Shree ChandraPrabh Ji Maharaj :कैसे घोलें रिश्तों में प्रेम और मिठास

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  • čas přidán 22. 09. 2015
  • अंतर्राष्ट्रीय साधना तीर्थ संबोधि धाम, जोधपुर राजस्थान द्वारा प्रस्तुत
    देश के महान प्रवचनकार राष्ट्र-संत महोपाध्याय श्री ललितप्रभ सागर जी
    महाराज का प्रवचन
    विषय - कैसे घोलें रिश्तों में प्रेम और मिठास
    स्थान - आजाद चौक मैदान, भीलवाड़ा राजस्थान
    दिनांक - 20 अगस्त, 2015, गुरुवार
    जैसे बिना पानी का तालाब और बिना पैसे का पर्स काम का नहीं होता ठीक वैसे
    ही बिना प्रेम का परिवार होता है। अगर हम अपने सातों वारों को आनंददायी
    बनाना चाहते हैं तो पहले आठवें वार परिवार को प्रेम और मिठास से भरें।

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