💐सोच विचार 💐 🧏ये पूरा अस्तित्व किसी नियम के साथ है. जहां भी नियम है वहां व्यवस्था है. 🧏♂️जहां नियम का पालन नहीं होता, वहां अव्यवस्था नज़र आती है. 🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को देखने से तो, चारों ओर अव्यवस्था ही नज़र आती है, 🧏क्योंकि हम नियम से नहीं चल रहे हैं. 🧏♂️क्या हम भी इस अव्यवस्था की भीड़ में लुढ़क रहे हैं? क्या हमारी ज़िन्दगी किसी के दबाव प्रभाव में चल रही है? 🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के ड्राइविंग सीट में बैठे हैं या किसी और के हाथ में हमारी बागडोर है? 🧏♀️यदि ऐसा है तो हम कहां पहुंचेंगे ये एक सोचनीय मुद्दा है। 🧏♂️पूर्व में कहा गया कि आवश्यकताएं असीमित हैं, और साधन सीमित हैं. 🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक इस बात को समझा जा सकता है, कि मानव का शरीर सीमित है इसलिए उसकी भौतिक और शारीरिक आवश्यकताएं भी सीमित ही होंगी। 🧏♂️मानव शारीरिक आवश्यकताओं से तृप्त नहीं हो सकता ये उसके ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरी हैं 🧏♀️मानव की कुछ असीमित आवश्यकताएं भी हैं जो असीम चीज़ों विश्वास सम्मान, स्नेह, संतोष, प्रेम आदि से ही पूरी होंगी सीमित वस्तुओं से नहीं। 🧏♂️पर देखा जाए तो ज़िन्दगी के इस दौड़ में हम सीमित चीज़ों से असीमित की तलाश में सदियां बिता चुके हैं 🧏 और समझ के अभाव में और यदि अपनी मानसिकता पर काम नहीं किया जाए तो न जाने कितनी ही सदियां फ़िर से गुज़र जाएंगी. 🧏♂️यदि हम मानव अपने मानव होने के प्रयोजन को समझ जाते हैं, तो हम कहां खड़े हैं इस बात को देख पाते हैं. 🧏मनोरंजन का दामन छोड़कर अपने लक्ष्य को पहचान पाते हैं, अपने निर्णय लेने की क्षमता पर विश्वास आ जाता है. 🧏♂️जानने में कितना दम है इस बात को समझ पाते हैं, जब खुद का खुद से परिचय होता है, ज़िन्दगी का मकसद क्या है इस बात को जान जाते हैं, 🧏♂️ तो उसी क्षण से हर क्षण हमारे लिए मनोरंजन का क्षण हो जाता है. 🧏मनमानी की गुलामी से आज़ाद हो जाते हैं असुरक्षा से मुक्ति मिल जाती है . 🧏♀️हम ज़िन्दगी के सुहाने सफ़र में अपनी ड्राइविंग सीट पर ख़ुद बैठे होते हैं . 🧏♂️हमारे भाव और विचार हमारे नियंत्रण में होते हैं दबाव प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है कि हम स्वनियंत्रित हो जाते हैं. 🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता सदुपयोगीता को समझकर नियम और व्यवस्था पूर्वक निरंतर सुख को पा जाते हैं। हमारी ज़िन्दगी सही मायने में शानदार हो जाती है। 🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के इस खूबसूरत सफ़र में यदि हम सब साथ साथ चलें तो सफ़र और भी सुहाना हो जायेगा. 🧏जीवन विद्या शिविर में स्वागत है आप सभी का ज़िन्दगी के इस खूबसूरत सफ़र को समझने के लिए. 😊😊धन्यवाद 😊😊
Public DNA - Zee news & Zee group owner Subhash Chandra's accounted for ₹8,400 crs worth of NPAs of Yes Bank.ज़ी न्यूज़ और ज़ी समूह के मालिक सुभाष चंद्रा का 8,400 करोड़ रुपये यस बैंक के एनपीए के लिए जिम्मेदार ह ,,,,
Wahhhj excellent speech,,very valid point,definitely Arnab Goswami should watch this video... By the way wo sunega kya? Wo to debate ke zariye invited logon ko chillate chillate beizzati karte hai,very shamefull.
@@motivated_dimag mandir dil mein hota hai ved bata gaye par tum patharon mein bhagwan dhoondhne mein lagge ho usso izzat do par insaaniyat ko zada darza do yeh sikheyein kya aaj ?
जिन महापुरुषों ने इस धरती पर जन्म लिया और यहां के विधर्मी लोगों को खत्म किया है उनकी पूजा करना कैसे गलत है। और किसी भी मूर्ति की ऐसे ही नहीं पूजा की जाती उस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा भी की जाती है इसके बारे में जानो।
मैंने इस वीडियो को Like किया है सिर्फ़ और सिर्फ़ Legend इंसान सम्माननीय श्री अरविन्द केजरीवाल की वजह से, चौधरी साहब ने एक तरह से Media Trial अथवा Media Lynching ही कर दी अरविंद केजरीवाल साहब का, अरविंद सर ने बड़ी कुशलता और धैर्य से सभी का जवाब दिया और सुधीर चौधरी द्वारा भटकाने के अथक प्रयास के बावजूद भटके नहीं😊 सुधीर जी की कुशलता को भी appreciate करना ही पड़ेगा कि उन्होंने बहुत सारे मुद्दों को बड़े harsh तरीके से रखा, हर पत्रकार को सवाल पूछने में harsh और कठोर ही होना चाहिए, चाटुकार नहीं कि "आप आम कैसे खाते हैं" । इसलिए सुधीर जी का भी इंटरव्यू में वाह वाही बनता है🙂 🙏
This is the reason why I like Kejriwal Sir, he answered all the questions, not like any other party who will blame the other parties instead of answering the question.
But does this chuty reporter has a courage to ask such question to bjp leader congress leader iske pichawade mai laath marenge .....sabhi reporter mera chalange hai ki congress aur bjp leader ko aise quesion pichale dikhao
@@harishchandrapise6886 💐सोच विचार 💐 🧏ये पूरा अस्तित्व किसी नियम के साथ है. जहां भी नियम है वहां व्यवस्था है. 🧏♂️जहां नियम का पालन नहीं होता, वहां अव्यवस्था नज़र आती है. 🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को देखने से तो, चारों ओर अव्यवस्था ही नज़र आती है, 🧏क्योंकि हम नियम से नहीं चल रहे हैं. 🧏♂️क्या हम भी इस अव्यवस्था की भीड़ में लुढ़क रहे हैं? क्या हमारी ज़िन्दगी किसी के दबाव प्रभाव में चल रही है? 🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के ड्राइविंग सीट में बैठे हैं या किसी और के हाथ में हमारी बागडोर है? 🧏♀️यदि ऐसा है तो हम कहां पहुंचेंगे ये एक सोचनीय मुद्दा है। 🧏♂️पूर्व में कहा गया कि आवश्यकताएं असीमित हैं, और साधन सीमित हैं. 🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक इस बात को समझा जा सकता है, कि मानव का शरीर सीमित है इसलिए उसकी भौतिक और शारीरिक आवश्यकताएं भी सीमित ही होंगी। 🧏♂️मानव शारीरिक आवश्यकताओं से तृप्त नहीं हो सकता ये उसके ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरी हैं 🧏♀️मानव की कुछ असीमित आवश्यकताएं भी हैं जो असीम चीज़ों विश्वास सम्मान, स्नेह, संतोष, प्रेम आदि से ही पूरी होंगी सीमित वस्तुओं से नहीं। 🧏♂️पर देखा जाए तो ज़िन्दगी के इस दौड़ में हम सीमित चीज़ों से असीमित की तलाश में सदियां बिता चुके हैं 🧏 और समझ के अभाव में और यदि अपनी मानसिकता पर काम नहीं किया जाए तो न जाने कितनी ही सदियां फ़िर से गुज़र जाएंगी. 🧏♂️यदि हम मानव अपने मानव होने के प्रयोजन को समझ जाते हैं, तो हम कहां खड़े हैं इस बात को देख पाते हैं. 🧏मनोरंजन का दामन छोड़कर अपने लक्ष्य को पहचान पाते हैं, अपने निर्णय लेने की क्षमता पर विश्वास आ जाता है. 🧏♂️जानने में कितना दम है इस बात को समझ पाते हैं, जब खुद का खुद से परिचय होता है, ज़िन्दगी का मकसद क्या है इस बात को जान जाते हैं, 🧏♂️ तो उसी क्षण से हर क्षण हमारे लिए मनोरंजन का क्षण हो जाता है. 🧏मनमानी की गुलामी से आज़ाद हो जाते हैं असुरक्षा से मुक्ति मिल जाती है . 🧏♀️हम ज़िन्दगी के सुहाने सफ़र में अपनी ड्राइविंग सीट पर ख़ुद बैठे होते हैं . 🧏♂️हमारे भाव और विचार हमारे नियंत्रण में होते हैं दबाव प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है कि हम स्वनियंत्रित हो जाते हैं. 🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता सदुपयोगीता को समझकर नियम और व्यवस्था पूर्वक निरंतर सुख को पा जाते हैं। हमारी ज़िन्दगी सही मायने में शानदार हो जाती है। 🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के इस खूबसूरत सफ़र में यदि हम सब साथ साथ चलें तो सफ़र और भी सुहाना हो जायेगा. 🧏जीवन विद्या शिविर में स्वागत है आप सभी का ज़िन्दगी के इस खूबसूरत सफ़र को समझने के लिए. 😊😊धन्यवाद 😊😊
@@johnwick3063 he is doing extra ordinary brilliant work that's why he is love of delhi's people. He is a legend. Opposition's work is to do badness, they will do that their work As the world is such that people even also abuse to God
