जब गढ़वाल के राजा के लिये गंगा ने बदला रास्ता | The Ganges Changed the route for the King of Garhwal
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- čas přidán 31. 07. 2018
- गढ़वाल के महाराजा कुंभ मेला में सबसे पहले स्नान करते थे लेकिन बाकी राजाओं ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। फिर गढ़वाल के महाराजा ने ऐसा क्या किया कि गंगा की धारा पलट गयी और सबसे पहले उन्होंने ही स्नान किया। देखिये वीडियो और शेयर भी करें।
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बद्रीनाथ जी के अवतार नहीं, वे बद्रीनाथ के प्रतिनिधि हुआ करते थे। और उनका आदेश श्री बद्रीनाथ का आदेश माना जाता था जिसके कारण ही टिहरी राजा को बोलांदा बद्री भी कहा जाता था।
यह घटना मेदनीशाह के ही काल में हुई थी जैसा की पंडित हरिकृष्ण रतूड़ी जी की पुस्तक "गढ़वाल का इतिहास" में बताई गई है। सुदर्शन शाह के काल में हुई यह बात शायद इसलिए ज्यादा फैल गई क्योंकि नरेंद्र सिंह नेगी जी ने इस पर एक गीत गया है...बोला जै जै बद्री विशाल की भगवती माता की...जिसमें की यह घटना सुदर्शन शाह के कार्यकाल में होना बताया गया है।
आपका तहेदिल से आभार पंवार जी। आपने उन बातों को स्पष्ट कर दिया जिनको लेकर भ्रम बना हुआ था। गीत अधिक प्रचलित होते हैं और किताबें कम। स्वाभाविक है गीत का प्रभाव ज्यादा पड़ा।
पँवार जी मैं आपकी बात से पूर्णतः सहमत हूँ l कृपया अपने ज्ञान भण्डार को बाहर निकाल कर अन्य लोगों तक भी पहुंचाने का कष्ट करेंगे आपसे ऎसी उम्मीद है l
// जय श्री हरि //
क्या आप मुझे ऐसे कोई किताब bta skte hn जिसमे Garhwal ka pura इतिहास हो...
Tilu Rauteli p bhi koi video laaiye..
Surendra Singh Panwar aapne Mera confusion khatam Kar diya
Bhai hamaney Ye kahani suni hai ईस के बाद राजा को घमंड हो गया था राजा ने अपने कैंप के बाहर अपना जूता रखवा दिया था और आदेश दिया अगर कोई राजा से मिलने आएगा वो जूते के दर्शन करेगा। ईस धटना के बाद राजा के पाँव में कोढ़ हो गया। मां गंगा ने शाप दिया कि राजा तेरा राजमहल एक दिन जलमग्न हो जाएगा। आज टिहरी बांध ने पूरे शहर को जलमग्न कर दिया। पता नहीं सच क्या है।
प्रसिद्ध गायक नरेन्द्र सिंह नेगी जी के एक एलबम "मेरी गंगा होलि त चाँदी घाट एली" में राजा सुदर्शन शाह बताए गये हैं।
हमारे गढ़वाली भाषा में एक कहावत है { सच की होली गंगा माई.. हमु भीड़ लग ली आई} 😍🙏
🚩गढ्वालका शेरनी श्री महारानी कर्णावति पन्वार अजर-अमर रहो! 🚩🚩🚩
💐 जय श्री गढ्वाल 💐 🙏🙏🙏
🇳🇵जय नेपाल !!!
जय गंगा मैया
अद्भुत।जय गंगा मैया 🕉️🚩🙏
Achi kahani thi tau ji
Jai Garhwal. Nice Video Ji.
