गुरुदेव ने जो भी कहा वो परम सत्य है। लेकिन इस कड़वे सत्य को हर कोई नहीं पचा पायेगा क्योंकि अगर इसको सभी लोग पचा लेंगे तो इसे कलियुग कौन कहेगा फिर तो ये सतयुग कहलायेगा। ये सत्य भरे बचन कलियुग के पृभाव से आदमी जो कुकर्म कर रहा है और अपने ही कुकर्मों से जो बुद्धि मलिन और नष्ट-भ्रष्ट हो चुकी है भला वो आदमी इस कलियुग में इस सत्य को कैसे स्वीकार कर लेगा
जय - जय गुरुवर , हरिहर शङ्कर । जय - जय गुरुवर , हरिहर शङ्कर । जगद्गुरु गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर परम पूज्य शंकराचार्य श्री स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज की जय🙏🔱🚩
उच्च कोटि के ज्ञाता श्री शंकराचार्य जी ने, पूर्ण दुनिया के मनुष्य को,एक ही विडियो में, सभी तरह के वर्तमान शिक्षा प्रणाली में सब विषय की व्याख्या तथा तमाम धर्मो को मानने वाले लोगों को प्रकृति सिद्धान्त हेतु महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश दिखा दिया है। दुनिया के लोगों सुधार जाओ। नहीं तो पर्यावरण, ग्लेशियर, युद्ध समझौता ढुड़ते रहोगे कुछ समाधान नहीं मिलेगा। बिजनेस एम्पायर भी खड़ा करते रहोगे लेकिन सुख अनांदमय नहीं मिल सकेंगे। गुरुवर को धन्यवाद, नमन।
Maharajshree g ko pranam aaj sanatan dharm ko bachana aur gay ki raksha karna, manvata ki raskha karna, jal, jangla, jamin, pashu, paskhi, vanshti, prakruti ko bachana ati aavshyak hai aur ye ham sabhi ka dayeetv hai.
कर्मानुसार वर्णव्यवस्था से ही देश विश्व गुरू बन सकता है वरना वही हाल होगा जो कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के साथ हुआ था इसलिए हिन्दुओं को बाँटने की नहीं जोड़ने की जरूरत है।
ॐ नमो नारायण 🙏🏵️ 'यद्यपि आत्मज्ञान और भक्ति की प्राप्ति मनुष्य मात्र को संभव है तथापि वर्ण व्यवस्था अपरिवर्तनीय सनातनी सत्य है, और रावण की भांति दुर्गति ब्राह्मण की और सद्गति महर्षि बाल्मीकि ' शूद्र रत्नाकर ' को भी संभव है। संसार, शरीर और सांसारिक संबंधों को ही अंतिम सत्य समझ लेने के कारण ही ऐसा अहंकार तुल्य अज्ञान उत्पन्न होता है।( बड़े भाग मानुष तन पावा, सनातन में जन्म लेने वाले को अहंकार जनित हस्तक्षेप फेर-बदल अशोभनीय है, ऐसे में भावी समय में जीवात्मा की अधोगति हो सकती है। पूर्व जन्म की स्मृति का लोप होना भी माया ही है, माया ही अज्ञान की जननी है।)
वर्ण व्यवस्था कर्म पर आधारित होगी तो ही समाज में मानव मूल्यों के सिद्धांत को लागू किया जा सकता है नही तो फिर दुनिया विनाश की ओर अग्रसर होती ही जा रही है और यही युग परिर्वतन का मुख्य कारण बनेगा।
ईश्वर ने वर्ण/जाति व्यवस्था को जन्म और कर्म दोनों से बनाया हैं किन्तु प्रधानता जन्म की ही होती हैं ।। यदि कर्म के अनुसार वर्ण/जाति का निर्धारण होने लगेगा तो लोग अपनीं मनमानी करेंगे और वर्ण/जाति व्यवस्था में किसी की मनमानी नहीं चलती हैं ।। मनमानी के कारण ही आज सभी मनुष्य विनाश की ओर अग्रसर हो रहें हैं ।।
कर्म के आधार पर् कोंन तय करेगा ? 30 साल की उम्र तक तो पता हि नही होता है कों से line मे जाए। इंजीनियरिंग कर के बैंक मे नौकरी करना कितना समय शक्ति का व्यय है ?
