क्या बुद्ध के समय में जातिवाद था | भारत में जातिवाद की शुरुआत | हमारा अतीत | Hamara Ateet |
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- čas přidán 23. 08. 2024
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प्राचीन इतिहास PDF - imojo.in/1f6sRUD
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सम्पूर्ण इतिहास PDF - imojo.in/1f6sRUD
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Racism in the time of Gautam Budh
This question is very important and everyone wants to know its answer. There is a lot of controversy regarding this. Some people say that there was no casteism in the time of Lord Buddha. Others say that the tradition of casteism is very old, but which of the two is correct? Those people who say that there was no casteism in the time of Lord Buddha, or those who say that the tradition of casteism is very old.
After watching this video all your confusion will be cleared. You will also get to know that how old is the root of casteism in our country. I am going to talk to Hindi translation of the travelogue of the famous Chinese traveler Whansang, which has been translated by Thakur Prasad Sharma. This story is found not only in the travelogue of Whansang, but also in the Dighanikaya and Majjhimikaya of the Suttapitaka, the sacred texts of Buddhism. This story is narrated in the Aggaja Sutta of the Dighanikaya and the Dhammachetiya Sutta of the Majjimnikaya.
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बुद्ध और धम्म को समझने में आपका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। मैं आपका सदैव आभारी रहूँगा। आपका बहुत बहुत धन्यवाद। 🙏🙏
जातियों की उत्पत्ति, मध्यकाल में तेरहवीं चौदहवीं सदी में हूई थी।
प्राचीन काल में केवल वंश और समूदाय थे।
बहुत बहुत धन्यवाद.आपने पूर्ण निष्पक्ष होकर ऐतिहासिक जानकारी दी. सभी तथ्य प्रामाणिक हैं. भवतु सब्ब मंगलम्🌷. नमो बुद्धाय🌷🌷
आपका वीडियो इतिहास की जड़ें खोद देता है । बहुत बहुत आभार 🙏❤️❤️
आपने सही कहा कि मुगलों के काल में जातियां बनाई गई।पहले वंशवाद था ।इससे स्पष्ट होता है कि मुगलों के काल में ब्राह्मणों ने जातियां बनाई।
आपणे फायदे के लिये ब्राह्मनोने जातिया बनाई हैं इस बात को कोई नकार नहीं सकता🙏
सर, नमस्कार।
जय भीम, जय भारत।
आप इतिहास ही नहीं अतीत की प्रमाणिकता
उजागर कर रहे हैं, यह इतिहास की जानकारी
ही नहीं,सच्चे भारत के आधार का मिशन है।
बहुत सुंदर, तार्किक ,प्रमाणिक,अतिउपयोगी।
जय भीम, जय भारत।
आपका हरेक विडीओ बहुत हि अच्छा है,, आपको कोटि - कोटि प्रणाम
आपका प्रोग्राम बहुत विश्वास करनेवाला और सही जानकारीसे युक्त होता है।आपका बहुत बहुत आभार।
स्वंम फाइयांन ने लिखा जो आपने बताया था कि भारत मे शिल्प का काम करनेवाले को शिल्पकार ही कहते थे न कि कोई जाति थी। आज के सोकोल्ड भारतीय बोद्ध दुसरो की आलोचना में मस्त ह
भगवान बुद्ध सत्य का आग्रह करते हे
जब बौद्ध ग्रंथों का अनुवाद ब्राह्मण करेंगे तो अपनी संस्कृति को बुध से पहले ही स्थापित करेगा ना l
इस बात का कोई प्राथमिक साक्ष्य नही मिला है जिसमें वर्ण या जाति के होने का साक्ष्य हो l
केवल किताबो में लिखा मिल जाता है वो भी संस्कृत के ग्रंथो में l जो 10 वी शताब्दी के बाद लिखी गई है l
असोक महान के शिला लिखो में लिखे पाली प्राकृत भाषा को संस्कृत बता कर ब्राह्मण वादी इतिहासकार ने मन मर्जी से लिख दिया l
देवानांपिये पियेदसी को संस्कृत में ""महामुर्ख"" लिखा गया है l क्या कोई राजा अपने को महामुर्ख कहेगा?
