उखयाङ ज़ातरू || फुल्याच || बड़ा कम्बा || किन्नौर || हिमाचल प्रदेश || 2020

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  • čas přidán 10. 09. 2020
  • फुलेच मेला(उख्यङ मेला) Festivals Of Flowers:- किन्नौर जिला में तरह-तरह के मेले होते हैं। उख्यङ (फुलेच ) उन मेलों में उख्यङ मेला प्रमुख तौर पे आता है । उख्यङ (फुलेच )का अर्थ होता है (ऊ-कायङ) फ़ूलो के साथ कायङ नृत्य करने का मेला .. इसे फ़ूलौ का मेला भी कहा जाता है।
    Uh (ऊ) का अर्थ होता है Flowers(फूल) and Kayang (कायङ) Dance Nati (नृत्य)
    इस मेले में देवालु हिमालय पर्वत (कंड़े )जा कर विभिन्न प्रकार के नये पैदा हुए फूलों को लाते हैं जैसे Brahmkamal(रोन्गोर/ड़ौगौर ), Musk Larkspur (लोस्कारच) , Himalyan Knotweed ( शवीग-पाटीन्ग्च /शवीग सीलंग), Poa Alpina (जौल जी/लानू ऊ), Carex nivalis ( रोक सीलंग) Paboo Uh, Saussurea gossypiphora (खास्बाल) फूलों को लाकर माला बनाकर देवताओं को अर्पण की जाती है देवालु स्वयं भी फूलों को अपनी टोपी पर लगाते हैं ओर देवताओं के समक्ष पारम्परिक नृत्य (नाटी) लगाते हैं । फुलेच मेला पौराणिक किन्नौरी लोक गीतों के अनुसार में सबसे पहले देवता साहब बौण्डानाग जी के मन्दिर प्रांगण (कलै) से शुरू होकर अधिकतर किन्नौर क्षेत्र में मनाया जाता है और अंतिम फुलैच गंधर्व देवता जी के याना और माहेश्वर जी के वांगपौ(किन्नौर) में मनाया जाता है।
    फुलेच एतिहासिक मेला लगभग दो महीने तक विभिन्न अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग देवी देवताओं के क्षेत्र में मनाया जाता है । इस मेले को मनाने का प्रमुख कारण प्राचीन काल में लोग विभिन्न प्रकार की बिमारीयों से मुक्ति के लिए देवी आज्ञा से इस समय कंड़े जाकर जड़ी बूटियों के साथ-साथ नये उत्पन्न फूलों का एकत्रित किया करते थे और ऊंचे पहाड़ों में अदृश्य देवी देवता ( यक्ष,गन्धर्व) काली व सावणी देवीयों को प्रसन्न किया जाता था ओर ब्रह्मकलम आदि दिव्य फूलों को लाकर देवी-देवताओं को अर्पण करने के पश्चात इस पर्व का आगाज हुआ होगा । कुछ लोगों का मानना है वन के देवता,यक्ष,गन्धर्व काली व सावणी जिनका निवास स्थान जंगल ओर बर्फीली चोटियों होती है वे प्रायः बर्फ से ढकी रहती हैं। इसी कारण सावन महीने में ये देवी देवता इन पुष्पों में समाहित होते हैं और फूलों के माध्यम से देवालुओं व आम लोगों से रुबरु होते हैं। देवालुओं के द्वारा पारम्परिक व्यंजन हलवा-पुरी के द्वारा वन देवी देवताओं की पूजा की जाती है व इसी क्रम में इन देवी-देवताओं की विदाई भी की जाती है।
    फूलेच मेला बौण्डा से ही प्रारंभ क्यों होता है इसका सटीक जवाब ढुंढ पाना मुश्किल है । फुलेच मेले का आगाज बुशैहर रियासत के राजाओं के समय हुआ था।बुशैहर रियासत में उस समय किस राजा का शासन था ये कह पाना संभव नहीं है।फुलेच के संदर्भ में भगवान_श्री_बद्री_विशाल जी कामरु(किन्नौर) पहले बखान में इसके मनाने का कारण बताते थे की ये पर्व की शुरुआत निचले क्षेत्र से करनी थी इसलिए कहा गया कि सबसे पहले जिस भी कंड़े में पहली सूर्य की किरण लगेगी उस क्षेत्र में यह पर्व सर्व प्रथम मनाया जाएगा।कहा जाता है कि बौण्डा क्षेत्र के ऊंचे पहाड़ वशल कंड़े में सूर्य की किरण लगी उसके बाद रुपी कंड़े में लगी तभी से यह पर्व मनाया जाता है।
    कुछ जनश्रुतियों में इसके संदर्भ में कहा जाता है कि एक बार सभी देवताओं के मध्य प्रतिस्पर्धा हुई ओर एक स्थान पर बीच में फुल रख दिया ओर कहा कि जो सबसे पहले इसे छुएगा वो सबसे पहले फुलेच मेला का आरंभ करेंगे । कहते हैं कि इसमें नाग साहब बौण्डा विजय हुए थे तभी से ये मेला सबसे पहले बौण्डा से मनाते हैं । कारण कुछ भी रहा हो ये शोध का विषय है। याना किन्नौर में आखिर मे फुलेच मेला होता है। ये मेला अन्तिम में इसलिए मनाया जाता है कियुकि कहते हैं कि एक समय क्षेत्रों में सारी की सारी जड़ी-बूटियां मुरझाईं गई थी। तब देवता साहब गंधर्व राज ने अपनी शक्ति से समस्त कंडो (पहाड़ौ) को हरा भरा कर दिया था। तब से लेकर याना में सबसे अंतिम फुलैच का त्योहार मनाया जाता है । प्राचीन काल में फुलेच मेला पारम्परिक नृत्य व आपसी मेलजोल का सबसे बड़ा केंद्र रहा होगा। मेरा सभी लोगों से विनम्र निवेदन है कि आप सभी अपने क्षेत्र में मनाये जाने वाले सभी पर्वों व त्योहारों को अत्यन्त ख़ुशी व आनंद के साथ मनाये कियुकि हमारी संस्कृति हमारी विरासत है इसे हमेशा संजोए रखने का प्रयास करे
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    Video credit : Kalpana Negi
  • Zábava

