हनुमान जयंती साल में दो बार क्यों मनाई जाती है? जानिए कारण# Jai Jai Bajrang Bali

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  • čas přidán 7. 09. 2024
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    #हनुमान जयंती हिन्दू धर्म का प्रसिद्ध त्यौहार है जो संकटमोचन हनुमान को समर्पित होता है। हनुमान जी के जन्मोत्सव के रूप में हनुमान जयंती के पर्व को मनाया जाता है। हनुमान जी को संकट मोचन, अंजनी सुत , पवन पुत्र आदि नामों से भी जाना जाता है। सभी देवताओं में से सबसे शीघ्र प्रसन्न होने वाले और चिरंजीव भगवान हनुमान की जयंती देशभर में अत्यंत श्रद्धाभाव एवं धूमधाम से मनाई जाती है।
    हनुमान जयंती 2024 की तिथि
    हनुमान जयन्ती - 23 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी ,
    पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - अप्रैल 23, 2024 को सुबह 3:25 पर शुरू होगी
    पूर्णिमा तिथि समाप्त - अप्रैल 24, 2024 को सुबह 5:18
    पर खत्म होगी
    महावीर हनुमान , जिन्हे भगवान शिव के ग्यारहवें रुद्र अवतार माना गया है। पंचांग के अनुसार, प्रति वर्ष चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जयंती को मनाने की परंपरा है। हनुमान जयंती का बहुत ही महत्व होता है। हनुमान जी अत्यंत दयालु है और वे हमेशा अपने भक्तों पर कृपा बनाए रखते है, साथ ही हर संकट से उनकी रक्षा करते हैं। इस दिन भगवान हनुमान की पूजा-आराधना और व्रत करना अत्यंत फलदायी होता है।
    हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण उत्सव है हनुमान जयंती। संकटमोचन हनुमान को गुणवत्ता और जीवन शक्ति की छवि माना गया है। हनुमान जी का जन्म वानर राज केसरी और उनकी पत्नी अंजना के घर में हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि माता अंजनी अपने पूर्व जन्म में एक अप्सरा थीं। माता-पिता के कारण ही हनुमानजी को आंजनेय और केसरीनंदन के नाम से भी पुकारा जाता है।
    ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी स्वेच्छा से किसी भी रूप को धारण करने में सक्षम हैं, चट्टानों को उठा सकते हैं, पहाड़ों को हिला सकते हैं, तीव्र गति से कभी भी कही भी पहुँच सकते हैं, उड़ान में गरुड़ के समान वेगवान हैं।
    सभी देवी-देवताओं में मात्र वायुपुत्र हनुमान ही ऐसे देवता माने गए है जो कलयुग में भी सशरीर धरती पर मौजूद है। यही वजह है कि हनुमान जी सदैव अपने भक्तों की सहायता करते है। हनुमान जयंती के पर्व को मुख्य रूप से हनुमान जी के भक्तों द्वारा अपार भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता हैं।
    हनुमान जयंती पर विधिपूर्वक हनुमान जी के पूजन से इनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। संकटमोचन हनुमान अपने भक्तों की सभी संकटों से रक्षा करते हैं, साथ ही उनकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते है। हनुमान जयंती के दिन बजरंगबली की पूजा
    करना सर्वोत्तम होता है। इस दिन पूजा करने से मनुष्य को भय, ग्रह दोष और संकटों से मुक्ति मिलती है।हर साल चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि के दिन हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है और हिंदू धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व माना गया है. पंचांग के अनुसार इस साल हनुमान जयंती 23 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी और इस दिन हनुमान जी का विधि-विधान से पूजन किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन अंजनी पुत्र हनुमान जी का जन्म हुआ था और उनके जन्मोत्सव को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. लेकिन कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन भी हनुमान जयंती मनाई जाती है. ऐसे में अधिकतर भक्तों के मन में यह सवाल जरूर आएगा कि हनुमान जी का जन्म एक बार हुआ था तो फिर हनुमान जयंती साल में दो बार क्यों मनाई जाती है?
    कब है हनुमान जयंती 2024?
    चैत्र माह में आने वाली हनुमान जयंती शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाई जाती है. पंचांग के अनुसार यह तिथि 23 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 24 अप्रैल का सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार हनुमान जयंती का पर्व 23 अप्रैल 2024 को मनाया जाएगा. इस साल हनुमान जयंती बहुत ही खास व शुभ होने वाली है क्योंकि इस बार हनुमान जयंती मंगलवार के दिन पड़ रही है और यह दिन हनुमान जी को समर्पित है.
    हनुमान जयंती साल में दो बार मनाई जाती है एक चैत्र माह में और दूसरी कार्तिक के महीने में. पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान जी के पास कई अद्भुत शक्तियां थीं और इन्हीं शक्तियों के बल से उन्होंने सूर्य को फल समझकर खाने की कोशिश की. जब हनुमान सूर्य भगवान खाने के लिए आगे बढ़ रहे थे तो देवराज इंद्र ने उन पर प्रहार कर उन्हें मूर्छित कर दिया. जिससे पवन देव क्रोधित हो गए क्योंकि हनुमान जी पवन देव के ही पुत्र थे. पवन देवता ने क्रोधित होकर वायु का प्रवाह रोक दिया जिससे ब्रह्मांड में संकट आ गया. सभी देवी-देवताओं ने पवन देव से प्रार्थना की वह वायु का प्रवाह न रोके. इसके बाद ब्रह्मा जी ने पवन पुत्र हनुमान जी को दूसरा जीवन दिया और सभी देवताओं ने उन्हें शक्तियां प्रदान की. कहते हैं कि जिस दिन हनुमान जी को दूसरा जन्म मिला उस दिन चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि थी और इसलिए इस दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है.
    कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन भी हनुमान जयंती मनाई जाती है और इसे अभिनंदन जयंती के नाम से जाना जाता है. वाल्मिकी रामायण के अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था जबकि कार्तिक माह की चतुर्दशी के दिन माता सीता ने उन्हें अमरता का वरदान दिया था. इसलिए साल में दो बार हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है.

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