देश में जब सुरक्षा नियमों की बात आती है तो सरकार ढीली क्यों पड़ जाती है? #babakikharikhoti बाबा रामदास बाबा की खरी खोटी Baba Ramdass Baba ki khari khoti
बाबा जी के बात में दम है । ऐसे -ऐसे बाबा कम से कम लोगों को हिंदू बना के तो रखते हैं। ताहि बहुत बड़ी बात है वरना ईसाई और मुसलमान तो धर्म परिवर्तन के लिये तैयार बैठे हैं। टी बात भी है कि आशा राम जैसा ख़तरनाक बाबा भी इसी समाज में रहते हैं।
साजिद हो सकतिहै।ऐसा हि हादसा कुंभ मेले में आजम खान के अधिकार में हुईथि।समाजवादि मानसिकता उसमें अगर अखिलेश।का गुर्दा है।तो दुश्टचक्रकि संभावना इनकार नहि करसकते।
Janta ki bhi Kami h etni bheed kyo ekthata hoti etni garmi kya en babayo ke pas achha sahitya gher per. Pdhe. Netni samti kyo rakhte h .baba ke nam.per
अभी त्योहारों और महीनें आनेवाले है। सरकार लोगोंको आयोजनों, मंदीरों में भीडभाड दिखे तो वापस घर जानें की सुचना दे। भगवान की आराधना घर पर भी की जा सकती है।
@@bindu.pandyab3071 nhi Bhai band nhi krni h but kuch time to rukna padega.. kyunki cycle wale jite hain Ye kuch b krwa sakte h.. lunch me b aisa hadsa hua tha inke Raj me..
यह बाबा का पर्सनल काम है, बाबा ही मुआवजा भरेगा। सब कुछ सरकार नहीं भरेगी या सरकार का काम नहीं है या दरबार लगाना बाबा का काम है जो भी मुआवज़ा बाबा भरेगा।
साजिश की पूरी संभावना है। इस तरस की घटनाएं हिन्दू मंदिरों और कार्यक्रम आयोजित स्थलों में और भी हो सकती है। शासन-प्रशासन को बहुत ही सतर्क रहने की जरूरत है। देश में अंदर दुश्मनों की संख्या बढ़ी है। ये दुश्मन सभी जगह भरे पड़े हैं सक्रिय है और स्लीपर सेल भी काम कर रहा है ।
बाबा जी जय श्री राम बाबा जी सुना है कि वहां पर किचड़ होने के वज़ह से लोग दीवार पर बैठे हुए थे जो कि दीवार ढहने से अफरातफरी मच गई थी जिसके कारण घटना घंटी है
बाबा जी अगर सरकार कोई कानून सख्त भी करना चाहती है तो लोग नाराज हो जाते है जैसे सरकार ने कानून सख्त किया की कोई ड्राइवर एक्सीडेंट कर के भागता है तो उमर कैद होगी क्या हुआ प्रदर्शन चालू सरकार क्या करे
समाज दुखी हताश निराश है वह समस्याओ का हल खोजने जाता है चरण रज से किसी का कल्याण नही होता है भूत प्रेत मजबूत मनोबल से भागते है मनोबल मजबूत बाबा कर पाने मे असमर्थ है बाबा के सेवादार भी अनुशासित है यहा तो साजिश है दिखती है।
बाबा ने भी देना चाहिए मुआवजा हर एक आदमी को 10 लख रुपए, क्योंकि यह सरकार का काम नहीं था। दरबार लगाना यह बाबा का पर्सनल काम था, इसलिए बाबा भी मुआवजा भरना चाहिए।
ये बाबा या कथावाचक हैं तो पता होना चाहिए कि भारतीय जलवायु अनुसार ये पारम्परिक विधान है कि बरसात के तीन-चार महीना बहुत वर्षा होती है तो इसलिए इसमें लम्बी यात्रा वाले और खुले में कोई धार्मिक सभा आदि नहीं होती। नहीं तो ऐसे ही हादसे और परेशानी होती हैं। लेकिन इस मौसम का सदुपयोग ऐसे होता था-- वर्षा ऋतु के चार महीने में सभी सम्प्रदाय का आध्यात्मिक शिविर का आयोजन ऐसी जगह होता है जो पक्का बना सभागार या कार्यक्रम स्थल हो। या फिर शिविर के लिए उपयुक्त मैदान या उद्यान में अस्थायी निर्माण से शिविर अवधि के लिए पहले से तैयार किया जाता है। ऐसे शिविर को चातुर्मास या वर्षावास कहते हैं। इसमें प्रतिदिन का आना-जाना नहीं होता था, बल्कि श्रद्धालु जन और साधुजन के रहने का इन्तजाम होता है। पहले बहुत बारिस होती थी और सड़के पुल आदि नहीं होते थे तो इसलिए इस तरह