यादव और अहीर में क्या अन्तर है? क्या अहीर-गोप यदुवंशी क्षत्रिय हैं? यादव कौन हैं भाग 3.Aheer- Yadvas
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- čas přidán 19. 06. 2021
- #Adarshdharm
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यादवों की संपूर्ण गाथा जानने के लिए कृपया इस विडियो के भाग एक और भाग दो अवश्य देखिए जिनका लिंक है
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ये यादव और अहीर को अलग अलग बताते है। आरक्षण छोडने की बात कह रहे है। जबकि महाराष्ट्र के गवली ही देवगिरि के यादव थे।।
स्वामी दयानंद सरस्वती के अनुसार अहीर विशुद्ध आर्य क्षत्रिय हैं यादव अहीर एक ही पर्यायवाची है
मेरे भाई जाट गुर्जर यादव मराठा ये शुद्ध क्षत्रिय हैं जो मुग़ल काल में भी अपने देश और धर्म के साथ रहे और मुगलों से रिस्तेदारी बनाने से अच्छा अपने देश और धर्म के लिए मरना पसंद किया
mere dost yahi to mai bhi kahta hun. sarkar inki ginti pichhado me karke hamare kshatriyon ka apman karti hai. Aarakshan ke lalach me apani ginati OBC me kyon kara rahe, yah sabhi jatiyan raja rahi hain hajaro saal raj karne ke bad pichhadi jaati kaise ho sakti hain.
धरम जी आप के बताये हुए तथ्य के अनुसार हम आप से पूछते है कि आप गोप और अहीर में व्यवसाय के उपर दोनों को बाँट रहे हैं तो अहीर और गोप का व्यवसाय अलग नहीं था गाय नंद बाबा भी पालते थे और अहीर भी तो दोनों अलग कैसे हुए और शिशुपाल श्रीकृष्ण भगवान की बुआ का लड़का था तो नंदबाबा के यहां श्रीकृष्ण का लालन पालन हुआ इसके वजह से श्रीकृष्ण को गोप ग्वाला बोलता था तो क्या आप को नहीं मालूम कि बासुदेव के चचेरे भाई नंदबाबा थे तो वो क्या हुए यदु से यादव वंश चला भगवान श्रीकृष्ण यदुकुल में जन्म लिए ये गौरव की बात है ये चाहे गोप बोलो ग्वाला बोल लो यादव अहीर सब यदुबंशी हैं सब एक ही हैं ईनको अलग से नहीं देखा जा सकता आप को बताउं हर जातियों में सात जाति होती है जैसे ब्राह्मण में कोई तिवारी पांडे मिश्रा उपाध्याय शुक्ला। ,आदि आदि,सब बोलते पडिंत है
अगर आप 20वी 21वी सदी की बात कर रहे हैं तो आरक्षण लेने के लिए सभी यादव अहीर गोप घोसी कमरिया सब एक हैं। अगर ऐसा नहीं है तो गुर्जरों को अलग क्यों रखा क्योंकि वह बीसवीं सदी में बनाए गए ग्रुप में शामिल नहीं हुए।
घोसी वह जो भैंस के दूध का व्यापार करते थे, कमरिया जो गाय बकरी पालते थे कम्मल बनाते थे, मुलायम सिंह कमरिया है।
दूसरी बात नंद बाबा को जबरदस्ती वासुदेव का चचेरा भाई बनवाया गया मिटावट करने वाले लोगों से। नंद का वासुदेव से कोई रिश्ता नहीं था दूर का भी रिश्ता नही था, वह सिर्फ मित्र थे। गर्ग संहिता, ब्रह्मवैवर्तक, भागवत पुराण में आधे से ज्यादा मिलावट है। वसुदेव यदु के वंशज क्षत्रिय थे, नंद एक गो पालक ग्वाल, हां वह वसुदेव के मित्र थे। और सच यही है मित्र।
कमरिया यादव से आप रिश्ता रखते या नहीं अगर मुलायम अखिलेश कम्मल बना रहे होते। शायद नहीं और आप कहते की कमरिया है हम घोसी है आदि
जय यादव जय माधव जय सनातन धर्म जय हिन्दुत्व जय अहीर जय अहीर जय अहीर जय अहीर जय
@@AdarshDharam bura mat manana ji Puran aadi jo likh rahe ho unme to aisi baate likhi ki aaj ke samay vishwas karna mushkil hi nahi asambhav hai. Humaare ko 2000 saal ka itihas to tor maror ke hai. Hum 5000 saal se to yaduvanshi hai ab aap log jor se khud yaduvanshi ban rahe krisan ko apna batiya rahe ho. Wah kya baat hai
To fir कृष्ण वंसज तो yaduwanshi है 👿🌠🔥
@@AdarshDharam सब पुराणों में मिलावट किया गया। नंद को वासुदेव का चचेरा भाई के रूप में मिलावट किया गया। आप बैठकर देखकर रहे थे। आरक्षण शैक्षिक पिछड़े होने के कारण मिला है। सवण ई डब्ल्यू एस का आरक्षण क्यों लेते हो। ऺदलित हो।
मथुरा वृंदावन गोकुल बरसाना नंदगांव विदर्भ महिष्मति चंदेरी मथुरा बटेश्वर काशी उज्जैन नाशिक द्वारका अवंतिका पुरी इतनी जगह राजा यदु संतान रहती थी
अरे बाबा जी जब आर्य भारत में आए तो उनका भी मुख्य कार्य खेती और पशुपालन ही था और हम यादव का मुख्य कार्य वही है । हम लोग यादव,गुज्जर और जाट असली आर्य है।
Yes brother
ये क्या है? आर्य बाहर से आए?