ब्रह्म जानाति( ब्राह्मणा) ब्रह्म सत्य को जानने और वैदिक नियमो का पालन करने वाला ही पंडित कहलाता है। इसलिए चित्र के साथ साथ चारित्र उत्तम है तो ही पूज्यनीय है। वरना कर्म हीन व्यक्ति की गिनती मलेच्छो में ही होगी।
Sahi kaha hai jai ho jai shree parasuram Jai shree ram jai hind jai maa bharti jai shree krishna jai pshuapathinath Jai shree Kashi jai bagushvar nath ❤❤❤❤❤
महाराज जी आपकी व्याख्या अगर उचित है तो एक तथ्य का विवेचन करें कि आज के समय में ऐसा कौनसा कर्म है जो केवल सर्व बुद्धि की विशेषता से ब्राह्मण ही कर सकता है और दूसरा कोई न कर सकें
आज के समय मे आपका दर्शन भारतीय समाज के लिए सही नही है इसलिए मै कहता हूं कि चैतन्य महाप्रभु जी, स्वामी विवेकानंद जी, रामानंदाचार्य जी के शिष्य कबीरदास जी रैदास जी गुरु नानक देव जी के सिद्धांत ही सर्वश्रेष्ठ है
#आप के सी विचारधारा के कारण देश कया हाल हुआ है देश 1000 वर्षों तक #गुलामी में रहा आप जैसे लोगों की वजह से अपने बहुसंख्यक समाज किस को अपने हिंदू धर्म से अपमानित करके बाहर रखा # मैं ऐसे कर्म विधान को नहीं मानता जो मेरे कर्मों का फल अगले जन्म में देता हूं मनुष्य का जन्म केवल एक संयोग है किसी भी जाती है धर्म में और केवल एक सहयोग के कारण मुझे भेदभाव किया जाए मेरा अपमान किया जाए मैं यह बर्दाश्त नहीं करूंगा # इसीलिए मैं सिर्फ वेदांत दर्शन को मानता हूं जो प्रत्येक मानव मात्र के लिए जाना कोई ऊंचा है ना कोई छोटा # आप जैसे रूढ़िवादी लोगों ने देश का नाश कर दिया है
@@mohitkumar-on2gijankari le lo pahle....inhone kitne upnishado ke bhasya likh Dale hai....200 se adhik granth likhe hai....drdo iisc aur iits bhi inse guidlines lete h...CZcams pe search kar lo
आपने कहा अच्छे कर्म से अगले जन्म में व्यक्ति ब्राम्हण बनता है फिर आप कह रहे कर्म पहले नहीं जन्म पहले उदाहरण लोटा , आपकी वाणी में विभेद है , अच्छे कर्म से योनियां मिलती होगी इसमें कुछ तर्कसंगतता है क्योंकि अच्छे कर्म किए तो मनुष्य ,या शेर या बकरी या पेड़ पौधे ,,,,पर अच्छे कर्म किए और जन्म ब्राम्हण में होगा ये तर्कसंगत नहीं क्योंकि जन्म अगर अमेरिका में मिला ,,,या कंबोडिया में तब तो वहां मानवकृत पंथ अलग-अलग है ,,,,,, वहां तो कोई वर्ण नहीं जिस प्रकार शेर एक जाति है बकरी भी एक जाति है फसलो की भी जातियां हैं यानि श्रेणियां हैं पर हम लोग मनुष्य जाति के है बाकी तो ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र समाज के द्वारा बनाए भेद है , ,,,,आप चाहते हैं डाक्टर का बेट डाक्टर हो 😂 चोर का बेटा हमेशा चोर हो आप जैसे महापुरुषों की बजह से देश गुलाम रहा ,,,
जय हो महाराज जी, सनातन सिद्धांत से बिमुख होने के कारण ही असंतुलन पैदा हो गया है, अयोग्य भी उच्च पद पर आसीन होगा तो जो स्थित होगी वह अब्यवस्था को ही जन्म देगी ।
क्षमा कीजिए गा आपकी बात मुझे संतुष्ट नही कर पाई। वर्ण व्यवस्था पर मेरी समझ आप से अधिक स्पष्ट और सत्य है। और ये बात मुझे दुःख से लिखनी पढ़ रही है। आप कहा शंकराचार्य के पद पर और में एक साधारण इंसान।
@@atharvamishra2813 mene dekha gurudev uttar... Mein thoda sa ashamaat hun... Karma wo jise parivar ka palanposaan hota hai... Ham nitya karm ko purna karma nahi kahe sakte.... Ek example hai.... Do bhai heain ek bhai poojapath... Jajmani karke jo bhi daan mein mila usi se apna parivaar ka bharanposhan karta hai aur satwik bhojan karta hai aur dushra bhai ek private job karta hai aur ushi se apna parivaar ka bharan posan karta hai aur nonveg aur sarab bhi pita hai.. Pura tamshik bhojan karta hai.... To dono kese brahaman hue. App agar kisi bhi parivaar pe janma liye ho apka gun satwik he and karma brahman bala hai tab wo bhi brahman hai...
