क्या सीता जी का विवाह 6 वर्ष की आयु में हुआ था ? वाल्मीकि रामायण, अयोध्या कांड। आचार्य अंकित प्रभाकर
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- čas přidán 28. 06. 2024
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सत्यार्थ प्रकाश सार
• सत्यार्थ प्रकाश सार
गुरू जी मै यह चाहता हूं। और मानता भी हूँ आरय समाजी संसकरत मे विदधान है ,,वो आगे आकर हमारे रामायण,महाभारत आदि गरथो मे जिनमे मिलावट की गयी,,उनहे शुद्ध करने का बीड़ा ले ,जिससे आने वाली पीढ़ी भ्रमति न हो।।।
ग्रंथ शुद्ध हो गए है सभी हिन्दु गीता प्रेस चौखम्बा प्रेस पर दबाव डाले कि वे अशुद्ध श्लोको के ग्रंथ छापना बंद करे। और विशुद्ध ग्रंथ छापे
हार्दिक धन्यवाद शुभकामनाएं आयुष्मान भव ओ३म् 🙏🏼🚩 कृण्वनतो विश्वमार्यम 🚩 चरैवेति चरैवेति... । जय आर्य जय आर्यव्रत भरतखण्ड 🚩
आचार्य जी आपका सभी विडियो मै देखती हूं हिन्दूओ के मन मे अपने धार्मिक ग्रंथ मे मिलावट को लेकर अनेक शंका है जिसका समाधान आप के वक्तव्य से होता है ये तो सच है कि इस्लामिक काल मे हमारे ग्रंथो मे अनेक जगह मिलावट किया गया जिससे हिन्दूओ को नीचा और निरुत्तर किया जा सके
जी. अगर यह ठीक है तो आज इनको शुद्ध करने से कौन रोक रहा है? गीताप्रेस तो हिन्दुओं का ही प्रतिष्ठान है. यह सत्य है कि आज के अधिकांश हिन्दु इन ग्रंथों को सही मानते हैं.
ग्रंथ शुद्ध हो गए है सभी हिन्दु गीता प्रेस चौखम्बा प्रेस पर दबाव डाले कि वे अशुद्ध श्लोको के ग्रंथ छापना बंद करे। और विशुद्ध ग्रंथ छापे
ययाेरात्मसमं वित्तं जन्मैश्यर्याकृतिर्भवः
तयाेर्विवाहाे मैत्री च नाेत्तमाधमयाेः क्वचित।श्रीमद्भागवत ।
क्षत्रिय कुल में ताे स्वयंवर की व्यवस्था है।वह व्यवस्था तभी सम्भव होती है-जब कन्या विवेकपूर्ण रूप से वर का चयन कर सके।अतः बाल विवाह वाद में मिलावट की गई है।
आचार्य जी सादर नमस्ते 🙏🙏🚩🕉️🌞🙏🙏🎤👌👌📝👌👌💯✔️🌺🥀🌹🥀🌺✨🎊🎈🎂🎈🎊🎉✨🎁
हमारे भारत वर्ष में बाल विवाह का चलन रहा है लेकिन जबतक दोनों पुख्त होने के बाद ही बेटी को ससुराल में भेजा जाता था, जय हिन्द वन्देमातरम।
छह वर्ष की बच्ची क्या जानती है। इन गृन्थो का कोई सिर पैर नहीं है
गीता प्रेस चौखम्बा प्रेसो को कम से कम उत्तरकाण्ड तो हटा देना चाहिए रामायण से।
विधर्मियो को मिलावटी उत्तरकांड से मौका मिलता है वैदिक धर्म को बदनाम करने का।
ग्रंथों का नहीं, कुछ श्लोकों का कहो m
Pranam Acharya ji🙏
आपने एक अति महत्वपूर्ण प्रमाण छोड़ दिया जिसमें सीता जी अपने विवाह की आयु के बारे में अनुसूया जी को बता रही हैं।
पति सम्योग सुलभम् वयो दृष्ट्वा तु मे पिता |
चिन्ताम् अभ्यगमद् दीनो वित्त नाशाद् इव अधनः || अयोध्या काण्ड, सर्ग - ११८, श्लोक-३४
Bahu achha bataya aacharyaji
वाल्मीकि रामायण के अनुसार देवी अहल्या पत्थर नहीं बनी थीं।
Dhanyawad ji
धन्यवाद
Koi bhi granth samsamyik nahi hai, baad me kahani likhi gayi hai, alag alag samay par
Yeh koi ek religion me nahi sabhi religion me hai , sabhi without exception
Historian ke liye ye sadharan baat hai.
