मात्र 7 मिनट में सीखे सँध्या करना! यज्ञ व सँध्या हमारे लिए कितनी जरूरी BY आचार्य योगेश भारद्वाज जी
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- čas přidán 11. 02. 2022
- दैनिक यज्ञ करने की पूर्ण विधि (8 मिनट में सीखे) :- • अग्निहोत्र कैसे करे!! ...
ओउम् भूर्भुव: स्व: । तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।।
ओ३म् शन्नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंयोरभिस्रवन्तु नः।
इन्द्रियस्पर्श मंत्र :-
ओं वाक् वाक्। ( इससे मुख )
ओं प्राण: प्राण:। ( इससे नासिका छिद्र )
ओं चक्षु: चक्षु:। ( इससे नेत्र )
ओं श्रोत्रम् श्रोत्रम्। ( इससे श्रोत )
ओं नाभि:। ( इससे नाभि )
ओं हृदयम्। ( इससे ह्रदय )
ओं कण्ठ:। ( इससे कंठ )
ओं शिर:। ( इससे मस्तक )
ओं बहुभ्यां यशोबलम् । ( इससे दोनों भुजाओं के मूल स्कन्ध )
ओं करतल कर पृष्ठे। ( इससे दोनों हाथों के ऊपर तले स्पर्श करें )
मार्जन मंत्र :-
ओं भू: पुनातु शिरसि। ( शिर पर छींटा देवे )
ओं भुवः पुनातु नेत्रयो:। ( दोनों नेत्रों पर छींटा देवे )
ओं स्व: पुनातु कण्ठे। ( कण्ठ पर छींटा देवे )
ओं मह: पुनातु हृदये। ( हृदय पर छींटा देवे )
ओं जन: पुनातु नाभ्याम्। ( नाभि पर छींटा देवे )
ओं तप: पुनातु पादयो:। ( दोनों पगों पर छींटा देवे )
ओं सत्यं पुनातु पुनः शिरसि। ( पुनः मस्तक पर छींटा देवे )
ओं खं ब्रह्म पुनातु सर्वत्र। ( सब अंगों पर छींटा देवे )
प्राणायाम मन्त्र :-
ओं भू:। ओं भुवः। ओं स्व:। ओं मह:। ओं जन:। ओं तप:। ओं सत्यम्।
उपरोक्त रीति से प्राणायाम की क्रिया करते जावे ओर प्राणायाम मन्त्र का जप भी करते जावे। कम से कम तीन ओर अधिक से अधिक 21 प्राणायाम करे
अघमर्षण मन्त्र :-
ओम् ऋतञ्च सत्यञ्चाभीद्धात् तपसोSध्यजायत।
ततो रात्र्यजायत तत: समुद्रो अर्णव:।।१।।
ओं समुद्रादर्णवादधि संवत्सरो अजायत।
अहोरात्राणि विदधद्विश्वस्य मिषतो वशी।।२।।
ओं सूर्य्याचन्द्रमसौ धाता यथापूर्वमकल्पयत्।
दिवञ्च पृथिवीञ्चान्तरिक्षमथो स्वः।।३।।
ओं शन्नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंयोरभिस्रवन्तु नः।
मनसापरिक्रमा-मन्त्र :-
विधि इस मन्त्र से तीन आचमन करके निम्नलिखित मन्त्रो से सर्वव्यापक परमात्मा की स्तुति प्रार्थना करे।
ओं प्राची दिगग्निधिपतिरसितो रक्षितादित्या इषव:।
तेभ्यो नमोऽधिपतिभ्यो नमो रक्षितृभ्यो नम इषुभ्यो नम एभ्यो अस्तु। यो३स्मान द्वेष्टि यं वयं द्विष्मस्तं वो जम्भे दध्म:।।१।।
ओं दक्षिणा दिगिन्द्रोऽधिपतिस्तिरश्चिराजी रक्षिता पितर इषव:।
तेभ्यो नमोऽधिपतिभ्यो नमो रक्षितृभ्यो नम इषुभ्यो नम एभ्यो अस्तु। यो३स्मान द्वेष्टि यं वयं द्विष्मस्तं वो जम्भे दध्म:।।२।।
ओं प्रतीची दिग्वरुणोऽधिपति: पृदाकू रक्षितान्नमिषव:।
तेभ्यो नमोऽधिपतिभ्यो नमो रक्षितृभ्यो नम इषुभ्यो नम एभ्यो अस्तु। यो३स्मान द्वेष्टि यं वयं द्विष्मस्तं वो जम्भे दध्म:।।३।।
ओं उदीची दिक् सोमोऽधिपति: स्वजो रक्षिताशनिरिषव:।
तेभ्यो नमोऽधिपतिभ्यो नमो रक्षितृभ्यो नम इषुभ्यो नम एभ्यो अस्तु। यो३स्मान द्वेष्टि यं वयं द्विष्मस्तं वो जम्भे दध्म:।।४।।
