अग्निहोत्र क्या है और कैसे करें
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- čas přidán 18. 04. 2020
- अग्निहोत्र विज्ञान पर जैविक मिशन की अवधारणा
अग्निहोत्र : सप्त ऊर्जा का प्रस्फुटन और पंचमहाभूतो का सृजन
अग्निहोत्र हजारों वर्ष पुरानी हमारे ऋषि परम्परा द्वारा अविष्कृत एक पूर्ण वैज्ञानिक विधा है,मान्यता के अनुसार इस विज्ञान को महर्षि परसुराम ने खोजा है जो मध्यकाल के समय विलुप्त हो गया था जिसे सन्त स्वामी गजानन महाराज की प्रेरणा से भोपाल के माधव स्वामी पोतदार जी ने महाशिवरात्रि के दिन 1967 ईस्वी को पुनः पुर्नजीवित किया है।
अग्निहोत्र के सशक्त प्रमाण हमारे वेदशास्त्रो,रामायण, महाभारत और श्रीमद्भागवत गीता में तो है,आधुनिक विज्ञान व इंटरनेट पर भी बहुत से वेबसाइस में भी उपलब्ध है,अब यह विश्व के हर देश में दिनोंदिन फैलती जा रही है।अपना जैविक जीवन शैली विज्ञान की स्पष्ट मान्यता है कि
पदार्थ का सूक्ष्म स्वरूप रूप,रंग,गन्ध,स्वर और स्पर्श पंचमहाभूतो की सूक्ष्म ऊर्जा है।
ये ही पांचों सूक्ष्म ऊर्जा प्रकृति के हर कण(अणु-जीवाणु) का निर्माण करती है।
अग्निहोत्र के भस्म में प्रकृति को बनाने वाले सभी 108 अणु विधमान है,अपने जांच रिपोर्ट बहुत से अणु मिल चुके है और आज का विज्ञान जैसे जैसे विकसित होता जाएगा बाकी के अणु-परमाणु भी मिलते चले जायेंगे।
इसके भस्म से बहुत सी औषधी भी बना रहे है जिनके बनाने का वर्णन "अग्निहोत्र : स्वास्थ्य क्रांति" पुस्तक में है।
मिशन की स्पष्ट मान्यता है कि अग्निहोत्र में अग्निहोत्र की आहुति डालते ही पात्र की अंदर के अलाव (धधकती आग) में परमाणु विखंडन की एक सूक्ष्म क्रिया होती है,परमाणुओं के टूटने से प्रकृति को बनाने वाली सात ऊर्जा क्रमशः शैलपुत्री, ब्रम्हचारिणी,चन्द्रघण्टा,कुष्मांडा,
स्कन्द माता,कात्यायनी, कालरात्रि प्रकट होती है जो पंचमहाभूतो का सृजन करती है और इन्ही पंचमहाभूतो के गुण क्रमशः रूप,रंग,गन्ध,स्वर,स्पर्श की प्रत्यक्ष अनुभूति होती है। मन आनंद से भर जाता है,बुद्धि की कुशाग्रता बढ़ती है। नित्य अग्निहोत्र से क्रोध,लोभ,मोह,मद,अहंकार समाप्त होने लगती है,व्यशन छूटने लगते है।
कई कई बार अग्निहोत्र से सात रंग निकलते देखा गया है, दिखने वाले सात रंग इस ब्रम्हांड में केवल सूर्य से निकलता है दुसरा केवल अग्निहोत्र से निकलता है।
आधुनिक रंग चिकित्सा विज्ञान भी मानता है कि मनुष्य सात रंगों से बना है,वनस्पति भी सात रंगों से बना है अर्थात अग्निहोत्र के इन सात रंगों को हमारे शरीर ने स्वीकार(एक्सेप्ट) कर लिया तो हम स्वस्थ हो जायेगे,शरीर मे जिस रंग की कमी होगी उसकी पूर्ति हो जाएगी।
अग्निहोत्र मंत्रो में 7 स्वर है,अग्निहोत्र के पश्चात निकला हुआ गन्ध "सुगन्धिम पुष्टि वर्धनम" को स्थापित करता है।
अग्निहोत्र करने में मात्र एक रुपया खर्च होता है और मात्र 2-3 मिनट का समय लगता है । इसे कोई भी कर सकता है । 5 साल का बच्चा या महिला,पुरुष सब कर सकते है इसके लिए नहाना भी जरूरी नहीं है।
अग्निहोत्र के केवल 5 नियम है
पहला : समय,दूसरा : देशी गाय के गोबर से बने साफ-सुथरे कंडे, तीसरा : देशी गाय का बिलोने वाला घी,चौथा : अक्षत चावल,पाँचवा : निश्चित आकार का पिरामिड पात्र
