करो मन याद करणी ने।।KARO NIT YAAD KARNI NE||CHIRJA||

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  • čas přidán 4. 09. 2024
  • ।।चिरजा।।
    करो मन याद करणी को मेट सोच मेहाई।
    साह कि जहाज समंद्र में,तुरत अम्बा आन तिरवाई।
    हाकड़ो सिंध आवड़ के, समायो आंच के माई।।
    राव सेखा री सिंध म्हाई , थकि तू जेल छुड़वाई।
    बैठाय निज पीठ पर लायी , सांवली रूप दरशाई।।2।।
    कानिये दुष्ट ने अम्बा माँगी सो मोत मुह पाई।
    कृपा रिड़माल पर कीनी, धरा बिकाण बगसाई।।3।।
    मारग के माय महामाई चरवडी एक चढ़वाई।
    बिरवडी राव नव गण की, कटक नवलाख जिमवाई।।4।।
    दिवस निस भूल मत भाई, सदा जगदम्ब है सहाई।
    दुर्गादान देवल ने, सदा आनंद बगसाई।।5।।

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