बदीनाथ का अबतार तो नही था लेकिन इस पर बद्दीनाथ भगवान की कृपा थी जब ये बिलायत से मैम लाया था तो बदीनाथ रूठ गये कहानी सही है लम्बी है सत्य भी है लेकिन भगवान का अबतार बिल्कुल नही था क्योकि बाद मे यह राजा लोगो से अन्याय करने लगा था और भगवान तो अन्याय नही करते वैसे भी हिन्दु हर किसी को भगवान मान लता है जैसे सांई जो हिन्दु ही नही है फिर भी भगबान बना दिया मुले को
Gaseri channel nice ch beji🎉🎉
Nice
क्या कत्यूरी राजा धामदेव की कहानी भी कही पढंने को मिल सकती है साथ ही गढ़वाल कुमाऊँ में पूजे जाने वाले 9 नाथ नरसिंह देवता के बारे में जानने के लिए कोई पुस्तक है।
You tube me sarch kijiye katyuri rajvansh
ये जो चित्र राजा मेदनी शाह का प्रतीक रूप में है , ये चित्र परंपरागत मुग़ल शासकों अथवा उनके दरबारियों के लिए इस्तेमाल होता रहा है। मूलतः गढ़वाल के राजा मुकुट ,शाफा इत्यादि धारण करते होंगे । भारतीय राजाओं या गढ़वाल के राजा की वेशभूषा निश्चित भिन्न रही होगी । इस चित्र को देखकर पहली नजर में ही ये मुग़ल शैली से प्रभावित लगता है । आपकी रिपोर्टिंग में केवल सत्य एवं ज्ञान का दर्शन होता है इसलिए मैंने अपनी बात रखी है । जानकारी रोचक है मेरी शुभकामनाएं । धन्यवाद
मेदिनीशाह के बारे में कहा जाता है कि उनकी औरंगजेब से घनिष्ठ मित्रता थी।
आप का विचार सत्य परम सत्य अकाट्य सत्य है
@@ghaseriआपने कहानी सत्य नहीं बताई शुद्रशन साह की जगह मेदनी शाह बता रहे हो और कहानी को मनगढंत बता रहे हो जब्की कहानी की सत्यता श्रीनगर गढ़वाल के राज म्यूजियम में साफ़ साफ़ लिखा हुआ है कि कहानी बिलकुल सत्य है
Nice vedio
Jai ho Badri Nath ji kamroo
Bahut.sunder.ji
आपका आभार।
jai ma ganga ,,,jai shiv shankar bhaoro nathji..
Jay Rajputana ❤️
Jai Maan Ganga.
Very good😊💖💕
Nice👌👌👌
मेरी गंगा होली त मेंमा जरूर आली
श्री बद्रीनाथ जी गढ़वाल के राजा के अवतार नहीं बल्कि श्री बद्रीनाथ जी गढ़वाल के राजा के कुल देवता थे और कहानी मनगढंत नहीं बल्कि सत्य है
Es katha ke sbhi vivran sri narendra negi ji ke geet .. meri ganga holi t chandi ghaat aali me h es gane ko suniyega jrur
Ji bilkul bahut sundar geet hai vo❤️👍
Nice 👍🏾
आपका आभार।
Jai.ho.badri
मैंने यहीं कहानी राजा सुदर्शन शाह के बारे में सुनी है।
आपने सही कहा इंद्रजीत जी। भारतीय इतिहासकारों ने गढ़वाल के इतिहास में झांकने तक का भी प्रयास नहीं किया। गढ़वाल के इतिहासकारों ने सिक्कों, ताम्रपत्रों आदि के आधार पर कुछ निष्कर्ष निकाले लेकिन वे इस पर भी एकमत नहीं दिखे। इसलिए तमाम किताबों में अलग अलग वर्णन है। पंवार वंश के राजाओं के बारे में पढ़ने पर ऐसे कई विरोधाभास देखने को मिलते हैं। मैंने यह किस्सा पंडित हरिकृष्ण रतूड़ी की 'गढ़वाल के इतिहास' से लिया है। आपका आभार।
Bhai y story Raja Sudarshan Shah ki h
Jai ho
Jay maa ganga
ये सुदर्शन शाह के समय की बात है
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 जय हो बोलड़ाबद्रिस की
Nice ji
आपका तहेदिल से आभार।
Right ji good
आपका तहेदिल से आभार।
इतना सा भी ज्ञान नहीं है उन्होंने बदरीनाथ भगवान को सिद्ध कर लिया था।
Wahh
आपका तहेदिल से आभार।
Thanks
Pandit ratoodi ji ki kitab kaha se milegi
Bachpan main suni hai story.
