch sudhar hua bo Sirf Constitution ki wajah se hua hai,Ek Ek Brahmanical Texts main Jaatibaad,Inequality,Mysogyny,Untouchability koot koot k bhari hai Mahoday,Jab Tak Enko Dynamite se nahi udayege Society main tezi se parivartan sabhav nahi,Baise Aaj to RSS ka Aadmi Khud Mythological Ram ka Manusmriti Rajya Chahta hai Jo Hedgebar Golwalkar ki Bunch of thoughts of adharit hoga🥺Aaj Sirf Human with science,The realist Azad,Science is Dope,Vimoh Live,Himanshu ka Lecture Jaise Log hi Vastvik Samaaj sudhark hai Jo Brahmanical texts ko kholke Enme Likhi Gandgee ko Dikhate hai🥺
जिन भगवान राम ने शबरी को मोक्ष दिया , निषाद राज को परम मित्र बनाया और केवट को तार दिया उनके भक्त अपने भाइयों से जातिवाद करके भगवान राम से द्रोह कर रहे हैं।
आचार्य जी पहली बार किसी ने खुल कर इतना सत्य बोला है जातिवाद पर.. जय श्री राम 🚩
सादर नमस्ते अचार्य जी इसीलिए जातिवाद छोड़कर आर्य समाज का चैन किया एक ईस्वर कोई अंधबिस्वास नहीं जय महर्षि दयानन्द सरस्वती
me chamar ho bachpan me 9 varsh ki ayu me advaito aur vaishnvo ke gurukul gya tha ved ki shiksha sikhne unhone jaati dekh kar mana kia ab me 25 varsh ka ho arya samaj se ved shiksha leta hoo
Shi h bhai agr bramhno ne ved pdha Hota to jatiwad Hota hi nhi
@@saurabhchauhan8910 bhai advaiti(shankrachrya wale) dwaiti (vaishnav) yeh sb aj b jaati mante he yeh bolte shudr ved nahi pd skta janeyo nahi pehn skta aur na hi stri
@@harsh312harshh shi kha bhai Mai bhi Rajput hu pahle mai bhi jatiwad manta Tha but jb se aryasamaj ko follow karna chalu Kiya h. ab mujhe apna Pura name batane me Sharm ati h.only Hindu
@@saurabhchauhan8910 jay shri ram😇😇
@@harsh312harshhBhai ye sharankaracharya , Advaiti or jitne Brahman hai ye sbhi apna alag hi system bnake rakhe hi veda padne ka adhikar kewal Jatiwadi Brahmanon ko h or kisi ko nhi Isliye mujhe sbse Best Arya samaj hi lgta h jhn sbhi ko veda padne ka or jnau dharan karne ka adhikar hai .
बिल्कुल सही मनुस्मृति में कहीं नहीं लिखा हुआ है की शुद्र को प्रताड़ित करो
आपका कथन कटु सत्य है पर समझने की कोशिश की जाए तो मीठा,सरल,सहज है
आचार्य जी आपको बहुत-बहुत धन्यवाद
आचार्य जी के चरणों में शिष्य का प्रणाम स्वीकार हो ❤❤❤
ये बात सत्य हैं गाँव में अभी भी बहुत भेदभाव है, शास्त्र का कोई लेना देना नही है गाँव में,
अपने यहाँ तो पण्डे खूब शराब माँस खाते हैं,
