देवनगरी के देवदर्शन पार्ट - 225 "श्री गुप्तेश्वर महादेव मंदिर और भूरिया बाबा की प्राचीन गुफा अणगोर

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  • čas přidán 12. 09. 2024
  • देवनगरी के देवदर्शन पार्ट - 225 " श्री गुप्तेश्वर महादेव मंदिर , श्री भूरिया बाबा की गुफा और गुरु पूर्णिमा महोत्सव , अणगोर गाँव , जिला सिरोही राजस्थान "
    भारतीय संस्कृति में गुरु पूर्णिमा का दिन बहुत खास है क्योंकि यह गुरु भक्त मिलन का दिन है , साधना और संकल्प का दिन है , प्रभु भक्ति का दिन है , उत्सव और उमंग का दिन है , जीव और शिव के मिलन का दिन है , ज्ञान , वैराग्य , तपस्या का दिन है और यही कारण है कि गुरु पुर्णिमा के दिन भक्तों का रुख गुरुओं , भगवान और मंदिरो की तरफ होता है और हर मंदिर मे पूजा , भक्ति , सतसंग , प्रसादी और भक्तों की भीड लगी रहती है ।
    जीवात्मा हमेशा परमात्मा से मिलने को आतुर रहता है क्योंकि जीवात्मा परमात्मा का अंश है लेकिन मन , माया और इन्द्रियों के वशीभूत होकर जीव चौरासी के चक्कर मे ही घूमता रहता है और गुरु ही जीव को शिव से मिलाने का मार्ग बताते हैं , चौरासी के चक्कर से बाहर निकालते हैं और इसिलिए गुरु का स्थान सर्वोपरि और गुरु पुर्णिमा का पर्व महापर्व है ।
    सिरोही से 12 किलोमीटर दूर अणगोर के पास श्री भूरिया बाबा के मंदिर का भी यही नजारा था । यहाँ भी श्री श्री 1008 श्री महादेव गिरी जी की पावन निश्रा मे गुरु पुर्णिमा मनाई गई ।
    जंगल मे मंगल को चरितार्थ करते हुए इस हजारों साल पुराने श्री गुप्तेश्वर महादेव मंदिर और पहाड़ी के उपर बनी श्री भूरिया बाबा की प्राचीन गुफा और धूणे के लोगों ने दर्शन किए , पूजा की ,सतसंग किया और परमपूज्य संत श्री श्री1008 श्री महादेव गिरी जी के सैकड़ों शिष्य गुजरात राजस्थान से यहां पहुंचे और सबने अपने अपने ढंग से गुरुदेव की पूजा पाठ करके आशिर्वाद लेकर गुरु पूर्णिमा को सार्थक किया और यही गुरु पूर्णिमा का महत्व है ।
    परमपूज्य संत श्री महादेव गिरी जी ने बताया कि गुप्तेश्वर महादेव गुप्त है जो गुफा मे विराजमान हैं , यह पहाड़ी स्वयं एक तीर्थ है जो सबको खींचती है , यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य खास है , यहाँ सभी जीव चीता , भालू , बंदर , सांप , बिच्छू और अनेक प्रकार के वन्य जीव और पशुपक्षी यहाँ निर्भय होकर घूमते हैं , पूरी पहाड़ी हरीभरी है और आने वाले समय मे यहाँ की हरियाली को वृक्षारोपण करके बढाया जायेगा । खाली जगह पर बरगद , पीपल , उबरे ( गूलर ) के 50 पौधे लगाकर यहाँ की हरियाली बढायी जायेगी ।
    देवनगरी के देवदर्शन एक आध्यात्मिक , सांस्कृतिक , धार्मिक और ऐतिहासिक यात्रा है जो सिरोही और आबूक्षेत्र के आध्यात्मिक , सांस्कृतिक , धार्मिक और ऐतिहासिक पक्ष को बताने का विनम्र प्रयास करती है ।
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    राजेन्द्र सिंह नरुका 'आनंद '
    " Sirohi Temples "

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