ओबीसी,1990 के बाद बना । परंतु ,
यादव (यदुवंशी) जाति सनातन वैदिक क्षत्रिय हैं और परमपिता परमेश्वर भगवान श्रीकृष्ण जी के वंशज हैं । समस्त सनातन संस्कृति ही यदुवंशियों (यादवों) कि गौरव गाथा से भरी पड़ी हैं, समस्त वैदिक धर्म ग्रंथों में हजारों सालों से यदुवंशियों के स्वर्णिम इतिहास उल्लेखित है।।
🙏जय यादव जय माधव 🙏
वह गोत्र से स्पष्ट होगा
लेकिन अंततः
ईश्वर अंश जीव अविनाशी।
सभी प्रभु के ही अंश है
महाराज मेरे पास सबुत है की 1352 साल का की हम महाराष्ट्र के गवली है
Bhau kuthun aahes tu
अग्नि का प्रकोप मै, पाताल का सरप्लोक मै,,,, जो मान लो तो श्री कृष्ण हूँ, न मानो तो कंस हूँ,,, यादव वंश का कलंक सही, माना मै कंस वही..... जो मान लो तो श्री कृष्ण हूँ न मानो तो कंस सही...!!!
अहीर शब्द आभीर का तद्भव है जो यादवों की एक महान उपाधि है जो यदु महाराज को मिली थी जब उन्होंने गौपालन करते हुए अपने बाहुबल से यदुवंश सम्राज्य की स्थापना की थी और इसका मतलब निर्भिक योद्धा होता है... यादवों में गौपालन यदु महाराज से ही शुरू हुई थी इसलिए गौपालन यादवों की कुल परम्परा है भले चाहे वो राजा रहे हों या रंक... और गौपालन मुख्य रूप से ब्राह्मण और क्षत्रिय ही केवल करते थे जिसमें यदुवंशी क्षत्रियों ने यदु महाराज के वजह से कुल परंपरा के अंतर्गत आज भी करते आ रहे हैं... गौपालन ब्राह्मण और क्षत्रिय के लिए गौरव की बात है न की निम्न कार्य है... जो निम्न कार्य समझता है वो भगवान कृष्ण का अपमान करता है क्योंकि वो भी गौपालक थे... जय श्री कृष्ण...
यही तो हम सब कहते हैं कि अहीर अगर यदु वंशी हैं अहीर अगर 5000 साल से ज्यादा राजा रहे हैं फिर इनको क्षत्रियों में न रखकर obc क्यों किया गया? आर्थिक आधार पर भी यादव किसी भी सामान्य कास्ट वाले से धनी है, खेतिहर हैं कायस्थ ब्राह्मण राजपूत या बनिया इन सबसे धनवान, पूर्व के राजा पिछड़े कैसे हुए? इनको सामान्य वर्ग में लाने के लिए कोई अहीर क्यों नही कहता। क्यों आरक्षण के 3 साल ज्यादा, क्यों गरीब जातियों के कोटा में जबरदस्ती ओबीसी बने हैं। 2 नाव की सवारी कैसे कर सकते है। एक तो छोड़ो या तो कहो हां हम चरवाही जाति के निम्न वर्ग के ग्वाले हैं पढ़े लिख नही पाए इसलिए पिछड़े हैं ओबीसी में रहिए। ऐसी स्थिति में यह झूठे प्रमाण मत डालिए कि कृष्ण जी के वंशज हो।
या फिर कृष्ण और यदु के वंशज हो तो घोषणा करे सारे यादव कि हम अब तक जो आरक्षण लेते रहे वह चोरी थी, हम लोग राजा हैं क्षत्रिय हैं हमारा ओबीसी से कोई सरोकार नहीं है हमें कोई आरक्षण नहीं चाहिए यह पिछड़ी जातियों को दिया जाए। दोनो हांथ में लड्डू तो नही चलेगा।
Thanks Gyanvardhak hai,
नंद जी और वासुदेव जी दोनों एक ही दादा के संतान थे इनके दादा का नाम देवमणि था
Nand jee vasya patni se aur Basudv khatrani patni se isliye Nand ko vasya gop kahkar nandgano bhej diyagaya dudh ka byapar karne aur Basudev ko khatrani putra hone ke karan apni Rajgaddi dekar Raja banaya gaya Nand baba Vasya varn ke aur Basudev khatry varn ke the Khatrya kaho ya Rajputra baat aak hi hai
@@manojkumarsingh3648 नंद और वासुदेव दोनो चचेरे भाई और दोनो राजा यदु के वंश थे यदु के वंश ही यदुवंशी या यादव कहलाया
@@manojkumarsingh3648 अरे मूर्ख नंद और वासुदेव दोनों चचेरे भाई थे
@@manojkumarsingh3648 raajputr to Ramayan me meghnath ko bhi kaha h 😂😂😂😂😂😂😂
जय श्री कृष्ण🙏🙏
Bahut achcha vyakhyan guru ji
gurudev bahut bahut dhanyavad
Raja yadu ke tiyag ki vajase unhone kheti or pasupalan kiya tha to unki parmpara ahiro me aayi he
यादवों को गौ रक्षा करने की परंपरा स्वयं महाराज यदु से मिली है
Ahir i is brought down by Lord Shri vishnu on the earth alongwith KAPIL cows from Golok later on other castes n varns n AHIR BECAME followers of Raja yadu called jointly as yadav yaduvanshi
Ahir i is brought down by Lord Shri vishnu on the earth alongwith KAPIL cows from Golok later on other castes n varns n AHIR BECAME followers of Raja yadu called jointly as yadav yaduvanshi
❤
कोरा झूठ, ग्वाल गोप अभीर भैस चराऊ कौम यादव नही है न यदुवंश से कोई सम्बन्ध है अहिर शूद्र जाति है और जादौन क्षत्रिय ठाकुर वासुदेव थे वह है असली यदुकुल वंशी , चलो ठाकुर को बाप बनाने वाले अहिर ग्वाल गोप तुम लोगो पर 7 जातियां हंसती है कि ठाकुरो की नाजायज औलाद आज ठाकुरो की नकल कर रही है 😅😅😅😅😅 हम ठहरे जाट तब भी जाट थे आज भी जाट ही है हम पराए बाप को बाप नही कहते जो है अपना बाप अपना है ।
आरक्षण तो परमार राजपूत, कश्यप राजपूत, लोधी राजपूत भी obc में ले रहे और ews का 10% आरक्षण राजपूत ही ले रहे वर्ग से वर्ण व्यवस्था का क्या लेना😡😡
कुछ राज्यों में ब्राह्मण और राजपूत भी ओबीसी में हैं, तो महाशय,क्या वहां ये वैश्य या शुद्र कहलाएंगे ???
