नेगी जी कुछ भी गा लें वो गीत लोगों की जुबान पर बहुत जल्दी चढ़ जाता है यही उनकी लोकगीतों की विशेषता है वो उत्तराखंड के एक शिखर पुरुष हैं जो कि कई सदियों में एक बार ही जन्म लेते है नेगी जी को उनके 75वें जन्म दिन की ढेर सारी शुभकामनाएं साथ ही श्री ललित मोहन रयाल जी ने जो नेगी जी के 101 गीतों पर पुस्तक लिखी उसके लिए रयाल जी भी प्रशंसा के पात्र हैं🎉🎉❤❤
आपकी लेखनी के लिए मै ही क्या हर एक उत्तराखंडी निशब्द है नेगी दा मेरे पास वो शब्द नहीं जो आपकी महान सोच को छोटे शब्दों में बयां कर सके मै बहुत शौभाग्य शाली हूं की मै उनका प्रसंशक हूं जिनके गाने कभी दादा दादी जी ने भी सुने और पिताजी ने भी और आज हम भी धन्यवाद नेगी जी🙏❤️ पंख काटी बैठूं छा जग्वाल कभी न कभी ता बौडल घौर 🥲❤️
नेगी जी कुछ भी गा लें वो गीत लोगों की जुबान पर बहुत जल्दी चढ़ जाता है यही उनकी लोकगीतों की विशेषता है वो उत्तराखंड के एक शिखर पुरुष हैं जो कि कई सदियों में एक बार ही जन्म लेते है नेगी जी को उनके 75वें जन्म दिन की ढेर सारी शुभकामनाएं साथ ही श्री ललित मोहन रयाल जी ने जो नेगी जी के 101 गीतों पर पुस्तक लिखी उसके लिए रयाल जी भी प्रशंसा के पात्र हैं🎉🎉❤❤
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पंख काटी बैठूं छा जग्वाल कभी न कभी ता बौडल घौर 🥲❤️