@@atharvamishra2813 brahaman pribaar mein janma lena ek ashirwaad hai... Lekin uska mahatwa bhul ke sudra bala karma karna ek avishaap hai... Aur sudra kul mein janma lekar karma se jo brahaman bana wo mahaan hai..
@@atharvamishra2813 sache mann se nikla vyakhya atma se nikalta hai.... Apko lagta hai title se barna nirdhaarit hota hai to.. Kya hai vedvyaas ji ka title? Unke pita ka naam kya tha
Aur aaplog jo yeh batane ki kosis kar rhe Hain ki brahamano ke pasa adhyatma ki jayada power hai ye sirph mithya bate hai, agar koi v insaan sashtra ke bataye gaye tariko ka palan karega usme ye power aasani se aa jayegai
Thanks sant all suno Ram mukharbindu se sab taji je nar mam bharosa karihee tan taji mam dham sidharahee Sanchit prarabdha kriyaman teen karm hai sant kuchha karanee kuchha karam gati kuchh poorvaj kee den sant all suno badhayi poot pita ke dharme khetee upajayi apane karme jakar pita patakee hoyee take bans rahayi na koyee santo beero suno Ram jee kahate hai brahman ved sant gaoo drohee te nar priya nahi mohee gagar ne sagar suno sant thanks sant all the public and world view leader board sanjiv pranam jai
हे गुरूदेव भगवान आपका सदा ही जय । साष्टांग प्रणाम आपको हे गुरूदेव भगवान । आप सनातन का ईश्वर स्वरूप इस पृथ्वी पर विराजमान है ।हे भगवान आपका सदा ही जय हो । जय जगन्नाथ हर हर महादेव
Abtar ka Abtaran ko jo log nahi samajhe hey, fir Abtari aur Abtarit ko vi samajh na Jatil hey @ Gandhi ji ko samajhne wale, Mahanubhav Pujya Sankaracharya ko samajh na unke liye Kathin nahi balki namukin hoga # Jay Jagarnnath 🙏🚩
शंकराचार्य जी की व्याख्या पूर्ण रूप से अपनी सत्ता को बनायें रखने बाली है सच्चाई ये है कि आदि काल में मानव समाज को संगठित और व्यवस्थित चलाने के लिए वर्ण व्यवस्था बनाई गई थी जैसे की आधुनिक युग में संविधान बनाकर मंत्रालय का वितरण किया जाता है
इतना समझाने के बाद भी यदि समझ नहीं आए लोगों को फिर उनका कोई उपाय नहीं है उनके भाग्य में भ्रष्ट होना और संस्कृति को भ्रष्ट करने का श्रेय ही लिखा हुआ है।
जाति जन्म से या कर्म से इसके लिए व्यवहारिक होकर सोचना चाहिए। क्योंकि कर्म से होगी तो कौन तय करेगा लोगो का वर्ण और उसमे फिर अपने लोगो को favour किया जाएगा। जन्म से इसलिए कहते होंगे क्योंकि ये सब संस्कार से होता है जो बच्चा पैदा होने के बाद बचपन से किशोरावस्था तक ग्रहण करता है घर के माहौल के हिसाब से।
हमारे ऋषि मुनियों ने जो सूक्ष्म ज्ञान खोज के निकला है उसके व्यतीरिक्त भारत के पास दूसरा कोई रास्ता नहीं...