इसलिये ब्राह्मण दुवारा किये गये बौद्ध ग्रंथो के अनुवाद को सत्य नही माना जा सकता हैं
हिंदी संस्करण किया किसने शर्मा ने वो तो वर्णव्यवस्था दिखाए गा ही क्योंकि अगर वर्णव्यवस्था थी तो ब्राह्मण भी होंगे तो वो किस लिपि या भाषा मे बात करते थे क्योंकि बोद्ध लिपि पाली थी ओर ब्राह्मणों की देवनागरी
Grat Wark Sir Thanku Sir 🙏🏻💐🙏🏻Namo Budhay 🙏🏻💐🙏🏻Jay Bhim 🙏🏻💐🙏🏻
महात्मा बुद्ध का जन्म उत्तर प्रदेश में ही हुआ था,पिपरहवा स्तूप से बुद्ध के अवशेष मिले हैं उनको लिखा हुआ उनका नाम मिल गया है, आपकी जानकारी बहुत ही अच्छी है यहाँ यूटूब पर एक पक्ष बताता है कि भारत में जातिवाद हजारों वर्षों से था और कोइ बताता है बौद्ध धम्म के बाद आया है परंतु आपने पूरी तरह यह बहस साफ कर दी है धन्यवाद।
बौद्ध धर्म और दर्शन पर आपका ज्ञान अतुल्य हैं।
आपने बड़े सही ढंग से जो विवेचना की हैं, उसके लिए आपका आभार।
ऐसा लगता है कि प्राचीन काल में भी जातियां रही हैं।
किन्तु उनका स्वरूप शुद्ध अशुद्ध ऊंच नीच पर ना हो कर सांस्कृतिक और नृजातीय रहा हैं।
ऋग्वेद में भी जातियों का वर्णन आता हैं, किन्तु वहां जाति के लिए ऐसे समुदाय चिन्हित किए गए हैं,जो सांस्कृतिक, धार्मिक और एथनिक वैदिक संस्कृति के लोगों से भिन्न रहे हैं।
अबके वर्ण और जातिवाद का भी अलग ही मजा है, परंतु किसी एक सभ्रांत जात को। बाकि तो बस इनके शिकार है।
वर्तमान में जो अपने आप को बहुत ही स्ट कहते हैं आपके इस लेख को सुनना चाहिए और समझना चाहिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
You are so true sir. Caste discrimination started during Muslim Era....not because of Muslims bit bhramanism has taken its full wings during this time. It incorporated pharsi priests and their customs
This is really a very good analysis of the caste system in India .Indica doesn't mention casteism . All that Megasthanes describes is Das System .But the Indian Das were not like slaves in Europe . Even the Arab treated their Dada's well. Kutubuddin was a slave of Ghoori and Iltutmish of Kutubuddin . This is why historians named this Dynasty Slave Dynasty or Ghulam Vansh. Many, many thanks for enlightening us with facts . Manusmriti was written after the Gupta Period . 🙏🌹
Shakya log kisan ( Khetiye) the...
Gautam Buddh khteiye matlab Kisan the..
Maurya wansh khetiye the aur Shakya wans se nikle the ..
Samrat Asok ne ye likhwaya bhi tha ki wo bhagwan buddh k wansaj h..
Aaj k koiri( kushwaha) , Maurya inke hi wansaj h..Jai Samrat Ashok..Namo Buddhay.. 🙏
आपको बहुत बहुत साधुवाद🙏🙏🙏❤❤❤
बात वही है, उच्च नीच पर तो दुनिया चलती है
Excellent 👍👍
बहुत खुब आपकी. सटीक पुरातात्विक, वैज्ञानिक, ऐतिहासिक, भौगोलिक, वास्तविक, भासाविद, की जानकारी सभी को जगरूक करेगी
Thanks for introducing a real history 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत बहुत धन्यवाद।वीडियो तथ्यात्मक है।
Finally there are Indians like you who are taking a deep dive into Buddhism and Buddhist history.
Thank you, Thank you!
Most Indians don’t even know a little about Buddhism. They even say there is no difference between Hinduism and Buddhism.
There are huge differences.
Hinduism = mantra Dharma. They have a mantra for everything. Karma is about the next life and not here and now.
Buddhism is actually Sila/Paramita Dharma where develop our body speech and mind through wholesome actions from body, speech and mind and we try to destroy any past evil karmic fruit by creating good karmic fruit here and now.