खूब पाखण्ड करते है,
और शेहरों में सविधान की दुहाई देने वाले झूठे कैसे में gen को फंसाते है,
धर्म शास्त्र कोई नही पढ़ता,
शास्त्र जितने भी ऊंचे हों किंतु समाज बहुत ही नीचता पर जी रहा है।जहां मानव मानव को मानव न समझे उससे बुरा क्या होगा। हम सुधर नहीं रहे हैं। मेरा व्यक्तिगत मानना है कि सभी को धर्म में कुछ ऐसा मिले जिससे जन जन धर्म, परमात्मा आदि से जुड़ा रहे। किंतु ऐसा कुछ देखने को नहीं मिलता है।
वहां जो भी है वहां कर्म या गुण से संस्थागत रूप से मौलवी, इमाम आदि बनने कि कोई व्यवस्था है। जिसे समाज स्वीकार भी करता है। यहां तो जाति देखकर कार्य होता है। समाज ही जाति को मानता है। उसमें भी कई धर्मगुरु मिल जायेंगे। उन लोगों को ऊंगली मत उठाओ जिन्हें मंदिर कभी प्रवेश नहीं मिलता था पहले के समय में, न ही कोई पुजारी/ब्राह्मण उनके यहां शादी विवाह के लिए भी मंत्र पढ़ने आते थे। सोंचों कैसी स्थिति थी। उन्हें जो पता था किसी तरह परंपरा के नाम पर सिंदूर लगा कर शादी कर लेते थे। बहुतों की दूसरी, तीसरी या पहली पीढ़ी की शादी विवाह वैदिक मंत्रों से हुई है।
किसी भी जाति का ईसाई है उसे prayer बताया जाता है पादरी के द्वारा एक दैनिक दिनचर्या है इसे कोई पालन करे न करे यह व्यक्ति विशेष पर निर्भर है। मेरे गांव जितने भी ईसाई हैं उनमें बहुत से कि intercaste marriage होती रहती है।मुस्लिम जितने हैं उन्हें कलमा आता है याद है,नमाज 5 वक्त की कैसी पढ़नी है यह ज्ञात है सब मौलवी सिखाते हैं।इन सबकी साप्ताहिक/दैनिक class चलती है।
बड़े बुजुर्ग जो गैर ब्राह्मण हिंदू थे उसमें से जिनको शुद्र जाति समझा जाता है उनको एक भी मंत्र नहीं आता था। अधिकतर हिंदुओं ने आज के दौर टीवी, कथा, प्रवचन से सीखा है। जिन्हें अछूत घोषित किया गया था उनके यहां तो पूजा नहीं करवाते थे। न ही उनका होता था।
और आज भी उन्हें लोग नीच बोलते हैं।
अपमान की व्यथा बहुत ही कष्ट दाई होती है। लोग अपने घर में मिल रहे भाइयों से अपमान ही नहीं सह पाते और घर छोड़ देते हैं। तो यहां तो समाज उसे मनुष्य ही नहीं समझ रहा।
एक प्रकार से समाज का वंचित शोषित जातियां भी हमारे भाई हैं, अपने भाइयों से कलह और क्लेश किए हैं तो महाभारत तो होगा ही। अभी भी समय है , भाई भाई में प्रेम हो जाए तो रामायण हो जायेगा।
गुरु देव आपके चरणों में सत सत नमन आप जैसे लोग ही सच्चे हिन्दू हो ,
हमे लगता है गुरुदेव जातिवाद वही कर सकता है जो शिर्फ मन लिया है की वह हिंदू है और उन मूर्खो के कारण हमारा हिन्दू धर्म बदनाम हो रहा है
पूरा नाम पूछने वालों का इरादा कभी भी सही नहीं होता।
तो काहे को जातिप्रमानपत्र बनवाते हो?
