GOREGAON MUHURAT VADHAMNA || SAIYAM SATKAR UTSAV || MOKSH BHAI || MANAV BHAI DIKSHA (PART 2)

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  • čas přidán 28. 08. 2024

Komentáře • 55

  • @prachispecial4531
    @prachispecial4531 Před 3 lety +8

    मुझे बहुत दुःख हुआ उन माँ बाप का क्या होगा जो बुढे हो गये है एक बच्चा तो उनको सभांलने के लिये रखते ..मोक्ष 😭😭 कितना छोटा है उससे होगा क्या ?साधु जीवन जीना 😭😭

  • @sreekol45
    @sreekol45 Před 2 lety +2

    Attaining moksha is also possible if you do god’s work - taking care of the needy and helping the world. Renouncing everything will probably only cleanse only your own soul, but helping the world will bring in much more. That is a bigger calling.

  • @sandhyaoswal7426
    @sandhyaoswal7426 Před 3 lety +11

    Agr diksha se moksh milta hai toh mai ready hu ..kaha or kis muni se milna hai ..or agr 1 2 month year me moksh nhi mila tb mera kya future hai...brbad hi hona hai bs

    • @therecyclecentre4020
      @therecyclecentre4020 Před 3 lety +5

      Inlogo ka brain wash hota hai....inko safed kapde mein hi aapna future dikhta hai.

  • @radheshyampatel1578
    @radheshyampatel1578 Před 3 lety +2

    હું પટેલ છું , મે દિક્ષા ના બધા વિડીયો જોયા , જૈન ધર્મમાં અદ્ભુત ત્યાગ છે, મને દિક્ષા પછીના જીવન વિશે પણ જાણવાનું મન થાય છે. જય જીનન્દ્ર

  • @sushmakumari9597
    @sushmakumari9597 Před 3 lety +4

    Kya ye family kabhi apne bacho se kabhi nahi milegi kya not even their children.please tell us.

  • @chiku7872
    @chiku7872 Před 3 měsíci

    Ab. Dono bache and unki family kaha aur kaise hai ???

  • @sreekol45
    @sreekol45 Před 2 lety +2

    Where are they now? Do they get to see each other at all?

  • @sreekol45
    @sreekol45 Před 2 lety +2

    Anyone knows how the family is doing now?

  • @ushaut3583
    @ushaut3583 Před 3 lety +2

    Ab is logo ne kaise Hein video karke dal dijiye

  • @deepikamishra2427
    @deepikamishra2427 Před 3 lety +5

    Sharm aani chahiye in parents ko jinhone khud to apni life enjoy kar li or in masum baccho ki life spoil kar rhe h. Ese logo ko kya moksh milegi.shamful work

    • @darshanashah3413
      @darshanashah3413 Před 2 lety

      Its not a shameful workA diksha makes you forgivable and makes the punsihes or harmfull things you have done

    • @sharilsaxena6693
      @sharilsaxena6693 Před rokem

      Very true

    • @karunasingh585
      @karunasingh585 Před 4 měsíci

      Chota vala bacha to kar lega usko adat hojegi par bada ladka shyad usko problem ho bcz vo apni mein comfort janta hai.

  • @akshaytikhat689
    @akshaytikhat689 Před 4 lety +5

    Sadhuji mobil use krte haii kya

  • @kalpanashah3672
    @kalpanashah3672 Před 10 měsíci

    Jayjinered very good Anumdana kalpana shah gpo Ahmedabad

  • @anikarawat6099
    @anikarawat6099 Před 3 lety +2

    Mokash lene ke baad 1,2 month ke baad kya ye vapas ghar aa jate h

  • @dhanshreevyas5989
    @dhanshreevyas5989 Před 3 měsíci

    after 4 years how are the 2 sons and their studies of dharma

  • @jaiminaajol8335
    @jaiminaajol8335 Před 4 lety +3

    ક્યાંનો છે આ દીક્ષા સમારંભ

  • @RaviYadav-ol9qy
    @RaviYadav-ol9qy Před 4 lety +2

    Socha nhi kabhi esa bhi hota hi

  • @nainagupta2914
    @nainagupta2914 Před 3 lety +1

    Ye kaisa milta h plz koi to Bata do

  • @ahirani3869
    @ahirani3869 Před 4 lety +3

    agau me bhavya ben no dixa samaroh joyelo..temna mata pita pn aa video ma jowa mle 6..yemno ne aa family no shu sabandh 6??? plz jnavjo