बहुत ही उपयोगी जानकारी
दुनिया के सभी धर्म मजहब रिलीजन में जातिवाद उच्च नीच भेद भाव नस्लवाद फिरका परस्ती होता है। चाहे लोग माने या ना माने या एक कड़वा सत्य है।
बहोत ही महत्वपूर्ण जानकारी 🌄
महात्मा बुद्ध की जय हो
भगवान बुद्ध, ये अकेले थे जिन्हें भगवान शब्द दिया गया था, ब्राह्मण मानसिक अपंग ने भगवान शब्द का ही टुच्चा पन दिखाया नकली धर्म की आड़ में
भगवान बुद्ध को महात्मा ना बोलें, महात्मा शब्द ब्राह्मण मानसिक अपंग का दिया हुआ है, आत्मा को आप explain नहीं कर सकते हैं, ऐसा कुछ कभी पैदा ही नहीं हुआ है। भंग अवस्था प्राप्त करके ही बुद्ध भगवान कहलाए थे
बुद्ध कालिन के समय मे जाती बाद था ऐसे सुत्राे से पता चलता है , धन्यबाद सर 🙏
Jai ho samrat suddhodhan .
Jai ho Maya Devi
Jai samrat Chandragupta Maurya.
Jai samrat ashoka mahan Maurya.
Good historical knowledge thank you
Brahmin kahania likhney mey mahir hai
Agar buddhism mey jativad hota toh Tibat china burma laos combodia japan mey bhi jativad hota.
Brahmin hi jativad ka mata pita hai
This information is very much true from various others books also that Maurya vansh comes from Shakya vansh. Thanks for very detailed information.
बहुत संतुलित अध्ययन किया है👌👌👌
अच्छा ज्ञान अर्जित किया है आपने
muslim kaal me hi bramhano ne manusmriti Ramayan Mahabharat likhi thi isliye jatiya muslim kaal me hi bani par jatiya muslimo ne nahi bramhano ne banai thi khud ko shresht sabit karne ke liye
सर आपने कहा कि मुस्लिम काल में जातियां बनी जातियां किसने बनाई मुस्लिम या या अन्य लोग कृपया बताने का कष्ट करें
Koi bji samaj discrimination less ho hi nahi sakta...ye kisi na kisi rup m rehya h......hindu ki tarah organized caste discrimination buddha k samay m nahi tha..❤ u sir
आप महान टीचर हैं सर
क्षत्रिय होने के साथ शाक्य वंश के साथ भेद के साथ भाव से बौद्ध कालीन विचार और वंशज की पृष्ठी हो रही है !
आपको बहोत बहोत साधुवाद ! आप सही इतिहास बताते है ! मैने स्वयं भिक्खु ह्युन सांग और भिक्खु फाह्यान के भारत वर्णन पुस्तके पढी ! आप सही सही स्पष्ट करते है ! वास्तविक अनुवादक ठाकुर प्रसाद शर्माने सम्राट हर्षवर्धन प्रणित और आयोजित हर ५ साल कनौजमे मेला का वर्णन "कुंभमेला" जैसा किया हालाकी बौद्ध "भिक्खु" इस शब्दका वर्णन "साधु" ऐसा किया , यह वर्णन बहोत गलत है ! आपने सही सही स्पष्ट किया ! आपको बहोत धन्यवाद..बहोत साधुवाद ..
नमो बुध्दाय
Dhanyavad sir 👍
इसका अनुवाद करने वाले ने निम्न कुल के स्थान पर शूद्र लिख दिया होगा क्योंकि इनकी तो आदत ही है वैदिक काल की बातों को कहीं से कहीं से स्थापित करने कि जब वर्ण व्यवस्था थी नहीं तो शुद्र कहां से आ गया
वंशवाद ही जातिवाद है जातिवाद अत्यंत प्राचीन है वर्णाश्रम भी जातिवाद की उत्पत्ति का कारण है
excellent
Love you sir 💖💖💓💖💓💖💓💖
Very very very Nice videos
Very nice
लेकिन सर जी आखिर जातिया तो ब्रह्मणो ने ही बनाई है चाहे मुगलों का समय हो या ब्रह्मणो का समय हो हमे बाँटने का काम तो ब्रह्मणो ने ही किया है
Very nice video ❤❤❤❤❤❤❤
आपका हर एक विडियो ज्ञान वर्धक और प्रेरणादायक रहता है 🙏🙏🙏🙏🙏
Namo buddhy jay bheem
Aap ka is VDO ke liye bahot hi Dhanyawad.....jo ghatnae is VDO me aapne batayi hai uska thoda anumanit kal//samay bhi batae to hame aur bhi anand ayega...we also enjoy informative comments....very Nice VDO.... Thanks.Good Luck
bhagwan budh ki samay jain dharm ka varchav tha shraman shaskriti ka bolbala tha varn vyavastha ko nahi mante thi samanta thi brahmanwad 12 vi Satabdi mi shankaracharya dura failaya gayi us ki bad brahmano ni uch nich bhedwav pakandwad failaya
Most knowledgeable
Thanks
Good job aapke video bhut gyan vardak he ek din aap bhut age bdoge
बाबासाहेब आंबेडकर जी के पुस्तक "बुद्ध और उनका धम्म" इस पुस्तक मे बुद्ध के समय पुरोहित, ब्राह्मण और वर्णवाद था ये लिखा हुआ है. कृपया इसपे प्रकाश डाले.
