Shree ChandraPrabh Ji Maharaj : रामायण से सीखें पारिवारिक प्रेम के मंत्र
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- čas přidán 6. 09. 2024
- अंतर्राष्ट्रीय साधना तीर्थ संबोधि धाम, जोधपुर राजस्थान द्वारा प्रस्तुत
देश के महान चिंतक राष्ट्र-संत श्री चन्द्रप्रभ सागर जी महाराज का प्रवचन
विषय - रामायण से सीखें पारिवारिक प्रेम के मंत्र
स्थान - आजाद चौक मैदान, भीलवाड़ा राजस्थान
दिनांक - 21 अगस्त, 2015, शुक्रवार
घर-परिवार में रहने की कला राम से सीखें, जीवन में उन्नति के द्वार खोलने
का पाठ कृष्ण से सीखें, साधना और संसार के बीच संतुलन साधने की मार्ग
बुद्ध से सीखेें और जीवन में मुक्ति पाने का रास्ता महावीर से सीखें। राम
जीवन की नींव है तो महावीर जीवन का अंतिम शिखर। कोई व्यक्ति कितना ही
धर्म-कर्म क्यों न करे, पर जब तक वह राम के उसूलों को नहीं जिएगा तब तक
वह सच्चा धार्मिक नहीं बन पाएगा। राम का मतलब है - माता-पिता के प्रति
समर्पण, भाइयों के प्रति अटूट प्रेम, अपनों के प्रति बड़प्पन, मर्यादा की
सीख और परायों के प्रति सहानुभूति। जिसके जीवन में राम और रामायण का
त्याग आ गया वह धर्म के हर पथ को जीने का उत्तराधिकारी बन गया।