इस चैनल पर आर्य समाज और वेद प्रचार के कार्यक्रम को चलवाने हेतु और कार्यक्रम की कवरेज हेतु संपर्क करें l दिलबाग आर्य (M.D) 9354867000 हर्षित शर्मा (Camera & Editor) 8814835357
श्रद्धा=श्रेय+धा (चित्त वृत्ति निरोध=विधि अर्थात् ईश्वर ने जिन कर्मों को कर्तव्य बताया उन्हें करना और निषेध अर्थात् जिन कर्मों को करना अकर्तव्य बताया है उन्हें न करना हि व्यक्ति का लक्ष्य है। ) या जो कर्म अपने प्रतिकूल हैं अन्यों को उनसे गुजारने में अपनी भूमिका न हो ।। यही आपका उपदेश है जो वेद विहित होने से हमारे लिए बहुत ही कल्याणकारी उपदेश है। मेरी भी ऐसी ही जिज्ञासा है । ईश्वर मेरी यह जिज्ञासा शीघ्र पूर्ण करें। हे ईश्वर मुझे आर्य बनाकर अपनी शरण में ले लो।
🙏🙏
ओ३म् का झण्डा ऊंचा रहे
वेद की ज्योति जलती रहे
🙏🙏
Jai hind.
सादर नमस्ते जी ✅🚩🔥💥🌺☀️🙏🏼
धन्य है आर्यवीर आपको धन्य है करबद्ध
ओ३म् सादर नमस्ते स्वामी जी।🙏
आचार्य जी को बहुत-बहुत धन्यवाद नमस्ते प्रणाम
पूज्य स्वामी जी को मेरा कोटि-कोटि नमन बहुत सुंदर उपदेश दिया धन्यवाद
आचार्य श्री जी सादर नमस्ते जी
आचार्य जी को बहुत बहुत धन्यवाद। बहुत ही सरल ढंग से समझाया जीवन में उन्नति के बारे में। 🙏
आचार्य जी नमस्ते
ગુરુ દેવ ને વંદન છે 🙏🙏🙏
श्रद्धा=श्रेय+धा (चित्त वृत्ति निरोध=विधि अर्थात् ईश्वर ने जिन कर्मों को कर्तव्य बताया उन्हें करना और निषेध अर्थात् जिन कर्मों को करना अकर्तव्य बताया है उन्हें न करना हि व्यक्ति का लक्ष्य है। ) या जो कर्म अपने प्रतिकूल हैं अन्यों को उनसे गुजारने में अपनी भूमिका न हो ।। यही आपका उपदेश है जो वेद विहित होने से हमारे लिए बहुत ही कल्याणकारी उपदेश है। मेरी भी ऐसी ही जिज्ञासा है । ईश्वर मेरी यह जिज्ञासा शीघ्र पूर्ण करें। हे ईश्वर मुझे आर्य बनाकर अपनी शरण में ले लो।
आचर्य जी आपको नमस्कार
ओम
Jay ram ji ki🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Ii
Iiiiii
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🙏