@@oneatulin सच में, जाती प्रमाणपत्र नहीं सेपरेट दलित्स्थान बनाना चाहिए अब, और सब दलित मुस्लिम या इसाई बनना चाहिए...कश्यप गोत्र के देवरुखे कोकणस्थ चित्पावन बामन आंबेडकर का बुद्धिज़्म झूठ है, एक भुलावा है...ओके
@@ianwright2848 तुम लोग कुछ बना पाओ या खुद कुछ बन पाओ तो मुझे बड़ी खुशी होगी। किसने रोका है? लेकिन याद रखो कि चालाकी से बैक डोर से किसी सिस्टम पर कब्जा करने में और खुलेआम देश बनाने में बहुत अंतर होता है।
और मुझे ये जानकर भी बड़ी खुशी हुई कि तुम जान गए कि बाबा कौन था।
@@oneatulin आप के कमेंट के लिए धन्यवाद...आंबेडकर ने झूठ बोलकर दलित लोग को एक्सप्लॉइट किया है... दलित को बामन आंबेडकर और झूठे बुद्ध का भुलावा समझ गया है...... हम सब दलित भाई लोग को गन देंगे, फिर देखते है कैसा दलित पे अत्याचार होता है, दलित की संख्या इंडिया में २३ % है...तो इस २३ % जमीन पर हम अपना अलग से दलित स्थान बनायेंगे.....सब दलित इसाई बनेंगे और अपना अलग से दलित स्थान बनायेंगे...तुम लोग को जो करना है कर लो...खुल्ली चुनौती है, तूम राक्षश ब्रह्मा के पुजारी बामन लोग को, कर्मा/पुनर्जन्म का झूठ फैला कर उच्च नीच करते हो, असमानता को श्रेष्ठ बताते हो . क्या ब्लड बैंक में उची जात या नीच जात का खून का पैकेट देखा है? श्रेष्ठ कनिष्ठ ब्लड का पैकेट देखा है?एक ही जाती है, मनुष्य जाती ...जय दलित स्थान जय खुनी क्रान्ति...घर में घुस घुस के मारेंगे एक एक को
Ekdum sahi baat hai guruji bilkul practical without any propaganda. Pranam
समय अमूल्य है इसे सोच समझ कर खर्च करना चाहिए। यदि कार्य प्राथमिकता से न किये जाए तो जीवन के परम लक्ष्य से दूर ही रह जायेंगे।आपको दिखाई देता है तो वह दिखेगा।
सत्यमेव जयते
महानगर में रेहता हूं। मुझे ये नहीं पता था कि ये सब भी होता है देश में। अब भी सुन्न कर विश्वास नहीं हो रहा।
बहुत ही बड़े पैमाने पर होता है दोस्त
Bhai sc st act ka durupyog bhi khub hota hai
@user-iq2er2vl4f भाई में युवा हूं। मैने अपने जीवन में बड़े होते हुए और अपने परिवार में वर्ण के बारे में बात करते हुए कभी किसी को नहीं देखा। वर्ण की बात पहली बार १२ वी के इंजीनियरिंग की परिक्षा पत्र भरते हुए आयी। जब हमें पता चला कि हमारे कुछ मित्र या जानने वाले लड़के sc से ताल्लुक रखते है। फिर जब कॉलेज में पहुचे तब और। १८ वर्श की आयु तक हम इस बात से अबोध ही थे।
यदि एक आचार्य स्वयं बोल रहे है तो आज भी होता होगा। शर्मनाक बात है।
Acharya ji Pranam , Har bar aapki baate sunkar bahut kuch jan ne ko milta hai🙏
ओउम् नमस्ते आचार्य जी, महाराष्ट्र बोईसर नवापूर, जाती का कागज दिखाकर जब नौकरी मांगते है,तो दुसरे जाती के प्रति क्या भाव रखते है, मतलब कुछ तो गडबड है, ईश्वर ने दोही जाती बनाई, स्त्री और पुरुष.
मानव जाति में ही आते हैं दोनों।
नमो बुद्धाय
सत्य वचन आचार्य जी
आचार्य श्री को सादर प्रणाम 🙏
🙏🙏🙏🙏सन्यासधर्म संहिता🙏🙏🙏🙏
"जन्मना जायते शूद्रः संस्काराद्दिज उच्यते । वेदाभ्यासाद्भवेद्विप्रो ब्रह्मज्ञानाच्च ब्राह्मणः ।।"
इति स्मृतेः ।। तस्यापि लक्षणमुक्त भारते । "न यस्य जन्मकर्मभ्यां न वर्णाश्रमजातिभिः । सज्जतेऽस्मिन्नहंभावस्तं देवा ब्राह्मणं विदुः ।।"
🙌🙌🙌🙌🙌🙌🙌
जन्म से शूद्र होता है संस्कार कर्म अनुष्ठान द्वारा दिज कहा जाता है। वेदों के अभ्यास से वह एक विप्र बन जाता है और परम सत्य के ज्ञान से वह एक ब्राह्मण बन जाता है।
यही स्मृति है. उसकी भी विशेषताएँ भरत में वर्णित हैं। "जिसका अहंकार जन्म, कर्म, जाति या जाति से जुड़ा नहीं है, उसे देवता ब्राह्मण के रूप में जानते हैं।
Aap ye kewal iskcon me h.