@@hemchandranailwal6359 💐सोच विचार 💐 🧏ये पूरा अस्तित्व किसी नियम के साथ है. जहां भी नियम है वहां व्यवस्था है. 🧏♂️जहां नियम का पालन नहीं होता, वहां अव्यवस्था नज़र आती है. 🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को देखने से तो, चारों ओर अव्यवस्था ही नज़र आती है, 🧏क्योंकि हम नियम से नहीं चल रहे हैं. 🧏♂️क्या हम भी इस अव्यवस्था की भीड़ में लुढ़क रहे हैं? क्या हमारी ज़िन्दगी किसी के दबाव प्रभाव में चल रही है? 🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के ड्राइविंग सीट में बैठे हैं या किसी और के हाथ में हमारी बागडोर है? 🧏♀️यदि ऐसा है तो हम कहां पहुंचेंगे ये एक सोचनीय मुद्दा है। 🧏♂️पूर्व में कहा गया कि आवश्यकताएं असीमित हैं, और साधन सीमित हैं. 🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक इस बात को समझा जा सकता है, कि मानव का शरीर सीमित है इसलिए उसकी भौतिक और शारीरिक आवश्यकताएं भी सीमित ही होंगी। 🧏♂️मानव शारीरिक आवश्यकताओं से तृप्त नहीं हो सकता ये उसके ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरी हैं 🧏♀️मानव की कुछ असीमित आवश्यकताएं भी हैं जो असीम चीज़ों विश्वास सम्मान, स्नेह, संतोष, प्रेम आदि से ही पूरी होंगी सीमित वस्तुओं से नहीं। 🧏♂️पर देखा जाए तो ज़िन्दगी के इस दौड़ में हम सीमित चीज़ों से असीमित की तलाश में सदियां बिता चुके हैं 🧏 और समझ के अभाव में और यदि अपनी मानसिकता पर काम नहीं किया जाए तो न जाने कितनी ही सदियां फ़िर से गुज़र जाएंगी. 🧏♂️यदि हम मानव अपने मानव होने के प्रयोजन को समझ जाते हैं, तो हम कहां खड़े हैं इस बात को देख पाते हैं. 🧏मनोरंजन का दामन छोड़कर अपने लक्ष्य को पहचान पाते हैं, अपने निर्णय लेने की क्षमता पर विश्वास आ जाता है. 🧏♂️जानने में कितना दम है इस बात को समझ पाते हैं, जब खुद का खुद से परिचय होता है, ज़िन्दगी का मकसद क्या है इस बात को जान जाते हैं, 🧏♂️ तो उसी क्षण से हर क्षण हमारे लिए मनोरंजन का क्षण हो जाता है. 🧏मनमानी की गुलामी से आज़ाद हो जाते हैं असुरक्षा से मुक्ति मिल जाती है . 🧏♀️हम ज़िन्दगी के सुहाने सफ़र में अपनी ड्राइविंग सीट पर ख़ुद बैठे होते हैं . 🧏♂️हमारे भाव और विचार हमारे नियंत्रण में होते हैं दबाव प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है कि हम स्वनियंत्रित हो जाते हैं. 🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता सदुपयोगीता को समझकर नियम और व्यवस्था पूर्वक निरंतर सुख को पा जाते हैं। हमारी ज़िन्दगी सही मायने में शानदार हो जाती है। 🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के इस खूबसूरत सफ़र में यदि हम सब साथ साथ चलें तो सफ़र और भी सुहाना हो जायेगा. 🧏जीवन विद्या शिविर में स्वागत है आप सभी का ज़िन्दगी के इस खूबसूरत सफ़र को समझने के लिए. 😊😊धन्यवाद 😊😊
सुधीर चौधरी हम हिंदू है , हम तुम्हारे फैन थे,पर आज आपको केजरीवाल ने पागल बना दिया,अब हम केजरीवाल के फैन हो गए , क्वेश्चन पूछते पूछते पागल गए कुछ नही कर पवोगे केजरीवाल का
@@ashutiwari9564 💐सोच विचार 💐 🧏ये पूरा अस्तित्व किसी नियम के साथ है. जहां भी नियम है वहां व्यवस्था है. 🧏♂️जहां नियम का पालन नहीं होता, वहां अव्यवस्था नज़र आती है. 🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को देखने से तो, चारों ओर अव्यवस्था ही नज़र आती है, 🧏क्योंकि हम नियम से नहीं चल रहे हैं. 🧏♂️क्या हम भी इस अव्यवस्था की भीड़ में लुढ़क रहे हैं? क्या हमारी ज़िन्दगी किसी के दबाव प्रभाव में चल रही है? 🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के ड्राइविंग सीट में बैठे हैं या किसी और के हाथ में हमारी बागडोर है? 🧏♀️यदि ऐसा है तो हम कहां पहुंचेंगे ये एक सोचनीय मुद्दा है। 🧏♂️पूर्व में कहा गया कि आवश्यकताएं असीमित हैं, और साधन सीमित हैं. 🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक इस बात को समझा जा सकता है, कि मानव का शरीर सीमित है इसलिए उसकी भौतिक और शारीरिक आवश्यकताएं भी सीमित ही होंगी। 🧏♂️मानव शारीरिक आवश्यकताओं से तृप्त नहीं हो सकता ये उसके ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरी हैं 🧏♀️मानव की कुछ असीमित आवश्यकताएं भी हैं जो असीम चीज़ों विश्वास सम्मान, स्नेह, संतोष, प्रेम आदि से ही पूरी होंगी सीमित वस्तुओं से नहीं। 🧏♂️पर देखा जाए तो ज़िन्दगी के इस दौड़ में हम सीमित चीज़ों से असीमित की तलाश में सदियां बिता चुके हैं 🧏 और समझ के अभाव में और यदि अपनी मानसिकता पर काम नहीं किया जाए तो न जाने कितनी ही सदियां फ़िर से गुज़र जाएंगी. 🧏♂️यदि हम मानव अपने मानव होने के प्रयोजन को समझ जाते हैं, तो हम कहां खड़े हैं इस बात को देख पाते हैं. 🧏मनोरंजन का दामन छोड़कर अपने लक्ष्य को पहचान पाते हैं, अपने निर्णय लेने की क्षमता पर विश्वास आ जाता है. 🧏♂️जानने में कितना दम है इस बात को समझ पाते हैं, जब खुद का खुद से परिचय होता है, ज़िन्दगी का मकसद क्या है इस बात को जान जाते हैं, 🧏♂️ तो उसी क्षण से हर क्षण हमारे लिए मनोरंजन का क्षण हो जाता है. 🧏मनमानी की गुलामी से आज़ाद हो जाते हैं असुरक्षा से मुक्ति मिल जाती है . 🧏♀️हम ज़िन्दगी के सुहाने सफ़र में अपनी ड्राइविंग सीट पर ख़ुद बैठे होते हैं . 🧏♂️हमारे भाव और विचार हमारे नियंत्रण में होते हैं दबाव प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है कि हम स्वनियंत्रित हो जाते हैं. 🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता सदुपयोगीता को समझकर नियम और व्यवस्था पूर्वक निरंतर सुख को पा जाते हैं। हमारी ज़िन्दगी सही मायने में शानदार हो जाती है। 🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के इस खूबसूरत सफ़र में यदि हम सब साथ साथ चलें तो सफ़र और भी सुहाना हो जायेगा. 🧏जीवन विद्या शिविर में स्वागत है आप सभी का ज़िन्दगी के इस खूबसूरत सफ़र को समझने के लिए. 😊😊धन्यवाद 😊😊
@@nileshdas1378 💐सोच विचार 💐 🧏ये पूरा अस्तित्व किसी नियम के साथ है. जहां भी नियम है वहां व्यवस्था है. 🧏♂️जहां नियम का पालन नहीं होता, वहां अव्यवस्था नज़र आती है. 🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को देखने से तो, चारों ओर अव्यवस्था ही नज़र आती है, 🧏क्योंकि हम नियम से नहीं चल रहे हैं. 🧏♂️क्या हम भी इस अव्यवस्था की भीड़ में लुढ़क रहे हैं? क्या हमारी ज़िन्दगी किसी के दबाव प्रभाव में चल रही है? 🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के ड्राइविंग सीट में बैठे हैं या किसी और के हाथ में हमारी बागडोर है? 🧏♀️यदि ऐसा है तो हम कहां पहुंचेंगे ये एक सोचनीय मुद्दा है। 🧏♂️पूर्व में कहा गया कि आवश्यकताएं असीमित हैं, और साधन सीमित हैं. 🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक इस बात को समझा जा सकता है, कि मानव का शरीर सीमित है इसलिए उसकी भौतिक और शारीरिक आवश्यकताएं भी सीमित ही होंगी। 🧏♂️मानव शारीरिक आवश्यकताओं से तृप्त नहीं हो सकता ये उसके ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरी हैं 🧏♀️मानव की कुछ असीमित आवश्यकताएं भी हैं जो असीम चीज़ों विश्वास सम्मान, स्नेह, संतोष, प्रेम आदि से ही पूरी होंगी सीमित वस्तुओं से नहीं। 🧏♂️पर देखा जाए तो ज़िन्दगी के इस दौड़ में हम सीमित चीज़ों से असीमित की तलाश में सदियां बिता चुके हैं 🧏 और समझ के अभाव में और यदि अपनी मानसिकता पर काम नहीं किया जाए तो न जाने कितनी ही सदियां फ़िर से गुज़र जाएंगी. 🧏♂️यदि हम मानव अपने मानव होने के प्रयोजन को समझ जाते हैं, तो हम कहां खड़े हैं इस बात को देख पाते हैं. 🧏मनोरंजन का दामन छोड़कर अपने लक्ष्य को पहचान पाते हैं, अपने निर्णय लेने की क्षमता पर विश्वास आ जाता है. 🧏♂️जानने में कितना दम है इस बात को समझ पाते हैं, जब खुद का खुद से परिचय होता है, ज़िन्दगी का मकसद क्या है इस बात को जान जाते हैं, 🧏♂️ तो उसी क्षण से हर क्षण हमारे लिए मनोरंजन का क्षण हो जाता है. 🧏मनमानी की गुलामी से आज़ाद हो जाते हैं असुरक्षा से मुक्ति मिल जाती है . 🧏♀️हम ज़िन्दगी के सुहाने सफ़र में अपनी ड्राइविंग सीट पर ख़ुद बैठे होते हैं . 🧏♂️हमारे भाव और विचार हमारे नियंत्रण में होते हैं दबाव प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है कि हम स्वनियंत्रित हो जाते हैं. 🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता सदुपयोगीता को समझकर नियम और व्यवस्था पूर्वक निरंतर सुख को पा जाते हैं। हमारी ज़िन्दगी सही मायने में शानदार हो जाती है। 🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के इस खूबसूरत सफ़र में यदि हम सब साथ साथ चलें तो सफ़र और भी सुहाना हो जायेगा. 🧏जीवन विद्या शिविर में स्वागत है आप सभी का ज़िन्दगी के इस खूबसूरत सफ़र को समझने के लिए. 😊😊धन्यवाद 😊😊
Interviewer ko aaj dekhana chahiye ye purane questions ke bare me school khul gye collage khul gye bijli ka bil kam ho gyi sab usi paise me bus anchor ki aaj gand jal rhi hoyegi😂😁😁😁😁😂😁😂😂