Bhaiya yeha Umar jo bhi ho do bache ki shadi hai, naki a bache aur budhe ki, pahle baalvivah hota tha, yeh Aaj bura mana jata hai par purane samay me bacho ki shadi ko buri baat nahi thi,
ज्यून का ऑप्सन करियेगा अचार्य जी
ये आयु वाला प्रसंग बाल विवाह मानने वालों ने मिलाया है। रामायण काल में वेद अनुसार जीवन जीते थे और आयुर्वेद में स्त्री की विवाह की आयु कम से कम 16 और पुरुष की 24 है।
🙏🏻🙏🏻
🙏🙏
नमस्ते आचार्य जी
आचार्य जी जब सब मिलावटी है तो फिर सही ही क्या है
आचार्य जी. महाभारत युद्ध शुरूआत में इतना समय था कि गीता जैसी लंबी चर्चा हुई होगी. तो क्या गीता भी प्रक्षिप्त है?
बिल्कुल गीता को अलग से व्यास देव जी ने नही लिखा है। व्यास जी ने केवल महाभारत ग्रंथ लिखा था। यह तो किसी दूसरे ने अलग से महाभारत के अंश को उठाकर गीता को लिखा है।
गीता 85% प्रेक्षिप्त है।
5 sal ke the tab gurukul gaye aur 12 waras wahan rahe phir sita ki umra 6 varsa ka ho hi nahin shakta
Arr fir kitne varsh Mein Vivah Hua yah to aapane bataya Nahin??
Nupur Sharma ne koe tippani nahi kiya unhone kewal wahi bola jo likha hai.
Mane Rs501 sahyog diya
हिंदू धर्म जीवन जात पात समाज से सुंदर फ्यूचर दुनिया किस देश की है किसकी है मालूम है तो बताइए अंग्रेजी उर्दू ईसाई अरबी पारसी सभी की धर्मी दरिंदे कुकर्मी मुर्दा खोर को देखकर भी समझ में नहीं आती जैसे जंतुओं की हालात बना रखी है यह कलयुग की खंडित नीति की दोष है अंग्रेजी संविधान
गुरु जी आपकी। राय में विवाह के समय सीता की आयु क्या रही होगी
सीता जी कम से कम 16 की और श्री राम जी कम से कम 25 के।
अरण्य काण्ड में सीता जी ने राम जी की आयु सत्ताइस वर्ष नहीं, पच्चीस वर्ष कही थी। भूलवश दो तीन बार आपने इसे सत्ताइस वर्ष कहा है।कृपया इसे सुधार लें। मेरा भी विचार आपके विचार से मिलता जुलता है।
आचार्य जी. क्या ये नहीं समझा जाए कि रामायण भी पौराणिक काल में ही लिखी गई है तभी उसमें पुराण शैली की पुस्तक लगती है.
Puran aur pauranik shaili me kaafi antar. Maharshi valmiki dwara rachit Ramayan me ki gayi milavato ko dur kiya jaa sakta hai. Iske liye hinduo ko aage aana hoga aur Arya samaj unka Marg Darshan kar sakta hai. Par tatha kathit dharm guruo ne beda gark kar rakha hai aur unhi ki wajah se hindu bahan betiya lav jehad ki shikar ho rahi hai.
dono bachche hay to sahi hay lekin ek bachchi aur ek budda taklif hay
हमारे चार वेद और 18 पुराण है वेद तो सही है लेकिन 18 ही पुराने में मिलावट की गई है जिसमें जो सबसे लास्ट में लिखा हुआ ब्रह्मावर्त पुराण मैं तो पूर्ण रूप से मिलावट की गई है क्योंकि ब्रह्म व्यव्रत पुरान मुगल काल में लिखा गया जोकि मुगलों के द्वारा गलत तरीके से लिखवाया गया है हिंदू धर्म गुरु को प्रलोभन देखकर था जिसमें कि हमारी संस्कृति को हमारे कृष्ण भगवान को गंदे तरीके से बताया गया है और 800 साल के पहले जितने भी कृष्ण भगवान के मंदिर है उन मंदिरों में सिर्फ कृष्ण भगवान की ही मूर्ति है राधा का कहीं कोई जिक्र नहीं है यह मुगल काल में ब्रह्म व्यवस्था पुराण में राधा को जबरदस्ती लाया गया है और कृष्ण भगवान के चरित्र को खराब किया गया है जबकि कृष्ण भगवान की पत्नी का नाम तो रुक्मणी है ब्रह्म व्यव्रत पुराण में राधा को मामी बताया गया है
Yah kalpnik hai.
Mandbudhi h wo bol rha jo khud ko achha lga.
Pagala gaya ho Jab ram gurukul se ane ke bad janakpuri gaye the to sita six years ki kaise ho shakti hai
Ramayan kal teeta yug ka hai kalyug ka nahin.
Ram jaise aur suta jaise adarsh charitra rakho tab u
साइंस जर्नी और हमारा अतीत यु ट्यूब मोबाइल चैनल कौन नही सुना सच्चाई कैसे पता चलेगी
😂😂
Sanatan samiksha .
Science journey ki kutai ko har din hoti hai 😂😂