Shiv DAAK KAWAD gomukh to Rohtak Haryana ROUTE Trip 2018 08 03

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  • čas přidán 8. 09. 2024
  • क्या होती हैं डाक कावंड़
    ऐसा माना जाता है कि कांवड़िए कांवड़ लेकर लंबी यात्राएं करते हैं लेकिन बीच में विश्राम भी लेते हैं। लेकिन जब बात डाक कांवड़ की आती है तब उन्हें बीच में विश्राम करने की अनुमति नहीं होती है। डाक कांवड़ में जब एक बार कांवड़ उठा लेते हैं तब बिना गंतव्य तक पहुंचे हुए वो रुकते नहीं हैं। डाक कांवड़ियों को एक निश्चित समय सीमा के अंदर ही शिवालय में जलाभिषेक करना होता है। ऐसा माना जाता है यात्रा के दौरान कांवड़िये मूत्र- मल भी नहीं त्यागते हैं। अगर नियमों को कोई तोड़ता है तो यात्रा खंडित हो जाती है। आमतौर पर डाक कावंडि़ए समूह में चलते हैं लेकिन कभी -कभी ये किसी वाहन का इस्तेमाल भी करते हैं
    डाक कांवड़ यात्रा के नियम
    डाक कांवड़ियों के लिए तामसिक भोजन करने की मनाही होती है और उन्हें सात्विक रहने की सलाह दी जाती है।
    सिर्फ भोजन ही सात्विक नहीं बल्कि उन्हें किसी भी नशे का सेवन करने की भी मनाही होती है।
    डाक कांवड़ों के नियम के अनुसार पैदल यात्रा की सलाह दी जाती है।
    यात्रा को बहुत ही पवित्र माना जाता है और मन के साथ शरीर की शुद्धि भी जरूरी होती है।
    डाक कांवड़िए अपने गंगाजल भरे कांवड़ को जमीन पर नहीं रख सकते हैं और कहीं रुक भी नहीं सकते हैं।
    डाक कांवड़ यात्रा शुरू होने के बाअद शिव जी के जलाभिषेक तक बिना रुके लगातार चलती है।
    कांवड़ यात्रा के प्रकार :-
    कांवड़ यात्रा मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है पहली डाक कांवड़ और दूसरी खड़ी कांवड़ यात्रा। डाक कांवड़ यात्रा में कांवड़िए बिना रुके हुए यात्रा पूरी करते हैं और खड़ी कांवड़ यात्रा में मुख्य कांवड़ियों के साथ उनके सहयोगी अपने कंधे पर उनकी कांवड़ ले लेते हैं और कांवड़ को लेकर वह एक ही जगह पर खड़े रहते हैं।
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