गुरुदेव ने जो भी कहा वो परम सत्य है। लेकिन इस कड़वे सत्य को हर कोई नहीं पचा पायेगा क्योंकि अगर इसको सभी लोग पचा लेंगे तो इसे कलियुग कौन कहेगा फिर तो ये सतयुग कहलायेगा। ये सत्य भरे बचन कलियुग के पृभाव से आदमी जो कुकर्म कर रहा है और अपने ही कुकर्मों से जो बुद्धि मलिन और नष्ट-भ्रष्ट हो चुकी है भला वो आदमी इस कलियुग में इस सत्य को कैसे स्वीकार कर लेगा
Bilkul spashta or sahi vachan kaha aapne. Narayan🙏🏻
कोटि कोटि प्रणाम
🙏🙏🙏🙏🙏
जय - जय गुरुवर , हरिहर शङ्कर ।
जय - जय गुरुवर , हरिहर शङ्कर ।
जगद्गुरु गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर परम पूज्य शंकराचार्य श्री स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज की जय🙏🔱🚩
aap bilkul sidhantik baat karte h ,aapke vachno se purn santusti hoti h jay sri ram
हरहरमहादेव जैगुरूदेवभगवान सादरचरणस्पर्स सुन्दर और दिव्य रूप बहुत महत्वपूर्ण बात बधाई
उच्च कोटि के ज्ञाता श्री शंकराचार्य जी ने, पूर्ण दुनिया के मनुष्य को,एक ही विडियो में, सभी तरह के वर्तमान शिक्षा प्रणाली में सब विषय की व्याख्या तथा तमाम धर्मो को मानने वाले लोगों को प्रकृति सिद्धान्त हेतु महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश दिखा दिया है। दुनिया के लोगों सुधार जाओ। नहीं तो पर्यावरण, ग्लेशियर, युद्ध समझौता ढुड़ते रहोगे कुछ समाधान नहीं मिलेगा। बिजनेस एम्पायर भी खड़ा करते रहोगे लेकिन सुख अनांदमय नहीं मिल सकेंगे। गुरुवर को धन्यवाद, नमन।
Jai shree krishna 🙏🙏🙏🙏💕🙏🙏 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 💕
ब्रह्माण्ड के समस्त साधु संतो दिव्यात्माओं साधकों सिद्धगणों महात्माओं एवं सभी ऋषि मुनियों को साष्टांग दंडवत प्रणाम।🕉️🚩🙏
जन्मसे.... प्रणाम... विप्र देव... गुरु वर।
जिस प्रकार के गुण होंगे उसी प्रकार के कर्म करेगा इंसान और उसी आधार पर उसके अधिकार निर्धारित होंगे!
गुरुदेव के चरणों में कोटि कोटि नमन 🙌🙌🙌🙏🙏
बहुत सुंदर सरल विवेचन श्रीमन्। धन्य हुआ आपका ज्ञानवर्धक विवेचन सुनकर। चरण स्पर्श प्रणाम गुरुदेव
ॐ शंकराचार्याय गुरवे नमः🙏
Maharajshree g ko pranam aaj sanatan dharm ko bachana aur gay ki raksha karna, manvata ki raskha karna, jal, jangla, jamin, pashu, paskhi, vanshti, prakruti ko bachana ati aavshyak hai aur ye ham sabhi ka dayeetv hai.
परमपूज्य महाराज जी के श्री चरणों में शत-शत नमन.
कर्मानुसार वर्णव्यवस्था से ही देश विश्व गुरू बन सकता है वरना वही हाल होगा जो कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के साथ हुआ था इसलिए हिन्दुओं को बाँटने की नहीं जोड़ने की जरूरत है।
सत्य को मूर्ख सहन नहीं कर सकते
मूर्ख को सामान्य बातें भी नहीं समझ आती
ये बातें प्रभु कृपा के बिना कहाँ समझ में आएगी
ॐ नमो नारायण 🙏🏵️
'यद्यपि आत्मज्ञान और भक्ति की प्राप्ति मनुष्य मात्र को संभव है तथापि वर्ण व्यवस्था अपरिवर्तनीय सनातनी सत्य है, और रावण की भांति दुर्गति ब्राह्मण की और सद्गति महर्षि बाल्मीकि ' शूद्र रत्नाकर ' को भी संभव है। संसार, शरीर और सांसारिक संबंधों को ही अंतिम सत्य समझ लेने के कारण ही ऐसा अहंकार तुल्य अज्ञान उत्पन्न होता है।( बड़े भाग मानुष तन पावा, सनातन में जन्म लेने वाले को अहंकार जनित हस्तक्षेप फेर-बदल अशोभनीय है, ऐसे में भावी समय में जीवात्मा की अधोगति हो सकती है। पूर्व जन्म की स्मृति का लोप होना भी माया ही है, माया ही अज्ञान की जननी है।)
वर्ण व्यवस्था कर्म पर आधारित होगी तो ही समाज में मानव मूल्यों के सिद्धांत को लागू किया जा सकता है नही तो फिर दुनिया विनाश की ओर अग्रसर होती ही जा रही है और यही युग परिर्वतन का मुख्य कारण बनेगा।
एक बार कथा वाचक यामिनी देवी साहू करके सर्च मारके देखे युटुब में । मुझे रिप्लाई जरूर करे सर्च मारके के बाद 😢❤
ईश्वर ने वर्ण/जाति व्यवस्था को जन्म और कर्म दोनों से बनाया हैं किन्तु प्रधानता जन्म की ही होती हैं ।। यदि कर्म के अनुसार वर्ण/जाति का निर्धारण होने लगेगा तो लोग अपनीं मनमानी करेंगे और वर्ण/जाति व्यवस्था में किसी की मनमानी नहीं चलती हैं ।। मनमानी के कारण ही आज सभी मनुष्य विनाश की ओर अग्रसर हो रहें हैं ।।
कर्म के आधार पर् कोंन तय करेगा ?