Ham bhi yaduvnshi ahir hai 1755 ke yudh me Mera purvaj sirsha mathura dono Afghaniyon se har Gaye the
Sir aapse jyada dharmik gyan pure CZcams pe kisi ke pass nhi hai
Naman aapko
अधूरी जानकारी है महाशय आपको दुबारा अपना पुराण पढ़ने की कृपा करे जैसे हरिवंश पुराण
झूठे प्रवंंचना से , शास्त्रों के बारे में अज्ञानता से , देश का भला होने वाला नहीं है, अध्ययन में ईमानदार बनिए , दो चार ग्रंथों को पढ़ लेने से विद्वान नहीं कहलाते।
चलो आपने यह तो माना कि 2 चार ही सही ग्रंथ तो पढ़े हैं। अध्ययन के आधार पर ही प्रश्नों के उत्तर दिए जाते हैं हम खुद को विद्वान कभी नही मानते, एक से बढ़कर एक विद्वान हैं इस देश में, लेकिन असत्य का समर्थन मैं नही कर सकता।
Jay shree Krishna
Ved mata Gayatri ke bare m bhi bataye
Nand aur Vasudev G chachere bhae the vansawali padhiye kisi bhi puran me Brahm vaibart ho ya garg ya phir Harivansh
Pandit ji aapne mahabharat aur haribans puran ko sahi tarike se risarch kijiye uske baad speech dijiye
आप सही कह रहे प्रभु, आपकी इच्छा का सम्मान किया जाएगा।
Nand baba aur Vasudev chachere bhai the aur devak ki putri devki thi yadav aur ahir ek hi hote hai
Iska praman kya hai
जय श्री कृष्णा जय यदुवंशी क्षत्रिय
हे महाज्ञानी मैं हजारों यादवों को जानता हूं वह आरक्षण छोड़कर सामान्य वर्ग बनना चाहते है। बहुत से है जिनके पास जाति प्रमाण पत्र भी नहीं है लेकिन उन्हें कोई सामान्य वर्ग का मानता ही नही है। सरकारी व्यवस्था है ये इसे सरकार ही बदल सकती है कोई किसी जाति का व्यक्ति नहीं बदलेगा। और अब तो आरक्षण हर जाति ले रही है। और इतिहास में कुछ और है शास्त्रों में भी कुछ और ही सच्चाई है ये पता नहीं कौन सा शास्त्र समझा रहे हैं। शायद इनको खुद ही संस्कृत समझ में नहीं आई 😅😅😅
Panditji Aheero ko apne Vansh kee Jankaree he Yadav Aheer me antar batana vyarth he
चौधरी साहब अगर आपसे बार बार कोई प्रश्न करे भले ही वह विवादास्पद विषय हो लेकिन जवाब तो देना पड़ेगा न। प्रश्न कर्ता भी एक यादव जी ही हैं तो जो कुछ 1920 में विभिन्न लोगो को मिलाकर एक संगठन बना इसके पूर्व क्या था वह बताया गया। आप को अपनी जो बात सुनी हो उसको मानिए, परंतु जो सच है वह सच रहेगा। भगवान कृष्ण 11 वर्ष की उम्र में मथुरा गए उसके बाद पूरे जीवन में कभी भी गोकुल वृंदावन वापस नहीं आए यह बात प्रमाणिक है। नंद बाबा गो पालक थे, गो दुग्ध उत्पादक थे विक्री करते थे उनके सभी साथी भी यही व्यवसाय करते थे अतः उनको वैश्य अर्थात व्यापारी कहा गया है।
वसुदेव जी राजपरिवार से थे , युद्ध करते थे कंश के परम मित्र थे सलाहकार थे इसलिए वह क्षत्रिय कहे जाते थे। कर्म के अनुसार वर्ण व्यवस्था थी जाति नाम की चिड़िया थी ही नहीं लेकिन यह बात जातिवादी लोगो के समझ में नहीं आती है। बार बार समझाने का प्रयास करता हूं।
Sir mai Bihar se hu Aur mai Majrauth(Madhu ka vanshaj) Yadav hu.Humlog Mathura se migrate ho kar Bihar mai aa gye.Bihar mai Jayadatar Krishnauth aur Majrauth Yadav paaye jate hai aur bhi bahaut hai.to Humlog kis varna mai aate hai????
देखो वैसे तो वर्ण व्यवस्था पूरी काल्पनिक और मानव विरोधी है, लेकिन धार्मिक ग्रंथों में अहीर शूद्र ही हैं चाहे रामायण, महाभारत, व्यास स्मृति पढ़ लो।
@@realityground.4714Matlb Ye Guruji Chutiya hai Jo etna badbada rahe the😂
Enta mat jalo ki ched bada ho jaye😂
Yadavo ki Mul Jati Ahir Hi Hay.Jo ki Lord Sri Krishna ka Yaduvansh Hay.
yayati putr yadu ki patniyo ka nam bataeye,man luga loha,we kaun kaun vansh ya Vern ki thi.