स्थायी या अर्ध-स्थायी कार्यक्रम स्थल में पुरे एडवांस तैयारी के साथ ध्यान/प्रवचन भजन/विचार विमर्श होता था। इसमें स्थानीय निवासी ही आना-जाना करते थे बाकी वही रहते थे। ऐसा शिविर होता तो अब भी है सभी प्राचीन हिन्दू बौद्ध जैन सम्प्रदायों में लेकिन कम मात्रा में, और उनका प्रसारण होता है तो लोग घर से भी जुड़ कर लाभ लेते हैं। क्योंकि ये साल में एक बार होने वाला लम्बा आयोजन होता है तो अधिक गंभीर साधकों के लिए इसमें किसी प्रसिद्ध महत्वपूर्ण ग्रन्थ का पूरा अध्ययन कराया जाता है।
Apne sahi kaha logon ko sixit.karne ki bahut jaroorat hai taki anewale samay mein aisi ghatnawan ko roka jasake logon ko bhi nium ka palan karna chahiye
Jagrit shrotao ko is kand ke har shadyantra kar ko expose karne ek strong abhiyan chalana chahiye 🙏 aur har shadyantra ke prati jaagrit rehna chahiye 🙏
ये बाबा या कथावाचक हैं तो पता होना चाहिए कि भारतीय जलवायु अनुसार ये पारम्परिक विधान है कि बरसात के तीन-चार महीना बहुत वर्षा होती है तो इसलिए इसमें लम्बी यात्रा वाले और खुले में कोई धार्मिक सभा आदि नहीं होती। नहीं तो ऐसे ही हादसे और परेशानी होती हैं। लेकिन इस मौसम का सदुपयोग ऐसे होता था-- वर्षा ऋतु के चार महीने में सभी सम्प्रदाय का आध्यात्मिक शिविर का आयोजन ऐसी जगह होता है जो पक्का बना सभागार या कार्यक्रम स्थल हो। या फिर शिविर के लिए उपयुक्त मैदान या उद्यान में अस्थायी निर्माण से शिविर अवधि के लिए पहले से तैयार किया जाता है। ऐसे शिविर को चातुर्मास या वर्षावास कहते हैं। इसमें प्रतिदिन का आना-जाना नहीं होता था, बल्कि श्रद्धालु जन और साधुजन के रहने का इन्तजाम होता है। पहले बहुत बारिस होती थी और सड़के पुल आदि नहीं होते थे तो इसलिए इस तरह स्थायी या अर्ध-स्थायी कार्यक्रम स्थल में पुरे एडवांस तैयारी के साथ ध्यान/प्रवचन भजन/विचार विमर्श होता था। इसमें स्थानीय निवासी ही आना-जाना करते थे बाकी वही रहते थे। ऐसा शिविर होता तो अब भी है सभी प्राचीन हिन्दू बौद्ध जैन सम्प्रदायों में लेकिन कम मात्रा में, और उनका प्रसारण होता है तो लोग घर से भी जुड़ कर लाभ लेते हैं। क्योंकि ये साल में एक बार होने वाला लम्बा आयोजन होता है तो अधिक गंभीर साधकों के लिए इसमें किसी प्रसिद्ध महत्वपूर्ण ग्रन्थ का पूरा अध्ययन कराया जाता है।
बस मुआवजा! आप का मतलब पैसा ! वो क्षतिपूर्ति परिवार से सदा के जुदा होने वाले, भरण-पोषण करने वाले, एक ही परिवार से कई-कई मैंबर इस भगदड़ मे जान गवाने वाले परिवारों का मुआवजा ही इलाज है नहीं, हां एैसी दुर्घटना द्वारा न घटे ये जरूरी है ।
किसानों ने धरना प्रदर्शन किया पब्लिक ने नहीं सोचा था कि हम लोग अपने आप पांव पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं फिर महंगाई बढ़ेगी फिर वो अपनी कटी टांग लेकर धरना प्रदर्शन करने वाले हैं कानून अगर अच्छी तो धरना प्रदर्शन पब्लिक ने
साजिश तो।इसलिए दिख।रही।है।कि।बाबा के ।कर्मचारियों ने।पुलिस-प्रशासन को।बिलकुल भी नहीं आने।दिया है ।और दूसरी बात यह।है।कि।इतनी।बडी।संख्या में ।लोग आये ।उनका।कोई भी।इन्तजाम नहीं किया है ।तीसरी बात।बाबा खुद ही।कहता है कि।मेरे जाने के बाद ।पैरों की।मिट्टी जरूर लेना।और।भी।इस।प्रकार के ।कयी।बाते है।
In Maharashtra pandharichi vari was oldest gathering of devotees .they walk ,sing,eat, sleep , worship together but never ever vitness such incidences till today.