@@rajatyadav5795 💐सोच विचार 💐 🧏ये पूरा अस्तित्व किसी नियम के साथ है. जहां भी नियम है वहां व्यवस्था है. 🧏♂️जहां नियम का पालन नहीं होता, वहां अव्यवस्था नज़र आती है. 🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को देखने से तो, चारों ओर अव्यवस्था ही नज़र आती है, 🧏क्योंकि हम नियम से नहीं चल रहे हैं. 🧏♂️क्या हम भी इस अव्यवस्था की भीड़ में लुढ़क रहे हैं? क्या हमारी ज़िन्दगी किसी के दबाव प्रभाव में चल रही है? 🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के ड्राइविंग सीट में बैठे हैं या किसी और के हाथ में हमारी बागडोर है? 🧏♀️यदि ऐसा है तो हम कहां पहुंचेंगे ये एक सोचनीय मुद्दा है। 🧏♂️पूर्व में कहा गया कि आवश्यकताएं असीमित हैं, और साधन सीमित हैं. 🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक इस बात को समझा जा सकता है, कि मानव का शरीर सीमित है इसलिए उसकी भौतिक और शारीरिक आवश्यकताएं भी सीमित ही होंगी। 🧏♂️मानव शारीरिक आवश्यकताओं से तृप्त नहीं हो सकता ये उसके ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरी हैं 🧏♀️मानव की कुछ असीमित आवश्यकताएं भी हैं जो असीम चीज़ों विश्वास सम्मान, स्नेह, संतोष, प्रेम आदि से ही पूरी होंगी सीमित वस्तुओं से नहीं। 🧏♂️पर देखा जाए तो ज़िन्दगी के इस दौड़ में हम सीमित चीज़ों से असीमित की तलाश में सदियां बिता चुके हैं 🧏 और समझ के अभाव में और यदि अपनी मानसिकता पर काम नहीं किया जाए तो न जाने कितनी ही सदियां फ़िर से गुज़र जाएंगी. 🧏♂️यदि हम मानव अपने मानव होने के प्रयोजन को समझ जाते हैं, तो हम कहां खड़े हैं इस बात को देख पाते हैं. 🧏मनोरंजन का दामन छोड़कर अपने लक्ष्य को पहचान पाते हैं, अपने निर्णय लेने की क्षमता पर विश्वास आ जाता है. 🧏♂️जानने में कितना दम है इस बात को समझ पाते हैं, जब खुद का खुद से परिचय होता है, ज़िन्दगी का मकसद क्या है इस बात को जान जाते हैं, 🧏♂️ तो उसी क्षण से हर क्षण हमारे लिए मनोरंजन का क्षण हो जाता है. 🧏मनमानी की गुलामी से आज़ाद हो जाते हैं असुरक्षा से मुक्ति मिल जाती है . 🧏♀️हम ज़िन्दगी के सुहाने सफ़र में अपनी ड्राइविंग सीट पर ख़ुद बैठे होते हैं . 🧏♂️हमारे भाव और विचार हमारे नियंत्रण में होते हैं दबाव प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है कि हम स्वनियंत्रित हो जाते हैं. 🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता सदुपयोगीता को समझकर नियम और व्यवस्था पूर्वक निरंतर सुख को पा जाते हैं। हमारी ज़िन्दगी सही मायने में शानदार हो जाती है। 🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के इस खूबसूरत सफ़र में यदि हम सब साथ साथ चलें तो सफ़र और भी सुहाना हो जायेगा. 🧏जीवन विद्या शिविर में स्वागत है आप सभी का ज़िन्दगी के इस खूबसूरत सफ़र को समझने के लिए. 😊😊धन्यवाद 😊😊
Arvind Kezriwal ka Delhi chunav se pahlye ka super hit interview Mr Sudhir ji ke teekhye oar fast swalon ka saamna kar rhe Kezriwal kezriwal Mr. Sudhir Chaudhary ji ke swalon ke brhi hoshiyari se jbav de rhe .bhut achha interviews aam aadmi party ke neta ka
Delhi chunav par Arvind Kezriwal ka interview .oar Mr.Sudhir ji ke teekhye swalon ke jvab de.rhe Kezriwal jis tezi se swal daag rhe Sudhir ji usi Tarah Kezriwal jbav de rhe shaandaar interview
💐सोच विचार 💐 🧏ये पूरा अस्तित्व किसी नियम के साथ है. जहां भी नियम है वहां व्यवस्था है. 🧏♂️जहां नियम का पालन नहीं होता, वहां अव्यवस्था नज़र आती है. 🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को देखने से तो, चारों ओर अव्यवस्था ही नज़र आती है, 🧏क्योंकि हम नियम से नहीं चल रहे हैं. 🧏♂️क्या हम भी इस अव्यवस्था की भीड़ में लुढ़क रहे हैं? क्या हमारी ज़िन्दगी किसी के दबाव प्रभाव में चल रही है? 🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के ड्राइविंग सीट में बैठे हैं या किसी और के हाथ में हमारी बागडोर है? 🧏♀️यदि ऐसा है तो हम कहां पहुंचेंगे ये एक सोचनीय मुद्दा है। 🧏♂️पूर्व में कहा गया कि आवश्यकताएं असीमित हैं, और साधन सीमित हैं. 🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक इस बात को समझा जा सकता है, कि मानव का शरीर सीमित है इसलिए उसकी भौतिक और शारीरिक आवश्यकताएं भी सीमित ही होंगी। 🧏♂️मानव शारीरिक आवश्यकताओं से तृप्त नहीं हो सकता ये उसके ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरी हैं 🧏♀️मानव की कुछ असीमित आवश्यकताएं भी हैं जो असीम चीज़ों विश्वास सम्मान, स्नेह, संतोष, प्रेम आदि से ही पूरी होंगी सीमित वस्तुओं से नहीं। 🧏♂️पर देखा जाए तो ज़िन्दगी के इस दौड़ में हम सीमित चीज़ों से असीमित की तलाश में सदियां बिता चुके हैं 🧏 और समझ के अभाव में और यदि अपनी मानसिकता पर काम नहीं किया जाए तो न जाने कितनी ही सदियां फ़िर से गुज़र जाएंगी. 🧏♂️यदि हम मानव अपने मानव होने के प्रयोजन को समझ जाते हैं, तो हम कहां खड़े हैं इस बात को देख पाते हैं. 🧏मनोरंजन का दामन छोड़कर अपने लक्ष्य को पहचान पाते हैं, अपने निर्णय लेने की क्षमता पर विश्वास आ जाता है. 🧏♂️जानने में कितना दम है इस बात को समझ पाते हैं, जब खुद का खुद से परिचय होता है, ज़िन्दगी का मकसद क्या है इस बात को जान जाते हैं, 🧏♂️ तो उसी क्षण से हर क्षण हमारे लिए मनोरंजन का क्षण हो जाता है. 🧏मनमानी की गुलामी से आज़ाद हो जाते हैं असुरक्षा से मुक्ति मिल जाती है . 🧏♀️हम ज़िन्दगी के सुहाने सफ़र में अपनी ड्राइविंग सीट पर ख़ुद बैठे होते हैं . 🧏♂️हमारे भाव और विचार हमारे नियंत्रण में होते हैं दबाव प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है कि हम स्वनियंत्रित हो जाते हैं. 🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता सदुपयोगीता को समझकर नियम और व्यवस्था पूर्वक निरंतर सुख को पा जाते हैं। हमारी ज़िन्दगी सही मायने में शानदार हो जाती है। 🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के इस खूबसूरत सफ़र में यदि हम सब साथ साथ चलें तो सफ़र और भी सुहाना हो जायेगा. 🧏जीवन विद्या शिविर में स्वागत है आप सभी का ज़िन्दगी के इस खूबसूरत सफ़र को समझने के लिए. 😊😊धन्यवाद 😊😊
Media trying to make him fail answer but he is genius n transparent leader... No media did not make him failed👎 because he is real hero n perfect leadership
@@sokatalisokatali1470 💐सोच विचार 💐 🧏ये पूरा अस्तित्व किसी नियम के साथ है. जहां भी नियम है वहां व्यवस्था है. 🧏♂️जहां नियम का पालन नहीं होता, वहां अव्यवस्था नज़र आती है. 🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को देखने से तो, चारों ओर अव्यवस्था ही नज़र आती है, 🧏क्योंकि हम नियम से नहीं चल रहे हैं. 🧏♂️क्या हम भी इस अव्यवस्था की भीड़ में लुढ़क रहे हैं? क्या हमारी ज़िन्दगी किसी के दबाव प्रभाव में चल रही है? 🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के ड्राइविंग सीट में बैठे हैं या किसी और के हाथ में हमारी बागडोर है? 🧏♀️यदि ऐसा है तो हम कहां पहुंचेंगे ये एक सोचनीय मुद्दा है। 🧏♂️पूर्व में कहा गया कि आवश्यकताएं असीमित हैं, और साधन सीमित हैं. 🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक इस बात को समझा जा सकता है, कि मानव का शरीर सीमित है इसलिए उसकी भौतिक और शारीरिक आवश्यकताएं भी सीमित ही होंगी। 🧏♂️मानव शारीरिक आवश्यकताओं से तृप्त नहीं हो सकता ये उसके ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरी हैं 🧏♀️मानव की कुछ असीमित आवश्यकताएं भी हैं जो असीम चीज़ों विश्वास सम्मान, स्नेह, संतोष, प्रेम आदि से ही पूरी होंगी सीमित वस्तुओं से नहीं। 🧏♂️पर देखा जाए तो ज़िन्दगी के इस दौड़ में हम सीमित चीज़ों से असीमित की तलाश में सदियां बिता चुके हैं 🧏 और समझ के अभाव में और यदि अपनी मानसिकता पर काम नहीं किया जाए तो न जाने कितनी ही सदियां फ़िर से गुज़र जाएंगी. 🧏♂️यदि हम मानव अपने मानव होने के प्रयोजन को समझ जाते हैं, तो हम कहां खड़े हैं इस बात को देख पाते हैं. 🧏मनोरंजन का दामन छोड़कर अपने लक्ष्य को पहचान पाते हैं, अपने निर्णय लेने की क्षमता पर विश्वास आ जाता है. 🧏♂️जानने में कितना दम है इस बात को समझ पाते हैं, जब खुद का खुद से परिचय होता है, ज़िन्दगी का मकसद क्या है इस बात को जान जाते हैं, 🧏♂️ तो उसी क्षण से हर क्षण हमारे लिए मनोरंजन का क्षण हो जाता है. 🧏मनमानी की गुलामी से आज़ाद हो जाते हैं असुरक्षा से मुक्ति मिल जाती है . 🧏♀️हम ज़िन्दगी के सुहाने सफ़र में अपनी ड्राइविंग सीट पर ख़ुद बैठे होते हैं . 🧏♂️हमारे भाव और विचार हमारे नियंत्रण में होते हैं दबाव प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है कि हम स्वनियंत्रित हो जाते हैं. 🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता सदुपयोगीता को समझकर नियम और व्यवस्था पूर्वक निरंतर सुख को पा जाते हैं। हमारी ज़िन्दगी सही मायने में शानदार हो जाती है। 🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के इस खूबसूरत सफ़र में यदि हम सब साथ साथ चलें तो सफ़र और भी सुहाना हो जायेगा. 🧏जीवन विद्या शिविर में स्वागत है आप सभी का ज़िन्दगी के इस खूबसूरत सफ़र को समझने के लिए. 😊😊धन्यवाद 😊😊
@@somprakashsharma8514 Ek time kisi ladke ne Rabbish Kumar ki photo social media pe viral kar diya aur Rabbish Kumar chilla rahe the mujhpe jasoosi ho rhi hai.