ओं वीरुध दिगि्वष्णुरधिपति: कल्माषग्रीवो रक्षिता विरुध इषव:।
तेभ्यो नमोऽधिपतिभ्यो नमो रक्षितृभ्यो नम इषुभ्यो नम एभ्यो अस्तु। यो३स्मान द्वेष्टि यं वयं द्विष्मस्तं वो जम्भे दध्म:।।५।।
ओं ऊर्ध्वा दिग्बृहस्पतिरधिपति: श्वित्रो रक्षिता वर्षमिषव:।
तेभ्यो नमोऽधिपतिभ्यो नमो रक्षितृभ्यो नम इषुभ्यो नम एभ्यो अस्तु। यो३स्मान द्वेष्टि यं वयं द्विष्मस्तं वो जम्भे दध्म:।।६।।
उपस्थान मंत्र :-
ओं उद्वयं तमसस्परि स्व: पश्यन्त उत्तरम्।
देवं देवत्रा सूर्यमगन्म ज्योतिरुत्तमम्।।
उदुत्यं जातवेदसं देवं वहन्ति केतव:।
दृशे विश्वाय सुर्यम्।।
चित्रं देवानामुदगादनिकं चक्षुर्मित्रस्य वरुणस्याग्ने:।
आप्रा द्यावापृथिवीऽअन्तरिक्षं सूर्य आत्मा जगतस्तस्थुषश्च स्वाहा।।
तच्चक्षुर्देव हितं पुरस्ताच्छुक्रमुच्चरत्। पश्येम शरद: शतं जीवेम शरद: शतं श्र्णुयाम शरद: शतं प्रब्रवाम शरद: शतमदीना: स्याम शरद: शतं भूयश्च शरद: शतात्।।
ओउम् भूर्भुव: स्व: । तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।।
समर्पण :-
हे ईश्वर दयानिधे! भवत्कृपयाऽनेन जपोपसनादिकर्मणा धर्मार्थकाममोक्षाणां सद्य: सिद्धिर्भवेन्न:।।
नमस्कार मन्त्र :-
ओं नम: शम्भवाय च मयोभवाय च नम: शङ्कराय च मयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराय च ।।
ओ३म् शान्तिः शान्तिः शान्तिः।।
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आर्य समाज के आचार्य सदा सत्य वचन बोलते हैं। आप जैसे विद्वान के प्रवचन सुनकर दिल खुशी से भर जाता है। मैं हमेशा आपकी ज्ञान भरी बातें सुनती हूं और मुझे काफी ज्ञान होता है। आपको साधुवाद और धन्यवाद। 🙏🚩🚩🕉️🕉️
Achrya ji main Sonipat arya Gurukul me padha 5 daal bahut miss Karta hun aapse puchna tha k shadi ho gayi hai Meri kya main Janeu dharan kar sakta hun kya
Bilkul kar sakte hai aap janeu dharan
मान्यवर,
सादर शत शत नमन!आप इस वीडियो में उच्चारित बड़े संस्कृत मत्रों का हिंदी में अर्थ व बोलने का तात्पर्य भी बता देते तो और भी अच्छा रहता न !इससे सन्ध्या करने का उद्देश्य समझ में आ जाता!व यह पता चलता कि यह किन को सम्बोधन करने हेतु बोले जा रहे हैं।यह एक रहस्य जैसाही रहा।क्योंकि आज का आदमी विदेशी शिक्षा पद्धति जो कि भारत आजादी के 75 वर्ष व्यतीत हो गए,पर आज भी सरकारी विद्यालयों में उसे अपनाए हुए है।जिनमें इन चीजों को कोई स्थान नहीं है।अतः कोई भी व्यक्ति एकदम से किसी चीज का अंधानुक रण नहीं करता,बल्कि वह इस बारे में सारे रहस्य जानकर अच्छी तरह सोच-विचार करअपने हित की बात को प्राथ मिक ता देते हुए अपनाता है कि इनसे मुझे लाभ क्या होगा!अथवा इससे समस्त जगत का क्या कल्याण हो सकता है!कुछ न कुछ होना चाहिए नहीं तो मैं क्यों करूं!क्योंकि मनुष्य स्वार्थी है।कृपया नेक्स्ट वीडियो में इसे स्पष्ट करें।आभार!सादर-
आचार्य जी सादर नमस्ते
वेदिक सन्ध्या ब्रह्म यज्ञ अति व्श्रेष्ठ है
देख कर बहुत अच्छा लगा कि आज भी भारत मे पढ़े-लिखे लोग इक्के दुक्के यहा वहा वर्तमान है!