  • @neetagandhi9963
    @neetagandhi9963 Před 4 lety +2

    jinshasan no jay jaykar ke jema ava mahan atamao Che.

    • @virbahadurjain6182
      @virbahadurjain6182 Před 4 lety

      जय जिनेंद्र। आइए ! एकाभवतारी अर्थात् एकावतारी बनिए ( एक भव में मोक्ष )। इसी भव में तो पंचम काल में जन्मे हुओं का मोक्ष भगवान महावीर स्वयं मना कर गए। गुरु ज्ञानी भगवन फरमाते हैं इस आरे के अंत तक एक भव करके मोक्ष पाने वाले होते रहेंगे।
      लक्ष्य ऊंचा हो शिखर तक न भी पहुंच सकें तो भी प्राप्तियां ऊंची हो जाती है और लक्ष्य ही सामान्य हो तो प्राप्तियां भी सामान्य ही रह जाती हैं।
      शुद्ध संयम और तप से एक अथवा ज्यादा भव भी हो सकते हैं जैसे सुबाडु कुमार। और श्रावक भी एकाभवतारी हुआ करते हैं।
      ज्ञाताधर्मकथा सूत्र भगवान में मल्ली भगवान के अ० में तीर्थंकर गोत्र बंध के .20 बोल कहे हैं। एक या सभी की आराधना में उत्कृष्ट रस आने से तीर्थंकर गोत्र बंधता है जिससे एकाभवतारी हो जाते हैं। तीर्थंकर ना भी बन सकें जिनका रस एकाभवतारी के दर्जे तक पहुंच जाए तो एकाभवतारी हो जाते हैं।
      उत्तरा० सूत्र भगवान में अ० 29 के प्रथम बोल संवेग में शुद्ध दृढ़ समकित वाले कोई उसी भव में कोई अगले भव में अवश्य मोक्ष पाते है।
      भगवती सूत्र भगवान में बताया है ज्ञान की या श्रद्धा की या चारित्र की उत्कृष्ट आराधना से उसी भव में या अगले भव में मोक्ष पाते हैं।
      इसलिए पूरी श्रद्धा रूचि लगन के साथ पूर्ण समर्पण उद्यम उत्साह दोष निवृति उच्च संवेग के साथ जीवन का हर क्षण सार्थक करते हुए... ... हे गौतम । समय मात्र का भी प्रमाद मत करो ।....... स्वाध्याय त्याग तपस्या आदि तीर्थंकर गोत्र बंध के बोलों की आराधना करते रहना चाहिए।
      यह दुर्लभ अवसर फ़िर नहीं।
      उत्तरा० सूत्र 29 अ० में कहा है जिणवाणी की शुद्ध दृढ़ श्रद्धा करने से आत्मा एकाभवतारी हो जाती है।
      सामायिक व प्रतिक्रमण में सम्यक्त्व का पाठ भी देखें।
      दृढ़ श्रद्धा धारक सभी श्रावक रत्न अर्हनक कामदेव कुण्ड कौलिक शंख जी आदि सभी एकाभवतारी हुए हैं।
      कोई भी देव दानव मानव तर्कों से, प्रलोभन से ,भयंकर उपसर्ग से भी अंश मात्र भी विचलित न कर सकें। मेरा मन बुद्धि आत्मा घर सिर्फ़ जिणवाणी ही है इसी में मेरा सुख दुख जीवन मरण है।
      वर्तमान सुख के चक्कर में अन्य की इच्छा करके लम्बा भविष्य दुखों से न भर जाए। जो भी मुझे चाहिए मेरी महामहान जिणवाणी से जो मिल जाएगा इसी में मुझे सर्व संतोष है।
      ऐसा कुछ भी न करना चाहिए कि श्रद्धा में अंश मात्र भी फर्क आने लग जाए और बार - २ अपनी दृढ़ता की परीक्षा भी करते रहना चाहिए। आत्मा के परम् हित के लिए कोहिनूर का हीरा सिर्फ एक जिणवाणी ही परम्‌ साधन है।
      सभी जैन श्रद्धालुओं को शीघ्र केवल ज्ञान हो। सभी भगवान के बताए मार्ग पर दृढ़ता के साथ चलते रहें।