Very nice information sir....
BUDDHA WAS KSHATRIYA...THAT WHY HE FIGHT FROM INJUSTICE OF BHRAMAN...
🥰🥰🥰🥰🥰🥰
मोर पालने का काम ? मोर क्या दूध देते थे
बेहतरीन जानकारी
अभी और शोध की जरूरत है। वैसे आप सही दिशा में है।
Jay Bhim namo bhudaa
आपणे जिन किताबोंका जिक्र किया है. वो कहा मिलेगे और कौनसा प्रकाशन और लेखक के किताब जादा विश्वसनीय है... कृपया बता दिजीये.
Amazing
Bilkul sahi
Sir muje iss mai koi castism nahi lag because it's more like if you are indian and you married with Pakistani women then your own family will not accept you, It's more like that. BTW beautiful information 🙏🏻. Sir Please make a video on Aryan invision and uss ke last mai aap batavo ki Aryan invision/migration such Mai huva thaa ki nahi. 🙏🏻
@@HamaraAteet thanks sir, your video's really help's me 🙏🏻. I am UPSC aspirant. And there are some loopholes in UPSC history syllabus too.
Ashthat Muni par ek video banaye yeh Ashthat Muni kon tha kaha se bilong karta tha eshka actually history bataya budhha ke time yeh kya tha
kori jati pe video banao please
Thanku sir 🙏🙏🚩🙏 Jai shree Ram
बुद्ध और ब्राह्मण --
मान्यता अनुसार जब सिद्धार्थ ( गौतम बुद्ध) पैदा हुये, 8 ब्राह्मण विद्वान दरबार मे आये। 7 ने बताया कि ये या तो चक्रवर्ती राजा बनेगें या बहुत बडे सन्यासी।
और एक कोनडान्ना (कौन्डण्य) नामक ब्राह्मण घोषणा करता है कि ये बहुत बडे सन्यासी ही बनेगे और बुद्धत्व को प्राप्त करेंगे।
जातक बताती है कि गौतम बुद्ध से पहले सात ब्राह्मण बुद्ध हो चुके है। जिनके नाम है दीपांकर, मंगला, रेवता, अनोदस्सी, काकूसंध, कोणगमन और कश्यप ।
जातक के अनुसार ही गौतम बुद्ध से अगले बुद्ध मैत्रेय नामक ब्राह्मण बनेंगे ।
जातक के अनुसार ही गौतमबुद्ध की जन्मस्थली का नाम ब्राह्मण सामाख्य मुनि कपिल के नाप पर कपिलवस्तु था/ है।
बौद्ध ग्रंथो मे
अनन्त ब्राह्मण सुत्ता, अन्नत्र सुत्ता , कंकी सुत्ता, एसुकारी सुत्ता, जनुसोनी ब्राह्मण सुत्ता, गणकमोघल्लन सुत्ता, पच्चभुमिका सुत्ता, सलेय्यक सुत्ता आदि ब्राह्मणो को डेडिकेटिड है ।
इसके अलावा धम्मपद जोकि गौतम बुद्ध को खुद की वाणी मानी जाती है, का एक पूरा अध्याय ब्राह्मणो की स्तुति को समर्पित है , ब्राह्मण वग्गो ।
मज्जहिम निकाय मे बुद्ध ब्राह्मणो की पांच विशेषताये सत्य, तपस, ब्रह्मचर्य, अज्जहेना ( अध्ययन) और त्याग बताकर उन्हे प्रेरित कर रहे है।
अस्सालयन सुत्त गौतम बुद्ध लोगो की कर्म द्वारा सर्वश्रेष्ठ केटेगरी को ब्राह्मण बताते है।
नागसेन की मिलिन्द पोह मे एक कहानी अनुसार गौतम बुद्ध खुद को कर्मो से एक ब्राह्मण बताते है।
विनय पिटक के महावग्ग सेक्शन मे गौतम बुद्ध बताते है कि वेद दस ब्राह्मण ऋषियों द्वारा दिये गये थे शुद्ध थे, असली थे पर बाद के पुरोहितो ने इसमे बदलाव कर दिया है।
दस वैदिक ऋषियों के नाम जो बुद्ध ने बताये थे है अत्रि ( अत्तको), वामको, वामदेव, विश्वामित्र ( वस्समित्तो), जामदग्नि (यमतग्गी), अंगरसो, भारद्वाज, वशिष्ठ, कश्यप और भ्रगु है।
