Navratri Sprcial Mata Aarti || नवरात्रि विशेष माता आरती || Mata Bhajan || Mata Bhakti || Mata Aarti
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- čas přidán 15. 10. 2023
- Navratri Sprcial Mata Aarti || नवरात्रि विशेष माता आरती || Mata Bhajan || Mata Bhakti || Mata Aarti
जय अम्बे गौरी
मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशिदिन ध्यावत
तुमको निशिदिन ध्यावत
हरि ब्रह्मा शिवरी
ॐ जय अम्बे गौरी
जय अम्बे गौरी
मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशिदिन ध्यावत
तुमको निशिदिन ध्यावत
हरि ब्रह्मा शिवरी
ॐ जय अम्बे गौरी
मांग सिंदूर विराजित
टीको जगमग तो
मैया टीको जगमग तो
उज्ज्वल से दोउ नैना
उज्ज्वल से दोउ नैना
चंद्रवदन नीको
ॐ जय अम्बे गौरी
कनक समान कलेवर
रक्ताम्बर राजै
मैया रक्ताम्बर राजै
रक्तपुष्प गल माला
रक्तपुष्प गल माला
कंठन पर साजै
ॐ जय अम्बे गौरी
केहरि वाहन राजत
खड्ग खप्पर धारी
मैया खड्ग खप्पर धारी
सुर नर मुनिजन सेवत
सुर नर मुनिजन सेवत
तिनके दुखहारी
ॐ जय अम्बे गौरी
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती
मैया नासाग्रे मोती
कोटिक चंद्र दिवाकर
कोटिक चंद्र दिवाकर
सम राजत ज्योती
ॐ जय अम्बे गौरी
शुंभ निशुंभ बिदारे महिषासुर घाती
मैया महिषासुर घाती
धूम्र विलोचन नैना
धूम्र विलोचन नैना
निशदिन मदमाती
ॐ जय अम्बे गौरी
चण्ड-मुण्ड संहारे शोणित बीज हरे
मैया शोणित बीज हरे
मधु कैटभ दोउ मारे
मधु कैटभ दोउ मारे
सुर भयहिन करे
ॐ जय अम्बे गौरी
ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी
मैया तुम कमला रानी
अगम निगम बखानी
अगम निगम बखानी
तुम शिव पटरानी
ॐ जय अम्बे गौरी
चौंसठ योगिनी गावत नृत्य करत भैरों
मैया नृत्य करत भैरों
बाजत ताल मृदंगा
बाजत ताल मृदंगा
ओर बाजत डमरू
ॐ जय अम्बे गौरी
तुम ही जग की माता तुम ही हो भरता
मैया तुम ही हो भरता
भक्तन की दुख हरता
भक्तन की दुख हरता
सुख संपति करता
ॐ जय अम्बे गौरी
भुजा चार अति शोभित वर-मुद्रा धारी
मैया वर मुद्रा धारी
मनवांछित फल पावत
मनवांछित फल पावत
सेवत नर नारी
ॐ जय अम्बे गौरी
कंचन ढाल विराजत अगर कपूर बाती
मैया अगर कपूर बाती
श्रीमालकेतु में राजत
श्रीमालकेतु में राजत
कोटि रतन ज्योती
ॐ जय अम्बे गौरी
श्री अम्बे जी की आरती
जो कोई नर गावे
मैया जो कोई नर गावे
कहते शिवानंद स्वामी
कहते शिवानंद स्वामी
सुख सम्पति पावे
ॐ जय अम्बे गौरी
जय अम्बे गौरी
मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशिदिन ध्यावत
तुमको निशिदिन ध्यावत
हरि ब्रह्मा शिवरी
ॐ जय अम्बे गौरी
मां लक्ष्मी की आरती
मां लक्ष्मी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
दुर्गा रूप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
ॐ जय सरस्वती माता
जय जय सरस्वती माता
सद्दग़ुण वैभव शालिनि
सद्दग़ुण वैभव शालिनि
त्रिभुवन विख्याता
जय जय सरस्वती माता
ॐ जय सरस्वती माता
जय जय सरस्वती माता
सद्दग़ुण वैभव शालिनि
सद्दग़ुण वैभव शालिनि
त्रिभुवन विख्याता
जय जय सरस्वती माता
चंद्रवदनि पद्मासिनि
द्युति मंगलकारी
मैया द्युति मंगलकारी
सोहे शुभ हंस सवारी
सोहे शुभ हंस सवारी
अतुल तेजधारी
जय जय सरस्वती माता
बाएं कर में वीणा
दाएं कर माला
मैया दाएं कर माला
शीश मुकुट मणि सोहे
शीश मुकुट मणि सोहे
गल मोतियन माला
जय जय सरस्वती माता
देवि शरण जो आए
उनका उद्धार किया
मैया उनका उद्धार किया
पैठि मंथरा दासी
पैठि मंथरा दासी
रावण संहार किया
जय जय सरस्वती माता
विद्या ज्ञान प्रदायिनि
ज्ञान प्रकाश भरो
मैया ज्ञान प्रकाश भरो
मोह अज्ञान तिमिर का
मोह अज्ञान तिमिर का
जग से नाश करो
जय जय सरस्वती माता
धूप दीप फल मेवा
मां स्वीकार करो
ओ मां स्वीकार करो
ज्ञानचक्षु दे माता
ज्ञानचक्षु दे माता
जग निस्तार करो
जय जय सरस्वती माता
मां सरस्वती की आरती
जो कोई जन गावे
मैया जो कोई जन गावे
हितकारी सुखकारी
हितकारी सुखकारी
ज्ञान भक्ति पावे
जय जय सरस्वती माता
जय सरस्वती माता
जय जय सरस्वती माता
सद्दग़ुण वैभव शालिनि
सद्दग़ुण वैभव शालिनि
त्रिभुवन विख्याता
जय जय सरस्वती माता
ॐ जय सरस्वती माता
जय जय सरस्वती माता
सद्दग़ुण वैभव शालिनि
सद्दग़ुण वैभव शालिनि
त्रिभुवन विख्याता
जय जय सरस्वती माता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
।।ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥ - Hudba
Jay Santoshi Mata🎉🎉🎉🎉🎉🎉