  • @bhavnashah3157
    @bhavnashah3157 Před 4 lety

    🙏 Koti koti vandan 🌹😎😘😎😎

  • @user-zt7iq1hh8j
    @user-zt7iq1hh8j Před 4 lety +2

    Anumodan miss you moksh beta

    • @narurajput8695
      @narurajput8695 Před 4 lety +1

      Yea moksh aap ka kya laga ta tha yea sab nhi hona chiye tha 😭😭😭😭

    • @user-zt7iq1hh8j
      @user-zt7iq1hh8j Před 4 lety

      આ જીંદગી નસીબ વાળાને જ઼ મળે બેન

    • @nidhisaumya1032
      @nidhisaumya1032 Před 3 lety +1

      Where are they now

    • @maddysjunction5596
      @maddysjunction5596 Před 3 lety

      @@user-zt7iq1hh8j please write in hindi or English

    • @gujjewman96
      @gujjewman96 Před 3 lety

      @@user-zt7iq1hh8j sharam aavi joie Nana chokrao ne aa dharmik pakhand ma vache nakhva mate...life barbaad

  • @sandhyaoswal7426
    @sandhyaoswal7426 Před 3 lety +8

    Ase video mt banao hmare bachcho ka brain wash ho gya toh wo bhi apna ghr maa bap sb chhod diye hamara kya hoga

  • @hiteshshah6943
    @hiteshshah6943 Před 4 lety +1

    good

  • @madhugaba2365
    @madhugaba2365 Před 4 lety +2

    Gelt

  • @vanshijayeshvora1176
    @vanshijayeshvora1176 Před 3 lety

    Wz

  • @sangeetaarora5247
    @sangeetaarora5247 Před 3 lety

    Iss family ne diksha lene ka kyon socha

  • @sujatadugar6955
    @sujatadugar6955 Před 4 lety

    Abhi Moksh muni kha virajman hai ???