Jai shrikrishna
Sir hyhyvansh ky knowlag
Shri ji humare pardada ki pirhi ke sabhi gaye palte the.bhais nahi . Us samay bhaise thi kya
भैंस त्रेता युग में भी थी क्योंकि
महिष खाय करि मदिरा पाना। गरजा वज्रघात समाना।
अगर भैंस नही थी तो भैसे का मास कुंभकर्ण कैसे खाता था।
आपके घर में गोपालन होता था अच्छी बात है मित्र लेकिन उस समय यह सभी पशु थे गाय भैंस बकरी भेड़ आदि।
Dhanyawad. Hamare gaon me50-60-70-80 saal pahele ek Jan 2 bhais pehli baar laya uske pariwar ko aaj bhi dobhaisiya wale kahte hai. Mai ahir hu shayad hum pehle gaye hi rakhte the. Gaon bhi Purna aur Bara hai.
Are aap pata nahi kyA kaha rahe hai ahir kise raja se nahi balki ek uppadhi hai apne toh yadav or ahir hi alag kar diye
Itani achchi jankari dene ke liye bhaut bahut sadhuwad sir.
Uma Shanker yadav dharmdaspur sonbhadra apki soch bahut hi sundar hai thank you very much sir ji
I think you are spy agent of some so called communities because now days their blogs are not coming in this plate form.now they are taking a support of like you people's. Because upto now they have not proved that they are seperate from ahir communities. I think this the main consiperancy from Rajshthan state. Because now days their blogs are disappearing on this plate form. Jay yadav , jay madhav, hail lord shri krishna ji.
I think the sufficient time already been spent on your another comment. भैया जाति वाद का चश्मा उतारकर सनातनी हिंदू बनकर जब सोंचोगे तो अपनी गलती का खुद अहसास होगा। गंदी राजनीति जो मुस्लिम शासक लोग शुरू कर गए कि हिंदू बाटो मलाई काटो वह बढ़ते 2 अब विकराल रूप ले चुकी हैं भाई भाई का दुश्मन बन रहा है कभी सोचना। मुसलमानों में सैकड़ों शिया सुन्नी अहमदी सैयद सेख जुलाहे कसाई दर्जी नाई पठान आदि होते हुए एक दूसरे में शादी न करते हुए, धनवान गरीब होते हुए उनके लिए नेता लोग सिर्फ मुसलमान शब्द प्रयोग करते हैं, उनकी गिनती भी जातियों के आधार पर होनी चाहिए पर नहीं करेगे। वही हमारे दसियो नही सैकड़ों नही अब तो हजारों टुकड़े करके आपस में लड़ाने के लिए हथकंडे अपनाते हैं और हम मूर्ख लोग आपस में जाति के नाम पर लड़ते हैं। जाति आरक्षण हमे बाट रहा है जाति वाद फैलाने का काम कर रहा है। हम सबको मिलकर इसका विरोध करना चाहिए, जब हम जातिवादी राजनीति के खिलाफ खड़े होंगे तो जाति वोट बैंक नही बन पाएगी हम और बटने से बच जायेगे।
Jai ho dada kishan ki 🙏🙏🙏🙏🙏
baba ji gau raksa karna ek kshatriye ka dharm nahi hai to yadav ko vaish kyo bte rhe ho
जयपुरुबंसी जय कुरूवंशी क्षत्रिय किरार, धाकड़, नागर, मालव, जय महाराजा शांतनु, जय कुलदेवी माता गंगा, जय कुल पूज्य माता कैला देवी, जय भीष्म पितामह, आराध्य देव श्री बलराम जी, जय महाराज बीसलदेव, किराडू किला, किराडू मंदिर, किरार कोट, जिला बाड़मेर राजस्थान।अखिल भारतीय किरार छत्रिय महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती साधना सिंह शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश। जय चंद्रवंशी क्षत्रिय।
अहिर pehelese the or usi jati me yadu ka janm huwa hai, or usi yadu kul me shree krishna ka janm huwa tha ye galat jankari na de
Guruji nand bana tho krishna ji ke chacha the na
Aheer 🌄🚩🕉️ kshatriya hai kyuki Gau Brahmin, garibo ki raxa karate hai 💯🚩🕉️ or Rajao ki bhi raksha ahirone ki hai bahen dikario ki bhi raksha ki hai 💯 apane sar katvaye hai 💯🚩🇪🇬 hindutva ke liye ladai ladi hai 💯🌷 isliye aheer yaduvanshi kshatriya hai 🚩🕉️🌄👍
𝐺𝑎𝑙𝑎𝑡 𝑏𝑎𝑡𝑎 𝑟𝑎ℎ𝑒 ℎ𝑜 𝑎𝑎𝑝
𝑦𝑎𝑑𝑎𝑣 𝑜𝑟 𝑎ℎ𝑖𝑟 𝑑𝑜𝑛𝑜 𝑒𝑘 ℎ𝑒 𝑑ℎ𝑎𝑟𝑚 𝑔𝑟𝑎𝑛𝑡ℎ𝑜 𝑚𝑒 𝑑𝑖𝑦𝑎
𝑔𝑜𝑝 𝑎𝑏ℎ𝑖𝑟 𝑎ℎ𝑖𝑟 𝑦𝑎𝑑𝑎𝑣 𝑝𝑢𝑠𝑡𝑎𝑘 𝑚𝑠𝑛𝑔𝑎𝑜 𝑜𝑟 𝑝𝑎𝑑ℎ𝑜 𝑝𝑎𝑡𝑎 𝑐ℎ𝑎𝑙 𝑗𝑎𝑦𝑒𝑔𝑎
Mitra brijesh yadav ji janm se sabhi shudra hi hote hain ,karm se unke varan badlte hain. Pooja paath tyag tapsya nishulk shiksha Dene wala brahaman, sarv samaj ka rakshak kshtriya, kisi prakar ka vyapar karne wala vaishya, aur naukari, service karne wala shudra banta hai.