30 साल की उम्र तक तो पता हि नही होता है कों से line मे जाए। इंजीनियरिंग कर के बैंक मे नौकरी करना कितना समय शक्ति का व्यय है ?
ब्रह्म जानाति( ब्राह्मणा) ब्रह्म सत्य को जानने और वैदिक नियमो का पालन करने वाला ही पंडित कहलाता है। इसलिए चित्र के साथ साथ चारित्र उत्तम है तो ही पूज्यनीय है। वरना कर्म हीन व्यक्ति की गिनती मलेच्छो में ही होगी।
@@ravikantvajpayee245 आधा सहीं हैं , आधा गलत हैं ।।
Bhahut Sahi Uttar diya Maharaj Ji ne💐
परम पूज्य भगवान श्री महाराज जी के चरणों में बारंबार प्रणाम
Kahi na kahi ayodhya me bjp ke haar ka Karan Ram mandir me shankaracharya ji ki anupsthiti rahi 😢😢❤....jay jagannath
Om jai gurudev bhagwan 🌺🌹❤️🙏🙏
🛕🕉Jai Jai ShriJagannath🦚Prabhu Ankara Chamatkar Satya Bani for🇮🇳 Sanatan Sanskruti Peoples by Puri Gobardhan Mathadhish Swami Jagatguru Nishchalananda Saraswati Ji Maharaj 🌻👏❤🌻👏❤🌻👏❤🇮🇳ShriRadhe👍
Sahi kaha hai jai ho jai shree parasuram Jai shree ram jai hind jai maa bharti jai shree krishna jai pshuapathinath Jai shree Kashi jai bagushvar nath ❤❤❤❤❤
महाराज जी आपकी व्याख्या अगर उचित है तो एक तथ्य का विवेचन करें कि आज के समय में ऐसा कौनसा कर्म है जो केवल सर्व बुद्धि की विशेषता से ब्राह्मण ही कर सकता है और दूसरा कोई न कर सकें
Wahi to
गुरुदेव की चरणों में कोटि कोटि प्रणाम है!
गुरुदेव जी की जय हो,, बेटियों के मान सम्मान को तो खत्म ही कर रखा है सारे वर्ण संकर लोगो ने
Chal jhootha 😂
Gurudev aap ka aasirwad hamesa hamare shath he Narayan Narayan gurudev 🙏🏻🙏🏻💐💐
aapne bilkul sahi samjhaya aadrighayu ho ,yuhi hamlogo ka margdarsan krte rahe jay jagannath swami
ऋग्वेद पूर्वाम्नाय अनन्त श्री विभूषित श्रीमद्जगद्गुरु शंकराचार्य चरणकमलेभ्यौ नमः। ॐ नमः शिवाय ॐ नमःशिवाय 🙏🙏🙏
Koti koti parnam shankaraachaary guru maharaj ji ki🌹 🙏🙏🙏🙏🌹
भगवान् शंकराचार्य के चरणों में दंडवत प्रणाम
आज के समय मे आपका दर्शन भारतीय समाज के लिए सही नही है इसलिए मै कहता हूं कि चैतन्य महाप्रभु जी, स्वामी विवेकानंद जी, रामानंदाचार्य जी के शिष्य कबीरदास जी रैदास जी गुरु नानक देव जी के सिद्धांत ही सर्वश्रेष्ठ है
जो अप जैसे दोगला पापी अदमी किया दर्शन करेगा
इतना अच्छा समझाऐ है तभी तुम्हें समझनहीं आया😂 गोत्र को मनाना बंद कर दो
शंकराचार्य जी महाराज के चरणों में सादर दण्डवत प्रणाम अति उत्तम विश्लेशण।
ॐ वसुदेवसुतं देवं कंसचाणुरमर्दनम्। देवकी परमानन्दम् श्री कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्।।🕉️🚩🙏
आदिशंकराचार्य के समय और बाद मेें तमाम साधु-संत हुए , फिर भी भारतवर्ष गुलाम क्यों हुआ ? वन्देभारतमातरम।
Bharat ki gulami kb se time pta hai
क्षत्रिय का कार्य है !