Mr.Sudhir Chaudhary ji ke teekhye swal oar jis tezi se woh ques . Daag rhe Aap neta Kezriwal bhi usi tezi se jbav de rhe bhut brhia sakshtakar ek se berh kar ek Arvind Kezriwal ka suprerhit interview 👍👍
2024 में कौन देख रहा है 😂
😂😂😂😂
Mein and I am feel proud on arvind ji's intelligence 😊
@@fun4allofus😂🤣😂🤣🤣
😅😅😅
Kejriwal chor hai
Instagram se dekhkar kaun aya hai😅
Mee
Me
Mee
This interview is getting real and sudhir chaudhary is now become hero . 😊😊
Infact way back ppl never saw through this liar kejriwal …
चौधरी साहब सही इंटरव्यू चाहिए आज का है आपका
Kejriwal addressed all the allegations point by point. He kicks ass
👍👍👍
@@RNBnewsIndia 66y6
Isiko trial bolta hai
@@RNBnewsIndia 😊😊🐩
@@RNBnewsIndia आ
our delhi cm sir did what he said in 2020😎
💐सोच विचार 💐
🧏ये पूरा अस्तित्व
किसी नियम के साथ है.
जहां भी नियम है
वहां व्यवस्था है.
🧏♂️जहां नियम का
पालन नहीं होता,
वहां अव्यवस्था
नज़र आती है.
🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को
देखने से तो,
चारों ओर अव्यवस्था
ही नज़र आती है,
🧏क्योंकि हम नियम से
नहीं चल रहे हैं.
🧏♂️क्या हम भी
इस अव्यवस्था की
भीड़ में लुढ़क रहे हैं?
क्या हमारी ज़िन्दगी
किसी के दबाव प्रभाव में
चल रही है?
🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के
ड्राइविंग सीट में बैठे हैं
या किसी और के हाथ में
हमारी बागडोर है?
🧏♀️यदि ऐसा है तो
हम कहां पहुंचेंगे
ये एक सोचनीय मुद्दा है।
🧏♂️पूर्व में कहा गया कि
आवश्यकताएं असीमित हैं,
और साधन सीमित हैं.
🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक
इस बात को
समझा जा सकता है,
कि मानव का शरीर
सीमित है इसलिए
उसकी भौतिक और
शारीरिक आवश्यकताएं
भी सीमित ही होंगी।
🧏♂️मानव शारीरिक
आवश्यकताओं से तृप्त
नहीं हो सकता
ये उसके ज़िंदा रहने
के लिए ज़रूरी हैं
🧏♀️मानव की कुछ असीमित
आवश्यकताएं भी हैं
जो असीम चीज़ों
विश्वास सम्मान, स्नेह,
संतोष, प्रेम आदि
से ही पूरी होंगी
सीमित वस्तुओं से नहीं।
🧏♂️पर देखा जाए तो
ज़िन्दगी के इस दौड़ में
हम सीमित चीज़ों से
असीमित की तलाश में
सदियां बिता चुके हैं
🧏 और समझ के अभाव में
और यदि अपनी मानसिकता
पर काम नहीं किया जाए
तो न जाने कितनी ही
सदियां फ़िर से
गुज़र जाएंगी.
🧏♂️यदि हम मानव
अपने मानव होने के
प्रयोजन को
समझ जाते हैं,
तो हम कहां खड़े हैं
इस बात को देख पाते हैं.
🧏मनोरंजन का दामन
छोड़कर अपने लक्ष्य को
पहचान पाते हैं,
अपने निर्णय लेने की
क्षमता पर विश्वास
आ जाता है.
🧏♂️जानने में कितना दम है
इस बात को समझ पाते हैं,
जब खुद का खुद से
परिचय होता है,
ज़िन्दगी का मकसद क्या है
इस बात को जान जाते हैं,
🧏♂️ तो उसी क्षण से
हर क्षण हमारे लिए
मनोरंजन का
क्षण हो जाता है.
🧏मनमानी की गुलामी से
आज़ाद हो जाते हैं
असुरक्षा से मुक्ति
मिल जाती है .
🧏♀️हम ज़िन्दगी के
सुहाने सफ़र में
अपनी ड्राइविंग सीट पर
ख़ुद बैठे होते हैं .
🧏♂️हमारे भाव और विचार
हमारे नियंत्रण में होते हैं
दबाव प्रभाव से
मुक्ति मिल जाती है
कि हम स्वनियंत्रित
हो जाते हैं.
🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता
सदुपयोगीता को
समझकर नियम
और व्यवस्था पूर्वक
निरंतर सुख को
पा जाते हैं।
हमारी ज़िन्दगी
सही मायने में
शानदार हो जाती है।
🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के
इस खूबसूरत सफ़र में
यदि हम सब
साथ साथ चलें
तो सफ़र और भी
सुहाना हो जायेगा.
🧏जीवन विद्या शिविर में
स्वागत है आप सभी का
ज़िन्दगी के इस खूबसूरत
सफ़र को समझने के लिए.
😊😊धन्यवाद 😊😊
No
P
Public DNA - Zee news & Zee group owner Subhash Chandra's accounted for ₹8,400 crs worth of NPAs of Yes Bank.ज़ी न्यूज़ और ज़ी समूह के मालिक सुभाष चंद्रा का 8,400 करोड़ रुपये यस बैंक के एनपीए के लिए जिम्मेदार ह ,,,,
@@balwantsahu3458 pppp
watching in 2022 , after 7 years and we know what all he did , he is a legend , a leader we want , a leader india deserves ♥️♥️
Legend 🤣🤣🤣 ghanta kaa!!
Ek no. ka paltu aur pheku h
Ye jumle baj hai...haj house ke liye jamin milti hai..
Absolutely. ♥️♥️
@@carryonn_India don't care + didn't asked 🙃
@@carryonn_India bhakt detected
Best work of sudheer ever❤
"Interview Mera hai" lol😂😂😂arnab should listen to this
😂😂😂..he won't listen bcoz he would be busy shouting..
Wahhhj excellent speech,,very valid point,definitely Arnab Goswami should watch this video... By the way wo sunega kya? Wo to debate ke zariye invited logon ko chillate chillate beizzati karte hai,very shamefull.
X
I liked this interview just because of arvind kejriwal
@@motivated_dimag mandir dil mein hota hai ved bata gaye par tum patharon mein bhagwan dhoondhne mein lagge ho usso izzat do par insaaniyat ko zada darza do yeh sikheyein kya aaj ?
जिन महापुरुषों ने इस धरती पर जन्म लिया और यहां के विधर्मी लोगों को खत्म किया है उनकी पूजा करना कैसे गलत है।
और किसी भी मूर्ति की ऐसे ही नहीं पूजा की जाती उस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा भी की जाती है इसके बारे में जानो।
@@motivated_dimag bhai kbhi kaam aur education ki bhi baat kiya kro srf dharmik hone se zindgi nhi chalegi
@@laddibhatti8081 bhai inki chalti hai bechaare bhedh-bakri hai.
@@laddibhatti8081 chutiye yeh musalmano ko bol hinduo ko bolne se pehle un chutiye ko bol
Education dikhta hai sir, top class politics 👍👍
मैंने इस वीडियो को Like किया है सिर्फ़ और सिर्फ़ Legend इंसान सम्माननीय श्री अरविन्द केजरीवाल की वजह से, चौधरी साहब ने एक तरह से Media Trial अथवा Media Lynching ही कर दी अरविंद केजरीवाल साहब का, अरविंद सर ने बड़ी कुशलता और धैर्य से सभी का जवाब दिया और सुधीर चौधरी द्वारा भटकाने के अथक प्रयास के बावजूद भटके नहीं😊 सुधीर जी की कुशलता को भी appreciate करना ही पड़ेगा कि उन्होंने बहुत सारे मुद्दों को बड़े harsh तरीके से रखा, हर पत्रकार को सवाल पूछने में harsh और कठोर ही होना चाहिए, चाटुकार नहीं कि "आप आम कैसे खाते हैं" । इसलिए सुधीर जी का भी इंटरव्यू में वाह वाही बनता है🙂 🙏
😂😂
This is the reason why I like Kejriwal Sir, he answered all the questions, not like any other party who will blame the other parties instead of answering the question.
True ☺️✌️🇮🇳💖🙏
Exactly, this fucking anchor can only question Arvind not bjp.....
But does this chuty reporter has a courage to ask such question to bjp leader congress leader iske pichawade mai laath marenge .....sabhi reporter mera chalange hai ki congress aur bjp leader ko aise quesion pichale dikhao
Like how he avoided the question like his house, security etc. Very cunning and dangerous man.