Lekin practical life me kewal brahman janm se hota h
❤❤❤❤❤❤❤
Baat Sahi He
Great video . Thanks acharya ji
गुरु जी एकदम सही बात बताई जाति पात छुआ, छूत पहले बहुत थी अब कम हुई है ❤❤
आचार्य जी आप दिल के अच्छे लगते हैं और मेरा आपसे निवेदन है कि आप एसे ही सनातनियो को एक करे।
jaati kiski jab vedo or upanishad mei sharir hi mithya hai toh phir shari ki jaat bhi mithya bahut hi saral tarike se samjhaya gya hai par mei kitna bhi padh lu mei samaj ke liye chamar hi hu.....
Schedule Caste me bhi aapas me sabhi jaatiyo ke beech bhi bahut uncha nicha ka vyavahar hoat hai.
आचार्य श्री को कोटि कोटि नमन है
धरातल की सच्चाई को आपने सभी के सम्मुख रखा 😢😢
Jee ❤❤
Jai shree Ram
आज कल हर कोई अपने घर का राजा है सर जी कोई किसी से कम नही है
Chahe koi jitna bhi mana kre jaatiwaad aaj bhi bahut hai... log insaan ko insaan nhi samjhte..........hame ek hone k liye ye caste system miana hoga.....
Kaise jab Tak log caste certificate banate rahenge ise caste khatam hoga is desh me sabse jada pidit obc hai me sc st act ko bhoga hu me janta hu sc st pidit tha hi nahi
@@exneobudhist agr politics partiya vote k liye caste card khelna ban kr de or log jaatibaad chhod de.... jo vedo ka gyata ho wahi pandit ho. Chahe wo kisi bhi jaat ka ho. Shiksha se jaati baad mitao. Apne baccho k andar jattibaad ka keeda na dalo.
जयतु सनातन
ओ३म् सादर नमस्ते आचार्य जी 🙏🏻🙏🏻
ये सब एक नकारात्मक सोच का विषय है जो अपने आप को ऊंचा और दूसरे को नीचा दिखाने मे लगे है जिनकी यह सोच है वह ना तो ज्ञानी है और नाही सनातनी है अगर घर में एकता नही तो उस घर की नीव कच्ची होती हैं और जीस देस में एकता नही होती उस देस की नीम कच्ची होती हैं हमे बनाने वाला एक है तो हम अलग कसे होसकते हैं हम एक है और एक रहे गऐ जय श्री कृष्णा
बहुत ही उत्तम उपदेश!
In villages its quite bad situation due to caste ... caste will destroy hindus and the dacoits cult will again rule bharat..due to caste system
Good 👍
जब जातिवाद स्वयं के साथ तभी इसकी पीड़ा समझ आती है, मैं ब्राह्मण समाज से नहीं आता परंतु एक ब्राह्मण लड़की के साथ पिछले 6 वर्ष से संबंध में था, ब्राह्मण ना होने के कारण मेरे विवाह प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया... और इसमें केवल उसके माता-पिता ही नहीं उनका पूरा समाज साथ था...एक और तो समानता की बात करते हैं और सभी को हिंदू मानते हैं और पीछे इतना ज्यादा भेदभाव... इस घटना के बाद मुझे लगता है समाज के सबसे बड़े दुश्मन मनुवादी और ब्राह्मणवादी है, मैं जल्दी ही इस पाखंड धर्म को छोड़ने का विचार कर रहा हूं
सही है भाई में ब्राह्मण हूं मुझे तो पहले ही बोल दिया है की अगर प्रेम विवाह करना है तो लड़की ब्राह्मण ही होनी चाइए, दूसरी जात के लड़की नही चलेगी इसलिए में तो प्रेम विवाह करूंगा ही नही ।😢😢
Sahi bate Rahe hain
Mishra ji koi ladki hai toh bataiyega bhai ki shadi karni hai
Nahi mera ghar yadavo ne jala diya ghar hadap liya lekin samaj mei itna jaatiwaad hai ki dar se sc/st ka case bhi darz nahi hua
शास्त्र मे लिखा है इसलिए भेदभाव होता है
Hamre yaha jaati vaad HOTA hi nhi Acharya ji aur yaha Hanuman mandir Hanuman chalisha aek dalit vyakti sanivar aur mangalvar ko vhi start karta he
👍
Koti Koti dhanyabad
अति उत्तम व्याख्यान
guru ji shudro ka nahi.... gareebo ka, dabe kuchle logo ks shoshan hota hai.... jo aage badne ki kosis nahi karte ....jinka iswar par tanik bhi bharosa nahi unka shishan hota hai....