सूर्योदय(सरकेडियम रिदम)-सूर्यास्त(इंफ्रारेडियम रिदम) के समय पर ही अग्निहोत्र करना है क्योंकि इस समय सूर्य की 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड की स्पीड से गति र्कर रही किरणे पृथ्वी से टकराती है तो पंचमहाभूतो में एक कम्पन (सरकेडियम रिदम-इंफ्रारेडियम रिदम) होता है। इसी समय हमारे नाक की दोनो नथुनो से स्वांस की प्रक्रिया शुरू हो जाती है अन्यथा हम तो एक समय मे एक ही नाक से स्वांस लेते है,प्राचीन विज्ञान इसे सुषुम्ना नाड़ी का सक्रीय होना भी कहता है जो मानव के सातों चक्रों को सीधे सक्रिय करता है।
ऐसे करे अग्निहोत्र :-
अग्निहोत्र करने के लिये कुछ चीजो की आवश्यकता होती है वो इस प्रकार है :--
1.निश्चित आकार व नाप का अग्निहोत्र पात्र ताम्बे या मिट्टी का
2.स्थानीय समयानुसार सूर्योदय और सूर्यास्त की समयसारीणी
3.गोवन्श के गोबर के साफ से कंडे
4. गो घृत
5. कच्चा साबुत चावल
6.सूर्योदय और सूर्यास्त के दो मंत्र
7. माचिस
8. कुन्दुरुनु गोद / कर्पुर या गो घृत मे भिगी रुई की बत्ती
9.अग्निहोत्र स्टैंड और चमीटा
10.आग में हवा करने वाला पंखा।
उपरोक्त सामग्री एकत्र करके सर्वप्रथम अग्निहोत्र समय सारिनी देखकर या गूगल प्ले स्टोर से अग्निहोत्र मित्र (Agnihotra buddy) एप डाउनलोड करके अपने घर या खेत के अग्निहोत्र स्थान का लोकेशन निकाल लें।
मान लिजिये आज शाम के अग्निहोत्र का समय 06:48 है तो इसके 15 मिनट पूर्व हाथ -पैर धोकर बैठ जावे।
सर्वप्रथम अग्निहोत्र पात्र के पेंदे मे गाय के गोबर के कंडे का एक चोकोर टुकडा रखे। उसके उपर कर्पुर या कुन्दूरुनू गोद का टुकडा या गाय के घी मे भिगी रुई की बत्ती रख उसे माचिस से 7-8 मिनट पूर्व जला देवे। इसके पूर्व गो वंश के कंडे के पतले व लंबे टुकडे (आयताकार)तोड कर रखे। चारो साईडो मे छोटे-छोटे टुकडे जमा देवे,फिर कन्डो को इस प्रकार जमावे की अग्नि को जलने के लिये हवा आने की जग़ह बचे और मध्य मे आहुति डालने के लिये स्थान रिक्त रखे और रिक्त रखे स्थान को कंडे के छोटे से टुकडे से ढक देवे ताकि सारे कंडे जल सके।अब दो चुटकी चावल बाये हाथ की हथेली पर लेकर उसमे दो बुंद गो घृत मिलाकर तैयार रखे। इन चावलो के दो बराबर भाग कर लेवे और अग्निहोत्र के समय की प्रतीक्षा करे। जैसे ही अग्निहोत्र का समय हो आपको दो मंत्र बोलकर आहुति अग्नि मे अर्पित करनी है।
मंत्र इस प्रकार है :-
सूर्यास्त के मंत्र
===========
!! अग्नये स्वाहा,अग्नये इदं न मम !!
(स्वाहा पर पहली आहुति छोडे)
!! प्रजापतये स्वाहा lप्रजापतये इदं न मम !!
(स्वाहा पर दूसरी आहुति छोडे)
सूर्योदय के मंत्र
===========
!! सुर्याय स्वाहा,सुर्याय इदं न मम !!
!! प्रजापतये स्वाहा प्रजापतये इदं न मम !!
प्रातःकालीन अग्निहोत्र :अपनी आंखें घडी के कांटें पर रखें, जैसे ही सूर्योदय का समय होता है, पहला मंत्र बोलना प्रारंभ करें
Good vedio
अग्निहोत्र की शुरुआत सूर्यास्त के समय से करें।।
Om shanti guru jee🙏🙏🙏🙏🙏
धन्यवाद प्रणाम बहुत बहुत सुंदर मार्गदर्शन धन्यवाद ॐ परमपूज्य परम् सद्गुरु भगवान श्री गजानन महाराज की जय राजराजेश्र्वर भगवान परशुराम की जय
🙏🙏🙏🙏
Great Sh Tara. Chand ji
I have to learn these Mantras
by heart.