Yeh khujliwal..he is not educated.... dramabaj.. he knows well how to avoid the main questions
The respect for AK grown more after this scuffling
We support AAP Aam Aadmi Party Arvind kejariwal ji 🎉🥳🧹🧹🧹🧹🧹🧹🧹🧹🧹💜❤
ऐसे ही सवाल सत्ता पक्ष से करने चाहिए, जिससे जनता को सच्चाई का पता चले।"जय हिन्द"।
Satta me h kejriwal bhadwe
Kejriwal jai ho support & love from Assam
😂😂😂😂😂😂
We need this Sudhir Chaudhary back... If he could do such interview with Modiji I'll start loving this man again.
Ravish Kumar ko bolo interview le
Ravish Kumar Ji ke aage Kya Modi Kya yogi sab Darate hai
Ravish Kumar se Modi ko interview karaou kya hoga tab Modi 😅😅😅😅... Modi fatega
ye modi ke sath nhi karega interview agar karega toh bss mazak hi karega😆😍😆
Brother ya media bik chuki hai is modi ke haato
Comments from 2024 are legit 😂😂
only a true heart can speak confidently, that a kejriwal jee proved.
Bhai sahab ..... KEJRIWAL ji great ho ap❤️🙏
सुधीर जी आप योगी से ऐसे ही सवाल करो समझ में आ जाएगा
U r ryt.... kejriwal sir saying sir and what abt anchor.... just speechless
Bikaoooo hai
@@2601rs right
Kar hi nhi sakte
Bilkul shi
You won my heart Mr CM
Logical answer 👍🏻👍🏻
1:54 Kejriwal saying " interview mera hai meri baat to sun lo " 😂😂
Chutiye tab CM nhi tha.. Ab agar tu inreview lete to tele gaand phod deta.. samjha naa
Mujhe samaj nhi aa rha video ko like kron ya dislike,chanel zee news ka lekin interview kejriwal ji ka🤔🤔
@@pritishgarg6320 डिसलाइक करो,
१) एक तो चैनल
२) दूसरा, ईमानदार बंदे से बदतमीजी से पेश आना।👎
@@harishchandrapise6886 💐सोच विचार 💐
🧏ये पूरा अस्तित्व
किसी नियम के साथ है.
जहां भी नियम है
वहां व्यवस्था है.
🧏♂️जहां नियम का
पालन नहीं होता,
वहां अव्यवस्था
नज़र आती है.
🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को
देखने से तो,
चारों ओर अव्यवस्था
ही नज़र आती है,
🧏क्योंकि हम नियम से
नहीं चल रहे हैं.
🧏♂️क्या हम भी
इस अव्यवस्था की
भीड़ में लुढ़क रहे हैं?
क्या हमारी ज़िन्दगी
किसी के दबाव प्रभाव में
चल रही है?
🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के
ड्राइविंग सीट में बैठे हैं
या किसी और के हाथ में
हमारी बागडोर है?
🧏♀️यदि ऐसा है तो
हम कहां पहुंचेंगे
ये एक सोचनीय मुद्दा है।
🧏♂️पूर्व में कहा गया कि
आवश्यकताएं असीमित हैं,
और साधन सीमित हैं.
🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक
इस बात को
समझा जा सकता है,
कि मानव का शरीर
सीमित है इसलिए
उसकी भौतिक और
शारीरिक आवश्यकताएं
भी सीमित ही होंगी।
🧏♂️मानव शारीरिक
आवश्यकताओं से तृप्त
नहीं हो सकता
ये उसके ज़िंदा रहने
के लिए ज़रूरी हैं
🧏♀️मानव की कुछ असीमित
आवश्यकताएं भी हैं
जो असीम चीज़ों
विश्वास सम्मान, स्नेह,
संतोष, प्रेम आदि
से ही पूरी होंगी
सीमित वस्तुओं से नहीं।
🧏♂️पर देखा जाए तो
ज़िन्दगी के इस दौड़ में
हम सीमित चीज़ों से
असीमित की तलाश में
सदियां बिता चुके हैं
🧏 और समझ के अभाव में
और यदि अपनी मानसिकता
पर काम नहीं किया जाए
तो न जाने कितनी ही
सदियां फ़िर से
गुज़र जाएंगी.
🧏♂️यदि हम मानव
अपने मानव होने के
प्रयोजन को
समझ जाते हैं,
तो हम कहां खड़े हैं
इस बात को देख पाते हैं.
🧏मनोरंजन का दामन
छोड़कर अपने लक्ष्य को
पहचान पाते हैं,
अपने निर्णय लेने की
क्षमता पर विश्वास
आ जाता है.
🧏♂️जानने में कितना दम है
इस बात को समझ पाते हैं,
जब खुद का खुद से
परिचय होता है,
ज़िन्दगी का मकसद क्या है
इस बात को जान जाते हैं,
🧏♂️ तो उसी क्षण से
हर क्षण हमारे लिए
मनोरंजन का
क्षण हो जाता है.
🧏मनमानी की गुलामी से
आज़ाद हो जाते हैं
असुरक्षा से मुक्ति
मिल जाती है .
🧏♀️हम ज़िन्दगी के
सुहाने सफ़र में
अपनी ड्राइविंग सीट पर
ख़ुद बैठे होते हैं .
🧏♂️हमारे भाव और विचार
हमारे नियंत्रण में होते हैं
दबाव प्रभाव से
मुक्ति मिल जाती है
कि हम स्वनियंत्रित
हो जाते हैं.
🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता
सदुपयोगीता को
समझकर नियम
और व्यवस्था पूर्वक
निरंतर सुख को
पा जाते हैं।
हमारी ज़िन्दगी
सही मायने में
शानदार हो जाती है।
🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के
इस खूबसूरत सफ़र में
यदि हम सब
साथ साथ चलें
तो सफ़र और भी
सुहाना हो जायेगा.
🧏जीवन विद्या शिविर में
स्वागत है आप सभी का
ज़िन्दगी के इस खूबसूरत
सफ़र को समझने के लिए.
😊😊धन्यवाद 😊😊
@@pritishgarg6320 same problems bro...😁😁
02:57 he said and he did it 💞
The budget of Delhi is in benifit.
@@johnwick3063 he is doing extra ordinary brilliant work that's why he is love of delhi's people. He is a legend.
Opposition's work is to do badness, they will do that their work
As the world is such that people even also abuse to God
@@hemchandranailwal6359 💐सोच विचार 💐
🧏ये पूरा अस्तित्व
किसी नियम के साथ है.
जहां भी नियम है
वहां व्यवस्था है.
🧏♂️जहां नियम का
पालन नहीं होता,
वहां अव्यवस्था
नज़र आती है.
🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को
देखने से तो,
चारों ओर अव्यवस्था
ही नज़र आती है,
🧏क्योंकि हम नियम से
नहीं चल रहे हैं.
🧏♂️क्या हम भी
इस अव्यवस्था की
भीड़ में लुढ़क रहे हैं?
क्या हमारी ज़िन्दगी
किसी के दबाव प्रभाव में
चल रही है?
🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के
ड्राइविंग सीट में बैठे हैं
या किसी और के हाथ में
हमारी बागडोर है?
🧏♀️यदि ऐसा है तो
हम कहां पहुंचेंगे
ये एक सोचनीय मुद्दा है।
🧏♂️पूर्व में कहा गया कि
आवश्यकताएं असीमित हैं,
और साधन सीमित हैं.
🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक
इस बात को
समझा जा सकता है,
कि मानव का शरीर
सीमित है इसलिए
उसकी भौतिक और
शारीरिक आवश्यकताएं
भी सीमित ही होंगी।
🧏♂️मानव शारीरिक
आवश्यकताओं से तृप्त
नहीं हो सकता
ये उसके ज़िंदा रहने
के लिए ज़रूरी हैं
🧏♀️मानव की कुछ असीमित
आवश्यकताएं भी हैं
जो असीम चीज़ों
विश्वास सम्मान, स्नेह,
संतोष, प्रेम आदि
से ही पूरी होंगी
सीमित वस्तुओं से नहीं।
🧏♂️पर देखा जाए तो
ज़िन्दगी के इस दौड़ में
हम सीमित चीज़ों से
असीमित की तलाश में
सदियां बिता चुके हैं
🧏 और समझ के अभाव में
और यदि अपनी मानसिकता
पर काम नहीं किया जाए
तो न जाने कितनी ही
सदियां फ़िर से
गुज़र जाएंगी.
🧏♂️यदि हम मानव
अपने मानव होने के
प्रयोजन को
समझ जाते हैं,
तो हम कहां खड़े हैं
इस बात को देख पाते हैं.
🧏मनोरंजन का दामन
छोड़कर अपने लक्ष्य को
पहचान पाते हैं,
अपने निर्णय लेने की
क्षमता पर विश्वास
आ जाता है.
🧏♂️जानने में कितना दम है
इस बात को समझ पाते हैं,
जब खुद का खुद से
परिचय होता है,
ज़िन्दगी का मकसद क्या है
इस बात को जान जाते हैं,
🧏♂️ तो उसी क्षण से
हर क्षण हमारे लिए
मनोरंजन का
क्षण हो जाता है.
🧏मनमानी की गुलामी से
आज़ाद हो जाते हैं
असुरक्षा से मुक्ति
मिल जाती है .
🧏♀️हम ज़िन्दगी के
सुहाने सफ़र में
अपनी ड्राइविंग सीट पर
ख़ुद बैठे होते हैं .
🧏♂️हमारे भाव और विचार
हमारे नियंत्रण में होते हैं
दबाव प्रभाव से
मुक्ति मिल जाती है
कि हम स्वनियंत्रित
हो जाते हैं.
🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता
सदुपयोगीता को
समझकर नियम
और व्यवस्था पूर्वक
निरंतर सुख को
पा जाते हैं।
हमारी ज़िन्दगी
सही मायने में
शानदार हो जाती है।
🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के
इस खूबसूरत सफ़र में
यदि हम सब
साथ साथ चलें
तो सफ़र और भी
सुहाना हो जायेगा.
🧏जीवन विद्या शिविर में
स्वागत है आप सभी का
ज़िन्दगी के इस खूबसूरत
सफ़र को समझने के लिए.
😊😊धन्यवाद 😊😊
I AM from Nepal although i really appreciate his statistics and calculations and his devotion towards people ❤️
He was firmer income tax officer n ran ngo n filed various pil in court before coming to politics
Best and superior cm 👍
I am damn sure that if this type of interview will be taken for any other sitting PM / HM then channel will be closed in 2 days maximum....