Chahe weh koi bhi ho
Exactly
99.99 % General Wale S C/ST के साथ Aisa hi krte hain , fir baat 99.99% ki hogi ya .001 ki ???
Om namaste ji
सभी सुद्रों के साथ शोषण हुआ है ।
Sudr sc st act laga kar obc ka farzi soshan karte hai aaj hi ki news hai ek jatav ne ek parjapati samaj ka rape karke mar Diya aur uske parivar per sc st act laga diya 😢😢😢😢😢
सत्य कहा ❤
आचार्य जी को नमन है ।
🙏🙏🙏🙏
Jai shree Ram Jai manuwad ❤❤❤❤❤
नमस्ते
आचार्य जी इस धरती का कुछ नही हो सकता , सब अपने बॉप का सब समझ बैठे हैं। धरती को सभी वस्तु को । सडेंगे सब इतना पाप बढ़ गया हैं। धरती में ।
जय हो🙏
आचार्य जी,भविष्य मलिका पर एक वीडियो बना दीजिए।🙏🙏🙏🙏
मैं भी कहता हूं फेसबुक पे भी बोला हु
Apne bilkul satya kaha 🙏 apne dono side ke paksha ko satikta se rakha jo satya hai use bataya🙏
बाद में कौन मिला सकता है, मिलने वाले भी तो आप ही थे।
ओउम्
🙏🌺💜 सादर चरण स्पर्श, आचार्य जी। 💜🌺🙏
तु तो 1 न का जतिवदी शँक्रचर्य का चेले है
@@RLP90Gdpy-qv8jt 🙏😇😇🙏
Jaaati sey Uppar uthakar Manav vano Manav ekta mey hi shakti hai
Ye baat Jai bhim walo ko samjhao
@@sandeepkumar-cy9vi ha unkey liyey hi kiya hai ye comment
Namaste guruji
Bilkul sahi kaha Aapne ❤
Mahoday Aaj Aapki Jeebh Bhi Constitution ki Badolat Control main hai🙏Kyoki Baba Sahab ka Statue k Samne Bethke Koi Unke Naam se Ghanta Bajake,Tilak Lagake bheek nahi Mangte hai
Honor killings in haryana Rajasthan up is very common for intercaste marriage
मैं जन्म जाति से पंडित हूं लेकिन हमारे पिताजी ने हमे हमेशा बताया है कि सब भगवान के जीव है
जो साफ सुथरा रहे उसके साथ खाना खाओ बैठो
सविधान हमेशा जन्म के आधार पर जाति का ठप्पा जिंदगी भर उसके माथे पर लगाकर रखता है
मगर सनातन संस्कृति के हिसाब से
Bharaman परशुराम जी अन्याय के खिलाफ़ लड़े तो वो क्षत्रिय कहलाए
आजादी से पहले कौन सा संविधान था दोस्त
@@HarendraKumar-mg1hg उसके पहले अंग्रेजो का शासन था 250 वर्षों तक।
सही कहा आपने आचार्य जी
ओम्
🙏🏻😊🕉️
आप भी आ गए ब्राह्मणवाद को बचाने
🙏🙏🙏
प्रणाम आचार्य जी 🙏 🙏 🙏 ❤❤❤
Shudro ko astan dhakne ka adhi kar nhi tha in me kuch bolye
Ispe video hai Satya sanatan channel par
शूद्र means गरीब
गरीब हमेशा रोता है
Ram ram sabhi ko
In this word , whether you persecute someone or to ready to be persecuted by someone
R👍👍👍
Samvidhan jaatiwaad ka thappa lagata hai lekin positive discrimination ke liye na ki brahmano ke dwara negative discrimination ke kiye sawal hai ki jaati samaj mei maujud hi kyu hai
Main to yh kah rha hu
Yh jati uheech neeche bakwas khatam kyu nhi ho rhi .... Log kahte h hamre sastro mai jaati janam se nhi h.
