जब सारे मार्ग बन्द हो जाएं तो प्रायश्चित का तप कठोर कर्म बन्धन भस्म करता है,ऋषियों का कथन_नीचे पढ़ो
Vložit
- čas přidán 19. 11. 2019
- पहले पढ़ लो फिर इस लिंक पर अवश्य जाना
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अगर आप 60 दिन की ब्रह्म मुहूर्त ध्यान के मॉनिटरिंग कार्यक्रम में भाग लेना चाहते हैं तो इस पुस्तक को प्राप्त करें जिससे आपका स्वतः उसमे पंजीकरण हो जायेगा।
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जब अनजाने कारण बार बार जीवन में सफलता और उपलब्धि को हाथ से छिटकाते चले जाएँ, जब न चाहते हुए भी तुम्हारें स्वयं के निर्णय ही तुम्हारे विरुद्ध होते चले जाएं और कोई विशेष कारण समझ ही नहीं आए, जब तुम्हारे भीतर का संशय और भी स्वभाव बन कर लम्बें समय तक पीछे ही न छोड़े; तब आवश्यकता होती है अपने गहरे अस्तित्व के परिष्कार की। तब तुम्हें तप का ही सहारा मात्र निदान दे सकेगा। पुनर्जन्म और कर्म फल प्राचीन भारतीय मनीषा के अकाट्य आधार हैं, जिन्हें नकारा तो जा सकता है पर मिटाया नहीं जा सकता।
तप की अग्नि के द्वारा कर्म बंधनों की पकड़ ढीली और समाप्त हो जाती है। और तप की विधा में इन परिस्थितियों में आवश्यकता जन्म लेती है 'तथ्य प्रायश्चित' की। क्या है तथ्य प्रायश्चित, इसका रहस्य क्या है, कैसे इसके विधान द्वारा स्वयं के जीवन में परिष्कार लाया जा सकता है। कर्म बंधनों की पकड़ ढीली बनाते हुए आगे कैसे बड़ा जा सकता है।
एक बात आपको गहराई से जान लेनी चाहिए की अगर प्रायश्चित का विषय हमारे भविष्य के घटना क्रमों से जुड़ा नहीं होता तो उसे हम कभी भी नहीं उठाते। और दूसरी बात यह की अगर इसका सम्बन्ध हमारे जीवन की सफलता असफलता से लेना देना नहीं होता तो भी हम इस विषय को नहीं उठाते। तीसरे यह की अगर प्रायश्चित का लेना हमारी पर्सनालिटी से नहीं होता तो भी हम उसे नहीं उठाते। यह विषय मनुष्य के वास्तविक हितों तक किस गहराई तक जा कर गुँथा है इसका अनुमान सामान्यता लोगो को नहीं है।
प्रायश्चित केवल एक अपनी बुराई पर किया गया पश्चाताप मात्र नहीं है. यह वह प्रक्रिया जिसके द्वारा आंतरिक वायरस पूरी तरह से स्कैन करते हुए जड़ मूल से उखाड़ कर बाहर फ़ेंक दिए जाते हैं। आईये इस विषय के मर्म को जान कर हम वह सारे अनजाने कारणों को समाप्त कर डालें जो रह रह कर हमे हमारे जीवन सफलताओं से दूर बनाये रहते हैं। अपनी असफलताओं के अज्ञात कारणों से मुक्ति चाहते हो तो इस विषय को अवश्य जान लो तुम्हारा भला होगा। दिनेश कुमार dineshji.com/e-books/
यहां इस विषय पर Ebook एवं Audio बुक उपलब्ध है जो आप मोबाइल इत्यादि पर सुन सकते हैं। और उनके एक साथ कॉम्बो भी उपलब्ध हैं। अपनी सुविधा से छांटें - Jak na to + styl
आज के युग मे हमारा सौभाग्य है की आप जैसे महापुरुष की वाणी हमे सन्मार्ग दिखाती है.