Yadav vah hain jo Raja yayati ke jyesth putra Yadu ke vanshaj hain. Yadu ne sadaiv samaj ki raksha Kiya unki santan yadav kahe Gaye, vah kabhi Raj sinhasan par nahi baithe sirf sinhasan ki raksha Kiya sachche kshatriya yadav the. Vahin doodh ke vyapari vaishya the bhale hi unke yahan bhagwan shrikrishn paale gaye. 1930 me kuchh vaishya jatiyo ne milkar yah nirnay liya aur sabhi khud ko yadav likhne lage yahi Satya hai. Iske purv koyi ghosi, koyi gop, koyi ahir likha karte they. Yahi baat video me batayi gayi hai. इसमें हमारा उद्देश्य किसी की बात को ऊपर नीचे करना या किसी की भावना को आहत करना नही है। मुझसे रितेश यादव श्रोता ने एक प्रश्न किया कि यादव और अहीर में अंतर क्या है वही उत्तरित किया गया है जो सत्य है प्रमाणिक है। क्योंकि 1930 को अभी सदियां नही बीती हैं इसके साक्ष्य आपको गूगल पर भी मिल जायेंगे।
Dharma do hi Hai nar aur naari Baki sab rajneet Kari ,Jai Shri Krishna Radhe Radhe 🙏
Ye jumala baji hai sir ye kyo bata rahe ho?
प्रजा अबोध जीवन इसे किसी प्रकार की बोध नहीं हिंदू धर्म समाज की समझ नहीं दुनिया की समझदारी नहीं
You tube me mazak chal raha h
Jay shrikrishna
नंदबाबा वैश्य कुल के थे, वसुदेव चंद्रवंशी क्षत्रिय थे
Fir jadon Thakur kon hai krsgan ji jadon bans ke the jadon hi chandra vansi chhtriya hote hai aheer yadav sudra Baran me ate hai
Jai Yadav Jai Madhav ⚔️🚩
Jai Yaduvansh ⚔️🚩
Video ke shuruvat mein aap state Hai ki abhir,vrishni aur andhak ek hi pita ki Santan hai phir akhir mein ente alag batata hai.plz clarify ur Video.
बिल्कुल सही ही बोला है यह सब यादव स्वघोषित बने जबकि यह चरवाहे जाति थे जिसमें अहिर गडरिया और भी चरवाहे जातियों ने 1920 में सभा की और यह लोग यादव लगाने लगे , गडरिया थोडे राजनीतिक रूप से कमजोर रहे तो अहिर ग्वाल अभीर भैस चराऊ जाति ने गडरिया (पाल) जाति का बहुत शोषण किया अपने बराबर तो छोड़िए उनका शोषण किया और खुद को हर तरह से लालू मुलायम अकलेश की छत्रछाया में अहिर जाति का भरपूर लाभ उठाया लूट खसोट की ।
Guruji nand baba kya kshatriya the
क्षत्रिय वह होता है जो क्षत्रिय का कर्म करे, नंद बाबा गो पालक , गाय के दुग्ध और उसके अन्य प्रोडक्ट का व्यापार करते थे इसलिए ग्वाले कहे गए हैं, वैश्य (व्यापारी) कहे जाते हैं।
@@AdarshDharam Aap mayray comment ka javab abhi tak nahi dey hay.
@@AdarshDharamयदुकूले चंद्रवंशी अभीर महाराज कार्तवीर्यात्मजार्जुना तस्यांवाये उमुत्पन्नःवीरसेनादयो नृपाः। अर्थात -(पद्मपुराण कालिका महात्मय) में लिखा है -यदुकूल के चंद्रवंशी अहीर महाराज कार्तवीर्य के पुत्र अर्जुन अथवा सहस्त्रार्जुन के उस वंश में वीरसेन आदी राजा पैदा हुए हैं।
@@AdarshDharam पद्मपुराण में कृष्ण को अहीर कहा है
@@AdarshDharam नंद बसुदेव दोनो ऋशी कस्प के औतार थे गायो की चौरी करने पर उनको शराभ मिला की तुम अगले जनंम मे नंद वसुदेव बन के गोप यदुवंशीयो के घर में जनम लैगे महाभारत के दोरोन परब में अहीर को सुरसेन का वंशज अहीर बताया हहै
Are aap kya kahe rahe hai yadav toh yadu maharaj ne kaha tha ki unke vansaj yadav kahalayange toh aap kaha rane hai ki ahir vrishni bhai hai toh pahele toh yadav se maharaj yadu ke samaye se usi taharah chandravanshi the hum baad me yaduvanshi bane hai toh pratham se hum chandravanshi hai baad me yaduvanshi toh fir
Nand vaisye vasudev yaduvanshi Rajput
Vasudev or nanndbaba chahere bhai the aapsme ak hi raja ke potra the fir vo different kese kahlaye or ahir ka matalab sarpdaman he jo kaliya nag pe vijay pane per sri krishna ji ko ahir ki upadhi mili thi or raja yadu ko bi sap ko harane pe unhe bhi ahir kaha gaya tha ahir yani nidar
Sir ek video aap bhumihar brahman par video Banna doa AAP
Apke hisab se sab charwahe hai koi yadav nhi hai,fir sastro me yadav Ka jikr kyu hua hai,aur unko chhatriye bhi bataya hai,aur aap lage dusra gyan batne,
आप शायद data बचाने के लिए पूरा वीडियो ध्यान से नहीं देखा, भरत जी यह प्रसंग कई सारे भागो में है जब तक पूरा नहीं देखोगे समझ में नहीं आएगा।
यदु से यादव हुए और वह क्षत्रिय थे, महाराज ययाति के बड़े पुत्र थे उनकी माता शुक्राचार्य की बेटी देवयानी थी कृपया वह वीडियो पहले देखिए।
@@AdarshDharamjati Vansh aur varn k bare me koi jankari nahi hai Vansh ko Hi jati samjh liae hai Galat hai.