आचार्य जी नमस्ते बहुत सुन्दर जो सन्ध्या नहीं करता वह व्यक्ति पापी है
ऊं कृण्वन्तो विश्वमार्यम
गुरुदेव मैं राजस्थान से आपको बहुत-बहुत ढेर सारी शुभकामनाएंमगर कहने का नाम तो हिंदुस्तान ह आज हिंदुओं की हालतपाकिस्तान में हिंदू जी रहे हैं वही हालत आज हिंदुस्तान में जीना पड़ रहा है वह दिन दिन हिंदू मारे जा रहे हैं हिंदुओं को काटे जा रहे हैं अलग-अलग बांट दिया सरकारों ने डंडा चलाया राज किया और फूट डाली आपस में लड़ आया औ हिंदू सतगुरु देव आप जैसे गुरु आगे बढ़कर थोड़ा बहुत एक साथ में बैठा दें हो सकता हिंदुओं के लिए यह हिंदुस्तान श्मशान घाट बन चुका है हिंदुओं के हिंदुस्तान के अंदर इन नदियों को कैसे नौकरी दे दियातो कहने का तो नाम हिंदुस्तान है असल में यह इस्लामिक देसी होगा और आज ही है
सादर प्रणाम...गुरुजी
सादर नमन आचार्य जी । आप आर्य जगत के पथप्रदर्शक हैं । ।। जय आर्य जय आर्यावर्त ।।
श्री आचार्य जी भरद्वाज जी को श्री आचार्य जी भरद्वाज जी को कोटि-कोटि नमन जय जय श्री राम भारत माता की
अब पांच का महत्व जाना,पाया विश्व में भारतीय संस्कृति पंच यज्ञ ही विभिन्न होकर भी भारत का ही उपादान है ।
अपके हृदय में बिराजमान ईश्वर को और आपके पावन चरणों में शत-शत नमन
आचार्य जी को शत् शत् नमन्
आचार्य जी को योगेश का बारंबार प्रणाम आपकी संध्या वंदन बहुत अच्छा लगा वैदिक संध्या संध्या वंदना कराते रहे इस प्रकार संध्या गांव गांव आओ तो प्रचार करेंगे धर्म की जड़ हरि रहे संध्या वंदन बहुत अच्छा लगा गुरुदेव को प्रणाम
SIR.JI.RAM.RAM. SUPER
GAN.GAN YOU. THANKS JAY.HIND 👌👍🌹🙏🏻🇮🇳
बहुत ही अच्छा बताया है आपने आचार्य जी
गुरुदेव आपके चरण कमलों में सिर टेक कर मेरा मेरा कोटि-कोटि प्रणाम
सादर नमस्ते आचार्य जी
प्रेरणादायक वीडियो
प्रमाण तथ्यों के साथ,
हमारा ज्ञान वर्धन करने के लिए
आभार आचार्य जी
🙏🙏🙏
आचार्य योगेश जी दिया दिव्य उपदेश। पंचयज्ञा घर घर करे संध्या यज्ञ विशेष। राष्ट्र पुरोहित आशु कवि रोहन आनंद वैद्य आर्ष गुरुकुल खानपुर महेंद्र गढ़ हरियाणा।
उत्तम सन्देश है आपका आचार्यप्रवर ! सादर नमस्ते जी
सनातन से जब तक हम नही जुड़ेंगे
तो सदियों तक हमारा अस्तित्व बचा नही रह सकता
बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दी है 😃
