भाग-1 (MJY-002) सिद्धान्त ज्योतिष एवं काल- MA JYOTISH -17.05.2022
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- čas přidán 16. 05. 2022
- इग्नू क्षेत्रीय केंद्र वाराणसी द्वारा करायी जा रही MA Jyotish की इस परामर्श कक्षा में ज्योतिष स्वरूप जानने के लिए, सिद्धान्त ज्योतिष के सभी पक्षों पर डॉ राजा राम पाठक, असिस्टेंट प्रोफेसर, ज्योतिष द्वारा चर्चा की गयी है|
बहुत सुन्दर एवं ज्ञानात्मक व्याख्यान।
Thankyou for uploading
Maza aagayaa pehli baar padhne aaur shunne ke baad
Sir aap bahut achha bata rahe
आचार्य महोदय बहुत सुन्दर पाठन कराया आपने...
वंदन...🙏🙏🙏
प्रणाम गुरु जी...अति सुन्दर, सुग्राही एवं सरल .. हार्दिक आभार 🙏
प्रणाम
आचार्य जी की वाणी में आकर्षण है।
Excellent teaching sir koti koti naman and thanks
गुरुजी प्रणाम......शानदार शुरुआत
Bahut accha......
Very good initiatives
बहुत सुन्दर पाठन गुरुजी 🙏🙏
Pranaam sir.....gud explaination
सर ये क्षीर सागर , दधि सागर , इक्षु सागर .. इत्यादि धरती पर ही हैं ?
हमारे मस्तिष्क में हैं … विभिन्न सागरों को प्रतीक के रूप में , मानव विकास कि अलग अलग अवस्थाओं को बताया गया है।
क्षीर सागर : जब बाहरी ज्ञान का मस्तिष्क द्वारा मंथन किया जाता है तब क्षीर / मक्खन सागर बनता है।
दधि सागर : जब ज्ञान का मस्तिष्क में स्वाध्याय किया जाता है , अर्थात् एक जगह बैठ कर मनन , चिंतन किया जाता है तब दधि / दही सागर बनता है।
इक्षु सागर : जब मस्तिष्क में ज्ञान का स्फुरण होने से जो आनंद की मिठास मिलती है उसे इक्षु/ गन्ने कि मिठास सागर बनता है।
Shobhnam
thanks sir👏
Raja ramchandra Pathak ji konkoti koti naman kya mobile number mil shkataa hai
Ma jyotish karne k Baad phd kaha se kare.i drop philosophy for astrologer
MA JYOTISH ka material english mein hai kya hindi mein ?
Sar aapane kaha hai ki 16 session honge lekin Abhi tak Nahin hue
Is any one opted RCPATNA for MAJY..
Yes. I have done that.
Are you from Patna?
Yes
Where is your examination center?
Guruji charan sparsh es saal bhi reading krayen ignou men
सूर्य सिद्धांत का भी पढ़ा दीजिए
नंबर दे दीजिए इनका 🙏🙏
AA+
किसी श्रोता विद्वान ने कहा है कि ज्योतिष में सिद्धांत का ज्ञान आवश्यक नही है। यह गलत कथन है। में उनसे पूछना चाहता हूं की ज्योतिष फलादेश किस सिद्धांत से सटीक बैठता है ?
दुखद पहलू यह है की वर्तमान में भारत में जो दृश्य ग्रह हैं वह न्यूकॉम्ब और गौस से पर्टरबेशन के आधार पर हैं। पर्टरबेशन ग्रहों के गुरूत्वाकर्षण बल के शून्य स्थान ( bary center ) से स्पष्ट हैं। जबकि हमारे फलादेश के फलित नियम भूकेंद्रीय हैं। इसीलिए वर्तमान काल में फलादेश पूर्ण सटीक नही है।
Bary center के बारे में आधुनिक एस्ट्रोनॉमी में सर्च कर स्वयं समझ सकते हैं।
यह वात सिद्धांत ग्रंथों एवं आधुनिक एस्ट्रोनॉमी पढ़ने के बाद ही समझ आएगी।
अतः सिद्धांत ज्योतिष का ज्ञान परम आवश्यक है। और कोई भी फलादेश बाला ज्योतिष इस तथ्य को समझने का प्रयास नही कर रहा है।
Rc Kolkata anyone