Yadav or Ahir me wo antar karte hain jo apne maa baap mein antar karte hain 😂😂😂😂😂
कोरा झूठ, ग्वाल गोप अभीर भैस चराऊ कौम यादव नही है न यदुवंश से कोई सम्बन्ध है अहिर शूद्र जाति है और जादौन क्षत्रिय ठाकुर वासुदेव थे वह है असली यदुकुल वंशी , चलो ठाकुर को बाप बनाने वाले अहिर ग्वाल गोप तुम लोगो पर 7 जातियां हंसती है कि ठाकुरो की नाजायज औलाद आज ठाकुरो की नकल कर रही है 😅😅😅😅😅 हम ठहरे जाट तब भी जाट थे आज भी जाट ही है हम पराए बाप को बाप नही कहते जो है अपना बाप अपना है ।
Sursenji or. Parjanyji chachere bhai the tab aheer or yadav alag kaise ?
यही समझने की बात है, नंद बाबा गोप थे गौ पालक और गौ प्रोडक्ट्स के व्यापारी थे वैश्य थे जबकि वसुदेव जी यदु वंशी क्षत्रिय थे। नंद बाबा वसुदेव के मित्र थे भाई नही। 1920 के पहले अहीर, घोषी, कमरिया, गोप आदि सब अलग अलग जाति थी और 1920 में एक आंदोलन में सम्मिलित होकर यह सभी खुद को यादव कहने लगे। अतः कृपया 1920 के पूर्व का इतिहास भी पढ़िए। बज्र नाभ के वंशज यदु वंशी क्षत्रिय हैं जब कि नंदबाबा के वंशज वैश्य हैं।
क्षत्रिय और अहीर अलग है बहुत महत्वपूर्ण जानकारी के लिए धन्यवाद🙏
अगर मैं proof kar du to kya हारेगा सो बताओ । अहीर अर्थात अहि का अर्थ होता है सर्प और र का अर्थ होता है दमन करना भगवान कृष्ण कालिया नाग को दमन किए थे तभी से यादव को अहीर भी बोले जाने लगा। यादव क्षत्रिय वर्ण में आता है
Kshatriya koi jati nhi balki ek varn h jisme kai jatiyan aati h❤
क्षत्रिय और अहीर वैसे हिबालग हैं,जैसे राजपूत और क्षत्रिय ।राजा का पुत्र राजपूत,चाहे जिस जाति का राजा जो आदिवासी ही क्यों नही । जय श्री राम ।
Kshatriyo ki Mul jati Ahir hai.
Koi Rajputr Kshatriya nahi hota wo Rajputr Chahe kisi bhi Vansh ka ho ya uski koi bhi jati ho wo Sudra Hi hota hai.kyo ki Rajputr kisi Raja ka Mul Vansh nahi hota aur nahi uska waris hota hai....
Nikal jaa mugalput 😂😂
rahi bat reservation ki hatao na yadav garib nahi the kshatriye hai o siksha me thoda peeche the isiliye unhe obc rakha gaya
Arakshan chhodne se chhatiya ho jayenge achchi baat
Jay shrikrishn
Giri Brahman ko Bihar me Ahir niche MBC me rakha gya hai,We log ladkar aaraksh liye hai,aap giri Brahman se kahiye ki aap aaraksh chhod dijiye ,kyoki aapa Brahman hai,bahut se state me rajput bhae ko bhi obc me rakha gaya hai,we bhi chhode, Delhi University ke ancient and mediaeval history ka book padiye,usme likha hua hai ki kau kau gair muslim log jajiya kar nahi dete the,kise lagan mukt Jamin dan me milti thi, modern history ka Jamin lagan ka report padiye ,jisse pata chal jayega ki obc sc or St class ke logo kis prakar jamindar lagan ka teen Guna jayada lagan leta tha swarna jatiye ke bukabale.obc sc st varg ke garibi or pichhdepan ka kar purani shoshan rules hai,
जय श्रीकृष्ण
Guru ji aapne bhaut aachi jankari di dhanybad
wrong information about yadav
Wrong bhi ho sakti hai kyonki us samay ham me se koyi nahi tha.
Yadaw kastarya hai sirf arachan ka lav Leana ke liya suddea ban rahey hai
Bhagvan sri krishna ji ki vansavli jisme raja devmodh ke putra sursen se vasudev or devmodh ki dusri patni ke putra parjany se nandbaba jo aapsme chahere bhai huve ye mahabharat me bi bataya gaya he or vasudev bhi nandbaba ko bhai hi kahte the or koi apna vans itne dur gokul me bina sabndh ke hi bhej denge ye vnsavli juthi he ye inform kijiye please 🙏 or vasudev jo risi kasyap ko gay ke haran karne per srap mila tha ki yaduvans me gop ke yaha janm hoga uske bad or risi kasayap ki dono patni jo devki or rohini us janm me thi unke garbh me sri krishna or balram ji huve to ye sab juth he jo purano me batate he
पुराणों में बहुत मिलावट है फिर भी आप के ज्ञान को नमन करता हूं आपने जो बताया है वह अर्ध सत्य है किंतु इसमें आप हम कुछ नहीं कर सकते, इतनी मिलावट हो चुकी है कि हम सबको भुस के ढेर में सुई ढूढने जैसा है।
@@AdarshDharam Aap bahut jankar ho to Lord Sri Ram ki jati Hi bta de.??
अरे महाराज सूरदास जी ने भगवान को 50 बार अहिर बोला है। एक बार पद लो। या कुमार विश्वास का video देखो जा कर। सूरदास जी को भगवान ने दर्शन भी दिया था।
Is gyani ko ye batao raja यदु को ahir bola gaya tha
सहस्रबाहु किस बंश के थे क्या वह एक राजा थे
Sahastrabahu Chandravanshi Kshatriya aur wo Yaduvansi Aheer thy.wh chakrvarti Samrat thy.