बहुत अच्छी तरह बताया
Sat sat naman gurudev
🙏🙏सादर नमन है गुरु जी🙏🙏
Pranam guru jee.
मेरे को सुनाई दिया आप सब लोग सुनना बेच दिया ना कचरा 1:00 से 1;17 के बीच में सही हुआ तो रिप्लाई फिर आगे मेरा काम शुरू
Main avari Hun aap ki. Aap ki batai jaibik kheti aur jeevansaili ki koi kitab aeisi Kuch sahitya hei to kaise prapta karun krupaya bataiye namaskr.
🙏🙏🙏🙏🙏
गुरुजी
Guruji wel come to porbandar distric Gujarat saurashtra and you teach TCBT farming because we tired to use insecticide fungicide pesticide
🙏🙏🙏
नमस्कार गुरु जी
Garmi me tamater ke ful jhad rahe upaay btaaye guru ji
Namaste
Ye havan ki kit kaha milegi?
Kapur use Karna jaruri hai ??
Vasant Paranjape ne kapur nahi bataaya Kabhi.
Plz bagaayei,
Aur shudhh bhimseni kapur kaha se milega aur price kya hogi ???
Plz bataayein, dhanyawaad
czcams.com/video/kqnNixukFQY/video.html
नमस्कार श्रीमान महोदय जी कृपया बताएं सूर्य उदय का समय केवल कुछ ही पलों का होता है तो केवल दो बार ही आहुति ही देनी है कई वीडियो में कहा गया है कि 12 बार आहुति देनी है क्या यह सही है इस भ्रम को दूर करें
only 2 hauti
टाइमिंग क्या hai
Number chahiye sir ji ka I am from noida
आप कँहा से है
प्रणाम सरजी, मुझे आपकी किताब क्यापसुल कल्चर ,वेस्ट डि कंपोजर चाहिये कृपया कैसे मंगाये पैसे कैसे भेजना पुरा डिटेल भेजे
Sir, can we use camphor ? Where can i get orginal bhimsen camphor please let me know sir, can i chant gaytri mantra??
कपूर की जगह आप गुगगल का इस्तमल करें, और अग्निहोत्र करने लिए अग्निहोत्र के मंत्र बोलना है
Namaskar, agnihotra mantra ke bad keya mei gaytri mantra bol sakta hon, also please help me finding goggol
agar Tamba sunday ko negative energy deta h to hume agnihotra Sunday ko tambe ke hawan kund m Krna chaiye ya nhi
हां, तांबे में कर सकते है।
अग्निहोत्र सबको पॉजिटव कर देता है
गुरु जी नमस्कार सुषुम्ना नाड़ी कितने समय तक चलता है
matr 15 se 20 secend
सत्यंधर्म गच्चामि सही है
लेकिन सत्यधर्म कि पहेचान बताइए तो अच्छा रहेगा
नमस्कार
सर, मुझे आपसे सीखना है। आपका अगला शिबिर कब और कहाँ है?
आपका सम्पर्क मिल सकता है?
Ashok Chandrakar Khopali
जैविक khati की ट्रेनिंग कब है सर ji
1 अक्टूबर से 5 अक्टूबर तक नरसिंहपुर
Guruji ye sare mantra yaad na ho to v agnihotra kr skte h ya nhi?
Try karo. Yaad ho jayega
कर सकते है
कर सकते हैं गायत्री मंत्र से,
किन्तु उससे अच्छा है मंत्र लिखकर आहुति देते समय मंत्र बोलो।
कुछ दिनों बाद मंत्र याद हो जायेंगे।
Aap ne jo kande liye hai yevkaha mil sakate hai pl contact number dijiye
RAH FPO Customer Care 7000020907
@@TarachandBelji thnks
हमें अग्नीहोत्रकी पुरा माहिती च्याइये क्या आपका फोन नंबर मिलेगा क्या.
9399160625
@@TarachandBelji धन्यवाद
ये हवन की आर्ष/ऋषि विधि नहीं है,
आप आर्ष विधि सीखें इसके लिए आर्य समाज का हवन वीडियो देखें।
Tu kha melaga
गुरुजी आपका व्हाट्स ॲप नंबर दिजीए !
9399160625
@@TarachandBelji कॅलेंडर चाहिये हमें कैसे प्राप्त होगा
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