जय हिन्द वन्देमातरम जय श्री राम जय जय श्री राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे राधे राधे जय-जय जयहिंद जय-जयकार जय श्री राम सीताराम ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नमः ऊं नमः शिवाय नमः नमंदेहर हर हर महादेव नमः नमंदेहर हर हर महादेव गंगा मां सरस्वती माता की जय हो जय तिरुपति बालाजी की जय हो श्री गुरू देव जी के चरणों में प्रणाम करता हूं जयमाताकीजयगुरूवर कि जय हो श्री राम सीताराम ऊं नमो नमः जय श्री राधे कृष्णा
Sadar pranam radhe radhe guruji 🙏🙏
प्रणाम आचार्य जी, आपने नये पीडी को अच्छी जानकारी दी /🙏🙏🙏
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय
विल्कुल सही कहा
बहुत सुन्दर कार्य कर रहे हैं और महर्षि दयानन्द सरस्वती जी की परम्परा को आगे बढ़ा रहे हैं ।
आपको सादर नमन ।
You should be our prime Minister
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
🙏🙏 गुरु जी आप का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏पुरा खोल दिया 🙏 बहुत बहुत धन्यवाद प्रणाम 🙏👍👍👌
गुरु बर को नमस्कार करता हूँ ।श्री राधे गोविन्द श्री राधे गोविन्द श्री राधे गोविन्द श्री राधे गोविन्द
Jay hindu rastra jay hind vandemaataram🕉️ Jay shree rama
आचार्य जी आप स्वास्थ्य व ब्रह्मचर्य के बारे में जानकारी दें।
धन्यवाद।
Saty sanatan... 🙏🙏 aapka bahut bahut dhanywad duruji itna sundar kabhi kisine nahi sajhaya... 🙏🙏
🎉❤
🙏🕉️ जयगोमावेदभारती, गोमाता राष्ट्रमाता बने 🇮🇳🚩🇮🇳
अद्भ्युत, सरल जैसा (स सीता जी जैसी, र रामजी जैसा और ल लक्ष्मण जी जैसा) ,🙏🚩
कितने बॉमहण सॅध या करते
Jay Shree Ram Guruji ❤🙏❤🙏
अति उत्तम। आचार्य जी
🙏 आचार्य चन्द्रेशजी आर्य , नमस्ते ।
जो बोले सो अभय वैदिक धर्म की जय।
जय जय श्री राधे ,
आचार्य जी के चरणार्विदों बाल-संसार नमस्कार ।
उन समस्त सनातनी भाईयों से मेरी पुरज़ोर गुजारिश है जो इस गुरुकुल के नजदीक रहते है सुबह श्याम गुरुकुल में संध्या वंदन सीखने जायें और जो बच्चे 5 साल से ज्यादा उम्र के है उन्हें गुरुकुल में दाखिल करावाने का कष्ट करें ।
धन्यवाद ।
जय भारत माता की ।
जय सनातन धर्म की ।
Om
बिल्कुल सत्य है, आचार्य जी ❗🙏💐
नमस्ते भ्राता जी 🙏
बहुत ही सुन्दर जय जय श्री राम
धन्यवाद गुरुजी आपने हमको अज्ञानता से बचा लिया नमस्कार
नमस्ते जी आप का बहुत बहुत आभार धन्यवाद
अच्छी जानकारी धन्यवाद आचार्य जी
आचार्य जी । 💐👏धन्यवाद मैंने आपके इस वीडियो से सुबह-शाम संध्या करने की आदत बना ली और मुझे अच्छा लगता है ,इसे करने में। मैं इसे पिछले 25 दिनों से लगातार अभ्यास कर रहा हूं। आपको इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद .प्रणाम.💐👏
Radhay radhay ............