शंकराचार्यों को सुनने को तयार नही बाबाओं के पीछे भाग रहे हैं। सिर्फ चार मठों के सन्यासी ही धर्म के प्रचार के अधिकारी होने चाहिए जो वेदों काज्ञान दें और अंधविश्वास मिटाएं।
Ek taraf pradhan mantri ka bhashan ho rha tha dusri trafa ye hatya, ye sab sajish h itne coincidence nhi ho sakte Pradhan mantri ka shapat samaroh dusri taraf jammu me attack Itne coincidence nhi ho sakte
हिन्दू होने का मतलब जीवन जीने की एक पद्धति है। जीवन जीने का तरीका है, शैली है या स्टाइल है। कहने का तात्पर्य है कि हिन्दू जीवन रचना सरल, तरल, और विरल है। हिन्दू होने का अपना एक विशिष्ट आनंद है। वेदादिग्रन्थों में प्रतिपादित धर्म वैदिक धर्म है। वैदिक धर्म ही अन्य धर्मों के सापेक्ष सनातन धर्म या हिन्दू धर्म कहा जाता है। जो इसे मानते हैं, वे हिन्दू हैं। हिन्दू होना ही हिन्दूत्व है। इस प्रकार हिन्दू धर्म की समस्त विशेषतायें ही हिन्दूत्व है। हिंदू भौतिकवादी हो सकते हैं। उन पर धर्म का कोई प्रतिबंध नहीं। उन्हें आध्यात्मिक होने की स्वतंत्रता है। उन पर किसी धर्म ग्रंथ का बोझ नहीं है। वे कोई भी विचार अपना सकते हैं। पुनर्जन्म प्राचीन हिंदू विश्वास है। हिंदू विवेक में इस धारणा के प्रति भी अंध विश्वास नहीं है। अंधविश्वास रहित लोकतंत्र हिंदुओं की ही देन है। हिंदू धर्म में धर्म के अतिक्रमण की भी परंपरा है। अपने आपको हिन्दू कहने वालों को सांप्रदायिक, हिंसक सिद्ध करने का कुत्सित प्रयास एक विशेष वर्ग का वोट पाने के लिए किया जा रहा है ये सरासर गलत हैं। हमसब सनातनी की सोच यही होनी चाहिए कि भारत एक धर्मनिष्ठ आध्यात्मिक हिन्दू राष्ट्र हो, जहाँ की राजनीति सत्य सनातन धर्म हो। इसका संकल्प प्रत्येक धर्मप्रेमी को सत्यनिष्ठा से करना होगा। हिन्दू होने पे प्रहार का अर्थ है -- सनातन हिंदु आस्थाओं पर मर्मांतक प्रहार। वर्तमान सेक्युलर व्यवस्था -- हिन्दू धर्म को नष्ट कर देना चाहती है| अब हमसब की आस्था किसी भी राजनीतिक, धार्मिक या सामाजिक संगठन या समूह पर नहीं रही है। सिर्फ परमात्मा पर ही आस्था है| उन्हीं से प्रार्थना करेंगे| उन्हीं का वचन है -- अजोऽपि सन्नव्ययात्मा भूतानामीश्वरोऽपि सन् | प्रकृतिं स्वामधिष्ठाय संभवाम्यात्ममायया ||४:६|| यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत | अभ्युत्थानमधर्मस्य तदाऽऽत्मानं सृजाम्यहम् ||४:७|| परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् | धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे ||४:८||" *जिसकी गौमाता में दृढ़ भक्ति हो, जो पुनर्जन्म के सिद्धान्त को मानता हो, ओकांर शब्द को मूल मंत्र के रूप में मानता हो- वहीं स्वयं को हिंदू कह सकता हैं।🙏*हिंदुत्व* की रक्षक गीताभवन आयुर्वेद संस्थान, हरिद्वार ने हमारे लिए गंगाजल युक्त अति पवित्र एवं स्वादिष्ट एकदम ठण्डा-ठण्डा *गुलाब शर्बत* तैयार किया है। वैद्य संजय बिंदल 98684119869.
