विभक्ती सह,छन्द बताये धन्यवाद कृपया छन्द समजे और धारण कर सके इसलिए लिखकर स्पष्टीकरण दिजीए ताकी प्रत्येक व्यक्ती समजे धन्यवाद आपका महिंद्रकर यु शि सोलापूर
झारखंड के गायत्री यज्ञ। मैं चंदा दिए। पूछा आप किस संप्रदाय के हैं मैंने कहा सत्य सनातनवैदिक धर्म उसने कहा आर्यसमाज है। मैंने कहा गायत्री छंद का उपासकहूं गायत्री का मूर्ति का नहीं वेदों में ऐसा नहीं है चंदा लेने वाले,सब मिलकर कहा, आर्य समाज मूर्ति पूजा नहीं करता है। मैंने कहा ,न तस्य प्रतिमा अस्ति, गायत्री परमात्मा का नामहै। गायत्री शब्द स्त्रीलिंग है गायत्री को मंत्र भी कहते हैं। गायत्री को आगम भी कहते हैं, गायत्री को निगम भी कहते हैं। मगर गायत्री को वेद में छंद कहा गया है। गायत्री छंद शब्द से ही ग्रहण करना चाहिए। चांद शब्द ना स्त्रीलिंग है या पुरुष लिंगहै।। गायत्री,छंद जो जपे वेद केअनुसार। हो कल्याणउसे आत्मा को उद्धार।।
Pandit poojari kyo khate Hain ki streeyo ko gayatree mantr ka jap nahi kar sakte kya es mantr me aisa kahi niyam hai jo purush hi jape ye Eshwar ke upasna hai yo sabhi ko japna chahiye hár har Mahadev ji 🕉️👍👍🙏🕉️
गायत्रीम् सावित्रीम् स्त्रीशूद्राय न प्रायच्छेद् * इस अर्थक श्रुति भगवती की आज्ञा है,( नृसिह्मतापिनी उपनिषत्) अत: इस का सोशियल मीडिया मे मत बताए, घोर पाप लगेगा,उसी उपनिषद् आगे लिखा है,10000000000008 श्री जगद्गुरु पुरी शङ्कराचार्य जी का पुण्र प्रवचन 108 बार सुने*धियो यो व: प्रचोदयात्*
ॐ राम ॥
आपके व्याखान से हमें बहुत लाभ हो रहा है।पं०उमेश कुमार आर्य का नमस्ते स्वीकार हो।
Your video is much aspirng for the society
Extremely clarified spiritual explaination Heart touching Thanks
बहुत अच्छी बातें हम सभी को समझा रहे हैं। कोटि कोटि नमन
🙏🙏
आचार्य जी गायत्री मंत्र का अर्थ समझ मे आया इसके लिए बहुत बहुत आभार सादर नमस्ते जी
ओम् परिणाम आचार्य जीं जय आर्यावर्त
आचार्य जी सादर प्रणाम जी।
आपके ज्ञान देने का कार्य अद्भुत है।
बहुत -बहुत धन्यवाद आपका।
वाह ,आचार्य जी बहुत ही सुंदर व्याख्या करते हो, आप की शैली बहुत सुंदर, और आकर्षित करने वाली hy, aap ka bhut धन्यवाद
लाजवाब
अति उत्तम व्याख्या , सत्यार्थ प्रकाश का सम्पूर्ण व्याख्यान बनाएं, सुनने से समझना आसान है, पढ़ने से नही आता , वेदों की भी व्याख्या इसी तरह करें
Very good explanation. Thanks.
Jay shree ram
अत्युत्तम व्याख्या
Bahut dhanyawad Acharya ji
Aaderney Acharya Ankit perbhakar ji sader namaste ji 🙏 bhut bhut danyavad bhut bhut abhaer ji 🙏
🙏
हृदय से धन्यवाद
Beautiful
आप की विषयवस्तु को समझाने की शैली अति उत्तम व सराहनीय है।🙏🙏
Namaste 🙏
बहुत अच्छा लगा।
धन्यवाद
Dhanyavaad 🙏
Namsteji🙏
🙏🏻🙏🏻🕉🕉🕉
👌👌👌🙏🙏🙏
नमस्ते
. In .
Acharya jee namste
अति उत्तम सादर नमस्ते
Gyan vardhak aur prerana dayak
प्रनामजी! वह सत्यार्थ प्रकास ग्रन्थ, नेपालमे कहांप्राप्त होगा? येहग्रन्थ गीता प्रेश काहै ?🎅🎅🎅♥️♥️♥️♥️
आपको किस भाषा में चाहिये
आचार्य जी सादर प्रणाम जी
Anil dangi
कृपया जो आप ने सात छंद की बात कह रहे हैं उन के सभी के श्लोक सहित अर्थ बताने का पर्यास करें
विभक्ती सह,छन्द बताये धन्यवाद
कृपया छन्द समजे और धारण कर सके इसलिए लिखकर स्पष्टीकरण दिजीए ताकी प्रत्येक व्यक्ती समजे
धन्यवाद
आपका
महिंद्रकर यु शि सोलापूर
Achary Ankit Pravakar Sadare Namasteji (Binod Kumar Dehury Odisha)
देवस्य का देने वाला अर्थ कैसे? द्योतनाद्देवा* इति 1000000008 श्री आचार्यशङ्कर:
झारखंड के गायत्री यज्ञ। मैं चंदा दिए।
पूछा आप किस संप्रदाय के हैं
मैंने कहा
सत्य सनातनवैदिक धर्म
उसने कहा आर्यसमाज है।
मैंने कहा गायत्री छंद का उपासकहूं
गायत्री का मूर्ति का नहीं वेदों में ऐसा नहीं है
चंदा लेने वाले,सब मिलकर कहा,
आर्य समाज मूर्ति पूजा नहीं करता है।
मैंने कहा ,न तस्य प्रतिमा अस्ति,
गायत्री परमात्मा का नामहै।
गायत्री शब्द स्त्रीलिंग है
गायत्री को मंत्र भी कहते हैं।
गायत्री को आगम भी कहते हैं,
गायत्री को निगम भी कहते हैं।
मगर गायत्री को वेद में छंद कहा गया है।
गायत्री छंद शब्द से ही ग्रहण करना चाहिए।
चांद शब्द ना स्त्रीलिंग है या पुरुष लिंगहै।।
गायत्री,छंद जो जपे वेद केअनुसार।
हो कल्याणउसे आत्मा को उद्धार।।
Pandit poojari kyo khate Hain ki streeyo ko gayatree mantr ka jap nahi kar sakte kya es mantr me aisa kahi niyam hai jo purush hi jape ye Eshwar ke upasna hai yo sabhi ko japna chahiye hár har Mahadev ji 🕉️👍👍🙏🕉️
महामंत्र कया है
गायत्रीम् सावित्रीम् स्त्रीशूद्राय न प्रायच्छेद् * इस अर्थक श्रुति भगवती की आज्ञा है,( नृसिह्मतापिनी उपनिषत्) अत: इस का सोशियल मीडिया मे मत बताए, घोर पाप लगेगा,उसी उपनिषद् आगे लिखा है,10000000000008 श्री जगद्गुरु पुरी शङ्कराचार्य जी का पुण्र प्रवचन 108 बार सुने*धियो यो व: प्रचोदयात्*
Pranam 🙏
Aisa Nahi Ke Apne Kuch Vi Galat Bola He ~ Bas Apne Gayatri Mantra Ke Mahanta Ta Ke Bare Me Bohot Kam Bola He --
Tino men Asthy Akshardham nhi hen bad vale men 9 Akshardham hen
🙏🙏