Jay Shree Ram Radhe Radhe Guruji 🙏🙏🙏🙏🙏
Acharya ji 🙏🙏🙏🙏
में भी संध्या करने लगा हूं
Radhey Radhey
प्रणाम गुरूजी ऐसा अनुपम ज्ञान दिया कि अज्ञानता बिदा कर दी ।
विश्वमेँ उत्कृष्ट सँस्कृति -- सनातन सँस्कृति । जय गुरु ।।।
इस विडियो को प्रत्येक भारतीय को देखना चाहिए । प्रत्येक भारतीय को सुनना चाहिए और चिंतन करना चाहिए। 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
सुन लेने और चिंतन से कुछ नहीं होने वाला है। आज हम सनतनी ओनली यूट्यूब और व्हाट्सएप पोस्ट देख लेते हैं और फॉरवर्ड करते हैं। हम अपने से सुरू करनी होगी। प्रणाम
अति महत्वपूर्ण 🙏🙏
Namaste ji
Om Shantih
आचार्य जी के बोलने से ही उनके ज्ञान के बारे में पता चलता है।इतना ज्ञान अर्पण केवल चैतन्य ब्रह्मचर्य और कठिनतम स्वाध्याय से ही संभव है।
आचार्य योगेश जी को दण्डवत प्रणाम।🙏🏻
आचार्य! बहुत बहुत धन्यवाद,
Sadar Namaste 🙏 ji
Aacharya Ji Ne Bahut Achha Se Sanadhya Ke Liye Adbut Darshan Ka Video Diya.
बहुत सुंदर आचार्य जी🙏
Aacharya Ji Main aapko s*** s*** Naman Pranam karta hun aapki is desh ko bahut sakht jarurat hai Jyada Se Jyada aap prachar Karen Sanatan Dharm ka Kyunki bahut Sare Aise Panth Hain Jo Sanatan ka Sahi tarike se prachar n Karke Apne Apne pad Apne Apne Puja ka Karya kar rahe hain Khud Ko hi Ishwar Bata rahe hain Mera aapse Anurodh hai ki aap Jyada Se Jyada Samay Is Desh Ke Samaj Ko sudharne ke liye Karen
जय श्री राम
जय हिंदू राष्टृ भारत
Mere jivan ki sabse Gyanvardhak vidio sir mere jivan badal gya Jay Arya vart
Guru ji charnbadna aapne bahut hi badiya programme shuru Kiya hai bharat ko khaskar hindu samaj keliye ati awshyak tha bahut 2dhanyabad
आचार्य जी को मेरे तरफ से बारंबार प्रणाम, इस विषय को लागातार प्रचार करने का सतत् प्रयास करने की आवश्यकता है, सुबह का भुला शाम को घर आने के बाद, भुला नहीं कहा जाता है! हमारे हिन्दू धर्म समाज के माननेवाले पुनः सनातन धर्म संस्कृति पद्धति को जल्द अंगीकार करेंगे!
Aaj yah bahut jaruri hai. Lekin hum dilse sandhya nahi karate. Thanks namaskar all hinfu. Brahmians must watch and follow adopt this in daily worships. Siddheshwar deshpande
Please follow all hindu..
Sate singh
धंयवाद आचार्य जी हमने आप का पुरा वीडियो सुना बहुत सुंदर 🌹👏
आप की संध्या ही 20मिनट से ज्यादा हो गई तो नए लोग तो फिर,?
लेकिन अच्छी बात है संध्या करना।
प्रणाम
बहुत ही अच्छा,अपने सनातन को जागृत करने का काम किये है,प्रणाम
Sanghathan bhanao dharam bachao desh bachao jai mata di
प्रणाम गुरु जी आपने अज्ञानता दूर कर दी।
Wah wah ;thanks : very good
प्रणाम गुरु जी,, बहुत ही सरलता से सन्ध्या काल का महत्व और विधा बताया है आपको प्रणाम करते हैं 🙏🙏🙏🙏🙏
Bahut valuable but Brahmins are not following bad luck
Yogesh Bhai Pranam aapko
आप नहीं होते तो हम सब भी गुलाम ही रहते और कभी अपने अस्तित्व को नहीं पहचान कि हम कौन हैं।
Beautiful Sir many thanks
Important message to public . salute to you
હર હર મહાદેવ જય શ્રી મહાકાલ
પ્રણામ ગુરુદેવ
Awesome information
बहुत अच्छा जान दे रहे हैं योगेश भारद्वाज आचार्य जी आपको बहुत-बहुत धन्यवाद
ATI Sundar prastuti dhanyvad Om Om namaste Aacharya ji
आचार्य जी🙏🙏 सादर प्रणाम, उत्तम सुझाव व जानकारी देते हुए हम सभी को आप द्वारा बहुत ही उपयोगी ज्ञान दिया गया है l 🙏🙏आपका बहुत बहुत अभिनंदन l
💕💕
विदवान जन को शत शत नमस्कार
@@ratnadeojha1739
Guru ji kya Sandhya shudr bhi kar sakte hai?