ये बाबा या कथावाचक हैं तो पता होना चाहिए कि भारतीय जलवायु अनुसार ये पारम्परिक विधान है कि बरसात के तीन-चार महीना बहुत वर्षा होती है तो इसलिए इसमें लम्बी यात्रा वाले और खुले में कोई धार्मिक सभा आदि नहीं होती। नहीं तो ऐसे ही हादसे और परेशानी होती हैं। लेकिन इस मौसम का सदुपयोग ऐसे होता था-- वर्षा ऋतु के चार महीने में सभी सम्प्रदाय का आध्यात्मिक शिविर का आयोजन ऐसी जगह होता है जो पक्का बना सभागार या कार्यक्रम स्थल हो। या फिर शिविर के लिए उपयुक्त मैदान या उद्यान में अस्थायी निर्माण से शिविर अवधि के लिए पहले से तैयार किया जाता है। ऐसे शिविर को चातुर्मास या वर्षावास कहते हैं। इसमें प्रतिदिन का आना-जाना नहीं होता था, बल्कि श्रद्धालु जन और साधुजन के रहने का इन्तजाम होता है। पहले बहुत बारिस होती थी और सड़के पुल आदि नहीं होते थे तो इसलिए इस तरह स्थायी या अर्ध-स्थायी कार्यक्रम स्थल में पुरे एडवांस तैयारी के साथ ध्यान/प्रवचन भजन/विचार विमर्श होता था। इसमें स्थानीय निवासी ही आना-जाना करते थे बाकी वही रहते थे। ऐसा शिविर होता तो अब भी है सभी प्राचीन हिन्दू बौद्ध जैन सम्प्रदायों में लेकिन कम मात्रा में, और उनका प्रसारण होता है तो लोग घर से भी जुड़ कर लाभ लेते हैं। क्योंकि ये साल में एक बार होने वाला लम्बा आयोजन होता है तो अधिक गंभीर साधकों के लिए इसमें किसी प्रसिद्ध महत्वपूर्ण ग्रन्थ का पूरा अध्ययन कराया जाता है।
आदरणीय बाबा जी इतने बड़े जमावड़े में यदि कोई व्यक्ति शरारतन कोई पटाखा फोड़ दे,या कोई सांप लाकर छोड़ दें,तो भगदड़ तो मंच ही जायेगी।
🤣🤣🤣andbhakt
हलाला product @@knowledge-ie7rz
@तुझे दिख रहा है चमचे knowledge-ie7rz
जो खरीदे हुए लोग केमरे के आगे प्रशासन की गलती प्रशासन की गलती है कह रहे हैं वही लाल टोपी, टौटी चोर भी कह रहा है । साजिश का पर्दाफाश जल्दी ही होगा ।
इसके जिम्मेदार लोगो चाहे बाबा हो या कोई भी उनपे कड़ी कार्यवाही जरूरी है।
बाबा जी के बात में दम है । ऐसे -ऐसे बाबा कम से कम लोगों को हिंदू बना के तो रखते हैं। ताहि बहुत बड़ी बात है वरना ईसाई और मुसलमान तो धर्म परिवर्तन के लिये तैयार बैठे हैं।
टी बात भी है कि आशा राम जैसा ख़तरनाक बाबा भी इसी समाज में रहते हैं।
साजिद हो सकतिहै।ऐसा हि हादसा कुंभ मेले में आजम खान के अधिकार में हुईथि।समाजवादि मानसिकता उसमें अगर अखिलेश।का गुर्दा है।तो दुश्टचक्रकि संभावना इनकार नहि करसकते।
आशाराम का चेला कौन था🤣🤣
bikul
1st of responsibility goes to the organisation.
Janta ki bhi Kami h etni bheed kyo ekthata hoti etni garmi kya en babayo ke pas achha sahitya gher per. Pdhe. Netni samti kyo rakhte h .baba ke nam.per
@@shantikanwer5785 janta ki hi kami hai puri jo apni jindagi jokhim me dalte hein
अभी त्योहारों और महीनें आनेवाले है। सरकार लोगोंको आयोजनों, मंदीरों में भीडभाड दिखे तो वापस घर जानें की सुचना दे। भगवान की आराधना घर पर भी की जा सकती है।
Katha datasangh hi bang karavado
@@bindu.pandyab3071 nhi Bhai band nhi krni h but kuch time to rukna padega.. kyunki cycle wale jite hain Ye kuch b krwa sakte h.. lunch me b aisa hadsa hua tha inke Raj me..
यह बाबा का पर्सनल काम है, बाबा ही मुआवजा भरेगा। सब कुछ सरकार नहीं भरेगी या सरकार का काम नहीं है या दरबार लगाना बाबा का काम है जो भी मुआवज़ा बाबा भरेगा।
सत्य देश की जनता के सामने अवश्य लाना चाहिए। सत्यमेव जयते।हर हर महादेव 🙏🙏🙏जय जय श्रीराम 🙏🙏🙏जय श्रीकृष्ण 🙏🙏🙏
जनता किसी के पास भी दौड़े चले जाते हैं, किसी को भी भगवान बना देते हैं, सनात्तन पर विश्वास करें,एक आदमी कभी भगवान नहीं हो सकता,,
सत्य कहा आपने।
Last 10 saal se yhi ho rha hai gujrat me toh Modi ka bi mandir bana diya hai ab modi kudh apne aap ko bhagwan banne par Tula hai 🤣🤣🤣🤣🤣
Piease bkvas@@knowledge-ie7rz
Piease bkvas n kre modi ji ne apna mandir nhi bnvaya unhone khoodise galat or aisa nhi krne ko kha tha ap ya goomraah kr rhe h ya goomrah ho rhe h
भगदड की साजिश की जाच होगी
Bageshwar dham sarkaar ke yaha lakho log aate hai....sab thik hota h....Jay siyaram ❤
साजिश की पूरी संभावना है।
इस तरस की घटनाएं हिन्दू मंदिरों और कार्यक्रम आयोजित स्थलों में और भी हो सकती है।
शासन-प्रशासन को बहुत ही सतर्क रहने की जरूरत है।
देश में अंदर दुश्मनों की संख्या बढ़ी है।
ये दुश्मन सभी जगह भरे पड़े हैं
सक्रिय है और स्लीपर सेल भी काम कर रहा है ।
right Raga iski bhavishya vani Pahle hi kr chuka h.. ajit bharti ne isi pr video bnai thi to us pr FIR krwa di thi..
