गिरनार पर्वत का इतिहास और गिरनार से जुड़ी कुछ रहस्यमई बातें || Girnar Parvat History In Hindi

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  • čas přidán 23. 08. 2023
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    गिरनार गुजरात राज्य के जूनागढ़ जिले में स्थित एक प्राचीन धार्मिक और पवित्र पर्वत है जो हिंदू धर्म और जैन धर्म के लोगों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ और सिद्ध क्षेत्र है कहा जाता है की गिरनार पर्वत हिमालय से भी पुराना है हजारों साल पहले यहां ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से यहां पर मुख्य पांच चोटिया बनी हुई है जिसमें अंबाजी गोरखनाथ गुरु दत्तात्रेय ओगड़ अंशु या और कालका शिखर मुख्य है गिरनार पर्वत पर तकरीबन 10000 जितनी सीढ़ियां है यहां का इतिहास हजारों साल से भी पुराना है तो आज हम जानेंगे गिरनार पर्वत का इतिहास और गिरनार से जुड़ी खुश रहस्यमई बातें तो वीडियो पर अंत तक बने रहे
    पुराने ग में गिरनार का उल्लेख देखने को मिलता है इतिहास में गिरनार को अलग-अलग नाम से संबोधित किया
    जाता है क्योंकि यहां पर कई सारे सिद्ध योगिया ने अपना वस्त्र त्याग करके यहां पर जब तक और साधना की है गिरनार पर्वत की कंदराओं में कहानी सारे रहस्यमय गुफाएं हैं इस गुफाओं में अघोरी संतो लोग साधु योगिया और अन्य संतो तपस्या करते रहते हैं गिरनार में असंख्य साधु संतो निवास करते हैं इसीलिए गिरनार को साधुओं का प्यार भी कहा जाता है स्कंद पुराण के प्रवास खंड में गिरनार का सविस्तर वर्णन देखने को मिलता है गिरनार पर्वत के ऊपर सूर्य से सिद्ध और नवनाथ भगवान विराजमान है जैसे की नेमिनाथ गोरखनाथ इतिहास भगवान और इस पर्वत में कई सारे धार्मिक एवं प्राचीन मंदिर दर्शनीय है कई सदियों से यहां पर महाशिवरात्रि का मेला और लिली परिक्रमा का आयोजन होता है यह परिक्रमण हर साल कार्तिक पूर्णिमा शुद्ध ग्यारस के दिन यहां पर परिक्रमा स्टार्ट होती है और यह देव दिवाली तकरीबन 6 दोनों के लिए परिक्रमा होती है यह परिक्रमा गिरनार पर्वत की परिक्रमा है जो तकरीबन 36 किलोमीटर गार्डन जंगल में पैदल यात्रा करके की जाति है इसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं यह परिक्रमा भजन भजन और भक्ति का त्रिवेणी पवित्र संगम है प्राचीन कल में यह परिक्रमण केवल साधु संत ही करते थे
    गिरनार पर्वत गुजरात राज्य का सबसे बड़ा पर्वत है और एक रहस्यमय एवं चमत्कारिक पर होते जिसे आज तक कोई जान नहीं पाया है इस पर्वत पे तकरीबन ₹99 चिड़िया है यानी की 10000 में एक कम 5000 सीडीओ पर मां अंबा का मंदिर है जो 52 शक्तिपीठों में से एक है स्थान पर भगवान श्री कृष्णा और रुक्मणी जी एक साथ मां अंबा के दर्शन करने आए थे उसे समय माता अंबा ने भगवान श्री कृष्णा और रुक्मणी जी को अपने मुखारविंद के दर्शन करवाएं थे जिसे आप अभी वीडियो के मध्य से दर्शन कर रहे
    वर्तमान समय में मंदिर तक सुविधा है भक्तगण चाहे तो रस्सी का सहारा ले सकते हैं अन्यथा पैदल यात्रा करके पहाड़ सब सकते हैं और इसके टिकट प्राइस आने और जान की पर परसों ₹700 जितनी है भगवान श्री कृष्णा के बड़े भाई बलराम जी का विवाह रेवती कुंड क्षेत्र में हुआ था जो दामोदर कुंड के एकदम पास है रेवती जी यहां के राजकुमारी थी उसे समय रावत राजा का राज्य हुआ करता था यानी के रेवती जी के पिता श्री का कुछ इस प्रकार गिरनार पर्वत भगवान श्री कृष्णा के साथ जुड़ा हुआ है जूनागढ़ राज्य एक प्राचीन राज्य है इसीलिए आज हम इसको जूनागढ़ के नाम से पहचानते चुनाव मतलब के पूरा नाम और गत यानी के किला यहां पर कई सारे राजाओं ने राज किया है
    गिरनार पर्वत का सबसे ऊंचा शिखर है दत्तात्रेय शिखर जहां पर विराजमान है भगवान श्री गुरु दत्तात्रेय जी कहा जाता है की सतयुग में ब्रह्मा विष्णु महेश यह पर सत्य अनसूया माता की परीक्षा लेने साधु के रूप में आए थे और उन्होंने माता को बोला की अगर आप हमें नॉन होके भजन प्रसाद देंगे तो हम भजन प्रसाद ग्रहण करेंगे तब अंशु या माता ने जल का सिरका करके तीनों को दे दिया
    इसके बाद ब्राह्मणी माता लक्ष्मी माता और पार्वती माता यहां पर आए और उन्होंने बोला की इसे गलती हो गई है आप इन तीनों को पहले जैसा रूप दे दीजिए [संगीत] और पहले जैसा रूप वापस दे दिया इस स्थान पर भगवान श्री गुरु दत्तात्रेय जी ने 12000 साल तक तपस्या कारी है [संगीत] कहते हैं की पहले के समय में सभी पर्वतों के पंख हुआ करते थे जब उड़ के नीचे उतरते थे तब पशु और मानव को बहुत दिक्कतें आई थी तब इंद्रदेव ने अपने वज्र से सभी पर्वतों के पंख काटने लगे तब गिरनार पर्वत यहां आकर चिप गया था फिर इंद्रदेव ने गिरनार पर्वत के पंख कैट दिए और गिरनार पर्वत को वचन दिया की तुम्हारे ऊपर 33 कोटी देवी देवता निवास करेंगे इस पर्वत पे आज भी तकरीबन 800 से अधिक प्राचीन मंदिर है [संगीत] अब बात कर लेते हैं जूनागढ़ के कुछ दर्शनीय स्थलों की तो जूनागढ़ में कहानी साड़ी दर्शनीय एवं घूमने लायक जगह है जैसे की जूनागढ़ का किला मोहब्बत मकबरा गिर नेशनल पार्क अशोक चिली दामोदर कुंड इत्यादि यहां पर ऐतिहासिक एवं पौराणिक जगह है जहां पर आप दर्शन करने जा सकते हैं जूनागढ़ बहुत प्राचीन एवं पौराणिक शहर है तो अगर आप यहां पर दर्शन के लिए आते हैं तो कम से कम तीन से कर दिन का समय निकालकर आप जूनागढ़ में घूमने ए सकते कभी आप सभी जगह को कर कर पाएंगे तो दोस्तों इस वीडियो में बस इतना ही अब मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में तब तक के लिए जय हिंद जय भारत

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