बुद्ध के सभी प्रमुख शिष्य ब्राह्मण है।
सारी बुद्ध फिलोसफी के रचनाकार ब्राह्मण है।
सभी बुद्ध ग्रंथो के लेखक ब्राह्मण है। बुद्धिजम के सभी प्रचारक ब्राह्मण है।
बुद्धिज्म के लिये लोजिक और शास्त्रार्थ करने वाले ब्राह्मण है।
बुद्ध के पांच सबसे पहले शिष्य ब्राह्मण है।
जिनमे अश्वजीत ( अस्सजी) प्रमुख है इनके पिता बुद्ध के लिये घोषणा करने वारे 8 ब्राह्मणो मे एक थे ।
अश्वजीत से सुनकर बुद्ध तक पहुचे और उनके प्रिय शिष्य बने सरिपुत्र जोकि अभिधंम फिलोसीफी के फान्डर है ब्राह्मण थे ।
मुद्गलयान ब्राह्मण है। ये दोनो बुद्ध के सबसे शुरूआती शिष्यो मे है।
बुद्धिजम की महायान फिलोसी का फाऊन्डर कश्यप है जोकि ब्राह्मण है।
बुद्धिजम की थेरवाद फिलोसिफी के प्रवर्तक नागार्जुन और अश्वघोष ब्राह्मण है।
वज्रयान बुद्धिजम के संस्थापक बुद्धघोष वो ब्राह्मण है।
तिब्बती बुद्धिजम के प्रवर्तक पदमसंम्भव वो ब्राह्मण है।
जेन बुद्धिजम का फाउन्डर बोधिधर्म वो भी ब्राह्मण है।
कुंग फू स्कूल का संस्थापक कुमारजीव वो भी ब्राह्मण है।
बोधिधर्म और कुमारजीव ये दोनो बुद्धिजम को चीन मे पहुचाने वाले माने जाते है।
आर्यदेव जोकि वास्तव मे श्रीलंका मे बुद्धिज्म को पहुचाने वाले है जिन्हे वहां बोधी देव के नाम से भी जाना जाता , वे भी ब्राह्मण थे।
नागसेन जिसका मिलिन्द पोह है जिसे ग्रीक राजा मिलिन्द को बुद्धिजम दीक्षित किया था माना जाता है वो ब्राह्मण है। इन्होने ही सबसे पहले बुद्धचरित्र लिखा है।
शान्तिदेव जिन्होने बोधीसत्व का तरीका बताया, वे भी ब्राह्मण है।
धर्मकीर्ति ( ये कुमारिल भट्ट जोकि भारत से बुद्धिज्म को खत्म करने के सबसे बडे कारण माने जाते है, के भतीजे थे) ने बुद्धिजम के लिये तर्कशास्त्र की रचना की।
बुद्धिजम मे वास्तव मे बुद्ध तो काल्पनिक पात्र है। बुद्ध भोतिक रूप मे कुछ है ही नही। ये तो बोध ( ज्ञान की एक अवस्था) है जिसके मानवीयकरण को केन्द्र मानकर सबकुछ ब्राह्मणो द्वारा रचा गया है। यहां तक कि धम्मचक्र और चार आर्य सत्य भी बुद्धिज्म मे ब्राह्मणो की ही देन है एसा विद्वानो द्वारा माना जाता है।
बुद्धिजम तो प्योर ब्राह्मण फिलोसिफी जोकि वेदो की सर्वोपरिता के अंतर को लेकर पैदा हुई।
भारत मे बुद्धिजम को बनाये रखने के लिये लडने वाले, शास्त्रार्थ करने वाले, उसके लिये फिलोसीफी रचने वाले भी ब्राह्मण थे और बुद्धिजम के खिलाफ भी तर्क रचने वाले, फिलोसीफी लिखने वाले, इसे आत्मसात करने वाले भी ब्राह्मण थे। आद्य पर्यंत तक बुद्धिज़्म को आधार देने वाले राहुल सांकृत्यायन भी ब्राह्मण ही थे । बुद्ध के मित्र प्रसिनेदि भी ब्राह्मण थे । तक्षशिला के सभी शिक्षक भी ब्राह्मण ही थे ।
Excellent
BUDHA KE SAMAY ME JATIBAD NAHI THA
Bahut best history batate ho ap Bhai I am bigg fan of you bro koliya vansh ka bhi itihas btao or unhe aj kin namo se Jana jata he yah bhi mene suna he Rajendra Prasad Singh ji ki book me ki prachin KOLIYA vansh aj koli kori ke naam se Jana jata he kya sahi he?