Sankrachrya bhagwan ki jai ho
#आप के सी विचारधारा के कारण देश कया हाल हुआ है देश 1000 वर्षों तक #गुलामी में रहा आप जैसे लोगों की वजह से अपने बहुसंख्यक समाज किस को अपने हिंदू धर्म से अपमानित करके बाहर रखा
# मैं ऐसे कर्म विधान को नहीं मानता जो मेरे कर्मों का फल अगले जन्म में देता हूं मनुष्य का जन्म केवल एक संयोग है किसी भी जाती है धर्म में और केवल एक सहयोग के कारण मुझे भेदभाव किया जाए मेरा अपमान किया जाए मैं यह बर्दाश्त नहीं करूंगा
# इसीलिए मैं सिर्फ वेदांत दर्शन को मानता हूं जो प्रत्येक मानव मात्र के लिए जाना कोई ऊंचा है ना कोई छोटा
# आप जैसे रूढ़िवादी लोगों ने देश का नाश कर दिया है
सम्पूर्ण सत्य आप का विचार है
ए ढोंगी है। ब्राह्ममण धर्म थोपना चाहता है लोगो पर
Iski aukat vedant Tak ki nhi h😂
@@mohitkumar-on2gijankari le lo pahle....inhone kitne upnishado ke bhasya likh Dale hai....200 se adhik granth likhe hai....drdo iisc aur iits bhi inse guidlines lete h...CZcams pe search kar lo
I support you
अभी तो हिन्दुत्व की सरकार मानते है लेकिन गौ हत्या अभी भी हो रहीं है फिरभी कुछ लोग उनका विरोध करते है वो कौन लोग है
🙏🏻जय गुरुदेव ।
हरि ॐ 🙏
JAY SHRI KRISHNA GURUDEV🙏🙏
Jagadguru Shankaracharya Bhagwan ki Jai 🙏
Sant samaj ki jay ho satya sanatan dharm ki jay ho
आपने कहा अच्छे कर्म से अगले जन्म में व्यक्ति ब्राम्हण बनता है
फिर आप कह रहे कर्म पहले नहीं जन्म पहले उदाहरण लोटा ,
आपकी वाणी में विभेद है , अच्छे कर्म से योनियां मिलती होगी इसमें कुछ तर्कसंगतता है क्योंकि अच्छे कर्म किए तो मनुष्य ,या शेर या बकरी या पेड़ पौधे ,,,,पर अच्छे कर्म किए और जन्म ब्राम्हण में होगा ये तर्कसंगत नहीं क्योंकि जन्म अगर अमेरिका में मिला ,,,या कंबोडिया में तब तो वहां मानवकृत पंथ अलग-अलग है ,,,,,, वहां तो कोई वर्ण नहीं
जिस प्रकार शेर एक जाति है बकरी भी एक जाति है फसलो की भी जातियां हैं यानि श्रेणियां हैं पर हम लोग मनुष्य जाति के है बाकी तो ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र समाज के द्वारा बनाए भेद है , ,,,,आप चाहते हैं डाक्टर का बेट डाक्टर हो 😂 चोर का बेटा हमेशा चोर हो आप जैसे महापुरुषों की बजह से देश गुलाम रहा ,,,
जय हो महाराज जी, सनातन सिद्धांत से बिमुख होने के कारण ही असंतुलन पैदा हो गया है, अयोग्य भी उच्च पद पर आसीन होगा तो जो स्थित होगी वह अब्यवस्था को ही जन्म देगी ।
Aapke jaise log hindu dharm me dharmantran ke karan hai
गुरु देव को शत नमन🙏🙏🙏
Om Shree Sadgurudev Bhagwan ki Jai 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🇮🇳🌹🌍🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
क्षमा कीजिए गा आपकी बात मुझे संतुष्ट नही कर पाई। वर्ण व्यवस्था पर मेरी समझ आप से अधिक स्पष्ट और सत्य है। और ये बात मुझे दुःख से लिखनी पढ़ रही है। आप कहा शंकराचार्य के पद पर और में एक साधारण इंसान।