Kshatriya Veer--:--Yaduvansi Aheer
Jay Sri Krishna.Jay Yadav
Jay Hari Vansham.🚩🚩
Yaduwanshi Or yadav dono hi alag alag h
मान्यवर इतिहास का तोड़-मरोड़ न करे
Jay Yaduvansh
EWS Aarakshan wale bhi hai 💥
ahir ko jati nahi ek upadhi hai ahir matlab ahi sarp or ir harana mah.yadu ek bar van me ek asur sharp ko vadh kr diya tha aur wahi shri krishn ne yamuna nadi me kalia nag ko haraya wahi upadhi di gaya ahir ki
कौनसे ग्रंथ में लिखा है?
Humlog Krishnaut sakha ke yadav hai jo up m bht kam hain jo bihar se belong karte hain hum logo ke yahan rista v krishnauto m hota raha aaj se 150,,200sal phly tak hum apne gotra sakha ke shiva kahi shadi ni karte thr kyuki hum pure yaduvanshi hai krishnaut hain
Khatrya me same gotra me sadi nahi hoti Jaise Chauhan ki sadi chauhan me nahi hoti
जय श्री कृष्ण.....
जय यादव जय माधव.......
Jay shree Krishna 🙏🙏
Gop, gowala yadae , Ahir sab yadav hai.
yaduvansh 3 bhag me vibhajit hai nanadvansh gwalvansh aur shree krishna ji ke vanshaj krishnaut majharaut dhadhoor ethyadi
Baba abhi sahi se Gyan leke aao 🙏
जरूर बेटा, ज्ञान अर्जन का काम जारी है और जीवन भर जारी रहेगा। इसके साथ साथ एक सुई अर्थात( तत्व ज्ञान) जिसके ऊपर बहुत सारा मिलावटी भुस भर दिया है लोगो ने उसको हटाकर तत्व ज्ञान को खोज खोज कर निकालना है और लोगो को बताना है। 1920 के पूर्व के सभी ग्रंथ हमारी बात की 100% पुष्टि करेंगे। जय श्रीकृष्ण।
Baba ji Shayad khabi aap Gop ke Ghar nahin Gaye hai..esliye easi bat kar rahe hai..Hajaron Salo se Hamare yanha Maa Durga aur Talwar ki puja ki jati hai..Aur Gop koi jaati nahin hai ek Padvi hai..Jiska matkav Raja hota hai...aur Ved ke according Jiske pas 1000000 Cows hote the usi ko Gop kaha jata tha..us time properties ka Matlab cows ki sankhayan se mapi jati thi.please don't spread wrong information with society.
Thank you.
Yeh pandit ji isme aarakshan ki baat kaha se le aaye hai 😂
Shakhi re kaise jaau yamuna ke teer
Ghat par baitho hai sawro ahir .yaha radha apne saheli se krishna ko sawro ahir kah rhi hai
इस भजन के भाव बिलकुल सही हैं जब कान्हा जी घाट पर बैठते थे गाय चराते थे ग्वालबालो के साथ खेलते थे, राधा आदि सखियों की मटकी फोड़ते थे उस समय तक सभी को यही मालूम था कि वह नंद बाबा और यशोदा जी के पुत्र हैं एक अहीर ग्वाल (गो पलक दूध के व्यापारी) और अहीर समाज के मुखिया नंद बाबा के सुपुत्र हैं इसलिए उनको राधा जी जो वृषभानु जी ( गुर्जर समाज के मुखिया ) की बेटी थी कह सकती हैं।
कान्हा जी राधा रानी और उनकी अन्य सखियों को कई जगह गुजरी अर्थात गुर्जरी बोले हैं। उस समय यह कोई जाति नहीं सिर्फ व्यापार के नाम थे। आज भी आप अगर किसी के पास बाल कटवाने जायेगे तो उसको नाई या हज्जाम ही बोलोगे भले ही वह व्यक्ति किसी ब्राह्मण क्षत्रिय जायसवाल कायस्थ अग्रवाल या किसी यादव का बेटा हो क्यों उसको उसके पैदा होने वाली जाति का नही कहते क्योंकि उसके कर्म के अनुसार उसके पेशे के अनुसार उसे नाई ही बुलाया जाएगा।
जब सबको पता लगा कि कृष्ण जी राजपरिवार से हैं और वह मथुरा गए उस समय उनकी उम्र 11 साल से कम थी, वह पृथ्वी पर 120 वर्ष रहे लेकिन कभी भी गोकुल वृंदावन वापस नहीं गए क्योंकि ऐसा जिक्र किसी भी जगह नहीं है।
Yadav ko vibhajeet ki sajis mat karo .phut dalo shashan ki niti h.apki bato se kutniti ki boo ati h.devmed ke bare m to bataya hi nahi apne. Yadav samuday ke 101 kul ke bare m to bataya hi nahi krpya karke bataye ki kaise yadao ko kutniti se bibhajit kiya h ap logo ne .kya karan h?
Jis tarah rajputon me alag sirname h usi tarah yadav ahir gwala gop ghos gurjar jaat gawli sab yadivanshi kshatriy h.
