शेषनाग कालसर्प दोष Sheshnag Kalsarp Yog| Kalsarp Dosh and Shanti काल सर्प दोष एवं शान्ति Part 13

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  • čas přidán 7. 09. 2024
  • Sheshnag Kalsarp Yog शेषनाग कालसर्प दोष | Kalsarp Dosh and Shanti काल सर्प दोष एवं शान्ति Part 13
    शेषनाग कालसर्प दोष
    बारहवें स्थान में राहु और छठे स्थान में केतु के होने पर तथा इसी के मध्य सभी ग्रहों के स्थित रहने पर शेषनाग कालसर्प योग होता है। इस योग के जातक को गुप्त शत्रुओं से हानि होती है। उसके शत्रुओं का पता ही नहीं चल पता। लड़ाई झगड़े में उसकी हर ही होती है। जीवन भर बदनामी ही होती है। आखों की परेशानी होती है। ऐसे जातक को जिए जी बदनामी होती है तथा मरने के बाद उसका लोग सम्मान होता है।
    शेषनाग कालसर्प दोष के शांति के उपाय
    शेषनाग नमक कालसर्प की शांति के लिए जातक को प्रतिदिन प्रातः काल में भगवान पञ्चायतन का नियमित आराधना करनी चाहिए तथा हनुमान चालीसा का पाठ कटना चाहिए। ब्रह्मचारी वटुओं को भोजन करना चाहिए। ऐसा करने से दोष की शांति रहती है।
    कालसर्प दोष की सम्पूर्ण शान्ति के लिए हमारे कालसर्प योग शान्ति नामक पुस्तक से सहयोग ले सकते है। अथवा कालसर्प दोष की सद्यः शान्ति के लिए सम्पर्क कर सकते है।
    डॉo रामप्रिय पाण्डेय
    मोo-9935037041

Komentáře • 1

  • @peaceofmind3916
    @peaceofmind3916 Před rokem +2

    थोड़ा जल्दी बोलो कल सुबह पनवेल निकालना है 🤪🤪🤪🤪🤪