Aapki kya ray hai maharaj ji
जय जय गुरुवर
चातुर्वर्ण्यं मया सृष्टं गुणकर्मविभागशः ।
तस्य कर्तारमपि मां विद्ध्यकर्तारमव्ययम् ॥ ४- १३ ॥
Bataya h gurudev ne iska uttar video me aur anek purva mahan acharyo ke bhasya ko padh lijiye is shlok par uttar mil jaega
@@atharvamishra2813 mene dekha gurudev uttar... Mein thoda sa ashamaat hun... Karma wo jise parivar ka palanposaan hota hai... Ham nitya karm ko purna karma nahi kahe sakte.... Ek example hai.... Do bhai heain ek bhai poojapath... Jajmani karke jo bhi daan mein mila usi se apna parivaar ka bharanposhan karta hai aur satwik bhojan karta hai aur dushra bhai ek private job karta hai aur ushi se apna parivaar ka bharan posan karta hai aur nonveg aur sarab bhi pita hai.. Pura tamshik bhojan karta hai.... To dono kese brahaman hue. App agar kisi bhi parivaar pe janma liye ho apka gun satwik he and karma brahman bala hai tab wo bhi brahman hai...
@@atharvamishra2813 brahaman pribaar mein janma lena ek ashirwaad hai... Lekin uska mahatwa bhul ke sudra bala karma karna ek avishaap hai... Aur sudra kul mein janma lekar karma se jo brahaman bana wo mahaan hai..
@@nimaicharan7107 apne man se vyakhya nhi hoti shastro ki 🙂
@@atharvamishra2813 sache mann se nikla vyakhya atma se nikalta hai.... Apko lagta hai title se barna nirdhaarit hota hai to.. Kya hai vedvyaas ji ka title? Unke pita ka naam kya tha
🙏🌹🌹🌹🙏
Guruji ko koti koti naman🙏🙏🙏🙏
Maharaj ke Charanon Mein Koti Koti Naman
Aur aaplog jo yeh batane ki kosis kar rhe Hain ki brahamano ke pasa adhyatma ki jayada power hai ye sirph mithya bate hai, agar koi v insaan sashtra ke bataye gaye tariko ka palan karega usme ye power aasani se aa jayegai
JAI SHRI JAGADGURU SHANKARACHARYA JI MAHARAJ...🙏🕉️🙏🔱🙏🌺
Agar sabhi manushay manu ki shantane hai to hum sab kshatriye kyo nahi hue? Aur manu ke pitamah kashyap hai to vo aur fir hum sabh brahman kyo nahi?
Thanks sant all suno Ram mukharbindu se sab taji je nar mam bharosa karihee tan taji mam dham sidharahee Sanchit prarabdha kriyaman teen karm hai sant kuchha karanee kuchha karam gati kuchh poorvaj kee den sant all suno badhayi poot pita ke dharme khetee upajayi apane karme jakar pita patakee hoyee take bans rahayi na koyee santo beero suno Ram jee kahate hai brahman ved sant gaoo drohee te nar priya nahi mohee gagar ne sagar suno sant thanks sant all the public and world view leader board sanjiv pranam jai
Bhagawan shankaracharya ji ki jay ho
❤❤❤❤❤ saat dip nau Khand mein Guru se bada Na koi sare Tirath dham aapke
Past karma, results in present janama,maharaja.