हमारा प्रयास आपकी बचपन की यादों को ही ताज़ा करना है। आपका आभार।
भाई साहब क्या मुझे हरिकिशन रतूड़ी जी की गढ़वाल का इतिहास एक पुस्तक मिल जाएगी। या उसकी फोटो कॉपी कृपया करके उत्तर दीजिए।
इस पुस्तक के प्रकाशक भागीरथी प्रकाशन नयी टिहरी वाले हैं। आप ऑनलाइन सर्च करके देख सकते हैं।
Agar wo muslim Raja ka dost na hota to ye sachhi hi ghatna h ye bolte aap log
har chiz ka saboot hona zaroori nahi ,hawa ka saboot hai lekin wo hai, hamare dada ke dada ka saboot hai lekin we the,
Sahi bat .
ये कहानी महाराजा सुदर्शन शाह से जुडी़ है।
राजा मेदनी शाह नहीं बल्कि शु दर्शन साह थे
सुदर्सन साह ही था। यह साह से पहले पंवार, परमार नाम से जाने जाते थे । मध्य प्रदेश के परमार ( काेली राज वंश ) धार उनके पूर्वजाें का स्थान था , राजा भाेज धार राज्य ( म० प्र०) इनंहीं के वंशज थे।
गुसांई जी नमस्कार। गढ़वाल के इतिहास को लेकर इतिहासकार एकमत नहीं हैं। गढ़वाल में पंवार वंश के राजाओं के प्रवेश के बारे में भी इसी तरह से अलग अलग राय हैं। इस वीडियो को जरूर देखें और हां आगे भी अपने उत्तम सुझाव से इस चैनल को समृद्ध करते रहने का आग्रह है। आपका तहेदिल से आभार। czcams.com/video/HiaCVdEr9Xk/video.html
कोली कब से राजवंश हो गया भाई
मतलब जो मुंह में आए बस बक लो
परमार वंश से है वो धार परमार
@Ashvin Shih Rathod Koli Rajput joru bapu bhai detail Mai batai , books Mai Jada information nahi milti hai , Koli dynasty ki information k link provide kare
@@kshatriyarecords883 पासी भी राजा थे, नाई भी, चर्मकार भी, गुप्ता भी, ब्राह्मण भी , यादव तो राजा के अलावा भगवान भी बने।
इस देश में जब रावण जैसा राक्षस तक खर दूषण समेत राजा हो कर गुज़रा है तो एकाधिकार हो गया राजपाट पर मुगलों को बेटी ब्याहने वालों का ?
जाती पर बेवकूफी करने के बजाय धर्म पर अभिमान करो, भगवान राम, राम सिंह सिसोदिया नही थे, न ही भगवान कृष्ण, कृष्ण सिंह यादव या श्याम कुमार अहीर।
राजा हरिश्चंद्र तो चांडाल के यहां भी दास हुए बेझिझक, जो राम के भी पूर्वज थे।
@@ghaseri आप नरेंद्र सिंह नेगी जी का मेरी गंगा होली गाना सुन सकते हैं उसमें साफ-साफ वर्णन किया गया है राजा सुदर्शन शाह का
🙏🙏🙏🙏
Aapki jankari adhuri hai sir
Aur ainse hi nhi bna di jati video
Thoda aur mehnt karte
Umlid hai aage se aap is baat ka dhyan rkhoge yun hi kisi bhi khani ko tod mrod k nhi prosege
Thoda aur mehnt kro
सलाह के लिये आपका आभार।
nice
आभार
listen it on 1.25x
🙏🙏🙏
bhakti ki shakti hoti hai ,bhakt prahlad ko bachene khambha fhad ke bhaagwan narsingh aa shakte tu ma ganga bhi apna rashta badal shakti hai bhak ki laaj ,lekin bhakti hona chaiye
बदरीनाथ के भक्त थे। घसेरी
Kuch naam tha us raja ka?