    • @virbahadurjain6182
      @virbahadurjain6182 Před 4 lety +1

      जय जिनेंद्र। आइए ! एकाभवतारी अर्थात् एकावतारी बनिए ( एक भव में मोक्ष )। इसी भव में तो पंचम काल में जन्मे हुओं का मोक्ष भगवान महावीर स्वयं मना कर गए। गुरु ज्ञानी भगवन फरमाते हैं इस आरे के अंत तक एक भव करके मोक्ष पाने वाले होते रहेंगे।
      लक्ष्य ऊंचा हो शिखर तक न भी पहुंच सकें तो भी प्राप्तियां ऊंची हो जाती है और लक्ष्य ही सामान्य हो तो प्राप्तियां भी सामान्य ही रह जाती हैं।
      शुद्ध संयम और तप से एक अथवा ज्यादा भव भी हो सकते हैं जैसे सुबाडु कुमार। और श्रावक भी एकाभवतारी हुआ करते हैं।
      ज्ञाताधर्मकथा सूत्र भगवान में मल्ली भगवान के अ० में तीर्थंकर गोत्र बंध के .20 बोल कहे हैं। एक या सभी की आराधना में उत्कृष्ट रस आने से तीर्थंकर गोत्र बंधता है जिससे एकाभवतारी हो जाते हैं। तीर्थंकर ना भी बन सकें जिनका रस एकाभवतारी के दर्जे तक पहुंच जाए तो एकाभवतारी हो जाते हैं।
      उत्तरा० सूत्र भगवान में अ० 29 के प्रथम बोल संवेग में शुद्ध दृढ़ समकित वाले कोई उसी भव में कोई अगले भव में अवश्य मोक्ष पाते है।
      भगवती सूत्र भगवान में बताया है ज्ञान की या श्रद्धा की या चारित्र की उत्कृष्ट आराधना से उसी भव में या अगले भव में मोक्ष पाते हैं।
      इसलिए पूरी श्रद्धा रूचि लगन के साथ पूर्ण समर्पण उद्यम उत्साह दोष निवृति उच्च संवेग के साथ जीवन का हर क्षण सार्थक करते हुए... ... हे गौतम । समय मात्र का भी प्रमाद मत करो ।....... स्वाध्याय त्याग तपस्या आदि तीर्थंकर गोत्र बंध के बोलों की आराधना करते रहना चाहिए।
      यह दुर्लभ अवसर फ़िर नहीं।
      उत्तरा० सूत्र 29 अ० में कहा है जिणवाणी की शुद्ध दृढ़ श्रद्धा करने से आत्मा एकाभवतारी हो जाती है।
      सामायिक व प्रतिक्रमण में सम्यक्त्व का पाठ भी देखें।
      दृढ़ श्रद्धा धारक सभी श्रावक रत्न अर्हनक कामदेव कुण्ड कौलिक शंख जी आदि सभी एकाभवतारी हुए हैं।
      कोई भी देव दानव मानव तर्कों से, प्रलोभन से ,भयंकर उपसर्ग से भी अंश मात्र भी विचलित न कर सकें। मेरा मन बुद्धि आत्मा घर सिर्फ़ जिणवाणी ही है इसी में मेरा सुख दुख जीवन मरण है।
      वर्तमान सुख के चक्कर में अन्य की इच्छा करके लम्बा भविष्य दुखों से न भर जाए। जो भी मुझे चाहिए मेरी महामहान जिणवाणी से जो मिल जाएगा इसी में मुझे सर्व संतोष है।
      ऐसा कुछ भी न करना चाहिए कि श्रद्धा में अंश मात्र भी फर्क आने लग जाए और बार - २ अपनी दृढ़ता की परीक्षा भी करते रहना चाहिए। आत्मा के परम् हित के लिए कोहिनूर का हीरा सिर्फ एक जिणवाणी ही परम्‌ साधन है।
      सभी जैन श्रद्धालुओं को शीघ्र केवल ज्ञान हो। सभी भगवान के बताए मार्ग पर दृढ़ता के साथ चलते रहें।

    • @suravisarkar9733
      @suravisarkar9733 Před 3 lety

      @@virbahadurjain6182 ha sahi kaha aapne.....paysa jo bach jaya hey free mey 1time khana milta hey sone ki jagha milta hey....kahin janeka tickit bhi nehi lagta hey peydal chale jate hey.....ho gaya mokhs prapt....ahar yehi mokhs prapt or bhagban ki marg darshan hey to upar se jori banata hi kiun or sansar mey dhaklta hi kiun.....sirf jain dharm hi aapne jiban. mey khus nehi hota hey ...isilie sayam dikhsa le lete hey

  • @himanshikumari3983
    @himanshikumari3983 Před 4 lety +3

    अनुमोदना 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @vanshishah7091
    @vanshishah7091 Před 4 lety