मगस्तिनीज ने सिर्फ बुद्धा का विवरण दिया है क्यों?
aap jis book ka vrnn diya h vo brahmn ki likhi h
सर मुझे बताए की जब मोगल काल में जाति बनाई गई तो रामायण और महाभारत कब हुवा और उसी समय कौनसी लिपि थी उस पर जरूर वीडियो बनाए
Namo Buddhaay jai Baba Saheb Bhimrav ka Likha Huva jai Savidhan Namo Buddhaay
Muslim shasankaal me aisa kya hua tha sir jo itni jatiya bharat me bat gayin kya aap bata sakte hain
धानुक/ कठेरिया का इतिहास बताने की कृपा करे
श्रीमान आप अपना सरनेम् बता दो वही से समझ आ जाएगा कि आप क्या करना चाहते है
good revealation of castism system in India.
बुद्ध आणि धम्म book. लेखक बी, आर, आंबेडकर ,मेड इन ताइवान ये बुक है ,हिंदी इ इंग्लिश
Aapka Itihaas ko ठीक-ठीक batane ka tarika mujhe bahut pasand Aaya aap Sindhu sabhyata Se Lekar murekaal ke bich ka aur Saccha Itihaas khojne Khoj kar batane ki koshish karen ek baat hai jativad Nahin gana chinh totam rahe hain
Varn ka aavishkar kab huaa sir ji? Vans se pahle ya bad me? 👍
ह्वेनसांग ने वैदिक लोगों के बारे में कुछ लिखा है
Buddha is born in Nepal only
वर्ण बौद्ध के समय भी थे बस ब्राह्मण की जगह छत्रीय श्रेष्ठ थे।
Is there any english translated van szang book available in India? Any Hindi translated book written by non- bhrahman author?
Buddh ke samay me Varn Byavastha thee.Isiliye Buddh grantho me kshatriyon ko Brahmano se uncha bataya gaya hai.Buddh ne Varn Byavastha ko hatane ka prayas kiya.Isiliye Pushya Mitra Shung Maurya Samrat Brihdrath se naraj tha.Jiski pariniti Maurya Samrat kee hatya me hui.
Caste system. Musalman brahman aur rajputon ki den hai.
ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शुद्र ये जातियां थीं या कर्म अनुसार कर्मचारियों का किया गया वर्गीकरण? इन चार प्रमुख वर्गों से आज ६००० जातियां किस आधार पर बनी? क्या आज भी अर्थ जगत में ट्रेड ग्रुप्स नहीं देखे जाते हैं? लोहा मंडी एसोसिएशन, सराफा व्यापारी संघ, कपड़ा व्यापारी संघ, पूजन सामग्री विक्रेता आदि। ये सभी संध चाहे जिसको अपने संबंधों में नहीं घुसने देते हैं, तो क्या कालांतर में यह एक नया जातीय व्यव्स्था बनने की संभावना नहीं है सकती? मानव में कर्म के आधार पर उंच नीच तो समाज की सभी जातियों में भी है, पैसे और पद के आधार पर। यही तो कर्म के आधार पर उंच नीच का सूत्रपात है। इससे कैसे बचे?, और क्यों बचे? जातिगत व्यवसायिक सुरक्षा ही जाती व्यवस्था को बनाए रखी है। क्या यह सही नहीं है?
Thankyou
Lekin ek sawal abhi baki hai ki jatiya banai kisne ye vistar se bataye.
Chandal matang Jati par video banaiye
ब्राम्हण अपने आप को अहंकार से आर्य कहते थे आर्य का मतलब बड़ा होता है और याँह के लोगो को राक्षस कहकर अपमानित किया और खूब अत्याचार कीया था आप को शर्म नही आते
हेवेंसांग ने अपने यात्रा विवरण मे सिंध के राजा को शूद्र बताया । तो क्या वर्ण व्यवस्था सातवीं शताब्दी से पहले था।