आपको कैसे पता कि कुशल कारीगर रहे हो|
Democracy is an important instrument which makes Govt. to rule over public . But basically the instrument is only right to Vote for those players who stands & contest election in accordance with the instrument of votes of public. But today's players play the game of democracy in whom of powers such as dirty politician turn the hook of instrument in the favour and always play the diquantity with the innocents. K S Negi.
I think mednishah ni sudarshan shah h sayad unko bolnda badrish b kha jata h
Sattya ghatna hai hamne suna hai
जानकारी ग़लत दी आपने
ये महाराजा शुर्दशन शाह की कहानी है भाई ना कि मैदनीशाह की
मैं आपसे कतई असहमत नहीं हूं लेकिन गढ़वाल के इतिहास को लेकर बहुत अस्पष्टता नजर आ रही है। मैंने यह संदर्भ पंडित हरिकृष्ण रतूड़ी की पुस्तक 'गढ़वाल का इतिहास' से लिया है जिसके पेज नंबर 217 पर पंवार वंश के 48वें राजा के रूप में मेदिनीशाह का जिक्र है। उन्होंने इसकी शुरुआत ही गंगा के रास्ता बदलने वाली इस घटना से किया है।
@@chandramohan4950 आप ऐसा क्यों कह रहे हैं ?
मुझे नही मालूम, किंतु यदि आप इतिहास की जानकारी लेंगे तो सुदर्शन शाह ने ही गोरखाओं के आतताई साम्राज्य से गढ़वाल को मुक्ति का रास्ता साफ किया और वह भी उस छोटी सी उम्र में उन्होंने इस संबंध में काम करना शुरू किया था जिस उम्र में आज हम या हमारे बच्चे शायद अपना जीवन लक्ष्य भी तय न कर सके hon। इसलिए इतिहास को उचित माध्यमों से जाने और अपने पूर्वजों पर गर्व करें यही बेहतर होगा।
@@ruchitachaturvedi4861 you are right ..abhi apna comment delete karta hu ..
आपने अबी स्वास औऱ असरदापूर्वक बरनन किया जो गलत है
Respected Sir, kya aap ke pass Maharaja Lalit Shah, Maharaja Fatehpati Shah,Maharaja Pradip Shah, Maharaja Jaikarat Shah and Maharaja Upendra Shah ki tasveer hai?
आपको गढवाल का इतिहास नामक पुस्तक में इन राजाओं की तस्वीरें मिल सकती हैं।
Yes Sir us kitab me hain par woh kitab net pe available nahi hai.isliye aapse help maang raha hoon.Please agar aapke pass hai toh kripa kar ke send kijiye.
mere email ID hai godiharibabu703@gmail.com
Thank you Sir.