@@smagamsanskriti6670 sabhi
Achary Ji koti koti naman🕉️
आचार्य श्री, प्रणाम। बिखरे हुए, फैले हुए ज्ञान को, आपने जिस प्रकार एकत्र कर, प्रकाशित किया; अत्यन्त महत्वपूर्ण था, पुनः धन्यवाद और 🙏।
Jay gurudev
आचार्य जी को नमन,
धन्यवाद आदरणीय जी🙏💕🙏💕🙏💕
We fully support yati ji jitender tyagi ji, काली चरण महाराज जी
जो उपर वाला कहता है इसका अर्थ है कि उसके अन्दर अभी भी डर या गुलामी है वह इस डर को कह नही पाता
आचार्य श्री जी ने बहुत ही अच्छा संध्या आरती का महत्व बताया आचार्य जी को कोटि कोटि प्रणाम
सत्य सनातन धर्म की जय हो🚩🚩🚩
Jai shree 🙏 🙏
Radhe Radhe 🙏 🙏
जय हिंद जय जय श्री राम जागो हिन्दुओं जागो और सनातन हिन्दू धर्म को आगे बढ़ाओ हर हर महादेव
😅😅😮😢🎉😅
BHARADWAJ JI KO NAMSHKARNAMSHKAR
आचार्य जी अपने बहुत अच्छे से संध्या वंदना करने की विधी संझाइ। आपके द्वारा बनाया यह वैदिक प्रचार चनेल वैदिक संस्कृति के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का कार्य करेगा। 🙏🙏🙏🙏
Satya snatan ki jai ho aacharay gi
सादर प्रणाम,
अभिनंदन
👌👌👌
💐💐💐
आचार्य जी द्वारा प्रस्तुति अत्यन्त उत्तम विचारों से युक्त है वह अत्यंत महत्वपूर्ण है
। आप को सादर नमन।🙏🙏
Aasariaji apka pervading but achhah hsukria very good for hinduthanks
@@moolaram1737 . Mn.
गुरूजी जी के चरणों में कोटी कोटी प्रणाम 👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
जै हो. कोटि कोटि नमन.
आदरणीय आचार्य जी को सत सत
प्रणाम || हिन्दू धर्म सर्ब श्रेष्ठ है ||
🌹🌹🌹🌹🌹
आचार्य जी प्रणाम ।आपके विचार सुनें । बहुत अच्छा लगा ।आपकी भाषा बहुत सरल,सुन्दर , मधुर और स्पष्ट है ।आपने भिन्न भिन्न धर्मों में प्रचलित बुराइयों को बहुत सुन्दर ढंग से बताया है ।
आचार्य श्री को सादर प्रणाम, सनातन धर्म में आपका सहयोग अत्यंत सराहनीय है।
H to h
हमारी सभ्यता हमारी संस्कृति परम् आदरणीय है| हम पुज्यनीय आचार्य जी को नमन करते हैं|
🎂
🙏
🙏
🙏
Aapko koti-koti Pranaam
इतना अद्भुत ज्ञान दर्शन के लिए आचार्य जी को कोटि कोटि नमन 🙏🚩
प्रणाम गुरु जी को मेरा कोटि कोटि नमन 👌👌🙏🙏🌹🌹
Parnam Guru Ji Ko Mera Kotie Kotie Sadar Pranam Ji
नमस्ते गुरूजी
ऊँ नमो नारायणाय नम:
सत्यम् शिवम् सुन्दरम्