Komentáře • 12

  • @SolanYouTuberKT
    @SolanYouTuberKT Před 2 lety +1

    Jai ho beautiful ❤️👌❤️👌❤️👌❤️👌❤️👌❤️👌❤️👌❤️👌❤️👌❤️

  • @crniltunegi4585
    @crniltunegi4585 Před rokem +1

    Great rich and old tredition of kinnaur and beautiful kinnauri kaayaag and festival of flowers fulayach unforgettable memories and one of the best and treditional kinnauri song 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

    • @KinnaurTheWonderlandjai
      @KinnaurTheWonderlandjai  Před rokem

      🙏🙏🙏 thanks please subscribe like and share our channel Kinnaur The Wonderland

  • @baliramnegi1522
    @baliramnegi1522 Před 3 lety +1

    Very nice song

  • @Sxritx_2611
    @Sxritx_2611 Před 3 lety +1

    Jai ho 🙏

  • @anjanadevi4094
    @anjanadevi4094 Před 3 lety +1

    Amazing 😍❤️💙 I really love kinnouri culture and song because I am from chhota kamba jai nagin Mata ji.....

  • @giandevi2120
    @giandevi2120 Před 3 lety +1

    🙏🙏🙏

  • @sunilmalik7645
    @sunilmalik7645 Před 3 lety +1

    Beautiful

  • @rakshabikras7896
    @rakshabikras7896 Před 3 lety +2

    Jai ho usha nagin mata ji🙏🙏💖💖