Lekin log to apni jaati janam se leke chalte h....log upper caste k log dono side kaise rhe lete h... Aur apne aap ko neeche maana ucchaa manna yh kaha ka science h ....
Insaan insaan kyu nhi Maan rha h .....
Yh soch galat chalti aa rhi. Bus
Namste Bhai
🙏🕉️🙏
ये समझने की जरूरत है कि कोई भी धर्म, रिलिजन या कोई भी शास्त्र/ग्रंथ या कोई भी व्यवस्था किसी समाज में अच्छे के लिए बनाई जाती है लेकिन समय के साथ उसका दुरुपयोग होता ही होता है क्योंकि मनुष्य की प्रवृत्ति ही ऐसी है,
की वो अपने से कमजोर को हमेशा दबाना चाहते हैं, चाहे वो जाति भेदभाव के नाम पर हो या लिंग भेदभाव के नाम पर हो,
परिवार में ही देख सकते हैं कि एक भाई दूसरे कमजोर भाई का शोषण करता है, अब यहां कोनसा भेदभाव है आप लोग खुद ही अंदाजा लगा सकते हो
इस्लाम,अपवाद है,वो गलत चीजें सिखाता है
हमारे में भी बहुत गलत चीजें घुस गईं हैं।
वहां जो भी है वहां कर्म या गुण से संस्थागत रूप से मौलवी, इमाम आदि बनने कि कोई व्यवस्था है। जिसे समाज स्वीकार भी करता है। यहां तो जाति देखकर कार्य होता है। समाज ही जाति को मानता है। उसमें भी कई धर्मगुरु मिल जायेंगे। उन लोगों को ऊंगली मत उठाओ जिन्हें मंदिर कभी प्रवेश नहीं मिलता था पहले के समय में, न ही कोई पुजारी/ब्राह्मण उनके यहां शादी विवाह के लिए भी मंत्र पढ़ने आते थे। सोंचों कैसी स्थिति थी। उन्हें जो पता था किसी तरह परंपरा के नाम पर सिंदूर लगा कर शादी कर लेते थे। बहुतों की दूसरी, तीसरी या पहली पीढ़ी की शादी विवाह वैदिक मंत्रों से हुई है।
किसी भी जाति का ईसाई है उसे prayer बताया जाता है पादरी के द्वारा एक दैनिक दिनचर्या है इसे कोई पालन करे न करे यह व्यक्ति विशेष पर निर्भर है। मेरे गांव जितने भी ईसाई हैं उनमें बहुत से कि intercaste marriage होती रहती है।मुस्लिम जितने हैं उन्हें कलमा आता है याद है,नमाज 5 वक्त की कैसी पढ़नी है यह ज्ञात है सब मौलवी सिखाते हैं।इन सबकी साप्ताहिक/दैनिक class चलती है।
बड़े बुजुर्ग जो गैर ब्राह्मण हिंदू थे उसमें से जिनको शुद्र जाति समझा जाता है उनको एक भी मंत्र नहीं आता था। अधिकतर हिंदुओं ने आज के दौर टीवी, कथा, प्रवचन से सीखा है। जिन्हें अछूत घोषित किया गया था उनके यहां तो पूजा नहीं करवाते थे। न ही उनका होता था।
और आज भी उन्हें लोग नीच बोलते हैं।
अपमान की व्यथा बहुत ही कष्ट दाई होती है। लोग अपने घर में मिल रहे भाइयों से अपमान ही नहीं सह पाते और घर छोड़ देते हैं। तो यहां तो समाज उसे मनुष्य ही नहीं समझ रहा।
एक प्रकार से समाज का वंचित शोषित जातियां भी हमारे भाई हैं, अपने भाइयों से कलह और क्लेश किए हैं तो महाभारत तो होगा ही। अभी भी समय है , भाई भाई में प्रेम हो जाए तो रामायण हो जायेगा।