2 days?
Will be closed in same day
Anchor is not at all leaving him to talk , this man is direct and awesome , giving direct answers to this anchor
सुधीर चौधरी हम हिंदू है , हम तुम्हारे फैन थे,पर आज आपको केजरीवाल ने पागल बना दिया,अब हम केजरीवाल के फैन हो गए , क्वेश्चन पूछते पूछते पागल गए कुछ नही कर पवोगे केजरीवाल का
I'm living Delhi vote for AAP vote for Kejriwal
Best cm in India
Sudhir is getting frustrated but kejriwal to rocks
kya jata roks... fat k hath me aa gai dikh raha tha..
paltuvaal.
kuchh bhi pucho mene kuch nhi kiya.. log krne nhi dete..
Banda income tax commissioner raha hai, KEJRIWAL ji a brilliant person
I love u arvind kejiriwal
Fatwa lag jaegi didi😂😂😂😂
Aaj 7 saal me 30 हजार करोड़ से बढ़ कर 65 हजार करोड़ हो चुके है,
Proud to be aapian
I used to like this anchor Sudhir Chaudhary reporting but now I feel like he is not neutral.
Hes different now hes better
@@drbloxblaster now he is dlaaal of bjp
He is proven agent of BJP
@@ashutiwari9564 💐सोच विचार 💐
🧏ये पूरा अस्तित्व
किसी नियम के साथ है.
जहां भी नियम है
वहां व्यवस्था है.
🧏♂️जहां नियम का
पालन नहीं होता,
वहां अव्यवस्था
नज़र आती है.
🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को
देखने से तो,
चारों ओर अव्यवस्था
ही नज़र आती है,
🧏क्योंकि हम नियम से
नहीं चल रहे हैं.
🧏♂️क्या हम भी
इस अव्यवस्था की
भीड़ में लुढ़क रहे हैं?
क्या हमारी ज़िन्दगी
किसी के दबाव प्रभाव में
चल रही है?
🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के
ड्राइविंग सीट में बैठे हैं
या किसी और के हाथ में
हमारी बागडोर है?
🧏♀️यदि ऐसा है तो
हम कहां पहुंचेंगे
ये एक सोचनीय मुद्दा है।
🧏♂️पूर्व में कहा गया कि
आवश्यकताएं असीमित हैं,
और साधन सीमित हैं.
🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक
इस बात को
समझा जा सकता है,
कि मानव का शरीर
सीमित है इसलिए
उसकी भौतिक और
शारीरिक आवश्यकताएं
भी सीमित ही होंगी।
🧏♂️मानव शारीरिक
आवश्यकताओं से तृप्त
नहीं हो सकता
ये उसके ज़िंदा रहने
के लिए ज़रूरी हैं
🧏♀️मानव की कुछ असीमित
आवश्यकताएं भी हैं
जो असीम चीज़ों
विश्वास सम्मान, स्नेह,
संतोष, प्रेम आदि
से ही पूरी होंगी
सीमित वस्तुओं से नहीं।
🧏♂️पर देखा जाए तो
ज़िन्दगी के इस दौड़ में
हम सीमित चीज़ों से
असीमित की तलाश में
सदियां बिता चुके हैं
🧏 और समझ के अभाव में
और यदि अपनी मानसिकता
पर काम नहीं किया जाए
तो न जाने कितनी ही
सदियां फ़िर से
गुज़र जाएंगी.
🧏♂️यदि हम मानव
अपने मानव होने के
प्रयोजन को
समझ जाते हैं,
तो हम कहां खड़े हैं
इस बात को देख पाते हैं.
🧏मनोरंजन का दामन
छोड़कर अपने लक्ष्य को
पहचान पाते हैं,
अपने निर्णय लेने की
क्षमता पर विश्वास
आ जाता है.
🧏♂️जानने में कितना दम है
इस बात को समझ पाते हैं,
जब खुद का खुद से
परिचय होता है,
ज़िन्दगी का मकसद क्या है
इस बात को जान जाते हैं,
🧏♂️ तो उसी क्षण से
हर क्षण हमारे लिए
मनोरंजन का
क्षण हो जाता है.
🧏मनमानी की गुलामी से
आज़ाद हो जाते हैं
असुरक्षा से मुक्ति
मिल जाती है .
🧏♀️हम ज़िन्दगी के
सुहाने सफ़र में
अपनी ड्राइविंग सीट पर
ख़ुद बैठे होते हैं .
🧏♂️हमारे भाव और विचार
हमारे नियंत्रण में होते हैं
दबाव प्रभाव से
मुक्ति मिल जाती है
कि हम स्वनियंत्रित
हो जाते हैं.
🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता
सदुपयोगीता को
समझकर नियम
और व्यवस्था पूर्वक
निरंतर सुख को
पा जाते हैं।
हमारी ज़िन्दगी
सही मायने में
शानदार हो जाती है।
🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के
इस खूबसूरत सफ़र में
यदि हम सब
साथ साथ चलें
तो सफ़र और भी
सुहाना हो जायेगा.
🧏जीवन विद्या शिविर में
स्वागत है आप सभी का
ज़िन्दगी के इस खूबसूरत
सफ़र को समझने के लिए.
😊😊धन्यवाद 😊😊
Bjp sansad subhash Chandra ka channel hai zee news bjp ka propeganda machine bjp ka hi bhakti karega
Sudhir Chaudhary become villain after this interview.
Totally agree
No
Yes
wo toh real me b vilan he... jo b media acche kaam karnewale bande ko galat sabit karne me aur hay tauba machane me lage he wo sab deshdrohi he...
@@maanis9946 true n right
Har sawal ka shi jawab diya tha or aaj 2022 me dekh rha hu . 90 % chize Sach nikli aaj
Savi sawalo ka sahi jawab ❤
Epic replies from Kejriwal. Reporter was agitated from honest answers.
Lol now say ? About house buisness class and all..they are now comparing PM expenses to prove theirs ha ha what a rip off
I have never seen an anchor in that much anxiety, Sudhir chaudhary ke L lag gye Kejriwal was on point 😎.
Kejriwal was bumbling and deflecting as usual
Very true 👍 kejrival sahib you tell him.
आम आदमी पार्टी महाराष्ट्र मे आणा चाहिए
काय को
feels good to read the comments and we are not abusive each other instead putting our voice❤️ either with someone or against someone...
This is how we treat Chief Minister of Delhi. We are damn lucky to have such a person but don't understand his worth.
Seriously feeling regretted from West Bengal 🙄🙄🙄
@@nileshdas1378 💐सोच विचार 💐
🧏ये पूरा अस्तित्व
किसी नियम के साथ है.
जहां भी नियम है
वहां व्यवस्था है.
🧏♂️जहां नियम का
पालन नहीं होता,
वहां अव्यवस्था
नज़र आती है.
🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को
देखने से तो,
चारों ओर अव्यवस्था
ही नज़र आती है,
🧏क्योंकि हम नियम से
नहीं चल रहे हैं.
🧏♂️क्या हम भी
इस अव्यवस्था की
भीड़ में लुढ़क रहे हैं?
क्या हमारी ज़िन्दगी
किसी के दबाव प्रभाव में
चल रही है?
🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के
ड्राइविंग सीट में बैठे हैं
या किसी और के हाथ में
हमारी बागडोर है?
🧏♀️यदि ऐसा है तो
हम कहां पहुंचेंगे
ये एक सोचनीय मुद्दा है।
🧏♂️पूर्व में कहा गया कि
आवश्यकताएं असीमित हैं,
और साधन सीमित हैं.
🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक
इस बात को
समझा जा सकता है,
कि मानव का शरीर
सीमित है इसलिए
उसकी भौतिक और
शारीरिक आवश्यकताएं
भी सीमित ही होंगी।
🧏♂️मानव शारीरिक
आवश्यकताओं से तृप्त
नहीं हो सकता
ये उसके ज़िंदा रहने
के लिए ज़रूरी हैं
🧏♀️मानव की कुछ असीमित
आवश्यकताएं भी हैं
जो असीम चीज़ों
विश्वास सम्मान, स्नेह,
संतोष, प्रेम आदि
से ही पूरी होंगी
सीमित वस्तुओं से नहीं।
🧏♂️पर देखा जाए तो
ज़िन्दगी के इस दौड़ में
हम सीमित चीज़ों से
असीमित की तलाश में
सदियां बिता चुके हैं
🧏 और समझ के अभाव में
और यदि अपनी मानसिकता
पर काम नहीं किया जाए
तो न जाने कितनी ही
सदियां फ़िर से
गुज़र जाएंगी.
🧏♂️यदि हम मानव
अपने मानव होने के
प्रयोजन को
समझ जाते हैं,
तो हम कहां खड़े हैं
इस बात को देख पाते हैं.
🧏मनोरंजन का दामन
छोड़कर अपने लक्ष्य को
पहचान पाते हैं,
अपने निर्णय लेने की
क्षमता पर विश्वास
आ जाता है.
🧏♂️जानने में कितना दम है
इस बात को समझ पाते हैं,
जब खुद का खुद से
परिचय होता है,
ज़िन्दगी का मकसद क्या है
इस बात को जान जाते हैं,
🧏♂️ तो उसी क्षण से
हर क्षण हमारे लिए
मनोरंजन का
क्षण हो जाता है.
🧏मनमानी की गुलामी से
आज़ाद हो जाते हैं
असुरक्षा से मुक्ति
मिल जाती है .
🧏♀️हम ज़िन्दगी के
सुहाने सफ़र में
अपनी ड्राइविंग सीट पर
ख़ुद बैठे होते हैं .
🧏♂️हमारे भाव और विचार
हमारे नियंत्रण में होते हैं
दबाव प्रभाव से
मुक्ति मिल जाती है
कि हम स्वनियंत्रित
हो जाते हैं.
🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता
सदुपयोगीता को
समझकर नियम
और व्यवस्था पूर्वक
निरंतर सुख को
पा जाते हैं।
हमारी ज़िन्दगी
सही मायने में
शानदार हो जाती है।
🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के
इस खूबसूरत सफ़र में
यदि हम सब
साथ साथ चलें
तो सफ़र और भी
सुहाना हो जायेगा.
🧏जीवन विद्या शिविर में
स्वागत है आप सभी का
ज़िन्दगी के इस खूबसूरत
सफ़र को समझने के लिए.