सनातन धर्म के सम्रात की जय हो जय श्री राम
Jay GuruDev 🙏🌹
JAI MAA KAALI 🙏🕉️🙏🚩
हे गुरूदेव भगवान आपका सदा ही जय ।
साष्टांग प्रणाम आपको हे गुरूदेव भगवान ।
आप सनातन का ईश्वर स्वरूप इस पृथ्वी पर विराजमान है ।हे भगवान आपका सदा ही जय हो ।
जय जगन्नाथ
हर हर महादेव
Abtar ka Abtaran ko jo log nahi samajhe hey, fir Abtari aur Abtarit ko vi samajh na Jatil hey @ Gandhi ji ko samajhne wale, Mahanubhav Pujya Sankaracharya ko samajh na unke liye Kathin nahi balki namukin hoga # Jay Jagarnnath 🙏🚩
Sab loton ka ek hi karam hai .liquid ko apanay ma rakhna.
गुरुजी मेरा सवाल है कर्म क्या है बर्न क्या है और धर्म क्या है जरा हमारे जैसे लोगों को समझाइए।
જગન્નાથ સ્વામી નયન પથગામી ભવતુ મે🙏 ભગવાન શ્રી શંકરાચાર્ય જી ના ચરણોમાં કોટી કોટી નમન🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत सटीक जानकारी जय हो प्रभु🙏
Radhe Radhe Krishna guru dev ji 🙏🙏
जय हो श्री गुरु जी
हर हर महादेव
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फले सु कदाचन। मा कर्मफल हेतुर्भूर्माते सङ्गोऽस्त्कर्मणि।।🕉️🚩🙏
इसका अर्थ यह नहीं हैं कि हर मनुष्य को अपनीं मनमानी करनीं चाहिए ।।
Shankaracharya ji ko kote kote parnam kote kote kote naman 🙏
Guru ji Pranam
Har har Mahadev
Pranam at feet of Sankracharya ji.
शंकराचार्य जी की व्याख्या पूर्ण रूप से अपनी सत्ता को बनायें रखने बाली है सच्चाई ये है कि आदि काल में मानव समाज को संगठित और व्यवस्थित चलाने के लिए वर्ण व्यवस्था बनाई गई थी जैसे की आधुनिक युग में संविधान बनाकर मंत्रालय का वितरण किया जाता है
Gurudev koti koti pranam.With this narration you have cleared all my doubts.I deeply regret for anything I may have said opposing
Agyan vash Kai hinduo ne gaaliya di hn guru dev ko magar agar un 10 hinduo me se ek bhi hamari baat samajh Gaya to bohot h.
जय शंकराचार्य
Aap ki banayi gayi puri byawasth hi bina sidhant ki hai,
Har Har Mahadav ❤
👍
इतना समझाने के बाद भी यदि समझ नहीं आए लोगों को फिर उनका कोई उपाय नहीं है उनके भाग्य में भ्रष्ट होना और संस्कृति को भ्रष्ट करने का श्रेय ही लिखा हुआ है।
❤❤❤❤har har mhadev
lakho varso puran varn vaivastha h aur bilkul sahi h ,agar rishiyo ki nhi manoge to Gandhi ji ko to mano
बिल्कुल सही
जाति जन्म से या कर्म से इसके लिए व्यवहारिक होकर सोचना चाहिए। क्योंकि कर्म से होगी तो कौन तय करेगा लोगो का वर्ण और उसमे फिर अपने लोगो को favour किया जाएगा। जन्म से इसलिए कहते होंगे क्योंकि ये सब संस्कार से होता है जो बच्चा पैदा होने के बाद बचपन से किशोरावस्था तक ग्रहण करता है घर के माहौल के हिसाब से।
अब समझा भीमराव अंबेडकर ने धर्म परिवर्तन क्यों किया था। इसी तरह के प्रवचनों के कारण आज भी बहुत से लोगों का सनातन से मोह भंग हो रहा है
unke yaha vaikalpnik se log labh le rahe hamare yha khandani prmpra thi tab labh nhi le rahe h jay shivaji maharaj jay jagannath swami
हर हर महादेव जय जगन्नाथ जी
गुरुदेव आपकी व्याख्या अदभुत और अकाट्य है।सदर प्रणाम।
Janm se hai read shanti parva chapter 188 verse 10 to 20
गुरु देव भगवान शंकराचार्य स्वामी श्री को नमन
तर्कपूर्ण विवेचन
वर्ण व्यवस्था कर्म से है
ଶ୍ରୀ ଗୁରୁ ଭଗବାନ ଙ୍କ ଶ୍ରୀ ଚରଣେ କୋଟି କୋଟି ପ୍ରଣାମ
Shiv