@@RohanYadavHinduKafirमुशरिक
Mere bhi vha upnyan aur shadi me bulate hain naayi ko
Aur naayi ko daan bhi dete
भाई जब भाजपा को कहते है विकास नही कर रही हे तो लोग कहते है राम मंदिर तो बना रही है। जब दलित कहते है मंदिर से नौकरी मिलेगी। सरकार का काम है देश का विकास करना ना कि मंदिर बनवान। रही बात अम्बेडकर की मूर्ति की वो भी गलत है लेकिन उसे सरकार विकास के नाम पर नही बन वारही है।
आपने सारी बातें सही कही लेकिन बाद में आप यह किस आधार में कह रहे हैं बात को गहराई से समझो?
🙏🙏🙏🙏🙏
Bahut rare hai sc st ka drupyog.
samajik rup se bhedbhaw nahi mita hai aaj bhi sc st ka hi daman kiya jata hai samaj hi aisa hai maine double graduation kiya bhagwad gita padha or bhi shashtra ki pushtak padhta hu par mei samaj ke liye dom chamar hi hu......
Haa bahut rare hai Bhai. dalit to dev Manus hain..😂😂
@@HinduPhoenixjaativaadi ho kya
Hamre paas ke hi gav aek Baar aisa hua tha par hamre yha nhi hua UN logo Thakur taklif hogyi thi
Jai Bhim Without Meme😅
में आपकी सभी बात से सहमत हु ,लेकिन आपके मुंह से यह सुनना चाहता हु की सब मुस्लिम गलत नही होते,जैसे सब ब्राम्हण गलत नही है ,ठीक वैसे ही ।
Acharey ji namaste 🙏 ye sab Khatam kaise hoga
🚩जय भीम जय श्री राम🚩
🙏🏿🙏🏿🙏🏿
Aaj Samaaj main Jo kuch sudhar hua bo Sirf Constitution ki wajah se hua hai,Ek Ek Brahmanical Texts main Jaatibaad,Inequality,Mysogyny,Untouchability koot koot k bhari hai Mahoday,Jab Tak Enko Dynamite se nahi udayege Society main tezi se parivartan sabhav nahi,Baise Aaj to RSS ka Aadmi Khud Mythological Ram ka Manusmriti Rajya Chahta hai Jo Hedgebar Golwalkar ki Bunch of thoughts of adharit hoga🥺Aaj Sirf Human with science,The realist Azad,Science is Dope,Vimoh Live,Himanshu ka Lecture Jaise Log hi Vastvik Samaaj sudhark hai Jo Brahmanical texts ko kholke Enme Likhi Gandgee ko Dikhate hai🥺
Proof
BHARAT me saikdo mandiron me SC St pujari h unhe pandito jitna sammaan milta h. JAI SANATAN ❤❤❤
दुनिया में सभी सभी का शोषण कर रहे है जाति रिस्ते देखकर नहीं
Nahi aaiye mera ghar aap aapko kuch din chamar toli mei plz aaiye kuch din rahiye humlog ke sath
जिन भगवान राम ने शबरी को मोक्ष दिया , निषाद राज को परम मित्र बनाया और केवट को तार दिया उनके भक्त अपने भाइयों से जातिवाद करके भगवान राम से द्रोह कर रहे हैं।
When you see that there is exploitation, why don't you protest and bring about a change, though small it may be?