मार्गदर्शन के लिए अतिआभार प्रकट करताहूँ। सदैव आपके मार्गदर्शन का अभिलाषी रहूँगा। धन्यवाद🙏
Very well explained sir..
Very grateful for enlightening on this great topic.
Thanks.
Charan sparsh h 🙏 bhut Shanti milti h aapki baten sun Kar...
Dinesh ji aapki baat Puri Tarah Satya h......namaskar
Jai ho
आज गुरु पूर्णिमा हैं
आपको गुरु रूप में प्रणाम
मैं इतना कंप्यूटर फ्रैंडली नही हूँ कृपया ये कॉम्बो बुक हार्ड कॉपी में कैसे प्राप्त कर सकते हैं ।
पुनः प्रणाम
Thank you sir you have answered my question and solved my problem
Bahut Bahut Abhar guru ji.. 🙏🙏
Thanks sir
Naman hai.
सादर प्रणाम बाबूजी
Pranam sir thanku
Soo nice thanks
jai ho
जय जय श्री रामाकृष्णा जय जय शारदा माँय 🙏🙏🙏🙏
Good
गुरुवर सादर प्रणाम🙏
कृपया मुझे बताए तथ्य प्रायश्चित एवं विधान प्रायश्चित का टेक्स्ट बुक संस्करण भी उपलब्ध है क्या एवं वे कहां से प्राप्त होगी
Hard copy ulabdh nahin hai kewal Ebook athwa Audio book uplabdh hai
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸param mahashanti hai Maharaj.
DHANBAAD mhapursho....
jai ho
Namaste sir
🙏
आपके सानिध्य में रह कर जीवन की कठिनाइयों को कैसे दूर कर सकते है कृपया मार्ग दर्शन करे
Koi prashn ho to info@dineshji.com per puchiye
💐🙏🙏🙏
Mannka Bata manna hai guruji appako mera paranm gurudev
प्रणाम सर, इतनी सार्थक जानकारी प्रदान करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद | क्या आप मुझे किसी परम सिद्ध माँ गायत्री के साधक के विषय में जानकारी दे सकते हैं ताकि मैं उनसे दीक्षा प्राप्त कर माँ गायत्री की साधना कर सकूँ |
Sharir mei koi hain iska mujhe gyan nahin hai... per ashrir dhari avashya hain... agar unse antah karan mei dikshit hona ho to info@dineshji.com per likho.
guru ji ye book hme chahiye kaise mangaay
ચાદરાયણ વૃત કયારે કરાય અને તેની વિધીની જાણકારી આપી શકાય તો વધારે સારુ
Pustak ki ebook me ruchi nahi. Muje aankho se adhik prem hai. Muje hard copy chahiye ye kaise prapt ho ??
Aap Audio Book le lijiye . Hard copy to hai per pustak ki kimat aur courier mila kar yun hi mahnga padata hai.
Acharya ji ..ye pustke keha se melegi
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Ye pustake kaise mangwa sakta hu Guruji
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प्रनाम गुरुवर जिन पुस्तकों का आपने इस विडियो में जिक्र किया है कया ऊनकी Hard copy मिल सकती है मै दिल्ली में रहता हूँ
Acharya ji pranam ham apse milna chahte h ap ka ashram kaha h
I do not have any ashram... you can email me first at info@dineshji.com
Muje apse milna he plzzz aapka pata batavo 🙏🙏🙏
Nischit... aap rishikesh aayiye
Behad ke Behad ki Param Param Param Maha Shanti ho rahi hai Gurudewa
jai ho
Very well explained sirji
Dhanyavad
आप जो पुस्तक बोल रहे है सा वो कहा मिलेगी सा
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Vardhan ke liye kya karna
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Me har video me likhti hu,,,milne ha apse
Kalpana se pare ,,,vichar
Namaste ji maine apka sandesh suna bahut acha laga,ek baat or kehna chah raha hu pure sandesh main jo podhe hai shant rahe. Jab apne bolla 13:45 second main park halke se jhum udha, jaise prakriti bhi keh rahi ho ha yeh theek hai
Jai ho
🙏🙏