😊😊धन्यवाद 😊😊
fokatiya logo ka neta🤣🤣🤣
tera ghungru seth ma sab admi criminal case le kr bethe he...
only muslim vote bank le kr betha he kejrival
Even as a bjp supporter i admire aap leader to give interview of him in open among voters
Arvind kejriwal 💪💪💪😎😎😎😎🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🔥🔥🔥🔥🔥🔥💯💯💯💯💯💯💯
If he has guts ask even 30% of these level of ques to Modi or Shah
Anchor telling chief minister: Chalo bolo
waiting for this attitude against BJP chief minister
don't wait. It is not going to happen even after an eternity especially by sudhir chaudhary.
Exactly
Me too 🙏🏻
Is this way to speak with CM???
I
H
Wow kejriwal sir....jai hind we want more like u
Depends on if huisness class is productivity based or pleasure
Bestest Person 👌
Bestest CM Arvind Kejriwal 🇮🇳
""Love u delhi sarkar"""
Choudhry ko detergent k bina dho daala 😂
Bilkul sahi
Sudhir B&D
sudhir Chaudhary bjp agent
Interview k kis angle se aisi feeling aa gyi bhai tumhe?????? Bechara sa bhikhari dikh nhi rha
Thihadi bnd
I repeatedly see all these types of interviews.
Best Leader in India, wish you to see Mr.Arvind kajriwal Sir as our next Prime Minister of India.💙💙💙💪💪💪💪
The pain on anchors face is so satisfying😂😂😂
When you will become an achor then it should be satisfied
@rdx dynamite achha . ye bata tu idhar kar kya raha hai.
Bhai ki interview karte huye gand phat gayi 🤪🤪😆😅🤣😆😅😅
Interviewer ko aaj dekhana chahiye ye purane questions ke bare me school khul gye collage khul gye bijli ka bil kam ho gyi sab usi paise me bus anchor ki aaj gand jal rhi hoyegi😂😁😁😁😁😂😁😂😂
No pain only anger kejriwal on terrorist
never seen polititian's driver in the interviews. N that too happy n with thumbs up. All looks good with n around AAP!!:)
Arvind sir did full home work .👍🏻👍🏻👍🏻
Kejriwal rock sudhir Choudhary shock
& thereafter sudhir Chowdhury never dared to interview him again😂😂
🤣🤣🤣
No he got sold 😄
😂ab kabhi lene ki himmat bhi nhi karega...
Sudhir chaudhari sir aisa hi interview modi ji ki v le lo sir Par Bina bhakt bane
are bhai kisi bhi ex. minister ka le le to inhe pta chal jayega
Modi ke aage iske Susu nekal jata hai
Dil ko chhu gai bhai teri comment. 👌👌👌👌👌
iski gaandh na phat jaaye tab.
Sahi bole
Interview is mine : what a dialogue of aam aadmi kejriwal .👍🏻✊💪
Now AAP in two states👍❤🇮🇳🇮🇳☝☝
Arvind Kejriwal breathes
Sudhir Chaudhary: Aap to Aam aadmi ho aap sans kyun le rhe ho
😂🤣🤣
😂😂🤣🤣🤣
Haha
@@rajatyadav5795 💐सोच विचार 💐
🧏ये पूरा अस्तित्व
किसी नियम के साथ है.
जहां भी नियम है
वहां व्यवस्था है.
🧏♂️जहां नियम का
पालन नहीं होता,
वहां अव्यवस्था
नज़र आती है.
🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को
देखने से तो,
चारों ओर अव्यवस्था
ही नज़र आती है,
🧏क्योंकि हम नियम से
नहीं चल रहे हैं.
🧏♂️क्या हम भी
इस अव्यवस्था की
भीड़ में लुढ़क रहे हैं?
क्या हमारी ज़िन्दगी
किसी के दबाव प्रभाव में
चल रही है?
🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के
ड्राइविंग सीट में बैठे हैं
या किसी और के हाथ में
हमारी बागडोर है?
🧏♀️यदि ऐसा है तो
हम कहां पहुंचेंगे
ये एक सोचनीय मुद्दा है।
🧏♂️पूर्व में कहा गया कि
आवश्यकताएं असीमित हैं,
और साधन सीमित हैं.
🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक
इस बात को
समझा जा सकता है,
कि मानव का शरीर
सीमित है इसलिए
उसकी भौतिक और
शारीरिक आवश्यकताएं
भी सीमित ही होंगी।
🧏♂️मानव शारीरिक
आवश्यकताओं से तृप्त
नहीं हो सकता
ये उसके ज़िंदा रहने
के लिए ज़रूरी हैं
🧏♀️मानव की कुछ असीमित
आवश्यकताएं भी हैं
जो असीम चीज़ों
विश्वास सम्मान, स्नेह,
संतोष, प्रेम आदि
से ही पूरी होंगी
सीमित वस्तुओं से नहीं।
🧏♂️पर देखा जाए तो
ज़िन्दगी के इस दौड़ में
हम सीमित चीज़ों से
असीमित की तलाश में
सदियां बिता चुके हैं
🧏 और समझ के अभाव में
और यदि अपनी मानसिकता
पर काम नहीं किया जाए
तो न जाने कितनी ही
सदियां फ़िर से
गुज़र जाएंगी.
🧏♂️यदि हम मानव
अपने मानव होने के
प्रयोजन को
समझ जाते हैं,
तो हम कहां खड़े हैं
इस बात को देख पाते हैं.
🧏मनोरंजन का दामन
छोड़कर अपने लक्ष्य को
पहचान पाते हैं,
अपने निर्णय लेने की
क्षमता पर विश्वास
आ जाता है.
🧏♂️जानने में कितना दम है
इस बात को समझ पाते हैं,
जब खुद का खुद से
परिचय होता है,
ज़िन्दगी का मकसद क्या है
इस बात को जान जाते हैं,
🧏♂️ तो उसी क्षण से
हर क्षण हमारे लिए
मनोरंजन का
क्षण हो जाता है.
🧏मनमानी की गुलामी से
आज़ाद हो जाते हैं
असुरक्षा से मुक्ति
मिल जाती है .
🧏♀️हम ज़िन्दगी के
सुहाने सफ़र में
अपनी ड्राइविंग सीट पर
ख़ुद बैठे होते हैं .
🧏♂️हमारे भाव और विचार
हमारे नियंत्रण में होते हैं
दबाव प्रभाव से
मुक्ति मिल जाती है
कि हम स्वनियंत्रित
हो जाते हैं.
🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता
सदुपयोगीता को
समझकर नियम
और व्यवस्था पूर्वक
निरंतर सुख को
पा जाते हैं।
हमारी ज़िन्दगी
सही मायने में
शानदार हो जाती है।
🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के
इस खूबसूरत सफ़र में
यदि हम सब
साथ साथ चलें
तो सफ़र और भी
सुहाना हो जायेगा.
🧏जीवन विद्या शिविर में
स्वागत है आप सभी का
ज़िन्दगी के इस खूबसूरत
सफ़र को समझने के लिए.
😊😊धन्यवाद 😊😊
😂
Let him take interview of Modi like this
+Mrigank Mongia gods dont give interview to human like this
he took an interview of modi
अबे भैया जेड प्लस रक्षक कहां मिली अरविंद केजरीवाल को बताओ जरा खाली दिल्ली की पुलिस ही तो है उनके साथ दो चार लोग
Maa ki chut modi ki
@@shivanshsingh5203 is 3
Arvind Kezriwal ka Delhi chunav se pahlye ka super hit interview Mr Sudhir ji ke teekhye oar fast swalon ka saamna kar rhe Kezriwal kezriwal Mr. Sudhir Chaudhary ji ke swalon ke brhi hoshiyari se jbav de rhe .bhut achha interviews aam aadmi party ke neta ka
Sudhirji you are absolutely right
This interview was planned to troll Mr Kejriwal, but it came as a blessing in disguise,
sahi mai yaar
Acche aadmi ko kitna presaan krte yar
@@prafullapali4695 koi or kaam nhi hai inke pass
I still remember that was the day i started supporting AAP.
You won my heart kejriwal sir.♥️
Kejariwal rocks.
Love this man.
Arvind kejriwal 🎉🎉🎉🎉🎉
Ye interview bahot acha laga arvindji ne ache jawab diye 😊
Sudhir B&D
Is zee news owned by BJP?
BINGO !!
dushyank 😉
Bjp k ssansad ka h
Yes Bhai its owner is bjp's member.
Yes he is member of parliament from BJP
Arvind Kejriwal sir always OP
Delhi chunav par Arvind Kezriwal ka interview .oar Mr.Sudhir ji ke teekhye swalon ke jvab de.rhe Kezriwal jis tezi se swal daag rhe Sudhir ji usi Tarah Kezriwal jbav de rhe shaandaar interview
Waiting for Home Minister's interview of this kind...
Foot-lickers are only allowed 😁😁😁
Sudhir B&D
Impossible, 🤣🤣🤣
🤣Sudhir ko malum hain, agar question kiya tho gate pass milega zee news se.
This interview is gold..
Anybody watching this after Punjab election..
Enterview mera hai 😂
Love you kejriwal Sir ❤❤❤❤❤❤
Great CM
Kujhle bal
Kejruden
दिल्ली का सीएम एक पत्रकार को sir sir कह रहा है।
पूरे देश में क्या कोई और है ऐसा आम सीएम??
बहुत अच्छा कहा आप
Notice krne vali baat hai 👌👌👌👌
Pehle public Ka naukar tha nithalla tha ab bhi public Ka naukar hai
Sir kahne ke liye sudhir Chaudhry to bola nahi
aam admi ki izzat nhi karte koi na.Jo netaao k peche kutte ki tarah baagte h . unki media chaatti h.
This was probably the last time I saw sudhir choudhury asking prominent questions
It's more like an interrogation than interview.
दिल्ली का CM देखकर लगता है की। अगर मंत्री चुनना है तो पढा लीखा चुनो। great CM kejriwal ji
IAS ki job nhi chori Hoti agr kejriwal ne to ye anchor bilkul tmezz me interview leta....
💐सोच विचार 💐
🧏ये पूरा अस्तित्व
किसी नियम के साथ है.
जहां भी नियम है
वहां व्यवस्था है.
🧏♂️जहां नियम का
पालन नहीं होता,
वहां अव्यवस्था
नज़र आती है.
🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को
देखने से तो,
चारों ओर अव्यवस्था
ही नज़र आती है,
🧏क्योंकि हम नियम से
नहीं चल रहे हैं.
🧏♂️क्या हम भी
इस अव्यवस्था की
भीड़ में लुढ़क रहे हैं?
क्या हमारी ज़िन्दगी
किसी के दबाव प्रभाव में
चल रही है?
🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के
ड्राइविंग सीट में बैठे हैं
या किसी और के हाथ में
हमारी बागडोर है?
🧏♀️यदि ऐसा है तो
हम कहां पहुंचेंगे
ये एक सोचनीय मुद्दा है।
🧏♂️पूर्व में कहा गया कि
आवश्यकताएं असीमित हैं,
और साधन सीमित हैं.
🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक
इस बात को
समझा जा सकता है,
कि मानव का शरीर
सीमित है इसलिए
उसकी भौतिक और
शारीरिक आवश्यकताएं
भी सीमित ही होंगी।
🧏♂️मानव शारीरिक
आवश्यकताओं से तृप्त
नहीं हो सकता
ये उसके ज़िंदा रहने
के लिए ज़रूरी हैं
🧏♀️मानव की कुछ असीमित
आवश्यकताएं भी हैं
जो असीम चीज़ों
विश्वास सम्मान, स्नेह,
संतोष, प्रेम आदि
से ही पूरी होंगी
सीमित वस्तुओं से नहीं।
🧏♂️पर देखा जाए तो
ज़िन्दगी के इस दौड़ में
हम सीमित चीज़ों से
असीमित की तलाश में
सदियां बिता चुके हैं
🧏 और समझ के अभाव में
और यदि अपनी मानसिकता
पर काम नहीं किया जाए
तो न जाने कितनी ही
सदियां फ़िर से
गुज़र जाएंगी.
🧏♂️यदि हम मानव
अपने मानव होने के
प्रयोजन को
समझ जाते हैं,
तो हम कहां खड़े हैं
इस बात को देख पाते हैं.
🧏मनोरंजन का दामन
छोड़कर अपने लक्ष्य को
पहचान पाते हैं,
अपने निर्णय लेने की
क्षमता पर विश्वास
आ जाता है.
🧏♂️जानने में कितना दम है
इस बात को समझ पाते हैं,
जब खुद का खुद से
परिचय होता है,
ज़िन्दगी का मकसद क्या है
इस बात को जान जाते हैं,
🧏♂️ तो उसी क्षण से
हर क्षण हमारे लिए
मनोरंजन का
क्षण हो जाता है.
🧏मनमानी की गुलामी से
आज़ाद हो जाते हैं
असुरक्षा से मुक्ति
मिल जाती है .
🧏♀️हम ज़िन्दगी के
सुहाने सफ़र में
अपनी ड्राइविंग सीट पर
ख़ुद बैठे होते हैं .
🧏♂️हमारे भाव और विचार
हमारे नियंत्रण में होते हैं
दबाव प्रभाव से
मुक्ति मिल जाती है
कि हम स्वनियंत्रित
हो जाते हैं.
🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता
सदुपयोगीता को
समझकर नियम
और व्यवस्था पूर्वक
निरंतर सुख को
पा जाते हैं।
हमारी ज़िन्दगी
सही मायने में
शानदार हो जाती है।
🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के
इस खूबसूरत सफ़र में
यदि हम सब
साथ साथ चलें
तो सफ़र और भी
सुहाना हो जायेगा.
🧏जीवन विद्या शिविर में
स्वागत है आप सभी का
ज़िन्दगी के इस खूबसूरत
सफ़र को समझने के लिए.
😊😊धन्यवाद 😊😊
exactly
देख रहे हो विनोद 😂😂😂
😂😂😂😂😂😂
Sudhir you are just nothing infront of him, so don't try to show off..
Kejriwal is not like another leaders who dodge questions. He is by far the best man for politics in India. Honest guy
Aisa kya😅😅
He has never given any straight answer to any question he was asked
Media trying to make him fail answer but he is genius n transparent leader... No media did not make him failed👎 because he is real hero n perfect leadership
The anchor was really disrespectfull to the honourable cm
दंगाईयो का रिश्तेदार है केजरुद्दीन
दंगाई को दंगा के लिए उकसाया
टुकड़े टुकड़े गैंग के लिए जान देता है
I don't like Kejriwal a bit but the anchor was way too over with Mr. Kejriwal.
Yes Chaudhary is behaving like illiterate...
Who is watching this in 2019?
This man says everytime sir sir sir !!!! To the speaker
The way kejriwal crushed sudheer Chaudhary's agenda 🔥🔥😎
Such a cheap attitude of sunil, never expected. CM calling him Sir.
Sudhir jese log sirf modi ki hi chaat te hai
@@lakshyasharma3949 are bhai unke upar kitna pressure hota he agar gov chaye to inki zews ko kabhi bi band kar sakte hai.
@@lakshyasharma3949 aur ab vo thoda badal rahe he kal unhone farm bil ke protester ko support kiya tha.
Sudip chaodir modi ke chamchae modi se saoal kiu nanhi karte ho
@@sokatalisokatali1470 💐सोच विचार 💐
🧏ये पूरा अस्तित्व
किसी नियम के साथ है.
जहां भी नियम है
वहां व्यवस्था है.
🧏♂️जहां नियम का
पालन नहीं होता,
वहां अव्यवस्था
नज़र आती है.
🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को
देखने से तो,
चारों ओर अव्यवस्था
ही नज़र आती है,
🧏क्योंकि हम नियम से
नहीं चल रहे हैं.
🧏♂️क्या हम भी
इस अव्यवस्था की
भीड़ में लुढ़क रहे हैं?
क्या हमारी ज़िन्दगी
किसी के दबाव प्रभाव में
चल रही है?
🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के
ड्राइविंग सीट में बैठे हैं
या किसी और के हाथ में
हमारी बागडोर है?
🧏♀️यदि ऐसा है तो
हम कहां पहुंचेंगे
ये एक सोचनीय मुद्दा है।
🧏♂️पूर्व में कहा गया कि
आवश्यकताएं असीमित हैं,
और साधन सीमित हैं.
🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक
इस बात को
समझा जा सकता है,
कि मानव का शरीर
सीमित है इसलिए
उसकी भौतिक और
शारीरिक आवश्यकताएं
भी सीमित ही होंगी।
🧏♂️मानव शारीरिक
आवश्यकताओं से तृप्त
नहीं हो सकता
ये उसके ज़िंदा रहने
के लिए ज़रूरी हैं
🧏♀️मानव की कुछ असीमित
आवश्यकताएं भी हैं
जो असीम चीज़ों
विश्वास सम्मान, स्नेह,
संतोष, प्रेम आदि
से ही पूरी होंगी
सीमित वस्तुओं से नहीं।
🧏♂️पर देखा जाए तो
ज़िन्दगी के इस दौड़ में
हम सीमित चीज़ों से
असीमित की तलाश में
सदियां बिता चुके हैं
🧏 और समझ के अभाव में
और यदि अपनी मानसिकता
पर काम नहीं किया जाए
तो न जाने कितनी ही
सदियां फ़िर से
गुज़र जाएंगी.
🧏♂️यदि हम मानव
अपने मानव होने के
प्रयोजन को
समझ जाते हैं,
तो हम कहां खड़े हैं
इस बात को देख पाते हैं.
🧏मनोरंजन का दामन
छोड़कर अपने लक्ष्य को
पहचान पाते हैं,
अपने निर्णय लेने की
क्षमता पर विश्वास
आ जाता है.
🧏♂️जानने में कितना दम है
इस बात को समझ पाते हैं,
जब खुद का खुद से
परिचय होता है,
ज़िन्दगी का मकसद क्या है
इस बात को जान जाते हैं,
🧏♂️ तो उसी क्षण से
हर क्षण हमारे लिए
मनोरंजन का
क्षण हो जाता है.
🧏मनमानी की गुलामी से
आज़ाद हो जाते हैं
असुरक्षा से मुक्ति
मिल जाती है .
🧏♀️हम ज़िन्दगी के
सुहाने सफ़र में
अपनी ड्राइविंग सीट पर
ख़ुद बैठे होते हैं .
🧏♂️हमारे भाव और विचार
हमारे नियंत्रण में होते हैं
दबाव प्रभाव से
मुक्ति मिल जाती है
कि हम स्वनियंत्रित
हो जाते हैं.
🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता
सदुपयोगीता को
समझकर नियम
और व्यवस्था पूर्वक
निरंतर सुख को
पा जाते हैं।
हमारी ज़िन्दगी
सही मायने में
शानदार हो जाती है।
🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के
इस खूबसूरत सफ़र में
यदि हम सब
साथ साथ चलें
तो सफ़र और भी
सुहाना हो जायेगा.
🧏जीवन विद्या शिविर में
स्वागत है आप सभी का
ज़िन्दगी के इस खूबसूरत
सफ़र को समझने के लिए.
😊😊धन्यवाद 😊😊
See... Kejriwal can give interview to sudhir... But modi cannot give interview to ravish Kumar
Ravish nahin Rabbies
@@somprakashsharma8514 mitro ke chhitro pakode ke pakode
Mahagathbandhan ki rally se nikalne ka time mile tab naa interview lene jaayenge.
Because he is Rabbies and Rabbies found in dogs
@@somprakashsharma8514 Ek time kisi ladke ne Rabbish Kumar ki photo social media pe viral kar diya aur Rabbish Kumar chilla rahe the mujhpe jasoosi ho rhi hai.
Watching after delhi Bill 2023
Really my favourite politician is arvind kejriwal
if kejriwal does 100 good things still media will focus on 1 negative thing regarding AAP and would try to demean their achievements
Debkanta Paul bubble
5
100 good thing guna hi do bhai jara
Same with BJP then
@true human I recommend you to Watch *Charging Point Hindi Channel* on CZcams
salute you sir FROM NEPAL .. :) I wish Nepal has a leader like you here also :) keep going sir .... I want you to become PM of India in comming years
Mr.Sudhir Chaudhary ji ke teekhye swal oar jis tezi se woh ques . Daag rhe Aap neta Kezriwal bhi usi tezi se jbav de rhe bhut brhia sakshtakar ek se berh kar ek Arvind Kezriwal ka suprerhit interview 👍👍
This is struggle.