इंडिया कि जनता हे भाई साहब कोई समझा नहीं सकता हे और योगी आदित्यनाथ ने जो भी कहा हे वो बिलकुल सही हो सकता हे यह साजिश भी हो सकती हे
Murkh bahut hai hamari janta mein
तू तो बहुत होशियार हे ये साजिश भी हो सकती हे
यदि सडक मे वारदात होती तो पुलिस प्रशासन सीधा दोषी होता
मानव धर्म कोनसा आ गया सनातन से अलग कोई सनातन तो नही तोड़ रहे बाबा जी
माँ बाप की जिम्मेदारी होती है अपने बच्चों को सिखाने की
राम वृक्ष की धटना सही है जयगुरुदेव का मामला भी लागू है
बाबा जी , सिंग साहब जय जय श्री राम
अति प्रशंसनीय रिपोर्टिंग।
देश में जनसंख्या की स्थिति इतनी विस्फोटक है की सामान्य लोगों के जीवन की कीमत कीड़ा मकोड़े से ज्यादा नहीं है
बाबाजी द्वारा सिविक सेंस पर बात करना बहुत महत्वपूर्ण है.
Har Har Mahadev
Jai shree Ram
बाबा रामदास जी आप का कहना बिल्कुल सही है कि सभी सनातनी धर्मावलंबी ऐसा ही व्यवहार कर रहे होते हैं।
बाबा जी जय श्री राम बाबा जी सुना है कि वहां पर किचड़ होने के वज़ह से लोग दीवार पर बैठे हुए थे जो कि दीवार ढहने से अफरातफरी मच गई थी जिसके कारण घटना घंटी है
Ram ram babaji, charan sparsh
Har Har mahadev
Baba ji ki bat se sahmat Jay Shri Ram
योगी जी के अधिकारी मलाई त सरकार की खा रहे. पर काम दूसरी पार्टी के लिए कर रहे.. योगी जी आपने अधिकारी लाये जैसे हर पार्टी करती है
Jai shree Ram Guruji.
इसी मे साजिश की गयी और आयोजक और बाबा दोषी निकले
जय श्री राम
बाबाजी sdm ने तो बता दिया कि उस बाबा के चेले धक्का मुक्की किये ।
Pranaam Baba Ji,
Apke desh prem, Hindu ekta adharit vishleshan hetu mera abhar.
जय सियाराम बाबा जी
Jai Hind Jai Bharat 🇮🇳🇮🇳🇮🇳❤️❤️❤️
जय श्री राम बाबा जी
बाबा जी अगर सरकार कोई कानून सख्त भी करना चाहती है तो लोग नाराज हो जाते है जैसे सरकार ने कानून सख्त किया की कोई ड्राइवर एक्सीडेंट कर के भागता है तो उमर कैद होगी क्या हुआ प्रदर्शन चालू सरकार क्या करे
Ye sari galti andh bhakto ki hai jo kisi ko bhi bhagwan bana dete hai😢😢😢😢😢😢
टोंटी चोर का भगवान है,इस बाबा 3rd डिग्री उपचार मिलना चाहिए
JAI JAI SHRI RAM
समाज दुखी हताश निराश है वह समस्याओ का हल खोजने जाता है चरण रज से किसी का कल्याण नही होता है भूत प्रेत मजबूत मनोबल से भागते है मनोबल मजबूत बाबा कर पाने मे असमर्थ है बाबा के सेवादार भी अनुशासित है यहा तो साजिश है दिखती है।
Bahut Sundar Baba ji dmsp shasan prashasan jimmedaar Hai Hathras Kand ka❤
बाबा ने भी देना चाहिए मुआवजा हर एक आदमी को 10 लख रुपए, क्योंकि यह सरकार का काम नहीं था। दरबार लगाना यह बाबा का पर्सनल काम था, इसलिए बाबा भी मुआवजा भरना चाहिए।
ये बाबा या कथावाचक हैं तो पता होना चाहिए कि भारतीय जलवायु अनुसार ये पारम्परिक विधान है कि बरसात के तीन-चार महीना बहुत वर्षा होती है तो इसलिए इसमें लम्बी यात्रा वाले और खुले में कोई धार्मिक सभा आदि नहीं होती। नहीं तो ऐसे ही हादसे और परेशानी होती हैं। लेकिन इस मौसम का सदुपयोग ऐसे होता था-- वर्षा ऋतु के चार महीने में सभी सम्प्रदाय का आध्यात्मिक शिविर का आयोजन ऐसी जगह होता है जो पक्का बना सभागार या कार्यक्रम स्थल हो। या फिर शिविर के लिए उपयुक्त मैदान या उद्यान में अस्थायी निर्माण से शिविर अवधि के लिए पहले से तैयार किया जाता है। ऐसे शिविर को चातुर्मास या वर्षावास कहते हैं। इसमें प्रतिदिन का आना-जाना नहीं होता था, बल्कि श्रद्धालु जन और साधुजन के रहने का इन्तजाम होता है। पहले बहुत बारिस होती थी और सड़के पुल आदि नहीं होते थे तो इसलिए इस तरह स्थायी या अर्ध-स्थायी कार्यक्रम स्थल में पुरे एडवांस तैयारी के साथ ध्यान/प्रवचन भजन/विचार विमर्श होता था। इसमें स्थानीय निवासी ही आना-जाना करते थे बाकी वही रहते थे। ऐसा शिविर होता तो अब भी है सभी प्राचीन हिन्दू बौद्ध जैन सम्प्रदायों में लेकिन कम मात्रा में, और उनका प्रसारण होता है तो लोग घर से भी जुड़ कर लाभ लेते हैं। क्योंकि ये साल में एक बार होने वाला लम्बा आयोजन होता है तो अधिक गंभीर साधकों के लिए इसमें किसी प्रसिद्ध महत्वपूर्ण ग्रन्थ का पूरा अध्ययन कराया जाता है।
