तुझी में रात हो जाना ,तुझी में भोर हो जाना। कभी तुम सुन नहीं पाया कभी मैं कह नहीं पाया। प्रेम वाणी।

Sdílet
Vložit
  • čas přidán 9. 09. 2024
  • यूग कवि डॉ कुमार विश्वास जी के पावन वाणी में प्रेम प्रसंग कविता। एक प्रेमी और प्रेमिका की बिच की बात। खूबसूरत ऑडिटोरियम बापू सभागार पटना में।

Komentáře • 4