Aap logo k pas kisi k pas v sahi itihaas ki jaan kari kyu nhi h..Ab medinishah k sath ho gya ye kaam,kv raja sudarshan shah k sath hua,k narendra sah k sath hua..Plz itihaas ki sahi jaankari rakhe
हमने स्पढाहै कि राजा सुदर्शन शाह थे
मैंने यह किस्सा पंडित हरिकृष्ण रतूड़ी की 'गढ़वाल के इतिहास' से लिया है। आपका आभार।
Sudarshan sha tha wo bhai
भारतीय इतिहासकारों ने गढ़वाल के इतिहास में झांकने तक का भी प्रयास नहीं किया। गढ़वाल के इतिहासकारों ने सिक्कों, ताम्रपत्रों आदि के आधार पर कुछ निष्कर्ष निकाले लेकिन वे इस पर भी एकमत नहीं दिखे। इसलिए तमाम किताबों में अलग अलग वर्णन है। पंवार वंश के राजाओं के बारे में पढ़ने पर ऐसे कई विरोधाभास देखने को मिलते हैं। मैंने यह किस्सा पंडित हरिकृष्ण रतूड़ी की 'गढ़वाल के इतिहास' से लिया है। जानकारी के लिये आपका आभार।
Wo raja sudarshan shah the...or sachhi ghatna h...apne chanel k liye Kripaya afwaye na failaye
इसमें अफवाह जैसा कुछ नहीं है चौहान जी। इसको लेकर भ्रम है। इस वीडियो का स्रोत पंडित हरिकृष्ण रतूड़ी जी की किताब "गढ़वाल का इतिहास" है जिसे गढ़वाल के इतिहास के मामले में सबसे authentic माना जाता है।
मैंने यह संदर्भ रतूड़ी जी की पुस्तक से ही लिया है जिसके पेज नंबर 217 पर पंवार वंश के 48वें राजा के रूप में मेदिनीशाह का जिक्र है। उन्होंने इसकी शुरुआत ही गंगा के रास्ता बदलने वाली इस घटना से किया है।
K
raja sudersan shah
Moosalman aor agrayjan ko nahi bhagay
hem negi
hema negi
Nice
@@prempanwar922 आपका आभार।
गढ़वाल के राजा के शूरवीरों यांत्रिकों द्वारा नदी की धारा मोड़ने की संभावना अधिक निकट जान पड़ती है। जीतसिंह नेगी जी की नृत्य नाटिका कुल की कूल मे भी एक छंद मे इस घटना का जिक्र है
@@dindayalsundriyal658 मुझे भी ऐसा लगता है। राजा के पास ऐसे इंजीनियर रहे होंगे जिन्होंने रातों रात नदी की धारा मोड़ दी।
Abe yaar aapko ye v nhi pta ki o raja medni shah nhi balki maharaja sudarshan shah the joot bol raha hai kuch pta hai nhi tumhe
सौरभ भाई आपने वीडियो ध्यान से नहीं देखा। कौन राजा थे इसको लेकर भ्रांति है। जिस किताब से यह संदर्भ लिया गया है उसका जिक्र किया गया है। यह किताब गढ़वाल के इतिहास को लेकर सबसे मान्य किताब है। असल में मुझे लगता है कि यह महज एक कहानी है और क्षेत्र क्षेत्र के हिसाब से संदर्भ बदल जाते हैं। सुदर्शन शाह संपूर्ण गढ़वाल नहीं बल्कि टिहरी रियासत के राजा थे। मेदिनीशाह ने संपूर्ण गढ़वाल पर राज किया था। झूठ शब्द का इस्तेमाल करना आसान होता है उसकी गहराई में उतरना कठिन।
झूठ मत बोलो यह कथा सुदर्शन शाह के बारे मेहै
नैना जी कितनी आसानी से लिख दिया झूठ। न मैंने घटना देखी है न आपने लेकिन मैंने यह किस्सा गढ़वाल के इतिहास की सबसे विश्वसनीय किताब से लिया है। कभी मौका मिले तो जरूर पढ़ना किताब भ्रम दूर हो जाएगा।
@@ghaseri ky ap es book Ka name btaege sir
Nepal can have a legit claim to our lost territories that India is shamelessly governing upon. It was our ancestors who shed their blood to get those land. India never fought for those lands. It has been ruling over our soil after British left them when they should have rightfully returned to Nepal. Indians free proud that they are free from British but then they are shamelessly taking our land. What morals is this?!
Gharwal is not your land.
@@ravirawat739 He should read history first. Except for one incident when Gorkhas took over some portion of Garhwal,( because of weaker administration by the then King, Sudershan Shah who relied too much on his advisors but they deceived him by siding with Gorkhas) all invasions from any corners of Garhwal were ruthlessly repelled in the past. Sudershan Shah had brokered a plan to throw those Gorkhas out of Garhwal, an agreement was signed with East India Company (EAC) but the EAC, a business Company agreed only if the major portion of Garhwal Kingdom was to be under their control; leaving rest of the portion (present Tehri Garhwal only) with the King. The King agreed; thus the Gorkhas were thrown out of Garhwal. One should remember that the Kings of Garhwal never attacked any other kingdoms; only defended their part of land comprising their Kingdom. Look at this Dragon who always has had its eyes on others land including now on Nepal but some Nepalis (only few Communists) are now instead showing colors to India(and here to Garhwal). They should better protect their Nepal from the hegemonistic Dragon before it is too late.