    ☺️☺️☺️

  • @hiteshshah6943
    @hiteshshah6943 Před 4 lety +1

    fain

    • @virbahadurjain6182
      @virbahadurjain6182 Před 4 lety

      जय जिनेंद्र। आइए ! एकाभवतारी अर्थात् एकावतारी बनिए ( एक भव में मोक्ष )। इसी भव में तो पंचम काल में जन्मे हुओं का मोक्ष भगवान महावीर स्वयं मना कर गए। गुरु ज्ञानी भगवन फरमाते हैं इस आरे के अंत तक एक भव करके मोक्ष पाने वाले होते रहेंगे।
      लक्ष्य ऊंचा हो शिखर तक न भी पहुंच सकें तो भी प्राप्तियां ऊंची हो जाती है और लक्ष्य ही सामान्य हो तो प्राप्तियां भी सामान्य ही रह जाती हैं।
      शुद्ध संयम और तप से एक अथवा ज्यादा भव भी हो सकते हैं जैसे सुबाडु कुमार। और श्रावक भी एकाभवतारी हुआ करते हैं।
      ज्ञाताधर्मकथा सूत्र भगवान में मल्ली भगवान के अ० में तीर्थंकर गोत्र बंध के .20 बोल कहे हैं। एक या सभी की आराधना में उत्कृष्ट रस आने से तीर्थंकर गोत्र बंधता है जिससे एकाभवतारी हो जाते हैं। तीर्थंकर ना भी बन सकें जिनका रस एकाभवतारी के दर्जे तक पहुंच जाए तो एकाभवतारी हो जाते हैं।
      उत्तरा० सूत्र भगवान में अ० 29 के प्रथम बोल संवेग में शुद्ध दृढ़ समकित वाले कोई उसी भव में कोई अगले भव में अवश्य मोक्ष पाते है।
      भगवती सूत्र भगवान में बताया है ज्ञान की या श्रद्धा की या चारित्र की उत्कृष्ट आराधना से उसी भव में या अगले भव में मोक्ष पाते हैं।
      इसलिए पूरी श्रद्धा रूचि लगन के साथ पूर्ण समर्पण उद्यम उत्साह दोष निवृति उच्च संवेग के साथ जीवन का हर क्षण सार्थक करते हुए... ... हे गौतम । समय मात्र का भी प्रमाद मत करो ।....... स्वाध्याय त्याग तपस्या आदि तीर्थंकर गोत्र बंध के बोलों की आराधना करते रहना चाहिए।
      यह दुर्लभ अवसर फ़िर नहीं।
      उत्तरा० सूत्र 29 अ० में कहा है जिणवाणी की शुद्ध दृढ़ श्रद्धा करने से आत्मा एकाभवतारी हो जाती है।
      सामायिक व प्रतिक्रमण में सम्यक्त्व का पाठ भी देखें।
      दृढ़ श्रद्धा धारक सभी श्रावक रत्न अर्हनक कामदेव कुण्ड कौलिक शंख जी आदि सभी एकाभवतारी हुए हैं।
      कोई भी देव दानव मानव तर्कों से, प्रलोभन से ,भयंकर उपसर्ग से भी अंश मात्र भी विचलित न कर सकें। मेरा मन बुद्धि आत्मा घर सिर्फ़ जिणवाणी ही है इसी में मेरा सुख दुख जीवन मरण है।
      वर्तमान सुख के चक्कर में अन्य की इच्छा करके लम्बा भविष्य दुखों से न भर जाए। जो भी मुझे चाहिए मेरी महामहान जिणवाणी से जो मिल जाएगा इसी में मुझे सर्व संतोष है।
      ऐसा कुछ भी न करना चाहिए कि श्रद्धा में अंश मात्र भी फर्क आने लग जाए और बार - २ अपनी दृढ़ता की परीक्षा भी करते रहना चाहिए। आत्मा के परम् हित के लिए कोहिनूर का हीरा सिर्फ एक जिणवाणी ही परम्‌ साधन है।
      सभी जैन श्रद्धालुओं को शीघ्र केवल ज्ञान हो। सभी भगवान के बताए मार्ग पर दृढ़ता के साथ चलते रहें। .

  • @nishugupta6355
    @nishugupta6355 Před 4 lety +1

    🙏🙏🌹🌹🌹