साजिश ही बात समझ आती
पुलिस वाले अगर बल प्रयोग करें तो यही मीडिया पुलिस को दोषी बताती
हाथरस में घटना हुई है सजिस है केजरीवाल अखलेश की सजिस इन दोनों ने वेरूपिय को भिड में भेजे
SP ne inke aayojan m jakr prachar bhi kiya h inke prachar se hi sp jeeti h
Omg 😮
Baba ji ki Jai ho
अशिक्षित जनता बाबा से कल्याण हेतु चरण रज लेने हेतु आस्थावान थी बाबा गलत दोहन कर रहे भूत नही भागे लेकिन जीवन चला गया
यह कोई बड़ी साज़िश है कमेटी बनाई जाय जांच कडी निगरानी में होगा साजिश निकलेगा
बहुत ही दुःखद हुआ।
Apne sahi kaha logon ko sixit.karne ki bahut jaroorat hai taki anewale samay mein aisi ghatnawan ko roka jasake logon ko bhi nium ka palan karna chahiye
Very good. Excellent to way to divert
Ram Ram baba je 🙏
सब बाते छोड़ो जंहा पर कानून बनाये जाते है संसद में व्यवहार देखिये विपक्षी सांसदों का बात खतम हो जाती है
Organizers and volunteers are responsible for the mismanagement in the event. They should be punished.
🙏🙏🙏 बाबा जी सही में खरी खरी कहते हैं।
your take is so correct baba ji
Isme ho skta h sajish ho janch kadi honi chahiye
शत प्रतिशत साजिश है बाबा जी
वह बाबा जी अच्छा पक्ष लेने बाबा जी
Village ki bholi janata ko yeh baba log apni baaton mei ulajha deta hain ,karyawahi honi chahiye
इस पर कानूनी करवाई करनी चाहिए समाजवादी पार्टी को बेबुनियाद आरोप लगा रहा है
Great
बाबा जी आपके चरणों में प्रणाम यहां की आम पब्लिक तो बाबा जी अपनी दिशा और साइड चलना नहीं जानती है तो दूसरा चीज तो क्या करेगी सही तरीकेसे
Media ki funding ki jaamch kyun ni karti sarkaar
Jagrit shrotao ko is kand ke har shadyantra kar ko expose karne ek strong abhiyan chalana chahiye 🙏 aur har shadyantra ke prati jaagrit rehna chahiye 🙏
Akhilesh ki saajsh hai. Samajwadi ka chela hai. Hindu janta jago.
sarkar ko bahut sambhal kar chalna padega dusman desh me jyada hai
bidesh me kam
Dhul lene ke liye Bheed Bhed ban gai Dhul loot Nahin Paye Jivan Luta Diye
लडकी हूं लड सकती हूं प्रियंका गाँधी के रैली में भी ऐसा ही हुआ था
बाबाओ की क्षमता नही कि वे किसी का प्रारब्ध बदल सके
ये बाबा या कथावाचक हैं तो पता होना चाहिए कि भारतीय जलवायु अनुसार ये पारम्परिक विधान है कि बरसात के तीन-चार महीना बहुत वर्षा होती है तो इसलिए इसमें लम्बी यात्रा वाले और खुले में कोई धार्मिक सभा आदि नहीं होती। नहीं तो ऐसे ही हादसे और परेशानी होती हैं। लेकिन इस मौसम का सदुपयोग ऐसे होता था-- वर्षा ऋतु के चार महीने में सभी सम्प्रदाय का आध्यात्मिक शिविर का आयोजन ऐसी जगह होता है जो पक्का बना सभागार या कार्यक्रम स्थल हो। या फिर शिविर के लिए उपयुक्त मैदान या उद्यान में अस्थायी निर्माण से शिविर अवधि के लिए पहले से तैयार किया जाता है। ऐसे शिविर को चातुर्मास या वर्षावास कहते हैं। इसमें प्रतिदिन का आना-जाना नहीं होता था, बल्कि श्रद्धालु जन और साधुजन के रहने का इन्तजाम होता है। पहले बहुत बारिस होती थी और सड़के पुल आदि नहीं होते थे तो इसलिए इस तरह स्थायी या अर्ध-स्थायी कार्यक्रम स्थल में पुरे एडवांस तैयारी के साथ ध्यान/प्रवचन भजन/विचार विमर्श होता था। इसमें स्थानीय निवासी ही आना-जाना करते थे बाकी वही रहते थे। ऐसा शिविर होता तो अब भी है सभी प्राचीन हिन्दू बौद्ध जैन सम्प्रदायों में लेकिन कम मात्रा में, और उनका प्रसारण होता है तो लोग घर से भी जुड़ कर लाभ लेते हैं। क्योंकि ये साल में एक बार होने वाला लम्बा आयोजन होता है तो अधिक गंभीर साधकों के लिए इसमें किसी प्रसिद्ध महत्वपूर्ण ग्रन्थ का पूरा अध्ययन कराया जाता है।
सूरजपाल बाबा पूरे आरोप से मुक्त नही बाबा जाच है बाबा जी निरपेक्ष चिन्तन से न्याय की बात बोले
Very Good Baba ji . BJP Govt ki failure ko aap Akhlesh ko jimmedar bata rahe hain
बस मुआवजा!