ऐसे कहानी सुना रहे हो
लगता है आप नासरी के बचो को पढ़ते हो🤣🤣🤣🤣🤣
Jhuthe kahani kyun bol rahe ho ...jai Mata dit
Kyo be chutiye tujhe Jada pata hai,sala mulle
Bakwas sale faltu ki speech mat de
नमस्कार रावत जी। हर चीज के दो पहलू होते हैं सकारात्मक और नकारात्मक। यह हम पर निर्भर करता है कि हम इनमें से किस पर ध्यान देते हैं। रही बात आपके अपशब्दों की तो मुझे गाली देने वाले पर दया आती है। असल में अपशब्दों का उपयोग करने वाला व्यक्ति अंदर से बेहद कमजोर होता है। उसमें आत्मविश्वास की कमी होती है। उसमें तर्कशक्ति का अभाव होता है। खुद को मजबूत बनाओ दोस्त। अगर आपको इसमें मेरी मदद चाहिए तो मैं निश्चित तौर पर आपकी इस कमजोरी को दूर करने में सहायता करूंगा। आपका आभार।
sudarshan ki yahi katha mene bhi suni h dada se
गढवाल नेपालका हिस्सा है अंग्रेजाेने नेपालसे छिनकर कव्जा किएथे । 1947 मे अंग्रेज छाेडचले लेकिन gifted india ने यिस क्षेत्र पर फिर कव्जा कि । एक दिन जरुर अाएगा पुर्खाेका खुन पसिने का मूल्य हामी खेर जानदिनेछैनाै जय ग्रेटर नेपाल ।
अरे भाई पहले नेपाल की स्थिति तो सुधारो। खुद की हालत खराब है और तुम्हे गढ़वाल चाहिये ।
@@Average_Pahadi चहिय नहिचाहिय ए वात नहि है । हमरा जमिन इण्डियाने जवर्जस्तिसे कव्जा कियाहै ।नेपाली काे वटवारा कियाहै । नेपाली भुगाेल नेपालकाे वापस देना हाेगा ।
@@mediasambat7290 भाई हम उत्तराखंड वाले तो खुद को भारतीय मानते है । तुम्हारे कहने से थोड़ा उत्तराखंड नेपाल का हो जायेगा।
@@Average_Pahadi ए काेइ व्यक्तिगत मामला नहि ।एेतिहासिक दस्तावेजके अाधारसे उत्तराखण्ड नेपालका हिस्सा है ।
@@mediasambat7290चल मान लिया की उत्तराखंड नेपाल का हिस्सा था पर ये भी तो याद रख कि नेपाल तो भारत का हिस्सा था |
तुम भी तो बाद मे अलग हुये हो।
और तेरा कौन सा हक मार लिया उत्तराखंड वालों ने जो तुझे उत्तराखंड चाहिये ना ही तू उत्तराखंड मे पैदा हुआ फिर तेरे को उत्तराखंड से क्या लेना है ?
एक और बात की जमीन उसी की होती है जो जीतता है भारत के राजा उत्तराखंड पर राज करते थे तो उत्तराखंड भारत का हुअा।
और ना ही तू उन नेपाली राजाऔं का वंसज है जो उत्ताखंड मे थे ट, तो भाई तेरे को इतनी आग क्यूं है।
तुम्हारे नेपाल के बहुत सारे लोग उत्तराखंड में रहते हैं, भारत को ही अपना देश मानते है तथा भाततीय सेना मे सेवारत हैं। जब सब कुछ ठीक है तो तुम क्यूं परेशान हो।
Nice
Jay Rajputana ❤️
जय राजपूताना!
Nice
Jay Rajputana ❤️