यह फैक्ट गूगल पर भी उपलब्ध है मित्र। 1920 के बाद इन सभी व्यापारी वर्ग जो दुग्ध उत्पादन और बिक्री का काम करते थे उन्होंने अपनी जाति वर्ण को छोड़कर भगवान कृष्ण के वंशज दिखने के लिए ज्वाइंटली यादव सरनेम अपनाया इसके पहले सभी अहीर, गोप, ग्वाला, कमरिया, घोशी गबली आदि सरनेम लगाकर अपने को भगवान का वंशज बताने लगे। भगवान प्रकट तो यदुवंशी क्षत्रिय वसुदेव के घर हुए लेकिन पाले गए व्यापारी वैश्य नंद बाबा के घर। 11 वर्ष की उम्र में वह मथुरा चले गए और राज परिवार में रहे । गोकुल, वृंदावन आदि में उसके बाद वह कभी नही आए यह भी प्रमाणित है।
गोप कहो या यादव या घोसी कहो यादव कहो उन के घर परमात्मा रहे तो वह लोग क्षत्रिय यादवों से ज्यादा पूज्यनीय हुए।
मुझे आज तक यह समझ नही आया कि यादव लोग बिना तथ्य जाने इस वीडियो के लिए अपशब्द क्यों कहते है क्यों चिढ़ते हैं?
1920 के पहले तक यादव सिर्फ यादव क्षत्रिय लगाते थे जो आज भी देश में कई सारे लोग हैं वही 1920 के बाद सभी व्यापारी वर्ग के लोग यादव सरनेम लिखने लगे।
ठीक वैसे जैसे गौतम मथुरा साइड के ब्राह्मणों का सरनेम था लेकिन कालांतर में बहुत से जाटव इस सरनेम का उपयोग करने लगे अतः ब्राह्मणों ने सरनेम लगाना छोड़ दिया। क्या गौतम लिखने से जाटव गौतम ब्राह्मण के वंशज हो सकते हैं, स्वतंत्र भारत में कोई भी कोई सरनेम लगा लेता है लेकिन मित्र किसी के पूर्वज नही बदल सकते। नंदबाबा वैश्य वर्ण से थे यह प्रमाणित है वसुदेव जी क्षत्रिय अतः वह चचेरे भाइयों वाली बात 1920 के बाद की मिलावट है। दोनो लोग गाढ़े मित्र थे और मित्र भाई से भी बड़ा होता है यह नंद बाबा जी और वसुदेव जी ने समाज को दिखाया है उदाहरण प्रस्तुत किया है। दोनो ही भगवान के पिता है एक जन्म दाता दूसरा पालक पिता दोनो महान थे महापुरुष थे भगवान जिसको पिता बाबा कहते हो उनके बारे में हम क्यों डिस्कस करें वह किसी भी महापुरुष से बड़े थे।
Nand baba Bas dev dono chachera bhai the dono chandrvnsi kshetraye the dono yadav the prtek ved me brnan hai yadav ko bhrmane ka kam chordijye yadav apne bans ke bare me jante hai
Sir aapki jankari galat hai jara sahi se padh lijiye kyoki vasudev or nand baba chahere bhai the to wo dono alag kaise hue
यह कहां लिखा है बंधु कि वह चचेरे भाई थे?
Mount abu parvat par shudhikran se launch huyi videshi hun jatiya jada na bole🤣🤣 Yadav jo tittle hai vah ahir hai 💪 ahir me nandvanshi ahir gop aur yaduvanshi ahir shakha hai yadav surname 100 salo se prachalan me aaya hai prachin (abhir yadavas) se jude log tha . 😡Nand baba bhi yadav the vasudev bhi yadav the kans bhi yadav tha yadav gopalan hi karate tha danyawad pani aur jal me koi antar nahi hota vaise hi ahir aur yadav me koi antar nahi hota hai . 😏
You are abusing the dharam granth
Yadav ji, Jay shrikrishna . Tell me single point and single word wherein we have abused to Dharm granth? If it's not made by me then you should not comment or false complaint.
Baniya is sub category of brahmin. Brahmin is Iranian tribe. Suryavanshi are hunas and chandravashi are sakas. Only yadav and Jaats kshatriyas. Kindly go indian history by Haridutt vedlankar the History of ancient Indian.
राधे राधे जय सियाराम प्रभु।
Tum batao ki Rajput aur Brahman Aarakshan leta hai ki nahin
ब्राह्मण राजपूत कायस्थ और बनिया को भी अगर आरक्षण लेने लगे तो आरक्षण की जरूरत कहां होगी। इनकी ज्यादा वोट बैंक नही है और संगठित नही है इसलिए इनको सरकार कुछ नही देती वह किसी की सरकार हो। यह सारे मिलकर भी किसी एक जाति से कम हैं फिर इनकी कौन सुनेगा।
वैसे अंबेडकर ने आरक्षण ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य जातियों के लिए नही बनाया था यह सिर्फ अस्पृश्यता निवारण के लिए 10 साल के लिए दलितों हेतु प्रोविजन था। आगे कांग्रेस सहित सभी ने इसको वोट बैंक का माध्यम बनाया।
ये बन्दा अल्पज्ञानी, आरक्षण से व्यथित है।
देखने वाले की नजर में नकारात्मक और सकारात्मक दोनो में से एक ही भाव हो सकता है। आपकी सोच जातिवाद से ऊपर जायेगी ही नही तो नकारात्मक सोच ही रहेगी। कृपया 1920 से पहले की यादव हिस्ट्री पढ़े उसके पहले की पुराण कथाएं देखें। हम कोई विवादास्पद विषय नही लेते,प्रश्नोत्तरी में एक यादव जी के प्रश्न का सही जवाब दिया गया है जो आंखों पर झूठ की पट्टी बांधे लोगो को बुरी लग रही है।
यदुवंशी राजा देवामीड की दो रानियां थी एक का नाम वेस्परण और दूसरी का नाम मधिशा था। वेस्परण से राजा पार्जन्य हुए तथा मधिशा से राजा शूरसेन हुए। तत्पश्चात राजा पार्जन्य के पुत्र नंदबाबा हुए तथा राजा शूरसेन के पुत्र बासुदेव हुए अतः वे दोनों आपस में सगीर चचेरे भाई थे और यह जानकारी साक्षात पदमपुराण तथा हरिवंश पुराण मैं वर्णित है।
मेरे यादव भाइयों इतनी वंशावली को सब लोग याद कर लीजिए।