आप का मतलब पैसा !
वो क्षतिपूर्ति परिवार से सदा के जुदा होने वाले, भरण-पोषण करने वाले, एक ही परिवार से कई-कई मैंबर इस भगदड़ मे जान गवाने वाले परिवारों का मुआवजा ही इलाज है नहीं, हां एैसी दुर्घटना द्वारा न घटे ये जरूरी है ।
असल में तमाम जिम्मेदारी हिन्दू समाज के मठाधीशों की है जिनको यही नहीं पता कि कौन किस भेष में क्या कर रहा है?
Akhilesh Yadav Sampurn Ghatna Ke Jimmedar Hai Baba Ko Arrest Karna Chahiye Sabhi Shajish Ka Khulasa Ho Jayega
Saajish kartaa Beshak Sapa ka Lal Topi hai🩸🩸🩸🩸🩸
किसानों ने धरना प्रदर्शन किया पब्लिक ने नहीं सोचा था कि हम लोग अपने आप पांव पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं फिर महंगाई बढ़ेगी फिर वो अपनी कटी टांग लेकर धरना प्रदर्शन करने वाले हैं कानून अगर अच्छी तो धरना प्रदर्शन पब्लिक ने
Babaji aap ki awaz fàs Rahi hai
डी एम एस पी की जिम्मेदारी फिक्स कर पहले दोनों को निलंबित किया जाना चाहिए।
It appears to be conspiracy.
Aajkal sansad mei kya ho rha hai ?opposition kaise behave kr rhi hai ?
साजिश तो।इसलिए दिख।रही।है।कि।बाबा के ।कर्मचारियों ने।पुलिस-प्रशासन को।बिलकुल भी नहीं आने।दिया है ।और दूसरी बात यह।है।कि।इतनी।बडी।संख्या में ।लोग आये ।उनका।कोई भी।इन्तजाम नहीं किया है ।तीसरी बात।बाबा खुद ही।कहता है कि।मेरे जाने के बाद ।पैरों की।मिट्टी जरूर लेना।और।भी।इस।प्रकार के ।कयी।बाते है।
Shameless peoples of UP voted such mafia parties. These people of UP want jaatiwad Pariwar wad
In Maharashtra pandharichi vari was oldest gathering of devotees .they walk ,sing,eat, sleep , worship together but never ever vitness such incidences till today.
Shrarti tatvon ki sajish
दुखद है
शंकराचार्यों को सुनने को तयार नही बाबाओं के पीछे भाग रहे हैं। सिर्फ चार मठों के सन्यासी ही धर्म के प्रचार के अधिकारी होने चाहिए जो वेदों काज्ञान दें और अंधविश्वास मिटाएं।
Ye sajish ho sakti hai
Omg
बाबा जी जेम्स बॉन्ड
सूरज पाल स्वय पुलिस हस्तक्षेप स्वीकार नही करते व्यवस्था मे
Puri sajish hea
Ek taraf pradhan mantri ka bhashan ho rha tha dusri trafa ye hatya, ye sab sajish h itne coincidence nhi ho sakte
Pradhan mantri ka shapat samaroh dusri taraf jammu me attack
Itne coincidence nhi ho sakte
Dharmik aayojan ki responsibility unhe ki honi chahyie Joh karwa raha hai!
राजनियतिक साजिश10000%
योगी विरोध में इंडि गठबंधन का खेल
जय श्री राम संदीप आर के सिंह
हिन्दू होने का मतलब जीवन जीने की एक पद्धति है। जीवन जीने का तरीका है, शैली है या स्टाइल है।
कहने का तात्पर्य है कि हिन्दू जीवन रचना सरल, तरल, और विरल है। हिन्दू होने का अपना एक विशिष्ट आनंद है।
वेदादिग्रन्थों में प्रतिपादित धर्म वैदिक धर्म है। वैदिक धर्म ही अन्य धर्मों के सापेक्ष सनातन धर्म या हिन्दू धर्म कहा जाता है। जो इसे मानते हैं, वे हिन्दू हैं। हिन्दू होना ही हिन्दूत्व है। इस प्रकार हिन्दू धर्म की समस्त विशेषतायें ही हिन्दूत्व है।
हिंदू भौतिकवादी हो सकते हैं। उन पर धर्म का कोई प्रतिबंध नहीं। उन्हें आध्यात्मिक होने की स्वतंत्रता है। उन पर किसी धर्म ग्रंथ का बोझ नहीं है। वे कोई भी विचार अपना सकते हैं। पुनर्जन्म प्राचीन हिंदू विश्वास है। हिंदू विवेक में इस धारणा के प्रति भी अंध विश्वास नहीं है। अंधविश्वास रहित लोकतंत्र हिंदुओं की ही देन है। हिंदू धर्म में धर्म के अतिक्रमण की भी परंपरा है। अपने आपको हिन्दू कहने वालों को सांप्रदायिक, हिंसक सिद्ध करने का कुत्सित प्रयास एक विशेष वर्ग का वोट पाने के लिए किया जा रहा है ये सरासर गलत हैं।
हमसब सनातनी की सोच यही होनी चाहिए कि भारत एक धर्मनिष्ठ आध्यात्मिक हिन्दू राष्ट्र हो, जहाँ की राजनीति सत्य सनातन धर्म हो। इसका संकल्प प्रत्येक धर्मप्रेमी को सत्यनिष्ठा से करना होगा।
हिन्दू होने पे प्रहार का अर्थ है -- सनातन हिंदु आस्थाओं पर मर्मांतक प्रहार। वर्तमान सेक्युलर व्यवस्था -- हिन्दू धर्म को नष्ट कर देना चाहती है|
अब हमसब की आस्था किसी भी राजनीतिक, धार्मिक या सामाजिक संगठन या समूह पर नहीं रही है। सिर्फ परमात्मा पर ही आस्था है| उन्हीं से प्रार्थना करेंगे| उन्हीं का वचन है --
अजोऽपि सन्नव्ययात्मा भूतानामीश्वरोऽपि सन् |
प्रकृतिं स्वामधिष्ठाय संभवाम्यात्ममायया ||४:६||
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत |
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदाऽऽत्मानं सृजाम्यहम् ||४:७||
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् |
धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे ||४:८||"
*जिसकी गौमाता में दृढ़ भक्ति हो, जो पुनर्जन्म के सिद्धान्त को मानता हो, ओकांर शब्द को मूल मंत्र के रूप में मानता हो- वहीं स्वयं को हिंदू कह सकता हैं।🙏*हिंदुत्व* की रक्षक गीताभवन आयुर्वेद संस्थान, हरिद्वार ने हमारे लिए गंगाजल युक्त अति पवित्र एवं स्वादिष्ट एकदम ठण्डा-ठण्डा *गुलाब शर्बत* तैयार किया है।
वैद्य संजय बिंदल 98684119869.
ये बाबा या कथावाचक हैं तो पता होना चाहिए कि भारतीय जलवायु अनुसार ये पारम्परिक विधान है कि बरसात के तीन-चार महीना बहुत वर्षा होती है तो इसलिए इसमें लम्बी यात्रा वाले और खुले में कोई धार्मिक सभा आदि नहीं होती। नहीं तो ऐसे ही हादसे और परेशानी होती हैं। लेकिन इस मौसम का सदुपयोग ऐसे होता था-- वर्षा ऋतु के चार महीने में सभी सम्प्रदाय का आध्यात्मिक शिविर का आयोजन ऐसी जगह होता है जो पक्का बना सभागार या कार्यक्रम स्थल हो। या फिर शिविर के लिए उपयुक्त मैदान या उद्यान में अस्थायी निर्माण से शिविर अवधि के लिए पहले से तैयार किया जाता है। ऐसे शिविर को चातुर्मास या वर्षावास कहते हैं। इसमें प्रतिदिन का आना-जाना नहीं होता था, बल्कि श्रद्धालु जन और साधुजन के रहने का इन्तजाम होता है। पहले बहुत बारिस होती थी और सड़के पुल आदि नहीं होते थे तो इसलिए इस तरह स्थायी या अर्ध-स्थायी कार्यक्रम स्थल में पुरे एडवांस तैयारी के साथ ध्यान/प्रवचन भजन/विचार विमर्श होता था। इसमें स्थानीय निवासी ही आना-जाना करते थे बाकी वही रहते थे। ऐसा शिविर होता तो अब भी है सभी प्राचीन हिन्दू बौद्ध जैन सम्प्रदायों में लेकिन कम मात्रा में, और उनका प्रसारण होता है तो लोग घर से भी जुड़ कर लाभ लेते हैं। क्योंकि ये साल में एक बार होने वाला लम्बा आयोजन होता है तो अधिक गंभीर साधकों के लिए इसमें किसी प्रसिद्ध महत्वपूर्ण ग्रन्थ का पूरा अध्ययन कराया जाता है।
esa hi Haryana mein Rampal hai